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चारदीवारी टूटा होने के कारण विद्यालय परिसर में पसरा रहता है गंदगी, शिक्षक और बच्चे मिलकर करते हैं साफ


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुखबली में काफी समस्या देखने को मिल रही है। एक और जहां विद्यालय का चारदीवारी पूरा बना नहीं होने के कारण आसपास के घरों के मवेशी विद्यालय के प्रांगण को गंदा कर देते हैं, जिसे बाद में विद्यालय के शिक्षक और छात्र मिलकर साफ करते हैं तो वहीं दूसरी ओर मध्यान भोजन का अनाज रखने के लिए बर्तन नहीं होने से चूहे द्वारा अनाज के बोरों को कुतर कर उसमें गंदगी फैलाया जाता है।

हालांकि रसोइया बोरे से चावल निकालने के समय इन गंदे चावलों को फेंक देती है। इतना ही नहीं विद्यालय में कुल 120 बच्चों का नामांकन है और उन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ दो शिक्षक हैं। और इनमें एक शिक्षक के बीआरसी अथवा अन्य कार्यों में व्यस्त हो जाने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होते रहती है।


इस संबंध में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक मंगलेश कुमार से जानकारी लिया गया तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में विभाग द्वारा एक भी सफाई कर्मी नहीं दिया गया है और नाही कोई फंड है, जिस कारण अगर विद्यालय के प्रांगण में गंदगी फैलती है तो उन्हें खुद साफ करना पड़ता है। अगर विद्यालय में जनप्रतिनिधि या विभाग के सहयोग से चारदीवारी का निर्माण कर इसमें गेट लगा दिया जाए तो फिर यहां मवेशी गंदगी नहीं फैला पाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कम से कम मध्य विद्यालय में एक सफाई कर्मी होना चाहिए।

वहीं जब उनसे जब शिक्षकों के कम होने की बात पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में लगभग 100 बच्चे उपस्थित हैं लेकिन शिक्षक की कमी के कारण कभी कभार ही उनकी पढ़ाई बाधित होता है। लेकिन अगर विभाग के द्वारा एक और शिक्षक की वहां नियुक्ति हो जायेगी तो यह बच्चों के लिए अच्छा रहेगा। इसके अलावा मध्यान भोजन लकड़ी पर बनाए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि यहां कि रसोइया को गैस चूल्हे में खाना बनाने नहीं आता है, लेकिन उनके प्रयास के बाद रसोइया धीरे धीरे गैस चूल्हे का प्रयोग कर रही है।
सेविका चयन में धांधली का आरोप लगा कर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को दिया गया आवेदन


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड अंतर्गत ऑगनबाडी केन्द्र लेदा टोला, भोक्ताडीह (कोड सख्या 621) में सेविका के चयन के दौरान धांधली का आरोप लगा कर लेदा गांव निवासी ओमप्रकाश दास ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को एक आवेदन दिया है।

दिए आवेदन में उन्होंने लिखा है कि दिनांक 12.07.2024 को आँगनबाडी सेविका का चयन किया जा रहा था। इस क्रम में सी० डी० पी० ओ० एवं मध्य विद्यालय लेदा के प्रधानाध्यापक के द्वारा अभ्याथियों के प्रमाण पत्र जांच किया जा रहा था जिसमें 1 सुजाता कुमारी पति किशोर दास, 2. मधु कुमारी पत्ति दिनेश दास. 3. रूपा कुमारी पति संतोष दास का ऑगनबाडी सेविका चयन नियमावली 30.09.2022 के आधार पर क्रमशः सुजाता कुमारी को प्राप्त अंक 18 है। वहीं मधु कुमारी का प्राप्त अंक 22 है, तथा रूपा कुमारी के प्राप्त अक 17 है। अंक प्राप्त करने के बावजुद अन्य अभ्यार्थी पारो देवी पति दीपक दास का चयन अंक 18 प्राप्त होने पर ऑगनबाडी सेविका के पद पर चयनित किया गया। जबकि सुजाता कुमारी को प्राप्त अंक 18 एवं मधु कुमारी का प्राप्त अंक 22 होने पर भी चयनित नहीं किया गया।

साथ ही उन्होंने लिखा है कि सी० डी० पी० ओ० एवं महिला प्रवेक्षिका बाल विकास परियोजना गिरिडीह सदर से पुछने पर उन्होंने बताया कि पारो देवी के पास एम० ए० पास होने का प्रमाण पत्र है अतः उसे 23 अंक देते हुए चयनित किया गया। जबकि समिति के बैठक के समय पारो देवी के पास एम० ए० का प्रमाण पत्र नहीं था और न ही पदाधिकारी द्वारा दिखाया गया। समिति एवं कुछ ग्रामीण द्वारा एम० ए० प्रमाण पत्र देखने के लिए माँगे जाने पर सी० डी० पी० ओ ने बताया कि आप लोग अधिकारी नहीं है। मैं प्रमाण पत्र नहीं दिखा सकती। इस तरह चयन प्रक्रिया मनमानी ढंग से किया और किसी के मेल मिलाप में किया गया। सी० डी० पी० ओ० के इस मनमानी पूर्ण रवैये से हम ग्रामीण अंचभित है। इसलिए वे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग करते हैं।
पिक अप में लोड कर तिसरी से कोडरमा ले जाया जा रहा था ढिबरा, वन विभाग ने किया जब्त


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के गावां और तिसरी में इन दिनों अवैध ढिबरा का कारोबार फल फूल रहा है। पुलिस और वन विभाग के लगातार कार्रवाई के बावजूद ढिबरा माफिया इसे कोडरमा भेजने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार को देखने को मिला जहां तिसरी के पंचरुखी से कोडरमा के मसनोडीह के लिए पिक अप संख्या जेएच12डी 2495 से ले जाया जा रहा था। इसी बीच वन विभाग के कर्मियों को मिली गुप्त सूचना के आधार पर वनपाल अमर विश्वकर्मा के नेतृत्व में वनकर्णियों ने उक्त पिकअप वाहन को पटना डोरंडा मुख्य मार्ग स्थित घांगरीकुरा के समीप जब्त कर लिया। जिसके बाद उक्त वाहन को वे अपने साथ गावां रेंज ऑफिस ले गए।

जानकारों की अगर मानें तो इन दिनों कोडरमा के मसनोडीह निवासी मंटू मेहता, आशीष मेहता सहित अन्य के द्वारा तिसरी के पंचरूखी, असुर हड्डी समेत अन्य इलाकों से ढीबरा का अवैध परिवहन किया जाता है। जबकि तिसरी के समसुल अंसारी, अली हुसैन सहित अन्य दर्जनों लोगों के द्वारा तिसरी में ढीबरा का अवैध भंडारण किया जा रहा है, जिसे बाद में वे कोडरमा भेज देते हैं।

इस संबंध में जानकारी लेने पर वन परिसर पदाधिकारी अमर कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि ग्रामीणों से गुप्त सूचना मिली थी कि उक्त ढिबरा लदे पिकअप को कोडरमा के मसनोडीह निवासी मंटू मेहता द्वारा पंचरुखि से मसनोडीह ले जाया जा रहा था, जिसके बाद यह करवाई की गई है। वहीं ढिबरा किसका था पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसकी जांच की जा रही है। जांच के पश्चात आरोपित लोगों के विरुद्ध वन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

इस कार्रवाई में वन उप परिसर पदाधिकारी अशोक कुमार, दिनेश दास, मुकेश दास, गौतम दास, जिलाजित कुमार, हीरालाल पंडित, सुनील हेम्ब्रम, बमशंकर वर्मा सहित अन्य वनकर्मी शामिल थे।
पत्थर के अवैध उत्खनन को लेकर गावां में दो पक्ष हुए आमने सामने, लिखित आवेदन देकर किया जा रहा है कार्यवाई का मांग


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के गावां प्रखंड में फिलहाल पत्थर के कारोबार को लेकर वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है। गावां के जमडार पंचायत में संचालित पत्थर खदान मेसर्स कात्यायनी पर अवैध खनन कराने का आरोप लगाते हुए जहां तराई-भगतगढ़वा निवासी सचिन यादव और मनोज यादव ने माइनिंग विभाग सहित गिरिडीह डीसी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी। तो वहीं अब भाकपा माले नेता सकलदेव यादव द्वारा तराई-भतगढ़वा के मनोज यादव और सचिन यादव पर वर्षों से वन भूमि पर सफेद क्वार्टज पत्थर का कई छोटे-बड़े अवैध खदान चलाने का आरोप लगाया जा रहा है।

पिछले पांच वर्षों से अवैध ढंग से कई खदानों का किया जा रहा है संचालन

सकलदेव यादव का कहना है कि मनोज यादव और सचिन यादव के द्वारा तराई भतगढ़वा के जंगल में पिछले पांच वर्षों से अवैध ढंग से कई खदानों का संचालन किया जा रहा है। इससे बड़े पैमाने पर जंगल नष्ट हो रहे हैं। मनोज और सचिन के इस अवैध कारोबार में भाजपा के कुछ दिग्गज नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, जिसके बलबूते ये लोग फॉरेस्ट विभाग से सांठगांठ कर बेधड़क वन भूमि पर जंगलों को उजाड़ कर क्वार्टज पत्थर का अवैध खनन कर रहे हैं। विभाग सब कुछ जानकर भी आंखें बंद किए हुए है। उनका यह भी कहना है कि मनोज यादव और सचिन यादव द्वारा सफेद क्वार्टज पत्थर के अवैध कारोबार से ध्यान भटकाने के लिए माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव के संरक्षण में अमझर में संचालित मेसर्स कात्यायनी पत्थर खदान में अवैध खनन का आरोप लगाया जा रहा है, जो सरासर बेबुनियाद है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मेसर्स कात्यायनी को पत्थर खदान का खनन पट्टा, पॉल्यूशन, डीजीएमएस आदि सभी लाइसेंस निर्गत है।

मामले को लेकर लगाया जा रहा आरोप-प्रत्यारोप

मामले को लेकर तराई-भतगढ़वा के मनोज यादव ने कहा कि मेरे द्वारा पूर्व विधायक राजकुमार यादव और मेसर्स कात्यायनी द्वारा कराए जा रहे अवैध खनन की शिकायत माईनिंग विभाग और गिरिडीह डीसी से की गई है। इसी कारण बौखलाहट में पूर्व विधायक के इशारे पर माले के छुटभैया नेता मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने और झूठे मुकदमे में फंसाने के उद्देश्य से मुझपर वन भूमि पर सफेद क्वार्टज पत्थर का अवैध खदान चलाने का आरोप लगाया जा रहा है, जो बिल्कुल बेबुनियाद है। विभाग इसकी निष्पक्ष जांच कराए और वन भूमि पर अवैध खदान चलानेवालों को चिन्हित कर कार्रवाई करे। इधर सचिन यादव ने कहा कि यह सही बात है कि तराई-भतगढ़वा के जंगल में अवैध खनन हो रहा है, लेकिन यह भी सच है कि यह अवैध खनन पूर्व विधायक राजकुमार यादव के संरक्षण में उनका ही भतीजा सुजीत यादव द्वारा कराया जा रहा है। अगर विभाग निष्पक्ष जांच करे तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

अवैध खनन से कई हेक्टेयर जंगल हो रहे नष्ट

हालांकि पत्थर खनन के कारोबार में आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक सच्चाई यह भी है कि गावां के वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर इन दिनों सफेद क्वार्टज पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। तराई, भतगढ़वा, चरकी आदि के जंगलों में दर्जनों छोटे-बड़े अवैध खदानों में प्रतिदिन सफेद क्वार्टज पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। इसमें झहुआंतरी, दुलरिया पहाड़ी, समचिहरिया पहाड़ और खरूआ नाला में संचालित अवैध खदानें प्रमुख हैं। इन अवैध खदानों के कारण गावां में बड़े पैमाने पर जंगलों को नुकसान हो रहा है। सिर्फ तराई-भगतढ़वा के जंगल में सफेद क्वार्टज पत्थर के अवैध खनन के कारण एक सौ एकड़ से अधिक जंगल नष्ट हो चुके हैं। वहीं कई पहाड़ों का अस्तित्व मिटने के कगार पर है।
खेलने की उम्र में सर पर ढिबरा लेकर बेच रहे हैं नाबालिग बच्चे, प्रशासन से लेकर सामाजिक संस्थानों को मुंह चिढ़ा रही है ये तस्वीरें

गिरिडीहगिरिडीह जिले के तिसरी एवं गावां प्रखंड में दस वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक उम्र के बच्चे अगर अपने सर पर ढीबरा की टोकरी ले जाते हुए कहीं नजर आ जाएं, तो यह कोई हैरानी की बात नहीं होगी। क्योंकि कल के देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चों को चंद रुपए कमाने के लिए अपने बचपन से सौदा करना पड़ रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि इन प्रखंडों में कई सामाजिक संस्थाएं कार्यरत है, लेकिन जैसे उनके आंखों पर भी कोई काली पट्टी बंधी नजर आ रही है। और अगर बात करें प्रशासन या अधिकारियों की तो साहब उन्हे इन मासूमों की जिंदगी से क्या लेना देना। अपने दफ्तर और रोजमर्रा के कार्यों में वे इतने व्यस्त हैं कि उन्हें इन बच्चों के भविष्य की ओर कोई ध्यान भी नहीं है। विद्यालयों में पढ़ाई छोड़ ढिबरा चुनते हैं मासूम बच्चे बता दें इन दिनों तिसरी और गावां के सुदूरवर्ती इलाकों में आदिवासी नाबालिक बच्चे अब शिक्षा और खेल से दूर होते जा रहे है। कई सरकारी विद्यालयों में जहां 150 और 200 बच्चों का नामांकन है, वहां अब मात्र गिने चुने बच्चे ही पढ़ने आते हैं। अगर इन बच्चों को कहीं खोजना है तो आप आसपास के क्षेत्र के किसी ईट भट्ठे और छोटे बड़े ढीबरा खदानों के आसपास उन्हे खोज सकते हैं, जहां वे आसानी से ढीबरा चुनते या काम करते नजर आ जायेंगे।
प्रखंड में संचालित है कई सामाजिक संस्थानें, फिर भी बच्चे को नहीं मिल रहा उनका अधिकार बताते चलें कि क्षेत्र में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, सवेरा फाउंडेशन, जागो फाउंडेशन, चाइल्ड लाइन समेत कई सरकारी और गैरसरकारी सामाजिक संस्थाएं सक्रिय है, जो दिखाती तो है कि उनके रहते क्षेत्र में बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है। लेकिन इन तस्वीरों को देख कर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सभी सामाजिक संस्थानों का दावा शतप्रतिशत सही नहीं है। वन विभाग और पुलिस करती है क्षेत्र में ढिबरा बंद करने का दावा, सच्चाई कुछ और अगर हम बात करें क्षेत्र में ढिबरा व्यवसाई की तो यहां की ना सिर्फ पुलिस बल्कि वन विभाग के कर्मी भी अपने और से दावा करते है कि उनके क्षेत्र में ढिबरा का अवैध व्यवसाई नहीं चल रहा है। लेकिन इसके बावजूद उनके द्वारा की गई कार्यवाई उनके ही दावों को खोखली साबित कर देती है। हालांकि यह कहना गलत होगा कि यहां कि पुलिस और वन विभाग की टीम इस मामले में एक्टिव नहीं है। क्योंकि वजह कुछ भी हो उनके द्वारा कई बार ढिबरा लदे वाहनों को जब्त भी किया गया है। हालांकि ये अलग बात है कि यहां के ढिबरा व्यवसाई इन दोनों को अंगूठा दिखाने में कभी बाज नहीं आते हैं।
ऐसे होती है ढिबरा की अवैध खरीद बिक्री प्राप्त जानकारी के अनुसार तिसरी एवं गावां के पंचरुकी, मनसाडीह, कोदईबांक, सिरसिया, खटपोंक, करणपुरा, भुराई, हरलाघाटी, चरकी, धरवे नवाडीह सहित कई इलाकों में नाबालिग बच्चे, महिला व पुरुष द्वारा ढीबरा का अवैध खनन किया जाता है। जिसके बाद ढिबरा व्यवसाई इन लोगों के घर ढीबरा खरीदने आते हैं। यहां से ढिबरा लेने के बाद वे सभी ट्रैक्टर या बाइक के माध्यम से इसे कई जगह बनाए गए डंपिंग स्थान में डंप करते हैं। जहां से ट्रक और पिकअप के माध्यम से इन्हे अलग अलग रास्तों से रात के अंधेरे में गिरिडीह व कोडरमा भेजा जाता है। सरकार से लगातार होती रही है ढिबरा को वैध करने की मां बता दें तिसरी और गावां के लोगों का जीवन ढिबरा पर आश्रित है। यहां के ग्रामीणों से लेकर कई राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा कई बार ढीबरा को वैध करने को लेकर आवाज भी उठाया गया है। बीच में हेमंत सोरेन की सरकार द्वारा इसके लिए नियम बना कर खरीदारी भी शुरू की गई थी। पर यह सिर्फ खोखली हो साबित हुई। अगर सरकार इस पर ध्यान दे और कड़े नियम लाकर इसे वैध करे तो इससे ना सिर्फ नाबालिक बच्चों की जिंदगी बचेगी बल्कि यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही सरकार को अच्छे राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
ग्रामीणों की सहयोग से तिसरी पुलिस ने शराब लदा होंडा सिटी कार किया जब्त, ड्राइवर हुआ फरार


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी थाना की पुलिस ने शुक्रवार की देर रात ग्रामीणों के सहयोग से अवैध अंग्रेजी शराब लदी होंडा सिटी कार संख्या बीआर 03क्यू 0045 को जब्त की है। इस दौरान तेज रफ्तार कार ने न सिर्फ दो बाइक को टक्कर मार कर उसे छतिग्रस्त कर दिया, बल्कि इसके साथ ही दो लोगों को मामूली चोटें भी आई। वहीं चालक जंगल में बच कर फरार होने में कामयाब हो गया। वहीं इन सब से गुस्साए ग्रामीणों में कार में जम कर तोड़ फोड़ किया है।

कार से बिहार ले जाया जा रहा था अवैध अंग्रेजी शराब

मिली जानकारी के अनुसार तिसरी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अवैध विदेशी शराब लदी एक कार बिहार की ओर जा रही है। इसी सूचना के आधार पर तिसरी और लोकाई थाना प्रभारी ने उक्त वाहन का खोजबीन शुरू कर दिया। कुछ समय के बाद लोकाइ में वाहन चेकिंग देखते हुए यह कार वापस तिसरी की ओर आने लगी। इसी क्रम में उसने तिसरी थाना प्रभारी को भी चकमा दिया और चालक तेज रफ्तार में कार को लेकर भंडारी के रास्ते फरार हो गया।

तेज रफ्तार कार ने दो बाइक को किया क्षतिग्रस्त

तिसरी थाना प्रभारी को कार के भंडारी रास्ते में सूचना मिलते ही उनके द्वारा कई ग्रामीणों के साथ संपर्क किया गया, जिसके बाद अलग अलग ग्राम के ग्रामीणों द्वारा गाड़ी को रोकने का भरसक प्रयास किया गया। किंतु उक्त शराब लदा वाहन इतनी तेज रफ्तार में था कि उस रोकने के क्रम में करीब दो लोगों को मामूली चोट भी आया, जबकि दो मोटरसाइकिल को टक्कर मारते हुए चालक वहां से फरार हो गया।


जेसीबी लगा कर ग्रामीणों ने रोका कार

बता दें कि अंत में जाकर किशुटांड सहित अन्य गांव के ग्रामीणों ने घांगरीकुरा से कुछ दूर पूर्व जेसीबी लगा कर सड़क जाम कर दिया। इसी बीच चालक उक्त वाहन को छोड़कर घने जंगल के बीच फरार हो गया। जिसके बाद रास्ते में रफ ड्राइविंग और लोगों के वाहनों में टक्कर मारने से नाराज ग्रामीणों ने पूरी गाड़ी को छतिग्रस्त कर दिया।

ग्रामीणों के गाड़ी पकड़ने के बाद पहुंची पुलिस

बताते चलें कि गाड़ी के रुक जाने के करीब 10 मिनट बाद तिसरी थाना प्रभारी भी वहां पहुंचे और उन्होंने गाड़ी समेत उसमे रखे अवैध अंग्रेजी शराब की पेटियों को जब्त किया। इसके साथ ही मिस्त्री की मदद से गाड़ी का लोक तोड़कर उसे अपने साथ लाने लाने की प्रयास में जुट गए।

जांच के पश्चात होगी कार्रवाई : थाना प्रभारी

मौके पर उपस्थित थाना प्रभारी संजय नायक ने बताया कि चालक और गाड़ी मालिक के बारे में पता लगाया जा रहा है। जांच के उपरांत आगे की कानूनी करवाई की जाएगी।
चोरी की रोकथाम को लेकर तिसरी पुलिस ने बड़े प्रतिष्ठानों के संचालकों के साथ की बैठक, अपने प्रतिष्ठानों में सिक्योरिटी कैमरे लगाने का दिए निर्देश


तिसरी, गिरिडीह

तिसरी थाना परिसर में शुक्रवार को तिसरी इंस्पेक्टर पास्कल टोप्पो एवं तिसरी थाना प्रभारी द्वारा तिसरी व चंदौरी के पेट्रोल पंप, गाड़ी शोरूम, ज्वेरलर्स दुकान सहित बड़े बड़े प्रतिष्ठानों के संचालकों एवं व्यवसायियों के साथ बैठक किया गया। इस दौरान उनके द्वारा सभी लोगों को क्षेत्र में चोरी की घटना के रोकथाम एवं सुरक्षा की दृष्टिकोण से अपने अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया।

जानकारी देते हुए तिसरी थाना प्रभारी संजय नायक ने बताया कि गिरिडीह पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद तिसरी एवं चंदौरी के सभी बड़े प्रतिष्ठानों के संचालक एवं व्यवसायियों के साथ बैठक करते हुए यह निर्देश दिया गया है। इससे ना सिर्फ चोरी सहित अन्य क्राइम के रोकथाम में मदद मिलेगी। साथ ही अगर कोई घटना भी होती है तो इसके माध्यम से उसका पता भी लगाया जा सकेगा।
1098 पर मिली गुप्त सूचना के बाद लापता नाबालिक के परिजनों से मिली रेस्क्यू टीम, शुरू हुई बच्ची की खोज


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी अंतर्गत मनसाडीह ओपी क्षेत्र की एक नाबालिक लड़की विगत 10 दिनों से घर से गायब है। और हैरत की बात तो यह है कि उसके परिजनों को पुलिस को जानकारी देना कैसे है, इसका भी पता नहीं है। जिस कारण अब तक न तो परिजन उस नाबालिक बच्ची का पता लगा पाए और नाही पुलिस उसे ढूढने का प्रयास शुरू की थी। इसी बीच किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा 1098 पर इसकी गुप्त सूचना दी गई, जिसके बाद बच्ची की खोज के लिए रेस्क्यू टीम का गठन किया गया।

रेस्क्यू टीम पहुंची लापता बच्ची के घर

बता दें 1098 पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा गुप्त सूचना दिए जाने के बाद एक रेस्क्यू टीम का गठन किया गया। इस दौरान टीम में शामिल मनसाडीह ओपी प्रभारी अंकित कुमार, सवेरा फाउंडेशन पर्यवेक्षक सह बाल अधिकार कार्यकर्ता इंकज कुमार, चाइल्डलाइन केस वर्कर नरेश कुमार वर्मा और संतोष कुमार वर्मा लापता नाबालिक बच्ची के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ लापता लड़की के परिजनों से मिलकर सारी बात की जानकारी ली। साथ ही उनके द्वारा ओपी में प्राथमिकी दर्ज करवाने को लेकर प्रेरित भी किया गया। इसके साथ ही लापता बच्ची को खोजबीन भी शुरू हो गई।


परिजनों को थाना में सूचना कैसे देना है, इसकी नहीं थी जानकारी

रेस्क्यू टीम में शामिल सवेरा फाउंडेशन के कार्यकर्ता इंकज कुमार ने बताया कि परिजनों से जब उनकी बेटी के बारे में जानकारी ली गई तो परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी 10 दिनों से लापता है। जब उन्होंने परिजनों से पुलिस को सूचना देने के बारे में पूछा तो परिजनों ने बताया कि पुलिस को कैसे शिकायत करनी है या सूचना देना है, इसकी उन्हे कोई जानकारी नहीं है।

किसी लड़के के साथ चले जाने का है शक

इसके साथ ही फाउंडेशन के कार्यकर्ता इंकज कुमार ने यह भी बताया कि परिजनों से बच्ची के लापता होने के बारे में पूछे जाने पर परिजनों ने कहा जिस समय उनकी बच्ची गायब हुई है, उस समय वह घर पर नहीं थे। जब वह घर पहुंचे तो उन्हें उनकी बेटी नहीं मिली। उन्हें शक है कि उनकी नाबालिक बच्ची किसी लड़के के साथ चली गई है।


जानकारी के अभाव में पुलिस तक नहीं पहुंचते हैं कई मामले

बताते चलें कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पुलिस व कानून को लेकर अभी भी लोगों में जागरूकता नहीं है। जिस कारण ऐसे कई मामले पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है। और इन्ही के वजह से कई घटनाएं घटित होते रहती है। अगर सरकार व सामाजिक संगठन लोगों के बीच कानूनी जागरूकता को फैलाने के लिए कोई कदम आगे बढ़ाए तो फिर ऐसी घटनाओं पर तुरंत पुलिस को जानकारी मिल सकेगी।
लड़कियों से न्यूड वीडियो कॉल करवा कर लोगों से पैसे ठगते थे साइबर अपराधी, पुलिस ने 5 को गिरफ्तार कर भेजा जेल


गिरिडीह

गिरिडीह जिले में इन दिनों पुलिस द्वारा लगातार साइबर अपराधियों के विरुद्ध छापेमारी की जा रही है और लगातार कई साइबर अपराधी भी गिरफ्तार हो रहे हैं। बुधवार को अलग अलग थाना क्षेत्रों से कुल पांच साइबर अपराधियों को भी गिरिडीह पुलिस ने धर दबोचा है।

प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से मिली जानकारी

इसे लेकर गिरिडीह पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा ने गुरुवार को प्रेस वार्ता का आयोजन कर बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र में अपराधियों द्वारा आम लोगों से ठगी करने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसके बाद पुलिस उपाधीक्षक आबिद खान के नेतृत्व में टीम गठित कर अलग अलग थाना क्षेत्रों में छापेमारी की गई, जहां से पांच साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए।

इन अपराधियों को किया गया गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में मर्गोमुंडा थाना केंद्र के केंदुवाटांड़ निवासी दिलीप कुमार मंडल (26), प्रवीण कुमार मंडल (22), नयाडीह निवासी मोज्जम अंसारी (19), तिसरी थाना क्षेत्र के कटकोको निवासी राजू बेसरा (26) एवं बगोदर थाना क्षेत्र के अटका निवासी पवन कुमार मंडल को गिरफ्तार किया गया है। इन अपराधियों के पास से 7 मोबाइल, 8 सिम कार्ड, 2 मोटरसाइकिल एवं 5 एटीएम कार्ड को बरामद किया गया है।

ऐसे देते थे साइबर अपराध को अंजाम

पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि अपराधियों में अपनी स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि उनके द्वारा लड़की से न्यूड वीडियो कॉलिंग का झांसा देकर लिंक भेज कर पैसों की ठगी करते थे। इसके अलावा उनके द्वारा गर्भवती महिलों के मोबाइल नंबर पर कॉल कर उनसे मातृत्व राशि का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी किया जाता था। साथ ही कैशबैक का झांसा देकर भी ठगी किया जाता था।

9 माह में जिलांतर्गत साइबर अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई

बता दें गिरिडीह पुलिस ने विगत 9 माह में अब तक 247 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान उनके द्वारा 594 मोबाइल, 778 सिम कार्ड, 273 एटीएम कार्ड व पासबुक, 10 चेक बुक, 38 पैन कार्ड, 66 आधार कार्ड, 45 वाहन, 3 आईपैड, 4 लैपटॉप एवं 14 लाख 56 हजार 310 रुपए नगदी जब्त की जा चुकी है।
एनजीटी लागू होने के बावजूद बालू माफियाओं के हौसले बुलंद, पुलिस ने दो अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को किया जब्त

गिरिडीहगिरिडीह जिले के तिसरी में इन दिनों बालू माफियाओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद नजर आ रहे हैं। 15 जून को एनजीटी लागू हो जाने के बावजूद बालू माफिया धड़ल्ले से नदी से बालू उठाव कर सरकारी कार्यों में बालू आपूर्ति करने का कार्य कर रहे हैं। और हैरत की बात तो यह है कि इसके लिए अंचलाधिकारी से लिखित आवेदन देकर आदेश का भी मांग किया जा रहा है। और अंचलाधिकारी भी ऐसे हैं कि वह कार्यवाही करने की जगह चुप्पी साध कर रखे है। क्या है मामलाबता दें कि बुधवार की सुबह बालू लदा दो ट्रैक्टर भंडारी से तिसरी मॉडल विद्यालय में बन रहे छात्रावास के निर्माण के लिए ले जाया जा रहा था। इसी बीच पेट्रोलिंग के दौरान तिसरी पुलिस ने पंदनाटांड़ के समीप इन दोनों ट्रैक्टर को रोक लिया। ट्रैक्टर चालकों से बालू से संबंधित कागजातों का मांग किए जाने के बाद उन्हें संबंधित कागजातों के जगह अंचलाधिकारी को बालू ले जाने का आवेदन वाला कागजात दिखाया गया। जिसके बाद तिसरी पुलिस बालू लदे दोनों ट्रैक्टर को अपने साथ थाने ले आई। क्या लिखा गया है अंचलाधिकारी को दिए आवेदन मेंबताते चलें कि ड्राइवर द्वारा जिस कागजात को दिखाया जा रहा है। उस कागज में अंचलाधिकारी के नाम एक आवेदन लिखा गया है। इस आवेदन के तहत मॉडल स्कूल तिसरी में छात्रावास बनाने के लिए बालू की जरूरत की बात कही गई है। साथ ही  कहा गया है कि किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए गाडी मालिक मिथुन दास, गाड़ी न० JH15T 5866 एवं महेश प्रसाद यादव, गाड़ी न० JH11AK 1296 को ट्रैक्टर से बालू लाने कि अनुमति देने कि कृपा प्रदान करे। वहीं इसके साथ प्रतिलिपि में बीडीओ का भी नाम लिखा गया है। और कागजात में 28 जून को हस्ताक्षर भी किए गए हैं। आवेदन मिलने के बाद भी चुप क्यों हैं अंचलाधिकारीबालू लदे दोनों ट्रैक्टर तिसरी पुलिस द्वारा पकड़े जाने से जहां एक और बालू माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है तो वहीं दूसरी ओर आवेदन मिलने के बाद भी अंचलाधिकारी द्वारा इसके रोकथाम के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाने से लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर सूत्रों की बात करें तो उनसे मिली जानकारी के अनुसार मॉडल विद्यालय में छात्रावास के निर्माणाधीन भवन के लिए लगातार कई दिनों से बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है। और अब अंचलाधिकारी के नाम का आवेदन सामने आने से अंचलाधिकारी भी सवालों के घेरे आ खड़े हो गए हैं। क्योंकि आवेदन मिलने के बाद जहां उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए थी, वहां उन्होंने चुप्पी साधते हुए इस पर अपनी मौन सहमति दे दी। अगर वे चाहते तो आसानी से इस पर रोक लगा सकते थे। अधिकारियों ने नहीं दिया फोन का जवाबइस संबंध में जब तिसरी अंचलाधिकारी से फोन के माध्यम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया। वहीं इस संबंध में खोरीमहुआ एसडीएम से भी जानकारी लेने का जब प्रयास किया गया तो उन्होंने भी फोन का कोई जवाब नहीं दिया।