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आज का इतिहास:1942 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी।


नयी दिल्ली : 8 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 2010 में तेजस्विनी सावंत ने म्यूनिख में आयोजित विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता के 50 मीटर की स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। 

1942 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी। 1947 में 8 अगस्त को ही पाकिस्तान ने अपने नेशनल फ्लैग को मंजूरी दी थी। 1899 में आज ही के दिन एटी मार्शल ने रेफ्रिजरेटर का पेटेंट कराया था।

2010 में आज ही के दिन म्यूनिख में आयोजित विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता के 50 मीटर की स्पर्धा में तेजस्विनी सावंत ने गोल्ड मेडल जीता था।

2007 में 8 अगस्त को ही एक्सनाना गुसमाओ पूर्वी तिमोर के प्राइम मिनिस्टर बने थे।

2004 में आज ही के दिन जापान ने चीन को हराकर एशिया कप फ़ुटबॉल जीता था।

2003 में 8 अगस्त को ही 15 छोटे देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ में ताइवान की सदस्यता का समर्थन किया था।

1994 में 8 अगस्त को ही चीन और ताइवान के जनप्रतिनिधियों ने सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

1991 में आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तरी और दक्षिण कोरिया की सदस्यता को मंजूरी दी थी।

1988 में 8 अगस्त को ही अफगानिस्तान में 9 साल के युद्ध के बाद रूसी सेना की वापसी शुरू हुई थी।

1947 में आज ही के दिन पाकिस्तान ने अपने नेशनल फ्लैग को मंजूरी दी थी।

1945 में 8 अगस्त को ही सेकंड वर्ल्ड वाॅर में सोवियत संघ ने जापान के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1945 में आज ही के दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूमैन ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर साइन किया था। 

1942 में 8 अगस्त को ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बंबई सेशन में भारत छोड़ो प्रस्ताव पारित किया था।

1919 में आज ही के दिन रावलपिंडी संधि के तहत ब्रिटेन ने अफगानिस्तान की आजादी को मान्यता दी थी।

1900 में 8 अगस्त को ही बोस्टन में पहले डेविस कप सीरीज की शुरुआत हुई थी।

1899 में आज ही के दिन एटी मार्शल ने रेफ्रिजरेटर का पेटेंट कराया था।

1700 में आज ही के दिन डेनमार्क और स्वीडन में शांति संधि पर साइन हुए थे।

दुर्दशा : कभी यमुना से भी साफ थी दिल्ली-NCR की हिन्डन यानी हरनंदी नदी


अब नाला भी इससे लगता है साफ,किनारे बने हैं शमशान, कभी होती थी गाजियाबाद की पहचान

नयी दिल्ली : 30 साल पहले तक हरनंदी यानी हिंडन नदी संयुक्त गाजियाबाद की पहचान होती थी, लेकिन गौतमबुद्ध नगर का गठन होने और यहां औद्योगीकरण की दौड़ शुरू होने के बाद इस नदी की दशा दिन प्रतिदिन खराब होती चली गई.आज स्थिति यहां तक आ गई है कि यह नदी नाले से भी बदतर हालत में पहुंच गई है।

बहुत ज्यादा तो नहीं, अभी 30 साल पहले तक गाजियाबाद और नोएडा के लिए हिंडन नदी जीवन दायिनी थी. लोग तीज त्योहारों में इस नदी में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करते थे. उस समय तक यह नदी इतनी साफ थी कि लोग इस नदी के जल से आचमन तक कर लेते थे, लेकिन इन 30 सालों में इस नदी की दशा ही बदल गई है. 

इस समय तो हालत ऐसे हो गए हैं कि नोएडा गाजियाबाद के नाले भी इस नदी से साफ नजर आते हैं. यमुना की प्रमुख सहायक नदियों में शामिल हिंडन के किनारों पर इस प्रकार से अतिक्रमण हो गया है कि कई स्थानों पर लगता ही नहीं कि यह नाला है कि नदी.

इस नदी की मौजूदा स्थिति पर चर्चा शुरू करने से पहले इसकी ऐतिहासिक और भौगोलिक परिस्थिति को जान लेना बेहद जरूरी है. हिंडन नदी को पौराणिक ग्रंथों में बेहद पवित्र माना गया है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिमालय के ऊपरी से निकलने वाली इस नदी के किनारों पर कई ऋषि मुनियों के आश्रम रहे हैं. 

महर्षि वाल्मिकी ने रामायण में इस नदी का कई बार जिक्र किया है. इसी प्रकार श्रीमद भागवत महापुराण और स्कंद पुराण में भी इस नदी के प्रसंग कई जगह मिलते हैं. इस नदी का उद्गम शिवालिक पर्वतमाला में शाकंभरी देवी की पहाडियों में है. यहां आज भी इस नदी की कलकल धारा सनातन धर्मियों को सहज ही आकर्षित करती है.

400 किमी चलकर दिल्ली पहुंचती है हरनंदी

पूर्ण रूप से बारिश के पानी पर आश्रित होने के बावजूद इस नदी का बेसिन क्षेत्र करीब 7083 वर्ग किमी में फैला है. साल के 12 महीने और 365 दिन इसमें जलधारा प्रवाहित होती है. सहारनपुर से चलकर यह नदी गंगा और यमुना के मध्य में करीब 400 किमी का सफर तय करते हुए मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और नोएडा के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करती है और कुछ दूरी चलकर यमुना में मिल जाती है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक प्राचीन काल में इस नदी के किनारों पर कई महान ऋषियों के आश्रम हुआ करते थे.

रावण ने यहीं पर की शिव तांडव स्त्रोतम की रचना

त्रेता युग में राक्षस राज रावण के नाना पुलस्य ऋषि और रावण के पिता विश्रस्वा ऋषि का आश्रम इसी हिंडन के किनारे हुआ करता था. मान्यता है कि नोएडा के बिसरख स्थित विश्रस्वा आश्रम में ही खुद रावण भी अपने किशोरावस्था तक रहा है. 

महर्षि वाल्मिकी के रामायण में कई जगह इस बात का जिक्र मिलता है. इसमें कहा गया है कि रावण ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं पर हासिल की थी. मान्यता है कि रावण ने भगवान शिव की स्तुति के लिए महान शिव तांडव मंत्र की भी रचना यहीं पर की और उसे गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में सिद्ध किया था. द्वापर युग में तो इस नदी के किनारे दर्जनों ऋषियों के आश्रम होने के प्रमाण मिलते हैं.

दो एमजी से भी नीचे पहुंच गया आक्सीजन

कलियुग में इस नदी की महत्ता गिरती चली गई. नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) जिला बनने से पहले तक यह नदी गाजियाबाद महानगर की पहचान होती थी. लेकिन अब यह नदी गंदे नाले से भी बदतर स्थिति में आ चुकी है. स्थिति यहां तक आ चुकी है कि इस नदी का पानी पीना तो दूर, अब छूने लायक भी नहीं रहा. नदी में प्रदूषण इतना बढ़ चुका है कि इसमें आक्सीजन की मात्रा अपने न्यूतनतम स्तर को प्राप्त कर चुकी है. इसके चलते जलीय जीवों का अस्तित्व पहले ही खत्म हो चुका है. वहीं अब तो कई जगह नदी में धारा भी नहीं बची. 

हिंडन नदी पर शोध करने वाले डॉ. प्रसूम त्यागी कहते हैं कि नदी के पानी में ऑक्सीजन का स्तर 60 लाख मिलीग्राम प्रति लीटर या इससे अधिक होना चाहिए. लेकिन इस समय महज दो से तीन मिलीग्राम प्रति लीटर है.

फिर भी है मोक्षदायिनी

इतनी दुर्दशा के बावजूद हिंडन नदी आज भी गाजियाबाद और नोएडा वासियों के लिए मोक्षदायिनी है. आज भी इन दोनों शहरों के करीब 90 फीसदी श्मशान इसी नदी के किनारों पर हैं. इनमें कई श्मशान तो ऐसे भी हैं, जिनमें चिता की अग्नि कभी ठंडी ही नहीं होती. आस्था ऐसी है कि लोग आज भी इसी नदी के रास्ते भवसागर पार करने की अपेक्षा रखते हैं. इस नदी के हालात और इससे जुड़ी आस्था को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट भी कई बार हस्तक्षेप कर चुका है. पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को कड़ी फटकार लगाई थी और इसकी सफाई और पुर्नजीवन के लिए कार्य योजना मांगी थी.

इस लिए बनी ये स्थिति

गाजियाबाद नोएडा में इंडस्ट्री बढ़ने के साथ यहां आबादी भी बीते 30 सालों में तेजी से बढ़ी है. चूंकि इन दोनों शहरों के विस्तारीकरण करते समय अधिकारियों ने फूलप्रूफ कार्ययोजना नहीं बनाई, ऐसे में यहां के उद्योगों और आवासीय क्षेत्रों से निकलने वाला गंदा पानी हिंडन में गिरने लगा. 

देखते ही देखते स्थिति यहां तक आ पहुंची कि पूरी नदी ही इन दोनों शहरों के लिए नाला बन गई. पिछले कुछ समय में आई जागरुकता की वजह से इस नदी में गिरने वाले कई नालों का रूख मोड़ा गया है, लेकिन इस नदी को पुर्नजीवित करने के लिए अभी काफी काम करने बाकी हैं.

नई योजनाओं से बढ़ी उम्मीद

इस नदी की दशा और दिशा में सुधार के लिए गाजियाबाद और नोएडा विकास प्राधिकरण में कई योजनाओं पर मंथन चल रहा है. इसमें सबसे अहम गाजियाबाद का नाम बदलकर हरनंदी नगर रखने की योजना है. इस योजना के तहत शहर का नाम बदलने के साथ मुख्य फोकस इस नदी पर रखना है. इसमें इसकी सफाई से लेकर इसके पुर्नजीवित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाना है. 

इसी क्रम में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने अपनी बोर्ड बैठक में एक नई टाउनशिप हरनंदीपुरम को मंजूरी दे दी है. इस टाउनशिप में हिंडन रिवर फ्रंट बनाने की योजना है.

ये भी है योजना

एक अनुमान के मुताबिक गाजियाबाद और नोएडा के करीब दो सौ से अधिक नाले और नालियां हिंडन में गिरती हैं. दोनों विकास प्राधिकरणों ने अब योजना बनाई है कि इन सभी नाले नालियों को डायवर्ट किया जाएगा. इन नाले नालियों के पानी को पहले ट्रीट किया जाएगा और उसके बाद जरूरी हुआ तो साफ हुए पानी को हिंडन में छोड़ा जाएगा. इससे हिंडन को साफ करने में मदद तो मिलेगी ही, इसे पुर्नजीवित भी किया जा सकता है. हालांकि इस योजना पर अमल कब तक होगा, इस संबंध में अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है।

वाराणसी में गुस्से में मां गंगा लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण छत पर हो रही विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती


वाराणसी : यूपी के वाराणसी में गंगा गुस्से में दिखाई दे रही है. लगातार बढ़ता गंगा का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है. घाट और मंदिर डूबने के बाद अब विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती पर भी बाढ़ का असर देखने को मिल रहा है।

लगातार चार बार गंगा आरती का स्थान बदलने के बाद अब दशाश्वमेध घाट के सीढ़ियों पर नहीं बल्कि छत पर गंगा आरती की जा रही है.

इस दौरान भक्तों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है. मंगलवार को गंगा सेवा निधि के छत पर सांकेतिक तौर पर आरती की गई है. 

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि जब घाटों की पूरी सीढियां जलमग्न हो गई तो अब गंगा आरती का आयोजन छत पर होने लगी. अब जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक छत पर ही आरती होती रहेगी.

खतरे के निशान के तरफ बढ़ रही गंगा

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में मंगलवार की सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 66.46 मीटर रहा. जो शाम को बढ़ने के साथ 67 मीटर के करीब पहुंच गया. अब भी गंगा के जलस्तर में 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है.

छत पर हो रहा अंतिम संस्कार

वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण नाव संचालन पर पहले ही रोक लगा दी गई है. वाराणसी के सभी 84 घाटों का संर्पक मार्ग आपस मे टूट गया है और मणिकर्णिका घाट पर शवदाह भी छत पर हो रहा है. इसके अलावा लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण निचले इलाकों में रहने वालों में खलबली भी मची है।

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन,लंबे समय से थे बीमार,80 साल के उम्र में ली अंतिम सांस


पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया है. उन्होंने गुरुवार को अंतिम सांस ली. वह 80 साल के थे. बुद्धदेव भट्टाचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बुद्धदेव भट्टाचार्य ने नवंबर 2000 से मई 2011 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।वह दक्षिण कोलकाता के बालीगंज इलाके में दो कमरे के एक छोटे से सरकारी अपार्टमेंट में रहते थे. बुद्धदेव सीपीएम के पोलित ब्यूरो सदस्य थे.

वह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित थे और पिछले कुछ वर्षों में बहुत कम ही वह घर से निकले थे. उन्हें आखिरी बार 2019 में बाहर देखा गया था जब वह सीपीआई (एम) की एक रैली में गए थे, लेकिन धूल से एलर्जी के कारण वह शामिल नहीं हो सके और घर लौट आए।

बुधवार को ही बिगड़ गई थी तबीयत

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पूर्व सीएम ने गुरुवार सुबह नाश्ता भी किया लेकिन जल्द ही उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उनकी तबीयत बुधवार को ही बिगड़ गई थी और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।हालांकि, उन्हें चिकित्सा सहायता दी गई और गुरुवार सुबह 11 बजे एक डॉक्टर को उनसे मिलने जाना था.

2011 के चुनाव में मिली हार

बुद्धदेव भट्टाचार्य ने 2011 के राज्य चुनावों में सीपीएम का नेतृत्व किया था. हालांकि सीपीएम को हार मिली थी. उस चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जिससे पूर्वी राज्य में कम्युनिस्ट शासन समाप्त हो गया था।

2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान सीपीएम ने बंगाल के मतदाताओं को संबोधित करने के लिए बुद्धदेव भट्टाचार्य का एक AI भाषण जारी किया था. उन्होंने मतदाताओं से बीजेपी और तृणमूल दोनों को खारिज करने का आग्रह किया था. बुद्धदेव भट्टाचार्य एक कवि और अनुवादक थे.

पति के नाम पर जया बच्चन के भड़कने के बाद, अमिताभ ने किया क्रिप्टिक पोस्ट

नयी दिल्ली : अमिताभ बच्चन से शादी के बाद जया भादुड़ी ने उनके सरनेम को खुशी से स्वीकार किया, लेकिन राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें 'जया अमिताभ बच्चन' कहकर पुकारा, तो वे भड़क गईं और उनसे अपने पति अमिताभ के नाम का मतलब पूछ लिया. दरअसल, जया बच्चन को यह नया चलन पसंद नहीं आया कि महिलाएं अपने पतियों के नाम से पहचानी जाएं।

जया बच्चन के नाम पर विवाद के बाद अमिताभ बच्चन ने एक क्रप्टिक पोस्ट किया है.जया बच्चन को पिछले हफ्ते भी जब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने 'जया अमिताभ बच्चन' कहकर संबोधित किया, तो उन्होंने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

उन्होंने याद दिलाया कि वे अपनी पहचान के लिए पति के नाम पर निर्भर नहीं हैं, हालांकि हरिवंश नारायण सिंह ने तर्क में कहा कि उनके दस्तावेजों में उनका नाम 'जया अमिताभ बच्चन' दर्ज है. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी उन्हें 'जया अमिताभ बच्चन' कहकर पुकारा, तो उन्होंने पूछा, 'आपको अमिताभ का मतलब पता है?' जया बच्चन की राज्यसभा के सभापति से नाराजगी के बाद अमिताभ बच्चन ने एक नई पोस्ट शेयर की है. अमिताभ बच्चन ने एक्स प्लेटफॉर्म पर समय को लेकर एक क्रिप्टिक पोस्ट किया है।

हालांकि यह जया बच्चन और संसद में नाम को लेकर उनकी आपत्तियों से जुड़ा नहीं लगता है. पोस्ट पढ़कर लगता है कि बिग बी 'कौन बनेगा करोड़पति' के नए सीजन के चलते बिजी कार्यक्रम का जिक्र कर रहे हैं. 

अमिताभ ने हिंदी में लिखा, 'समय बड़ा बलवान! काम के लिए समय निकाल रहे हैं.' उन्होंने अपने ब्लॉग पर भी समय को लेकर अपने विचार साझा किए. उन्होंने अपने ठिकाने के बारे में बताया. अमिताभ ने लिखा, 'काम के लिए भागना, काम से वापस आना, भागमभाग मची हुई है, लेकिन काम के बीच भी शुभचिंतकों और फैंस से जुड़ने के लिए समय निकाल रहा हूं. मेरा आभार और प्यार.'

अमिताभ बच्चन ने आगे लिखा, 'कार्य में विविधता से एक अद्भुत संतुलन मिलता है. फिल्म, टीवी, म्यूजिक, विज्ञापन, कैंपेन और सबसे खास है : बाबू जी के शब्दों की रिकॉर्डिंग. वे अनंत काल तक जीते हैं.'

बिग बी ने पोस्ट के आखिर में लिखा, 'उन लोगों को इन्हें सुनाना जो शब्दों को समझते हैं और उनमें खुद को पाते हैं, कवि की सबसे बड़ी चुनौती और आश्चर्य है. यह सर्वशक्तिमान का उपहार है. मेरा प्यार और बहुत कुछ.'

हरिवंश नारायण सिंह से नाम को लेकर बहस के कुछ दिनों बाद जया बच्चन को विवाद का मजाक उड़ाते हुए देखा गया था, जिससे संसद में भी कुछ हंसी-मजाक हुई. लेकिन यह सोच पाना भी मुश्किल था, जब जया बच्चन ने पति के नाम से पुकारे जाने पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर तंज कसा.

उपराष्ट्रपति ने जया को चुनाव प्रमाणपत्र पर नाम बदलने का सुझाव दिया. हालांकि, जया ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. जया बच्चन ने कहा, 'नहीं सर. मुझे बहुत गर्व है. मुझे अपने नाम और अपने पति और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. ये ड्रामा आप लोगों ने नया शुरू किया है, ऐसा पहले नहीं था।

गाजीपुर में नाले में मां-बेटे की मौत पर MCD पर भड़का हाईकोर्ट:आप सस्पेंड करेंगे कि हम अफसरों को निलंबित करें...


नई दिल्ली:- गाजीपुर में नाले में गिरकर हुई मां और बच्चे की मौत मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए नगर निगम को फटकार लगाई है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने एमसीडी से कहा कि ऐसा लगता है आपके अधिकारी काम करने को गुनाह मानते हैं.अगर आप खुद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे तो हम अधिकारियों को निलंबित करना शुरू कर देंगे.

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान खुले नाले के आसपास तुरंत बैरिकेडिंग करने के निर्देश दिए. इसके साथ वहां पर पड़े मलबे को भी हटाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने जांच अधिकारी से रिपोर्ट तलब करते हुए पूछा कि घटनास्थल की ऑडियो वीडियोग्राफी की गई या नहीं. 

कोर्ट ने नाले की तस्वीर देखने के बाद कहा कि यह बहुत परेशान करने वाली तस्वीरें हैं. चिकनगुनिया, डेंगू जैसे बीमारियां भी शहर में हैं और नालों का यह हाल है. क्या नगर निगम काम कर रही है.

कोर्ट ने कहा कि वहां पर साल भर से मलबा पड़ा है. दिल्ली में इतने खुले नाले क्यों हैं? किसी प्राधिकार को यह क्यों नहीं पता है कि वह किसके अधिकार क्षेत्र में आता है? हाईकोर्ट ने कहा कि मानसून चल रहा है. अभी भी तेज बारिश हो सकती है. इस तरह की घटना दोबारा भी हो सकती है.

ज़िम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तुरंत लें एक्शन: 

सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम ने कहा कि जो नाला कवर है वह डीडीए के अंदर था और जो खुले थे उसको नगर निगम कवर करने का काम कर रही है. वहां पर रेगुलर बेस पर सफाई होती है. तब हाईकोर्ट ने निगम के वकील को टोकते हुए कहा कि ऐसा मत बोलिए, क्योंकि वहां पर मलबा साल भर से पड़ा हुआ है. 

वहा रेगुलर बेस पर सफाई नहीं होती है. लोकल कमिश्नर को वहां पर भेजिए, इसके लिए ज़िम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तुरंत एक्शन लीजिए.

यह है पूरा मामला: 

गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में 22 वर्षीय महिला तनुजा और उसका तीन साल का बेटा 31 जुलाई को गाजीपुर से गुजर रहे थे. काफी बारिश की वजह से गाजीपुर नाले से पानी ओवरफ्लो हो रहा था. महिला अपने बच्चे के साथ नाले में गिर पड़ी और दोनों की मौत हो गई.

हरियाली तीज का व्रत आज,आइए जानते हैं महत्व, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त


नयी दिल्ली : कहते हैं सावन में हरियाली तीज ही वो दिन था, जब माता पार्वती की श्रद्धा देखकर भोले भंडारी प्रसन्न हुए थे और उन्होंने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसलिए इस दिन जो कोई भी पूरी श्रद्धा के साथ गौरी-शंकर की पूजा करता है मन माफिक फल पाता है।

आज हरियाली तीज है. हरियाली तीज का व्रत शीघ्र विवाह और सुखद वैवाहिक के लिए सबसे उत्तम माना गया है. कहते हैं आइए हरियाली तीज की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

हरियाली तीज का महत्व

श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए तीज का त्योहार मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया थाय वृक्ष, नदियों औक जल के देवता वरुण की भी उपासना इसी दिन की जाती है.मनचाहे वर की प्राप्ति और विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए यह व्रत बहुत उत्तम माना जाता है.

पूजन विधि

हरियाली तीज पर सुबह स्नान करके उपवास और पूजा का संकल्प लें. दिनभर अधिक से अधिक शिवजी और माता गौरी का ध्यान करें. प्रदोष काल में सम्पूर्ण श्रृंगार करके शिवजी के मंदिर जाएं. भगवान शिव को पीले वस्त्र और पुष्प अर्पित करें. माता पार्वती को लाल वस्त्र और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. इसके बाद शिवजी और माता गौरी के मंत्रों का जाप करें. मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं. श्रृंगार की सामग्री किसी सुहागन स्त्री को दान कर दें.

पूजा का शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज पर आज पूजा के तीन शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 05.46 बजे से सुबह 09.06 बजे तक रहेगा. पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10.46 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक और तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 05:27 बजे से शाम 07.10 बजे तक रहेगा.

इन बातों का रखें ध्यान

हरियाली तीज के दिन काले, सफेद या भूरे रंग के वस्त्र धारण न करें. इस दिन घर घर में मांस-मछली या तामसिक चीजों का सेवन न करें. केवल सात्विक चीजों का ही सेवन करें. घर में लड़ाई-झगड़ा या कलह न करें. बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं या द्वार पर आए लोगों का अनादर न करें. क्रोध या अहंकार करने वालों से भोलेनाथ रुष्ट हो सकते हैं.

बंगलादेश में जारी हिंसा में उग्र भीड़ ने बांग्लादेशी एक्टर शांतो खान और उसके पिता की पीट- पीट कर की हत्या


जहां एक तरफ बांग्लादेश में अब भी हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही। वहीं इस बीच मिली खबर के अनुसार यहां अभिनेता शान्तो खान और उनके पिता की भीड़ ने पीट पीटकर की जघन्य हत्या कर दी है।प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की खबर के बाद बांग्लादेश के चांदपुर में गुस्साई भीड़ ने बांग्लादेशी अभिनेता शांतो खान (Shanto Khan) और उनके पिता सलीम खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी। टॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े एक उल्लेखनीय फिल्म निर्माता सलीम कई फिल्मों पर काम कर रहे थे, जिनमें देव अभिनीत 'कमांडो' भी शामिल थी। पिता और बेटे ने गोलीबारी करने के बाद भागने की कोशिश की, लेकिन वो पकड़े गए और भीड़ ने उन्हें मार डाला।

भीड़ ने एक्टर और उसके पिता की हत्या की

बांग्लादेशी एक्टर शांतो खान और उनके प्रोड्यूसर पिता सलीम खान को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से सलीम जुड़े थे। उन्होंने हसीना के पिता मुजीब-उर-रहमान पर बनी फिल्म प्रोड्यूस भी की थी। इस घटना से पहले सोमवार दोपहर को कोलकाता में सलीम के साथ उनकी फिल्मों में काम करने वाले टॉलीवुड के कार्यकारी निर्माता अरिंदम दास ने उनसे बात भी की थी। आपको बताते हैं कि आखिर उनकी हत्या कैसे और कहां की गई।

कैसे, कहां हुए एक्टर और उसके पिता की हत्या?

द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, चांदपुर में लक्ष्मीपुर यूनियन परिषद के अध्यक्ष सलीम खान और उनके अभिनेता बेटे शांतो खान (Shanto Khan Bangladesh) की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हसीना के इस्तीफे की खबर फैलते ही सलीम और उनके बेटे अपने गांव से भागकर बलिया यूनियन के फरक्काबाद बाजार चले गए। जब लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो वे गोलियां चलाकर भागने में कामयाब हो गए। जब वे पास के बागराबाजार इलाके में पहुंचे, तो गुस्साई भीड़ ने उन्हें पकड़ लिया और पीट-पीटकर मार डाला। चांदपुर सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी शेख मोहसिन आलम ने मामले की पुष्टि की।

अरिंदम दास ने बताया, 'मैंने सोमवार को सलीम भाई (Salim Khan Bangladesh) से बात की थी। कुछ ही घंटों बाद, 'कमांडो' के निर्देशक शमीम अहमद रोनी ने मुझे अमेरिका से फोन किया और पूछा कि क्या मुझे कोई खबर मिली है। सलीम भाई के बारे में एक दुखद खबर सुनकर उनके हाथ कांप रहे थे। जब मैंने जांच की, तो जो पता चला, उससे मैं स्तब्ध रह गया।' फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई दिग्गजों ने इस घटना पर सदमा और दुख व्यक्त किया है।

केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में अब भी 180 लोग लापता, 160 अंग मिले; अज्ञात मृतकों को दफनाया जा रहा

वायनाड:- केरल के वायनाड में भूस्खलन में मारे गए अज्ञात लोगों के शवों को जिला प्रशासन ने सामूहिक रूप से दफनाना शुरू कर दिया है। शवों को कई एंबुलेंस से कब्रिस्तान तक लाया गया। वायनाड में भूस्खलन में 308 लोगों की जान जा चुकी है।

बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं। राहत एवं बचाव में जुटी टीमें लोगों की तलाश में जुटी हैं।केरल के मंत्री के. राजन जानकारी दी कि अब तक 220 शव बरामद किए जा चुके हैं। 

वहीं भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले में 180 लोग अब भी लापता हैं। 220 शवों के साथ 160 अंग भी मिले हैं। उन्होंने बताया कि 34 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। कुल 171 शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है।

छठे दिन मलप्पुरम में मिला एक शव

बचाव अभियान के छठे दिन रविवार को मलप्पुरम से एक शव और सूजीपारा से एक शरीर का हिस्सा बरामद हुआ है। विभिन्न बलों के 1382 सदस्य और लगभग 1800 स्वयंसेवक बचाव अभियान में जुटे हैं। 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में हुए भूस्खलन में शुक्रवार तक 308 लोगों की जान जा चुकी है।

केरल पुलिस ने शुरू की गश्त

उधर, केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक चूरलमाला और मुंडक्कई इलाकों में पुलिस ने रात में गश्त शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि पीड़ितों के घरों या इलाकों में रात में घुसने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बचाव कार्यों के लिए पुलिस की अनुमति के बिना किसी को भी रात में इन जगहों के घरों प्रवेश की अनुमति नहीं है।

बंगाल में 77 मुस्लिम जातियों को आरक्षण देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को भेजा नोटिस


नई दिल्ली:- बंगाल में 77 मुस्लिम जातियों को आरक्षण देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ममता सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर ये नोटिस दिया है। 

हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 77 मुस्लिम जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत करने को रद्द कर दिया था और 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र रद्द कर दिए थे।

सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर ममता सरकार से जवाब मांगा है कि उसने किस आधार पर मुस्लिम जातियों को ये कोटा दिया। 

जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा के साथ सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने विवादित आदेश पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य से हलफनामा दाखिल करने को कहा। 

कोर्ट ने पूछा..

कोर्ट ने जवाब मांगते हुए कहा कि सरकार ओबीसी में वर्गीकृत करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया की कोई प्रकृति बताए। सरकार बताए कि कौन सा सर्वेक्षण किया गया।

क्या ओबीसी के रूप में नामित 77 समुदायों की सूची में किसी भी समुदाय के संबंध में पिछड़ा वर्ग आयोग के साथ परामर्श की कमी थी।