सीएम योगी ने बाढ़ प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा की, कहा जलशक्ति मंत्री व राज्य मंत्री फील्ड में जाकर करें व्यवस्थाओं का निरीक्षण
![]()
![]()
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत जारी तैयारियों की समीक्षा की और व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।सीएम ने कहा कि प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए विगत 07 वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है।
तकनीक के प्रयोग से बाढ़ से निपटने में थोड़ी बहुत मिली सफलता
विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है। बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है। इस वर्ष भी बेहतर कोऑर्डिनेशन, क्विक एक्शन और बेहतर प्रबन्धन से बाढ़ की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए।ताकि बारिश के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में
प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं।
मौसम का पूर्वानुमान नियमित रूप से जारी किया जाना चाहिए
उन्होंने कहा कि अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए। इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए। जल शक्ति मंत्री एवं दोनों राज्य मंत्री द्वारा अति संवेदनशील तथा संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण करें, साथ ही बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं का निरीक्षण करें।मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस वर्ष पर्याप्त वर्षा होगी। नेपाल और उत्तराखंड की सीमा से लगे जनपदों में सतर्कता बनाए रखें। आमजन की सुविधा और राहत एवं बचाव कार्य के बेहतर बेहतर प्रबंधन के लिए बाढ़ बुलेटिन और मौसम का पूर्वानुमान नियमित रूप से जारी किया जाना चाहिए।
केंद्रीय एजेंसियों/विभागों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें
सीएम योगी ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत, पशुपालन, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर तालमेल हो। केंद्रीय एजेंसियों/विभागों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। यहां से प्राप्त आंकलन/अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए।
जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूम चौबीस घंटे अलर्ट मोड पर रहे
नदी के किनारे बसे आवासीय इलाकों और खेती की सुरक्षा में नदियों का चैनेलाइजेशन उपयोगी सिद्ध हो रहा है। अम्बेडकर, बलरामपुर, बाराबंकी, सीतापुर और श्रावस्ती में जारी ड्रेनेज एवं चैनेलाइजेशन की परियोजनाओं को समय से पूरा कराएं। जो सिल्ट निकले उसका सदुपयोग किया जाए।राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूम 24×7 एक्टिव मोड में रहें। उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय द्वारा बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केंद्र अधिष्ठापित किए गए हैं। पूरे मॉनसून अवधि में यह केंद्र हर समय एक्टिव रहें।
सभी एजेंसियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन होना चाहिए
बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर रेग्युलर मॉनीटरिंग की जाती रहे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ-साथ होमगार्डों की सेवाएं भी ली जानी चाहिए। किसकी तैनाती कब और कहां होनी है, इस बारे में कार्ययोजना तैयार कर लें। सभी एजेंसियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन होना चाहिए।
नौका सवार सभी लोग लाइफ जैकेट जरूर पहने हुए हों
नौकाएं, राहत सामग्री आदि के प्रबंध समय से कर लें। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। नौका बड़ी हो। छोटी नौका/डोंगी का प्रयोग कतई न हो। नौका सवार सभी लोग लाइफ जैकेट जरूर पहने हुए हों।बाढ़ के दौरान और बाद में बीमारियों के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य किट तैयार करके जिलों में पहुंचा दिया जाए। क्लोरीन टैबलेट, ओआरएस आदि की उपलब्धता होनी चाहिए। बुखार आदि की पर्याप्त दवा उपलब्ध हो। सर्प दंश की स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद मिलनी चाहिए।
पशुओं का टीकाकरण समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए
बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनेगी, वहां पशुओं की सुरक्षा के भी प्रबंध होने चाहिए। उचित होगा कि बाढ़ के समय पशुओं को अन्यत्र कहीं सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। निराश्रित गोआश्रय स्थलों में पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। पशुओं का टीकाकरण समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।बाढ़ राहत शिविरों में लोगों को ताजा भोजन दिया जाना चाहिए। अन्य राहत सामग्री की गुणवत्ता से भी कोई समझौता नहीं होना चाहिए। राहत सामग्री का पैकेट मजबूत हो, लोगों को कैरी करने में आसानी हो।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली पोल ठीक करा ली जाए
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल खराब हो, बिना विलंब उसकी क्षतिपूर्ति कराई जाए। इसके अलावा, किसानों को मौसम पूर्वानुमान से अवगत कराते हुए खेती-किसानी के लिए अनुकूल परिस्थितियों के बारे में जागरूक करें।बरसात के कारण निर्माण परियोजनाओं पर होने वाले असर के दृष्टिगत पहले से आवश्यक प्रबंधन कर लिया जाना चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली के पोल, तार, सड़क आदि समय से ठीक कर लिए जाने चाहिए।
2024 में बाढ़ से सुरक्षा के लिए समय से तैयारियां की गई
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2024 में बाढ़ से सुरक्षा के लिए समय से तैयारियां की गई हैं। अति संवेदनशील के रूप में चिन्हित 17 जनपदों के 37 तटबंधों का अनुरक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियन्ता नामित किये जा चुके हैं। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत निगरानी भी की जा रही है।
बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केन्द्रों की स्थापना हो चुकी
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्ष 2023 में बाढ़ से प्रभावित अतिसंवेदनशील/संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर बाढ़ परियोजनाओं के द्वारा बाढ़ बचाव कार्य पूर्ण कर लिये गए हैं। प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक 75 जनपदों में सम्पन्न हो गई है। इसके अलावा, बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है। बेतार केन्द्र सम्पूर्ण बाढ़ अवधि में सतत् क्रियाशील रहेंगे।






लखनऊ। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश का आज नया मुख्य सचिव बनाया गया है। मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव पद का कार्यभार आज यानि रविवार दोपहर को ग्रहण करेंगे। यूपी के मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा का कार्यकाल आज 30 जून को समाप्त हो रहा है। उन्हें फिर से सेवा विस्तार नहीं मिला है। बता दें कि मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव और आईआईडीसी दोनों होंगे।
लखनऊ। लखनऊ के इंदिरानगर में शनिवार की शाम को पानी भरे गड्ढे में डूबकर दो बच्चों की मौत हो गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक, कुकरैल नदी के किनारे रिवर फ्रंट की खुदाई का काम चल रहा है। यहां पर गहर गड्ढा खोदा गया है, जिसमें बारिश का पानी इकट्ठा हो गया।
लखनऊ । मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत समय-समय पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कार्य प्रणाली को और अधिक प्रभावी व सुदृढ़ बनाये जाने के सम्बन्ध में दिये गये निदेर्शों के क्रम में भ्रष्टाचार निवारण संगठन में जांच व विवेचनाओं की गुणवत्ता में सुधार के भ्रष्टाचार निवारण संगठन द्वारा आई-एफएसीटीटीएस एप (इंटेलिजेंट फाइनेंशियल एनालिटिक्स अपराध ट्रैकिंग और प्रशिक्षण प्रणाली) विकसित किया गया है। डीजीपी यूपी प्रशांत कुमार द्वारा शनिवार को पुलिस मुख्यालय, गोमतीनगर विस्तार में आई-एफएसीटीटीएस एप (इंटेलिजेंट फाइनेंशियल एनालिटिक्स अपराध ट्रैकिंग और प्रशिक्षण प्रणाली) का शुभारम्भ किया गया।
लखनऊ। एक जुलाई से लागू किये जाने वाले तीन नये कानूनों के क्रियान्वयन, आगामी त्यौहारों (जगन्नाथ यात्रा, मोहर्रम, कावड़ यात्रा ,रक्षाबन्धन, सावन झूला आदि) पर कानून-व्यवस्था एवं यातायात प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में डीजीपी प्रशांत कुमार ने अधिकारियों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की। डीजीपी द्वारा वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान निर्देश दिया गया कि भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार एक जुलाई से तीनों नये कानून यथा भारतीय न्याय सहिंता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता-2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 को लागू किये जाने के सम्बन्ध में तैयारी कर ली जाय तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय।
लखनऊ । पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार को शुक्रवार को आईआईएम इन्दौर के नवीन कृष्ण राय ने आपरेशन जागृति के सम्बन्ध में डायरेक्टर आईआईएम इन्दौर द्वारा तैयार इम्पैक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट की बुकलेट उपलब्ध करायी गयी। पुलिस महानिदेशक द्वारा आपरेशन जागृति की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से महिलाओं एवं बालिकाओं में महिला सम्बन्धी अपराधों के प्रति जागरूकत्ता बढ़ती है तथा महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
Jul 01 2024, 19:34
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
18.7k