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फिल्म जगत की ब्यूटी क्वीन थी नसीम बानो, सुंदर थीं तो परिवारवाले पर्दे में रखते , बनी पहली महिला सुपरस्टार, बेटी सायरा के लिए छोड़ी एक्टिंग


नयी दिल्ली : भारतीय सिनेमा के शुरुआती दौर की महिला सुपर स्टार अभिनेत्रियों की जब भी चर्चा होती है, तो सबसे पहले या तो देविका रानी का नाम आता है या फिर विदेशी मूल की रूबी मेयर्स, जिन्होंने अपना नाम बदलकर बाद में सुलोचना कर लिया, उनका नाम आता है। लेकिन, अगर आपने नसीम बानो के बारे में नहीं सुना तो फिर आपने उस दौर की एक ऐसी खूबसूरत अभिनेत्री को मिस कर दिया जो स्कूल भी जाती थी तो पालकी में बैठकर। 

देविका रानी और सुलोचना के चर्चे अपनी तरह से होते थे लेकिन किसी हीरोइन के नाम पर फिल्में देखने का हिंदी सिनेमा में अगर किसी के नाम से शुरू हुआ तो वह नसीम बानो ही थीं। उन्हें हिंदी सिनेमा का पहला ‘फीमेल सुपरस्टार’ भी माना जाता है। 

नसीम बानो का फिल्मी कनेक्शन आज के हिसाब से समझना हो तो ये जानना काफी है कि वह मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो की मां थीं और हिंदी सिनेमा के दिग्गज सितारे दिलीप कुमार की सासू मां।  

आइये जानते हैं उनकी जिन्दगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से.

मां बनाना चाहती थीं डॉक्टर

4 जुलाई 1916 को दिल्ली के एक रईस परिवार में जन्मी नसीम बानो का नाम पहले रोशन आरा बेगम था। उनकी मां चाह रही थीं कि नसीम डॉक्टर बने, लेकिन फिल्मों के शौक ने उन्हें मां से बगावत करने पर मजबूर कर दिया। एक बार बम्बई (अब मुंबई) की यात्रा के दौरान नसीम एक फिल्म की शूटिंग देखने गई जहां उनकी मुलाकात सोहराब मोदी से हुई, सोहराब मोदी ने नसीम की खूबसूरती को देखते हुए उन्हें अपनी फिल्म में काम करने का ऑफर दिया, लेकिन मां नहीं चाहती कि नसीम फिल्मों में काम करे। लेकिन नसीम बानो को तो फिल्मों में ही काम करना था। 

वह सुलोचना की बहुत पड़ी प्रसंशक थी, उनकी फिल्में देख देख कर झुकाव फिल्मों की तरफ हुआ था। लेकिन जब मां ने फिल्मो में काम करने से मना कर दिया तो उन्होंने भूख हडताल कर दी। बेटी की जिद के आगे उनकी मां ने हार मान ही ली।

जब स्कूल से निकाल दिया गया

नसीम बानो उन दिनों दिल्ली के क्वीन मैरी स्कूल में पढ़ रही थी। फिल्मों में उन दिनों काम करना निम्न स्तर का पेशा माना जाता था जिसकी वजह से नसीम बानो को स्कूल से निकाल दिया गया और उनकी पढाई अधूरी रह गई। उन्होंने फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत साल 1935 में सोहराब मोदी की फिल्म ‘खून का खून’ से की। 

इस फिल्म में काम देने से पहले सोहराब मोदी ने नसीम बानो के साथ अनुबंध किया कि वह उन्हीं के बैनर 'मिनर्वा मूवीटोन' की ही फिल्में करेंगी।

सोहराब मोदी की बनाई फिल्मों ‘खान बहादुर’, ‘मीठा जहर’, ‘वसंती’ जैसी फिल्में करने के बाद नसीम की खूब चर्चा होने लगी और दूसरे निर्माता भी उन्हें फिल्में ऑफर करने लगे, लेकिन सोहराब मोदी के साथ अनुबंध में रहने की वजह से वह बाहर की फिल्में नहीं कर पा रही थी।

सोहराब मोदी से हुई अनबन

फिल्म ‘शीश महल’ नसीम बानो की सोहराब मोदी के साथ आखिरी फिल्म थी। इस फिल्म में नसीम बानो के काम की खूब सराहना हुई। इस फिल्म के बाद सोहराब मोदी के साथ अनुबंध को लेकर नसीम बानो और सोहराब मोदी के साथ अनबन हो गई और नसीम बानो हमेशा के लिए सोहराब मोदी की फिल्मों से दूर हो गई। इसके बाद नसीम बानो ने फिल्मिस्तान स्टूडियो की फिल्म ‘चल चल रे नौजवान’ में अशोक कुमार के साथ काम किया।

ताज महल पिक्चर्स की स्थापना

नसीम बानो ने अपने बचपन के दोस्त एहसान-उल-हक से शादी करने के बाद खुद 'ताज महल पिक्चर्स' के नाम से अपने प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत की। साल 1942 में नसीम बानो ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी की पहली फिल्म ‘बेगम’ का निर्माण किया।

उसके बाद उन्होंने ‘मुलाकात’, ‘चांदनी रात’ और ‘अजीब लड़की’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया। बाद में उन्होंने कुछ एक्शन फिल्मों में भी काम किया, लेकिन वो फिल्में चली नहीं। इन्हीं दिनों देश में अंग्रेजों के खिलाफ चल रही आजादी की लड़ाई भी जोर पकड़ने लगी थी।

बंटवारे में पति को छोड़ देश को चुना

भारत पाकिस्तान बंटवारे के बाद नसीम बानो के पति एहसान पाकिस्तान चले गए। वह चाहते थे कि नसीम बानो भी उनके साथ पाकिस्तान चलें लेकिन नसीम बेगम ने पाकिस्तान न जाकर अपने देश भारत में रहने का फैसला किया और अपनी बेटी सायरा बानो और बेटे सुल्तान अहमद के साथ हिंदुस्तान में ही रहीं।

बेटी की बीमारी की खबर से टूट गई नसीम

पाकिस्तान जाने के बाद नसीम बानो के पति फिर कभी वापस हिंदुस्तान नहीं आए। नसीम बेगम ने ही अकेले अपने दोनों बच्चों की परवरिश की और बाद में दोनों बच्चों के साथ लंदन शिफ्ट हो गई। लेकिन वहां पर ज्यादा दिनों तक ठीक से नहीं रह पाई क्योंकि सायरा बानो को खून की बीमारी हो गई थी। कुछ लोगों ने जब कहा कि ये ब्लड कैंसर के लक्षण हैं तो इस बात से नसीम बानो पूरी तरह से टूट गई। बाद में पता चला कि ब्लड कैंसर जैसी कोई बात नहीं है और इलाज से ठीक होने के बाद वह सायरा को लेकर फिर बंबई शिफ्ट हो गईं।

सायरा की राजेन्द्र कुमार से दोस्ती पर एतराज

बंबई आने के बाद सायरा बानो ने भी अपनी मां नसीम बानो की तरह फिल्मों में अपना करियर बनाया। शम्मी कपूर के साथ उन्होंने ‘जंगली’ फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह राजेन्द्र कुमार के साथ फिल्में करने लगीं। उन्ही दौरान राजेन्द्र कुमार के साथ उनके संबंधो के खूब चर्चे होने लगे।  

नसीम बानो नहीं चाहती थी कि सायरा का नाम ऐसे व्यक्ति के साथ जुड़े जो तीन बच्चों का पिता हो। बाद में सायरा ने अपने से 22 साल बड़े दिलीप कुमार से 11 अक्टूबर 1966 में शादी कर ली। सायरा बानो ने जब फिल्मों में काम करना शुरू किया तो अपनी बेटी की ड्रेस डिजाइन का काम खुद नसीम बानो ही संभालती थी। 18 जून 2002 को 85 की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली।

दिल्ली:पूरी परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत नहीं, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा


नई दिल्ली:- विवादों में घिरी नीट यूजी परीक्षा मामले में शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। केंद्र ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत कदम नहीं होगा। इससे लाखों ईमानदार छात्र गंभीर खतरे में आ जाएंगे।

सीबीआई को जांच का आदेश

छात्रों, उनके अभिभावकों और कोचिंग संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं। अपने हलफनामे में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने सीबीआई से कथित अनियमितताओं के पूरे मामले की व्यापक जांच करने को कहा है।

परीक्षा को रद्द करना तर्कसंगत नहीं

हलफनामे में केंद्र ने यह भी कहा कि अखिल भारतीय परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी सबूत के अभाव में पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा। 

केंद्र ने कहा कि परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से लाखों ईमानदार छात्र गंभीर रूप से खतरे में पड़ जाएंगे।

अब 8 जुलाई को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट अब 8 जुलाई को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इसमें 5 मई को आयोजित परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। 

इन याचिकाओं में परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

'मां तुझे सलाम...' जब कोहली, रोहित, हार्दिक समेत टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने वानखेड़े स्टेडियम में बांधा समा


मुंबई : 20 वर्ल्ड कप 2024 जीत का जश्न कल यानी गुरुवार 4 जुलाई को मुंबई में जोरों-शोरों से मनाया गया। मरीन ड्राइव पर टीम इंडिया की विक्ट्री परेड पर मुंबई वासियों ने जमकर लुत्फ उठाया। 

इसके बाद भारतीय टीम वानखेड़े स्टेडियम पहुंची जहां सभी खिलाड़ियों को 125 करोड़ के चेक के साथ सम्मानित किया गया।

आज का इतिहास:आज ही के दिन पाकिस्तानी सेना ने जुल्फिकार अली भुट्टो सरकार का तख्ता पलट दिया और शासन अपने हाथ में ले लिया।


नयी दिल्ली : इतिहास में पांच जुलाई का दिन कई ऐतिहासिक घटनाओं के साथ दर्ज है. इनमें सबसे महत्वपूर्ण घटना की बात करें तो इस दिन हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में जनरल मोहम्मद जिया उल-हक के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने जुल्फिकार अली भुट्टो सरकार का तख्ता पलट दिया और शासन अपने हाथ में ले लिया।

दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन की नींव पांच जुलाई के दिन ही पड़ी थी. अमेजन के नाम से दुनियाभर में अपना व्यवसाय चलाने वाली कंपनी की स्थापना वाशिंगटन में जेफ बेजोस ने पांच जुलाई 1994 को की थी. 

देश दुनिया के इतिहास में पांच जुलाई की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

5 जुलाई को घटी थी ये घटनाएं

1658 : मुगल शासक औरंगजेब ने अपने बड़े भाई मुराद बख्श को बंदी बनाया.

1811 : वेनेजुएला के सात प्रांतों ने स्पेन के शासन से स्वतंत्रता की घोषणा की

1922 : नीदरलैंड में पहली बार आम चुनाव हुए.

1935 : फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने अमेरिका के नेशनल लेबर रिलेशंस कानून पर हस्ताक्षर किए.

1947 : भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 को ब्रिटेश संसद में पेश किया गया. इसे 18 जुलाई को ब्रिटिश राजशाही की मंजूरी मिली.

1950 : नये कानून के तहत सभी यहूदियों को इस्राइल में रहने की अनुमति दी गयी.

1954 : बीबीसी ने अपने पहले टीवी समाचार बुलेटिन का प्रसारण किया.

1959 : इंडोनेशिया में संविधान बहाल किया गया.

1960 : मंगोलिया ने संविधान अपनाया.

1962 : अल्जीरिया 132 साल के फ्रांसीसी शासन से आजाद हुआ.

1968 : भारत की पहली पनडुब्बी सोवियत रूस से पहुंची.

1977 : जनरल मोहम्मद जिया उल-हक के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने तख्ता पलट कर देश के शासन पर कब्जा किया.

1994 : जेफ बेजोस ने ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन की स्थापना की. 1

998 : टैंक भेदी प्रक्षेपास्त्र ‘नाग’ का परीक्षण.

1998 : महाबलीपुरम में डाल्फिन सिटी का उद्घाटन.

2013 : इराक की राजधानी बगदाद की एक मस्जिद पर हुए बम हमले में 15 लोगों की मौत.

टेलीविजन इंडस्ट्री के मशहूर कॉमेडियन भारती सिंह का आज चालीसवा बर्थडे,कैसे उन्होंने ने ये मुकाम हासिल किया आइए जानते है उनकी संघर्ष की कहानी

नयी दिल्ली : आज कॉमेडी क्वीन भारती सिंह का जन्मदिन है। भारती सिंह कॉमेडी की दुनिया का जाना-माना नाम हैं।टीवी जगत में कॉमेडी की बात हो और भारती सिंह का नाम ना लिया जाए ये हो नहीं सकता। अपनी प्रतिभा के दम पर भारती सिंह ने कभी ना मिटने वाली पहचान बना ली है। अपने मजेदार चुटकुलों और ह्यूमर के लिए पहचानी जाने वाली अभिनेत्री पिछले कई वर्षों से देशभर के लोगों को हंसाने का काम कर रही हैं। 

आज भारती सिंह के पास दौलत, शोहरत, प्यार, पैसा सबकुछ है, लेकिन यह सबकुछ उन्होंने अपनी मेहनत की बदौलत हासिल किया है। अभिनेत्री की शुरुआती जिंदगी बहुत मुश्किलों में बीती है। आज 3 जुलाई को भारती सिंह अपना 40वां जन्मदिन मना रही हैं। आइए अभिनेत्री के जन्मदिन के अवसर उनकी जिंदगी के कुछ पहलुओं पर नजर डालते हैं।

बचपन में छिन गया पिता का साया

भारती सिंह का जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था। अभिनेत्री ने बतौर महिला कॉमेडियन जो मुकाम हासिल किया है, शायद ही किसी अन्य अभिनेत्री को ऐसा नेम और फेम मिला हो। भारती अक्सर अपने शुरुआती दिनों के बारे में बात करते हुए नजर आती हैं। वह खुलकर अपनी निजी जिंदगी की चीजों को साझा करती हैं। एक साक्षात्कार के दौरान भारती सिंह ने साझा किया था कि जब वह महज दो साल की थी, तब उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी मां ने ही उनकी जिम्मेदारियों को उठाया। पर्दे पर ‘लल्ली’ के नाम से मशहूर अभिनेत्री ने बचपन से ही बहुत संघर्ष किया है।

2 साल की उम्र में पिता का हो गया था निधन

भारती सिंह का जन्म 03 जुलाई, 1984 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। वो कई इंटरव्यू में अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर बात करती नजर आती हैं, एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जब वह 2 साल की थीं, तो उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। पिता की मौत के बाद उनकी मां ने ही सारी जिम्मेदारियां उठाई। उन्होंने बताया कि एक समय उन्हें खाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि कभी-कभी नमक रोटी खाकर गुजारा करना पड़ता था।

दूसरे को पटाखे जलाते देख भारती हो जाती थी खुश

पिता के निधन के बाद भारती की मां दूसरे के घरों में झाड़ू-पोंछा का काम करती थी ताकि उनके बच्चे का भरण पोषण हो सके. इतना ही नहीं इस दौरान उनकी मां टॉयलेट तक साफ किया और जिन घरों में काम करती थी वहां के लोग उन्हें बासी खाना देते थे, जिसे भारती और उनका परिवार खाते थे. भारती दीपावली पर उन बच्चों के पास जाकर खुश हो जाती थी जो इस खास दिन पर पटाखे फोड़ते थे. दरअसल, बच्चपन के दिनों में भारती के परिवार के पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था, जिससे वो पटाखे खरीद सके. 

एक-एक निवाले के लिए तरसी थीं भारती सिंह

इतना ही नहीं कॉमेडी क्वीन भारती सिंह ने खुलासा किया था कि कई बार तो उन्हें भूखे पेट भी सोना पड़ता था. गरीबी की वजह से भारती को मजबूरी में कॉलेज की पढ़ाई तक छोड़नी पड़ी. इसके बाद भारती ने कुछ करने की ठान ली और परिवार को लेकर वह पंजाब से मुंबई आ गईं. इसके बाद भारती ने कॉमेडी करनी शुरू की. शुरूआत में लोगों ने उनके मोटे होने का बहुत ज्यादा मजाक बनाया. लेकिन भारती सिंह ने मोटापे के ही अपनी पहचान बनाई और सफलता की सीढ़ी चढ़नी शुरु कर दी. 

इस शो से मिला फेम

भारती सिंह को कॉमेडी शो ‘ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ से फेम मिला। इसके अलावा वे कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल में भी नजर आईं। यही नहीं, भारती ने कई रिएलिटी शोज को होस्ट भी किया। इसके बाद भारती की मुलाकात हर्ष लिंबाचिया से हुई जिसके बाद कॉमेडियन ने 3 दिसंबर, साल 2017 में उनसे शादी कर ली। अब हर्ष और भारती का एक प्यारा-सा बेटा भी है।

तीन मिलियन डॉलर है नेटवर्थ

अब भारती टीवी शोज के अलावा यूट्यूब में अपने चैनल पर भी काम करती हैं। इससे वह अपने फैंस के साथ बेटे गोला, पति और पूरी फैमिली के साथ अपनी रोजाना की जिंदगी के पलों को शेयर करती रहती हैं। इसके अलावा भारती और हर्ष ने अपना एक पॉडकास्ट भी लॉन्च किया है। इन सबके भारती सिंह काफी कमाई कर लेती हैं। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2023 तक भारती सिंह की कुल नेटवर्थ 3 मिलियन डॉलर यानी 25 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।

आज का इतिहास: आज ही के दिन मराठों ने दिल्‍ली पर किया था कब्‍जा

नयी दिल्ली : इतिहास में हर दिन का एक अलग ही महत्तव रहता है। इतिहास के पन्नों में वो पल जुड़े रहते हैं, जो एक बड़ा बदलाव बन जाते हैं। ऐसा ही दिन है 03 जुलाई, इस दिन इतिहास से जुड़े कई बड़े बदलाव हुए हैं।

1751 - स्वीडन के रसायनशास्त्री एवं खदान विशेषज्ञ फ्रेडरिक क्रोन्स्टलर निकेल नामक धातु का पता लगाने में सफल हुए।

1760 - मराठा सेना ने दिल्ली पर कब्जा किया।

1778 - पर्शिया ने अर्जेंटीना के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।

1819 - अमेरिका ने पहला बचत बैंक ‘बैंक ऑफ सेविंग इन न्यू यॉर्क’ शुरू किया।

1876 - मोंटेनेग्रो ने तुर्की से युद्ध की घोषणा की।

1886 - न्यू यॉर्क ट्रिब्यून छपाई मशीन का इस्तेमाल करने वाला पहला अखबार बना।

1886 - जर्मनी के कार्ल बेंज ने पहली ऑटोमोबाइल ड्राइव किया।

1897 - इटली के वैज्ञानिक मार्कोनी ने लंदन में रेडियो का पेटेंट कराया।

1928 - लंदन में पहली बार रंगीन टीवी कार्यक्रम का प्रसारण हुआ।

1934 - बैंक ऑफ कनाडा अधिनियम कनाडा में पारित किया गया।

1962 - फ्रांस के राष्ट्रपति ने अलजीरिया की आजादी की घोषणा की।

1979 - दूसरे हावड़ा ब्रिज नाम से कोलकाता में मशहूर विद्यासागर सेतु का निर्माण शुरू।

1990 - मक्का से मीना जाने वाली सुरंग में भगदड़ मचने से 1,426 हज यात्रियों की मौत।

1992 – ब्राजील के रियो डि जेनेरियो शहर में पृथ्वी सम्मेलन शुरू।

1999 – कुवैत में 50 सदस्यीय संसद का चुनाव सम्पन्न।

2004 – रूस की मारिया शारापोवा महिला विम्बलडन विजेता बनीं।

2005 – महेश भूपति और मेरी पियर्स ने विम्बलडन का मिश्रित जोड़ी का ख़िताब जीता।

2006 – कैरेबियाई द्वीप पर 35 साल बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार जीत दर्ज की।

2008 – न्यू याॅर्क में दलितों का सम्मेलन शुरू हुआ।

2012 - इराक में बम विस्फोट में 25 लोगों की मौत, 40 घायल।

2013 - मिस्र की सेना ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी का तख्तापलट किया।

आज से महंगे हुए रिलायंस जियो और एयरटेल के प्लान्स, यूजर्स चेक कर लें ने रेट्स

नयी दिल्ली : रिलायंस जियो और एयरटेल के प्लान्स आज से महंगे हो गए हैं। रिलायंस जियो के प्रीपेड, टॉपअप और पोस्टपेड प्लान मिलाकर 19 प्लान का रेट आज से बढ़ गया है।

जियो का सबसे सस्ता प्रीपेड प्लान 155 रुपये की जगह अब 189 रुपये में मिलेगा। एयरटेल ने सभी प्लान्स पर 10-21 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। वोडाफोन आइडिया का प्लान कल 4 जुलाई से महंगा हो जाएगा।

आज 3 जुलाई से लागू हो गए हैं नए रेट

रिलायंस जियो ने आज 3 जुलाई से प्लान महंगे कर दिये हैं। जियो का सबसे सस्ता प्लान 155 रुपये की जगह 189 रुपये का हो गया है। जियो ने प्लान में 22% की बढ़ोतरी है। ये नए रेट कल महंगे हो जाएंगे। इसका मतलब है कि जियो ग्राहकों के पास सस्ते में पुराने रेट में रिचार्ज करने के लिए बस आज का ही दिन है। यहां नीचे और पुराने रेट की तुलना की गई है। एयरटेल का बेसिक प्लान 28 दिनों के लिए 2GB डेटा के साथ 179 रुपये की जगह 199 रुपये का हो गया है।

84-दिन का प्लान जो 6GB डेटा देता है, वह 455 रुपये से बढ़कर 509 रुपये हो गया है। सालाना प्लान 24GB डेटा है। वह 1799 रुपये से बढ़कर 1999 रुपये हो गया है।

एयरटेल प्लान्स का नया और पुराना रेट

मौजूदा प्लान (रुपये में) वैलिडिटी, बेनेफिट (अनलिमिटेड कॉल, 100 SMS रोजाना) नया रेट (3 जुलाई से होगा लागू) कितने बढ़े दाम?

179 28 दिन, 2GB Rs 199 Rs 20

455 84 दिन, 6GB Rs 509 Rs 54

265 28 दिन, 1GB/रोजाना Rs 299 Rs 34

299 28 दिन, 1.5GB/रोजाना Rs 349 Rs 50

359 28 दिन, 2.5GB/रोजाना Rs 409 Rs 50

399 28 दिन, 3GB/रोजाना Rs 449 Rs 50

479 56 दिन, 1.5GB/रोजाना Rs 579 Rs 100

549 56 दिन, 2GB/रोजाना Rs 649 Rs 100

719 84 दिन, 1.5GB/रोजाना Rs 859 Rs 140

839 84 दिन, 2GB/रोजाना Rs 979 Rs 140

1,799 365 दिन, 24GB Rs 1,999 Rs 200

2,999 365 दिन, 2GB/रोजाना Rs 3,599 Rs 600

ये है जियो के पुराने और नए रेट की लिस्ट

मौजूदा कीमत (Rs) नया रेट (Rs) इतना मिलेगा डेटा वैलिडिटी (दिनों में)

155 189 2GB 28

209 249 1GB रोजाना 28

239 299 1.5GB रोजाना 28

299 349 2GB रोजाना 28

349 399 2.5GB रोजाना 28

399 449 3GB रोजाना 28

479 579 1.5GB रोजाना 56

533 629 2GB रोजाना 56

395 479 6GB 84

666 799 1.5GB रोजाना 84

719 859 2GB रोजाना 84

999 1199 3GB रोजाना 84

1559 1899 24GB 336

2999 3599 2.5GB रोजाना 365

रिलायंस जियो के डेटा टॉप अप प्लान की नई कीमत 

मौजूदा कीमत (Rs) नई कीमत (Rs) डेटा

15 19 1GB

25 29 2GB

61 69 6GB

पोस्टपेड प्लान का नया रेट

पोस्टपेड प्लान भी कल से महंगे हो जाएंगे। 30GB डेटा प्रदान करने वाले 299 रुपये के प्लान की कीमत अब बिलिंग साइकिल के लिए 349 रुपये है। 75GB डेटा वाले 399 रुपये वाले प्लान की कीमत अब 449 रुपये हो गई है।

वोडाफोन आइडिया प्लान - कल 4 जुलाई से लागू होंगे नए रेट्स

प्रीपेड प्लान प्राइस वैलिडिटी (दिनों में) बेनेफिट रिवाइज्ड प्राइस

अनलिमिटेड वॉइस प्लान 179 28 2GB डेटा, 300 SMS 199

459 84 6GB डेटा, 300 SMS 509

1799 365 24GB डेटा, 300 SMS 1999

डेली डेटा प्लान 269 28 1GB/रोजाना 299

299 28 1.5GB/रोजाना 349

319 30 2GB/रोजाना 379

479 56 1.5GB/रोजाना 579

539 56 2GB/रोजाना 649

719 84 1.5GB/रोजाना 859

839 84 2GB/रोजाना 979

2899 365 1.5GB/रोजाना 3499

डेटा एडऑन 19 1 दिन 1GB 22

39 1 दिन 6GB 48

पत्थर वाले बाबा नाम से मशहूर चांदनी चौक का चमत्कारिक श्री नरसिंह हनुमान मंदिर सभी कष्टों को करते है दूर, कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी भी होती है ठीक


नयी दिल्ली : चांदनी चौक में मौजूद एक हनुमान मंदिर के बारे में बताया जा रहा है कि यह मंदिर इतना चमत्कारी है कि यहां पर बड़ी सोशल मीडिया की ताकत और भगवान की ताकत पर हर कोई विश्वास करता है। बड़ी से बड़ी बीमारी भगवान के दर्शन और झाड़ा लगाने मात्र से ठीक हो जाती है।

इतना ही नहीं यहां पर शुक्र, शनि और रविवार के दिन इतनी भीड़ होती है कि लोगों के आवाजाही पर भी परेशानी खड़ी हो जाती है। वही मंदिर परिसर को लेकर यह दावा भी किया जा रहा है कि यहां पर पैरालिसिस कैंसर जैसी बीमारियां भी दर्शन मात्र से ठीक हो जाती है।इस हनुमान मंदिर का है चमत्कार भक्तों की मनोकामना होती है पूरी

श्री नरसिंह हनुमान मंदिर का क्या है चमत्कार

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है। उसको अब तक 2.2 मिलियन लोगों ने लाइक किया है। यह मंदिर सर्किल मार्केट चांदनी चौक में मौजूद है। वहीं यहां पर नरसिंह हनुमान जी का अवतार प्रज्वलित है।

वही दावा यह किया जाता है कि यह मंदिर 250 वर्ष पुराना है। वहीं यहां पर भक्तिों की भीड़ और श्रध्दा से यह देखा जाता है की यहां भगवान की ताकत लोगों को महशूश होती है।

इसके साथ ही बता दे कि मंदिर को पत्थर वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। इस नाम से भी यह का मंदिर काफी मशहूर है। जिस वजह से लोग यहां के लिए पत्थर वाले बाबा के नाम का इस्तेमाल भी करते हैं।

मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़े कारोबारी विजय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी


नयी दिल्ली : मुंबई की एक विशेष अदालत ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। 

यह गैर जमानती वारंट विजय माल्या के खिलाफ इंडियन ओवरसीज बैंक से जुड़े 180 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने के मामले से जुड़ा है। 

अदालत ने माल्या के खिलाफ 29 जून को गैर जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन इसका आदेश सोमवार को उपलब्ध हुआ।

योगिनी एकादशी वो दिव्य दिन... जब सारे पाप... भगवान विष्णु की कृपा से हो जाते हैं दूर... जानें क्या है पूजा-पाठ के लिए उत्तम मुहूर्त


नयी दिल्ली : इस बार योगिनी एकादशी का व्रत दो शुभ योग में पड़ रहा है. इस दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. धार्मिक मान्यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया कोई भी कार्य सफल होता हैं।

सुबह 5:27 बजे के बाद से दिन में किसी भी समय कर सकते हैं भगवान विष्णु की पूजा 

योगिनी एकादशी के दिन दान करें अवश्य

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि बेहद खास मानी गई है. साल में कुल 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है.

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि के दिन योगिनी एकादशी मनाई जाती है. योगिनी एकादशी, वो दिव्य दिन है जब सारे पाप और अभिशाप हरि की कृपा से दूर हो जाते हैं. इस दिव्य और परमकल्याणकारी दिन की महिमा का बखान पुराणों और धर्म ग्रंथों में भी है. 

क्या है शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार 1 जुलाई 2024 दिन सोमवार को सुबह 10 बजकर 26 मिनट से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत हो गई है. यह तिथि 2 जुलाई दिन मंगलवार को सुबह 8 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार योगिनी एकादशी व्रत 2 जुलाई को रखा जाएगा. जो लोग योगिनी एकादशी का व्रत रखेंगे, वे 2 जुलाई को सुबह में स्नान आदि के बाद व्रत और पूजा का संकल्प करके उपवास शुरू करें.

पौराणिक है इतिहास, जानिए क्या है इसके पीछे की कथा 

फिर सुबह 5:27 बजे के बाद से दिन में किसी भी समय भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं. सुबह 08:42 से विष्णु पूजा के लिए शुभ फलदायी समय रहेगा. योगिनी एकादशी व्रत रखने वाले 3 जुलाई को व्रत का पारण करेंगे. योगिनी एकादशी व्रत का पारण 3 जुलाई सुबह 5:28 बजे से लेकर सुबह 7:10 बजे के बीच है. उस दिन द्वादशी तिथि का समापन सुबह 7:10 पर होगा.

बन रहे इतने शुभ योग

इस बार योगिनी एकादशी का व्रत दो शुभ योग में पड़ रहा है. योगिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. त्रिपुष्कर योग का निर्माण सुबह 08:37 बजे से हो रहा है, जो 3 जुलाई को सुबह 04:40 बजे तक रहेगा.

सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण 2 जुलाई को सुबह 05:27 बजे से हो रहा है, जो 3 जुलाई को सुबह 04:40 बजे तक रहेगा. धार्मिक मान्यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया कोई भी कार्य सफल होता है. त्रिपुष्कर योग में पूजा-पाठ, दान, यज्ञ या कोई और शुभ कार्य करने से उसका तीन गुना फल मिलता है. इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

योगिनी एकादशी पूजा विधि

1. योगिनी एकादशी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है.

2. योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा का विधान है. साथ ही पीपल के वृक्ष की पूजा भी करनी चाहिए.

3. इस दिन मंदिर की साफ-सफाई करें. इसके बाद भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें.

4. भगवान विष्णु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें. संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें.

5. भगवान विष्णु की पूजा तुलसी के बिना पूरी नहीं होती है, इसलिए एकादशी के दिन भगवान विष्णु को भोग में तुलसी का प्रयोग अवश्य करें.

6. योगिनी एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें.

7. अंत में भगवान विष्णु की आरती करें. इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन व दान दक्षिणा दें. 

8. योगिनी एकादशी के दिन पीपल का पौधा लगाएं.

योगिनी एकादशी व्रत के दिन न करें ये काम

1. एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. 

2. इस दिन भूलकर भी मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए. हर तरह के नशे से दूर रहें

3. मान्यता है कि एकादशी के दिन साबुन और तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए. 

4. इस दिन नाखून भी नहीं काटने चाहिए. 

5. एकादशी व्रत के दिन क्रोध या लड़ाई-झगड़ा से बचें. 

योगिनी एकादशी को लेकर क्या है मान्यता

धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि प्राचीन काल में हेममाली नाम का एक माली था, जो काम भाव में लीन होकर ऐसी गलती कर बैठा कि उसे राजा कुबेर का श्राप मिला. इससे उसे कुष्ठ रोग हो गया. तब एक ऋषि ने उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने को कहा. मुनि के आदेश का पालन करते हुए हेममाली ने योगिनी एकादशी का व्रत किया. 

इस व्रत के प्रभाव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद से वो पूरी तरह से रोगमुक्त हो गया और उसे शाप से मुक्ति मिल गई. तभी से इस एकादशी का इतना महत्व है. मान्यता ये भी है कि योगिनी एकादशी के दिन गीता का पाठ भगवान विष्णु की मूर्ति के समाने बठकर करने से पित्रों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

पौराणिक कथा के अनुसार योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद स्वर्ग प्राप्त होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने खुद युधिष्ठिर को योगिनी एकादशी के महत्व के बारे में बताया था. ऐसी मान्यता है कि जो इस व्रत को करता है, उसे पृथ्वी पर सभी तरह के सुख प्राप्त होते हैं.