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बिहार में फिर आसमान से बरसी मौत, वज्रपात की चपेट में आने से 5 लोगों की दर्दनाक मौत

डेस्क : बिहार में भले ही मौसम का मिजाज बदलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। वहीं इस दौरान आसमान से मौत बरसने का सिलसिला भी जारी है। आज एकबार फिर प्रदेश के नवादा जिले में वज्रपात से 5 लोगों की दर्दनाक मौत की सूचना सामने आई है।

मिली जानकारी के अनुसार नवादा के अकबरपुर थाना क्षेत्र के ओरैया गांव में वज्रपात की चपेट में आने से 2  लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी। मृतकों में मां और बेटा भी शामिल है। इस घटना से परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

घटना मृतकों की पहचान लखन यादव की पत्नी कालो देवी, लखन यादव का बेटा संजय यादव के रूप में हुई है। दोनों मां-बेटे की मौत से परिजन काफी सदमें में हैं।

वही पकरीबरावा थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव निवासी रूपन यादव की बेटी सारो देवी, कादिरगंज थाना क्षेत्र के सहजपुरा गांव निवासी नरेश यादव के बेटे चंदन कुमार के रूप में हुई है। वही ठनका गिरने से नवादा के ही रोह थाना क्षेत्र के खरगू बीघा गांव निवासी ब्रह्मदेव पंडित के बेटे श्यामा पंडित की भी दर्दनाक मौत हो गयी।
राज्यसभा के खाली हुए 12 सीटों पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी, बिहार के 2 सीटों पर एनडीए का कब्जा तय

डेस्क : देश भर में राज्यसभा की खाली हुई 12 सीटों पर उपचुनाव का चुनाव आयोग ने एलान कर दिया है। इनमें 2 सीटें बिहार की भी  शामिल हैं। बिहार से राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर औऱ मीसा भारती के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद खाली हुई थी। इन्हीं दोनों सीट पर उप चुनाव होना है।

चुनाव आयोग की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक मीसा भारती का कार्यकाल 7 जुलाई 2028 तक था। वहीं, विवेक ठाकुर का कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 तक था। उप चुनाव में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार का कार्यकाल उतना ही रहेगा।

चुनाव आयोग ने दोनों सीट पर उप चुनाव की अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक 14 अगस्त से नामांकन शुरू होगा। 21 अगस्त तक उम्मीदवार नामांकन कर सकेंगे। 27 अगस्त को नाम वापसी की आखिरी तारीख है। वहीं अगर मतदान की नौबत आती है तो 3 सितंबर को वोटिंग होगी औऱ उसी दिन रिजल्ट घोषित होगा।

बिहार में होने वाले दोनों सीट के उप चुनाव में एनडीए का कब्जा तय है। दोनो सीटों पर वोटिंग की संभावना न के बराबर है। वैसे भी बिहार में राज्यसभा चुनाव में वोटिंग की नौबत शायद ही कभी आती है। दरअसल दोनों सीटों पर अलग अलग वोटिंग होगी। लिहाजा संख्या बल के आधार पर एनडीए दोनों सीट पर कब्जा कर लेगा।
नवादा में अडानी का सीमेंट प्लांट लगने का हो रहा विरोध : यक्ष प्रश्न, ऐसे में कैसे होगा बिहार का विकास !

डेस्क : बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में बड़े उद्योग तकरीबन खत्म हो गए। प्रदेश में बड़े प्लांट के नाम पर बचे चीनी मिल भी वर्षो से बंद पड़े है। समय-समय पर उनके फिर से चालू करने की बात तो होती है लेकिन अबतक ऐसा नहीं हो पाया है। बिहार में किसी तरह का बड़ा इंडस्ट्री नहीं होने की वजह से रोजगार की तलाश में बड़ी संख्या में यहां से पलायन होता है। हालांकि अब एक आशा की किरण जगी है। सरकार के प्रयास से उद्योगपति बिहार में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा रहे है।

देश की जानी-मानी अडानी ग्रुप की कंपनी अंबुजा सीमेंट ने बिहार में 1600 करोड़ की लागत से सीमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया है। नवादा के वारिसलीगंज में शुरू हो रहे अदाणी ग्रुप के सीमेंट प्लांट से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की कमी झेलते बिहार राज्य में ये किसी कंपनी का सबसे बड़ा निवेश है। जाहिर है उद्योग के मामले में पिछड़े बिहार के लिए ये बहुत बड़ी बात है।

बीते 3 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अदाणी ग्रुप के इस सीमेंट ग्राइंडिंग प्लांट का शिलान्यास किया। 1600 करोड़ रुपये के निवेश से शुरू हो रहा यह प्लांट नवादा के वारिसलीगंज में है। यह बिहार झारखंड के बॉर्डर पर स्थित है। अदाणी ग्रुप की ACC Cement और अंबुजा सीमेंट के बैनर तले यह 6 MTPA की सीमेंट ग्राइंडिंग इकाई है। जो बिहार में देश की किसी भी सीमेंट कंपनी की ओर से किया गया सबसे बड़ा निवेश है।

अदाणी ग्रुप के एग्रो, ऑयल और गैस क्षेत्र के प्रबंध निदेशक प्रणव अदाणी का कहना है कि यह बिहार में सीमेंट क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। एसीसी और अंबुजा सीमेंट हमारी प्रमुख कंपनियां हैं। बिहार में इस सीमेंट प्लांट के निर्माण होने से 250 लोगों को प्रत्यक्ष और एक हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

हालांकि इस प्लांट का विरोध भी जारी है। प्लांट के शिलान्यास के पहले से ही कुछ स्थानीय लोगो द्वारा विरोध किया जा रहा है। सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना के खिलाफ वारिसलीगंज बंद किया गया था। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किए गए बंद के आह्वान का मिला-जुला असर देखने को मिला था।

*विरोध करने वाले बता रहे यह वजह*

विरोध की दो वजहें प्रमुखता से गिनाई जा रही है। पहली यह कि विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि वारिसलीगंज का इलाका कृषि प्रधान है। चीनी मिल की भूमि पर चीनी मिल की ही स्थापना होनी चाहिए थी। चीनी मिल की स्थापना संभव नहीं हो रही थी तो कृषि आधारित उद्योग लगाया जाना चाहिए था। इससे स्थानीय किसानों को लाभ होता। विरोध की दूसरी वजह स्वास्थ्य समस्या बताया जा रहा है। लोगों का मानना है कि सीमेंट प्लांट से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

*रोजगार का मिलेगा अवसर*

वैसे, विरोध करने वालों से इतर कुछ अलग राय रखने वाले लोगों का कहना है कि सीमेंट प्लांट से रोजगार सृजन होगा। इलाके की अर्थव्यस्था सुधरेगी। स्थानीय लोगों को इस प्लांट में रोजगार मिलने से  राज्य से पलायन पर भी रोक लगेगी। साथ ही साथ इलाके का भी विकास होगा।

अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब भी बिहार में रोजी-रोजगार और पलायन की बात होती है तो लोग सरकार को कोसने लगते है। इनका कहना होता है कि सरकार प्रदेश के विकास के नहीं कुछ नहीं कर रही है। यहां कल-कारखाने नहीं होने की मजूबरन परिवार पालने के लिए दूसरे प्रदेश को पलायन करना पड़ता है। लेकिन जब सरकार इस दिशा में पहल कर रही है तो इसका विरोध क्यों। क्या ऐसे लोग नही चाहते कि प्रदेश का विकास हो। स्थानीय लोगों को रोजी-रोजगार मिले। यदि ऐसे ही बड़े निवेश का विरोध होता रहा तो फिर प्रदेश का विकास कैसे होगा।
बांग्लादेश में फंसे बिहारी मूल के 500 लोगों को सुरक्षित लाया गया देश, अब भी तकरीबन 300 से अधिक वहां है अधिकारी और कर्मचारी*

डेस्क : बीते सोमवाह को पड़ोसी देश बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद वहां तख्तापलट हो गया। तस्तापलट के बाद बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए है। वहां हिन्दुओं को निसाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में बिगड़े हालात को लेकर भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की पहल शुरु कर दिया है। इसी कड़ी में बांग्लादेश में फंसे बिहारी मूल के लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में बिहारी मूल के 500 से अधिक लोग रह रहे थे। पढ़ाई करने के अलावा व्यवसाय से जुड़े बिहारी मूल के लोगों को सुरक्षित देश वापस ले आया गया है। अब बांग्लादेश में केवल उच्चायोग में कार्यरत लगभग तीन सौ अधिकारी और कर्मचारी ही रह गए हैं। बांग्लादेश में अचानक से उत्पन्न स्थिति के बाद बिहारी मूल के अधिकारियों ने वहां मोर्चा संभाल लिया। बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा मूल रूप से बिहार के ही हैं। उनके साथ बिहारी मूल के कई अधिकारी भी उच्चायोग में काम कर रहे हैं। बिहार सहित सभी भारतीयों को बांग्लादेश से सुरक्षित वतन वापसी में प्रणय वर्मा का अहम योगदान है। भारत सरकार के निर्देश पर भारतीयों की सुरक्षित वापसी जारी है। अब केवल उच्चायोग में कार्यरत अधिकारी और कर्मी ही वहां बच गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से आदेश मिलने के बाद ही उच्चायोग के अधिकारी और कर्मी वतन वापसी करेंगे। इन्हें केंद्र सरकार के अगले आदेश का इंतजार है।
आज से शुरु होने जा रही सिपाही भर्ती परीक्षा, पूरे प्रदेश में 545 केन्दों पर 17.87 लाख अभ्यर्थी होंगे शामिल*

डेस्क : प्रदेश में आज 7 अगस्त से सिपाही के 21 हजार से अधिक पदों के लिए लिखित परीक्षा शुरू होने जा रही है। यह परीक्षा छह चरणों में होगी, अंतिम चरण की परीक्षा 28 अगस्त को होगी। इसके लिए राज्य के सभी जिला मुख्यालय में 545 केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा में 17 लाख 87 हजार 720 अभ्यर्थी शामिल होंगे। प्रत्येक चरण में ढाई से तीन लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। पिछली बार आयोजित की गई इसी लिखित परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक हो गया था। इसके मद्देनजर सुरक्षा के सभी मानकों पर खासतौर से नजर रखी जा रही है। चयन आयोग के अलावा आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम भी निरंतर निगरानी बनाए हुए है। ईओयू की साइबर टीम भी सभी सोशल साइट पर निरंतर नजर बनाए हुए है। किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। ऐसा करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने प्रेस वार्ता में बताया कि प्रश्न-पत्र लीक या परीक्षा से जुड़ी किसी तरह की अफवाह या परीक्षा में पास कराने के नाम पर पैसे की उगाही करने से संबंधित मामलों की शिकायत जारी नंबर पर कर सकते हैं। इसके लिए सोशल मीडिया पेट्रोलिंग एवं मॉनीटरिंग यूनिट का मोबाइल एवं व्हाट्स एप नंबर जारी किया गया है, जो 8544428404 है। इस तरह की जानकारी ई-मेल पर भी दी जा सकती है, जिसका पता spcyber- @bihar gov। in ¹FF cybercell- nic। in WX`Ü है।
सीएम ग्राम परिवहन योजना का किया गया विस्तार, इतने हजार युवकों को मिलेगा रोजगार*

डेस्क : मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना को एक वर्ष के लिए विस्तारित कर दिया गया है। इस योजना को 2024-25 के बाद आगे एक साल के लिए विस्तारित किया गया है। 2025-26 में इस योजना के तहत 12500 युवकों को सहायता राशि दी जाएगी। इससे वे अपना रोजगार कर सकेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गयी। कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के विस्तार के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी गयी है। इस योजना को 2024-25 के बाद आगे एक साल के लिए विस्तारित किया गया है। 2025-26 में इस योजना के तहत 12500 युवकों को सहायता राशि दी जाएगी। इससे वे अपना रोजगार कर सकेंगे। अब तक इस योजना से 45000 बेरोजगार युवकों को रोजगार मिला है। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि इस योजना के तहत चार अनुसूचित जाति-जनजाति व तीन अत्यंत पिछड़ा वर्ग के सदस्यों अर्थात सात लाभुकों को सामान्य वाहन, ई-रिक्शा व एम्बुलेंस की खरीद पर खरीद मूल्य का 50 फीसदी अनुदान मिलता है। हालांकि यह क्रमश अधिकतम एक लाख, 75 हजार व दो लाख होंगे। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग के तहत क्षेत्रीय कार्यालय में 102 निम्न वरीय लिपिक की बहाली का भी निर्णय लिया गया है। शीघ्र इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी।
आईएएस संजीव हंस को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत, कोर्ट ने इस मामले दायर एफआईआर को किया रद्द

डेस्क : आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे आईएएस अधिकारी संजीव हंस को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह राहत उन्हें एक अलग केस रेप और ब्लैकमेल करने के लगे आरोप मे मिली है।

दरअसल आईएएस संजीव हंस के खिलाफ औरंगाबाद जिले की एक महिला ने रेप का केस दर्ज कराया  था। महिला का आऱोप था कि राजद के तत्कालीन विधायक गुलाब यादव ने उसे धोखे से अपने फ्लैट पर बुलाकर रेप किया और फिर उसका वीडियो बनाया। वीडियो के आधार पर महिला को ब्लैकमेल किया गया। महिला ने आऱोप लगाया था कि उसे दिल्ली और पुणे जैसे शहरों के बड़े होटलों में बुलाकर गुलाब यादव औऱ उसके पार्टनर संजीव हंस ने रेप किया था। रेप के कारण उसे एक बच्चा भी हुआ है।

महिला ने 2022 में पटना पुलिस में रेप की शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया। इसके बाद महिला ने कोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगायी थी। कोर्ट के आदेश पर 2023 के जनवरी में पटना के रूपसपुर थाने में संजीव हंस औऱ पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ रेप, ब्लैकमेलिंग औऱ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। इस केस के अनुसंधान के बाद पटना पुलिस ने संजीव हंस औऱ गुलाब यादव पर लगे रेप के आऱोप को सही पाया था। पटना के एसएसपी ने भी अपने सुपरविजन रिपोर्ट में संजीव हंस पर रेप के आरोप को सही पाया।

वहीं संजीव हंस ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका दायर होने के साथ ही हाईकोर्ट ने संजीव हंस के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने इस मामले में 21 जुन को आखिरी सुनवाई की थी और फिर फैसला रिजर्व रख लिया था।

आज जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया। जस्टिस संदीप कुमार ने कहा कि रेप के इस मामले में एफआईआर काफी देर से दर्ज कराया गया है। हाईकोर्ट की बेंच ने एफआईआर को लेकर कई और सवाल उठाये हैं और उसे रद्द करने का आदेश दिया है।
*सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक, इन 36 एजेंडों पर लगी मुहर*

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। मुख्यमंत्री सचिवालय के कैबिनेट हॉल में सुबह 11:30 बजे से चल रही कैबिनेट की इस बैठक विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 36 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है। नीतीश कैबिनेट ने उद्योग, ऊर्जा, योजना एंव विकास, कला संस्कृति एवं युवा, खान एवं भूतत्व, खेल, श्रम संसाधन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, परिवहन, पर्यटन, पंचायती राज, राजस्व एवं भूमि सुधार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा, वित्त, वाणिज्य कर, स्वास्थ्य और गृह विभाग से जुड़े कुल 36 प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। मंत्रिपरिषद ने उद्योग विभाग के अधीन हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय बिहार पटना के पुनर्गठन को स्वीकृति दे दी है। वहीं, बिहार सांख्यिकी संवर्ग नियमावली 2024 को मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट में बिहार खरीद अधिनमानता नीति 2024 को भी स्वीकृति मिल गई है। अब 20% राशि का सामान कंपनियों को बिहार से ही खरीदना होगा।
सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक, इन 36 एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। मुख्यमंत्री सचिवालय के कैबिनेट हॉल में सुबह 11:30 बजे से चल रही कैबिनेट की इस बैठक विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 36 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है। नीतीश कैबिनेट ने उद्योग, ऊर्जा, योजना एंव विकास, कला संस्कृति एवं युवा, खान एवं भूतत्व, खेल, श्रम संसाधन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, परिवहन, पर्यटन, पंचायती राज, राजस्व एवं भूमि सुधार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा, वित्त, वाणिज्य कर, स्वास्थ्य और गृह विभाग से जुड़े कुल 36 प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। मंत्रिपरिषद ने उद्योग विभाग के अधीन हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय बिहार पटना के पुनर्गठन को स्वीकृति दे दी है। वहीं, बिहार सांख्यिकी संवर्ग नियमावली 2024 को मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट में बिहार खरीद अधिनमानता नीति 2024 को भी स्वीकृति मिल गई है। अब 20% राशि का सामान कंपनियों को बिहार से ही खरीदना होगा।
बांग्लादेश में बदले हालात को लेकर बिहार में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था, सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता को लेकर पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश*

डेस्क : पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्ता पलट हो गया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़कर फिलहाल भारत में शरण ली हुईं है। वहीं अब बांग्लादेश में कानून व्यवस्था सेना के हाथों में है। बांग्लादेश में बदले हालात को देखते हुए बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर अलर्ट जारी किया है। भारत और बांग्लादेश की सीमा 4,096 किलोमीटर लंबी है। बीएसएफ ने बॉर्डर की सभी इकाइयों पर अलर्ट जारी किया गया है। बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ डीजी भी कोलकाता पहुंच गए हैं। इधर बांग्लादेश में बदले हालात को देखते हुए बिहार में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने इसे लेकर आज मंगलवार को आदेश जारी किया है। सीमावर्ती इलाकों में बिहार पुलिस सघन जांच अभियान में जुट गई है। बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता को लेकर खास आदेश जारी किया गया है। इसमें पश्चिम बंगाल से लगती बिहार की सीमा में सीमावर्ती जिलों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ायी गई है। इसमें सीमा क्षेत्र में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की जानकारी होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करने कहा गया है। आम लोग अपनी सूचना स्थानीय थाना/संबंधित जिला के पुलिस अधीक्षक अथवा टॉल फी नम्बर-14432 या डायल-112 पर दे सकते हैं। पुलिस मुख्यालय ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है। बता दें बिहार के तीन जिले पश्चिम बंगाल से लगते हैं। इसमें कटिहार, पूर्णिया और किशनगंज के जिलों की सीमा पड़ोसी राज्य से लगती हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल के पूर्वी भाग के कई जिले और जल क्षेत्र बांग्लादेश से लगते हैं। वहीं पश्चिम बंगाल और बिहार के सीमा क्षेत्र से बांग्लादेश के नजदीक होने के कारण ऐसी आशंका है कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं। इन स्थितियों में वे पश्चिम बंगाल के रास्ते बिहार में प्रवेश में करने की कोशिश करेंगे। इसी को देखते ही बिहार पुलिस ने सीमांचल के इलाकों को लेकर खास सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। वहीं किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु पर संदेह होने पर पुलिस को सूचना देने कहा गया है।