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कंचनजंगा ट्रेन हादसे में रेलवे ने लोको पायलट को दी क्लीन चिट, CCRS की रिपोर्ट में बताया गया कहां हुई थी चूक

#kanchanjanga_express_train_accident_loco_pilot_get_clean_chit

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में 17 जून को कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी की हुई टक्कर मामले में चीफ कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (CCRS) जनक कुमार गर्ग की रिपोर्ट आ गई है। रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (CCRS) की रिपोर्ट ने कंचनजंगा ट्रेन के लोको पायलट को 17 जून को हुए हादसे के लिए दोषी नहीं पाया है। इसमें ट्रेन एक्सीडेंट कैटेगरी 'एरर इन ट्रेन वर्किंग' बताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अकेले लोको पायलट, एएलपी या फिर गार्ड की गलती नहीं थी, बल्कि संयुक्त रूप से स्टेशन मैनेजर और ट्रेन संचालन से संबंधित कई अधिकारियों के स्तर पर 'चूक' हुई थी। जिस वजह से यह ट्रेन एक्सीडेंट हुआ और मालगाड़ी के पायलट और कंचनजंगा के गार्ड समेत हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'ऑटो सिग्नल क्षेत्रों में ट्रेन परिचालन प्रबंधन में कई लेवल पर खामियों, लोको पायलट और स्टेशन मास्टर को उचित परामर्श न दिए जाने से कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसा होना तय ही था।' रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के दिन वहां से गुजरने वाले अधिकतर लोको पायलट्स को इसकी जानकारी ही नहीं थी कि खराब सिग्नल हो तो ट्रेन 15 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलानी है। सिग्नल खराब होने पर भी मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस के अलावा 5 अन्य ट्रेनों ने प्रवेश किया। हालांकि, कंचनजंगा को छोड़कर किसी भी ट्रेन ने 15 किमी प्रतिघंटा की गति और खराब सिग्नल पर रुकने के रेलवे के नियम का पालन नहीं किया। इससे पता चलता है कि खराब सिग्नलिंग पर जारी होने वाले प्रोटोकॉल में क्या करना है इसे लेकर कोई स्पष्टता ही नहीं थी।

जांच में पाया गया कि मालगाड़ी 78 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल कर रही थी। तभी लोको पायलट ने कंचनजंगा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से को देखा और आपातकालीन ब्रेक लगाया। लेकिन ट्रेन कंचनजंगा से टकराने से पहले केवल 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक ही धीमी हो सकी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनिल ने 5 मिनट में 10 बार थ्रॉटल को एडजस्ट किया था, जो उनकी सतर्कता को दर्शाता है।

अनिल को क्लीन चिट मिलने के बाद उनकी पत्नी रोशनी कुमार ने कहा कि ट्रेन हादसे के कुछ ही घंटों के भीतर मेरे पति को दोषी ठहराया गया था। उनकी मौत का गम अभी मिटा भी नहीं था कि अनिल को जिम्मेदार ठहराए जाने की बात सुनकर हम सदमे में आ गए। हमें खुशी है कि रेलवे ने उचित जांच की और उन्हें निर्दोष पाया। अब उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। बता दें कि हादसे के दो घंटे के भीतर ही रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा और अन्य रेलवे अधिकारियों ने यह मान लिया था कि मृतक लोको पायलट और उनके घायल सहायक की गलती थी।

महाराष्ट्र में अब लड़कों के लिए लाडला भाई योजना, युवाओं को हर महीने 6 से 10 हजार रुपये देगी सरकार

डेस्क: विधानसभा चुनाव से पहले महायुति सरकार ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। महाराष्ट्र सरकार ने लाडली बहना के बाद अब लाडला भाई योजना लाने का ऐलान किया है। इसके स्कीम के तहत 12वीं पास करने वाले छात्रों को हर महीने छह हजार रुपये दिए जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ने इस योजना के तहत डिप्लोमा कर रहे छात्रों को हर महीने आठ हजार और ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वालों को हर महीने 10 हजार रुपये देने का फैसला किया है। 

सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार की नजर लड़का-लड़की में फर्क नहीं है, यह योजना बेरोजगारी का समाधान लाएगी। लाडला भाई योजना में युवाओं को फैक्ट्रियों में अप्रेंटिसशिप मिलेगी और सरकार की तरफ से उन्हें वजीफा दिया जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार हाल ही में लाडली बहना योजना लाई थी, जिसके तहत 21 वर्ष से 60 वर्ष के बीच की सभी पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के तर्ज पर महिलाओं और युवाओं को आर्थिक सहायता देने की मांग की थी। इसके बाद अजित पवार अपने दूसरे बजट में लाडली बहना स्कीम लेकर आए। अब लाडला भाई योजना की घोषणा की गई है। 

माना जा रहा है कि यह लाडली बहना और लाडला भाई चुनाव में गेमचेंजर साबित हो सकता है। बेरोजगारी के मुद्दे पर घिरी सरकार इस सहायता से युवाओं को अपने पक्ष में ला सकती है। अक्टूबर और नवंबर में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव होंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में महायुति को हार का सामना करना पड़ा था।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में लागू किया कोटा, कन्नड़ भाषियों को नौकरियों में 50-75% रिजर्वेशन

#karnataka_local_reservation_bill_for_kannadigas_in_private_firms

कर्नाटक सरकार ने नौकरी में आरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। कर्नाटक सरकार ने कंपनियों और उद्योगों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने वाले राज्य रोजगार विधेयक, 2024 के मसौदे को मंजूरी दे दी है। विधानसभा में इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद उद्योगों, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठान में स्थानीय लोगों को आरक्षण देना अनिवार्य हो जाएगा। प्रस्तावित विधेयक में मैनेजर या प्रबंधन वाले जॉब में 50 फीसदी और गैर मैनेजमेंट वाली नौकरियों में 75 फीसदी पद कन्नड़ के लिए रिजर्व हो जाएगा। 

मंगलवार (15 जुलाई, 2024) को बेंगलुरु में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी दे दी गई। इस बिल के अनुसार, राज्य में स्थित सभी फैक्ट्रियों और दफ्तरों में नौकरी पर रखे जाने वाले लोग अब कन्नड़ ही होने चाहिए। इस बिल के अनुसार, राज्य में स्थित सभी दफ्तरों और फैक्ट्रियों में काम पर रखे जाने वाले ग्रुप सी और ग्रुप डी (सामान्यतः क्लर्क और चपरासी या फैक्ट्री के कामगार) के 75% लोग कन्नड़ होने चाहिए। इसके अलावा, बिल के अनुसार इससे ऊँची नौकरियों में 50% नौकरियाँ कन्नड़ लोगों को मिलनी चाहिए।

बिल के अनुसार कर्नाटक में जन्मा या कर्नाटक में पिछले 15 वर्षों से रह रहा कोई भी व्यक्ति कन्नड़ माना जाएगा और इसे इस आरक्षण का लाभ मिलेगा। कन्नड़ आरक्षण का लाभ लेने के लिए व्यक्ति को 12वीं पास होना चाहिए और इस दौरान उसके पास कन्नड़ एक विषय के तौर पर होनी जरूरी है। यदि उसके पास यह नहीं है तो उसे कन्नड़ सीखनी होगी।

बिल में यह भी कहा गया है कि यदि कम्पनियों को अपनी नौकरियों के लिए गैर कन्नड़ लोगों की भर्ती करना आवश्यक हो जाता है और कन्नड़ भाषाई उपलब्ध नहीं है, तो उन्हने छूट दी जा सकती है। इसके लिए कम्पनियों को आवेदन देना होगा और इस पर सरकार का निर्णय अंतिम होगा।

बिल में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी स्थिति में किसी भी दफ्तर, कम्पनी या फैक्ट्री में ऊँचे पदों पर काम करने वाले कन्नड़ 25% से कम नहीं होने चाहिए। इसके अलावा इनकी संख्या निचली नौकरियों में 50% रहनी ही चाहिए। ऐसा ना करने पर कम्पनियों को ₹25,000 तक का जुर्माना झेलना पड़ेगा। इस बिल को कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब विधानसभा के चालू सत्र में पेश किया जाएगा।

कंपनियां योग्य कैंडिडेट नहीं मिलने का बहाना नहीं बना सकेंगी

कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड के अनुसार, राज्य रोजगार विधेयक को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है, इसे विधानसभा के मौजूदा सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट कंपनियां अपने प्रतिष्ठान के लिए सरकार से सब्सिडी और अन्य लाभ लेती है, इसलिए उन्हें भी नौकरी में स्थानीय लोगों की भागीदारी तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य रोजगार विधेयक लागू होने के बाद स्थानीय कन्नड़ लोगों को नौकरी में अधिक अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि कानून लागू होने के बाद कंपनियां योग्य कैंडिडेट नहीं मिलने का बहाना नहीं बना सकेगी। अगर किसी कारण योग्य स्थानीय लोग नहीं मिलते हैं तो कंपनी को तीन साल के भीतर लोकल को ट्रेनिंग देना होगा। 

सरकार के इस प्रस्ताव का कंपनियों ने किय विरोध

बताया जाता है कि सरकार के इस प्रस्ताव का कंपनियों ने विरोध किया है। बता दें कि गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक में 20 फीसदी गैर कन्नड़ आबादी काम करती है। बेंगलुरु की कंपनियों में गैर कन्नड़ कर्मचारियों की तादाद 35 फीसदी आंकी गई है। इनमें से अधिकतर उत्तर भारत, आंध्र और महाराष्ट्र से हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, बेंगलुरु शहर की कुल आबादी का 50 फीसदी गैर कन्नड़ है। पिछले दिनों बेंगलुरु में कन्नड़ भाषा की अनिवार्यता पर लंबी बहस भी छिड़ी थी, जिसके बाद हिंदी में नाम लिखे गए साइन बोर्ड तोड़े गए थे।

हरियाणा ने भी उठाया था ऐसा कदम

कर्नाटक ऐसा पहला राज्य नहीं है जिसने स्थानीय लोगों को निजी नौकरियों में आरक्षण देने का निर्णय लिया हो। इससे पहले जनवरी, 2022 में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने राज्य के भीतर निजी नौकरियों में 75% पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया था। इस संबंध में हरियाणा ने कानून भी बनाया था। इस कानून को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने नवम्बर, 2023 में असंवैधानिक करार दे दिया था और इसे रद्द कर दिया था।

हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हरियाणा ने कहा था कि बिल को रद्द करने के लिए जो कारण बताए गए हैं, वह सही नहीं हैं। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी, 2024 में केंद्र से भी जवाब माँगा था। अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में ही लंबित है।

ओमान के पास समंदर में तेल टैंकर पलटा, 13 भारतीयों समेत 16 लापता

#13_indians_among_16_crew_members_missing_after_oil_tanker_sinks_off_oman 

ओमान के पास एक तेल टैंकर समुद्र में पलट गया है। इसके चालक दल के 16 सदस्य लापता हैं, जिसमें 13 लोग भारतीय हैं।देश के समुद्री सुरक्षा केंद्र ने तेल टैंकर डूबने की सूचना के एक दिन बाद मंगलवार को कहा है कि अभी तक लापता लोगों का पता नहीं लगा है।उन्हें खोजने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन भी लॉन्च किया गया है।

ओमानी सेंटर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, प्रेस्टीज फाल्कन के चालक दल में 13 भारतीय नागरिक और तीन श्रीलंकाई शामिल थे। केंद्र ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि जहाज डूबा हुआ है और उल्टा है। इससे यह पुष्टि नहीं हुई कि जहाज स्थिर हो गया था या तेल या तेल उत्पाद समुद्र में लीक हो रहे थे।

समुद्री सुरक्षा केंद्र के मुताबिक, प्रेस्टीज फाल्कन नाम का तेल टैंकर दुबई के हमरिया पोर्ट से रवाना हुआ था। इस पर कोमोरोस का झंडा लगा हुआ था। यह यमन के अदन पोर्ट जा रहा था। डुक्म के पोर्ट टाउन के पास रास मद्रकाह से करीब 46 किमी दूर दक्षिण-पूर्व में तेल टैंकर पलट गया। क्रू मेंबर्स की तलाश में दो दिनों से सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।

वहीं भारतीय क्रू सदस्यों को ढूंढने के लिए इंडियन नेवी ने अपने युद्धपोत आईएनएस तेग और निगरानी के लिए एयरक्राफ्ट पी-8I भेजा है। वॉरशिप ओमानी वेसल्स के साथ अदन पोर्ट के पास सर्च ऑपरेशन में शामिल है। 15 जुलाई को मामले की सूचना मिलने के तुरंत बाद भारतीय नौसेना ने युद्धपोत को ओमान के लिए भेज दिया था।

नीति आयोग की नई टीम का ऐलान, शाह-राजनाथ सहित 15 केंद्रीय मंत्री सदस्य, शिवराज और नड्डा को भी मिली जगह

#nda_government_reconstituted_niti_aayog 

केंद्र की मोदी सरकार ने नीति आयोग का पुनर्गठन किया है। नई सरकार बनने और मंत्रिपरिषद में कुछ नए मंत्रियों को जगह मिलने के बाद आयोग का पुनर्गठन किया गया है। आयोग के उपाध्यक्ष और पूर्णकालिक सदस्यों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। इसमें चार पूर्णकालिक सदस्यों के अलावा भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के 15 केंद्रीय मंत्रियों को पदेन सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को आयोग का पदेन सदस्य और स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।

राष्ट्रपति भवन की तरफ से मंगलवार की देर रात इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयोग के अध्यक्ष और इकोनॉमिस्ट सुमन के बेरी उपाध्यक्ष बने रहेंगे। इसके अलावा साइंटिस्ट वी के सारस्वत, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वी के पॉल और मैक्रो-इकोनॉमिस्ट अरविंद विरमानी पूर्णकालिक सदस्य बने रहेंगे। 

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चार पदेन सदस्य होंगे। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी और एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं।

इनके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्यों में पंचायती राज मंत्री लल्लन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं।

फिर टारगेट पर ट्रंप! रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के पास चाकू लेकर घूम रहा था शख्स,यूएस पुलिस ने किया ढेर

#trump_narrowly_escaped_again_a_man_was_waving_a_knife_outside_the_convention_center

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के दो दिन बाद सोमवार रात को रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में नजर आए। इस दौरान उनके दाहिने कान पर सफेद पट्टी बंधी हुई थी। उनकी पार्टी का यह राष्ट्रीय सम्मेलन विस्कॉन्सिन राज्य के मिलवाउकी शहर स्थित फिसर्व फोरम में आयोजित किया गया था। यहां पुलिस ने कन्वेंशन के पास चाकू लेकर घूम रहे एक शख्स को गोली से उड़ा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस व्यक्ति को पुलिसकर्मियों ने गोलियों का निशाना बनाया, वह चाकू लेकर झगड़ा कर रहा था। जिस पर पांच पुलिसकर्मियों ने उसे गोली मार दी। 

मिल्वौकी में चल रहे रिपब्लिकन पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद हैं। ट्रंप पर हाल ही में जानलेवा हमला हुआ था, जिसके बाद रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मिल्वौकी के प्रमुख जेफरी नॉर्मन ने एक समाचार सम्मेलन में कहा कि कोलंबस, ओहियो पुलिस विभाग के पांच सदस्यों ने उस शख्स पर गोली चलाई, जिसके दोनों हाथों में चाकू था। उसने पुलिस के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया और पुलिसके गोली चलाने से पहले एक निहत्थे आदमी पर हमला कर दिया।

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मारा गया संदिग्ध एक बेघर इंसान था, जो मानसिक रूप से परेशान था। मौके पर मौजूद गवाहों ने आठ गोलियां चलने की आवाज सुनी और कुछ ने कहा कि उस शख्स को पीठ में गोली मारी गई क्योंकि वह सुरक्षा बलों से भागने का प्रयास कर रहा था।

बता दें कि इस कन्वेंशन में ही पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर आधिकारिक मुहर लगी। साथ ही इस कन्वेंशन में उपराष्ट्रपति पद के लिए पार्टी की तरफ से जेडी वैंस के नाम पर भी सहमति बनी। 

वहीं, इस घटना के बाद एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इससे पहले ट्रंप (78) पर शनिवार को पेनसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान 20 वर्षीय एक हमलावर ने कई गोलियां चलाईं थीं। इस हमले में वह जख्मी हो गए और उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से पर चोट आई थी।

फिर टारगेट पर ट्रंप! रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के पास चाकू लेकर घूम रहा था शख्स,यूएस पुलिस ने किया ढेर

#trump_narrowly_escaped_again_a_man_was_waving_a_knife_outside_the_convention_center

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के दो दिन बाद सोमवार रात को रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में नजर आए। इस दौरान उनके दाहिने कान पर सफेद पट्टी बंधी हुई थी। उनकी पार्टी का यह राष्ट्रीय सम्मेलन विस्कॉन्सिन राज्य के मिलवाउकी शहर स्थित फिसर्व फोरम में आयोजित किया गया था। यहां पुलिस ने कन्वेंशन के पास चाकू लेकर घूम रहे एक शख्स को गोली से उड़ा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस व्यक्ति को पुलिसकर्मियों ने गोलियों का निशाना बनाया, वह चाकू लेकर झगड़ा कर रहा था। जिस पर पांच पुलिसकर्मियों ने उसे गोली मार दी। 

मिल्वौकी में चल रहे रिपब्लिकन पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद हैं। ट्रंप पर हाल ही में जानलेवा हमला हुआ था, जिसके बाद रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मिल्वौकी के प्रमुख जेफरी नॉर्मन ने एक समाचार सम्मेलन में कहा कि कोलंबस, ओहियो पुलिस विभाग के पांच सदस्यों ने उस शख्स पर गोली चलाई, जिसके दोनों हाथों में चाकू था। उसने पुलिस के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया और पुलिसके गोली चलाने से पहले एक निहत्थे आदमी पर हमला कर दिया।

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मारा गया संदिग्ध एक बेघर इंसान था, जो मानसिक रूप से परेशान था। मौके पर मौजूद गवाहों ने आठ गोलियां चलने की आवाज सुनी और कुछ ने कहा कि उस शख्स को पीठ में गोली मारी गई क्योंकि वह सुरक्षा बलों से भागने का प्रयास कर रहा था।

बता दें कि इस कन्वेंशन में ही पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर आधिकारिक मुहर लगी। साथ ही इस कन्वेंशन में उपराष्ट्रपति पद के लिए पार्टी की तरफ से जेडी वैंस के नाम पर भी सहमति बनी। 

वहीं, इस घटना के बाद एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इससे पहले ट्रंप (78) पर शनिवार को पेनसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान 20 वर्षीय एक हमलावर ने कई गोलियां चलाईं थीं। इस हमले में वह जख्मी हो गए और उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से पर चोट आई थी।

क्या ईरान ने रची डोनाल्ड ट्रंप के हमले की साजिश, यूएस सीक्रेट सर्विस का सनसनीखेज खुलासा

#iran_plot_to_assassinate_trump

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को एक चुनावी सभा में हमला हुआ था। डोनाल्ड ट्रंप पर पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान हुए जानलेवा हमले में अब ईरान का एंगल सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि ईरान जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेना चाहता है, इसलिए वह ट्रंप पर जानलेवा हमले की साजिश रच रहा है।

सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले से जुड़े कई लोगों ने बताया कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की जो कोशिश की थी, वह इस साजिश से जुड़ा था। क्रुक्स ने ट्रंप पर गोली दागी थी और बाद में सीक्रेट सर्विस के जवानों से उसे मौके पर ही गोली मारकर ढेर करने में कामयाबी हासिल की थी। अमेरिकी अधिकारियों को हाल के हफ्तों में ईरान की ओर से ट्रंप की हत्या की साजिश रचने से जुड़ी जानकारी मिली थी। इस कारण अमेरिकी सीक्रेस सर्विस ने ट्रंप के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी। 

सीएनएन के मुताबिक, ट्रंप का चुनाव प्रचार देख रही उनकी टीम सीक्रेट सर्विस को शनिवार की रैली से पहले खतरे के बारे में पता चल गया था। एक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी ने CNN को बताया, सीक्रेट सर्विस और ट्रंप अभियान को शनिवार की रैली से पहले खतरे के बारे में पता चल गया था। अधिकारी ने सीएनएन को बताया, सीक्रेट सर्विस को इस खतरे के बारे में पता चला। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) ने सीधे यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस यानी यूएसएसएस से वरिष्ठ स्तर पर संपर्क किया और अधिकारियों को खतरे की जानकारी दी गई। बढ़ते खतरे को देखते हुए सीक्रेट सर्विस ने शनिवार से पहले ही पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा के लिए संसाधनों और परिसंपत्तियों को बढ़ा दिया था।

अबू सबसे बड़ा सवाल ये है कि खुफिया सूचना के बाद ट्रंप की बढ़ाई गई सुरक्षा के बावजूद कैस उन पर इतना घातक हमला हो गया। यह सूचना शनिवार को पेंसिल्वेनिया में हुई रैली में सुरक्षा चूक के बारे में नए सवाल खड़े करती है। कैसे एक 20 साल का शख्स ट्रंप की रैली के पास की छत पर पहुंचकर गोलियां चलाने में कामयाब रहा, जिससे पूर्व राष्ट्रपति घायल हो गए।

बता दें कि इजरायल के साथ अमेरिका को भी ईरान अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। ट्रंप समेत अन्य रिपब्लिकन ईरान के खिलाफ आक्रामक रहे हैं। इसी कारण लंबे समय वह इसके निशाने पर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी ईरानी हत्या की साजिश का निशाना बने थे।

India

Shocking Details in #Nandyal Rape Case

Shocking Details in Rape Case Nandyal district (Andrapradesh) three boys inspire raped 9 years girl
Shocking Details in #Nandyal Rape Case
बजट से पहले हुई हलवा सेरेमनी, वित्त मंत्री ने कराया सभी का मुंह मीठा, जानें क्या है ये परंपरा*
#halwa_ceremony_before_union_budget_2024
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट 2024 के लिए 'हलवा सेरेमनी' में हिस्सा लिया। यह रस्म बजट बनाने की प्रक्रिया के अंतिम चरण का प्रतीक है। वित्त मंत्री ने बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल पूरी टीम को हलवा खिलाकर मुंह मीठा कराया। हर साल बजट बनाने की प्रक्रिया 'लॉक-इन' में जाने से पहले यह रस्म निभाई जाती है। देश का बजट पेश होने में एक हफ्ते का समय रह गया है। इस बार व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार देश का बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। इससे पहले व‍ित्‍त मंत्री ने 1 फरवरी 2024 को दूसरे कार्यकाल का अंतर‍िम बजट पेश क‍िया था। साल 2024 के लिए बजट तैयार होने की प्रक्र‍िया के अंतिम चरण में मंगलवार को वित्त मंत्रालय यानी नॉर्थ ब्लॉक में हलवा सेरेमनी का आयोजन किया गया। हलवा समारोह को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में नॉर्थ ब्लॉक में आयोज‍ित क‍िया गया। हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्रालय के कई अधिकारी भी शामिल हुए। वित्त मंत्री ने खुद अपने हाथों से मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हलवा बांटा।हलवा सेरेमनी को बजट की अंतिम तैयारियों की शुरुआत माना जाता है। इसलिए बजट के कामकाज से जुड़े अधिकारी सख्त निगरानी में रहते हैं, ताकि कोई जानकारी लीक ना हो।वहीं वित्त मंत्री को भी सख्त नियमों का पालन करना होता है। *वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक का दफ्तर बंकर में तब्दील* हलवा सेरेमनी के बाद वित्त मंत्रालय का नॉर्थ ब्लॉक का दफ्तर एक बंकर में तब्दील हो जाता है। यहां काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को ना तो फोन पर बात करने की परमिशन होती है, ना ही वह अपने घर पर कॉल कर सकते हैं और ना ही मोबाइल रख सकते हैं। इतना ही नहीं किसी को भी दफ्तर परिसर से बाहर आने-जाने की भी इजाजत नहीं होती। *बजट पेश होने के बाद ही कोई भी घर जाएगा* अब बजट की तैयारियों में लगे अधिकारी और कर्मचारी यहां तब तक रहेंगे, जब तक कि वित्त मंत्री का संसद में बजट भाषण पूरा नहीं हो जाता। बजट पेश होने के बाद ही वह अपने घर जा सकेंगे। यानी अब ये सभी लोग 23 जुलाई के बाद ही यहां से बाहर जा सकते हैं। सिर्फ किसी बहुत इमरजेंसी की हालत में ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिल सकती है, लेकिन उसके लिए भी काफी सख्त निगरानी रखी जाती है। इस बीच अधिकारी या कर्मचारियों को अपने घर पर बात भी करनी होती है, तो वह हाई सिक्योरिटी लैंडलाइन से ही होती है। *कब से चल रही ये परंपरा?* हलवा सेरेमनी की परंपरा आजादी से पहले से चली आ रही है। हलवा सेरेमनी का आयोजन बजट पेश करने की सभी तैयारियां पूरी होने के बाद किया जाता है। इस दौरान व‍ित्‍त मंत्री के अलावा वित्त मंत्रालय के अध‍िकारी और कर्मचारी मौजूद रहते हैं। परंपरा के अनुसार हलवा सेरेमनी का आयोजन नॉर्थ ब्लॉक के नीचे बेसमेंट में बजट प्रेस में क‍िया जाता है। हलवा बनने के बाद बजट की छपाई शुरू होती है। ज‍िस दिन हलवा सेरेमनी के दौरान हलवा बांटा जाता है, उसके बाद बजट प्रकाश‍ित करने वाले कर्मचारी और अधिकारी वहीं पर रहते हैं।