/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, फाइनल में बनाई जगह, जगी गोल्ड की उम्मीद India
पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, फाइनल में बनाई जगह, जगी गोल्ड की उम्मीद

 भारत के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक के जेवलिन थ्रो क्वालिफिकेशन राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बना ली है। नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में भाला 89.34 मीटर दूर फेंककर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। 

बता दें कि, ये उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो में से एक है और इससे साबित होता है कि वो वर्तमान में विश्व के सबसे बेहतरीन जेवलिन थ्रोअरों में से एक हैं। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा अब लगातार दूसरा ओलंपिक गोल्ड जीतने की ओर बढ़ रहे हैं। अगर वो पेरिस में गोल्ड जीतते हैं तो वो भारत के पहले एथलीट होंगे जिन्होंने ओलंपिक में दो स्वर्ण पदक जीते होंगे।

दिलचस्प बात यह है कि फाइनल में नीरज चोपड़ा का मुकाबला पाकिस्तान के अरशद नदीम से होगा। अरशद नदीम ने भी क्वालिफिकेशन राउंड में 86.59 मीटर का शानदार थ्रो फेंका है। अब 8 अगस्त को होने वाले फाइनल में भारत और पाकिस्तान के इन दोनों स्टार एथलीटों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्‍याचार, बाबा बागेश्वर ने सरकार से कर दी ये बड़ी मांग

 बांग्लादेश में छात्रों के आरक्षण विरोधी आंदोलन से मंगलवार को भी पूरे देश में प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग पर नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को अतंरिम सरकार मुखिया नियुक्त किया गया। 

वहीं बांग्लादेश से जो तस्वीरें सामने आ रही है वह काफी ज्यादा डराने वाली है। मीडिया रिपोर्ट अनुसार, बांग्लादेश में मंदिर और हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। इन सबके बीच पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया हैं। 

कहा है कि मुझे मीडिया द्वारा बांग्लादेश में फैली अशांति के बारे में पता चला। वहां इस वक्त भयंकर स्थिति हैं। खूब उपद्रव और पथराव हो रहा है. वहां की राजधानी ढाका में 3-4 लाख लोग सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं बांग्लादेश में शीघ्र शांति की कामना करता हूं। 

उन्होंने कहा कि समाचार चैनलों से पता चला है कि वहां के हिन्दू भाई बहन बहुत परेशान हैं। मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है। ऐसे में भारत सरकार से मेरी प्रार्थना है कि सरकार को अपना बड़ा दिल दिखाते हुए बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं के लिए अपने द्वार खोल देने चाहिए।

जेल से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ऐलान, 15 अगस्त को लेकर कही ये बड़ी बात

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में बंद है और वे अंदर से ही सरकार चला रहे हैं। इस बीच उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपनी जगह मंत्री आतिशी मर्लेना को शामिल होने और ध्वजारोहण करने का अनुरोध किया है।

बता दें कि, यह फैसला केजरीवाल की जेल में बंद होने के कारण लिया गया है। दिल्ली सरकार ने आतिशी मर्लेना को यह जिम्मेदारी सौंपकर यह दिखाया है कि सरकार सुचारू रूप से चल रही है और जनता के हित में काम कर रही है।

गौरतलब है कि दिल्ली शराब नीति मामले ने पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल मचाई हुई है। इस मामले में कई नेताओं और अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल की जेल में बंद होने के बाद से यह मामला और भी गहरा गया है।

15 अगस्त का कार्यक्रम दिल्ली के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन दिल्ली सरकार शहरवासियों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करती है। इस साल के कार्यक्रम में आतिशी मर्लेना की उपस्थिति से यह संदेश जाएगा कि दिल्ली सरकार जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।

बेरोजगारों के लिए खुशखबरी: मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी पाने का मौका, इन पदों पर निकली बंपर भर्ती, जानें डिटेल

आप मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी की तलाश में हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. दरअसल, मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPSEB) ने ग्रुप 3 के तहत सब-इंजीनियर, सहायक मानचित्रकार, टेक्नीशियन और अन्य पदों पर भर्ती निकाली है. जिसमे 283 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

बता दें कि, इस भर्ती में सब-इंजीनियर से लेकर टेक्नीशियन तक विभिन्न पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं. वहीं अधिकांश पदों पर सीधी भर्ती होगी, जिससे युवाओं को सीधे सरकारी नौकरी पाने का मौका मिलेगा. कुछ पदों पर बैकलॉग भर्ती के माध्यम से भी भर्ती की जाएगी.

आवेदन की प्रक्रिया:

आवेदन करने के लिए आपको मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPSEB) की आधिकारिक वेबसाइट Esb.Mponline.Gov.In पर जाना होगा. यहां आपको आवेदन फॉर्म भरकर सबमिट करना होगा.

आवेदन की तारीख:

आवेदन शुरू: 5 अगस्त 2024

आवेदन की अंतिम तिथि: 19 अगस्त 2024

फॉर्म में सुधार की अंतिम तिथि: 24 अगस्त 2024

वहीं इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPSEB) की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं.

याह्या सिनवार बना हमास का नया चीफ, इजराइली हमले का है मास्टर माइंड

#yahya_sinwar_became_new_leader_of_hamas 

इस्माइल हानिया की मौत के बाद याह्या सिनवार को हमास का चीफ बनाया गया है। हमास ने मंगलवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। इससे पहले याह्या सिनवार सिर्फ गाजा में हमास की कमान संभाल रहा था।याह्या सिनवार पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर किये गए हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है। बता दें कि बीते दिनों ईरान की राजधानी तेहरान में हानिया की हत्या कर दी गई थी। हनिया की हत्या के बाद से ये सर्वोच्च पद खाली था। अब याह्या सिनवार को हमास का चीफ बनाया गया है।

7 अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में हुए हमले में सिनवार को ही सूत्रधार माना जाता है। इस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे। इसी हमले से गाजा में चल रहे युद्ध की शुरुआत हुई थी। इजरायल पर सात अक्टूबर को हमले के बाद से सिनवार सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है। इजराइल में हमले के बाद से सिनवार गाजा में ही छिपा हुआ है।इजरायली सेना का दावा है कि सिनवार गाजा की सुरंगों में छुपा हुआ है।

सिनवार ही क्यों चुना गया हमास का चीफ

आमतौर पर किसी चीफ के मरने के बाद उनकी जगह डिप्टी चीफ लेता है, लेकिन हमास के डिप्टी चीफ रहे सालेह अल-अरूरी की हत्या इसी साल जनवरी में हो गई थी। इजराइली सेना ने एक ड्रोन हमले में हमास के नंबर-2 नेता को मार दिया था। हमास के पॉलिटिकल विंग में नंबर-1 और नंबर-2 दोनों की कुर्सी खाली हो गई थीं। फिलहाल, हमास में कोई ऐसा नेता नहीं है, जो इजराइल की जंग का गाजा की स्थिति को सिनवार से बेहतर समझ सके। ऐसे में उसे चीफ बनाया गया है।

शरणार्थी शिविर में पैदा हुआ सिनवार

सिनवार का हमास के साथ जुड़ाव का एक लंबा इतिहास रहा है। 1962 में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में पैदा हुआ सिनवार हमास के मिलिशिया अल कसम ब्रिगेड के संस्थापकों में से एक है। सिनवार इजरायली अदालत से आजीवन कारावास की सजा पा चुका है और लंबा समय इजरायल की जेल में बिताया है। 

22 साल जेल में रहा सिनवार

दो इजरायली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों का अपहरण और उनकी हत्या करने के आरोप में सिनवार को 1989 में गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त याह्या की उम्र 19 साल थी। मुकदमा चला। बाद में उसे चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गईं। हालांकि, 2011 में इजराइली सैनिक गिलाद शालिट के बदले में 1000 से ज्यादा कैदियों की अदला-बदली के दौरान सिनवार को भी रिहा कर दिया गया था। तब तक सिनवार करीब 22 साल जेल में बिता चुका था। लंबे समय तक इजरायली जेल में रहने की वजह से सिनवार को हिब्रू का जानकार और इजरायली समाज की अच्छी समझ रखने वाले नेता के तौर पर देखा जाता है।

यरुशलम पोस्ट दावा करता है कि सिनवार एक कट्टरपंथी होने के साथ ही आत्ममुग्ध व्यक्ति भी है। वह कथित तौर पर मसीहाई विचार रखता है। सिनवार खुद को और हमास को ऐसे दूत के रूप में देखता है, जो पूरी दुनिया में इस्लाम फैलाएगा और दूसरे धर्म के लोगों को खत्म कर देगा। ये फिलिस्तीन की मुक्ति से शुरू होगा।सिनवार हमास के लड़ाकों को धर्म के योद्धा की तरह संबोधित करता है, वहीं इजरायल को शैतान की तरह पेश करता है।

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का विवादित बयान, कहा-बांग्लादेश जैसा हिंसक प्रदर्शन भारत में भी हो सकता है
#violent_like_bangladesh_can_happen_in_india_too_congress_leader_salman_khurshid_statement

बांग्लादेश में भीषण रक्तपात मचा हुआ है।शेख हसीना के तख्ता पलट के तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहां अब भी हिंदुओं को चुन चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश के कई शहरों में हिंदुओं के घरों में तोड़फोड़ की गई है। हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है, उनकी दुकानों में भी लूटपाट हुई है। पड़ोस में मची त्रासदी से भारत भी भयभीत बना हुआ है। इस बीच कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने विवादित बयान दिया है।सलमान खुर्शीद ने कहा है कि जो बांग्लादेश में हो रहा है, वो भारत में भी हो सकता है।

खुर्शीद शिक्षाविद मुजीबुर्रहमान की किताब शिकवा-ए-हिंद, द पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडियन मुस्लिम्स' की लॉन्चिंग के मौके पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बयान दिया है। खुर्शीद ने कहा, "कश्मीर में सब कुछ सामान्य लग सकता है। यहां सब कुछ सामान्य लग सकता है। हम जीत का जश्न मना रहे हैं, हालांकि निश्चित रूप से कुछ लोगों का मानना है कि वह जीत या 2024 की सफलता शायद मामूली थी, शायद अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।" इसके साथ ही उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह यहां भी हो सकता है। हमारे देश में इसका प्रसार, चीजों को उस तरह फैलने से रोकता है, जिस तरह से यह बांग्लादेश में फैला है।"

*शाहीन बाग को लेकर भड़काऊ बयान*
खुर्शीद ने यह भी कहा कि (मुस्लिम) महिलाओं के नेतृत्व में सीएए-एनआरसी कानून के खिलाफ दक्षिण पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन ने देशभर में इसी तरह के प्रदर्शनों को प्रेरित किया। 100 दिन तक चले इस आंदोलन को खुर्शीद ने असफल बताया क्योंकि कई लोग अभी भी जेल में हैं। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग जैसा आंदोलन आज देश में नहीं हो सकता।
खुर्शीद ने कहा, 'क्या आपको बुरा लगेगा अगर मैं कहूं कि शाहीन बाग विफल रहा? हम में से बहुत से लोग मानते हैं कि शाहीन बाग सफल रहा। लेकिन मैं जानता हूं कि शाहीन बाग से जुड़े लोगों के साथ क्या हो रहा है, उनमें से कितने लोग अभी भी जेल में हैं, उनमें से कितनों को जमानत नहीं मिल पा रही है और उनमें से कितनों को इस देश का दुश्मन बताया जा रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर मैं खुद से पूछूं कि क्या शाहीन बाग की पुनरावृत्ति होगी, तो मुझे यकीन नहीं है कि होगी क्योंकि लोगों ने वास्तव में बहुत कुछ सहा है।'
विनेश फोगाट के अयोग्‍य घोषित होने पर पीएम मोदी ने बढ़ाया हौसला, कहा-आप हमारी चैंपियन*
#pm_modi_reaction_wrestler_vinesh_phogat_disqualification
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से बाहर हो गईं। फाइनल मुकाबले से ऐन पहले उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया। दरअसल, विनेशा फोगाट कुश्ती के 50 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा ले रही थीं। फाइनल मुकाबले से पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला, इसलिए उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया। विनेश के बाहर होने के साथ ही भारत को ओलंपिक में बड़ा झटका लगा। हालांकि, ऐसे समय में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलवान फोगाट का हौसला बढ़ाया है। विनेश पर एक्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस फोन लगाया। पीएम मोदी ने कहा है कि विनेश आप चैंपियन हैं। आप देश की गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर फोगाट को चैंपियन बताया है। पीएम ने लिखा, "विनेश आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। आज की असफलता दुख देती है। काश मैं शब्दों में उस निराशा को व्यक्त कर पाता जो मैं अनुभव कर रहा हूं। साथ ही, मैं जानता हूँ कि आप लचीलेपन की प्रतिमूर्ति हैं। चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है। और मजबूत होकर वापस आओ! हम सब आपके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।" *पीएम ने पीटी उषा से की बात* समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीएम मोदी ने भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा से इस मुद्दे पर चर्चा की उनसे इस मुद्दे पर प्रत्यक्ष जानकारी मांगी तथा विनेश की हार के बाद भारत के पास क्या विकल्प हैं, इस बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने विनेश के मामले में मदद के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा। उन्होंने पीटी उषा से विनेश की मदद के लिए उनकी अयोग्यता के बारे में कड़ा विरोध दर्ज कराने की भी बात कही। *एक दिन में जीते तीन मुकाबले* विनेश फोगट ने मंगलवार को ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया था। विनेश फोगाट ने 6 जुलाई को प्री क्वार्टर, क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल मुकाबला खेला। पहले मुकाबले में ओलंपिक चैंपियन, दूसरे मुकाबले में यूरोपियन चैंपियन और तीसरे मुकाबले में पैन अमेरिकन चैंपियन को हराते हुए फाइनल में जगह बना ली। लेकिन फाइनल मुकाबला 6 जुलाई को नहीं हुआ और यह 7 जुलाई के लिए तय था। 7 जुलाई के मुकाबले के लिए आज सुबह दोबारा वजन हुआ, जिसमें फोगाट का वजन बढ़ा पाया गया और डिसक्वालीफाई हो गईं।
शेख हसीना के देश छोड़ते ही जेल से बाहर आईं खालिदा जिया, क्या बनेंगी देश की प्रधानमंत्री?
#bangladesh_begum_khaleda_zia_released
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के कुछ ही घंटों बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने जेल में बंद विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आदेश के बाद बांग्लादेश में भीषण रक्तपात और हिंदुओं पर अत्याचार के बीच बेगम खालिदा जिया जेल से बाहर आ चुकी हैं। माना जा रहा है कि तीन महीने बाद सेना के समर्थन से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया सरकार बनाएंगी। बांग्लादेश में सियासत ने तेजी से करवट ली है। एक तरफ 45 मिनट के अंदर शेख हसीना सत्ता से बेदखल हुईं, वहीं, दूसरी तरफ नजरबंद खालिदा की रिहाई का फरमान सोमवार रात को जारी हुई और मंगलवार को वह बाहर भी आ गईं। संसद भंग होने के ठीक बाद पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को आधिकारिक तौर पर रिहा कर दिया गया है। बंगभवन से जारी मीडिया रिलीज में इस फैसले का खुलासा किया गया। प्रेस रिलीज में यह भी कहा गया है, कि छात्र आंदोलन और विभिन्न मामलों में 1 जुलाई से 5 अगस्त तक हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान, नौसेना और वायु सेना प्रमुखों और बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक करने के बाद खालिदा को रिहा करने पर सहमति जताई थी। वह फिलहाल एवरकेयर अस्पताल में इलाज करा रही हैं। बीएनपी मीडिया सेल के सदस्य शैरूल कबीर खान ने कहा, कि "राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने बेगम जिया की रिहाई का आदेश दिया है। यह खुशी शब्दों से परे है।" 2018 में भेजा गया था जेल, मिली थी 17 साल की सजा शेख हसीना की प्रबल विरोधी मानी जाने वाली 78 वर्षीय खालिदा जिया मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं। खालिदा जिया 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उनका राजनीतिक जीवन उनके पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद शुरू हुआ। खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में 17 साल की सजा सुनाए जाने के बाद 2018 में जेल भेज दिया गया था। शेख हसीना की सरकार ने 25 मार्च 2020 को खालिदा जिया की सजा को निलंबित करते हुए एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से उन्हें अस्थायी रूप से जेल से रिहा कर दिया था। इस आदेश में शर्त थी, कि वह अपने गुलशन घर में रहेंगी और महामारी के दौरान देश से बाहर नहीं जाएंगी। तब से उन्हें जेल से बाहर रखने के लिए कई बार इस अवधि को बढ़ाया गया है। खालिदा जिया को शेख हसीना का कट्टर विरोधी माना जाता है। अवामी लीग ने खुद को उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाली पार्टी बताया, उसने अक्सर बीएनपी पर कट्टरपंथी उग्रवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
शेख हसीना के देश छोड़ते ही जेल से बाहर आईं खालिदा जिया, क्या बनेंगी देश की प्रधानमंत्री?
#bangladesh_begum_khaleda_zia_released
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के कुछ ही घंटों बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने जेल में बंद विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आदेश के बाद बांग्लादेश में भीषण रक्तपात और हिंदुओं पर अत्याचार के बीच बेगम खालिदा जिया जेल से बाहर आ चुकी हैं। माना जा रहा है कि तीन महीने बाद सेना के समर्थन से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया सरकार बनाएंगी। बांग्लादेश में सियासत ने तेजी से करवट ली है। एक तरफ 45 मिनट के अंदर शेख हसीना सत्ता से बेदखल हुईं, वहीं, दूसरी तरफ नजरबंद खालिदा की रिहाई का फरमान सोमवार रात को जारी हुई और मंगलवार को वह बाहर भी आ गईं। संसद भंग होने के ठीक बाद पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को आधिकारिक तौर पर रिहा कर दिया गया है। बंगभवन से जारी मीडिया रिलीज में इस फैसले का खुलासा किया गया। प्रेस रिलीज में यह भी कहा गया है, कि छात्र आंदोलन और विभिन्न मामलों में 1 जुलाई से 5 अगस्त तक हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान, नौसेना और वायु सेना प्रमुखों और बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक करने के बाद खालिदा को रिहा करने पर सहमति जताई थी। वह फिलहाल एवरकेयर अस्पताल में इलाज करा रही हैं। बीएनपी मीडिया सेल के सदस्य शैरूल कबीर खान ने कहा, कि "राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने बेगम जिया की रिहाई का आदेश दिया है। यह खुशी शब्दों से परे है।" 2018 में भेजा गया था जेल, मिली थी 17 साल की सजा शेख हसीना की प्रबल विरोधी मानी जाने वाली 78 वर्षीय खालिदा जिया मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं। खालिदा जिया 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उनका राजनीतिक जीवन उनके पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद शुरू हुआ। खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में 17 साल की सजा सुनाए जाने के बाद 2018 में जेल भेज दिया गया था। शेख हसीना की सरकार ने 25 मार्च 2020 को खालिदा जिया की सजा को निलंबित करते हुए एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से उन्हें अस्थायी रूप से जेल से रिहा कर दिया था। इस आदेश में शर्त थी, कि वह अपने गुलशन घर में रहेंगी और महामारी के दौरान देश से बाहर नहीं जाएंगी। तब से उन्हें जेल से बाहर रखने के लिए कई बार इस अवधि को बढ़ाया गया है। खालिदा जिया को शेख हसीना का कट्टर विरोधी माना जाता है। अवामी लीग ने खुद को उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाली पार्टी बताया, उसने अक्सर बीएनपी पर कट्टरपंथी उग्रवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
पेरिस ओलंपिकः भारत का एक और पदक, विनेश फोगाट ने कुश्ती के फाइनल में बनाई जगह, गोल्ड पर नजर*
#vinesh_phogat_becomes_first_indian_female_wrestler_to_reach_olympic_final
पेरिस ओलंपिक का आज 12वां दिन है। भारत आज वेटलिफ्टिंग, रेसलिंग और एथलेटिक्स जैसे खेलों के मेडल इवेंट में नजर आएगा। पहले 11 दिन में 4 मेडल जीतने वाला भारत 12वें दिन अपने मेडल टैली में इजाफा करता दिखेगा। महिलाओं के 50 किलो कैटेगरी में विनेश फोगाट का मेडल तो पक्का हो चुका है। पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने इतिहास रचते हुए कुश्ती के फाइनल में अपनी जगह बना ली है। इसी के साथ वह फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बन चुकी हैं। क्यूबा की गुजमान लोपेज को 5-0 से हराकर पेरिस ओलंपिक में महिला कुश्ती स्पर्धा के 50 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीतने की ओर कदम रख दिया। इससे पहले उन्होंने बड़ा उलटफेर करते हुए अब तक अपराजेय मौजूदा चैंपियन युई सुसाकी को शिकस्त देने के बाद यूक्रेन की ओकसाना लिवाच को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। इसी लय को कायम रखते हुए उन्होंने लोपेज को 5-0 के अंतर से शिकस्त देकर फाइनल का टिकट कटाया। इस स्पर्धा का फाइनल बुधवार को खेला जाएगा। विनेश के सामने अमेरिका की सारा ऐन हिल्डेब्रांड की चुनौती होगी। विनेश भारत की पहली महिला पहलवान है जो ओलंपिक के किसी वर्ग के फाइनल में पहुंची हैं। पुरुष वर्ग में सुशील कुमार और रवि दाहिया को ओलंपिक फाइनल खेलना का अनुभव है, लेकिन ये दोनों रजत पदक ही जीत पाए थे। ऐसे में विनेश के पास कुश्ती में देश का पहला स्वर्ण पदक विजेता बनने का मौका होगा। विनेश रियो और टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थीं।