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पुलिस प्रशासन मनमानी कर कार्यकर्ताओं का कर रहा है उत्पीड़न : ई सरवन निषाद


चौरी चौरा।चौरी चौरा विधायक ई. सरवन निषाद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दीपक कुमार जायसवाल के साथ चौरी चौरा पुलिस का व्यवहार घोर निंदनीय और मनमानी पूर्ण रवैया है। राजनीति में मुकदमे दर्ज होते हैं इसका यह मतलब नहीं है कि वह अपराधी है और चौरी चौरा पुलिस ने जो दुर्व्यवहार किया है वह सरासर गलत है कार्यालय में घुसकर एक सम्मानित व्यक्ति को अपराधी करना यह कहीं से भी सही नहीं है इससे समाज में गलत संदेश जाता है और कार्यकर्ताओं में निराशा होती है ।उन्होंने बताया की एक वर्ष पूर्व मुझे जेल से जान से मारने की धमकी दिया गया था जिसके बाद मुझे सुरक्षा प्रदान किया था जिस सुरक्षा को जिला प्रशासन मनमानी तरीके से हटा लिया है राजनीति में हम लोग अपने समाज के हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ते हैं तमाम विरोधी दल एवं विरोधियों की आंखों में खटकते हैं । तमाम निषाद समाज के नेताओं की निर्मम तरीके से हत्या हुई चाहे वह जमुना निषाद सहित दर्जनों निषाद समाज के नेताओं की हत्या हुई है अभी हाल ही में बिहार में निषाद समाज के नेता मुकेश सहनी के पिता की निर्मम हत्या हुई है इसके बावजूद भी शासन प्रशासन मेरी सुरक्षा हटाकर मनमानी रवैया अपना रहा है और सुरक्षा हटाकर जिला प्रशासन मेरे खिलाफ साजिश कर रहा है। उत्तर प्रदेश और पूरे देश में निषाद समाज के जोड़ने और उनके हक और अधिकारों की लड़ाई में लगातार हम लोग संगठन के कार्यों और अन्य गतिविधियों में पूरे प्रदेश और देश में भ्रमण करते हैं। जहां सुरक्षा जरूरी होती है लेकिन सुरक्षा हटाकर गोरखपुर जिला प्रशासन मनमानी कर रहा है।विधायक ने कहा कि जल्द मुख्यमंत्री से मिलकर पूरे मामले को अवगत कराऊंगा दोषी पर कार्रवाई की मांग करूंगा।

*बड़े पैमाने पर हुआ पौधरोपण*

खजनी गोरखपुर: प्रदेश शासन के निर्देशानुसार आज इलाके में बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया गया। इस दौरान खजनी तहसील, ब्लॉक, थाना परिसर, क्षेत्राधिकारी, बीईओ, सीडीपीओ, कार्यालय आंगनवाड़ी केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरनहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खजनी, सरकारी परिषदीय स्कूलों, कस्बा संग्रामपुर उनवल नगर पंचायत क्षेत्र सरकारी और मान्यता प्राप्त तथा प्राइवेट शिक्षण संस्थानों, बैंकों, पोस्ट आॅफिस, ग्राम सभाओं में अभियान चला कर पौधे लगाए गए। जिसमें एसडीएम कुंवर सचिन सिंह तहसीलदार कृष्ण गोपाल तिवारी राजस्व निरीक्षक देवनरायण मिश्रा समेत सभी लेखपाल तहसीलकर्मी और अधिवक्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी चिकित्सकों कर्मचारियों पीएचसी के चिकित्साधिकारी डॉक्टर प्रदीप तिवारी के नेतृत्व में सभी डॉक्टर्स व स्वास्थ्यकर्मियों ने बीडीओ खजनी रमेश शुक्ला के नेतृत्व में ब्लॉक परिसर एवं गांवों में क्षेत्राधिकारी ओंकारदत्त तिवारी थानाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार शुक्ला बीईओ सावन कुमार दूबे सीडीपीओ रचना पांडेय चेयरमैन प्रतिनिधि उमेश दूबे के नेतृत्व में सभी प्रजाति के पौधे लगाए गए। इस अवसर पर आयोजित संक्षिप्त संगोष्ठियों में पर्यावरण संतुलन एवं संरक्षण में पौधों की अमूल्य एवं महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की गई। वन क्षेत्राधिकारी खजनी संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि रोपड़ के लिए कुल 7 लाख 93 हजार 500 पौधे खजनी परिक्षेत्र में वितरित किए गए। वहीं बड़ी संख्या में अन्य स्थानों से भी पौधे रोपड़ के लिए मंगाए गए थे।

सामाजिक सरोकार भी खूब निभा रहा गोरखपुर का खाद कारखाना


गोरखपुर, 19 जुलाई। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा स्थापित गोरखपुर का खाद कारखाना विकास में भरपूर योगदान तो दे ही रहा है, सामाजिक सरोकारों को निभाने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अपनी स्थापना के महज तीन साल के भीतर इस खाद कारखाने ने कॉरपोरेट एन्वॉयरमेंट रिस्पांसिबिलिटी (सीईआर) फंड से 70 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि शिक्षा, स्वास्थ्य और नगरीय सुविधाओं के ढांचागत विकास पर खर्च किए हैं। इस खाद कारखाने को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संघर्ष के सुखद परिणाम का प्रतीक मानते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से करीब तीन दशक बाद दोबारा शुरू एचयूआरएल के खाद कारखाने के नाम यूरिया उत्पादन के साथ सामाजिक दायित्व निर्वहन की सतत उपलब्धियां दर्ज होती जा रही हैं। एचयूआरएल गोरखपुर इकाई के परियोजना प्रमुख दिप्तेन रॉय का कहना है कि हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का यह खाद कारखाना यूरिया के लिए किसानों की दिक्कत को कम करने में मील का पत्थर साबित हुआ है तो साथ ही गोरखपुर के शिक्षा और स्वास्थ्य की आधारभूत संरचना को भी मजबूत बना रहा है। एचयूआरएल ने अपने सीईआर फंड से गोरखपुर में दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सिजन प्लांट की स्थापना कराई है तो 16 स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों के इलाज के लिए हाईटेक पीडियाट्रिक आईसीयू का निर्माण कराया है। इसके साथ ही उसने मानीराम के समीप स्थित सोनबरसा गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया है, 12 प्राइमरी स्कूलों में आरओ प्लांट लगवाया है, कई सरकारी प्राथमिक विद्यालयों का जीर्णोद्धार कर उन्हें स्मार्ट बनाया है।

एचयूआरएल के महाप्रबंधक (सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग, मुख्यालय) संजय चावला और गोरखपुर यूनिट के उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) सुबोध दीक्षित ने बताया कि इनमें से कई कार्य पूरे हो गए हैं तो कुछ निर्माणाधीन हैं। ताजा पहल करते हुए एचयूआरएल अब नगर निगम के माध्यम से शहर में 27 स्थानों पर इंटीग्रेटेड सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम की स्थापना करने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कई मंचों से एचयूआरएल की तारीफ करते हुए कह चुके हैं कि यह कारखाना खाद उत्पादन के साथ ही अपनी सामाजिक प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ा रहा है।

गोरखपुर में एचयूआरएल के खाद कारखाना की स्थापना का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। गोरखपुर में पूर्व में स्थापित खाद कारखाना 1990 में एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया था। सांसद बनने के बाद 1998 से ही योगी आदित्यनाथ ने इसे दोबारा चलाने के लिए संघर्ष किया। इसकी साक्षी समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता है। योगी की पहल पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने खाद कारखाना परिसर में ही नये कारखाने का शिलान्यास किया। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसके निर्माण का रास्ता और प्रशस्त हो गया। सात दिसम्बर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर आकर खाद कारखाने को राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। करीब 600 एकड़ में 8603 करोड़ रुपये की लागत से बने और प्राकृतिक गैस आधारित इस खाद कारखाने की अधिकतम उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मिट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया उत्पादन की है। कमर्शियल उत्पादन शुरू होने के बाद कई दिन ऐसे भी रहे हैं जब खाद कारखाने में सौ प्रतिशत क्षमता से भी अधिक उत्पादन हुआ है। मसलन, 13 अक्टूबर 2023 को एचयूआरएल गोरखपुर यूनिट में 110 प्रतिशत क्षमता से एक दिन में रिकॉर्ड 4224 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हुआ था। यहां बड़े पैमाने पर उत्पादन से देश के सकल खाद आयात में कमी आई है। साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार व यूपी से सटे अन्य राज्यों में नीम कोटेड यूरिया की बड़े पैमाने पर आपूर्ति सुनिश्चित हो रही।गोरखपुर के खाद कारखाने की स्थापना व संचालन करने वाली हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) एक संयुक्त उपक्रम है जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लीड प्रमोटर्स हैं जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं।

गोरखपुर के खाद कारखाने में बेस्ट क्वालिटी की नीम कोटेड यूरिया बन रही है। कारण, इस कारखाने की प्रीलिंग टावर की रिकार्ड ऊंचाई। यहां बने प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई 149.2 मीटर है। तुलनात्मक विश्लेषण करें तो यह कुतुब मीनार से भी दोगुना ऊंचा है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है। प्रीलिंग टावर की ऊंचाई जितनी अधिक होती है, यूरिया के दाने उतने छोटे व गुणवत्तायुक्त बनते हैं।

*एचयूआरएल द्वारा निभाए गए सामाजिक सरोकार*
- हरनही और कैम्पियरगंज सीएचसी पर ऑक्सिजन प्लांट की स्थापना (जरिये एयरनॉक्स) - 72 लाख रुपये
- 12 प्राथमिक विद्यालयों पर शुद्ध पेयजल के लिए आरओ प्लांट की स्थापना - 14 लाख रुपये
- रामगढ़ताल का सुंदरीकरण (जरिये जीडीए) - 3 करोड़ 29 लाख रुपये
- सोनबरसा गांव का मॉडल विलेज के रूप में विकास (जरिये जीडीए) - 12 करोड़ 30 लाख रुपये
- 16 सीएचसी पर पीडियाट्रिक आईसीयू की स्थापना (जरिये जीडीए) - 26 करोड़ 43 लाख रुपये
- विभिन्न सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प, शिक्षा क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का विकास (जरिये जिला प्रशासन) - 6 करोड़ 35 लाख रुपये
- 27 स्थानों पर इंटीग्रेटेड सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम की स्थापना (जरिये नगर निगम) - 21 करोड़ 13 लाख रुपये
नियमित टीकाकरण में प्रदेश के लिए ‘‘रोल मॉडल’’ बनेगा गोरखपुर


गोरखपुर। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में नर्सिंग छात्राओं के योगदान के नवाचार के जरिये गोरखपुर जिला पूरे प्रदेश में ‘’रोल मॉडल’’ बनने जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा की पहल पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में पूरे प्रदेश में यह प्रयोग सिर्फ गोरखपुर जिले में किया जा रहा है। इसकी शुरूआत नियमित टीकाकरण के दृष्टिकोण से शहर के चार उच्च जोखिम इलाकों से शुक्रवार को हो गयी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में नर्सिंग की छात्राओं ने आशा कार्यकर्ता के साथ साथ घर घर जाकर सर्वे शुरू कर दिया। यह सर्वे गोरखनाथ, जाफरा बाजार, निजामपुर और हुमायूंपुर के प्रत्येक घर में होगा और उन बच्चों को ढूंढा जाएगा जो टीकाकरण के पात्र लाभार्थी हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि यह एक थर्ड पार्टी सर्वे है जो काफी विश्वसनीय होगा और इसकी मदद से हर उस बच्चे तक नियमित टीकाकरण की सेवा पहुंच सकेगी जो किसी कारण से वंचित रह गये या जिनका कोई टीका छूट गया हो। सभी क्षेत्र में एक आशा कार्यकर्ता के साथ नर्सिंग की दो दो छात्राओं वाली दो टीम कार्य कर रही हैं। गोरखनाथ नर्सिंग स्कूल, सावित्री नर्सिंग स्कूल, गंगोत्री देवी नर्सिंग कॉलेज, फातिमा नर्सिंग कॉलेज और पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग की करीब 200 नर्सिंग छात्राएं सर्वे कार्य में जुट गयी हैं। इनकी मदद से नियमित टीकाकरण की महत्ता का भी संदेश दिया जा रहा है और लोगों को बताया जा रहा है कि उनके नजदीकी शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है।

अंधियारीबाग में सर्वे कार्य में जुटी पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्रा रागिनी, पूनम, शिखा और सोनिया ने बताया कि वह अपने शिक्षक पैट्रिक के साथ आई हैं। उन्हें डब्ल्यूएचओ की अधिकारी डॉ श्रेष्ठा पांडेय व उनकी टीम ने सर्वे के बारे में ब्रीफ किया और फिर वह क्षेत्र में निकल गईं। उन्हें बताया गया कि हर ऐसे परिवार के बच्चों का विवरण दर्ज किया जाए जो उनके क्षेत्र में हैं। आशा कार्यकर्ता उन्हें क्षेत्र से परिचित करवा रही हैं। इसी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता मधु रावत ने बताया कि वह वर्ष 2017 से सेवा दे रही हैं। इस प्रकार का प्रयोग पहली बार हुआ है और इससे काफी फायदा भी होगा। नर्सिंग छात्राओं की बात को लोग और भी गंभीरता से ले रहे हैं। प्रतिदिन एक टीम को करीब 50 से 70 घरों का सर्वे करना है।

*समन्वित प्रयासों से मिलेगी सफलता*

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस नवाचार को सफल बनाने में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ हरिओम पांडेय, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विनय शंकर और अन्य सहयोगी संस्थाएं मदद कर रही हैं। हमे उम्मीद है कि यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बन सकेगा।

*सरकारी टीके पर है विश्वास*

अंधियारीबाग में अपने मायके आई सविता यादव (27) ने बताया कि उनके घर सर्वे की टीम आई थी। उनका बच्चा बारह महीने का है। बच्चे को लग चुके टीके का विवरण लिया गया है। इसके लिए वाट्स के जरिये उनके ससुराल से एमसीपी कार्ड मंगाया गया। वह जब भी मायके आती हैं अंधियारीबाग शहरी स्वास्थ्य केंद्र से बच्चे का टीकाकरण करवाती हैं। अच्छी सुविधा मिल रही है।
सीएफसी से और परवान चढ़ेगा टेराकोटा शिल्प का कारोबार, ओडीओपी में शामिल होने के बाद टेराकोटा शिल्प को मिली संजीवनी


गोरखपुर। गोरखपुर की खास पहचान में टेराकोटा शिल्प के उत्पाद भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सात साल पहले टेराकोटा को ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना में शामिल किए जाने के बाद से ही मिट्टी के इस शिल्प का कारोबार दिनोंदिन आगे बढ़ रहा है। अब कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) के जरिये टेराकोटा कारोबार और परवान चढ़ेगा। जिला उद्योग केंद्र की तरफ से दो सीएफसी पहले से प्रकिया में हैं और अब सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) के साथ मिलकर एक स्वयंसेवी संस्था सेफ सोसायटी ने भी इसके लिए पहल की है। सिडबी की तरफ से गुलरिहा के भरवलिया में सीएफसी खोले जाने पर काम शुरू हो चुका है। इससे टेराकोटा कारीगरों को काफी सहूलियत  मिलेगी। जिला उद्योग केंद्र की तरफ से पादरी बाजार और औरंगाबाद में सीएफसी खोलने की प्रक्रिया जारी है।

भरवलिया में बन रहे टेराकोटा के कॉमन फैसिलिटी सेंटर के इस माह के अंत तक चालू हो जाने की उम्मीद है। यहां शिल्पकारों को हर तरह के काम के लिए सिंगल प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट होगा। सेफ सोसायटी के चेयरमैन वैभव शर्मा ने बताया कि टेराकोटा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो पहल की है, उसी से प्रेरित होकर सीएफसी बनाई जा रही है। इस सीएफसी पर पर इलेक्ट्रिक भट्ठी, कारीगरों को प्रशिक्षण और तैयार माल को बाजार उपलब्ध कराने की सुविधा मिलेगी।

सिडबी लखनऊ रीजन के जनरल मैनेजर मनीष सिन्हा का कहना है कि टेराकोटा की सीएफसी खुलने से नए तरीके की ट्रेनिंग, नई तकनीक से उत्पाद को तैयार करने में सहूलियत होगी। यही नहीं कम लागत और कम समय में ज्यादा माल तैयार हो सकेगा। मिट्टी के बर्तन या अन्य उत्पाद को पुराने तरीके से पकाया जाता है तो तकरीबन 18 घंटे से ज्यादा समय लगता है और यदि इसे सीएफसी के टनलभट्ठी में पकाया जाता है तो एक ट्राली टेराकोटा तीस मिनट में पककर तैयार हो जाता है। उन्होंने बताया कि सीएफसी से काम कर रहे शिल्पकारों को कारोबारी लाभ होगा तो इस क्षेत्र में नए लोग भी ट्रेनिंग लेकर कारोबार से जुड़ सकेंगे। मनीष सिन्हा ने बताया कि सीएफसी का संचालन दो साल तक सिडबी की तरफ से किया जाएगा। इसके बाद एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) बनाकर इसे लाभार्थी शिल्पकारों को हैंडओवर कर दिया जाएगा।

*शिल्पकारों के पास अब पूरे साल काम की भरमार*
सात साल पहले तक रंगत खो रहे टेराकोटा शिल्प को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी ओडीओपी योजना की संगत मिली तो इस मिट्टी का रंग और चटक होता गया। कभी अक्सर खाली बैठने वाले टेराकोटा शिल्पकारों के पास अब सालभर काम की भरमार है। दीपावली जैसे पर्व पर उन्हें छह माह पहले गई ऑर्डर मिल जाते हैं।

*उद्यम में बदल गया टेराकोटा शिल्प*
टेराकोटा शिल्प को उद्यम में बदलने के लिए सीएम योगी ने इसे बहुआयामी और महत्वाकांक्षी ओडीओपी योजना में शामिल किया। ओडीओपी में शामिल होने के बाद टेराकोटा शिल्पकारों को संसाधनगत, वित्तीय व तकनीकी मदद तो मिली ही, सीएम की अगुवाई में ऐसी जबरदस्त ब्रांडिंग हुई कि इसके बाजार का अपार विस्तार हो गया। मुख्यमंत्री खुद तमाम मंचों से टेराकोटा की ब्रांडिंग करते हैं। एक तरह से इसके ब्रांड एम्बेसडर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल, डिजाइन टेबिल आदि मिलने से शिल्पकारों का काम आसान और उत्पादकता तीन से चार गुना हो गई।

*तीस फीसद से अधिक नए लोग जुड़े टेराकोटा के कारोबार से*
वर्तमान में टेराकोटा के मूल गांव औरंगाबाद के साथ ही गुलरिहा, भरवलिया, जंगल एकला नंबर-2, अशरफपुर, हाफिज नगर, पादरी बाजार, बेलवा, बालापार, शाहपुर, सरैया बाजार, झुंगिया, झंगहा क्षेत्र के अराजी राजधानी आदि गांवों में टेराकोटा शिल्प का काम वृहद स्तर पर चल रहा है। ओडीओपी में शामिल होने के बाद बाजार बढ़ने से करीब 30-35 फीसद नए लोग भी टेराकोटा के कारोबार से जुड़े हैं।
ब्लॉक में पौधरोपण के लिए एक दिवसीय कार्यशाला हुई,मनरेगा आयुक्त ने पौधरोपण अभियान की समीक्षा की

खजनी गोरखपुर।प्रदेश शासन के निर्देशानुसार शनिवार 20 जुलाई को वृहद पौधारोपण अभियान को सफल बनाने के लिए आज खजनी ब्लाॅक मुख्यालय में पहुंचे डीसी मनरेगा ने सभी ग्रामसभाओं में शत प्रतिशत पौधरोपण कराने की हिदायत दी। उन्होंने बताया कि स्वच्छ वातावरण पर्यावरण संरक्षण और जल संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 36 करोड़ 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसे सामूहिक योगदान से ही पूरा किया जा सकता है।
अध्यक्षता कर रहे ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अंशुमाली धर भक्ति द्विवेदी ने कहा कि पूरी दुनियां में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री ने इस वर्ष "एक पेड़ मां के नाम" लगाने का आवाह्न किया है। सभी को इस अभियान से जोड़ कर इसे आसानी से सफल बनाया जा सकता है। संचालन कर रहे बीडीओ खजनी रमेश शुक्ला ने कहा पौधे लगाने के साथ ही उन्हें जीवित रखना और उनकी उचित देखभाल करना भी जरूरी है। इस दौरान ब्लॉक परिसर से आम, अमरूद, पीपल, बेल, पाकड़, बकैन, गूलर आदि सैकड़ों पौधे का वितरण किया गया।
एक दिवसीय कार्यशाला में प्रधान संघ अध्यक्ष सत्येंद्र बहादुर सिंह, संजय सिंह, दीपचंद यादव, राम प्रवेश यादव जिला पंचायत सदस्य अरविंद राय उर्फ बिट्टू राय ग्राम प्रधान अवधेश यादव, चंद्रशेखर यादव, संतोष सिंह, धर्मेंद्र यादव व्यास यादव सहित ब्लॉक के विभिन्न गांवों के ग्रामप्रधान,ग्राम पंचायत सचिव,रोजगार सेवक, पंचायत सहायक तथा ब्लॉक के अधिकारी, कर्मचारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सामाजिक सरोकार भी खूब निभा रहा गोरखपुर का खाद कारखाना


गोरखपुर। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा स्थापित गोरखपुर का खाद कारखाना विकास में भरपूर योगदान तो दे ही रहा है, सामाजिक सरोकारों को निभाने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अपनी स्थापना के महज तीन साल के भीतर इस खाद कारखाने ने कॉरपोरेट एन्वॉयरमेंट रिस्पांसिबिलिटी (सीईआर) फंड से 70 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि शिक्षा, स्वास्थ्य और नगरीय सुविधाओं के ढांचागत विकास पर खर्च किए हैं। इस खाद कारखाने को पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संघर्ष के सुखद परिणाम का प्रतीक मानते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से करीब तीन दशक बाद दोबारा शुरू एचयूआरएल के खाद कारखाने के नाम यूरिया उत्पादन के साथ सामाजिक दायित्व निर्वहन की सतत उपलब्धियां दर्ज होती जा रही हैं। एचयूआरएल गोरखपुर इकाई के परियोजना प्रमुख दिप्तेन रॉय का कहना है कि हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का यह खाद कारखाना यूरिया के लिए किसानों की दिक्कत को कम करने में मील का पत्थर साबित हुआ है तो साथ ही गोरखपुर के शिक्षा और स्वास्थ्य की आधारभूत संरचना को भी मजबूत बना रहा है। एचयूआरएल ने अपने सीईआर फंड से गोरखपुर में दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आॅक्सिजन प्लांट की स्थापना कराई है तो 16 स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों के इलाज के लिए हाईटेक पीडियाट्रिक आईसीयू का निर्माण कराया है। इसके साथ ही उसने मानीराम के समीप स्थित सोनबरसा गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया है, 12 प्राइमरी स्कूलों में आरओ प्लांट लगवाया है, कई सरकारी प्राथमिक विद्यालयों का जीर्णोद्धार कर उन्हें स्मार्ट बनाया है।

एचयूआरएल के महाप्रबंधक (सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग, मुख्यालय) संजय चावला और गोरखपुर यूनिट के उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) सुबोध दीक्षित ने बताया कि इनमें से कई कार्य पूरे हो गए हैं तो कुछ निमार्णाधीन हैं। ताजा पहल करते हुए एचयूआरएल अब नगर निगम के माध्यम से शहर में 27 स्थानों पर इंटीग्रेटेड सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम की स्थापना करने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कई मंचों से एचयूआरएल की तारीफ करते हुए कह चुके हैं कि यह कारखाना खाद उत्पादन के साथ ही अपनी सामाजिक प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ा रहा है।

गोरखपुर में एचयूआरएल के खाद कारखाना की स्थापना का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। गोरखपुर में पूर्व में स्थापित खाद कारखाना 1990 में एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया था। सांसद बनने के बाद 1998 से ही योगी आदित्यनाथ ने इसे दोबारा चलाने के लिए संघर्ष किया। इसकी साक्षी समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता है। योगी की पहल पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने खाद कारखाना परिसर में ही नये कारखाने का शिलान्यास किया। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसके निर्माण का रास्ता और प्रशस्त हो गया। सात दिसम्बर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर आकर खाद कारखाने को राष्ट्र को समर्पित कर दिया था।

करीब 600 एकड़ में 8603 करोड़ रुपये की लागत से बने और प्राकृतिक गैस आधारित इस खाद कारखाने की अधिकतम उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मिट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया उत्पादन की है। कमर्शियल उत्पादन शुरू होने के बाद कई दिन ऐसे भी रहे हैं जब खाद कारखाने में सौ प्रतिशत क्षमता से भी अधिक उत्पादन हुआ है। मसलन, 13 अक्टूबर 2023 को एचयूआरएल गोरखपुर यूनिट में 110 प्रतिशत क्षमता से एक दिन में रिकॉर्ड 4224 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हुआ था। यहां बड़े पैमाने पर उत्पादन से देश के सकल खाद आयात में कमी आई है। साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार व यूपी से सटे अन्य राज्यों में नीम कोटेड यूरिया की बड़े पैमाने पर आपूर्ति सुनिश्चित हो रही।गोरखपुर के खाद कारखाने की स्थापना व संचालन करने वाली हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) एक संयुक्त उपक्रम है जिसमें कोल इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी, इंडियन आॅयल कोपोर्रेशन लीड प्रमोटर्स हैं जबकि इसमें फर्टिलाइजर कॉपोर्रेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉपोर्रेशन लिमिटेड भी साझीदार हैं।

गोरखपुर के खाद कारखाने में बेस्ट क्वालिटी की नीम कोटेड यूरिया बन रही है। कारण, इस कारखाने की प्रीलिंग टावर की रिकार्ड ऊंचाई। यहां बने प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई 149.2 मीटर है। तुलनात्मक विश्लेषण करें तो यह कुतुब मीनार से भी दोगुना ऊंचा है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है। प्रीलिंग टावर की ऊंचाई जितनी अधिक होती है, यूरिया के दाने उतने छोटे व गुणवत्तायुक्त बनते हैं।

एचयूआरएल द्वारा निभाए गए सामाजिक सरोकार
- हरनही और कैम्पियरगंज सीएचसी पर आॅक्सिजन प्लांट की स्थापना (जरिये एयरनॉक्स) - 72 लाख रुपये
- 12 प्राथमिक विद्यालयों पर शुद्ध पेयजल के लिए आरओ प्लांट की स्थापना - 14 लाख रुपये
- रामगढ़ताल का सुंदरीकरण (जरिये जीडीए) - 3 करोड़ 29 लाख रुपये
- सोनबरसा गांव का मॉडल विलेज के रूप में विकास (जरिये जीडीए) - 12 करोड़ 30 लाख रुपये
- 16 सीएचसी पर पीडियाट्रिक आईसीयू की स्थापना (जरिये जीडीए) - 26 करोड़ 43 लाख रुपये
- विभिन्न सरकारी विद्यालयों का कायाकल्प, शिक्षा क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का विकास (जरिये जिला प्रशासन) - 6 करोड़ 35 लाख रुपये
- 27 स्थानों पर इंटीग्रेटेड सोलर स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम की स्थापना (जरिये नगर निगम) - 21 करोड़ 13 लाख रुपये
कीचड़ सने गंदे पानी से भरी सड़क, स्कूल नहीं जा पाते बच्चे

खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बांसगांव ब्लॉक के भिउरी गांव के कंपोजिट स्कूल तक जाने वाली सड़क पर बारिश के पानी से जल भराव, कीचड़ और गीली मिट्टी से सने गड्ढों के बीच से होकर स्कूल तक नहीं जा पाते बच्चे। आए दिन बच्चों की अनुपस्थिति से परेशान स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाध्यापक द्वारा जब अभिभावकों से इसकी शिकायत की जाती है तो वे बताते हैं कि छोटे बच्चे मिट्टी कीचड़ से सने और गड्ढों में पानी भरा होने से फिसल कर गिर जाते हैं। उनके कपड़े जूते मोजे और स्कूल बैग पानी में भीग कर खराब हो जाते हैं।
उनवल नगर पंचायत के आमी पुल बाइपास रोड से स्कूल तक पहुंचने वाले लगभग 20 मीटर लंबे संपर्क मार्ग पर आना-जाना दुश्वार बना हुआ है। स्कूल के प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश पांडेय ने बताया कि ग्राम प्रधान, ग्राम सभा सचिव, पंचायत मित्र, बीडीओ बांसगांव और क्षेत्रीय विधायक से मार्ग की मरम्मत कराने के लिए इसकी शिकायत की जा चुकी है। लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है। रोड पर बारिश का पानी भरे होने, गड्ढों और मिट्टी में फिसल कर बड़े लोग भी गिर जाते हैं। समस्या से परेशान होकर संपर्क मार्ग की शीघ्र मरम्मत कराने की मांग करते हुए शिक्षकों ने सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति और आवागमन बाधित,मूसलाधार बारिश में मुख्य मार्ग पर गिरा पेड़

खजनी गोरखपुर।कस्बे से बांसगांव की ओर जाने वाले मुख्य संपर्क मार्ग पर स्टेट बैंक तिराहे के पास देर शाम लगभग 8 बजे मूसलाधार बारिश में सड़क के किनारे मौजूद विशालकाय पेड़ भरभरा कर गिर पड़ा। पेड़ गिरने से आवागमन बाधित हो गया है, वहीं बिजली के पोल और तार भी पेड़ की डालियों की चपेट में आकर झुक गए और टूट गए हैं।


जिससे उनवल पाॅवर हाउस से होने वाली बिजली की आपूर्ति बाधित हुई।
इस बीच साइकिल और बाइक सवार तथा पैदल आने जाने वाले लोगों किसी तरह निकलते नजर आए। स्थानीय लोगों के द्वारा पेड़ गिरने की सूचना 112 नंबर पर दे दी गई है।
हत्या का प्रयास करने के दो आरोपी गिरफ्तार

गोला गोरखपुर Iबड़हलगंज कोतवाली पुलिस ने मारपीट मे हत्या का प्रयास करने के दो आरोपियो को गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया जहा से उन्हे जेल भेज दिया गया।


कोतवाल चंद्रभान सिंह ने बताया कि 17 जुलाई को महलिया गांव मे जमीनी विवाद मे दो पक्षो मे मारपीट हुई थी। जिसमे वादी विनोद यादव व उनके पिता रामनिवास यादव के सिर मे गंभीर चोट आयी थी। मारपीट मे वादी विनोद मौके पर बेहोश हो गया था। आरोपियों ने बाइक भी क्षतिग्रस्त कर दी थी।

वादी की तहरीर के आधार पर  मुकदमा पंजीकृत किया गया था। बुधवार को पुलिस ने दो आरोपियो गोरखनाथ यादव व सुनील यादव को गिरफ्तार कर कर लिया।