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उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कबीरधाम में प्रस्तावित मेडिकल कालेज के स्थल और भवन निर्माण के ड्राइंग-डिजाइन का किया अवलोकन

रायपुर-  उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने कबीरधाम प्रवास के दौरान ग्राम घोठिया में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल एवं मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण के लिए तैयार की गई ड्राइंग-डिजाईनिंग का अवलोकन किया। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ड्राइंग-डिजाइनिंग का अवलोकन करते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए राज्य स्तर पर इसकी प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस माह के अक्टूबर तक निविदा की प्रक्रिया पूरी होनी की संभवना है, इसके बाद मेडिकल कॉलेज के लिए भूमिपूजन किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य के लिए आवश्यक सभी प्राक्रिया करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कबीरधाम जिले के ग्राम घोठिया में राज्य शासन द्वारा नवीन मेडिकल कॉलेज के लिए लगभग 40 एकड़ जमीन मेडिकल कॉलेज के लिए आबंटित की गई है। कबीरधाम में नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जाने के लिए राज्य शासन द्वारा लागत राशि 306.23 करोड़ रूपए चिकित्सा महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की है। निरीक्षण दौरान राज्य शासन के सीजीएमएससी के एमडी पदमनी भोई साहू के द्वारा मेडिकल कॉलेज के लिए तैयार की गई कॉलेज, प्रशासनिक भवन, छात्रावास सहित सभी नक्शा का अवलोकन कराया।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने निरीक्षण पश्चात प्रशासनिक अफसरों के साथ जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और मेडिकल कॉलेज के निर्माण एवं अगले शैक्षणिक सत्र से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के संबंध में बैठक ली।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने के लिए वर्तमान में जिला चिकित्सालय कबीरधाम में संचालित अस्पताल को अपग्रेड करने की कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। क्योंकि वर्तमान व्यवस्था में महाविद्यालय की न्यूनतम अहर्ताएं पूरी नहीं की जा सकती। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने विगत दिनों स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया था कि जिला चिकित्सालय कबीरधाम में उपलब्ध बिस्तरों के साथ-साथ समीपस्थ आयुष विभाग के भवन जिसे पूर्व में जिला चिकित्सालय द्वारा कोविड केयर सेन्टर के रूप में संचालित किया जा चुका है, को भी अतिरिक्त 100 बेड अस्पताल में अपग्रेड किया जा सकता है, ताकि चिकित्सा महाविद्यालय संचालन में न्यूनतम मानक की प्रतिपूर्ति हो सके।

रायपुर में आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या : PCC चीफ बैज ने कहा – प्रदेश में बढ़ रहा अपराध, आदिवासी भी सुरक्षित नहीं

रायपुर-   राजधानी रायपुर में आदिवासी युवक को पीट पीटकर मारने के मामले में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने साय सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. बैज ने कहा, आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी भी सुरक्षित नहीं है. बस्तर का आदिवासी अब रायपुर में भी सुरक्षित नहीं है. बस्तर के आदिवासी युवक का आखिर क्या कसूर था, जिसे रास्ता पूछने पर मौत के घाट उतार दिया गया.

दीपक बैज ने कहा, क्या अनुभवहीन गृहमंत्री दिग्भ्रमित हैं. आखिर क्यों अपराधिक घटनाओं को रोका नहीं जा रहा. 6 माह में लगातार अपराध की घटनाएं हो रही है. बदमाश पैदल ही चैन स्नेचिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहे. थाने के भीतर चाकूबाजी की घटनाएं सामने आ रही है. नक्सलवाद की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही है. हर दिन बलात्कार की घटनाएं हो रही. गृहमंत्री अपना जिला नहीं संभाल पा रहे हैं. आदिवासी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

यह है पूरा मामला

बस्तर के लोहाड़ीगुड़ा निवासी मंगल मुरया (21) के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. मंगल रायपुर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी में फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था. वह 24 जून की रात करीब 1 बजे वह कालीबाड़ी चौक पर खड़ा हुआ था. इसी दौरान बाइक सवार दो लड़के वहां पहुंचे, उन्हें देखकर मंगल ने उनसे लिफ्ट मांगी और आगे तक छोड़ने के लिए कहा. इस पर बाइक सवार लड़के उसे गाली देने लगे. मंगल ने मना किया तो उनमें विवाद शुरू हो गया. इसके बाद उन्होंने मंगल को बाइक पर बिठा लिया और भाटागांव स्थित BSUP कॉलोनी ले गए. यहां उनके साथ मारपीट की. फिर उसकी तलाशी ली तो मंगल के पास से ATM कार्ड, पासबुक और अन्य सामान मिला. आरोपियों ने मंगल से ATM का पासवर्ड पूछा तो उसने मना कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने उसको लात-घूंसों से पीटा, फिर उसका सिर सड़क पर पटक-पटक मारा, जिससे उसकी मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने माना के वृद्धाश्रम एवं दिव्यांग बाल आश्रम का किया औचक निरीक्षण

रायपुर-  महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने रायपुर के माना स्थित शासकीय नवीन वरिष्ठजन आश्रम एवं फिजिकल रिफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर पहुंचकर किया औचक निरीक्षण की। वहां उन्होंने वृद्ध माताओं एवं दिव्यांग बच्चों से मिलकर उनका कुशल-क्षेम जाना। श्रीमती राजवाड़े ने आश्रम की वृद्ध माताओं को अपने हाथों से भोजन भी कराया। मंत्री राजवाड़े ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वृद्धजनों की सम्पूर्ण देखभाल की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही वृद्धाजनों को गुणवत्तापूर्ण भोजन, नियमित स्वास्थ्य जाँच, उपचार एवं फिजियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्हें समय-समय पर भ्रमण के लिए ले जाएं एवं उनके पसंद के अनुसार बागवानी तथा अन्य कौशल प्रशिक्षण प्रदान करें। फिजिकल रिफरल रिहैबिलिटेशन में बच्चों को उचित चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएं समय-समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस मौके पर विभाग एवं आश्रम के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

आज का दिन ऐतिहासिक, दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता देने वाले कानून देशभर में लागू: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि आज 1 जुलाई 2024 हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। आज से देश भर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। ये सभी कानून डेढ़ सौ वर्ष पहले अंग्रेजों द्वारा लागू कानूनों के स्थान पर प्रभावशील होंगे। यह परिवर्तन हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के दृढ़ संकल्पों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अपने निवास कार्यालय रायपुर में गृह विभाग द्वारा नवीन आपराधिक कानूनों पर आधारित पुस्तिका के विमोचन के मौके पर यह बातें कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गृह विभाग के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि आप सभी ने जागरूकता और प्रशिक्षण की दृष्टि से बहुत अच्छा प्रयास किया है। ये तीनों कानून सभी नागरिकों को न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं और प्रदेश में इसका बेहतर क्रियान्वयन हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के नाम में ही इनके उद्देश्य भी समाहित हैं। इनमें दंड के स्थान पर न्याय को प्राथमिकता दी गई है। ये कानून भारत सरकार की न्याय और सुरक्षा की गारंटी को पूरा करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर पूरे प्रदेश के पुलिस थानों में आज के दिन को उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। इन कानूनों की जानकारी देने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर लोगों को जागरूक करने की दिशा में पहल की जा रही है।

विमोचन कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ और पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने नए कानूनों के प्रदेश स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। न्याय दिलाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ विवेचना और कार्यवाही पर जोर दिया। अधिकारियों ने बताया कि नए कानूनों के अंतर्गत दो एफआईआर और एक मर्ग दर्ज हो चुका है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव द्वय राहुल भगत, बसव राजू एस. एवं गृह विभाग के अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि नवीन कानून में मुख्यतः औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव, महिला सुरक्षा एवं न्याय, आतंकवाद, संगठित अपराध एवं भारत की सम्प्रभुता, एकता एवं अखण्डता के विरूद्ध अपराध, पीड़ित केन्द्रित कानूनी प्रावधान, अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक, डिजिटल एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान, न्यायालयीन प्रक्रिया से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं। भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया। भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया है और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है।

महतारी वंदन योजना की पांचवी किश्त जारी

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महतारी वंदन योजना की पांचवीं किश्त एक जुलाई को जारी कर दी है। इस योजना अंतर्गत लगभग 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में 653 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि अंतरित हुई है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप विवाहित माताओं-बहनों को हर महीने महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 1000 रूपए देने का संकल्प लिया था। शपथ लेने के तीन महीने के भीतर ही इस महती योजना पर काम शुरू हो गया। प्रशासनिक अमले ने तेजी से सर्वे का काम पूरा करते हुए हितग्राही महिलाओं से फार्म भरवाए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मार्च को महतारी वंदन योजना की पहली किश्त जारी की थी। इसके पश्चात नियमित रूप से यह किश्त जारी की जा रही है। नियमित रूप से यह राशि आने की वजह से महिलाएं काफी खुश हैं। कुछ महिलाएं अपने घरेलू बजट को इससे व्यवस्थित कर पा रही हैं, कुछ महिलाएं इस राशि को अपनी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में खर्च कर रही हैं तथा कुछ भविष्य के लिए निवेश कर रही हैं। महतारी वंदन योजना के क्रियान्वयन में सुशासन के मूल्य स्पष्ट झलकते हैं। डीबीटी के माध्यम से राशि का अंतरण हो रहा है इससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। बीते दिनों जनदर्शन में बहुत सी महिलाएं आयी उन्होंने अपने आवेदन दिए साथ ही महतारी वंदन योजना को लेकर अपनी खुशी भी जाहिर की। इन महिलाओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि विष्णु का सुशासन हमारे जीवन में बहुत सुख-समृद्धि लेकर आया है। इसके पहले महिलाओं को लेकर इतनी अच्छी योजना हमारे राज्य में क्रियान्वित नहीं की गई थी। इससे हमारे सपने पूरे हो रहे हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार से संस्थागत प्रसव को मिल रहा है बढ़ावा,कटगी में चार और सलोनी में पाँच गुना लक्ष्य से अधिक सालाना प्रसव,सभी प्रसव

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार विस्तार किया जा रहा है। इससे संस्थागत प्रसव को काफी बढ़ावा मिल रहा है। बलौदाबाजार जिले में कसडोल विकासखंड के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटगी तथा पलारी विकासखंड के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर सलोनी संस्थागत प्रसव में जिले भर में अव्वल रहा है। पिछले अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक कटगी ने 120 वार्षिक लक्ष्य की तुलना में 488 प्रसव कराएं हैं वहीं सलोनी में 36 प्रसव सालाना के लक्ष्य की तुलना में एक वर्ष में 178 प्रसव हुए हैं। यह सभी प्रसव सामान्य हैं। संस्थागत प्रसव के नियम अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 10 प्रसव एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को 3 प्रसव औसतन प्रतिमाह करना होता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया की मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए संस्थागत प्रसव सरकार की प्राथमिकता है। शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गर्भ धारण करने से लेकर प्रसव के पश्चात की सभी सेवाएं महिला को दी जाती हैं। इसमें प्रसव के बाद घर तक छोड़ने हेतु परिवहन की व्यवस्था के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में जननी सुरक्षा योजना के जरिये 14 सौ की राशि दी जाती है,आवश्यक दवाई और जाँच भी फ्री रहती है। डॉ शशि जायसवाल नोडल अधिकारी मातृ स्वास्थ्य के अनुसार संस्थागत प्रसव कई प्रकार के संक्रमण जोखिम से बचाता है। कुशल स्टाफ की देखरेख में हुए प्रसव से जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं।

कसडोल के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ रविशंकर अजगल्ले ने बताया की कटगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 15 से 20 किलोमीटर के दायरे के गांव के लोग प्रसव के लिए आते हैं इसके साथ-साथ सीमावर्ती जिले बिलासपुर,जांजगीर, सारंगढ़ -बिलाईगढ़ के लोग भी सुविधा को देखकर इधर आते हैं। कटगी तो राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर चुका है। पलारी बीएमओ डॉ बी एस ध्रुव के अनुसार सलोनी केंद्र में 5 ग्राम हैं जबकि प्रसव के लिए आस-पास के धाराशिव,कैलाश गढ़ अमेठी से भी लोग आते हैं।

कटगी अस्पताल में अपनी पत्नी का प्रसव करवा चुके कलमीडीह के विशाल पैकरा ने प्राप्त सुविधा से प्रसन्नता व्यक्त की। कटगी में ग्रामीण चिकित्सा सहायक रवि सेन,नर्सिंग स्टाफ में सुषमा दुबे,अन्नपूर्णा साहू,केवरा सिन्हा, प्रमिला साहू ,हेमलता देवांगन जबकि सलोनी में सी एच ओ प्रियंका वर्मा सहित आर एच ओ निर्मला साहू तथा मनमोहन आर्यन अपनी सेवा दे रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जिला कार्यक्रम प्रबंधक सृष्टि मिश्रा ने बताया की जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्य क्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में ये कुछ ऐसे कार्यक्रम हैं जो गर्भवती,शिशुवती माताओं हेतु चलाये जा रहे हैं। लोगों को शासन की इन योजनाओं का लाभ अवश्य लेना चाहिए। जिले के करहीबाज़ार, कडार, ताराशिव, कुम्हारी, डमरू, खपरी(एस), धनेली, सूढ़ेला,सिंगारपुर ये कुछ अन्य आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं जहां सौ से अधिक प्रसव हुए हैं।

सहायक ग्रेड-3 पद हेतु प्रथम स्तर की लिखित परीक्षा 28 जुलाई को

रायपुर- छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के लिए सहायक ग्रेड 03 पद हेतु प्रथम स्तर के लिखित परीक्षा 28 जुलाई को आयोजित की जाएगी। परीक्षा के लिए सरगुजा, बिलासपुर, जगदलपुर, दुर्ग और रायपुर में केन्द्र बनाया गया।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वेबसाइट पर आवेदक द्वारा सहायक ग्रेड-3 के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किए गए थे। सभी आवेदित अभ्यर्थियों को प्रथम स्तर की लिखित परीक्षा हेतु प्रवेश पत्र के लिए छत्तीसगढ़ व्यापम के वेबसाइट में जाकर पंजीयन कराना आवश्यक होगा। तथा परीक्षा जिला का चयन करना अनिवार्य होगा। व्यापम के वेबसाईट पर परीक्षा के लिए पंजीयन व जिला चयन की प्रारंभिक तिथि 2 जुलाई तथा अंतिम तिथि 16 जुलाई निर्धारित की गई है।

नियंत्रक व्यावसायिक परीक्षा मंडल से प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यापम पंजीयन नंबर व परीक्षा केन्द्र जिला के चयन के आधार पर ही लिखित परीक्षा हेतु अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों द्वारा छत्तीसगढ़ व्यापम के वेबसाइट पर पंजीयन नहीं किया है। उन्हें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशानुसार लिखित परीक्षा से वंचित माना जायेगा व जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी अभ्यर्थी के स्वयं की होगी तथा इस संबंध में कोई पत्राचार स्वीकार नहीं होंगे। अभ्यर्थी द्वारा पूर्व में जमा किये गए ऑनलाइन आवेदन पत्र में किसी भी तरह का सुधार या संशोधन किये जाने की अनुमति नहीं होगी।

केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री से मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर- केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी से छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने नई दिल्ली में की सौजन्य मुलाकात की।

मुलाकात के दौरान केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि अब डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास के कार्यक्रमों के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने उन्हें लोकसभा में सांसद के रूप में शपथ लेने की बधाई एवं शुभकामनाएं दी साथ ही छत्तीसगढ़ में महिलाओं के और बच्चों के लिए संचालित किए जा रहें कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर चर्चा भी की। इस मौके पर उन्होंने छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही महतारी वंदन योजना की जानकारी दी।

लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु बलौदाबाजार जिले के 88 ग्राम पंचायतों में विशेष शिविरों का होगा आयोजन

रायपुर-  बलौदाबाजार जिले में 88 चिन्हांकित ग्राम पंचायतों, तहसील, उप तहसील एवं एसडीएम कार्यालयों में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण हेतु विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में राजस्व विभाग के समस्त अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसके लिए विशेष शिविरों का आयोजन होगा। राजस्व पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत 1 जुलाई से 15 जुलाई तक उक्त शिविरों का आयोजन होगा। इन शिविरों में लंबित प्रकरणों में नामांतरण, सीमांकन, बंटाकन, फौती, खाता, रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण, ऑनलाइन रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण,नजूल भूमि का नवीनीकरण, डायवर्सन, भू-भाटक राजस्व, राजस्व संग्रह, वसूली के लंबित मामले एवं राजस्व विभाग से सम्बंधित अन्य मामलों का निराकरण समय सीमा के भीतर करने के निर्देश कलेक्टर दीपक सोनी ने सभी राजस्व अधिकारियों को दिए है। शिविरों की व्यवस्था हेतु कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों से शिविरों को सफल बनाने के निर्देश दिए है।

कलेक्टर दीपक सोनी ने जिले के सभी किसानों एवं आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा है की वह अधिक से अधिक इन शिविरों का लाभ लेकर शिविरों को अवश्य रूप से सफल बनाये। शिविरों में लंबित आवेदन के साथ नए आवेदन भी स्वीकार किए जाऐंगे। जिले के 88 ग्राम पंचायतों में शिविरों का आयोजन होगा।

इनमें 1 जुलाई को करमदा, नयापारा, जारा, तरेंगा, दामाखेड़ा, जांगड़ा, अर्जुनी (ब), बलौदा, सोनाखान, 2 जुलाई को झोंका, परसाडीह, दतान-प, कड़ार, करहुल, जरौद बड़े, पिपरछेड़ी, नरधा, नवागांव, 3 जुलाई को रसेड़ा, चंगोरी, देवसुंदरा, दतरेंगी, संजारीनवागांव, फरहदा, गिरौद, बार, 4 जुलाई को मुड़ियाडीह, करदा, कुसमी, सुरखी, रोहरा, आमाकोनी, बोरसी, अमोदी, कोसमसरा(ब), 5 जुलाई को परसाभदेर, पैजनी, अमेरा,खोखली, दरचुरा, नवापारा, कोसमसरा(क), मटिया, डुमरपाली, 8 जुलाई को बलौदाबाजार, डमरू, वटगन, खम्हरिया, बनसांकरा, सुहेला, गिधौरी, चांदन, 9 जुलाई को अर्जुनी, सुढ़ेली, गिधुपरी, गुड़ेलिया, कचलोन, खपराडीह, देवरीकला, कुम्हारी, सोनपुर, 10 जुलाई को चांपा, डोंगरा, दतरेंगी, खैरी, औरेठी, रावन, छरछेद, बिलारी(ज), 11 जुलाई को रिसदा, परसापाली, रोहांसी, निपनिया, कामता, नेवारी, झबड़ी, 12 जुलाई को सकरी, चितावर, दतान-ख, कोदवा, केसदा, बुड़गहन, कटगी, 15 जुलाई को भाठागांव, लाहोद, औटेबंद, नेवधा, हिरमी शिविर का आयोजन किया जायेगा।

उक्त शिविर में ग्राम करमदा के शिविर में कोलियारी, धवई, गैतरा, नयापारा में ताराशिव, चिचिरदा, पण्डरिया, जारा में फुण्डरडीह, रेंगाडीह, मुसवाडीह, साराडीह, छेरकाडीह-स, खपरी-स, पसरवानी, गाड़ाभाठा, औरासी, तरेंगा में पेण्ड्री, ढाबाडीह, सुमा, कैथी, खोलवा, टिकुलिया, धौराभाठा, ढाबाडीह, दामाखेड़ा में तोरा, तुलसी, चक्रवाय, धोबनी, किरवई, जांगड़ा में बिलाईडबरी, भंवरगढ़, लोहारी, अर्जुनी (ब) में अवराई, खैरा (ब), बल्दाकछार, मुढ़ीपार, बलौदा में हसुवा, बरपाली, धमलपुर, सोनाखान में अर्जुनी (म), महराजी, खोसड़ा, वीरनारायणपुर के ग्रामीण शामिल हो सकते है। इसी तरह झोंका में खजुरी, ढाबाडीह, लटुवा शुक्लाभांठा, भरसेला (बड़ा),परसाडीह में अमलीडीह, बाजारभाठा, कोयदा, दतान-प में गितकेरा, सरसेनी, चुचरूंगपुर, गुमा, सैहा, बेल्हा, अछोली, गातापार,घिरघोल, कड़ार में देवरी, सेमरिया, लेवई, अमलीडीह, कोटमी, मधुबन, करहुल में चोरहानवागांव, करही उर्फ अडबंधा, चंदियापथरा, जरौद बड़े में गोरदी, सिनोधा, पिपरछेड़ी में घिरघोल, पुटपुरा, खुड़मुड़ी, भिंभौरी, नरधा में बरेली, खपराडीह, नवरंगपुर, नवागांव में कंजिया, चिखली, देवतराई, धमलपुरा के ग्रामीण शामिल हो सकते है। रसेड़ा में सोनाडीह, मोहतरा, मेढ़, रसेड़ी, चंगोरी में सुनसुनिया, सिरियाडीह, मरदा, देवसुंदरा में सकरी-प, टीला, सर्रा, सिंधोरा, गोड़ा, ससहा, सकरी-स, सुंदरी, मुड़पार,दतरेंगी में दतरेंगा, अकलतरा, परसवानी (अ), टेहका, सुरजपुरा, जरहागांव, अकोली, परसवानी (क), संजारीनवागांव में लिमतरा, तरपोंगा, ढेकुना, गणेशपुर, मर्राकोना, बम्हनीडीह, चौरेंगा, मनोहरा, फरहदा में मटिया, डिग्गी, शिकारीकेसली, गिरौद में दर्रा, मानाकोनी, कौवाताल, सुकली, बार में बड़गांव, चरौदा, आमगांव, पाड़ादाह, मुड़पार(ब) के ग्रामीण शामिल हो सकते है।

इसी तरह मुड़ियाडीह में बेमेतरा, करदा में सरखोर, अहिल्दा, बरदा, कुसमी में खौरा, खरतोरा, कोदवा, गिर्रा, पठारीडीह, कुकदा, घोटिया, रसौटा, कोसमंदी, सुरखी में बिजराडीह, कोसमंदा, बेंदरी, धुर्राबांधा, पौंसरी, भरतपुर, मोपका, रोहरा में कोलिहा, कुलीपोटा, दौरेंगा, माचाभाट, संकरी, रेंगाबोड़, बुचीपार, देवरीडीह, ढाबाडीह, दावनबोड़, आमाकोनी में टेकारी, रानीजरौद, बोरसी में बगार, बम्हनी, परसदा, खर्वे, अमोदी में डेराडीह, कोट, कोसमसरा(ब) में मुरूमडीह, रवान, ढ़ेबी, बया, कुरकुटी के ग्रामीण शामिल हो सकते है। परसाभदेर में खैरघटा, चरौटी, पैजनी में कसियारा, अमलकुण्डा, भद्रा, अमेरा में केशला, छेरकापुर, बिनौरी, छड़िया, छेरकाडीह-छ, बलौदी, बोईरडीह, खपरी-बै, टिपावन, खोखली में गाड़ाडीह, बोड़तरा, मजगांव, सेमरिया, आलेसुर, गोगिया, कोड़ापार, दरचुरा में मोटियारीडीह, अकलतरा, धिवनपुरी, मांढर-अ, मानिकचौरी, खरगाडीह, विश्रामपुर, नवापारा में मुड़पार, बिटकुली, कोसमसरा(क) में हटौद, सेमरिया, टेमरी, मटिया में मड़वा, कोटियाडीह, मोहतरा, डुमरपाली में चेचरापाली, रंगोरा, रिकोकला, छतवन के ग्रामीण शामिल हो सकते है। बलौदाबाजार में पौंसरी, भरसेला मा., डमरू में खैंदा (ड), खटियापाटी, सुढ़ेला, खैंदा (खैरा), बम्हनपुरी, तुरमा, खैरा, कुम्हारी, धाराशिव, वटगन में लकड़िया, नवागांव, ओड़ान, कौड़िया, जंगलोर, सिसदेवरी, गबौद-सु, जर्वे, गैतरा, खम्हरिया में टोनाटार, गोढ़ी-टी, मिरगी, मोपर, अमेठी, खपराडीह, बोरसी-ब, बनसांकरा में बछेरा, चंदेरी, खैरघट, मांढर-ब, हरिनभट्टा, बैकोनी, सुहेला में पड़कीडीह, बासीन, गिधौरी में घटमड़वा, पुलेनी, चांदन में अमरूवा, गोलाझर, देवरी, नगेड़ी के ग्रामीण शामिल हो सकते है।

इसी तरह अर्जुनी में रवान, खैरताल, मुढीपार, ढनढनी, करमनडीह, सरकीपार, कुकुरदी, सुढे़ली में जुड़ा, मुण्डा, कोरदा, गिधुपरी में गाड़ाकुसमी, तेलासी, देवगांव, मोहगांव, मलपुरी, हरिनभट्ठा, बोहारडीह, कुची, लटेरा, गुड़ेलिया में चिचपोल, पाटन, खैरा, कुकदा, खैरी, बोरसी-ध, धनेली, मोपकी, कचलोन में खंडुवा, तेन्दुभाठा, चुचुटिया, खपराडीह में चण्डी, रवेली, देवरीकला में भदरा, सिनोधा, मुड़ियाडीह, कोट(क), चरौदा, मोहतरा(क), दर्रा, कुम्हारी में खपरीडीह, अमलीडीह, सोनपुर में बरपानी, कुशभांठा, कुशगढ़, थरगांव के ग्रामीण शामिल हो सकते है। चांपा में ढाबाडीह, सेम्रहाडीह, खम्हरिया, डोंगरा में तिल्दा, लाटा, डोंगरीडीह, दतरेंगी में सुंद्रावन, साहड़ा, धौराभाठा, सेमरिया, चरौदा, बम्हनी, भवानीपुर, खपरी-भ, रीवांडीह ,खैरी में राजाढार, टोपा, नवागांव, गुर्रा, तुरमा, हसदा, अमलीडीह, मल्दी, देवरानी, औरेठी में बिनैका, लांजा, रावन में झीपन, तिल्दाबांधा, छरछेद में असनींद, बैगनडबरी, खर्री, आमाखोहा, पिसीद, मोतीपुर, छांछी, बिलारी(क), बिलारी(ज) में छाता, कुरमाझर, नगरदा, नगेड़ा के ग्रामीण शामिल हो सकते है।

रिसदा में दशरमा, पुरैनाखपरी, ठेलकी, कोकड़ी, परसाभदेर, परसापाली में सिंघारी, भालूकोना, हरदी, रोहांसी में बिजराडीह, मोहान, अमेठी, टेमरी, सीतापार, लरिया, बांसबिनौरी, कानाकोट, सलौनी, निपनिया में भोथीडीह, सिंगारपुर, धौराभाठा, सेम्हराडीह, गोढ़ी-एस, करही, मेकरी, कामता में मुसुवाडीह, भोथीडीह, नवागांव, पौंसरी, दुलदुला, नेवारी में फुलवारी, भोथाडीह, झबड़ी में खैरा, मड़कड़ा, मुड़पार(म), मल्दा, छेछर के ग्रामीण शामिल हो सकते है।

सकरी में कंजी, लिमाही, पाहंदा, खम्हरिया, चितावर, कोलिहा, खम्हारडीह, चिरपोटा, दतान-ख में धमनी, मुड़ियाडीह, खैरी, सोनारदेवरी, कोसमंदा, कोनारी, तिल्दा, गदहीडीह, मल्लीन, गबौद-म, लच्छनपुर, ठेलकी, कोदवा में लमती, कोनी, गुड़ाघाट, खपरी, सिल्वा, बिटकुली, पथरिया, केसदा में झिरिया, रिंगनी, डोंगरिया, खिलोरा, केशली, धोधा, कुकराचुंदा, बुड़गहन में भटभेरा, अमेरी, कटगी में सरवानी, सेल, साबर, सर्वा, बैजनाथ के ग्रामीण शामिल हो सकते है।

इसी प्रकार भाठागांव में देवरी, सलौनी, लाहोद में डोटोपार, लवनबंद, बिटकुली, कारी, कोहरौद, जामडीह, बगबुड़ा, धनगांव, पनगांव, भरसेला नया, गिंदोला, ओटेबंद में लालपुर, राजपुर, लच्छनपुर, केशला, पासीद, रामपुर, नेवधा में पौंसरी, उड़ेला, भैंसा, संकरी, करेली, हथबंद, सीतापार, मोहभट्ठा, लावर, हिरमी में सकलोर, पेण्ड्री, परसवानी, बरडीह, कुथरौद, भालेसुर, मोहरा के ग्रामीण शामिल हो सकते है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज से देशभर में लागू हो रहे नवीन कानूनों पर आधारित पुस्तक का किया विमोचन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण पुस्तक का विमोचन किया, जिसमें देशभर में लागू हो रहे तीन नए आपराधिक कानूनों की महत्वपूर्ण जानकारियों का संकलन है। यह संग्रह छत्तीसगढ़ पुलिस की विशेष पहल है, जो नवीन कानूनों को समझने और उनका सही क्रियान्वयन करने में सहायक होगा।

मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा, “नवीन कानूनों का उद्देश्य न्याय व्यवस्था को सशक्त और अधिक प्रभावी बनाना है। यह पुस्तक अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन होगी और समाज में न्याय की स्थापना में मददगार साबित होगी।

यह पहल छत्तीसगढ़ पुलिस की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो न केवल कानून के सही क्रियान्वयन में सहायता करेगी, बल्कि इसे समझने में भी सरलता प्रदान करेगी। इस संग्रह के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ नवीन आपराधिक कानूनों का सही और प्रभावी उपयोग कर सकेंगी।