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बैडमिंटन कोर्ट में हुआ राष्ट्रपति और साइना नेहवाल का मुकाबला, ओलंपिक मेडल विनर को प्रेसिडेंट ने दी कड़ी चुनौती

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के बैडमिंटन कोर्ट में दिग्गज शटलर और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता साइना नेहवाल के साथ बैडमिंटन खेला। बैडमिंटन खेलने के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने मंजे हुए खिलाड़ी की तरह कई शॉट लगाए और उन्होंने कई मौके पर साइना नेहवाल को मात भी दी।

 राष्ट्रपति सचिवालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति का यह प्रेरणादायक कदम ऐसे समय में भारत के बैडमिंटन की महाशक्ति के रूप में उभरने के अनुरूप है , जब महिला खिलाड़ी विश्व मंच पर बड़ा प्रभाव डाल रही हैं। मुर्मू और नेहवाल के मुकाबले की तस्वीरें साझा करते हुए आगे लिखा कि ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का खेलों के प्रति स्वाभाविक प्रेम तब देखने को मिला जब उन्होंने राष्ट्रपति भवन के बैडमिंटन कोर्ट में बहुचर्चित खिलाड़ी साइना नेहवाल के साथ बैडमिंटन खेला।’ 

साइना नेहवाल ने भी राष्ट्रपति के साथ खेलने का मौका मिलने पर अपनी खुशी जाहिर की। नेहवाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहाकि "भारत के राष्ट्रपति के साथ खेलना मेरे लिए सम्मान की बात है...। यह मेरे जीवन का यादगार दिन है। मेरे साथ बैडमिंटन खेलने के लिए राष्ट्रपति जी का बहुत-बहुत धन्यवाद।"

हरियाणा की रहने वाली 33 वर्षीय शटलर नेहवाल ने अपने करियर की शुरुआत में 2008 में बीडब्लूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीतकर सभी का ध्यान आकर्षित किया था। 2008 में वह ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने हांगकांग की तत्कालीन विश्व नंबर पांच खिलाड़ी वांग चेन को हराया। लेकिन इंडोनेशिया की मारिया क्रिस्टिन यूलियांटी से हार गईं।

 2009 में साइना बीडब्लूएफ सुपर सीरीज प्रतियोगिता जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्हें 2009 में अर्जुन पुरस्कार और 2010 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

लंदन में 2012 ओलंपिक खेलों के दौरान नेहवाल ने महिला एकल कांस्य पदक जीता। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 20 से अधिक खिताब जीते हैं और 2016 में केंद्र ने उन्हें प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया था। शटलर ने भारत के लिए एक शानदार करियर बनाया है जिसने देश में खेल को बदल दिया है। साइना ने कई प्रमुख बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया जिसमें उन्होंने कई ट्रॉफी और पदक जीते। वह खेल में दुनिया की नंबर 01 रैंकिंग रखने वाली एक मात्र महिला भारतीय खिलाड़ी भी हैं।

बीसीसीआई ने लगातार दूसरी बार ठुकराई गौतम गंभीर की मांग, बॉलिंग के बाद फील्डिंग कोच का नाम भी खारिज*
#bcci_reject_gautam_gambhir_request भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर को टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया था। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने मंगलवार 9 जुलाई की शाम आधिकारिक तौर पर भारतीय टीम के नए मुख्य कोच के नाम की घोषणा की थी। हालांकि, गंभीर के पदभार संभालने से पहले ही बोर्ड ने उन्हें झटका दिया है। एक के बाद एक बीसीसीआई ने उनकी दो मांगों को सिरे से खारिज कर दिया। गंभीर जिन चेहरों को अपने कोचिंग स्टाफ में शामिल करना चाहते हैं, भारतीय क्रिकेट बोर्ड उन्हें नकार देता है। पहले गौतम गंभीर के बॉलिंग कोच की पसंद आर विनय कुमार को रिजेक्ट किया गया अब फील्डिंग कोच पर भी ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर ने फील्डिंग कोच के लिए जोंटी रोड्स का नाम प्रस्तावित किया था जिसे बोर्ड ने स्वीकार नहीं किया है। दरअसल, राहुल द्रविड़ की तरह, भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़, गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे और क्षेत्ररक्षण कोच टी दिलीप का कार्यकाल भी टी-20 विश्व कप के साथ खत्म हो चुका है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने द्रविड़, राठौड़, म्हाम्ब्रे और दिलीप को उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया, जिससे श्रीलंका दौरे से हेड कोच गंभीर की अगुवाई में एक नए कोचिंग स्टाफ का संकेत मिला। परंपरागत रूप से, बीसीसीआई मुख्य कोच को अपना सहयोगी स्टाफ चुनने की अनुमति देता है और यही बात गंभीर पर भी लागू होगी। हालांकि, बोर्ड ने गेंदबाजी कोच और फील्डिंग कोच पदों के लिए गंभीर की शीर्ष पसंद को खारिज कर दिया है। गंभीर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज जॉन्टी रोड्स को फील्डिंग कोच बनाना चाहते थे। हालांकि बीसीसीआई सपोर्ट स्टाफ में किसी भी तरह के विदेशी कोच को शामिल नहीं करना चाहता है। बीते कई सालों से बीसीसीआई देसी कोच के साथ काम कर रही है। रिपोर्ट में सोर्स ने बताया कि रोड्स के नाम को लेकर चर्चा हुई थी लेकिन बोर्ड ने तय किया कि सभी सपोर्ट स्टाफ के मेंबर भारतीय होंगे। इससे एक बार फिर टी दिलिप के लिए दोबारा दरवाज़े खुल जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शानदार काम किया था। पिछले कोचिंग स्टाफ के मेंबर का अगले हेड कोच के कार्यकाल में काम करना कोई नई बात नहीं है। बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ने 2019 वनडे वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री के हेड कोच रहते हुए ज्वाइन किया था और फिर द्रविड़ के हेड कोच बनने के बाद भी वह बैटिंग कोच रहे। इससे पहले गंभीर ने भारत के पूर्व तेज गेंदबाज आर. विनय कुमार को गेंदबाजी कोच नियुक्त करने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन बोर्ड इस चयन के पक्ष में नहीं था। मीडिया सूत्रों की माने तो अब रेस में जहीर खान और एल. बालाजी सरीखे दिग्गज हैं।
नेपाल में भूस्खलन के बाद नदी में बह गईं यात्रियों से भरी दो बसें, सात भारतीयों समेत 65 लोग लापता
#nepal_landslide_updates_two_buses_swept_in_trishuli_river
नेपाल में आसमान से आफत बर रहा है। खराब मौसम के बीच भारी भूस्खलन की जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि आज सुबह मध्य नेपाल में मदन-अश्रित राजमार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण लगभग 65 यात्रियों को ले जा रही दो बसें त्रिशूली नदी में गिर गईं हैं। इन दो बसों में सवार 65 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसमें सात भारतीय बताए जा रहे हैं। फिलहाल, रेस्क्यू टीम मौके पर है और बचाने की जंग जारी है। बचावकर्मियों ने भूस्खलन के मलबे को हटाना शुरू कर दिया है। नेपाल में चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने एएनआई से कहा कि हम घटना स्थल पर हैं और तलाशी अभियान चल रहा है।' लगातार बारिश के कारण लापता बसों की तलाश करने के हमारे प्रयासों में बाधा आ रही है। बता दें कि नेपाल में पिछले कई दिनों से भारी बारिश और भूस्खलन जारी है। इसकी चपेट में आकर अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। कई जगह भूस्खलन के चलते राजमार्ग टूट गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में लोगों को आवागमन में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। बारिश अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। नेपाल में जून से ही हो रही मूसलाधार मानसूनी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं बढ़ गई हैं। शुक्रवार सुबह कास्की में लैंडस्लाइड हुई, जिसकी चपेट में आकर दो यात्री बसें त्रिशूली नदी में बह गई। मेडिकलकर्मियों के साथ सेना और पुलिस के जवानों को राहत और बचाव में लगाया गया है। पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने कहा कि यह घटना काठमांडू से 86 किलोमीटर पश्चिम में चितवन जिले में ये दुर्घटना हुई है। उन्होंने बताया कि काठमांडू से गौर जा रही बस में 41 लोग थे और बीरगंज से काठमांडू जा रही बस में 24 लोग थे। त्रिशूली नदी में दोनों बसें गिरी हैं। इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने ट्वीट किया कि नारायणगढ़-मुग्लिन सड़क खंड पर भूस्खलन में बस के बह जाने से लगभग पांच दर्जन यात्रियों के लापता होने की रिपोर्ट और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संपत्तियों के नुकसान से मैं बहुत दुखी हूं। मैं गृह प्रशासन सहित सरकार की सभी एजेंसियों को यात्रियों की खोज और प्रभावी बचाव के निर्देश देता हूं।
अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

#cm_arvind_kejriwal_gets_interim_bail_from_supreme_court 

दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है।

गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिका में दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने इस याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत ईडी की गिरफ्तारी मामले में मिली है। केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति केस में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की 17 मई को सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके साथ ही कहा था कि केजरीवाल जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद ईडी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 9 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही करार दिया था। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

महाराष्ट्र एमएलसी चुनावः 11 सीटों पर मैदान में 12 उम्मीदवार, क्या क्रॉस वोटिंग से बिगाड़ेगी गणित?

#maharashtra_mlc_election_2024 

महाराष्ट्र में विधान परिषद का आज चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। आज राज्य में 11 सीटों के लिए विधान परिषद चुनाव हो रहे हैं। लोकसभा चुनावों में अपनी हालिया सफलता से उत्साहित विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिससे संभावित क्रॉस-वोटिंग और हॉर्सट्रेडिंग की स्थिति बन गई है।

विधान परिषद की 11 सीटों पर 12 उम्मीदवार मैदान में है। बीजेपी ने पांच और अजित पवार और शिंदे की अगुवाई वाली एनसीपी और शिवसेना ने दो-दो कैंडिडेट उतारे हैं। जबकि इंडिया गठबंधन के कांग्रेस, उद्धव की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी से एक-एक उम्मीदवार मैदान में है। बीजेपी से पंकजा मुंडे, डॉ.परिणय फुके, अमित बोरखे, योगेश टिलेकर और सदाभाऊ खोत एमएलसी चुनाव में हैं। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पूर्व सांसद भावना गवली और कृपाल तुमाने तो अजित पवार की एनसीपी से शिवाजीराव गर्जे और राजेश विटेकर प्रत्याशी हैं। वहीं, एमएलसी चुनाव में कांग्रेस से प्रज्ञा सातव, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी से मिलिंद नार्वेकर और शरद पवार की एनसीपी ने जयंत पाटिल को चुनाव लड़ाया है।

कांग्रेस की एक एमएलसी सीट पर जीत तय है, लेकिन उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए बिना समर्थन जुटाए चुनावी जंग फतह करना आसान नहीं है. उद्धव ठाकरे की पार्टी के 16 विधायक हैं तो शरद पवार के पास 12 विधायक हैं। इस तरह उद्धव को साथ विधायकों का समर्थन चाहिए तो शरद पवार को 11 विधायकों का समर्थन जुटाना होगा।

महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं लेकिन मौजूदा समय में 274 विधायक हैं। इस लिहाज से एक एमएलसी सीट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के आधार पर कम से कम 23 विधायकों का समर्थन चाहिए। एनडीए के पास बीजेपी 103, एनसीपी 40 और शिवसेना 37 विधायकों के अलावा अन्य छोटे दलों के साथ 203 विधायकों का समर्थन है, लेकिन उसे अपने सभी 9 उम्मीदवारों को जिताने के लिए 207 विधायकों का समर्थन चाहिए. इस तरह 4 विधायक के अतरिक्त वोटों का समर्थन जुटाना होगा.

वहीं, इंडिया गठबंधन के कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के पास 65 विधायक है, जिनमें अगर सपा और लेफ्ट के विधायकों को भी जोड़ लेते हैं तो 69 विधायक होते हैं। इंडिया गठबंधन को अपने तीनों कैंडिडेट को जिताने का पर्याप्त वोट हो रहा है, लेकिन नवाब मलिक और जिशान सिद्दीकी जैसे विधायक अजीत पवार के साथ खड़े हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन को अपनी तीनों सीटें सेफ करने के लिए अतरिक्त विधायकों को समर्थन की व्यवस्था करनी होगी। ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी और बच्चू कडू की पार्टी के विधायकों का रोल अहम हो जाता है।

ऐसे खरीद-फरोख्त से बचने के लिए सभी दलों ने अपने-अपने विधायकों को पिछले तीन दिनों से फाइव स्टार होटलों में ठहरा रखा है और वोटिंग के लिए सीधे विधानसभा पहुंचेंगे।

केजरीवाल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला, शराब घोटाले मामले में ईडी की गिरफ्तारी को दी है चुनौती

#sc_verdict_on_delhi_cm_arvind_kejriwal_plea_challenging_arrest_by_ed 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति केस में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की 17 मई को सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था।

केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही करार दिया था। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को केजरीवाल की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं था क्योंकि केजरीवाल कई समन भेजे जाने के बाद भी पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस नहीं आए। इसके बाद ईडी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

इस बीच तीन दिन पहले ईडी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की, जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल को केस का मुख्य आरोपी बताया गया है। ईडी ने चार्जशीट में कहा कि केजरीवाल ने 2022 में हुए गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान में यह पैसा खर्च किया। सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कई दावे किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि केजरीवाल इस केस के किंगपिन हैं और साजिशकर्ता हैं। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि गोवा इलेक्शन में रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल हुआ। इसकी केजरीवाल को जानकारी थी और वो इसमें शामिल थे। चार्जशीट में केजरीवाल और आरोपी विनोद चौहान के बीच हुई व्हाट्सएप चैट की डिटेल भी दी गई है। चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम (अपराध से अर्जित आय) का भी जिक्र किया है।

ईडी ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल ने दावा किया कि आप के पूर्व मीडिया प्रभारी और इस केस के सह-आरोपी विजय नायर ने उनके नहीं, बल्कि मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम किया था। इसमें यह भी दावा किया गया है कि सीएम ने कहा कि दुर्गेश पाठक गोवा के राज्य प्रभारी थे और फंड का प्रबंधन करते थे और फंड से संबंधित निर्णयों में उनकी खुद कोई भूमिका नहीं थी और उन्हें भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता से रिश्वत नहीं मिली थी।

केंद्रीय सशस्त्र बलों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण, फिजिकल टेस्ट में छूट, केंद्र सरकार की बड़ी घोषणा

#home_ministry_announce_10_reservation_in_cisf_recruitment_to_agniveers 

अग्निवीरों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (Central Armed Police Forces) में अग्निवीरों की भर्ती के लिए बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में कांस्टेबलों के 10% पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे। इसके साथ ही अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी छूट दी जाएगी। जिसके तहत सीआईएसएफ और बीएसएफ में 10 फीसदी सीटें उनके लिए आरक्षित रहेंगी। सीआईएसएफ और बीएसएफ के प्रमुखों ने गुरुवार को इसका एलान किया।

सीआईएसएफ डीजी नीना सिंह ने कहा है कि पूर्व अग्निवीरों को आयु सीमा में भी छूट मिलेगी। यह व्यवस्था एक ओर सीआईएसएफ के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे सीआईएसएफ को प्रशिक्षित, सक्षम और योग्य मैनपावर मिलेगा। इससे फोर्स में डिसिप्लिन होगा। उसी तरह इससे पूर्व अग्रिवीरों को सीआईएसएफ में सेवा देने का मौका मिलेगा।

इसको लेकर बीएसएफ डीजी का भी बयान आया है। बीएसएफ डीजी नितिन अग्रवाल ने कहा है कि हम सैनिक तैयार कर रहे हैं। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। इसका लाभ सभी बलों को मिलेगा। अग्निवीरों को भर्ती में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

बता दें कि अग्निवीर योजना शुरुआत से ही विवादों में रही है। हाल ही में राहुल गांधी ने संसद में इस विषय को उठाया था और कहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर यह योजना खत्म कर दी जाएगी। अग्निवीर योजना का विपक्ष शुरुआत से ही विरोध करता रहा है और इसमें लगातार कई खामियां निकाली गई हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि काफी सोच-समझकर और विचार विमर्श के बाद यह योजना लाई गई और यह सेना के हित में है।आपको बता दें कि हाल ही में अग्निपथ और अग्निवीर योजना को लेकर देश की संसद में काफी हंगामा मचा था। इसके ठीक बाद रक्षा मंत्रालय ने ये बड़े फैसले लिए हैं।

रूस-चीन के रिश्ते से क्यों उड़ी नाटो की नींद?

#nato_upset_due_to_russia_china_relations 

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देश इस वक्त अमेरिका के वाशिंगटन में हैं। नाटो की 75वीं सालगिरह पर इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है। समिट में नाटो के सदस्य देशों ने रूस और चीन के बीच गहराते संबंधों पर गहरी चिंता जाहिर की है। रूस और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों को देख नाटो की नींद उड़ गई है।नाटो नेताओं ने बुधवार (10 जुलाई) को चीन को यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में "निर्णायक समर्थक" करार दिया और उस पर मॉस्को के हमले में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया। 

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन में अपने शिखर सम्मेलन से साझा किए गए एक घोषणापत्र में, नाटो नेताओं ने रूस के साथ चीन के गहरे होते संबंधों पर "गहरी चिंता" व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चीन रक्षा औद्योगिक आधार के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन के माध्यम से यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का निर्णायक समर्थक बन गया है।"

नाटो ने अपने वाशिंगटन शिखर सम्मेलन घोषणापत्र में कहा कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) की महत्वाकांक्षाएं और आक्रामक नीतियां लगातार हमारे हितों, सुरक्षा और मूल्यों को चुनौती दे रही हैं। रूस और पीआरसी के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी तथा नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करने और नया आकार देने के दोनों देशों के प्रयास गंभीर चिंता का विषय हैं।

नाटो डिक्लेरेशन में ये कहा गया है कि चीन, रूस और कई दूसरे गुटों की ओर से हम हाइब्रिड, साइबर, स्पेस अन्य खतरों का सामना कर रहे हैं। रूस चीन, ईरान और नॉर्थ कोरिया के साथ मिलके एक नए ग्रुप खड़ा करने के कोशिश कर रहा है। ये तीनों देश ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस की आर्थिक, सैन्य और रणनीतिक मदद की है। जिसने नाटो देशों की चिंता को बढ़ा दिया है।

समिट में चीन से रूस के युद्ध प्रयासों के लिए सभी सामग्री और राजनीतिक समर्थन बंद करने का आह्वान किया गया, जिसमें "हथियार घटकों, उपकरण और कच्चे माल जैसे दोहरे उपयोग वाली सामग्रियों का हस्तांतरण शामिल है जो रूस के रक्षा क्षेत्र के लिए इनपुट के रूप में काम करते हैं।

नाटो ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि रूस संगठन के सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण और प्रत्यक्ष खतरा बना हुआ है। इसमें कहा गया है, “आतंकवाद, अपने सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों में, हमारे नागरिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं समृद्धि के लिए सबसे प्रत्यक्ष खतरा है। हम जिन खतरों का सामना कर रहे हैं, वे वैश्विक और परस्पर जुड़े हुए हैं।” इसलिए सतर्कता के साथ नाटो ने बीजिंग समेत अन्य के खिलाफ अपनी प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा तंत्र को मजबूत करने, रूस से लड़ाई में यूक्रेन को दीर्घकालिक समर्थन बढ़ाने और नाटो के सदस्य देशों के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए कदम उठाए जाने पर जोर दिया है।

महाराष्ट्र में फिर से ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ शुरू, एमएलसी चुनाव से पहले होटल में ले जाए जा रहे विधायक

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महाराष्ट्र में विधान परिषद की 11 सीटों के लिए होने वाले चुनाव से पहले सियासी हलचल बढ़ गई है।एक बार फिर यहां होटल पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है।महाराष्ट्र में 12 जुलाई यानी शुक्रवार को विधान परिषद का चुनाव है। 11 सीटों पर 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। बीजेपी और कांग्रेस को छोड़कर किसी भी दल के पास अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त वोट नहीं है। इसीलिए क्रॉस वोटिंग का खतरा एमएलसी चुनाव में बना है। ऐसे में सभी दल अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित रखने में जुट गए हैं।

सूबे की सभी सियासी पार्टियां अपने-अपने विधायकों को एकजुट करने और विधान परिषद चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ से बचने की जद्दोजहद में लगी हुई हैं। इसी कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने सभी 16 विधायकों को मुंबई के आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल होटल में शिफ्ट किया है तो डिप्टी सीएम अजीत पवार ने अपने एनसीपी विधायकों के साथ सिद्धि विनायक मंदिर जाकर माथा टेका और फिर उन्हें एक रिसॉर्ट में ठहरा रखा है। भाजपा ने अपने और अपने समर्थक विधायकों को दक्षिण मुंबई के कफ परेड स्थित होटल ताज प्रेसीडेंट में बुला लिया है। 

अभी तक कांग्रेस ने अपने विधायकों को किसी होटल में नहीं बुलाया है। राकांपा (शपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया है कि उन्हें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है। वह कहीं नहीं जाने वाले हैं।

इस बार के विधान परिषद चुनाव में सदन में 11 सदस्यों का चुनाव होना है, लेकिन प्रत्याशी 12 हैं। शिवसेना (शिंदे), भाजपा और राकांपा (अजीत) के विधायकों की कुल संख्या 197 है। इन तीनों दलों के गठबंधन ने मिलकर नौ उम्मीदवार खड़े किए हैं। इनमें भाजपा के पांच, शिवसेना (शिंदे) के दो और राकांपा (अजीत) के भी दो उम्मीदवार हैं। यानी एनडीए के 9 और इंडिया गठबंधन से तीन प्रत्याशी मैदान में हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्यों के आधार पर विधान परिषद की 11 में से 9 सीटों पर एनडीए को जीत मिल सकती है जबकि इंडिया गठबंधन को महज दो सीटें ही मिलती दिख रही हैं। एक एमएलसी सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के आधार पर 23 विधायकों के वोटों के समर्थन की जरूरत हैं। ऐसे में क्रॉस वोटिंग की आशंकाओं के बीच सभी दलों ने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है, क्योंकि लोकसभा चुनावों के बाद से माहौल बदला है और शिंदे गुट वाली शिवसेना और अजित पवार वाली एनसीपी के कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग होती है तो इंडिया गठबंधन तीन सीटें अपने नाम कर सकती है। इसके चलते ही उद्धव ठाकरे से लेकर अजीत पवार तक अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित रखने में जुटें हैं ताकि क्रॉस वोटिंग से बचाया जा सके।

*पाकिस्तान में सऊदी एयरलाइंस के प्लेन में लगी आग, 276 यात्री थे सवार

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सऊदी अरब के एक यात्री विमान में पाकिस्तान के पेशावर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के वक्त आग लग गई। ये फ्लाइट सऊदी की राजधानी रियाद से पेशावर आई थी। फ्लाइट में करीब 300 लोग सवाल थे, सभी को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया। 

पाकिस्तान के पेशावर हवाईअड्डे पर उतरते समय सऊदी एयरलाइंस की फ्लाइट SV792 में आग लग गई। लैंडिंग गियर में दिक्कत की वजह से टायर में आग लग गई। आग लगने के बावजूद किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इसके अलावा सभी चालक दल और यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लाइट में सभी 276 यात्री और 21 चालक दल के सदस्य मौजूद थे।

पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) के प्रवक्ता सैफुल्लाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब फ्लाइट लैंड हो रही थी तो एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने विमान के बाईं ओर के लैंडिंग गियर से धुआं और चिंगारी निकलते देखी। इस पर तुरंत ही पायलटों को सतर्क करते हुए एयरपोर्ट की फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू सर्विस को भी अलर्ट किया गया।