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इंटरनेशनल मार्केट में धूम मचा रहा पूर्णिया का स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न, किसान भी उठा रहे अच्छा मुनाफा

डेस्क: सीमांचल के किसान अब स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न की खेती से अपनी किस्मत संवारने में जुटे हैं. विदेशों में बढ़ी मांग से किसानों के चेहरे की चमक बढ़ गयी है. इस स्वीट कॉर्न की खेती के लिए सरकार की तरफ से भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे पूर्णिया समेत पूरे सीमांचल का इलाका स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न के हब के रूप में विकसित हुआ है. जिला प्रशासन ने भी इसकी खेती को तवज्जो दी है. यही कारण है कि यहां के किसानों के लिए यह फसल कमाई का मुख्य जरिया बन रही है. इसकी खासियत यह है कि यह फसल 100 दिन में तैयार हो जाती है. साल में किसान एक ही खेत में तीन फसल आसानी से ले सकते हैं.

पूर्णिया जिले में जिला प्रशासन की पहल पर स्वीट कॉर्न को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलायेगये. इसका फायदा यह हुआ कि स्वीट कॉर्न से किसानों की शुद्ध आय में बढ़ोतरी होने लगी. इससे प्रभावित होकर गेहूं का रकबा कम कर किसानों ने स्वीट कॉर्न की खेती पर जोर दे दिया है. इसमें शुद्ध कमाई देखने के कारण रबी के सीजन में यह फसल किसानों की पहली पसंद बन गयी. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि कोसी सीमांचल के इलाके में उपजाये जानेवाले मक्के की फसल की मांग इसकी बेहतर क्वालिटी की वजह से काफी ज्यादा है. स्थानीय गुलाबबाग मंडी में हर साल लाखों टन मक्के का कारोबार होता है. यहां तक कि रेलवे रैक पॉइंट बनने का श्रेय भी यहां की मक्का की फसल को ही जाता है. लेकिन पारंपरिक मक्के की खेती से इतर कम समय और कम लागत से मुनाफा के दायरे को काफी बेहतर बनाने की दिशा में अब स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न ( मीठा व बच्चा भुट्टा ) की खेती भी जोर पकड़ने लगी है.

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों में मक्का उत्पादों की बढती मांग ने इसकी खेती का मार्ग प्रशस्त किया है. जानकार बताते हैं कि धीरे-धीरे ही सही बड़े-बड़े पांच सितारा होटलों व रेस्टोरेंट में स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न के कई व्यंजनों को ग्राहकों के बीच बड़े आकर्षक अंदाज में परोसा जाने लगा है. दूसरी ओर विभिन्न घरेलू छोटे बड़े आयोजनों और उत्सवों में परोसी जाने वाली सामग्रियों में भी यह अपना स्थान बना चुका है. इस वजह से भी एक बड़े और उभरते मार्केट के रूप में स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न की खेती की संभावना दिखती है. किसान भी मानते हैं कि इसकी खेती में कम वक्त लगने से दो फसलों के बीच के अंतर को पाट कर कुछ अलग फसल भी ली जा सकती है.

हर मामले में किसानों के लिए लाभकारी होने की वजह से कृषि विभाग स्वीट कॉर्न व बाबीकॉर्न के उत्पादन को बढाने में लगा है. यही वजह है कि रबी के बाद खरीफ सीजन में इसकी खेती की कवायद तेज हो गयी है. विभाग किसानों को न सिर्फ इसकी खेती के गुर ही सिखा रहा है बल्कि इनपुट्स भी उपलब्ध करा रहा है. स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न की उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की खरीद पर सब्सिडी किसानों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं. याद रहे कि हरी भरी अवस्था में ही पौधों की कटाई हो जाने से पशुओं के लिए हरा चारा भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है. पशुपालकों की मानें तो इससे प्रति पशु अतिरिक्त रूप में अमूमन डेढ़ से दो लीटर तक दूध की बढ़ोतरी हो जाती है.

कृषि में नवाचार को लेकर डीएम कुंदन कुमार ने किसानों से नयी लाभकारी फसलों का उत्पादन प्रायोगिक तौर पर करने के लिए उत्साहित किया है. खेती में 80-20 का अनुपात रखने को कहा है. इसी कड़ी में विभिन्न उद्यानिक फसलों के साथ साथ स्वीट कॉर्न व बेबी कॉर्न के उत्पादन की भी बात कही है.

नीतीश कुमार की टिप्पणी पर बोलीं आरजेडी विधायक रेखा देवी, 'मुख्यमंत्री तो महिला से बात करने का तरीका ही भूल गए...'

डेस्क: बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी की महिला विधायक रेखा देवी पर विवादित टिप्पणी की थी, इस पर महिला विधायक ने कहा कि वो हम सबके मुख्यमंत्री हैं, लेकिन महिला से बात करने का एक तरीका होता है, लेकिन मुख्यमंत्री तो तरीका ही भूल गए हैं कि महिला से किस तरह से बात की जाती है.  

आरजेडी विधायक ने कहा कि बताइए मुख्यमंत्री महिला से कहते हैं कि वो कुछ नहीं जानती है. कैसे आ गई महिला. हम कहते हैं कि महिलाओं को अपमानित करना बंद करें मुख्यमंत्री. महिलाओं को सम्मान दें. हर घर में महिला मां है, बहू, बेटी है, बहन हैं और इस तरह से बोलते हैं. 

जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्होंने महिलाओं और बेटियों के लिए कई योजनाएं चलाईं तो इस पर रेखा देवी ने कहा, "बेटियों को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन बेटियों के साथ क्या हो रहा है, मुख्यमंत्री ये तो नहीं देखते हैं. बेटियां कहीं सुरक्षित हैं. महिलाओं से मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए."  

नीतीश कुमार ने क्या कहा था? 

दरअसल नीतीश कुमार जब बोलने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष आरक्षण को लेकर विरोध कर रहा था. अपने भाषण के दौरान नीतीश बार-बार विपक्ष के विधायकों से अपील कर रहे थे कि एक बार पूरी बात सुन लीजिए. इसी दौरान वह विरोध कर रहीं आरजेडी विधायक रेखा देवी पर भड़क गए. सीएम ने आरजेडी विधायक से कहा कि अरे महिला हो, कुछ जानती नहीं हो. 

नीतीश ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा, "ये लोग कभी कोई महिला को आगे बढ़ाया है. 2005 के बाद ही बढ़ाना शुरू किए हैं ना. इसीलिए कह रहे हैं, चुपचाप सुनो. हम तो सुनाएंगे अगर आप नहीं सुनेंगे तो ये आपकी गलती है." 

 

इस दौरान नीतीश कुमार जातीय जनगणना को लेकर अपनी बात रख रहे थे. उन्होंने कहा, "जब सर्वसम्मति से जातीय गणना हो गई और पिछड़ों की संख्या ज्यादा आई तो जो 50 फीसदी आरक्षण सीमा होती थी तो हम लोगों ने आरक्षण 75 फीसदी किया. 10 फीसदी केंद्र सरकार ने अपर कास्ट के लिए लागू किया था तो उसको भी लागू किया. हम लोगों ने हर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली."

पेपर लीक के खिलाफ आज विधानसभा में पेश होगा बिल, 10 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माने का प्रावधान

डेस्क: बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र का आज तीसरा दिन है. सूबे को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर विपक्ष आज सरकार के घेर सकता है. विधानसभा की कार्यवाही 11 बजे शुरू होगी. वहीं, 12 बजे विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होगी. बता दें कि नीतीश सरकार आज विधानसभा में तीन बिल पेश करने की तैयारी में है. इसमें पेपर लीक से जुड़ा भी एक बिल है.

कौन-कौन से बिल पेश किए जाएंगे?

बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक, 2024

बिहार माल और सेवा कर ( संशोधन) विधेयक, 2024 

विहार लिफट एवं एस्केलेटर विधेयक, 2024 

प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक रोकने के लिए सख्त नियमों वाला बिल पेश किया जाएगा. नए कानून वाले बिल में पेपर लीक में शामिल दोषियों और संस्थाओं को 3-10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही नए बिल में 10 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ जुर्माने का भी प्रावधान है.

राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं में पेपर लीक होने पर ये कानून प्रभावी होगा. पेपर लीक में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान होगा. इसके अलावा, पेपर लीक के मामलों की जांच अब डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.

विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत ही विपक्ष के हंगामे से ही हुई थी. राज्य के स्पेशल स्टेटस राज्य को लेकर महागठबंधन के विधायक नारेबाजी करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने शांति बनाए रखने की अपील की तो विधायकों ने वेल में आकर हंगामा करने लगे. शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही शुरू हो गई.  

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वारिसलीगंज में 1400 करोड़ लागत के सीमेंट प्‍लांट का सीएम नीतीश करेंगे भूमिपूजन

डेस्क : वारिसलीगंज में चीनी मिल की जमीन पर उद्योगपति अडानी समूह के द्वारा अंबुजा सीमेंट ग्रेडिंग यूनिट की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 29 जुलाई को वारिसलीगंज पहुंचेंगे। यहां वे भूमिपूजन करेंगे।

इस संबंध में कंपनी के एजीएम प्रभात श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी मिल की जमीन को बियाडा के माध्यम से अडानी समूह ने लेकर अंबुजा सीमेंट का ग्रेडिंग यूनिट का स्थापना करने जा रही है। इसके लिए बिहार राज्य के मुखिया नीतीश कुमार द्वारा 29 जुलाई 2024 को भूमि पूजन किया जाएगा।

उद्योग विहीन इस जिला में फैक्ट्री लगने की सूचना के बाद वारिसलीगंज समेत जिले के बेरोजगारों में खुशी देखी जा रही है। बता दें कि वारिसलीगंज की बंद चीनी मिल की करीब 72 एकड़ जमीन को बियाडा ने अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज को उद्योग लगाने के लिए हस्तांतरित किया है। जिसपर अडानी समूह द्वारा अंबुजा सीमेंट का ग्राइंडिंग यूनिट लगाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।

उक्त जमीन को अडानी समूह ने लेकर अनुमानित 1400 करोड़ की लागत से अंबुजा सीमेंट व बिल्डिंग मेटेरियल उत्पाद से जुड़ा उद्योग स्थापित करेगी। इस कंपनी के माध्यम से 6.0 एमटीपीए का सीमेंट ग्राइन्डिंग यूनिट की स्थापित होगी। जिसमें प्रत्यक्ष रूप से करीब दो हज़ार तथा अप्रत्यक्ष रूप से लगभग पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

उद्योग की स्थापना से नवादा समेत बिहारवासियों में एक उत्साह का संचार हो रहा है। क्योंकि बेरोजगार युवाओं में रोजगार मिलने की आस बन रही है।

बिहार के कॉलेजों में अब इंटर की पढ़ाई नहीं, शिक्षकों की नियुक्ति करेगा विश्वविद्यालय सेवा आयोग

डेस्क: बिहार विधानसभा में मंगलवार को तीन विधेयक पारित हुए. इनमें बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग संशोधन विधेयक और विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक शामिल हैं. इन दोनों विधेयकों को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने पेश किया. विधेयक पर सरकार का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि अब सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय सेवा आयोग के जरिए ही शिक्षकों की नियुक्ति होगी. साथ ही उन्होंने बताया कि अब किसी भी डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं होगी.

मंत्री ने सदन को बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय सेवा आयोग को बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 और पटना विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 के तहत संचालित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ही शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार है. इसीलिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग अधिनियम 2017 में संशोधन करना जरूरी हो गया था.

इसके तहत शिक्षा विभाग के अधीन अन्य उच्च संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी शिक्षकों की परिभाषा को व्यापक बनाया जा रहा है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय सेवा आयोग को सभी उच्च संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अधिकृत किया जा रहा है. विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में यह विधेयक पारित किया गया.

मंत्री सुनील कुमार ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक भी पेश किया. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए विद्यालय परीक्षा समिति को आवश्यक अधिकार दिए जाएंगे. इसके लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विद्यालय परीक्षा समिति अधिनियम 2019 को लागू हुए करीब पांच साल हो गए हैं. डिजिटल व्यवस्था में बदलाव, सूचना एवं प्रौद्योगिकी का विकास और परीक्षा के दौरान गोपनीयता बनाए रखना बड़ी चुनौतियां हैं.

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पूर्व निर्णय के आलोक में अब किसी भी डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं होगी. इसलिए वर्तमान में लागू अधिनियम में समिति द्वारा आयोजित परीक्षाओं को ऑनलाइन पद्धति से संचालित करने, परीक्षाओं में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने, संबद्ध संस्थानों की संबद्धता स्वीकृति से संबंधित प्रावधानों में संशोधन करना आवश्यक है. इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव लाया गया है. सदन में यह प्रस्ताव पारित भी हो गया.

नीतीश कुमार तुरंत वापस लें समर्थन', मोदी 3.0 के बजट पर भड़कीं रोहिणी ने नीतीश कुमार को दी नसीहत

डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण आज संसद में आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में बिहार के लिए कई बड़े तोहफों का एलान किया है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार में नए मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट बनाए जाएंगे। राज्य में 26000 करोड़ से सड़कों का जाल बिछाया जाएगा।

इस बीच, राजद नेता और लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य का रिएक्शन सामने आया है। रोहिणी आचार्य ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर पोस्ट शेयर केंद्र सरकार और नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग का जिक्र करते हुए रोहिणी आचार्य ने कहा कि बिहार की वाजिब और बहुप्रतिक्षित मांग को बिहार के प्रति दुर्भाव रखने वाली मोदी सरकार ने खारिज कर दिया है।

भाजपा पर हमला बोलते हुए रोहिणी ने लिखा, "बिहारियों के डीएनए पर सवाल उठाने वालों, खुले मंच से बिहार की बोली लगाने वालों के इस निर्णय का अंदेशा तो था, लेकिन एक उम्मीद भी थी कि जिन बैसाखियों के दम पर केंद्र की सरकार टिकी है , उनकी मांग के मद्देनजर, दबाब में ही सही इस बार बिहार के साथ न्याय होगा , मगर हुआ वही जिसका अंदेशा था। बिहार के हित की अनदेखी करते हुए मांग सिरे से खारिज कर दी गयी।"

नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए रोहिणी आचार्य ने लिखा, "अगर बिहार के हितों के प्रति तनिक भी नैतिक जिम्मेदारी है, तो अब निर्णय लेने की बारी एनडीए गठबंधन की सरकार में शामिल बिहार के बैसाखियों (नीतीश कुमार) की है।

रोहिणी ने कहा कि नीतीश कुमार या तो ठगुआ गठबंधन का हिस्सा बने रहकर बिहार के साथ वादाखिलाफी करने वाली सरकार को अपना समर्थन देना जारी रखकर एक दफा फिर से खुद को कुर्सी की राजनीति तक ही सीमित होना साबित करें, या फिर तत्काल अपना समर्थन वापस लेने के निर्णय के साथ बिहार व बिहार के हितों के प्रति अपनी निष्ठा साबित करें।

बजट में बिहार के लिए कई सौगात... एक्सप्रेस-वे, पावर प्लांट और कॉरिडोर समेत कई ऐलान

डेस्क: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में बिहार को कई सौगात मिली हैं. इनमें 26 हजार करोड़ रुपये के तीन एक्सप्रेस-वे, 21 हजार करोड़ रुपये का 2400 मेगावाट का एक पावर प्लांट, मेडिकल कॉलेज और कई एयरपोर्ट शामिल हैं.  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बिहार को वित्तीय मदद देने की घोषणा की है. वित्त मंत्री ने कहा कि हम बिहार के 'गया' में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देंगे. 'पूर्वोदया' के तहत सरकार देश के पूर्वी क्षेत्र के विकास को गति देगी. हम सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास में भी सहयोग करेंगे.  

इस दौरान निर्मला सीतारमण ने तीन एक्सप्रेस-वे तैयार करने की घोषणा की है. इनमें पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा एक्सप्रेस-वे शामिल हैं. इसके अलावा सरकार बक्सर में गंगा नदी पर 26 हजार करोड़ रुपये की लागत से दो लेन का पुल का निर्माण करेगी. सरकार इन एक्सप्रेस-वे पर 26 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. 

पावर प्लांट, एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज का ऐलान

इसके अलावा 21,400 करोड़ रुपये की लागत से बिहार में 2400 मेगावाट पावर प्लांट तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही राज्य में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इंफ्रा तैयार किए जाएंगे. इसके अलावा बिहार सरकार की अपील पर राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा. 

 

विष्णुपाद और महाबोधि कॉरिडोर का ऐलान

वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भारत को ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. बिहार के गया का विष्णुपाद मंदिर और बोधगया का महाबोधि मंदिर की एक अलग पहचान है. काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर विष्णुपाद कॉरिडोर और महाबोधि कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा. यही नहीं राजगीर जोकि हिंदुओं, जैनियों और बुद्धों का प्रसिद्ध तीर्थ है. इसे भी विश्वस्तरीय डेस्टिनेशन की तर्ज पर तैयार करेंगे. इसके साथ ही नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित किया जाएगा.

बिहार में फिर कब से होगी झमाझम बारिश? मौसम विभाग ने दी जानकारी, पटना और आरा वालों के लिए खुशी

डेस्क : बिहार में सावन का महीना शुरू हो गया है. ऐसे में बीते 10 दिनों से उमस वाली गर्मी से परेशान लोगों के राहत भरी खबर सामने आ रही है. दरअसल सावन के पहले हफ्ते से ही बिहार के कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है. वहीं दूसरे हफ्ते में बिहार में मॉनसून एक बार फिर पूरी तरह से एक्टिव होने का पूर्वानुमान, जिसके बाद राज्य का अधिकांश इलाकों में झमाझम बारिश होने की पूरी संभावना है. वहीं इससे पहले आज 23 जुलाई को बिहार की राजधानी पटना समेत कई शहरों में बारिश का पूर्वानुमान है.

दरअसल इस बार बिहार में अभी तक उम्मीद के मुताबिक मॉनसून की बारिश नहीं हो पायी है. कुछ जिलों में कुछ दिनों तक मध्यम बारिश हुई, जिससे बाद लगातार बारिश में कमी होती गयी. हालांकि मौसम विभाग ने सोमवार और मंगवार को भी कई जिलों में वर्षा की संभावना जताई थी. लेकिन, सोमवार को सिर्फ कुछेक जगहों पर छिटपुट बारिश हुई है. इसके साथ ही मंगलवार 23 जुलाई भी कई जिलों में बारिश की संभावना दी गयी है.

मौसम विभाग ने 23 जुलाई को पटना, गया, जहानाबाद, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, जमुई, लखीसराय, रोहतास, मुंगेर, भभुआ, औरंगाबाद और अरवल में बारिश और वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. वही इन जिलों में 24 और 25 मई को भी बारिश की संभावना है. हालांकि मौसम वैज्ञानिक आनन्द शंकर की माने तो सिर्फ ट्रफ लाइन की सम्भावित जगह पर नहीं रहने के कारण बारिश को लेकर यह परिस्थिति बनी हुई है जबकि बंगाल की खाड़ी में बने कम दवाब के कारण भी बारिश नहीं हो पा रही है.

बता दें कि 21 जुलाई तक बिहार में सामान्य से 25 फीसदी कम वर्षा हुई है. अबतक 405.7 मिमी बारिश होनी चाहिए थी जबकि मात्र 302.5 मिमी ही बारिश हुई है. वहीं वर्षा नहीं होने से धान की खेती करने वाले किसान मायूस हैं. हालांकि मॉनसून को सक्रिय करने वाले घटकों का निर्माण धीरे-धीरे हो रहा है. इस वजह से आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना बनती हुई दिखाई दे रही है. पूर्वी बिहार के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा, उत्तरी भाग में हल्की वर्षा और दक्षिण बिहार के क्षेत्रों में में बारिश की संभावना जताई गयी है.

विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर सीएम नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जदयू की मांग पर केन्द्र सरकार ने संसद में दिया यह साफ जवाब

डेस्क : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। केन्द्र सरकार ने एक तरह से साफ कर दिया है कि यह पूरी नहीं की जा सकती।  कल यानी 23 जुलाई को देश का आम बजट पेश होने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में बजट पेश करेंगी। हालांकि इससे पहले ही जेडीयू की मांग पर केंद्र सरकार ने संसद में जवाब दिया और कहा कि मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस जवाब से आने वाले दिनों में एनडीए के भीतर घमासान बढ़ सकता है।

बताते चले कि  जेडीयू लंबे समय से बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग केंद्र सरकार से कर रही है। जेडीयू पक्ष में हो या विपक्ष में हमेशा विशेष दर्जा की मांग केंद्र के सामने उठाती रही है। एनडीए में शामिल अन्य पार्टियों ने भी जेडीयू की इस मांग का समर्थन किया है। विपक्ष भी जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दबाव बनाता रहा है। विपक्षी दल लगातार यह कह रहे हैं कि राज्य और केंद्र में डबल इंजन की सरकार है ऐसे में नीतीश कुमार बिहार को विशेष दर्जा दिलाएं।

वहीं  सरकार गठन के बाद से ही जेडीयू ने अपनी पुरानी मांग को उठाना शुरू कर दिया था। दिल्ली में जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए प्रस्ताव लाया गया था, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था। जेडीयू के नेता लगातार बिहार को विशेष दर्जा या स्पेशल पैकेज देने की मांग कर रहे थे। जेडीयू का कहना है कि विशेष दर्जा बिहार का हक है और उसे हर हाल में विशेष दर्जा मिलना चाहिए। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मांग को समय समय पर उठाते रहे हैं।
सर्व सम्मति से विप के सभापति बनने जा रहे अवधेश नारायण सिंह, नामांकन में प्रस्तवाक के रुप में राजद की राबड़ी देवी भी शामिल

डेस्क : अबतक बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति के भूमिका में रहे अवधेश नारायण सिंह अब विधान परिषद के सभापति होंगे। वे सर्वसम्मति से बिहार विधान परिषद के सभापति बनने जा रहे है। आज उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण मंत्री अशोक चौधरी सहित कई नेता मौजूद रहे। सीएम नीतीश ने अवधेश नारायण सिंह को पुष्प गुच्छ देकर अभिनंदन किया। इन सब के बीच आज सबसे बड़ी बात यह रही कि आम तौर पर भाजपा पर हमलावर रहने वाले राजद ने सत्र शुरू होने के पहले सबको चौंका दिया। विधान परिषद के सभापति पद के लिए अवधेश नारायण सिंह ने नामांकन किया तो उनके प्रस्तावक के रूप में राजद की राबड़ी देवी भी रही। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रही राबड़ी देवी से जब इस बावत पूछा गया कि उन्होंने भाजपा के अवधेश नारायण को क्यों समर्थन किया तो इस पर राबड़ी ने खास बात कही। उन्होंने कहा कि अवधेश नारायण सिंह सर्वसम्मति से सभापति बनाए जा रहे हैं। इसलिए उन्होंने प्रस्तावक के रूप में अवधेश सिंह का समर्थन किया है। इसके पहले अवधेश नारायण सिंह ने सोमवार को बिहार विधान परिषद के सभापति के लिए नामांकन किया। वे अभी तक सदन के कार्यकारी सभापति पद पर थे। करीब एक महीने पहले ही उन्हें कार्यकारी सभापति बनाया गया था और अब सभापति के रूप में अवधेश नारायण सिंह ने नामांकन किया है।