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रघुराज प्रताप सिंह की पत्नी भानवी सिंह ने एक बार फिर एक्स पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लगाई न्याय की गुहार
लखनऊ । जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह की पत्नी भानवी सिंह ने एक बार फिर एक्स पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से न्याय की गुहार लगाई है। लोकसभा चुनाव के पहले भी एक्स पर लगातार ट्वीट कर वह सीएम व पुलिस अधिकारियों से न्याय मांगती रहीं हैं।

भानवी सिंह का आरोप है कि वर्ष 2023 में दिल्ली में एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी समेत अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें उनका बयान भी दर्ज हो चुका है। मुकदमा दर्ज हुए एक वर्ष का समय बीत गया, पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्तेे डाल दिया है। जिससे उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। उनके एक्स पर किए ट्वीट से एक बार फिर राजा भैया परिवार का मामला चर्चा में आ गया है।
प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम के साथ सुहाने हुए मौसम ने लोगों को गर्मी से राहत दी, चार व पांच दिन में पूरे प्रदेश में मानसून के छा जाने के आसार

लखनऊ । प्रदेश में मानसून एक्सप्रेस लगातार आगे बढ़ रही है। बृहस्पतिवार को प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम के साथ सुहाने हुए मौसम ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। दिन और रात के तापमान में गिरावट हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार- पांच दिनों में मानसून के पूरे प्रदेश में छा जाने के आसार हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक बृहस्पतिवार की सुबह 8.30 बजे तक आगरा, अलीगढ़, मथुरा-वृंदावन, मुरादाबाद में 70 मिमी से अधिक पानी बरसा। अयोध्या, बहराइच, बलिया, बुलंदशहर, फतेहपुर, फुरसतगंज, हमीरपुर में 50 से 60 मिमी के बीच बरसात रिकार्ड की गई। गाजीपुर में 100 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई थी। आगरा, अलीगढ़, शाहजहांपुर में भी अच्छी बरसात रिकार्ड हुई। 

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, मानसून की अरब सागर की शाखा अधिक सक्रिय है। इसके कारण मानसून बृहस्पतिवार को बुंदेलखंड के ज्यादातर हिस्से को कवर करते हुए आगे बढ़ा है। बंगाल की खाड़ी की शाखा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई वाले इलाके के कुछ भाग को कवर किया है। आगामी 4-5 दिनों के दौरान प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर कहीं हल्की तो कहीं भारी वर्षा संभावना है।
नये कानून से तारीख पर तारीख का चलन होगा समाप्त ,नये कानूनों को पुलिस महानिदेशक यूपी ने सराहा
लखनऊ ।  पुलिस मुख्यालय  गोमती नगर विस्तार लखनऊ के तृतीय टॉवर भूतल स्थित गोंड रानी वीरांगना दुर्गावती लाउंज में मीडिया के साथ वातार्लाप व कार्यशाला का आयोजन किया गया।  जिसमें मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार रहे। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण द्वारा मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ एंव अपर महानिदेशक पीआईबी द्वारा स्मृति चिन्ह भेट कर स्वागत किया गया।
डीजीपी ने कहा कि ब्रिटिश कानून की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू होगी।

डीजीपी ने कहा कि कानून लागू होने के बाद अदालत के निर्णय की प्रक्रिया आॅनलाइन हो जाएगी। भारत आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीकी के इस्तेमाल करने वाला पहला देश बन जाएगा। साथ ही नए कानूनों की विशेषता है कि 3 साल के भीतर न्याय मिल सकेगा। प्रत्येक जनपद के थाने में वीडियो कांफ्रेसिंग रूम होगा। इससे गवाहों को आसानी होगी। एक जुलाई को हर थाने में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें नये कानून के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। डीजीपी ने बताया कि नये कानून के लागू होने से पुराने मुकदमों में कोई बदलाव नहीं आएगा। इस कानून को लागू करने में हम किसी राज्य से पीछे नहीं रहेंगे।

सामुदायिक सेवा के माध्यम से छोटे-छोटे अपराधों का निस्तारण किया जाएगा। डीजीपी ने बताया कि नये आपराधिक कानून एक जुलाई 2024 से प्रभावी होंगे। इन कानूनों के लागू होने के बाद से लेकर अदालत के निर्णय तक पूरी प्रक्रिया आॅनलाइन हो जाएगी और भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में आधुनिक तकनीक का सबसे अधिक इस्तेमाल करने वाला देश बन जाएगा। यह कानून तारीख पे तारीख के चलन को समाप्ति सुनिश्चित करेंगे और देश में एक ऐसी न्यायिक प्रणाली स्थापित होगी जिसके जरिये तीन वर्षो के भीतर न्याय मिल सकेगा। डीजीपी ने कहा कि जैसा कि आप सभी विदित है कि ब्रिटिश कालीन के जो हमारे तीनों कानून थे उनकी जगह तीन नये कानून संसद द्वारा पास किये गये है जिनको हम लोग भारतीय न्याय संहिता, जो कि आईपीसी का काउण्टर पार्ट है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जो कि सीआरपीसी का काउण्टर पार्ट है और भारतीय साक्ष्य अधिनियम जो एविडेन्स एक्ट का काउण्टर पार्ट है उसको पास किया है।

नये कानून को पास करने की मूल भावना यह है कि तकनीक का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करके डिस्क्रेशन को कम करना है चाहे वह विवेचक का हो या किसी भी इस पूरे क्षेत्र से जुडे व्यक्ति का हो, उसे कम करना है, किसी भी स्थित में वादी का उत्पीडन न हो तथा कोई भी निर्दोष व्यक्ति को दण्ड न मिले, इसके लिए अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग किया जाये। एक समयबद्ध तरीके से इस सभी चीजो का विचारण हो, फॉरेन्सिक साक्ष्यों का अधिक से अधिक उपयोग करया जाये और यह सुनिश्चित कराया जाये कि ज्यादा से ज्यादा निष्कर्ष पर पहुँचने की प्रक्रिया तकनीक पर आधारित हो। साथ ही साथ नये आपराधिक कानून में वादी को विवेचना के प्रगति की सूचना देना अनिवार्य है।

हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के वर्ल्टिकल्स को इन सभी चीजो का पूरा ज्ञान होना बहुत बड़ा टास्क था। हमारे सभी विभागो जिसमें प्रशिक्षण विभाग, तकनीकी सेवाएं, जेल, प्रासीक्यूसन इन सभी में जो ट्रेनिंग की प्रक्रिया थी, वह बहुत ही अनुकरणीय एवं प्रशान्सनीय है। पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय ने विश्व के सबसे बड़े पुलिस संगठन को प्रशिक्षण देने का महती कार्य किया है। 30 जून तक विभिन्न रैंक के पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त तकनीकी विभाग, अभियोजन, नियम एवं ग्रंथ, पुलिस मुख्यालय की टीम ने इस कानून को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। मुख्यमंत्री  ने प्रशिक्षण के लिये सभी संसाधनों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया है।

संगठित अपराधियों को सजा दिलाने के उद्देश्य से विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम लागू की गयी है जिससे गवाह निर्भीक होकर गवाही दे सके। वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से गवाही करायी जायेगी इससे त्वरित एवं समयबद्ध न्याय प्रणाली विकसित होगी। नये कानून में फारेंसिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य को अनिवार्य किया गया है इस दिशा में विवेचकों को प्रशिक्षण दिया गया है। साक्ष्य अधिनियम में डिजिटल साक्ष्य को ग्राह्य बनाया गया है। एनआईसी द्वारा ई-साक्ष्य एप निर्मित किया गया है। इस ऐप के माध्यम से घटनास्थल की वीडियोग्राफी की जा सकेगी व डिजीलॉकर में सुरक्षित किया जा सकता है जिससे उसकी हैश वैल्यू बनी रहेगी और न्यायालय के समक्ष साक्ष्य पेश करने में किसी भी प्रकार की कोई तकनीकी बाधा उत्पन्न नहीं हो पायेगी।

इस दिशा में विवेचकों हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एसओपी निर्गत किया गया है। जनसामान्य को नये कानून की जानकारी दिये जाने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया सेल द्वारा एक्स (ट्वीटर) पर प्रतिदिन नये कानून का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा नये कानून से सम्बन्धित 29 संक्षिप्त प्रशिक्षण वीडियो बनाये गये हैं जिसे एलएमएस पोर्टल पर अपलोड किया गया है एवं सभी जनपदों को गूगल ड्राइव के माध्यम से लिंक उपलब्ध कराया गया है। सभी पुलिस थानों एवं कार्यालयों पर नये कानून से सम्बन्धित वॉल पोस्टर चस्पा किये जा रहे हैं। नये कानून से सम्बन्धित पॉकेट बुक व पैम्फलेट तैयार किया गया है एवं थानों को उपलब्ध कराया गया है। तीन नये कानून लागू करने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उ०प्र० पुलिस आमजन की अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी। कानून के मूल उद्देश्य के संदेश को आमजन तक पहुंचाने में सहयोग करेगी।

इस कार्य में मीडियाबंधु की महत्वपूर्ण भूमिका है एवं आपसे इस दिशा में पूर्ण सहयोग अपेक्षित है। वातार्लाप कार्यक्रम में अधिक संख्या में पत्रकारों द्वारा प्रतिभाग किया गया। अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण द्वारा पत्रकार बन्धुओ को नये आपराधिक कानूनो के सम्बन्ध में आधारभूत जानकारी प्रदान की गयी। कार्यक्रम में अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं, अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिदेशक के जीएसओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहें।

यूपी-112 का द्वितीय चरण: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झंडी दिखा नए उच्चीकृत पीआरवी को किया रवाना, नई तकनीक के साथ संसाधनों को बढ़ाया गया

लखनऊ। प्रदेश के करोड़ों नागरिकों को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करने वाली यूपी-112 के द्वितीय चरण में शामिल नए उच्चीकृत पीआरवी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर मा. मंत्री, वित्त एवं संसदीय कार्य सुरेश कुमार खन्ना, पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही।

24 एजेंसियों से हुआ है एकीकरण

यूपी-112 के द्वितीय चरण में नई तकनीक के साथ संसाधनों को भी बढ़ाया गया है, ताकि जनमानस को पारदर्शी तरीके से त्वरित पुलिस सहायता प्रदान की जा सके, नागरिकों की मदद का दायरा बढ़ाने के लिए यूपी-112 ने द्वितीय चरण में 15 नई एजेंसियों के साथ एकीकरण किया है। जबकि पहले चरण में 9 एजेंसियों के साथ 112 का एकीकरण था। इस तरह अब 24 एजेंसियों के साथ 112 का एकीकरण हुआ है।

कॉल टेकर्स और पीआरवी की संख्या बढ़ी

दूसरे चरण में कॉल टेकर्स की संख्या बढ़ा कर 825 की गयी है जबकि पहले चरण में कॉल टेकर्स की क्षमता 673 थी. कॉल टेकर्स बढ़ने से अब प्रतिदिन औसतन 28,000 कालर्स की आपात सहायता की जा रही है, जबकि पहले सहायता का ये आंकड़ा 18,500 का था। इसी तरह दूसरे चरण में पीआरवी की संख्या को बढ़ा कर 6278 किया गया है, जबकि पहले चरण में यह संख्या 4800 थी. कॉल टेकर्स की संख्या बढ़ने से जहाँ आपात सेवा लेने वालों की संख्या बढ़ी है वहीं पीआरवी की संख्या बढ़ने से पीड़ित तक जल्द पुलिस सहायता पहुँच रही है. नागरिकों को पीआरवी ट्रेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

तकनीक का हुआ भरपूर प्रयोग

दूसरे चरण में यूपी-112 ने तकनीक का भरपूर प्रयोग किया है, ताकि नागरिकों को पारदर्शी तरीके से त्वरित पुलिस सहायता मिल सके, कॉलर की सटीक लोकेशन पता करने के लिए 112 ELS तकनीक का उपयोग कर रहा है। यूपी पुलिस इस सेवा को प्रयोग करने वाला पहला भारतीय पुलिस संगठन है। पीआरवी पर तैनात कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं जिससे पुलिस कर्मी घटना स्थल की फोटो और वीडियो रिकार्ड कर सकते हैं।

PTZ कैमरों से रखी जाएगी नज़र

पीआरवी पर PTZ कैमरे लगाये गए हैं. इससे संवेदनशील घटनाओं की रियल टाइम मोनिटरिंग जिला मुख्यालयों और यूपी-112 द्वारा किये जाने की व्यवस्था है। कैमरों से पारदर्शिता व अपराधों के इन्वेस्टीगेशन में मदद मिलेगी।

कानून का राज सुशासन की पहली शर्त : सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून का राज सुशासन की पहली शर्त है। इसके लिए सुरक्षा व संरक्षा का बेहतर वातावरण होना चाहिए। सुरक्षा का वातावरण राज्य का दायित्व है। हमारी पुलिस इसका बखूबी निर्वहन करती है। समय के अनुरूप पुलिस का आधुनिकीकरण कर सकें, यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी।

प्रधानमंत्री ने डीजी कॉफ्रेंस में देश भर के पुलिस महानिदेशकों के सामने कानून के परिवर्तन के साथ ही स्मार्ट पुलिसिंग की नई अवधारणा पर आधारित नई दृष्टि दी थी। उन्होंने स्ट्रिक्ट एंड सेंसेटिव, मॉडर्न एंड मोबाइल, अलर्ट एंड अकाउंटबिल, रिलायबल एंड रिस्पांसिव, टेक्नोसेवी व ट्रेंड होने की बात कही थी। यूपी पुलिस ने इन सभी बातों को अक्षरशः उतारने का प्रयास किया है।

उच्चीकृत पीआरवी का सीएम ने किया फ्लैग ऑफ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर यूपी-112 द्वितीय चरण के तहत उच्चीकृत पीआरवी का फ्लैग ऑफ किया। साथ ही वातानुकूलित हेलमेट का वितरण किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि यह कार्यक्रम स्मार्ट पुलिसिंग की सात वर्ष की प्रक्रिया को नई ऊंचाई की ओर पहुंचाने का अभियान है।

यूपी पुलिस ने देश के अंदर अपनी नई पहचान बनाई

सीएम योगी ने कहा कि पिछले सात वर्ष के अंदर यूपी पुलिस ने देश के अंदर न केवल अपनी नई पहचान बनाई है, बल्कि यूपी को भी नई पहचान दिलाने में महती भूमिका का निर्वहन किया है। सात वर्ष में यूपी में कानून का राज दिखाई दिया है। कानून के राज ने पुलिस को भी सम्मान और विश्वास का प्रतीक बनाया तो राज्य में निवेश, व्यापार की नई संभावनाओं के साथ विकास और रोजगार के नए युग में ले जाने का कार्य किया।

प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ

2017 में सीएम बनने के बाद पहली प्रशासनिक बैठक की, वहां पता चला कि यूपी आबादी में देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यह छठवीं अर्थव्यवस्था था। जैसे-जैसे प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ तो यूपी देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा और अब तेजी के साथ देश की बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो रहा है। सीएम ने कहा कि समाज की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं देंगे तो पुलिस बल पिछड़ जाएगा। ऐसा होने से सबसे खतरनाक असर सामान्य नागरिकों की सुरक्षा पर पड़ेगा। जनता का विश्वास एक बार व्यवस्था से हटा तो उसे बहाल करने में लंबे समय तक कवायद करनी पड़ेगी।

यूपी पुलिस बल के लिए फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट का हुआ गठन

सीएम योगी ने कहा कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में नए युग में प्रवेश किया है। निवेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी कैसी होनी चाहिए, यूपी ने इसका उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह केवल नारे नहीं, जमीनी हकीकत है। हमने बिना भेदभाव पारदर्शी प्रक्रिया से पुलिस बल में पुलिस भर्ती की तो समुचित प्रशिक्षण भी कराया। बड़े महानगरों को छोड़ विकास प्रक्रिया से जुड़े किसी भी सामान्य जनपद में सबसे ऊंची बिल्डिंग पुलिस लाइन के अंदर बन रहे पुलिस के आधुनिक बैरक की है। यहां अवस्थापना सुविधाओं का विकास और ट्रेनिंग की क्षमता को बढ़ाया गया। पुलिस बल के आधुनिकीकरण के अनेक प्रयास हुए। पहली बार यूपी पुलिस बल के लिए फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट का गठन किया गया। गत वर्ष पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है।

फ्लीट में शामिल होंगे 6278 वाहन

सीएम योगी ने कहा कि हमने यूपी-112 के रिस्पांस टाइम को कम करने और पीआरवी-112 की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया। सात वर्ष में फोर व्हीलर के साथ टू व्हीलर भी शामिल किया गया, जिससे गली-मोहल्लों तक पीआरवी आमजन की सेवा के लिए पहुंच सके। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय यूपी पुलिस का पीआरवी 112 सुर्खियों में बना था। लोगों ने पुलिस बल के सेवा भाव को देखा था। जिन गली-मोहल्लों में फोर व्हीलर नहीं जा सकती, वहां टू व्हीलर की सुविधा पहुंची। अगले तीन वर्ष का बड़ा कार्यक्रम शासन ने तय किया है। इस फ्लीट में 6278 फोर और टू व्हीलर उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास प्रारंभ किया है। इस वर्ष 1778 फोर-टू व्हीलर को फ्लीट का हिस्सा बनाने वाले हैं।

सीएम योगी ने कानपुर पुलिस के प्रयासों की सराहना की

कानपुर ट्रैफिक पुलिस की ओर से कर्मचारी कल्याण के लिए एसी हेलमेट प्रदान करने की अभिनव पहल की गई। इसका निर्माण हैदराबाद की कंपनी ने किया है। कानपुर मेट्रो में काम कर रही एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर ने कानपुर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए सीएसआर गतिविधि के माध्यम से सहयोग दिया है। सीएम ने कानपुर ट्रैफिक पुलिस के आरक्षी सुगौरव तिवारी को हेलमेट पहनाया। सीएम ने कहा कि गर्मी के नए रिकॉर्ड टूटे हैं। अंतिम चरण की चुनाव ड्यूटी के लिए जब पुलिस व कर्मचारी प्रस्थान कर रहे थे तो एक ही दिन में दर्जनों मौतें हुईं। उस समय तापमान बहुत अधिक था।

एसी हेलमेट कुछ हद तक मदद करने में सहभागी बनेगा

लू-भीषण गर्मी में भी यूपी पुलिस लोगों को बेहतर सुविधा देती है। ट्रैफिक पुलिस के जवान चौराहे पर खड़े होकर यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करते है। कई बार ऐसा करते-करते जवान बेहोश हो जाते हैं या कोई अप्रिय घटना हो जाती है। यह एसी हेलमेट कुछ हद तक मदद करने में सहभागी बनेगा। सीएम ने कहा कि कानपुर कमिश्नरेट पुलिस का यह प्रयास सराहनीय है।

सेफ सिटी के लिए गोरखपुर से शुरू हुआ था ऑपरेशन त्रिनेत्र

सीएम योगी ने कहा कि पुलिस कमिश्नर कानपुर जब गोरखपुर के एडीजी थे तो उन्होंने सेफ सिटी का प्रयास प्रारंभ किया था। सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय व राज्यों से कहा था कि महिला सुरक्षा के बारे में संवेदनशील बनना होगा। उनकी चिंता को ध्यान में रखते हुए 2016 में सेफ सिटी के लिए यूपी पुलिस ने गोरखपुर से ऑपरेशन त्रिनेत्र की शुरुआत की।इसमें शासन, नगर निकाय, विकास प्राधिकरण, व्यापार मंडल, सामान्य नागरिक का सहयोग मिला। उसके परिणाम हमें देखने को मिलते हैं। इससे घटनाएं नहीं होतीं, यदि हो भी गईं तो कुछ ही घंटों के अंदर अपराधी पुलिस की भेंट चढ़ जाता है। यह बताता है कि हमने टेक्नोलॉजी के साथ मैनपॉवर को ट्रेंड किया है।ऐसे कार्यक्रमों में जनता का भरपूर सहयोग मिलता है।कार्यक्रम में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, एडीजी यूपी 112 नीरा रावत आदि मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश देश का हृदय स्थल, यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं : सीएम योगी


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का हृदयस्थल है। यहां पर्यटन की अनेक संभावनाएं हैं। गत वर्ष उत्तर प्रदेश में 48 करोड़ पर्यटक आए थे। यानी आबादी की लगभग दोगुनी संख्या पर्यटन की दृष्टि से यहां आई थी। अधिकांश पर्यटक धार्मिक पर्यटन के लिए आए थे। 2023 में काशी में यह संख्या 10 करोड़ से अधिक थी। मथुरा-वृंदावन में साढ़े सात करोड़ और अयोध्या में पांच करोड़ से अधिक थी। 500 वर्षों के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम के विराजमान होने के बाद यह संख्या कई गुना बढ़ गई है। औसतन प्रतिदिन डेढ़-दो लाख पर्यटक अयोध्या धाम आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी हॉल में ईको टूरिज्म पर आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।


यूपी में स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ ही हेरिटेज व ईको टूरिज्म की भी संभावनाएं


सीएम योगी ने कहा कि यूपी में कई ऐसे साइट्स हैं, जहां पर्यटक आते हैं। लखनऊ के बगल में नैमिषारण्य, चित्रकूट, शुकतीर्थ, विंध्यवासिनी धाम, मां पाटेश्वरी धाम, मां शाकंभरी धाम सहारनपुर, बौद्ध तीर्थ स्थल कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा, जैन व सूफी परंपरा से जुड़े स्थलों में भी स्प्रिचुअल टूरिज्म की अनेक संभावना पहले से है। यह संभावनाएं बताती हैं कि यदि स्प्रिचुअल टूरिज्म के लिए स्थान है तो इसका मतलब यह मानव सृष्टि और जीव सृष्टि का उद्गम स्थल है। इसके सबसे बड़े प्रमाण सोनभद्र के फासिल्स पार्क को देखें। उसकी आयु उतनी ही है, जितनी जीव सृष्टि की है। लगभग डेढ़ सौ करोड़ वर्ष पूर्व के फासिल्स वहां पाए जाते हैं। ऐसे अनेक स्थल, प्राकृतिक सरोवर, ताल मिलेंगे। 15 हजार वर्ग किमी. का क्षेत्रफल केवल वन संपदा है। यूपी में पौराणिक काल के वन हैं।

यूपी के तराई क्षेत्र (बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, पीलीभीत) में वन सुरक्षित हैं, जबकि उस पार नेपाल में वन समाप्त हो गए हैं। चूका, दुधवा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, अब चित्रकूट व बिजनौर के अमानगढ़ में टाइगर रिजर्व को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ ही हैरिटेज व ईको टूरिज्म की संभावनाएं भी मौजूद हैं। उन्हीं संभावनाओं को देश-दुनिया के सामने लाने, लोगों का आकर्षण बढ़े, मनोरंजन और ज्ञानवर्धन हो, अतीत व इतिहास के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हो। साथ ही भावी चेतावनी के प्रति हम सभी जागरूक हो सकें, इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड गठित किया गया है।

देश-प्रदेशवासियों को लंबे समय तक याद आएगी जून की गर्मी

सीएम योगी ने कहा कि जून की गर्मी देश-प्रदेशवासियों को लंबे समय तक याद आएगी। तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा था। लोग असहाय और असमंजस की स्थिति में थे। इसके लिए उत्तरदायी हम सबकी स्वार्थी गतिविधियां ही हैं। स्वयं के स्वार्थ के लिए प्रकृति के दोहन की प्रवृत्ति के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई।



नाइट सफारी बनाने से पहले कुकरैल नदी को जीवित करेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में कुकरैल के पास नाइट सफारी बना रहे हैं। इसके पहले कुकरैल नदी को जीवित करेंगे। कभी कुकरैल आदि गंगा गोमती की सहायक नदी थी। पीलीभीत से निकलकर वाराणसी में मां गंगा के साथ इसका मिलन होता है लेकिन कुकरैल नदी को नाला बनाकर लोगों ने अवैध निर्माण कर लिया। चार दशक में कब्जा इतना बढ़ गया कि न केवल यह नदी, बल्कि पर्यावरण के लिए चुनौती बन गया।

हम लोगों ने कुकरैल को नदी बनाने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी। आठ हजार से अधिक अनधिकृत कब्जों को हटाया। दोषियों को दंडित किया और कइयों को पुनर्वास किया। गर्मी में जब नदियों और जल के स्रोत सूख रहे थे तो कुकरैल में जल के नए स्रोत बन रहे थे। ईको टूरिज्म डवलपमेंट बोर्ड आगाह कर रहा है कि मनोरंजन व ज्ञानवर्धन के लिए हम प्रकृति के उपहार का उपयोग करें, लेकिन भावी पीढ़ी को लंबे समय तक उपहार मिलता रहे। इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हमें लेनी पड़ेगी।

स्प्रिचुअल की तरह ईको टूरिज्म को बढ़ाने में होंगे सफल

बांदा के कालिंजर, जालौन व बस्ती में ऐसे कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं। यह संभावना पीलीभीत, खीरी, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, चित्रकूट समेत कई जनपदों में भी बन सकती है, जहां पहले से ईको सिस्टम मौजूद है। सरकार कनेक्टिवटी और पॉलिसी के तहत आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है। अलग-अलग क्षेत्रों व जनपदों में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को बोर्ड के साथ जुड़कर आगे बढ़ाएंगे तो स्प्रिचुअल टूरिज्म की तरह हम लोग ईको टूरिज्म को भी आगे बढ़ाने में सफल होंगे।कार्यक्रम में संस्कृति/पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, वन राज्यमंत्री केपी मलिक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (वन-पर्यावरण) मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव (पर्यटन-संस्कृति) मुकेश कुमार मेश्राम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

भ्रष्टाचार में लिप्त 15 इंजीनियरों के खिलाफ विजिलेंस ने किया मुकदमा, 6 एसडीएम पर होगी कार्रवाई
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विजिलेंस ने सिंचाई विभाग और जल निगम के 14 पूर्व और एक वर्तमान अभियंता पर मुकदमा दर्ज किया है। विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर ने पिछले 24 घंटे में चार मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें से एक मुकदमा सिंचाई विभाग के 12 सेवानिवृत्त अधीक्षण एवं मुख्य अभियंताओं पर दर्ज किया गया है। वहीं तीन मुकदमे जल निगम के अभियंताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति से जुड़े हैं।

उप्र वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के दूसरे चरण के क्रियान्वयन में सरकारी कार्य के लिए शासन द्वारा आवंटित राशि से अधिक का अनुबंध करने की शिकायत पर शासन ने 2019 में विजिलेंस को जांच का आदेश दिया था। आरोप सही पाए जाने पर विजिलेंस ने शासन से इंजीनियरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। 18 अप्रैल 2024 को शासन की अनुमति मिलने पर विजिलेंस, लखनऊ सेक्टर के निरीक्षक रिजवान अब्बास ने 12 सेवानिवृत्त इंजीनियरों पर बुधवार को मुकदमा दर्ज कराया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में परियोजना से संबंधित शासनादेश के निर्देशों का पालन नहीं किया, जिससे शासन को करोड़ों की क्षति हुई।

अलीगढ़ में सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता बलराम सिंह यादव, रामगंगा सिंचाई विभाग कानपुर के तत्कालीन मुख्य अभियंता कुणाल कुलश्रेष्ठ, अवध राज यादव, अनिल कुमार, रणवीर सिंह, इटावा सिंचाई कार्यमंडल के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता कुलजीत सिंह, कानपुर सिंचाई कार्यमंडल के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुरेश चंद्र शर्मा, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता (सज्जा एवं सामग्री प्रबंध) आदेश कुमार गोयल, शारदा सहायक सिंचाई कार्यमंडल लखनऊ के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता शिवमंगल यादव, अधीक्षण अभियंता नीरज कुमार, ललितपुर सिंचाई कार्यमंडल के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता महेंद्र कुमार निगम और झांसी के तत्कालीन मुख्य अभियंता बेतवा नवनीत कुमार।


विजिलेंस ने जल निगम के तीन अभियंताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया है। इनमें जल निगम के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता अजेय रस्तोगी, जल निगम की सीएंडडीएस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजायन सर्विसेज) इकाई के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक कृष्ण कुमार पटेल (सेवानिवृत्त) और कमलेश कुमार केशरी का नाम शामिल है।

प्रदेश में जमीनों की पैमाइश के काम में लापरवाही मिलने पर छह उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। ये एसडीएम आगरा, गाजीपुर और सुल्तानपुर की तहसीलों में तैनात हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व संहिता की धारा-24 के तहत दायर होने वाले सीमांकन वादों (पैमाइश के मामलों) में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जमीन की पैमाइश समय से न होने पर अक्सर ही विवाद बढ़ जाते हैं, जोकि कानून-व्यवस्था के के लिहाज से भी परेशानी का सबब बनते हैं।

समीक्षा में सामने आया कि आगरा की फतेहाबाद, खैरगढ़ व बाह तहसील, गाजीपुर की सदर व सैदपुर और सुल्तानपुर की सदर तहसील में पैमाइश के मामलों का निस्तारण संतोषजनक नहीं है। पांच-पांच साल से मामले लटके हुए हैं। अभियान के तहत मामले निपटाने के निर्देश के बावजूद भी यह स्थिति बनी हुई है।

इसलिए राजस्व विभाग ने फतेहाबाद के एसडीएम जेपी पांडेय, खैरगढ़ के अरुण कुमार यादव, बाह के रतन कुमार वर्मा, सैदपुर के पुष्पेंद्र पटेल और गाजीपुर सदर के एसडीएम चंद्रशेखर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सुल्तानपुर सदर में उस एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई होगी, जिसके कार्यकाल में मामले नहीं निपटे। उस एसडीएम के नाम की जानकारी की जा रही है।
आधार कार्ड की तर्ज पर बनाया जाएगा किसान कार्ड, एक जुलाई से पूरे प्रदेश में किसान रजिस्ट्री की जा रही शुरुआत
लखनऊ । प्रदेश में आधार की तर्ज पर ही किसान कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए एक जुलाई से पूरे प्रदेश में किसान रजिस्ट्री की शुरुआत की जा रही है। इसमें किसान का आधार नंबर, खेत का रकबा, खसरा नंबर आदि का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसके बाद एक किसान नंबर जारी होगा। इस नंबर के जरिए ही संबंधित किसान का पूरा विवरण देखा जा सकेगा। रजिस्ट्री का कार्य पूरा होने के बाद किसान कार्ड बनाया जाएगा। रजिस्ट्री से मिलने वाले नंबर के जरिये ही दिसंबर से पीएम किसान सम्मान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। कृषि विभाग का दावा है कि पूरे प्रदेश में एक साथ किसान रजिस्ट्री शुरू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।

केंद्र सरकार की ओर से एग्रीस्टैक (कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा) विकसित करने की योजना के तहत किसान रजिस्ट्री शुरू की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से तैयार कराए गए मोबाइल एप पर प्रदेश के हर किसान का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा।  इसके लिए एक जुलाई से 31 जुलाई तक हर गांव में शिविर लगेंगे। इसमें दो कर्मचारी रहेंगे। ये गांव में रहकर संबंधित किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्या, सह खातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, ईकेवाईसी विवरण आदि दर्ज करेंगे। किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण (विरासत, बैनामा आदि) होने पर किसान रजिस्ट्री में बदलाव किया जा सकेगा। इसमें किसान के हर गाटे में दो सत्र में बोई जाने वाली फसल का विवरण भी शामिल किया जाएगा।


अभी किसान को किसी तरह का ऋण लेने के लिए बार-बार राजस्व रिकॉर्ड देना पड़ता है। किसान रजिस्ट्री होने से उनके नंबर को संबंधित एप पर डालकर उसका पूरा विवरण देखा जा सकेगा। इससे किसान कल्याण की योजनाएं बनाने और उसने क्रियान्वयन में आसानी होगी। लाभार्थियों के सत्यापन, कृषि उत्पाद के विपणन और अन्य वित्तीय मामलों में भी सहूलियत होगी। साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि का भुगतान, फसली ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, आपदा के दौरान किसानों को क्षतिपूर्ति देने के लिए किसानों के चिह्नित करने में आसानी होगी।
ओम बिरला के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगी 'संसद' की गरिमा : सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर ओम बिरला को बधाई दी। सीएम योगी ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर लिखा कि जनप्रिय, मृदुभाषी राजनेता ओम बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा का अध्यक्ष चुने जाने पर हृदयतल से बधाई !

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा-पूर्ण विश्वास है कि आपके यशस्वी नेतृत्व में भारतीय लोकतंत्र के मंदिर 'संसद' की गरिमा नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगी। आपके स्वर्णिम कार्यकाल हेतु अनंत मंगलकामनाएं!

गौरतलब है कि ओम बिरला राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। राजग की तरफ से मंगलवार को उन्हें लोकसभा अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन बुधवार को ध्वनिमत से वे अध्यक्ष चुन लिए गए।

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला
लखनऊ । राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित राज्य सरकार के ऐसे सरकारी सेवक जिनका चयन ऐसे पद व रिक्तियों के सापेक्ष हुआ हो, जिसका विज्ञापन प्रदेश में नई परिभाषित अंशदान पेंशन योजना लागू किये जाने सम्बन्धी राज्य सरकार की अधिसूचना  28 मार्च, 2005 के पूर्व हो चुका था, को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किये जाने के सम्बन्ध में विकल्प की व्यवस्था।प्रदेश में 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन स्कीम का विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा। कैबिनेट ने मंगलवार को इस संबंध में लाए गए प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इससे करीब 50 हजार शिक्षक लाभांवित होंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार के कार्मिकों एवं परिषदीय विद्यालयों, शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्वायत्तशासी संस्थाओं, जिनमें राज्य कर्मचारियों की पेंशन योजना की भांति पेंशन योजना लागू रही है और जिनका वित्त पोषण राज्य सरकार की समेकित निधि से किया जाता है, के ऐसे कार्मिक जिनकी नियुक्ति दिनांक 01.04.2005 को अथवा उसके उपरान्त हुई है परन्तु उस नियुक्ति के लिए पद का विज्ञापन, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू किये जाने सम्बन्धी अधिसूचना 28.03.2005 के पूर्व प्रकाशित हो चुका था, को पुरानी पेंशन योजना के वरण का एक बार विकल्प उपलब्ध कराये जाने का निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है।

वर्तमान पेंशन योजना की भांति पेंशन योजना लागू

ज्ञातव्य है कि अधिसूचना संख्या-सा-3-379/दस-2005-301(9)-2003 दिनांक 28 मार्च, 2005 द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि राज्य सरकार की सेवा में और ऐसे समस्त शासन के नियंत्रणाधीन स्वायत्तशासी संस्थाओं और शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, जिनमें राज्य कर्मचारियों की वर्तमान पेंशन योजना की भांति पेंशन योजना लागू है और उनका वित्त पोषण राज्य सरकार की समेकित निधि से किया जाता है, में  01 अप्रैल, 2005 अथवा उसके पश्चात कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आच्छादित होंगे।


केन्द्र सरकार के कार्यालय ज्ञाप संख्या-57/07/2021-P&PW(B) दिनांक03.03.2023 द्वारा यह आदेश निर्गत किये जा चुके हैं कि केन्द्र सरकार का ऐसा कोई कर्मचारी जिसकी नियुक्ति दिनांक 01.01.2004 को अथवा उसके उपरान्त, ऐसी किसी रिक्ति के सापेक्ष हुई है जिसका विज्ञापन केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू किये जाने सम्बन्धी अधिसूचना दिनांक 22.12.2003 के पूर्व हो चुका था, को पुरानी पेंशन योजना को चुनने का एक बार विकल्प दिया जायेगा।