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खेलने की उम्र में सर पर ढिबरा लेकर बेच रहे हैं नाबालिग बच्चे, प्रशासन से लेकर सामाजिक संस्थानों को मुंह चिढ़ा रही है ये तस्वीरें

गिरिडीहगिरिडीह जिले के तिसरी एवं गावां प्रखंड में दस वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक उम्र के बच्चे अगर अपने सर पर ढीबरा की टोकरी ले जाते हुए कहीं नजर आ जाएं, तो यह कोई हैरानी की बात नहीं होगी। क्योंकि कल के देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चों को चंद रुपए कमाने के लिए अपने बचपन से सौदा करना पड़ रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि इन प्रखंडों में कई सामाजिक संस्थाएं कार्यरत है, लेकिन जैसे उनके आंखों पर भी कोई काली पट्टी बंधी नजर आ रही है। और अगर बात करें प्रशासन या अधिकारियों की तो साहब उन्हे इन मासूमों की जिंदगी से क्या लेना देना। अपने दफ्तर और रोजमर्रा के कार्यों में वे इतने व्यस्त हैं कि उन्हें इन बच्चों के भविष्य की ओर कोई ध्यान भी नहीं है। विद्यालयों में पढ़ाई छोड़ ढिबरा चुनते हैं मासूम बच्चे बता दें इन दिनों तिसरी और गावां के सुदूरवर्ती इलाकों में आदिवासी नाबालिक बच्चे अब शिक्षा और खेल से दूर होते जा रहे है। कई सरकारी विद्यालयों में जहां 150 और 200 बच्चों का नामांकन है, वहां अब मात्र गिने चुने बच्चे ही पढ़ने आते हैं। अगर इन बच्चों को कहीं खोजना है तो आप आसपास के क्षेत्र के किसी ईट भट्ठे और छोटे बड़े ढीबरा खदानों के आसपास उन्हे खोज सकते हैं, जहां वे आसानी से ढीबरा चुनते या काम करते नजर आ जायेंगे।
प्रखंड में संचालित है कई सामाजिक संस्थानें, फिर भी बच्चे को नहीं मिल रहा उनका अधिकार बताते चलें कि क्षेत्र में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, सवेरा फाउंडेशन, जागो फाउंडेशन, चाइल्ड लाइन समेत कई सरकारी और गैरसरकारी सामाजिक संस्थाएं सक्रिय है, जो दिखाती तो है कि उनके रहते क्षेत्र में बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है। लेकिन इन तस्वीरों को देख कर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सभी सामाजिक संस्थानों का दावा शतप्रतिशत सही नहीं है। वन विभाग और पुलिस करती है क्षेत्र में ढिबरा बंद करने का दावा, सच्चाई कुछ और अगर हम बात करें क्षेत्र में ढिबरा व्यवसाई की तो यहां की ना सिर्फ पुलिस बल्कि वन विभाग के कर्मी भी अपने और से दावा करते है कि उनके क्षेत्र में ढिबरा का अवैध व्यवसाई नहीं चल रहा है। लेकिन इसके बावजूद उनके द्वारा की गई कार्यवाई उनके ही दावों को खोखली साबित कर देती है। हालांकि यह कहना गलत होगा कि यहां कि पुलिस और वन विभाग की टीम इस मामले में एक्टिव नहीं है। क्योंकि वजह कुछ भी हो उनके द्वारा कई बार ढिबरा लदे वाहनों को जब्त भी किया गया है। हालांकि ये अलग बात है कि यहां के ढिबरा व्यवसाई इन दोनों को अंगूठा दिखाने में कभी बाज नहीं आते हैं।
ऐसे होती है ढिबरा की अवैध खरीद बिक्री प्राप्त जानकारी के अनुसार तिसरी एवं गावां के पंचरुकी, मनसाडीह, कोदईबांक, सिरसिया, खटपोंक, करणपुरा, भुराई, हरलाघाटी, चरकी, धरवे नवाडीह सहित कई इलाकों में नाबालिग बच्चे, महिला व पुरुष द्वारा ढीबरा का अवैध खनन किया जाता है। जिसके बाद ढिबरा व्यवसाई इन लोगों के घर ढीबरा खरीदने आते हैं। यहां से ढिबरा लेने के बाद वे सभी ट्रैक्टर या बाइक के माध्यम से इसे कई जगह बनाए गए डंपिंग स्थान में डंप करते हैं। जहां से ट्रक और पिकअप के माध्यम से इन्हे अलग अलग रास्तों से रात के अंधेरे में गिरिडीह व कोडरमा भेजा जाता है। सरकार से लगातार होती रही है ढिबरा को वैध करने की मां बता दें तिसरी और गावां के लोगों का जीवन ढिबरा पर आश्रित है। यहां के ग्रामीणों से लेकर कई राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा कई बार ढीबरा को वैध करने को लेकर आवाज भी उठाया गया है। बीच में हेमंत सोरेन की सरकार द्वारा इसके लिए नियम बना कर खरीदारी भी शुरू की गई थी। पर यह सिर्फ खोखली हो साबित हुई। अगर सरकार इस पर ध्यान दे और कड़े नियम लाकर इसे वैध करे तो इससे ना सिर्फ नाबालिक बच्चों की जिंदगी बचेगी बल्कि यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही सरकार को अच्छे राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
ग्रामीणों की सहयोग से तिसरी पुलिस ने शराब लदा होंडा सिटी कार किया जब्त, ड्राइवर हुआ फरार


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी थाना की पुलिस ने शुक्रवार की देर रात ग्रामीणों के सहयोग से अवैध अंग्रेजी शराब लदी होंडा सिटी कार संख्या बीआर 03क्यू 0045 को जब्त की है। इस दौरान तेज रफ्तार कार ने न सिर्फ दो बाइक को टक्कर मार कर उसे छतिग्रस्त कर दिया, बल्कि इसके साथ ही दो लोगों को मामूली चोटें भी आई। वहीं चालक जंगल में बच कर फरार होने में कामयाब हो गया। वहीं इन सब से गुस्साए ग्रामीणों में कार में जम कर तोड़ फोड़ किया है।

कार से बिहार ले जाया जा रहा था अवैध अंग्रेजी शराब

मिली जानकारी के अनुसार तिसरी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अवैध विदेशी शराब लदी एक कार बिहार की ओर जा रही है। इसी सूचना के आधार पर तिसरी और लोकाई थाना प्रभारी ने उक्त वाहन का खोजबीन शुरू कर दिया। कुछ समय के बाद लोकाइ में वाहन चेकिंग देखते हुए यह कार वापस तिसरी की ओर आने लगी। इसी क्रम में उसने तिसरी थाना प्रभारी को भी चकमा दिया और चालक तेज रफ्तार में कार को लेकर भंडारी के रास्ते फरार हो गया।

तेज रफ्तार कार ने दो बाइक को किया क्षतिग्रस्त

तिसरी थाना प्रभारी को कार के भंडारी रास्ते में सूचना मिलते ही उनके द्वारा कई ग्रामीणों के साथ संपर्क किया गया, जिसके बाद अलग अलग ग्राम के ग्रामीणों द्वारा गाड़ी को रोकने का भरसक प्रयास किया गया। किंतु उक्त शराब लदा वाहन इतनी तेज रफ्तार में था कि उस रोकने के क्रम में करीब दो लोगों को मामूली चोट भी आया, जबकि दो मोटरसाइकिल को टक्कर मारते हुए चालक वहां से फरार हो गया।


जेसीबी लगा कर ग्रामीणों ने रोका कार

बता दें कि अंत में जाकर किशुटांड सहित अन्य गांव के ग्रामीणों ने घांगरीकुरा से कुछ दूर पूर्व जेसीबी लगा कर सड़क जाम कर दिया। इसी बीच चालक उक्त वाहन को छोड़कर घने जंगल के बीच फरार हो गया। जिसके बाद रास्ते में रफ ड्राइविंग और लोगों के वाहनों में टक्कर मारने से नाराज ग्रामीणों ने पूरी गाड़ी को छतिग्रस्त कर दिया।

ग्रामीणों के गाड़ी पकड़ने के बाद पहुंची पुलिस

बताते चलें कि गाड़ी के रुक जाने के करीब 10 मिनट बाद तिसरी थाना प्रभारी भी वहां पहुंचे और उन्होंने गाड़ी समेत उसमे रखे अवैध अंग्रेजी शराब की पेटियों को जब्त किया। इसके साथ ही मिस्त्री की मदद से गाड़ी का लोक तोड़कर उसे अपने साथ लाने लाने की प्रयास में जुट गए।

जांच के पश्चात होगी कार्रवाई : थाना प्रभारी

मौके पर उपस्थित थाना प्रभारी संजय नायक ने बताया कि चालक और गाड़ी मालिक के बारे में पता लगाया जा रहा है। जांच के उपरांत आगे की कानूनी करवाई की जाएगी।
चोरी की रोकथाम को लेकर तिसरी पुलिस ने बड़े प्रतिष्ठानों के संचालकों के साथ की बैठक, अपने प्रतिष्ठानों में सिक्योरिटी कैमरे लगाने का दिए निर्देश


तिसरी, गिरिडीह

तिसरी थाना परिसर में शुक्रवार को तिसरी इंस्पेक्टर पास्कल टोप्पो एवं तिसरी थाना प्रभारी द्वारा तिसरी व चंदौरी के पेट्रोल पंप, गाड़ी शोरूम, ज्वेरलर्स दुकान सहित बड़े बड़े प्रतिष्ठानों के संचालकों एवं व्यवसायियों के साथ बैठक किया गया। इस दौरान उनके द्वारा सभी लोगों को क्षेत्र में चोरी की घटना के रोकथाम एवं सुरक्षा की दृष्टिकोण से अपने अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया।

जानकारी देते हुए तिसरी थाना प्रभारी संजय नायक ने बताया कि गिरिडीह पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद तिसरी एवं चंदौरी के सभी बड़े प्रतिष्ठानों के संचालक एवं व्यवसायियों के साथ बैठक करते हुए यह निर्देश दिया गया है। इससे ना सिर्फ चोरी सहित अन्य क्राइम के रोकथाम में मदद मिलेगी। साथ ही अगर कोई घटना भी होती है तो इसके माध्यम से उसका पता भी लगाया जा सकेगा।
1098 पर मिली गुप्त सूचना के बाद लापता नाबालिक के परिजनों से मिली रेस्क्यू टीम, शुरू हुई बच्ची की खोज


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी अंतर्गत मनसाडीह ओपी क्षेत्र की एक नाबालिक लड़की विगत 10 दिनों से घर से गायब है। और हैरत की बात तो यह है कि उसके परिजनों को पुलिस को जानकारी देना कैसे है, इसका भी पता नहीं है। जिस कारण अब तक न तो परिजन उस नाबालिक बच्ची का पता लगा पाए और नाही पुलिस उसे ढूढने का प्रयास शुरू की थी। इसी बीच किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा 1098 पर इसकी गुप्त सूचना दी गई, जिसके बाद बच्ची की खोज के लिए रेस्क्यू टीम का गठन किया गया।

रेस्क्यू टीम पहुंची लापता बच्ची के घर

बता दें 1098 पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा गुप्त सूचना दिए जाने के बाद एक रेस्क्यू टीम का गठन किया गया। इस दौरान टीम में शामिल मनसाडीह ओपी प्रभारी अंकित कुमार, सवेरा फाउंडेशन पर्यवेक्षक सह बाल अधिकार कार्यकर्ता इंकज कुमार, चाइल्डलाइन केस वर्कर नरेश कुमार वर्मा और संतोष कुमार वर्मा लापता नाबालिक बच्ची के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ लापता लड़की के परिजनों से मिलकर सारी बात की जानकारी ली। साथ ही उनके द्वारा ओपी में प्राथमिकी दर्ज करवाने को लेकर प्रेरित भी किया गया। इसके साथ ही लापता बच्ची को खोजबीन भी शुरू हो गई।


परिजनों को थाना में सूचना कैसे देना है, इसकी नहीं थी जानकारी

रेस्क्यू टीम में शामिल सवेरा फाउंडेशन के कार्यकर्ता इंकज कुमार ने बताया कि परिजनों से जब उनकी बेटी के बारे में जानकारी ली गई तो परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी 10 दिनों से लापता है। जब उन्होंने परिजनों से पुलिस को सूचना देने के बारे में पूछा तो परिजनों ने बताया कि पुलिस को कैसे शिकायत करनी है या सूचना देना है, इसकी उन्हे कोई जानकारी नहीं है।

किसी लड़के के साथ चले जाने का है शक

इसके साथ ही फाउंडेशन के कार्यकर्ता इंकज कुमार ने यह भी बताया कि परिजनों से बच्ची के लापता होने के बारे में पूछे जाने पर परिजनों ने कहा जिस समय उनकी बच्ची गायब हुई है, उस समय वह घर पर नहीं थे। जब वह घर पहुंचे तो उन्हें उनकी बेटी नहीं मिली। उन्हें शक है कि उनकी नाबालिक बच्ची किसी लड़के के साथ चली गई है।


जानकारी के अभाव में पुलिस तक नहीं पहुंचते हैं कई मामले

बताते चलें कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पुलिस व कानून को लेकर अभी भी लोगों में जागरूकता नहीं है। जिस कारण ऐसे कई मामले पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है। और इन्ही के वजह से कई घटनाएं घटित होते रहती है। अगर सरकार व सामाजिक संगठन लोगों के बीच कानूनी जागरूकता को फैलाने के लिए कोई कदम आगे बढ़ाए तो फिर ऐसी घटनाओं पर तुरंत पुलिस को जानकारी मिल सकेगी।
लड़कियों से न्यूड वीडियो कॉल करवा कर लोगों से पैसे ठगते थे साइबर अपराधी, पुलिस ने 5 को गिरफ्तार कर भेजा जेल


गिरिडीह

गिरिडीह जिले में इन दिनों पुलिस द्वारा लगातार साइबर अपराधियों के विरुद्ध छापेमारी की जा रही है और लगातार कई साइबर अपराधी भी गिरफ्तार हो रहे हैं। बुधवार को अलग अलग थाना क्षेत्रों से कुल पांच साइबर अपराधियों को भी गिरिडीह पुलिस ने धर दबोचा है।

प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से मिली जानकारी

इसे लेकर गिरिडीह पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा ने गुरुवार को प्रेस वार्ता का आयोजन कर बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र में अपराधियों द्वारा आम लोगों से ठगी करने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसके बाद पुलिस उपाधीक्षक आबिद खान के नेतृत्व में टीम गठित कर अलग अलग थाना क्षेत्रों में छापेमारी की गई, जहां से पांच साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए।

इन अपराधियों को किया गया गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में मर्गोमुंडा थाना केंद्र के केंदुवाटांड़ निवासी दिलीप कुमार मंडल (26), प्रवीण कुमार मंडल (22), नयाडीह निवासी मोज्जम अंसारी (19), तिसरी थाना क्षेत्र के कटकोको निवासी राजू बेसरा (26) एवं बगोदर थाना क्षेत्र के अटका निवासी पवन कुमार मंडल को गिरफ्तार किया गया है। इन अपराधियों के पास से 7 मोबाइल, 8 सिम कार्ड, 2 मोटरसाइकिल एवं 5 एटीएम कार्ड को बरामद किया गया है।

ऐसे देते थे साइबर अपराध को अंजाम

पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि अपराधियों में अपनी स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि उनके द्वारा लड़की से न्यूड वीडियो कॉलिंग का झांसा देकर लिंक भेज कर पैसों की ठगी करते थे। इसके अलावा उनके द्वारा गर्भवती महिलों के मोबाइल नंबर पर कॉल कर उनसे मातृत्व राशि का लाभ दिलाने के नाम पर ठगी किया जाता था। साथ ही कैशबैक का झांसा देकर भी ठगी किया जाता था।

9 माह में जिलांतर्गत साइबर अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई

बता दें गिरिडीह पुलिस ने विगत 9 माह में अब तक 247 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान उनके द्वारा 594 मोबाइल, 778 सिम कार्ड, 273 एटीएम कार्ड व पासबुक, 10 चेक बुक, 38 पैन कार्ड, 66 आधार कार्ड, 45 वाहन, 3 आईपैड, 4 लैपटॉप एवं 14 लाख 56 हजार 310 रुपए नगदी जब्त की जा चुकी है।
एनजीटी लागू होने के बावजूद बालू माफियाओं के हौसले बुलंद, पुलिस ने दो अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को किया जब्त

गिरिडीहगिरिडीह जिले के तिसरी में इन दिनों बालू माफियाओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद नजर आ रहे हैं। 15 जून को एनजीटी लागू हो जाने के बावजूद बालू माफिया धड़ल्ले से नदी से बालू उठाव कर सरकारी कार्यों में बालू आपूर्ति करने का कार्य कर रहे हैं। और हैरत की बात तो यह है कि इसके लिए अंचलाधिकारी से लिखित आवेदन देकर आदेश का भी मांग किया जा रहा है। और अंचलाधिकारी भी ऐसे हैं कि वह कार्यवाही करने की जगह चुप्पी साध कर रखे है। क्या है मामलाबता दें कि बुधवार की सुबह बालू लदा दो ट्रैक्टर भंडारी से तिसरी मॉडल विद्यालय में बन रहे छात्रावास के निर्माण के लिए ले जाया जा रहा था। इसी बीच पेट्रोलिंग के दौरान तिसरी पुलिस ने पंदनाटांड़ के समीप इन दोनों ट्रैक्टर को रोक लिया। ट्रैक्टर चालकों से बालू से संबंधित कागजातों का मांग किए जाने के बाद उन्हें संबंधित कागजातों के जगह अंचलाधिकारी को बालू ले जाने का आवेदन वाला कागजात दिखाया गया। जिसके बाद तिसरी पुलिस बालू लदे दोनों ट्रैक्टर को अपने साथ थाने ले आई। क्या लिखा गया है अंचलाधिकारी को दिए आवेदन मेंबताते चलें कि ड्राइवर द्वारा जिस कागजात को दिखाया जा रहा है। उस कागज में अंचलाधिकारी के नाम एक आवेदन लिखा गया है। इस आवेदन के तहत मॉडल स्कूल तिसरी में छात्रावास बनाने के लिए बालू की जरूरत की बात कही गई है। साथ ही  कहा गया है कि किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए गाडी मालिक मिथुन दास, गाड़ी न० JH15T 5866 एवं महेश प्रसाद यादव, गाड़ी न० JH11AK 1296 को ट्रैक्टर से बालू लाने कि अनुमति देने कि कृपा प्रदान करे। वहीं इसके साथ प्रतिलिपि में बीडीओ का भी नाम लिखा गया है। और कागजात में 28 जून को हस्ताक्षर भी किए गए हैं। आवेदन मिलने के बाद भी चुप क्यों हैं अंचलाधिकारीबालू लदे दोनों ट्रैक्टर तिसरी पुलिस द्वारा पकड़े जाने से जहां एक और बालू माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है तो वहीं दूसरी ओर आवेदन मिलने के बाद भी अंचलाधिकारी द्वारा इसके रोकथाम के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाने से लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर सूत्रों की बात करें तो उनसे मिली जानकारी के अनुसार मॉडल विद्यालय में छात्रावास के निर्माणाधीन भवन के लिए लगातार कई दिनों से बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है। और अब अंचलाधिकारी के नाम का आवेदन सामने आने से अंचलाधिकारी भी सवालों के घेरे आ खड़े हो गए हैं। क्योंकि आवेदन मिलने के बाद जहां उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए थी, वहां उन्होंने चुप्पी साधते हुए इस पर अपनी मौन सहमति दे दी। अगर वे चाहते तो आसानी से इस पर रोक लगा सकते थे। अधिकारियों ने नहीं दिया फोन का जवाबइस संबंध में जब तिसरी अंचलाधिकारी से फोन के माध्यम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया। वहीं इस संबंध में खोरीमहुआ एसडीएम से भी जानकारी लेने का जब प्रयास किया गया तो उन्होंने भी फोन का कोई जवाब नहीं दिया।
एनजीटी लागू होने के बावजूद बालू माफियाओं के हौसले बुलंद, पुलिस ने दो अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को किया जब्त


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी में इन दिनों बालू माफियाओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद नजर आ रहे हैं। 15 जून को एनजीटी लागू हो जाने के बावजूद बालू माफिया धड़ल्ले से नदी से बालू उठाव कर सरकारी कार्यों में बालू आपूर्ति करने का कार्य कर रहे हैं। और हैरत की बात तो यह है कि इसके लिए अंचलाधिकारी से लिखित आवेदन देकर आदेश का भी मांग किया जा रहा है। और अंचलाधिकारी भी ऐसे हैं कि वह कार्यवाही करने की जगह चुप्पी साध कर रखे है।

क्या है मामला

बता दें कि बुधवार की सुबह बालू लदा दो ट्रैक्टर भंडारी से तिसरी मॉडल विद्यालय में बन रहे छात्रावास के निर्माण के लिए ले जाया जा रहा था। इसी बीच पेट्रोलिंग के दौरान तिसरी पुलिस ने पंदनाटांड़ के समीप इन दोनों ट्रैक्टर को रोक लिया। ट्रैक्टर चालकों से बालू से संबंधित कागजातों का मांग किए जाने के बाद उन्हें संबंधित कागजातों के जगह अंचलाधिकारी को बालू ले जाने का आवेदन वाला कागजात दिखाया गया। जिसके बाद तिसरी पुलिस बालू लदे दोनों ट्रैक्टर को अपने साथ थाने ले आई।

क्या लिखा गया है अंचलाधिकारी को दिए आवेदन में

बताते चलें कि ड्राइवर द्वारा जिस कागजात को दिखाया जा रहा है। उस कागज में अंचलाधिकारी के नाम एक आवेदन लिखा गया है। इस आवेदन के तहत मॉडल स्कूल तिसरी में छात्रावास बनाने के लिए बालू की जरूरत की बात कही गई है। साथ ही  कहा गया है कि किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए गाडी मालिक मिथुन दास, गाड़ी न० JH15T 5866 एवं महेश प्रसाद यादव, गाड़ी न० JH11AK 1296 को ट्रैक्टर से बालू लाने कि अनुमति देने कि कृपा प्रदान करे। वहीं इसके साथ प्रतिलिपि में बीडीओ का भी नाम लिखा गया है। और कागजात में 28 जून को हस्ताक्षर भी किए गए हैं।

आवेदन मिलने के बाद भी चुप क्यों हैं अंचलाधिकारी

बालू लदे दोनों ट्रैक्टर तिसरी पुलिस द्वारा पकड़े जाने से जहां एक और बालू माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है तो वहीं दूसरी ओर आवेदन मिलने के बाद भी अंचलाधिकारी द्वारा इसके रोकथाम के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाने से लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर सूत्रों की बात करें तो उनसे मिली जानकारी के अनुसार मॉडल विद्यालय में छात्रावास के निर्माणाधीन भवन के लिए लगातार कई दिनों से बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है। और अब अंचलाधिकारी के नाम का आवेदन सामने आने से अंचलाधिकारी भी सवालों के घेरे आ खड़े हो गए हैं। क्योंकि आवेदन मिलने के बाद जहां उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए थी, वहां उन्होंने चुप्पी साधते हुए इस पर अपनी मौन सहमति दे दी। अगर वे चाहते तो आसानी से इस पर रोक लगा सकते थे।

अधिकारियों ने नहीं दिया फोन का जवाब

इस संबंध में जब तिसरी अंचलाधिकारी से फोन के माध्यम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया। वहीं इस संबंध में खोरीमहुआ एसडीओ से भी जानकारी लेने का जब प्रयास किया गया तो उन्होंने भी फोन का कोई जवाब नहीं दिया।
तिसरी में बढ़ रहा चोरों का आतंक, देर रात पत्रकार के नवनिर्मित घर से बाइक ले उड़े चोर

तिसरी, गिरिडीह

तिसरी प्रखंड में इन दिनों चोरों का आतंक बढ़ने शुरू हो गया है। तिसरी पुलिस के लगातार मुस्तैदी के बावजूद चोर अपने मंसूबे को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार को देर रात भी सामने आया है, जहां चोरों ने तिसरी के पत्रकार दीपक बरनवाल के नवनिर्मित घर के बरामदे से देर रात बाइक लेकर फरार हो गए।

इस संबंध में जानकारी देते हुए दीपक बरनवाल ने बताया कि वे अपने पिता के साथ जमुनियाटांड़ स्थित नवनिर्मित घर में सोने के लिए गए थे। इसी दौरान प्रतिदिन के भांति घर के बरामदे में उन्होंने अपने हीरो स्पेलेंडर प्लस मोटरसाइकिल जो कि उनके पिता सुधीर बरनवाल के नाम पर है एवं जिसका वाहन रजिस्ट्रेशन संख्या जेएच 11टी 2481 है, इसे खड़ा लोक कर खड़ा किया। जब देर रात बारह बजे उनके पिता की नींद खुली तो उन्हें वहां से बाइक गायब मिली।

साथ ही उन्होंने बताया कि देर रात तक जब उन्होंने बाइक की काफी खोजबीन भी किया और बाइक का पता नहीं चल पाया, तो उन्होंने तीसरी पुलिस को लिखित आवेदन दे कर कार्यवाई की मांग किया है।
निरीक्षण के दौरान सीएस को गावां सीएचसी में मिली गड़बड़ी, चिकित्सा प्रभारी के प्रतिनियुक्ति को किया गया रद्द


गावां, गिरिडीह

सीएचसी गावां में औचक निरीक्षण के दौरान गिरिडीह सिविल सर्जन डॉ. शिव प्रसाद मिश्रा ने बड़ी फाइनेंशियल गड़बड़ी पकड़ी है। जिसके बाद सीएस ने सम्बंधित चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रमोहन कुमार पर कार्रवाई करते हुए उनके स्थान पर सीएचसी तिसरी में पदस्थापित डॉ. महेश्वरम को गावां का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है।

गुरुवार को सीएस द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद गावां सीएचसी से लेकर जिला स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मचा है। खासतौर से एनएचएम इकाई सकते में है। उन्हें डर सता रहा है कि इस फाइनेशियल गड़बड़ी के तार कहीं इस तक नहीं पहुंच जाए।


25 जून को निरीक्षण करने गावां आए थे सीएस

सीएस डॉ. मिश्रा 25 जून को निरीक्षण करने सीएचसी गावां पहुंचे थे। वहां निरीक्षण में अभिलेख एवं संचिकाओं के अवलोकन के प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितता एवं भंडार में में अनियमितता की बात सामने आई थी। पाया गया था कि कागजी हेराफेरी करके भारी मात्रा में अनियमितता बरती गई है। भंडार कक्ष में भी काफी गड़बड़ी देखने को मिली थी।

सूत्रों से पता चला है कि स्टॉक रजिस्टर में विवरण के अनुसार सामग्रियों के मिलान में काफी त्रुटि पाई गई। कागजी हेराफेरी कर सामग्रियों के बंदरबांट की बात भी सामने आ रही है। मौके पर सीएस ने उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारी व अन्य कर्मियों को काफी डांट फटकार लगाई थी। वहीं गावां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की प्रतिनुक्ति को रद्द करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिसरी में पदस्थापित डॉ महेश्वरम को गावां का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वहीं मामले को लेकर आगे जांच शुरू हो गई है।


सीओ ने दवा से पड़े रूम को किया सील

इधर, गुरुवार को उक्त मामले में स्वास्थ्य कर्मी पूरी तरह उलझे हुए नजर आए। अफवाह फैली की हॉस्पिटल से बाहर बंद पड़े जर्जर स्टाफ रूम में दवा बेबी किट आदि की खेफ छिपा कर रखी गई है। सूचना पर जिला परिषद पवन कुमार चौधरी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे व कर्मियों से बंद पड़े कमरे का दरवाजा खोलने की अपील की, लेकिन प्रधान लिपिक भोजन करने के बहाने हॉस्पिटल से चले गए और फिर वापस नहीं लौटे। उनके आने के इंतजार में लगभग तीन घंटे जिप सदस्य पवन कुमार चौधरी बैठे रहे। जिसके बाद संध्या लगभग 6 बजे सीओ के निर्देश पर प्रधान लिपिक प्रभात कुमार ने दरवाजा खोला तो दवा का ढेर व बेबी किट पड़ा मिला। जिसके बाद सीओ अविनाश रंजन ने दवा वाले रुम को सील कर दिया।

गुनहगार पर होगी कार्रवाई: डॉ. मिश्रा

सीएस डॉ. मिश्रा ने कहा कि निरीक्षण में फाइनेंशियल गड़बड़ी पाई गई। इसको लेकर जांच टीम बनाई गई है। टीम को जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है। फाइनेंशियल गड़बड़ी का मामला सामने आने पर इधर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को गावां से हटा दिया गया है। जांच में जिनका भी नाम आएगा विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। हॉस्पिटल के बाहर बंद पड़े कमरे में दवा रखने के बाबत कहा कि टीम भेज कर इसकी भी जांच कार्रवाई जाएगी।

जांच के लिए गिरिडीह से आ रही है टीम

बता दें पूरे मामले के गहन जांच को लेकर जानकारी मिल रही है कि गिरिडीह स्वास्थ्य विभाग से एक टीम शुक्रवार को गावां पहुंचने वाली है। जैसे बाद इसी टीम के सामने कमरे का सील खोला जाएगा और फिर सारे सामग्रियों की भी जांच की जाएगी। अंदेशा लगाया जा रहा है कि इस जांच के बाद कई और भी गड़बड़ियां उजागर हो सकती हैं।
तिसरी और गावां के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संचालित हो रही है शराब की अवैध भट्टियां


गिरिडीह

गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड अंतर्गत कुंडी गांव एवं कारीपहरी के जंगलों में इन दिनों लगातार अवैध महुआ शराब की भट्टियां संचालित होने की जानकारी प्राप्त हो रही है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मनसाडीह ओपी क्षेत्र के कुंडी गांव के घरों में अवैध महुआ शराब की चुलाई की जा रही है। इतना ही नहीं इन अवैध शराब की चुलाई कर इसका अवैध भंडारण किया जाता है, जिसे जंगलों के रास्ते बिहार सप्लाई किया जा रहा है।

वहीं थानसिंहडीह ओपी क्षेत्र के काली पहरी जंगलों के बीचों बीच भी शराब माफियाओं द्वारा अवैध महुआ शराब का निर्माण करने की जानकारी प्राप्त ही रही है। इतना ही नहीं इन अवैध शराब के निर्माण के लिए वह भूमि से कई पेड़ों को काटकर चूल्हे में झोंका भी जा रहा है। यहां से बनने वाली अवैध महुआ शराब न सिर्फ बिहार के कई इलाकों में बल्कि तिसरी व गावां के कई विक्रेताओं के पास भी भेजा जा रहा है।

गावां के राजोखार, डूमरझरा और गाढ़ीसांख में भी हो रही है अवैध महुआ शराब की चुलाई

बताते चलें कि तिसरी के अलावा गावां के राजोखार, डूमरझरा और गाढ़ीसांख में भी आधे दर्जन से अधिक अवैध शराब भट्टियां संचालित है, जहां से अवैध महुआ शराब का निर्माण कर इसे बिहार सहित आस पास के कई इलाकों में बेचा जा रहा है।

अब देखना यह है कि गावां और तिसरी पुलिस सहित गावां वन विभाग इन शराब भट्ठियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई करती है।