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“अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के असली सूत्रधार”, हाई कोर्ट में सीबीआई का दावा
#cbi_said_arvind_kejriwal_is_the_real_mastermind_of_liquor_scam
शराब घोटाले में फंसे द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आएंगे या नहीं, इस दिल्‍ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। आज दिल्ली हाई कोर्ट अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।दिल्ली हाई कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई और केजरीवाल, दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। इसके अलावा, केजरीवाल की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी करार देने की मांग पर भी फैसला सुरक्षित रखा गया है। हाई कोर्ट ने यह नहीं बताया है कि फैसला कब तक सुनाया जाएगा। सीबीआई के वकील ने हाईकोर्ट को बताया क‍ि कैसे अरविंद केजरीवाल ही इस मामले के सूत्रधार हैं। उन्‍होंने यहां तक कहा क‍ि चार्जशीट दाख‍िल की जा चुकी है और वे ट्रायल के ल‍िए तैयार हैं। सीबीआई के वकील ने ये दावा किया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी को सबूत मिल गए। उन्होंने कहा कि कई लोग सामने आने लगे, जिनमें आप कार्यकर्ता भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी आप प्रमुख को गिरफ्तार किए बिना अपनी जांच पूरी नहीं कर सकती थी। वकील ने कहा कि सीबीआई के पास घोटाले में अरविंद केजरीवाल की प्रत्यक्ष संलिप्तता साबित करने वाले सबूत हैं। उन्होंने ये भी कहा कि चार्जशीट फाइल होने के बाद भी मुख्यमंत्री प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, केजरीवाल के वकील सिंघवी ने सीबीआई की दलीलों को खार‍िज करते हुए कहा क‍ि उपराज्‍यपाल ने भी पॉल‍िसी पर साइन किया था। दो साल के बाद भी इनके पास एक भी ऐसा बयान नहीं है, जो सुना सुनाया ना हो। सिर्फ़ अनुमानों और परिकल्पनाओं के आधार पर पकड़ना चाहते हैं। सिंघवी ने कहा, सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल के ल‍िए सूत्रधार यानी मास्‍टरमाइंड शब्द का इस्तेमाल किया है। पोएटिक हो रहे हैं। ये नीति पहली बार 4 सितंबर 2020 को बनी। एक साल में नौ विशेषज्ञ समितियां बनीं। इनमें चार विभाग शामिल थे और एक साल के बाद जुलाई 2021 में पहली बार नीति सामने आई, जिसमें पचास अधिकारी शामिल थे। सिंघवी ने हाईकोर्ट में कहा, क्या ऐसा मामला देखा है कि 2023 के मध्य में सीबीआई मुझे 160 (गवाह वाला समन) में बुलाती है, उसके बाद मुझे कोई समन नहीं भेजती है, जून 2024 में मुझे गिरफ्तार कर लेती है। केजरीवाल के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं, उनसे कोई बरामदगी नहीं हुई है। जबक‍ि केजरीवाल की ओर से अभ‍िषेक मनु सिंघवी ने कहा, सीबीआई की ओर से कही जा रही बातें सिर्फ सुनी सुनाई हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्ष‍ित रख ल‍िया है।
निवेशक हुए मालामाल, सेंसेक्स-निफ़्टी में जबरदस्त उछाल से बाजार भी हुआ गुलजार, दोनों ऑल टाइम हाई पर






अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सकारात्मक विकास और पहली तिमाही के नतीजों की गति को देखते हुए बेंचमार्क शेयर बाजार सूचकांक ने आज सोमवार (29 जुलाई) के कारोबारी सत्र की शुरुआत जबरदस्त बढ़त के साथ की। एसएंडपी BSE सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 81,720.25 का सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ, जबकि NSE निफ्टी 50 24,980.45 पर पहुंच गया। इस बात की प्रबल संभावना है कि निफ्टी 50 आज इंट्राडे कारोबार के दौरान 25,000 का आंकड़ा पार कर सकता है।

आज सुबह करीब 9:20 बजे सेंसेक्स 329.42 अंक बढ़कर 81,662.14 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी 89.30 अंक बढ़कर 24,924.15 पर था। अधिकांश अन्य व्यापक बाजार सूचकांकों ने भी सकारात्मक नोट पर कारोबारी सत्र की शुरुआत की, जिसमें स्मॉलकैप शेयरों ने मजबूत वापसी की क्योंकि बाजार निवेशकों ने बजट 2024 में हाल ही में पूंजीगत लाभ की घोषणा को नजरअंदाज कर दिया। निफ्टी 50 पर सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाले पांच शेयर एनटीपीसी, बीपीसीएल, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और श्रीराम फाइनेंस रहे। वहीं, सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले शेयर डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, टाइटन, सिप्ला, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और एसबीआई लाइफ रहे।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "सकारात्मक संकेतों के कारण इस तेजी वाले बाजार की अंतर्धारा मजबूत हुई है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नरम लैंडिंग परिदृश्य और सितंबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बरकरार है। इससे इस तेजी वाले बाजार को वैश्विक समर्थन मिलेगा। अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड की यील्ड में 4.17% की गिरावट और ब्रेंट क्रूड में 81.2 डॉलर की गिरावट अन्य सहायक कारक हैं।"

उन्होंने कहा कि हाल के रुझानों से अलग हटकर एफआईआई और डीआईआई दोनों ने पिछले शुक्रवार को खरीदार का रुख किया, जिसके परिणामस्वरूप कुल 5320 करोड़ रुपये की खरीदारी हुई, जिससे बाजार में तेजी आई। डीआईआई जो बजट में कर प्रस्तावों पर स्पष्टता की प्रतीक्षा में नकदी पर बैठे थे, उन्होंने विशेष रूप से गुणवत्ता वाले लार्जकैप में धन लगाना शुरू कर दिया है, जो निफ्टी में तेज उछाल को दर्शाता है।
'फ़िलहाल 3.2% बेरोजगारी दर, बहुत जल्द ये...', लोकसभा में नौकरियों, बेरोजगारी पर बोले श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया




केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को देश को आश्वस्त किया कि नौकरियां ख़त्म होने को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि निकट भविष्य में देश की बेरोजगारी दर 3 प्रतिशत से नीचे आने का अनुमान है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बोलते हुए मंडाविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेरोजगारी कम करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला।

उन्होंने सदन को बताया कि, वर्तमान बेरोजगारी दर 3.2 प्रतिशत है, जो 2017-18 की अवधि के दौरान दर्ज 6 प्रतिशत से काफी बेहतर है। मंडाविया ने जोर देकर कहा कि यह सकारात्मक प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है, और अधिक नौकरियां पैदा होने पर दर 3 प्रतिशत से नीचे आने की संभावना है। बेरोजगारी में कमी के अलावा, मंडाविया ने श्रम बल भागीदारी में वृद्धि का भी उल्लेख किया, जो 2017-18 में 38 प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई है। यह आंकड़े बताते हैं कि सक्रिय रूप से रोजगार की तलाश करने और उसे प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, इसी अवधि के दौरान कार्य-जनसंख्या अनुपात 31 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया है, जो जनसंख्या के नियोजित वर्ग में समग्र वृद्धि को दर्शाता है। मंडाविया ने रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए आश्वासन दिया कि नौकरियों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि ये सुधार मोदी सरकार द्वारा लागू की गई सफल नीतियों और पहलों का प्रमाण हैं।

वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और नौकरी बाजारों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए बेरोजगारी दर में 3.2 प्रतिशत की कमी एक सराहनीय उपलब्धि है। 3 प्रतिशत से कम दर का लक्ष्य रखना सरकार की अपने नागरिकों के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने और रोजगार से संबंधित चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये आँकड़े एक मजबूत और सुधरते हुए नौकरी बाजार का संकेत देते हैं, जो न केवल आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है बल्कि कार्यबल के आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। श्रम बल की भागीदारी और कार्य-जनसंख्या अनुपात में वृद्धि एक संपन्न अर्थव्यवस्था के सकारात्मक संकेतक हैं जहाँ अधिक व्यक्ति लाभकारी रोजगार पा रहे हैं।
राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा में कही ऐसी बात, जिसपर वित्त मंत्री ने पकड़ा माथा
#rahul_gandhi_vs_nirmala_sitharaman_budget_session

कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में बजट पर भाषण के दौरान सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष ने दलित, पिछड़ा वर्ग और गरीब वर्ग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनके लिए बजट में कुछ नहीं था। बजट को राहुल गांधी ने हलवा बताते हुए कहा कि 20 लोगों ने बजट तैयार किया, जिनमें माइनॉरिटी और पिछड़ा वर्ग के सिर्फ दो ही लोग थे।

राहुल ने सदन में बजट के दौरान हलवा सेरेमनी वाली फोटो दिखाने की अनुमति मांगी। इस पर लोकसभा स्पीकर ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह नियमों के खिलाफ है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं फोटो दिखाना चाहता हूं, इसमें बजट का हलवा बंट रहा है, इसमें एक ओबीसी, आदिवासी, दलित अफसर नहीं दिख रहा है। देश का हलुवा खा रहे हो और बाकी लोगों को हलवा नहीं मिल रहा है। राहुल की इस बात पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने माथा पकड़ लिया।

राहुल गांधी ने कहा कि देश का हलवा 20 लोगों ने बांटने का काम किया है 90 फीसदी लोगों में से सिर्फ दो है एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी और फोटो में तो आपने आने ही नहीं दिया। उन्होंने कहा, 'सर आप हलवा खा रहे हैं और बाकि लोगों को हलवा मिल ही नहीं रहा है। हमने पता किया है कि 20 अधिकारियों ने बजट तैयार किया है। अगर आप लोग नाम चाहते हैं तो मैं आपको इन अधिकारियों के नाम भी दे सकता हूं।' उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब 20 अधिकारियों ने बजट बनाया है। मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा है। बांटता कौन है वही दो या तीन प्रतिशत लोग, मिलता किसे है? केवल इन तीन प्रतिशत को ही। बाकी 99 प्रतिशत को क्या मिलता है?  नेता प्रतिपक्ष ने कहा, मैं चाहता था कि जाति जनगणना की बात उठे। 95 प्रतिशत ये चाहते हैं, दलित, आदिववासी, अल्पसंख्यक और गरीब सवर्ण चाहते हैं सभी चाहते हैं कि उनकी हिस्सेदारी कितनी है।

राहुल गांधी ने बजट भाषण में पेपर लीक मुद्दे का जिक्र न करने के लिए निर्मला सीतारमण पर हमला बोला। इस मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 सालों में देश में पेपर लीक के 70 मामले सामने आए हैं। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 99% युवा केंद्रीय बजट 2024 में पेश किए गए इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि आपने युवाओं के लिए क्या किया? इस दौरान राहुल गांधी के एक बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि अग्निवीर को लेकर नेता प्रतिपक्ष देश को गुमराह कर रहे हैं।
कमेंट्री के दौरान पेरिस ओलंपिक में जमकर हुई पाकिस्तान की फजीहत? तेजी से वायरल हुआ वीडियो, जानिए, पूरा मामला





फ्रांस की राजधानी पेरिस में ओलंपिक 2024 का उद्घाटन हो चूका है। उद्घाटन समारोह के दौरान पाकिस्तान को एथलीटों की संख्या को लेकर कुछ शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। एक कमेंटेटर ने पाकिस्तान की एथलीट संख्या पर टिप्पणी की, जिससे पाकिस्तान के लोगों में नाराजगी तथा शर्मिंदगी का माहौल बन गया है। पाकिस्तान ने इस ओलंपिक में कुल 18 सदस्य भेजे हैं, जिनमें से सिर्फ 7 एथलीट हैं। उद्घाटन समारोह के चलते, जब पाकिस्तान की 18 सदस्यीय टीम मंच पर आई, तो कमेंटेटर ने टिप्पणी की, "पाकिस्तान की 24 करोड़ से ज्यादा आबादी है, लेकिन ओलंपिक में सिर्फ 7 एथलीट भाग ले रहे हैं।"

वही इस टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है तथा पाकिस्तानी इसे शर्मनाक मान रहे हैं। पाकिस्तानी पत्रकार बासित सुभानी एवं फरीद खान ने सोशल मीडिया पर इस घटना की आलोचना की और पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। पेरिस ओलंपिक में पाकिस्तान के सात एथलीटों में सबसे प्रमुख नाम जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम है, जो पाकिस्तान की पदक की एकमात्र उम्मीद हैं। अन्य एथलीटों में शूटर गुलाम मुस्तफा बशीर, गुलफाम जोसेफ, किश्माला तलत, एवं वाइल्ड कार्ड एंट्री वाले फैका रियाज, मोहम्मद अहमद दुर्रानी, और जहानआरा नबी सम्मिलित हैं। पाकिस्तान ने 10 मीटर एयर पिस्टल के क्वालिफिकेशन से अपने अभियान की शुरुआत की।


भारत की तरफ से पेरिस ओलंपिक में 117 एथलीट्स गए हैं, जो 16 खेलों में भाग लेंगे। इनमें 70 पुरुष और 47 महिलाएं सम्मिलित हैं, जो 69 इवेंट्स में 95 पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। 44 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना भारत के सबसे उम्रदराज एथलीट हैं, जबकि 14 वर्षीय तैराक धिनिधी देसिंघु सबसे कम उम्र की सदस्य हैं। धिनिधी ने तैराकी के सेमीफाइनल में हार के बाद भारत की स्विमिंग यात्रा का अंत किया। अब तक भारत को 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में मनु भाकर द्वारा एक कांस्य पदक मिला है।
'हम और अधिक निरिक्षण नहीं करना चाहते..', हेमंत सोरेन को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा, निरीक्षण किया तो आप ...





उच्चतम न्यायालय ने आज सोमवार (29 जुलाई) को भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका खारिज कर दी। जांच एजेंसी ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि उच्च न्यायालय का आदेश "सही नहीं" था।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय का आदेश "सुविचारित" था और उसने किसी भी बयान की अवहेलना नहीं की थी। अदालत ने कहा, "इसमें इस बात के वैध कारण दिए गए हैं कि बयान विरोधाभासी क्यों हैं।" इसमें कहा गया कि यदि ED ने सुनवाई आगे बढ़ाई तो उसे "कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है"। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "हम और अधिक निरीक्षण नहीं करना चाहते; यदि हम और अधिक निरीक्षण करेंगे तो आप (ED) मुश्किल में पड़ सकते हैं।"

बता दें कि सोरेन धन शोधन मामले में उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद 28 जून को वे रांची स्थित बिरसा मुंडा जेल से बाहर आये थे। रिहाई के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM नेता चंपई सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विश्वास मत जीतने के बाद वे फिर से मुख्यमंत्री बन गए।
'अभिमन्यु, चक्रव्यूह, शिव की बारात, डर का माहौल..', लोकसभा में बजट पर नेता विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिया धमाकेदार भाषण





आज सोमवार (29 जुलाई) को लोकसभा में राहुल गांधी बजट पर बोलने के लिए खड़े हुए। इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश आज ' चक्रव्यूह ' में फंस गया है, जिसका प्रतिनिधित्व कमल का फूल (भाजपा का) कर रहा है, जिसे प्रधानमंत्री छाती पर पहनते हैं। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि देश में डर का माहौल है।

राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि, "हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में 6 लोगों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर उसकी हत्या कर दी थी। मैंने थोड़ी रिसर्च की और पता चला कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहा जाता है - जिसका अर्थ है कमल का आकार। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि, "21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह रचा गया है - वह भी कमल के रूप में। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) इसका प्रतीक अपनी छाती पर पहनते हैं। जो अभिमन्यु के साथ किया गया था, वही अब भारत के साथ किया जा रहा है - देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, छोटे और मध्यम व्यवसायों के साथ किया जा रहा है।'' राहुल गांधी ने कहा कि INDIA अलायन्स शिव की बरात है और लड़ाई अब चक्रव्यूह और शिव की बारात के बीच है।

राहुल गांधी ने कहा कि, "अभिमन्यु की हत्या छह लोगों ने की थी। आज भी चक्रव्यूह के केंद्र में छह लोग हैं - नरेंद्र मोदी, अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत, (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी।" स्पीकर ओम बिरला ने जब उन्हें टोका कि, जो लोग इस सदन के सदस्य नहीं हैं, या कभी नहीं रहे हैं, उनका नाम नहीं लीजिए। तो राहुल गांधी ने कहा कि, "अगर आप चाहें तो मैं एनएसए, अंबानी और अडानी का नाम छोड़ दूंगा और सिर्फ तीन नाम लूंगा। बाकी को मैं नंबर 4, नंबर 5 कहूंगा, या A1 और A2 कहूंगा।"

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि देश डर के माहौल में जी रहा है। उन्होंने अपना फेवरेट डायलॉग भी बोला, जो उन्होने चुनाव के दौरान काफी इस्तेमाल किया था, ''डरो मत।'' राहुल ने कहा कि, "भारत में भय का माहौल है और यह भय हमारे देश के हर पहलू में व्याप्त है। मेरे दोस्त मुस्कुरा रहे हैं, लेकिन वे डरे हुए भी हैं। किसान नेता युवा सब डरे हुए हैं।" राहुल गांधी ने कहा कि, "भाजपा में केवल एक आदमी को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने की इजाजत है। अगर रक्षा मंत्री सोचें हैं कि वे प्रधानमंत्री बनना चाहें, तो यह बड़ी समस्या है, डर है। यह डर पूरे देश में फैल गया है।"

दरअसल, पहले ऐसी खबर आई थी कि, कांग्रेस सांसद मांग कर रहे हैं विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल को सदन में बजट पर भाषण देना चाहिए। लेकिन, कांग्रेस के लोकसभा सांसदों के साथ बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि चूंकि वह संसद के विशेष सत्र के दौरान भाषाण दे चुके हैं, इसलिए उनका मानना है कि हर बार उनके बोलने के बजाय, बारी-बारी से दूसरे सांसदों को भी बोलने का मौका दिया जाना चाहिए। राहुल गांधी बोलने से परहेज करना चाह रहे थे, लेकिन कांग्रेस सांसद उन पर जोर दे रहे थे।

लेकिन, कांग्रेस सांसद इस बात पर जोर दे रहे थे कि विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल के संबोधन का खासा असर होगा और इसलिए उन्हें बोलना चाहिए। लेकिन तब तक राहुल कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाए थे, लेकिन सांसदों के दबाव के चलते उन्होंने आज फैसला लिया और बजट पर ये धमाकेदार भाषण दिया।
लोकसभा में राहुल गांधी और ओम बिरला के बीच बहस, जाने किस मुद्दे पर आए आमने-सामने
#lok_sabha_speaker_and_rahul_gandhi

लोकसभा में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बीच गहमा गहमी देखने को मिली।राहुल गांधी ने आज आम बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बीजेपी और पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल ने सदन में मिडिल क्लास का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पीएम मोदी ने उनसे कोरोना काल के दौरान थाली बजवाई। इसके बाद पीएम ने सभी से मोबाइल और टार्च की लाइट जलाने को कहा, मिडिल क्लास ने वो भी किया। राहुल ने आगे कहा लेकिन आपने उनके साथ क्या किया। आपने मध्यमवर्गीय परिवार की पीछे से पीठ में और सामने से छाती पर चाकू घोंपने का काम किया।

अपने भाषण में राहुल गांधी ने बजट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में मिडिल क्लास की पीठ में छुरा घोंपा है। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, ‘मिडिल क्लास इस बजट से पहले प्रधानमंत्री को सपोर्ट करता था। जब प्रधानमंत्री ने कोरोना के सामने ताली बजवाई तो उन्होंने दबा के थाली बजाई। धड़-धड़..धड़….थाली बजाई। हमें अजीब लगा मगर जब पीएम ने मिडिल क्लास को आदेश दिया तो मिडिल क्लास ने थाली बजाई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने उसी मिडिल क्लास से कहा कि मोबाइल फोन की लाइट जलाओ और मोबाइल फोन की लाइट जली। मिडिल क्लास ने मोबाइल की लाइट जला दी। अब इस बजट में उसी मिडिल क्लास को एक छूरा पीठ में मारा तो दूसरा छाती में। एक इधर मारा तो दूसरा इधर।

राहुल गांधी ने बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, आपने जो इंडेक्शन कैंसिल की, वो पीठ में छुरा था और जो आपने कैपिटल गेन्स टैक्स बढ़ाया, वो छाती में छुरा था। दुख की बात है। मगर इंडिया गठबबंधन के लिए हिडेन बेनिफिट है कि मिडिल क्लास आपको छोड़ने जा रही है और इस साइड आ रही है। मेरा कहना है कि जहां भी आपको मौका मिलता है आप चक्रव्यूह बना देते हैं। आप चक्रव्यूह बनाते हो, हम तोड़ने का काम करते हैं। किसान का कर्जा माफ हुआ, मनरेगा हुआ, हमने सबमें चक्रव्यू तोड़ा। आप चाहते हो कि हिंदुस्तान छोटे-छोटे खांचे में रहें, हिंदुस्तान के गरीब लोग सपना न देख पाएं। इसके बाद राहुल गांधी ने जैसे ही दो उद्योगपतियों का नाम लिया, हंगामा हो गया।

राहुल के भाषण के बीच ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने टोका और नियम की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि दोनों उद्योगपतियों का नाम नहीं लेने की बात आपकी ओर से चिट्ठी में कही गई है। ओम बिरला ने कहा, ‘यह सदन की अपेक्षा रहती है कि सदन की मर्यादा बनी रहे। आप जो भी विषय रखें, नियम प्रक्रिया के तहत रहे। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मुझे नाम न लेने का दूसरा तरीका बता दीजिए। इसके बाद विपक्ष की तरफ से एक सदस्य के दखल देने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने फटकारते हुए कहा कि आप ज्ञान मत बांटो उनको (राहुल गांधी को), वो ज्ञानी हैं।
UGC-NET परीक्षा रद्द करवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे वकील, CJI चंद्रचूड़ बोले- आप क्यों आ गए ? छात्रों को स्वयं यहां आने दीजिए न...





सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार (29 जुलाई) को कथित पेपर लीक के बाद यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका को खारिज करना उसके गुण-दोष पर निर्णय नहीं है, क्योंकि यह एक वकील द्वारा दायर की गई थी, न कि पीड़ित छात्रों के द्वारा।

CJI ने वकील से कहा, "आप (वकील) क्यों कोर्ट आ रहे हैं? छात्रों को स्वयं यहां आने दीजिए।" CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि, "उपर्युक्त जनहित याचिका को अस्वीकार करते हुए हम इसके गुण-दोष पर कुछ नहीं कहेंगे।" सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के रूप में जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता उज्ज्वल गौड़ से कहा कि वे कुछ कानूनी मामलों पर ध्यान केंद्रित करें और ऐसे मुद्दों को पीड़ित व्यक्तियों के लिए छोड़ दें।

यह याचिका केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने के निर्णय के खिलाफ दायर की गई थी, क्योंकि ऐसी सूचनाएं थीं कि इसकी सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया है। मंत्रालय ने 19 जून को यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया था और मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था। याचिका में गौड़ ने यूजीसी-नेट परीक्षा की प्रस्तावित पुनः परीक्षा पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश देने की भी मांग की, जब तक कि CBI पेपर लीक आरोपों की जांच पूरी नहीं कर लेती।

याचिकाकर्ता का कहना है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हालिया निष्कर्षों को देखते हुए यह निर्णय न केवल मनमाना है, बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। अधिवक्ता रोहित पांडे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, "सीबीआई की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि पेपर लीक होने का संकेत देने वाले साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिससे रद्दीकरण का आधार निरस्त हो जाता है।'' याचिकाकर्ता ने दलील दी कि परीक्षा को "अनुचित" तरीके से रद्द करने से उन अभ्यर्थियों को काफी परेशानी, चिंता और अनावश्यक संसाधनों का नुकसान हुआ है, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी।
कई गरीबों के करोड़ों रूपए खा गए शमीद, मोहसिन और अजहर, पढ़िए, कर्नाटक का यह हैरान कर देने वाला मामला





कर्नाटक के दरवेश ग्रुप कंपनी से जुड़े करोड़ों के धोखाधड़ी मामले में CID अधिकारियों ने मुहम्मद शमीद, मोहसिन और अजहर अली को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान आरोपियों ने बताया कि एक परिचित के घर पर 2 करोड़ रुपए नकद छिपाए गए हैं। इस सुराग के बाद CID अधिकारियों ने रायचूर शहर के एलबीएस नगर में एक घर की तलाशी ली और 2 करोड़ रुपए बरामद किए। धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद से कंपनी का मालिक मोहम्मद हुसैन सुजा फरार है। CID एसपी पुरुषोत्तम के नेतृत्व में जांच जारी है, जो सुजा की सक्रियता से तलाश कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, रायचूर में हैदराबाद रोड पर स्थित दरवेश ग्रुप कंपनी 2022 से काम कर रही है। कंपनी का प्रबंधन मोहम्मद हुसैन सुजा, सैयद मस्किन और सैयद द्वारा किया जाता था। उन्होंने 10 प्रतिशत और उससे अधिक ब्याज दरों के साथ उच्च रिटर्न का वादा करके लोगों से पैसे ले लिए थे। इस योजना ने मुख्य रूप से ऑटो और कैब ड्राइवरों, प्लास्टर श्रमिकों और अन्य गरीब व्यक्तियों को निशाना बनाया गया, जिसमे से कई लोगों ने उच्च ब्याज दरों के वादे के लालच में निवेश करने के लिए अपने घर तक को गिरवी रख दिया।


हालांकि, पिछले कुछ महीनों से कंपनी वादा किए गए ब्याज का भुगतान करने में विफल रही है, जिससे निवेशकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप और अशांति बढ़ रही है। 22 जून को स्थिति और बिगड़ गई, जब वित्तीय मुद्दों को लेकर दरवेश ग्रुप के कार्यालय में एक बड़ा टकराव हुआ। निवेशकों ने बताया कि कंपनी महीनों से जवाबदेह नहीं रही और उसने पूरी तरह से परिचालन बंद कर दिया है। ब्याज भुगतान, जो पहले छिटपुट चल रहा था, वो अब पूरी तरह से बंद हो गया है। रायचूर साइबर, आर्थिक और नारकोटिक (सीईएन) अपराध पुलिस स्टेशन में एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई, जिसके परिणामस्वरूप दरवेश समूह के मालिकों - मोहम्मद हुसैन सुजा, सैयद मस्किन और सैयद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। शमीद, मोसिन और अजहर अली की गिरफ़्तारी चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। सीआईडी सुजा की तलाश कर रही है और 2 करोड़ रूपए बरामद कर लिए हैं। बताया जा रहा है कि ये पूरा घोटाला  500 करोड़ रूपए का है।

रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी बड़ी रकम इकट्ठा कर किसी खाड़ी देश में भागन जाने की साजिश रच रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनकी कोशिश नाकाम कर दी। आरोपियों ने निवेशकों से वादा किया था कि वे शेयर बाजार में पैसा लगाएंगे और अच्छा रिटर्न देंगे, इसलिए वे 10 फीसदी ब्याज दे सकते हैं। लेकिन मई से उन्होंने निवेशकों को ब्याज देना बंद कर दिया है, जिससे निवेशकों में दहशत फैल गई और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दलित युवक वेंकटेश ने दो महीने पहले ही अपनी खुद की 2 लाख रुपए की रकम निवेश की और अपने भाई को 7 लाख रुपए निवेश करने के लिए राजी किया। पीड़ितों में अधिकतर दलित और पिछड़े वर्ग के लोग हैं।

कंपनी द्वारा भुगतान बंद करने की बात सुनकर वह सदमे में आ गया और पिछले सप्ताह जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। आत्महत्या के प्रयास के बाद विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। दबाव के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने मामले को CID को सौंप दिया, जिसने कंपनी के तीन भागीदारों को गिरफ्तार करने और मामले के मुख्य आरोपी को पकड़ने के प्रयास में सफलता पाई।