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आदिवासी अंचलों में पहुंच रही हैं तेजी से विकास योजनाएं

रायपुर-    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनजातीय समुदाय की आबादी को देखते हुए राज्य की बागडोर विष्णु देव साय के हाथों में सौंपी है। राज्य गठन के 23 वर्षों बाद वे ऐसे पहले आदिवासी नेता है जिन्हें राज्य के मुखिया के तौर पर कमान सौंपी गई है। राज्य में नई सरकार की गठन के साथ ही उन्होंने किसानों, महिलाओं और वंचित समूहों को आगे बढ़ाने के लिए योजनाओं की शुरूआत की। वे सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के ध्येय वाक्य को लेकर सभी वर्गों की उन्नति और बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति की देश-विदेश में अलग पहचान रही है। राज्य के आदिवासी अंचल एक ओर वनों से आच्छादित है। वहीं इन क्षेत्रों में बहुमूल्य खनिज सम्पदा भी है। मनोरम पहाड़ियां, झरनें, इठलाती नदियां बरबस लोगों को आकर्षित करती हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित नई सरकार बनने के बाद राज्य के आदिवासी अंचलों में जन जीवन में तेजी से बदलाव लाने और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए अनेक नवाचारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

आदिवासी समुदाय को सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संचालित की जा रही महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जनमन योजना में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सड़क, बिजली, आवास, पेयजल जैसी महत्वपूर्ण मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है।

आदिवासी क्षेत्रों के तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार की पहल पर जगदलपुर के नगरनार में लगभग 23 हजार 800 करोड़ रूपए की लागत से वृहद स्टील प्लांट लगाया गया हैं, इससे आने वाले वर्षों में बस्तर अंचल की पूरी तस्वीर बदलेगी। लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा साथ ही रोजगार के नए अवसरों का निर्माण होगा।

इस साल के केन्द्रीय बजट में जनजाति उन्नत ग्राम अभियान योजना शामिल की गई है। इस योजना से राज्य के लगभग 85 विकासखंडों में शामिल गांवों को विभिन्न मूलभूत सुविधाएं मिलेगी। इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ावा देने जैसी प्राथमिकताएं भी जनजाति क्षेत्रों की दशा और दिशा बदलेंगी।

जनजाति क्षेत्रों के तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है 464 किलोमीटर लंबा और छह लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे होगा। यह छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे मार्ग छत्तीसगढ़ में 124 किलोमीटर, ओडिशा में 240 किलोमीटर और आंध्र प्रदेश में 100 किलोमीटर बनेगी। उड़ीसा से आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम तक बनाए जा रहे इस नए कॉरिडोर से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। वहीं नए उद्योगों की स्थापना से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

बस्तर के माओवादी आतंक से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक तरफ सुरक्षा कैंपों की सख्या बढ़ायी जा रही है। वहीं सुरक्षा कैंपों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए नियद् नेल्लानार जैसी नवाचारी योजनाओं की शुरूआत की गई है। इस योजना के बेहतर और सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। लोगों का विश्वास फिर से शासन-प्रशासन के प्रति लौटने लगा है।

आदिवासियों की आय में वृद्धि और उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। प्रदेश सरकार ने लगातार ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे वनों के साथ आदिवासियों का रिश्ता फिर से मजबूत हुआ है। वनांचल क्षेत्रों में लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ-साथ तेन्दूपत्ता का खरीदी कार्य भी पहले से अधिक व्यवस्थित रूप से किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 36 कॉलेजों के भवन-छात्रावास निर्माण के लिए 131 करोड़ 52 लाख रूपए मंजूर किए गए है। इससे प्रदेश के 36 कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ होंगे तथा शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। वहीं युवाओं को उच्च स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं प्राप्त होगी और वे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकेंगे।

राज्य सरकार ने तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक दर प्रतिमानक बोरा 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपए कर दिया है। इससे लगभग 13 लाख जनजाति परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में लघु वनोपज संग्रहण भी महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से हो रहा है। लघु वनोपज के प्रसंस्करण के लिए वनधन केन्द्रों की स्थापना की गई है।

प्रदेश में जनजातिय समुदाय के बच्चों के लिए बेेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 75 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा माओवादी प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के लिए 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में मेधावी विद्यार्थियों को अखिल भारतीय मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जा रही हैं। नई दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिए संचालित यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई है।

राज्य में बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों के कामकाज को व्यवस्थित और प्रभावित बनाने के लिए इनका पुनर्गठन किए जाने का निर्णय लिया गया है। इन प्राधिकरणों की कमान अब मुख्यमंत्री के हाथों में होगी। क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य होंगे तथा मुख्यमंत्री के सचिव अथवा सचिव इन प्राधिकरणों के सदस्य सचिव होंगे।

आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए बस्तर अंचल के देवगुड़ियां और घोटुलों तथा अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के आसपास एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है। इससे लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, साथ ही ऐसे स्थानों में प्राकृतिक सुन्दरता भी बढ़ेगी।

रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए भाजपा प्रभारियों की नियुक्ति
रायपुर-   भाजपा ने रायपुर दक्षिण उप चुनाव के लिए बीजेपी प्रभारियों की घोषणा कर दी है. कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जयसवाल और प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा को प्रभारी बनाए गए हैं. बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट खाली हो गई है.
CGPSC घोटाले की CBI कर रही जांच : सीएम साय ने ट्वीट कर कहा – लिख रहे हैं सुशासन का नया अध्याय, प्रदेश के युवाओं को मिलेगा न्याय

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में सीजीपीएससी घोटाले की जांच के लिए सीबीआई ने आज कई शहरों में छापा मारा है. इस कार्रवाई पर सीएम विष्णुदेव साय ने ट्वीट कर कहा, सुशासन का नया अध्याय लिख रहे हैं. प्रदेश के युवाओं को न्याय मिलेगा.

सीएम साय ने आगे लिखा है, छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार ने पीएससी जैसी स्वच्छ छवि वाले संस्थान में घोटाला कर उसको बदनाम किया. प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया. अब सुशासन की सरकार में घोटालों की तह तक जांच हो रही है, कोई भी भ्रष्टाचारी नहीं बचेंगे. युवाओं को न्याय मिलकर रहेगा.

रायपुर सांसद बृजमोहन ने लोकसभा में उठाया तीन साल में 200 ट्रेन रद्द होने का मामला

रायपुर-    रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को छत्तीसगढ़ रेलवे से जुड़ी जनसमस्याओं एवं सुविधाओं के मुद्दे को लोकसभा में उठाया। बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में पिछले तीन सालों से ट्रेनों के अनियमित परिचालन और रद्द होने तथा वर्तमान रेल मार्गों के उन्नयन/विस्तार/रख-रखाव और नई रेलगाड़ियों के संचालन और बिलासपुर, रायपुर रेल मंडल में राजस्व संकलन से संबंधित जानकारी मांगी।

जिसपर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि, यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को 22 गुना ज़्यादा राशि आवंटित की है। 2014 में जहां 311 करोड़ राशि आवंटित हुई थी, वहीं 2024 में 6,922 करोड़ रुपए आवंटित किए गए है। यूपीए सरकार में जहां साल भर में 6 किलोमीटर रेललाइन बिछायी जाती थी वो अब 100 किलोमीटर सालाना हो गयी है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में करीब 37 हजार करोड़ रुपए की 25 परियोजनाएं हैं, जिसमे 8 नई लाइन और 17 दोहरीकरण की है जिनकी कुल लंबाई 2,731 किलोमीटर है। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि, ट्रेन रद्द होने की वजह रेललाइनों के दोहरीकरण -तिहरीकरण के दौरान इंटरलॉकिंग है जिसके समाधान के लिए नई तकनीक पर काम हो रहा है और जल्द ही रेल यात्रियों को हो रही परेशानियों से निजात मिल जायेगी और रेल यात्रा पहले से ज्यादा सुगम हो जायेगी। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रायपुर और बिलासपुर मंडल द्वारा अन्य गैर-किराया राजस्व कार्यकलापों जैसे रेलवे डिस्प्ले नेटवर्क, आउट ऑफ होम विज्ञापन, रेलगाड़ियों पर विज्ञापन, एटीएम और स्टॉल आदि से मिलने वाले राजस्व में पिछले कुछ समय से वृ‌द्धि देखी गई है।

पूर्व CM बघेल ने एक्‍स पर पोस्‍ट किया CM साय की पत्‍नी का वीडियो, कहा- अब पता चला कौन चला रहा सरकार, भाजपा ने किया पलटवार

रायपुर- सियासत में असली ‘सुपर सीएम’ के प्रश्न पर रार मच गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इंटरनेट मीडिया एक्स पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय के मीडिया को दिए गए एक स्वाभाविक हास्य बयान को राजनीतिक रंग देकर घिर गए हैं। भूपेश ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर एक वीडियो साझा करके टिप्पणी की है कि ‘अभी तक यह पता नहीं चल रहा था कि सरकार कौन चला रहा है, अब स्पष्ट है।’

दरअसल, इस वीडियो में कौशल्या साय मीडिया से अपने क्षेत्र के बारे में कहती दिख रही हैं कि मैंने बिना टिकट मांगे, बिना लड़े, दूसरों को लड़वाया है और मैं एक क्षेत्र की विधायक व सांसद भी हूं। मैं अब सुपर सीएम के नाम से जानी जाती हूं।

वीडियो पोस्‍ट करने पर भाजपा ने जताई कड़ी आपत्ति

भूपेश बघेल द्वारा किए गए पोस्ट पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति की और पलटवार कर लिखा कि ‘भूपेश जी, एक भोली-भाली आदिवासी महिला द्वारा मजाक में कही गई बातों को कपट पूर्वक पेश कर आप एक आदिवासी परिवार के निजी जीवन में घुस रहे हैं।

पूरा छत्तीसगढ़ जानता है असली सुपर सीएम तो ‘आपकी सौम्या’ थी’। सौम्या प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा कथित अवैध वसूली और ज़मीन से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में अभी जेल में हैं। भूपेश सरकार में मंत्री-विधायक और अफसरों से जुड़े हर छोटे-बड़े प्रशासनिक और राजनीतिक फ़ैसले में सौम्या से जोड़ा जाता रहा है।

भाजपा का पलटवार- भूपेश सरकार के समय सुपर सीएम कौन था, सभी जानते हैं

भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी ने अपने सेवाभाव और जिम्मेदारी से यह बाते कहीं हैं। यह उनका बड़प्पन है कि वह प्रदेश की जनता के प्रति अपनी जवाबदारी समझती हैं। भूपेश सरकार के समय सुपर सीएम कौन था, सभी जानते हैं।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, छत्तीसगढ़ में कितने सीएम हैं, प्रदेश की जनता समझ नहीं पा रही है। जनता जान रही है कि सरकार रिमोट कंट्रोल से चल रही है।

राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल छत्तीसगढ़ की 23वीं बैठक सम्पन्न

रायपुर-  राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मडल छत्तीसगढ़ की 23वीं बैठक आज खनिज साधन विभाग के सचिव पी. दयानंद की अध्यक्षता में राजधानी रायपुर स्थित सिविल लाईन विश्राम भवन के मिनी कॉन्फ्रेंस हॉल में सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव पी. दयानंद ने कहा कि किसी भी देश एवं राज्य के विकास में खनिजों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। छत्तीसगढ़ में खनिज अधारित नये उद्योगों की स्थापना के लिए राज्य में विद्यमान विभिन्न खनिजों का सतत् एवं व्यवस्थित तरीके से अन्वेषण किया जाना चाहिए।

उन्होंने बैठक में उपस्थित अन्वेषण कार्यों से संबद्ध सभी विभागों एवं संस्थानों से कहा कि छत्तीसगढ़ के समग्र विकास हेतु वे अपनी कुशलता, संसाधन एवं उपलब्ध नवीनतम् तकनीकियों का उपयोग कर प्रदेश में पाये जाने वाले खनिजों का अन्वेषण करे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में खनिजों के विकास के लिए कार्य करने वाली एजेंसियों के मध्य उत्पादित आंकड़ों को आपस में साझा करने और परस्पर समन्वय स्थापित किये जाने की सलाह दी है। पी. दयानंद ने बताया कि वर्ष 2023-24 में लगभग 13000 करोड़ रूपए के खनि राजस्व की प्राप्ति हुई है जो राज्य स्थापना वर्ष की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक है।

खनिज विभाग के सचिव पी. दयानंद ने राज्य में खनिज अन्वेषण एवं खनिज दोहन के क्षेत्र में कार्यरत केंद्र और राज्य सरकार के विभागों एवं संस्थानों द्वारा वर्ष 2023-24 में किये गये भू-वैज्ञानिक कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान वर्ष 2023-24 के सम्पादित कार्यों की उपलब्धियों पर चर्चा की गई और प्रदेश में पाये जाने वाले खनिजों की खोज के लिए वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित भू-वैज्ञानिक कार्यों को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग के संचालक सुनील कुमार जैन सहित केन्द्र तथा राज्य शासन के विभिन्न विभागों और उपक्रमों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्रदेश में चूना पत्थर और लौह अयस्क के नए भण्डार खोजे गए

भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग के संचालक श्री जैन ने वर्ष 2023-24 में सम्पन्न कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष कुल 1050 मिलियन टन चूनापत्थर एवं लौह अयस्क के कुल 179 मिलियन टन भण्डार आंकलित किये गये।

खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में NMET के तहत वर्ष 2023-24 में चूनापत्थर हेतु 01 अन्वेषण परियोजना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। अधिसूचित निजी अन्वेषण संस्थान को NMET के तहत् राज्य के अन्वेषण कार्य हेतु तीन प्रस्ताव स्वीकृत किये गये थे। जिसमें दो ग्रेफाईट एवं एक दुर्लभ मृदा धातुएँ (REE) शामिल है।

केन्द्र तथा राज्य शासन के विभिन्न विभागों, उपक्रमों के प्रतिनिधियों द्वारा भी छत्तीसगढ़ राज्य में किये गये खनिज अन्वेषण कार्यों की जानकारियों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के उप महानिदेशक डॉ. सुदीप भट्टाचार्या ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में बाक्साइट, गोल्ड, कॉपर, ग्लूकोनाईट, ग्रेफाइट, बेसमेटल, डायमण्ड, लिथियम, REE, PGE, फास्फोराइट, फ्लोराईट खनिज हेतु सर्वेक्षण कार्य किया गया है। वर्ष 2024-25 में विभिन्न खनिजों की कुल 25 परियोजनाओं पर कार्य लिया जा रहा है।

संयुक्त संचालक (भौमिकी) संजय कनकने ने बताया कि संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म, छत्तीसगढ़ द्वारा वर्ष 2024-25 में कुल 12 अन्वेषण परियोजना को सर्वेक्षण-पूर्वेक्षण कार्य हेतु अनुमोदित किया गया। जिसमें मैंगनीज पर 01, ग्रेफाईट पर 01, चूनापत्थर पर 03, लौह अयस्क पर 05 एवं बाक्साइट पर 02 परियोजना शामिल है। खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में NMET के तहत वर्ष 2024-25 में अधिसूचित निजी अन्वेषण संस्थान को राज्य में अन्वेषण कार्य हेतु दो प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं। जिसमें 01 लिथियम तथा 01 ग्रेफाईट का प्रस्ताव सम्मिलित है।

इसी प्रकार वर्ष 2024-25 में विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदेश में 10 विभिन्न खनिजों की कुल 44 परियोजना अन्वेषण-पूर्वेक्षण कार्य हेतु अनुमोदित किया गया। जिसमें फास्फोराईट के 02, गोल्ड के 05, ग्लुकोनाईट के 06, REE (Lithium, Tantalum etc.) के 11, लेड-जिंक के 01, फास्फेट के 01, बॉक्साईट के 05, लौह अयस्क के 09, कॉपर के 02, ग्रेफाईट की 01 एवं लीथियम की 01 अन्वेषण-पूर्वेक्षण परियोजना शामिल है।

 

नियम विरुद्ध राशि आहरण करने पर मोहतरा सरपंच बर्खास्त, निर्वाचन हेतु 6 वर्ष के लिए अयोग्य घोषित
रायपुर-  कार्यों के भुगतान हेतु बिना पंचायत प्रस्ताव के 3 लाख 34 हजार 500 रुपये का आहरण नियम विरुद्ध करने पर जनपद पंचायत बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम पंचायत मोहतरा की सरपंच ईश्वरी साहू को छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम1993 की धारा 40 (1) के प्रावधानो के तहत तत्काल प्रभाव से पृथक कर दिया गया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ पंचयती राज अधिनियम 1993 की धारा 40(2) के प्रावधानो के तहत 6 वर्ष की कलावधि के लिए पंचायत अधिनियम के अधीन निर्वाचन, सहयोजन के लिए निरर्हित घोषित किया है। इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिया गया है।
जारी आदेशानुसार ग्राम पंचायत मोहतरा के सरपंच सचिव के विरुद्ध 14 वें एवं 15 वें वित्त की राशि का दुरूपयोग करने की शिकायत पर जनपद पंचायत बलौदाबाजार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जाँच दल गठित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें ग्राम पंचायत मोहतरा की सरपंच ईश्वरी साहु द्वारा ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालय निर्माण,अहाता निर्माण, गोठान में वर्मी शेड निर्माण, हैंडपम्प मरम्मत, पेयजल, स्वच्छता कार्यक्रम कार्यो का भुगतान स्वयं एवं अपने पति तथा बिना पंचायत प्रस्ताव के 3 लाख 34 हजार 500 रूपये आहरण किया गया।
सरपंच ग्राम पंचायत मोहतरा द्वारा छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 के अधीन छत्तीसगढ़ पंचायत लेखा नियम 1999 के प्रावधानो का पालन न कर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई जिसके कारण वह अपने कर्तव्य के निर्वहन में अवचार के दोषी तथा उनका पद पर बना रहना लोकहित में अवांछनीय है। उक्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर एसडीएम द्वारा सरपंच ग्राम पंचायत मोहतरा ईश्वरी साहु को छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम1993 की धारा 40 (1) के प्रावधानो के तहत तत्काल प्रभाव से पृथक कर दिया है।
CGPSC घोटाला : पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी की भांजी के यहां भी CBI का छापा, सुनीता का श्रम अधिकारी पद पर हुआ है चयन
महासमुंद- छत्तीसगढ़ में सीबीआई ने CGPSC घोटाले की जांच तेज कर दी है. आज टीम ने रायपुर, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग और महासमुंद जिले में ताबड़तोड़ छापा मारा है. CBI की टीम ने CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी की भांजी सुनीता जोशी के मायके महासमुंद जिले के ग्राम हरदी में भी दबिश दी है.


सुनीता जोशी के घर सुबह से CBI की जांच चल रही है. बता दें कि 2023 में सुनीता जोशी का चयन श्रम पदाधिकारी के पद पर हुआ था. इसके पहले वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ थी. सीबीआई की टीम पिथौरा से करीब 6 किलोमीटर दूर सुनीता जोशी के मायके हरदी गांव पहुंचकर CGPSC घोटाले की जांच कर रही.

सीबीआई ने इन पर दर्ज की है एफआईआर

जांच एजेंसी सीबीआई ने सीजीपीएससी में गड़बड़ी मामले में तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित एफआईआर दर्ज की है. इन पर भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य बेटों, बेटी, रिश्तेदारों और परिचितों को जिला कलेक्टर, डिप्टी एसपी के बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने का आरोप है.
भाजपा सहायता केंद्र में 8 और 9 अगस्त को दो मंत्री सुनेंगे आम लोगों की समस्याएं

रायपुर- भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारतीय जनता पार्टी के राजधानी में कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश कार्यालय में सहायता केंद्र में समस्याओं के निदान प्रदेश सरकार के मंत्री और संगठन पदाधिकारी उपस्थित रहते हैं।

इसी कड़ी में आगामी 8 अगस्त को प्रदेश के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी समस्याओं का निराकरण करने दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक उपस्थित रहेंगे। चौधरी के साथ भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव मौजूद रहेंगे। इसी प्रकार 9 अगस्त को महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े जन समस्याओं का निराकरण करने दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक उपस्थित रहेंगीं।

उनके साथ भाजपा प्रदेश मंत्री अवधेश चंदेल मौजूद रहेंगे। इस हेतु पंजीयन दोपहर 1 से 2 बजे तक होगा। प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने बताया कि समस्याओं के समाधान के लिए भाजपा ने सहायता केंद्र की शुरुआत की है और सहायता केंद्र के माध्यम से समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।

कारखानों में तय मापदंडों का पालन नहीं, तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण, हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से मांगा जवाब

बिलासपुर-    छत्तीसगढ़ में कारखानों की वजह प्रदूषण बढ़ रहा. इस पर प्रभावी रोक लगाने हाईकोर्ट में चार अलग-अलग जनहित याचिका लगाई गई है. हाईकाेर्ट में पेश रिपोर्ट में राज्य शासन ने माना है कि प्रदेश में तकरीबन 60 ऐसे स्पंज आयरन और सीमेंट प्लांट हैं, जहां तय मानकों व मापदंडों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है और औद्योगिक प्रदूषण तेजी से फैल रहा है. इस मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने महाधिवक्ता से जवाब मांगा है. जनहित याचिका की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.

हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड कराया है. सभी जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही है. इस मामले में हाईकोर्ट ने एडवोकेट प्रतीक शर्मा और पीआर पाटनकर समेत 11 अधिवक्ताओं को न्याय मित्र नियुक्त किया है और उनसे प्रदेश की इन औद्योगिक इकाइयों में प्रदूषण के कारण हो रही परेशानी के बारे में जानकारी मंगाई थी.

सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि राज्य में करीब ऐसे 60 स्पंज आयरन या सीमेंट प्लांट हैं , जहां प्रदूषण की शिकायतें आ रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस की डीविजन बेंच ने न्याय मित्रों को कोर्ट कमिश्नर बनाकर डाटा रिपोर्ट पेश करने कहा था. इसके बाद हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस की डीविजन बेंच में सभी कोर्ट कमिश्नरों ने रिपोर्ट पेश कर दी थी.

मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने स्वीकार किया कि राज्य में कई जगह संचालित प्लांट्स में जरूरी प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है. प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए शासन की योजना बन चुकी है, इसे लागू कराने में कुछ समय लगेगा. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने महाधिवक्ता को जवाब पेश करने कहा है.