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बिहार विधान मंडल मॉनसून सत्र : विपक्ष के हंगामे पर गुस्से से लाल हुए विधान सभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, दी यह सख्त चेतावनी

पटना : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के आज शुक्रवार को अंतिम दिन की कार्यवाही भी विपक्ष के भारी हंगामे और शोरगुल के साथ शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही आज शुक्रवार को जैसे ही शुरू हुई विपक्षी विधायकों ने फिर से शोर गुल करना शुरू कर दिया। कांग्रेस माले और राजद विधायकों ने विशेष राज्य की मांग उठाई। हालांकि सदन में प्रश्न काल का समय था लेकिन विपक्षी सदस्यों का भारी हंगामा शुरू हो गया। 

सदन की व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्पीकर नंदकिशोर यादव ने कहा कि प्रश्न काल चलने दीजिए। लेकिन विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और वे पोस्टर लहराने लगे। नारेबाजी करते हुए विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए। 

राजद सहित विपक्षी दलों के विधायकों के भारी हंगामे पर स्पीकर नंद किशोर यादव जोरदार गुस्से में दिखे। खासकर राजद विधायक कामरान को स्पीकर ने सख्त चेतावनी दी। दरअसल, हंगामा कर रहे राजद विधायक टेबल उठाने की बात कर रहे थे। इस पर स्पीकर ने तुरंत सख्ती दिखाई और राजद विधायक को स्पीकर ने चेताते हुए कहा कि हिम्मत है तो टेबल उठाइए, धमकी देते हैं की टेबल उठाएंगे, हिम्मत है तो उठाइए, तुरंत बाहर कर देंगे। आपकी अराजकता बर्दास्त नहीं करेंगे। सीधे बाहर कर देंगे। जिस दौरान स्पीकर ने अपना गुस्सा दिखाया उस समय कामरान टेबल उठाने की कोशिश कर रहे थे,इसी पर स्पीकर गुस्से में लाल हो गए।

वहीं स्पीकर की धमकी के बाद विपक्षी विधायक सहम गए। कुछ अपनी सीट पर चले गए। इस दौरान स्पीकर ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी से कहा,आप आसान पर रहे हैं, अपने सदस्यों को बिठाइए। नंद किशोर यादव के तल्ख तेवर के बाद डरे विधायक अपनी सीट पर गए। हालांकि वेल में आकर कुछ सदस्य उसके बाद भी हंगामा करने लगे। इस पर बार बार स्पीकर ने सदस्यों को चेतावनी दी कि वे अपनी सीट पर जाएं। इस तरह से उनकी बातें नहीं सुनी जाएगी।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन के निधन पर सीएम नीतीश ने जताया गहरा शोक, पार्टी और समाज के लिए बताया अपूर्णिय क्षति*

डेस्क : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता तथा इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन का गुरुवार को दिल्ली में आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन की खबर के बाद राजनीतक और सामाजिक क्षेत्र में शोक का लहर व्याप्त है। इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजीव रंजन के असामयिक निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि श्री राजीव रंजन एक कुशल राजनीतिज्ञ एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति एवं उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। बता दें कि राजीव रंजन सिंह की गिनती सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी लोगों में की जाती थी। यही कारण है नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। राजीव रंजन सिंह इस्लामपुर के पूर्व विधायक थे। साथ ही पिछले साल ही नीतीश कुमार ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता बनाया था।
बिहार बीजेपी में बड़ा बदलाव, मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल को बनाया गया प्रदेश अध्यक्ष*

डेस्क : बिहार बीजेपी में बड़ा बदलाव हुआ है। पार्टी ने बिहार के प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वैश्य समाज से आने वाले दिलीप जायसवाल को सम्राट चौधरी की जगह प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी है। सम्राट को करीब 16 माह पहले 23 मार्च 2023 को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। गुरुवार देर रात राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से गुरुवार देर रात जारी पत्र की जानकारी एमएलसी संजय मयूख ने मीडिया को दी। दिलीप जायसवाल के पिछले दिनों आलाकमान से मुलाकात के बाद से ही उन्हें बिहार की कमान सौंपने के कयास लगाये जा रहे थे। 61 वर्षीय डॉ. जायसवाल को गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। खगड़िया के मूल निवासी दिलीप जायसवाल पूर्णिया अररिया, किशनगंज क्षेत्र से तीसरी बार विधान पार्षद हैं। कई वर्षों तक वह प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे। अभी सिक्किम के प्रभारी हैं। डॉ. जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप कर पार्टी ने बड़ी सधी चाल चली है। अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने के साथ पार्टी ने अपने कोर वोटर का ख्याल रखा है। कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट के ठीक पहले संजय जायसवाल भी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। दिलीप जायसवाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही उनका मंत्री पद छोड़ना तय है।
बड़ी खबर : कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक और हेड क्लर्क कार्यालय में ले रहा था 3 लाख घूस, निगरानी की विशेष टीम ने दबोचा*

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां निगरानी ब्यूरो की विशेष टीम ने कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (शष्य) और उनके हेड क्लर्क को घूस लेते गिरफ्तार किया है। संयुक्त निदेशक विभु विद्यार्थी और इनके प्रधान लिपिक सत्यनारायण कुमार को निगरानी की टीम ने 3 लाख रुपये घूस लेते बीते गुरुवार को पटना में जक्कनपुर थाना के सामने स्थित कृषि विभाग के मुख्यालय, कृषि भवन के दूसरे तल के कमरा नंबर 303 से दबोचा है। यहीं संयुक्त निदेशक का कार्यालय है और वे अपने कार्यालय में ही लिपिक के जरिये घूस ले रहे थे। *मामला रफा-दफा करने को मांगा था दस लाख* बताया जा रहा है कि पटना सिटी के खाद दुकानदार नीरज कुमार ने इन दोनों के खिलाफ 10 लाख रुपये घूस मांगने की शिकायत निगरानी ब्यूरो से की थी। नीरज से खाद की दुकान में कुछ गड़बड़ी का हवाला देते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गई थी। इस स्पष्टीकरण का जवाब देकर पूरे मामले को रफा-दफा करते हुए उन्हें दोषमुक्त करने के एवज में यह राशि मांगी जा रही थी। इसमें पहली किस्त के तौर पर 3 लाख की मांग की गई थी। शेष बाद में देना तय हुआ था। नीरज को लिपिक के माध्यम से कहा जाता था कि रिश्वत नहीं देने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। शिकायत के बाद निगरानी ब्यूरो की विशेष टीम ने दोनो को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया और गुरुवार को जैसे ही रिश्वत की पहली किश्त 3 लाख रुपये हेड क्लर्क को शिकायत कर्ता ने दिया निगरानी की टीम ने दबोच लिया. बताया जा रहा है कि घूस में 25 हजार रुपये कमीशन के तौर पर लिपिक को मिलना था। कार्यालय में यह लिपिक नेताजी के नाम से पुकारे जाते हैं। इनका मूल पदस्थापन भोजपुर के जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में बतौर लिपिक है। परंतु सेटिंग की बदौलत इन्होंने अपनी प्रतिनियुक्ति पटना के जिला कृषि कार्यालय में करा रखी है। इसके बाद वे पटना प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (शष्य) के साथ हैं।
बड़ी खबर : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन का दिल्ली में आकस्मिक निधन, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र मे शोक की लहर*

डेस्क : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता तथा इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन का आकस्मिक निधन हो गया है। उनके निधन की खबर के बाद राजनीतक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी। जदयू के साथ-साथ पूरे राजनीतिक हलके में शोक का लहर व्याप्त है। राजीव रंजन का बीते गुरुवार की शाम दिल्ली में निधन हुआ है। उनके पुत्र रोहेल रंजन ने बताया कि शाम सात बजे तक वह बिल्कुल ठीक थे। अचानक सिर में दर्द और फिर हृदयघात हुआ। 7.30 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया और 8 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस्लामपुर के मूल निवासी राजीव रंजन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी थे। 73 वर्षीय राजीव रंजन बेहद मृदुभाषी और मिलनसार इंसान थे। झारखंड और छत्तीसगढ़ बिजली बोर्ड के अध्यक्ष रहे थे। उनका पार्थिव शरीर आज शुक्रवार को पटना लाया जाएगा और यहीं अंतिम संस्कार होगा। वे पूर्व मंत्री रामशरण प्रसाद के पुत्र और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल सिद्धेश्वर प्रसाद के दामाद थे। अपने पीछे पत्नी, पुत्र समेत भरापूरा परिवार छोड़ गये हैं।
दिल्ली से पटना लौटते ही सीएम नीतीश पर हमलावर हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद , कही यह बड़ी बात

डेस्क : केन्द्र सरकार द्वारा इस बजट में भी बिहार को विशेष दर्जा नहीं दिया गया है। हालांकि केन्द्र सरकार ने 2600 करोड़ की बड़ी राशि बिहार को दी है। वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने को लेकर विपक्ष प्रदेश की एनडीए सरकार और खासकर सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर है। इसी कड़ी में आज दिल्ली से पटना लौटते ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। 

दरअसल बीते 22 जुलाई को लालू प्रसाद यादव पटना से दिल्ली गए थे। 23 जुलाई को दिल्ली में उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनका आवश्यक इलाज हुआ। मेडिकल चेकअप करने के बाद डॉक्टर ने अस्पताल से उन्हें छुट्टी दे दी। दो दिन दिल्ली में अपनी बेटी सह लोकसभा सांसद मीशा भारती के आवास पर विश्राम और आज 25 जुलाई को पटना लौट आए।

आज गुरुवार को लालू प्रसदा जैसे ही पटना लौटे तो एयरपोर्ट पर मीडिया ने उनसे सवाल करने शुरू कर दिए। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बजट को लेकर कहा कि केंद्र ने झुनझुना पकड़ा दिया है। इससे पहले लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार के आम बजट की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि बजट से आम आदमी को निराशा हाथ लगी है, क्योंकि जनता के लिए कुछ भी नहीं है। 

वहीं लालू प्रसाद ने बजट को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी जमकर सुनाया। उन्होंने कहा कि बजट में बिहार के लिए जो फंड मिला है वह झुनझुना थमा देने जैसा है। नीतीश कुमार इसी से खुश हैं जबकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हर हाल मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इसे लेकर रहेंगे।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के आगे सरेंडर कर गया है। इनसे अब कुछ होनेवाला नहीं है। इससे पहले दिल्ली जाते वक्त उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि विशेष राज्य का दर्जा नहीं ले सके। बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में गतिरोध पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।

बिहार विधानमंडल का मानसूत्र : विधानसभा में इस योजना को लेकर बीजेपी विधायको ने अपनी ही सरकार से किया सवाल, मंत्री ने दिया यह जवाब

डेस्क : बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का चौथा दिन है। सदन की आज की कार्यवाही भी विपक्ष के भारी हंगामे के साथ शुरु हुआ। हालांकि विपक्ष के हंगामे के बाद सत्ताधारी बीजेपी विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल उठा। 

दरअसल प्रश्नकाल के दौरान बिहार की नीतीश सरकार की महत्वकांक्षी 'हर घर नल जल' की अनियमितता को लेकर गुरुवार को विधानसभा में भाजपा के विधायकों ने अपनी ही सरकार को घेरा। दरभंगा से भाजपा विधायक संजय सरावगी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में 'हर घर नल जल' की अनियमितता पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि कुल 114 वार्डों में 16 ऐसे वार्ड हैं जहां विभाग की ओर से बताया गया है कि जलापूर्ति पुर्णतः बंद है। वहीं 87 वार्डों में आंशिक रूप से शुरू किया गया है। सरावगी ने कहा कि यह आंकड़ा बताता है कि किस तरह 114 में करीब 100 में जलापूर्ति बाधित है। 

सरावगी के सवाल पर मंत्री नीरज कुमार बबलू ने जवाब देते कहा कि पहले आपके ही जिले में नेता इस विभाग के मंत्री थे। उनसे मिलकर बात करते तो और जल्दी सारा काम हो जाता। हालांकि विभाग जल्द ही उनके क्षेत्र में जलापूर्ति को लेकर जो समस्या है उसका निदान करा दिया जायेगा। वहीं ना केवल सरावगी बल्कि कई अन्य विधायकों ने भी 'हर घर नल जल' की अनियमितता को लेकर कई सवाल किए। प्रहलाद यादव ने अपने क्षेत्र को लेकर कहा कि पाईप जहां बिछाया गया है वहां मानक के अनुरूप काम नहीं हुआ है।

बिहार विधानमंडल का मानसूत्र : भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी, विपक्ष कर रहा आईएएस संजीव हंस की बर्खास्तगी की मांग

डेस्क : बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का चौथा दिन है। सदन की आज की कार्यवाही भी विपक्ष के भारी हंगामे के साथ शुरु हुआ। पांच दिनों तक चलने वाले बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत होने के साथ विपक्ष विभिन्न मामलों को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। मानसून सत्र के पहले दिन बिहार में बढ़ते अपराध को विपक्ष ने मुद्दा बनाया और सदन में मजबूती के साथ सरकार से जवाब मांगा। इसके बाद राज्य में पुलों के धराशायी होने को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा।

वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने और बजट में बिहार की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों ने विधानमंडल के दोनों ही सदनों में जोरदार हंगामा मचाया और अब मानसून सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने बिजली विभाग के सचिव और बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचारी अधिकारियों का संरक्षण कर रही है।

आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। रेप के आरोपी IAS अधिकारी संजीव हंस को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य वेल में पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी की। सरकार पर भ्रष्टाचारी अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए विपक्ष के विधायक हंगामा कर रहे थे। स्पीकर के कहने पर मार्शल्स वेल में पहुंचे और विधायकों के हाथ से प्ले कार्ड छीन लिया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी है।

बिहार को रेलवे की बड़ी सौगात : डीडीयू से झाझा के बीच 16 हजार करोड़ की लागत से तीसरी और चौथी लाइन बनेगी

पटना : केन्द्र सरकार द्वारा आम बजट पेश किए जाने के बाद रेलवे ने बिहार को बड़ा सौगात दिया है। बिहार में रेल अवसरंचना, संरक्षा और यात्री सुविधाओं के विकास के लिए आम बजट में 10 हजार 33 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके तहत डीडीयू से झाझा के बीच 16 हजार करोड़ की लागत से तीसरी और चौथी लाइन बनेगी। यह बिहार के इतिहास में रेलवे की सबसे बड़ी परियोजना होगी।

इस बात की जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बिहार की रेल परियोजनाओं के लिए आम बजट 2024-25 में 10,033 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। पूर्व की सरकार (औसतन 1132 करोड़) की तूलना में नौ गुना अधिक बजट दिया गया है। बिहार में अभी 79356 करोड़ की 55 रेल परियोजनाएं चल रही हैं। बिहार के 92 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है।

वहीं दानापुर डीआरएम ऑफिस में प्रेस वार्ता में डीआरएम जयंत कुमार चौधरी ने कहा कि डीडीयू से झाझा तीसरी और चौथी लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे पूरा हो गया है। जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। इसके बनने से हावड़ा-डीडीयू लाइन पर ट्रेनों के परिचालन से जुड़ी समस्या का निदान हो जाएगा। डीआरएम ने कहा कि बिहार में शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है। वहीं, भभुआ से दिलदारनगर के बीच 800 करोड़ की लागत से नई लाइन बनेगी। 35 किमी लंबाई वाले इस परियोजना का भी फाइनल लोकेशन सर्वे पूरा हो गया है। इसमें दो आरओआर यानी रेल लाइन के ऊपर ब्रिज बनेगा, जिसपर ट्रेनें चलेंगी। बजट में उत्तर बिहार की रेल परियोजनाओं के लिए भी बड़ी धनराशि का प्रावधान किया गया है। लेकिन, इसका विवरण अभी जारी नहीं हुआ है।

विधानसभा में बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2024 पारित, पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर भुगतनी होगी यह बड़ी सजा

डेस्क : बिहार में अब पेपर लीक में दोषी पाये जाने पर कड़ी सजा भुगतनी होगी। बीते बुधवार को विधानसभा ने बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक, 2024 पर मुहर लगा दी। इस नए विधेयक के तहत पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर पेपर लीक के आरोप में पकड़े जाने पर जेल जाना तय है। क्योंकि, इस कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होंगे। वहीं तीन से दस साल की सजा होगी और एक करोड़ तक का जुर्माना भी देना होगा। 

हालांकि इसके पहले विपक्ष ने सदन का वाकआउट किया। भोजनावकाश के बाद विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस विधेयक को पेश किया। उन्होंने कहा कि पेपर लीक को लेकर पहले भी कानून बने थे लेकिन वे प्रभावी नहीं थे। एक तरह से निष्प्रभावी हो गए थे। इसीलिए यह सख्त कानून लाया गया है। बीते कुछ वर्षों में 16 राज्यों में 48 मामले पेपर लीक से संबंधित आए हैं। पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने पेपर लीक को लेकर कानून बनाया था और इसे लागू करने के लिए राज्यों से अनुरोध किया था।

मंत्री के अनुसार पेपर लीक को गंभीर अपराध माना जाएगा। आरोपितों पर गैर जमानती धाराएं लगायी जाएंगी। इसमें शामिल व्यक्तियों या संस्थाओं को तीन से दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है। यह नियम राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में लागू होगा।

ऐसा करने पर होंगे दोषी

● प्रश्नपत्र या उत्तर के किसी हिस्से को परीक्षा से पहले जारी करना

● प्रश्नपत्र या उत्तर लीक करने में दूसरों के साथ शामिल होना

● प्राधिकार के बिना अनुमति प्रश्नपत्र या उत्तर पुस्तिका (ओएमसी शीट) तक पहुंचना या उसे कब्जे में लेना

● किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा एक या अधिक प्रश्नपत्रों को हल करना

● अनाधिकृत तरीके से अभ्यर्थी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहायता करना

● उत्तर पुस्तिकाओं और उसके मूल्यांकन में छेड़छाड़ करना

● किसी अभ्यर्थी की मेरिट या रैंक के दस्तावेज से छेड़छाड़ करना

● धोखा देने या पैसा कमाने के लिए जाली वेबसाइट बनाना

● अभ्यर्थी के रोल नंबर, तारीख, पालियों के आवंटन में हेरफेर व सुरक्षा उपकरणों से छेड़छाड़

वहीं अगर कोई अभ्यर्थी नियमों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, परीक्षा प्रक्रिया में शामिल सेवा प्रदाता अगर कानून का उल्लंघन करते हैं तो उनके लिए एक करोड़ जुर्माने का प्रावधन है। साथ ही परीक्षा की लागत उनसे वसूली जाएगी। उन्हें चार साल के लिए काली सूची में भी डाला जाएगा।

1. बिहार लोक सेवा आयोग

2. बिहार कर्मचारी चयन आयोग

3. बिहार तकनीकी सेवा आयोग

4. बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग

  5. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग

6. केंद्रीय सिपाही चयन पर्षद, बिहार

  7. राज्य सरकार की तरफ से अधिसूचित अन्य सारे प्राधिकरण