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राजस्व पखवाड़ा: 88 राजस्व शिविरों में 57 सौ से अधिक आवेदनों का हुआ निराकरण

रायपुर-    राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के निर्देश एवं कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में राजस्व पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत 11 दिनों में कुल 88 ग्राम पंचायतों शिविरों का आयोजन किया गया। शिविर में 6 हजार 269 आवेदन मिले जिसमें से 5747 आवेदनों का निराकरण तत्काल किया गया। साथ ही बचे हुए 522 आवेदनों को समय सीमा में दर्ज किया गया है।

भू अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त शिविर में बी-1 पठन 241, फौती नामांतरण-153, बंटवारा-43, अभिलेख त्रुटि सुधार-72, किसान किताब-108, आरबीसी.6-4 के 2, आय,जाति, निवास-5603 एवं अन्य-288 आवेदन शामिल है।

अनुविभाग अनुसार बलौदाबाजार में बी-1 पठन 40, फौती नामांतरण-51, बंटवारा-9, अभिलेख त्रुटि सुधार-20, किसान किताब-35, आय,जाति, निवास-2342 एवं अन्य-123आवेदन शामिल है। पलारी में बी-1 पठन 70, फौती नामांतरण-17, बंटवारा-9, अभिलेख त्रुटि सुधार-36, किसान किताब-12, आर बी सी 6-4 के 1 आय,जाति, निवास-575 एवं अन्य-27 आवेदन शामिल है। भाटापारा में बी-1 पठन 42, फौती नामांतरण-45, बंटवारा-4, अभिलेख त्रुटि सुधार-3, किसान किताब-12, आय,जाति, निवास-586 एवं अन्य-30 आवेदन शामिल है। सिमगा में बी-1 पठन 37, फौती नामांतरण-19, बंटवारा-5, अभिलेख त्रुटि सुधार-8, किसान किताब-12, आरबीसी 64 के 1 आय,जाति, निवास-679 एवं अन्य-57 आवेदन शामिल है। कसडोल में बी-1 पठन 21, फौती नामांतरण-10, बंटवारा-6, अभिलेख त्रुटि सुधार-1, किसान किताब-23, आय,जाति, निवास-569 एवं अन्य-27 आवेदन शामिल है। गिरौद में बी-1 पठन 31, फौती नामांतरण-11, बंटवारा-10, अभिलेख त्रुटि सुधार-4, किसान किताब-14, आय,जाति, निवास-852 एवं अन्य-24 आवेदन शामिल है। उक्त शिविर में राजस्व अधिकारी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित पटवारी, कोटवार, सरपंच सचिव की लगातार उपस्थिति रही।

कलेक्टर दीपक सोनी ने आज इस सफल आयोजन के लिए अधिकारियों की पीठ थपथपाई उन्होंने कहा हमें यही नहीं रुकना है। हमने जो राजस्व शिविर के लिए जो मापदंड निर्धारित किए थे उसे पूरे राज्य के लिए अपनाया गया है यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही अब 18 जुलाई से जिले में जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. हमे उस पर फोकस करनी है। गौरतलब है कि कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश में राजस्व पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत जिले के 88 ग्राम पंचायतों में 1 से 15 जुलाई तक विशेष शिविर का आयोजन किया गया।

महतारी वंदन योजना पर सियासत : मंत्री चौधरी ने हकीकत जानने भूपेश बघेल को गांव आने का दिया न्योता, पूर्व मंत्री डहरिया बोले –

रायपुर-     छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना पर सियासत तेज हो गई है. इस मामले में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने गांव आने का आमंत्रण दिया है. उन्होंने कहा, 70 लाख माता बहनों को हर माह 1000 मिलने पर भूपेश बघेल के पेट में दर्द हो रहा है. उनके गांव में जाकर यदि हाथ खड़े कराएंगे तो कितनों का हाथ उठेगा. ये भूपेश बघेल खुद जाकर देख सकते हैं। वहीं महतारी वंदन योजना को लेकर पूर्व मंत्री शिव कुमार डहेरिया ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, जिन लोगों को महतारी वंदन की राशि जारी रही थी उनकी सूची सरकार को जारी करनी चाहिए.

डहरिया ने कहा, पहले चुनाव के समय सभी लोगों से फॉर्म भरवाए गए. चुनाव के समय तक बहुत सारे लोगों को राशि दी गई. उसके बाद अब आधे से ज्यादा लोगों का नाम काट दिया गया. गांव-गांव में यह शिकायत आ रही है कि पहले पैसा मिलता था अब नहीं मिल रहा है.

कांग्रेस सरकार की तुलना में कई गुना होगी भर्तियां : चौधरी

मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, कांग्रेस की सरकार बनने से पहले मैनिफेस्टो में महिलाओं को 500 हर महीने देने का वादा किया गया. पांच साल तक किसी को पांच रुपए तक नहीं दिए. हमारी सरकार में महिलाओं को 1000 प्रति महीने मिल रहा. पीएससी घोटाले की जांच पर वित्त मंत्री ने कहा, कांग्रेस राज के दौरान पीएससी में माफिया राज चला. हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि भर्तियों में गड़बड़ियां समाप्त हो. हमने सीबीआई जांच का वादा किया, जांच की जा रही है. कांग्रेस सरकार की तुलना में आने वाले पांच सालों में कई गुना ज़्यादा भर्तियां होंगी.

भाजपा सरकार में बिगड़ी प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधा : डहरिया

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी ने 5 साल में मलेरिया को जड़ से उखड़ने की बात कही है. इस मामले में पूर्व मंत्री शिव कुमार डहेरिया ने कहा, हमारी सरकार थी तो मलेरिया के उन्मूलन के लिए बड़ा काम हुआ था. अब लोग चिकित्सा के अभाव में मरते जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है. सुदूर अंचलों में कहीं पर डॉक्टर नहीं है दवाइयां नहीं है. यहां के सबसे बड़े अंबेडकर हॉस्पिटल में खून की जांच करने के लिए रीजेंट नहीं है. राजधानी में यह स्थिति है तो ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति को आप समझ सकते हैं.

‘राजस्व पखवाड़ा पूरी तरह फेल’

राजस्व पखवाड़ा को लेकर पूर्व मंत्री शिवकुमार डहेरिया ने कहा, बेकार है राजस्व पखवाड़ा. एक भी हितग्राही को कोई भी लाभ नहीं मिला. पटवारी हड़ताल पर चले गए हैं. गांव से मेरे पास जाति प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र वाले बच्चे आए थे कि हमारे पत्र नहीं बन रहे हैं. उनका राजस्व पखवाड़ा पूरी तरीके से फेल है.

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को बंद करना निंदनीय : डहरिया

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को सरकार बंद करेगी, इस मामले में पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा, BJP सरकार छत्तीसगढ़ी संस्कृति खेलकूद का विरोधी है. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में पूरे प्रदेश के लोग शामिल होते थे. इसे बंद करना निंदनीय है, नाम बदल दें पर बंद न करें.

उद्योगों की स्थापना के लिए राज्य सरकार देगी हर संभव सहयोग : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए हर संभव सहयोग करेगी। नए उद्योगों की स्थापना हो, छत्तीसगढ़ में वैल्यू एडिशन का काम हो और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले, ऐसी सरकार की मंशा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उक्त बातें आज यहां अपने निवास कार्यालय में भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा नई औद्योगिक नीति 2024-29 के लिए दिए गए सुझावों पर चर्चा के दौरान कही। इस दौरान मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, सीआईआई के छत्तीसगढ़ स्टेट काउंसिल के चेयरमैन आशीष सराफ, वाइस चेयरमैन संजय जैन, नरेंद्र गोयल, आनंद सिंघानिया, रमेश अग्रवाल, पंकज सारडा सहित सीआईआई छत्तीसगढ़ स्टेट काउंसिल के सदस्य मौजूद रहे। इस मौके पर भारतीय उद्योग परिसंघ के सदस्यों ने सिंगल विंडो सिस्टम और मुख्यमंत्री द्वारा रोजगार सृजन के लिए उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने के प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों और बहुमूल्य खनिजों के विपुल भंडार मौजूद हैं। प्रदेश में लघु वनोपजों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि चाहे खनिज हो या लघु वनोपज, इनका वैल्यू एडिशन छत्तीसगढ़ में ही हो, ताकि प्रदेश को इसका लाभ मिले। श्री साय ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में सैकड़ो एमओयू हुए हैं, लेकिन इनका क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। राज्य सरकार की मंशा है कि यहां नए-नए उद्योग स्थापित हों, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सीआईआई द्वारा नई औद्योगिक नीति के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं, प्रदेश के उद्योग मंत्री और नीति तैयार करने वाली समिति को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी सुझावों का अध्ययन कर, अच्छे सुझावों को नई औद्योगिक नीति में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने की संकल्पना की है और अगले 5 वर्षों में भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इन्हीं लक्ष्यों को पूरा करने हम विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे। उन्होंने बताया कि 1 नवंबर राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर नई औद्योगिक नीति और विकसित छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्यूमेंट भी जारी किया जाएगा।

भारतीय उद्योग परिसंघ के सदस्यों प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ में सिंगल विंडो सिस्टम की प्रशंसा की। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सिंगल विंडो सिस्टम के लिए एक टाइम फ्रेमवर्क का भी निर्धारण किया जाए। उन्होंने लघु वनोपज का वैल्यू एडिशन, डेयरी उद्योग, स्टील उद्योग में डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्री की काफी संभावनाएं है। छत्तीसगढ़ पॉवर सरप्लस स्टेट है इसलिए यहां डेटा सेंटर स्थापित किए जा सकते है क्योंकि इनमें बड़ी मात्रा में बिजली का उपयोग होता है। सदस्यों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि रियल एस्टेट इंडस्ट्री को नई औद्योगिक नीति में शामिल किया जाए। इस अवसर पर भारतीय उद्योग परिसंघ के सदस्यों ने नई औद्योगिक नीतियों पर आधारित अपने सुझावों का प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री श्री साय की संवेदनशीलता से तीन को मिली अनुकंपा नियुक्ति शारदा, प्रमिला, एवं अन्नपूर्णा बनेंगी अपने परिवार का सहारा

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील सरकार लोगों के हित में त्वरित कार्य कर रही है। समय सीमा के अंदर जरूरतमंद परिवार को अनुकंपा नियुक्ति मिल सकें, शासन इस पर लगातार प्रयास कर रही है। गरियाबंद जिले की शारदा पटेल, प्रमिला कुर्रे एवं अन्नपूर्णा ध्रुव को अनुकम्पा नियुक्ति मिल गई है। कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने तीनों को अनुकम्पा नियुक्ति पत्र प्रदान किया। शासन की त्वरित कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

ग्राम देवरी जिला जांजगीर चांपा की रहने वाली शारदा पटेल ने बताया कि उनके पति व्याख्याता के रूप में हायर सेकेण्डरी स्कूल अकलवारा में पदस्थ थे। उनके निधन के बाद भृत्य पद के रूप में अनुकंपा नियुक्ति शासकीय हाईस्कूल लोहझर में मिली है। उन्होंने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति मिलने से परिवार के पालन पोषण एवं देखरेख में सहायता मिलेगी। साथ ही भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। इसी प्रकार मचेवा जिला महासमुंद की रहने वाली प्रमिला कुर्रे के पति शिक्षक (एलबी) के रूप में शासकीय मीडिल स्कूल गुड़ेमा में पदस्थ थे। उनके निधन के पश्चात उन्हें भृत्य के रूप में शासकीय हाईस्कूल सेमरा में अनुकंपा नियुक्ति मिली। उन्होंने बताया कि पति के जाने के बाद भविष्य चिंतित था। छत्तीसगढ़ शासन की पहल से अनुकंपा नियुक्ति मिलने से बच्चों के पढ़ाई -लिखाई एवं भविष्य सृजन में मदद होगी। मैनपुर अंतर्गत ग्राम गोना के निवासी अन्नपूर्णा ध्रुव के पिता शासकीय मीडिल स्कूल गरहाडीह में शिक्षक (एलबी) के पद पर पदस्थ थे। उनके निधन के पश्चात राज्य शासन की संवदेनशीलता के कारण त्वरित रूप से अन्नपूर्णा को भृत्य पद में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल शोभा में अनुकंपा नियुक्ति दी गई है।

अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047- कृषि से संबंधित लक्ष्य, चुनौतियों पर विस्तृत मंथन

रायपुर-     छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने के संबंध में आज स्थानीय न्यू सर्किट हाउस में संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी द्वारा किया गया। छत्तीसगढ़ को देश में कृषि एवं प्रसंस्कृत सुपरफूड का पावर हाऊस बनाने आज कृषकों ने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी फसलों, कृषि के क्षेत्र में बुनियादी ढ़ाचे में सुधार सहित अनेक मुद्दों पर अपना सुझाव दिए। बैठक में कृषि से संबंधित लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य विषय पर विस्तार से मंथन किया गया।

इस संवाद कार्यक्रम में ‘युवा, कृषक, महिला व प्रबुद्धजनों ने परिचर्चा में भाग लिया और विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के संबंध में अपनी परिकल्पनाओं के संबंध में अपने विचार व्यक्त किया।

वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी में कार्यक्रम में आए युवा, कृषक, महिला एवं प्रबुद्धजनों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सभी अपने क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग हैं। देश और राज्य को ऊंचाई तक पहुंचाने में आपके विचार प्रभावी योगदान दे सकते हैं। ’’अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन 2047’’ डॉक्यूमेंट तैयार करने का सिलसिला जारी है। कृषकों ने संवाद कार्यक्रम में वानिकी उत्पादों के साथ मजबूत ब्रांड का निर्माण करने, खाद्य प्रसंस्करण तकनीकों का कार्यान्वयन, कौशल उन्नयन और बुनियादी ढांचे में निवेश, फसलों का पैदावार बढ़ाने, मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन के लिए बागवानी पर ध्यान केंद्रित करनेे पर भी विचार-विमर्श हुआ।

कृषकों द्वारा कृषि सेवा केेन्द्र को बढ़ाने, कृषिजोत आकार को बढ़ाने खेतों के चकबंदी योजना बनाने, फसल चक्र को बढ़ावा देने किसानों के लिए पर्याप्त ऋण सुविधा उपलब्ध कराने, मृदा जांच तथा छत्तीसगढ़ को जड़ी बूटी और वनोपज के केंद्र के रूप में विकसित करने, वनोपज व्यापार केंद्र बनाने, भंडारण प्रसंस्करण और परिवहन के लिए बुनियादी ढांचा बनाने, किसानों को सक्षम बनाने राज्य सरकार द्वारा की जा रही पहल, लघु वनोपजों की मजबूती, जल और सिंचाई की पर्याप्त उपलब्धता पशुपालन व गोपालन प्रबंधन, प्रति एकड़ कृषि आय में वृद्धि करने, सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान दर में वृद्धि सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर सुझाव दिए गए।

कृषि भूमि के बेहतर उपयोग एवं अन्तर्वर्तीय फसल को बढ़ाने की क्षमता, प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय में बढ़ोतरी, किसानों के लिए बेहतर ऋण की सुविधा, उन्नत तकनीकी की आवश्यकता, उत्पादकता एवं क्षमता बढ़ाने के लिए सटीक खेती जैसे विषयों को डाक्यूमेंट में शामिल करने की बात की गई।

राज्य के विभिन्न जिलों से आए कृषकों ने सुझाव देते हुए कहा कि किसानों के लिए समन्वित योजना बनाए जाने की आवश्यकता है। कृषि में परिवहन बहुत बड़ा मुद्दा है, सस्ते परिवहन पर विचार करना चाहिए। किसानों को उत्पादित फसलों का उचित मूल्य मिलना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा किसानोें के हित के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी किसानों को समय पर मिलना चाहिए।

कृषकों ने कृषि अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर देने, जैविक खेती, खाद्य वितरण प्रणाली और कोल्ड स्टोरेज को मजबूत करने सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपना सुझाव दिए।

कृषकों ने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक फसल में अधिकतम मूल्य वर्धन करना, कृषि से संबंधित गतिविधियों में आय में वृद्धि, देश और विदेशों में नए बाजार खोलने, निर्यात केंद्र, प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं, नर्सरी, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता अभियान चलाने की आवश्यकता, वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने, वन धन शक्ति के तहत क्षमता निर्माण और सरकारी समितियां के माध्यम से जनजातीय समाज को सशक्त बनाने, सरकारी बाजार, पीपीओ और सरकारी समितियां को बढ़ावा देने जैसे अन्य महत्वपूर्ण विषयों का समावेश डॉक्यूमेंट में होना चाहिए।

इस संवाद कार्यक्रम में अंकिता वर्मा, मोतीराम सिन्हा, कुलदीप पटेल, रजनीश गुप्ता, अपूर्वा त्रिपाठी, मोहन पटेल, राजेश गुप्ता, राम शर्मा, बिंदेश्वरी शर्मा, पुष्कर चंद्राकर, पंकज शर्मा सहित राज्य से आए अनेक प्रगतिशील कृषकों एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सुझाव दिया गया।

महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर बने विशेष रणनीति, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने सहकारिता से जोड़ने की जरूरत

रायपुर-     नीति आयोग द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना पर विचार रखते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं को सशक्त करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण पर विशेष रणनीति बनानी होगी। महिलाओं को सहकारिता के माध्यम से जोड़कर आर्थिक गतिविधियों के लिए तैयार करना होगा।

कार्यक्रम में महिलाओं ने इस बात पर जोर दिया कि लैंगिक भेदभाव, नशाखोरी, बाल विवाह सहित सभी सामाजिक बुराईयों के प्रति जनजागरण अभियान भी चलाने की आवश्यकता है। महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने, उनके कौशल विकास, नये स्टार्टअप शुरू करने के लिए नये कार्यक्रम शुरू करने की जरूरत है।

कार्यक्रम में शताब्दी पाण्डेय ने कहा कि सहकारिता से जुड़कर ही महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकती हैं। इसके लिए राज्यस्तरीय, अंतर्राज्यीय और देशव्यापी संस्थाओं और बहुस्तरीय सहकारी संस्थाओं को बढ़ावा देने की जरूरत है। श्रीमती शमशाद बेगम ने कहा कि सामाजिक बुराईयों को दूर करने के लिए ठोस पहल होनी चाहिए।

लखपति दीदी और ड्रोन दीदी के रूप में पहचान रखने वाली लामी बैगा, पुष्पा वस्त्रकार और चित्ररेखा साहू ने कहा कि उद्यमिता से जुड़े महिलाओं के लिये मार्केटिंग,पैकेजिंग और विक्रय की व्यवस्था करना जरूरी है।

कृषि उत्पादकता में कारगार है सौर ऊर्जा, 27 लाख की लागत से बड़े तुमनार में स्थापित किया गया ’’सोलर फार्म स्टेशन’’

रायपुर-   सौर ऊर्जा के उपयोग से कृषकों के उत्पादन क्षमता में वृद्धि के फलस्वरूप उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव देखा जा सकता है। सौर किरण ऊर्जा के गैर परंपरागत एवं नवीकरण योग्य स्रोतों का सर्वाधिक प्रमुख माध्यम है, जिसमें सोलर फोटोवोल्टाइक सेल की मदद से सौर किरणों को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। इस ऊर्जा एवं आधुनिक कृषि तकनीक के मेल से कृषि उत्पादकता में वृद्धि कर जिले दंतेवाड़ा के कृषकों को लाभान्वित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस क्रम में गीदम ब्लॉक अन्तर्गत ग्राम बड़े तुमनार में लगभग 27 लाख रुपये लागत का सोलर फार्म स्टेशन स्थापित किया गया है। इस सोलर फार्म स्टेशन से कृषक पंपों का ऊर्जीकरण करके न केवल सिंचाई क्षमता को बढ़ाया जायेगा बल्कि इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के आधुनिक कृषि मशीनरी जैसे ’’थ्रेसर और बीडर’’ आदि उपकरण भी संचालित होंगे, जिन्हें अब तक विद्युत ऊर्जा के माध्यम से चलाया जाता था।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिला में सौर ऊर्जा से संचालित धान कुटाई की लघु मिल भी स्थापित की गई है जो पूर्णतः सौर ऊर्जा से संचालित होगी। इस संबंध में इस सोलर फार्म स्टेशन के ऑपरेटर ने बताया कि इस सौर उर्जीकृत लघु मिल से धान से निकलने वाले चावल की गुणवत्ता बेहतर होती है और चावल भी कम टूटते हैं। साथ ही खेती में काम आने वाले अन्य मशीन भी इसके माध्यम से आसानी से चलाये जा सकते हैं। जिससे किसानों को समय और श्रम की बचत होगी। इसके लिए कृषकों के एक समूह को सोलर पावर स्टेशन संचालित करने का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि ग्राम बड़े तुमनार के निकटस्थ बहने वाली तुमनार नदी के किनारे लगभग 10 किसानों की कृषि भूमि है जहां की खेती किसानी ही उनके आय का प्रमुख जरिया है और वे पुराने तौर तरीकों से खेती करते चले आ रहे हैं। वर्षा ऋतु में उन्हें आम तौर पर सिंचाई की आवश्यकता नहीं रहती परन्तु मानसून इतर मौसम में फसलों के लिए पानी की समस्या हमेशा उनके सामने खड़ी होती थी। इन किसानों का कहना था कि अब तक वे बारिश के भरोसे ही खेती करते और अधिकतर किसानों के पास विद्युत पंप की सुविधा न होने से दूसरी फसल लगाने में उन्हें दिक्कत होती थी। परन्तु अब सोलर पावर स्टेशन स्थापित होने से बारहमासी पानी की व्यवस्था हो सकेगी, जिससे किसान दोहरी-तिहरी फसल ले सकने में सक्षम होंगे।

बड़े तुमनार ग्राम के सरपंच गुड्डी राम कश्यप ने बताया कि सोलर पावर स्टेशन लगने से यहां के कृषकों में उत्साह का माहौल है। श्री कश्यप ने कहा कि सौर ऊर्जा के माध्यम से चलने वाले सभी प्रकार की कृषि मशीनरी का प्रयोग भी स्थानीय कृषकों ने सीख लिया है और अब इसका लाभ वे खरीफ सीजन के पश्चात् रबी फसलों में लाभ लेने के लिए उत्सुक हैं। विशेष तौर पर ऐसे कृषक जो लम्बे समय से नदी किनारे तोरई, भिंडी, करेला, बैंगन इत्यादि मौसमी साग सब्जियां उगाया करते हैं। आगामी रबी सीजन में अब वे सौर ऊर्जा के माध्यम से साग सब्जी उत्पादन को एक नया परिदृश्य देंगे। दूर-दराज के विद्युत विहीन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तकनीक एक वरदान है, ऐसे किसानों के लिए जो विद्युत चालित पंपों के अभाव के कारण चाह कर भी कृषि कार्य नहीं कर पाते उनके लिए सोलर पावर स्टेशन एक उम्मीद की किरण बन कर आया है और जिसके माध्यम से ग्राम बड़े तुमनार के कृषक परिवार अब उत्पादकता को बढ़ाकर अपनी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को बदलने में समर्थ होंगे।

अर्थव्यवस्था में युवाओं की भागीदारी से ही छत्तीसगढ़ होगा विकसित, युवाओं ने कृषि को आधुनिक बनाने, महिलाओं को सशक्त बनाने और रोजगार आधारित शिक्षा

रायपुर-     विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ को लेकर बनाए जा रहे छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट पर युवाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने के लिए यहां की परिस्थितियों के अनुरूप कार्य करना होगा। राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने, इसे आधुनिक बनाने के साथ-साथ राज्य के प्रगति में कंधे से कंधा मिलाकार योगदान देने वाली मातृ शक्ति को भी सशक्त बनाना होगा।

राज्य नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के सिलसिले में स्थानीय विश्राम गृह में आयोजित संवाद कार्यक्रम में युवाओं ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। संवाद कार्यक्रम में लक्षित सेठिया ने कहा कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, इसलिए कृषि और फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कृषि से संबंधित स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। अंकित जैन ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के नये सेक्टरों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाईल आदि क्षेत्रों पर फोकस करने की जरूरत है। इसके साथ ही कुशल मानव संसाधन के लिए वर्तमान आवश्यकता के अनुरूप नये क्षेत्रों में भी कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित किए जाए। मयंक नायक ने कहा कि राज्य में पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, इसके दोहन के लिए पर्यटन क्षेत्रों का विकास सहित अन्य सुविधाओं को बढ़ावा देना चाहिए। कुमारी सिमरन ने कहा कि राज्य में रोड़ नेटवर्क बढ़ाए जाने की जरूरत है। प्रेरणा शर्मा, लोमेश कश्यप और ऋतुराज साहू ने कहा कि युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए पाठ्यक्रमों में बदलाव करने की जरूरत है। युवाओं को बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने स्कूलों और महाविद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त बनाना चाहिए। अंकिता पाण्डेय ने कहा कि स्कूल और कॉलेजों में खेल को एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करते हुए खेल की सुविधाएं विकसित करना भी जरूरी है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

रायपुर-   शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहन ने कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को ज्ञान में वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करना है किंतु उसकी जड़े भारत की संस्कृति एवं मूल्यों से बंधी हो। छत्तीसगढ़ की एस.सी.ई.आर.टी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में देश का अग्रणी राज्य है। उक्त बाते शिक्षाविद् डॉ. हेमलता एस मोहन आज रायपुर के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आयोजित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए कही। यह कार्यशाला स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा अकादमिक सदस्यों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रति व्यापक समझ विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि आगामी एक वर्ष का कार्य महत्वपूर्ण होने वाला है। विगत छः माह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 30 प्रतिशत् कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेष 70 प्रतिशत् कार्य भी प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ की पुस्तकों को स्थानीय स्तर के अनुकूल बनाना गया है, शिक्षक तभी अच्छे ढंग से पढ़ा पाएंगे जब वे स्वयं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रशिक्षित होंगे। प्रशिक्षण में भी नवाचार को स्थान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य में शाला त्यागी बच्चों से संपर्क कर स्कूल तक वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। उद्घाटन सत्र में जे.पी. रथ, अतिरिक्त संचालक, एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा अपने स्वागत भाषण में आगंतुक अतिथियों का परिचय दिया गया।

अतिथि वक्ता महेन्द्र मिश्रा द्वारा बहुभाषावाद और भाषा की शक्ति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत के सभी बच्चों के लिए काम करना हर शिक्षाविद का धर्म होना चाहिए तथा भाषा माध्यम नहीं लक्ष्य होना चाहिए। संचालक एस.सी.ई.आर.टी. राजेंद्र कुमार कटारा ने अतिथियों को एससीईआरटी द्वारा प्रकाशित किताबें भेंट की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पहला अधिकारिक उन्मुखीकरण कार्यक्रम है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा संजीव कुमार झा ने कहा कि इस नई शिक्षा नीति में भारत को ग्लोबल स्किल हब बनाने की तैयारी है।

एस.सी.ई.आर.टी. के अकादमिक सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया, जिसमें आलोक शर्मा द्वारा पाठ्यक्रम और शिक्षण शास्त्र के अंतर्गत राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया गया। सुनील मिश्रा द्वारा प्रारंभिक बाल्यवास्था देखभाल एवं शिक्षा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। आई. संध्या रानी द्वारा विद्यार्थियों के विकास के लिए आकलन, हेमंत कुमार साव द्वारा शिक्षक शिक्षा-शिक्षकों का सतत् व्यावसायिक विकास, डॉ. दीपा दास द्वारा व्यावसायिक शिक्षा, संतोष कुमार तंबोली द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा, प्रशांत पाण्डेय, राज्य साक्षरता मिशन द्वारा उल्लास (प्रौढ़ शिक्षा) पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम के अंत में श्री कटारा द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए शपथ ग्रहण कराया गया। कार्यशाला में प्रबंध संचालक पाठ्य पुस्तक निगम कुलदीप शर्मा, एस.सी.ई.आर.टी. के समस्त अधिकारी एवं अकादमिक सदस्य, प्रदेश के सभी शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, बी.टी.आई. तथा डाईट के प्राचार्य उपस्थित थे।

छात्रावास में नाबालिग छात्रा के गर्भवती होने का मामला: कांग्रेस ने गठित की जांच समिति

रायपुर- पखांजूर इलाके के आवासीय छात्रावास में नाबालिग छात्रा के गर्भवती होने के मामला में कांग्रेस ने 6 सदस्यीय जांच समिति गठित की है. जांच कमेटी की संयोजक पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया बनाई गई हैं.

जांच कमेटी में विधायक अंबिका मरकाम, विधायक संगीता सिंह, विधायक सावित्री मंडावी, नारायणपुर जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबती नेताम और कांकेर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुभद्रा सलाम को शामिल किया गया है.

जांच समिति की सदस्य प्रभावित छात्रावास का दौरा कर पीड़िता/परिजनों, छात्रावास प्रशासन तथा ग्रामवासियों से भेंट व चर्चा कर घटना की वस्तुस्थिति से अवगत होकर अपना प्रतिवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रस्तुत करेंगी.