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कर्नाटक में भीषण सड़क हादसा, तीर्थयात्रियों से भरी बस और ट्रक में टक्कर, 13 लोगों की मौत
#13_killed_after_bus_crashes_into_stationary_truck_in_karnataka
कर्नाटक के हावेरी जिले के ब्यादगी तालुक में बड़ा सड़क हादसा हा है। शुक्रवार तड़के एक मिनी बस के खड़े ट्रक से टकरा गई। दुर्घटना में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि पीड़ित शिवमोगा के रहने वाले थे और देवी यल्लम्मा के दर्शन के लिए तीर्थयात्रा के बाद बेलगावी जिले के सवादट्टी से लौट रहे थे। यह दुर्घटना आज सुबह हावेरी जिले के बडगी तालुक में गुंडेनहल्ली क्रॉस के पास पुणे-बैंगलोर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई। रोड पर खड़ी लॉरी से टकराने के बाद यात्री गाड़ी पुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस ने बताया कि पीड़ित शिवमोगा के रहने वाले थे और देवी यल्लम्मा के दर्शन के लिए तीर्थयात्रा के बाद बेलगावी जिले के सवादट्टी से लौट रहे थे। मरने वाले 13 लोगों में एक बच्चा भी शामिल है। पुलिस ने कहा कि ऐसा लगता है कि बस के चालक को नींद आ गई थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। पुलिस ने कहा कि आगे की जांच जारी है।
10 साल बाद टी20 विश्व कप के फाइनल में भारत, सेमीफाइनल में लिया इंग्लैंड से बदला, अब साउथ अफ्रीका से भिडंत*
#ind_vs_eng_result_t20_world_cup_2024_semi_final गयाना में टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दूसरे सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 68 रनों से रौंदते हुए फाइनल में जगह बनाई है।एडिलेड में करीब 2 साल पहले जिस इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में टीम इंडिया को एकतरफा अंदाज में हराकर बाहर किया था, उसी इंग्लैंड को रोहित शर्मा की टीम इंडिया ने उतने ही बुरे अंदाज में हराकर हिसाब बराबर कर लिया।गयाना में खेले गए मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया 20 ओवर में सात विकेट गंवाकर 171 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम 16.4 ओवर में 103 रन पर सिमट गई। अब फाइनल में भारत का सामना 29 जून को बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका से होगा। मैच की बात की जाए तो भारत ने पहले बैटिंग करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 171 रन बनाए. रोहित शर्मा ने अर्धशतक जड़ा. हालांकि सूर्यकुमार यादव अपनी फिफ्टी से चूक गए. लक्ष्‍य का पीछा करने के दौरान इन मुश्किल परिस्थितियों में इंग्‍लैंड की टीम भारतीय स्पिनरों का सामना नहीं कर पाई. अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के तीन-तीन विकेट और जसप्रीत बुमराह के दो विकेट के चलते इंग्‍लैंड ने कोई चुनौती पेश नहीं की और शुरुआत 10 ओवरों में ही घुटने टेक दिए। भारत की शुरुआत खास अच्‍छी नहीं रही. विराट कोहली 9 रन बनाकर आउट हुए। फिर जल्‍द ही विकेटकीपर बैटर ऋषभ पंत भी कैच आउट हो गए। इसके बाद कप्‍तान रोहित शर्मा ने सूर्यकुमार यादव के साथ मिलकर रन बनाने की जिम्‍मेदारी उठाई। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए साथ मिलकर 73 रन जोड़े। 39 गेंदों पर 57 रनों की पारी खेलने के बाद 14वें ओवर में हिटमैन आदिल राशिद की गेंद पर बोल्‍ड हो गए। जल्‍द ही सूर्यकुमार यादव भी 36 गेंदों पर 47 रन बनाने के बाद जोफ्रा आर्चर की गेंद पर सूर्या भी आउट हो गए। यहां से आगे हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा ने रन बनाने की जिम्‍मेदारी उठाई। हार्दिक ने 13 गेंदों पर 23 रन ठोक दिए। जडेजा के बैट से भी 9 गेंदों पर नाबाद 17 रन आए। अंत में अक्षर पटेल ने भी छह गेंदों पर 10 रन की पारी खेली, जिसके दम पर भारत ने स्‍कोर को 171/7 तक पहुंचा दिया इंग्लैंड के लिए आदिल रशीद और लियम लिविंगस्टन की स्पिन जोड़ी ने 8 ओवरों में सिर्फ 49 रन दिए थे और इससे ही तय हो गया था कि टीम इंडिया के स्पिन अटैक के सामने इंग्लैंड को ज्यादा संघर्ष करना पड़ेगा।इंग्लैंड के लिए कप्तान जॉस बटलर (23) ने तेज शुरुआत की लेकिन चौथे ओवर में अक्षर पटेल (3/23) की पहली ही गेंद को रिवर्स स्वीप करने की गलती उन पर भारी पड़ी। वो इसमें पूरी तरह फेल हुए और ऋषभ पंत ने आसान कैच ले लिया। बस यहीं से इंग्लैंड का पतन शुरू हो गया।अगले ही ओवर में जसप्रीत बुमराह ने बेहतरीन स्लोअर बॉल पर फिल सॉल्ट को बोल्ड कर दिया, जबकि अगले ओवर की पहली गेंद पर फिर अक्षर ने जॉनी बेयरस्टो को बोल्ड कर दिया। पावरप्ले में ही इंग्लैंड की हालत बुरी हो गई थी। अक्षर ने 8वें ओवर में आकर फिर पहली बॉल पर मोईन अली का विकेट हासिल कर लिया।इसके बाद कुलदीप यादव ने पहले सैम करन और फिर हैरी ब्रूक के विकेट झटक लिए। इसके बाद तो बचे हुए बल्लेबाज भी धीरे-धीरे कर निपटते गए और पूरी टीम सिर्फ 16.4 ओवरों में ऑल आउट हो गई। इसके साथ ही भारतीय टीम तीसरी बार टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची। इससे पहले 2007 और 2014 में टीम इंडिया ने फाइनल खेला था। दोनों संस्करण में महेंद्र सिंह धोनी कप्तान रहे थे। अब टीम इंडिया 10 साल बाद रोहित शर्मा की कप्तानी में फाइनल में पहुंची है। भारतीय टीम एक साल के अंदर लगातार दूसरे आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है। इससे पहले 2023 वनडे विश्व कप में भी टीम इंडिया फाइनल में पहुंची थी। वहीं, इंग्लैंड को भारत ने लगातार दूसरे आईसीसी टूर्नामेंट में शिकस्त दी है। इससे पहले टीम इंडिया ने 2023 वनडे विश्व कप में भी इंग्लैंड को हराया था।
Mubashar Wani, Sajjad Ahmed and Shariq Mohammad.

These 3 are the locals arrested in J&K for providing logistic support, shelter and food to terrorists who recently attacked in Doda.
भारतीय शेयर बाजार ने रच दिया इतिहास, 31 साल में दूसरी बार हुआ ये कारनामा, इन शेयरों में तूफानी तेजी

शेयर बाजार लगातार चौथे दिन तेजी के साथ बंद हुआ. जिसमें लगातार तीन दिनों तक नए रिकॉर्ड बनें. सेंसेक्स ने पहले 78 हजार के लेवल को क्रॉस किया तो उसके 24 घंटे के बाद 79 हजार अंकों के लेवल को भी पार कर गया. लेकिन इस बार जिसने इतिहास रचा वो निफ्टी है. तीन दशकों में दूसरी सबसे तेज स्पीड के साथ निफ्टी में 1000 अंकों की तेजी देखने को मिली. जी हां, निफ्टी गुरुवार को 24 हजार अंकों को पार कर गया है. 23 हजार से 24 हजार अंकों तक पहुंचने के लिए निफ्टी को इस बार सिर्फ 23 कारोबारी दिन लगे हैं. जो कि निफ्टी की शुरुआत से अब तक दूसरी सबसे अच्छी स्पीड है. बीते 4 दिनों में शेयर बाजार में करीब ढाई फीसदी की तेजी देखने को मिली है. जहां सेंसेक्स में 2000 अंकों से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. वहीं निफ्टी में मात्र 4 कारोबारी दिनों में करीब 550 अंकों की बढ़ोतरी देखी गई है. इन कारोबारी दिनों में बीएसई के मार्केट कैप में 4.34 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का इजाफा हो गया है. आइए जरा आंकड़ों की भाषा में समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर शेयर बाजार किस लेवल पर कारोबार कर रहा है और आने वाले दिनों में किस लेवल पर पहुंच सकता है. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स ने लगातार तीसरे दिन नया रिकॉर्ड कायम किया. आंंकड़ों के अनुसार सेंसेक्स बुधवार को कारोबारी सत्र के दौरान 700 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ 79,396.03 अंकों पर पहुंच गया. जोकि सेंसेक्स का नया रिकॉर्ड है. खास बात तो ये है कि सेंसेक्स ने पहली बार 79 हजारअंकों के लेवल को पार किया है. वैसे सेंसेक्स गुरुवार को 568.93 अंकों की तेजी के साथ 79,243.18 अंकों पर बंद हुआ है. आंकड़ों के अनुसार बीते 4 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में 2000 से ज्यादा अंकों की तेजी देखने को मिली थी. आंकड़ों के अनुसार सेंसेक्स 21 जून को 77209.90 अंकों पर बंद हुआ था. तब से अब तक सेंसेक्स 2.63 फीसदी यानी 2,033.28 अंकों की तेजी के साथ रिकॉर्ड हाई पर बंद हुआ है. जानकारों की मानें तो सेंसेक्स की नजर अब 80 हजार अंकों के लेवल पर है. वहीं दूसरी ओर निफ्टी ने 3 दशकों में दूसरा सबसे बेहतरीन रिकॉर्ड कायम कर दिया है. वास्तव में निफ्टी में दूसरी बार सबसे कम समय में 1000 अंकों का इजाफा देखने को मिला है. निफ्टी ने 23 हजार से 24 हजार अंकों के आंकड़ों को छूने के लिए सिर्फ 23 कारोबारी लगे हैं. वैसे आज निफ्टी 23 हजार अंकों को पार करते हुए नए लेवल पर पहुंच गया है. कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी में 218.65 अंकों की बढ़ोतरी देखने को मिली है और 24,087.45 अंकों के साथ रिकॉर्ड लेवल पर दिखाई दिया है.
सैम पित्रोदा फिर बने ओवससीज कांग्रेस अध्यक्ष, जानें कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए क्यों बने जरूरी?*
#why_sam_pitroda_important_for_rahul_gandhi_and_congress
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा को एक बार फिर ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। सैम की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने एक प्रेस रिलीज जारी की। इसमें वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने घोषणा में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सैम पित्रोदा को तत्काल प्रभाव से भारतीय ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष फिर से नियुक्त किया है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने विवादित बयानों के बाद 8 मई को पद से इस्तीफा दे दिया था। अब उन्हें फिर से उसी पद पर नियुक्त कर दिया गया है। जिसके बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पित्रोदा अब ऐसा कोई बयान नहीं देंगे, जिससे भविष्य में विवाद पैदा होने की गुंजाइश हो। सैम पित्रोदा लोकसभा चुनावों के दौरान विरासत टैक्स और नस्लीय टिप्पणी को लेकर बीजेपी के निशाने पर थे। सैम पित्रोदा ने चुनाव के दौरान भारतीयों को लेकर नस्लीय टिप्पणी की थी। विवाद बढ़ता देख उन्होंने तुरंत ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अब फिर से उन्हें ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। पित्रोदा की वापसी पर बीजेपी ने पीएम मोदी की एक बयान के जरिए निशाना साधा है, जिसमें प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि कांग्रेस जल्द ही पित्रोदा को वापस ले लेगी. प्रधानमंत्री के मुताबिक यह कांग्रेस की रणनीति रही है कि चुनाव के वक्त विवादित नेताओं को दूर रखो और फिर वापस ले लो। *सैम पित्रोदा कांग्रेस के लिए जरूरी क्यों?* कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी में अपना भविष्य देख रही है। ऐसे में समझा जा सकता है कि न सिर्फ इंदिरा गांधी बल्कि राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री काल के बाद अब कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी का सहयोग करने के लिए भी सैम पित्रोदा को जरूरी मान रही है। कांग्रेस के भीतर सेम पित्रोदा की पहचान राहुल गांधी के सलाहकार की है। कांग्रेस के सियासी गलियारों में यह कहा जाता है कि राहुल नियमित तौर पर सैम से सलाह लेते हैं। गांधी परिवार से सैम के करीबी होने की वजह राजीव गांधी से दोस्ती भी है। सैम राजीव गांधी के दोस्त रहे हैं। राहुल गांधी के विदेश दौरे का खाका सैम पित्रोदा ही देखते रहे हैं। 2023 में राहुल का लंदन और अमेरिका का दौरा ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। राहुल अब नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं, ऐसे में उनके विदेश दौरे को सफल बनाने की चुनौती भी पार्टी के लिए बढ़ गई है।पित्रोदा की वापसी की यह भी एक बड़ी वजह है।
राष्ट्रपति के संबोधन पर बरसा विपक्ष, जानें किसने क्या कहा*
#opposition_leaders_on_president_s_address_to_parliament राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित का। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की बैठक को संबोधित करते हुए आपातकाल का जिक्र किया। उन्होंने आपातकाल को संविधान पर हमला बताया। अब विपक्षी गठबंधन ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में आपातकाल का जिक्र आने के बाद विपक्षी दलों के कई नेताओं ने बयान दिया है। *सपा सुप्रीमो की प्रतिक्रिया* राष्ट्रपति के संबोधन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने उन लोगों के लिए क्या किया, जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल में डाला गया था? जबकि, समाजवादी पार्टी ने उन लोगों को सम्मान और पेंशन दी। अखिलेश यादव ने आगे कहा ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताया जाता है। क्या इसने देश के किसानों को समृद्धि बनाया? अगर भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है , तो इतने सारे युवा बेरोजगार क्यों हैं? देश में अग्निवीर योजना क्यों है? महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगाई जा रही? *राष्ट्रपति के अभिभाषण पर ओवैसी का बीजेपी पर निशाना* एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर सवाल उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहीं भी अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ। साथ ही देश के बेरोजगार नौजवानों की हालत पर भी सवाल उठाया। ओवैसी ने कहा, 'बीजेपी अभी भी ये समझ रही है कि वो 2019 के नतीजों में है। इस पूरे राष्ट्रपति के भाषण में कहीं भी अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ। आखिर क्यों?...इतनी नफरत क्यों है? देश में सबसे ज्यादा बेरोजगार नौजवान हैं, उनके बारे में सिर्फ बातें हो रही हैं।' *राष्ट्रपति ने केंद्र द्वारा उपलब्ध स्क्रिप्ट पढ़ा-महुआ मोइत्रा* तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा का कहना है कि राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में ऐसी स्क्रिप्ट को पढ़ा, जिसे केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया था। मोइत्रा ने कहा ‘भाजपा नेताओं को यह अहसास नहीं है कि उनके पास बहुमत नहीं है।’ *कांग्रेस ने क्या कहा?* कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनकी स्पीच में इसका कोई जिक्र नहीं है कि चुनाव किस तरह से कराए गए। प्रधानमंत्री को कोई पछतावा नहीं है. आज जो अघोषित आपातकाल लागू है, उसका क्या? कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना है कि राष्ट्रपति के संबोधन में कुछ भी नया नहीं था। उन्होंने कहा ‘आपातकाल के बाद भी देश में कई बार लोकसभा चुनाव हुए और भाजपा को हार मिली। उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है। *राष्ट्रपति का संबोधन पूरी तरह से झूठ से भरा-सुदामा प्रसाद* सीपीआई (एमएल) सांसद सुदामा प्रसाद का कहना है कि राष्ट्रपति का संबोधन पूरी तरह से झूठ से भरा हुआ था। सुदामा प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन को सुनकर ऐसा लगा जैसे वह भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार कह रहीं हों। उन्होंने आगे कहा कि यह गठबंधन की सरकार है। उन्होंने आगे कहा ‘राष्ट्रपति को मणिपुर के हालातों पर बात करनी चाहिए थी क्योंकि मणिपुर में हालात बहुत बुरे हो गए हैं। सुदामा प्रसाद ने मणिपुर के हालातों का हवाला देते हुए कहा कि ‘वर्ष 1995 के आपातकाल की पहले से घोषणा की गई थी लेकिन यह अघोषित आपातकाल है। सत्तारूढ़ दल के नेता बार बार आपातकाल की बात कर रहे हैं लेकिन इस समय देश उससे भी बड़े आपातकाल का सामना कर रहा है।’
यूएन में पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग, भारत ने दिया ऐसा जवाब...*
#india_slams_pakistan_over_remarks_on_j&k_at_un संयुक्त राष्ट्र में खुली बहस के दौरान पाकिस्तान क बार फिर जम्मू कश्मीर को अपना “हथियार” बनाया। दरअसल, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र के दौरान जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया। इस पर भारत की ओर से तीखी आलोचना की गई। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उसकी बेबुनियाद टिप्पणियां राजनीति से प्रेरित हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का ये बयान आदतन, राजनीति से प्रेरित और भारत के खिलाफ दुर्विचार रखने की वजह से है। भारत इस निराधार और बेतुके बयान को सिरे से खारिज करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार संयुक्त राष्ट्र का ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को उठाता है। जबकि पाकिस्तान का आरोप निराधार, बेतुका और ध्यान भटकाने के लिए किया जाने वाला आदतन प्रयास है। पाकिस्तान अपने देश में बच्चों के साथ हो रहे घनघोर अपराधों से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहा है। बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित बहस के दौरान यूएन में भारत के उप-प्रतिनिधि आर. रविंद्रन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अलग हिस्से हैं। बहस के दौरान अपनी टिप्पणी समाप्त करने से पहले आर रवींद्र ने कहा, मैं इन आधारहीन टिप्पणियों को उस अवमानना के साथ स्पष्ट रूप से खारिज और निंदा करता हूं जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के खिलाफ पाकिस्तान में गंभीर उल्लंघनों से ध्यान हटाने का एक और आदतन प्रयास है जो उनके अपने देश में बेरोकटोक जारी है। यह बात महासचिव की रिपोर्ट में भी उजागर हुई है। जहां तक केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का सवाल है, वे भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं, हमेशा रहेंगे, भले ही यह विशेष प्रतिनिधि या उनका देश कुछ भी मानता हो या इच्छा रखता हो। यूएनएससी में वर्षों से बच्चों पर होने वाली बहस ने सशस्त्र संघर्ष स्थितियों के चलते बच्चों पर आने वाली चुनौतियों को सामने लाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद की है। लिहाजा अंतरराष्ट्रीय समुदाय बच्चों के खिलाफ होने वाले उल्लंघनों को रोकने और उसे समाप्त करने के महत्व को पहचाने।
पेपर लीक विरोध नें कांग्रेस की छात्र इकाई के सदस्य एनटीए के ऑफिस में घुसे, जड़ा ताला

#nsui_workers_entered_nta_office_protesting_against_paper_leak_and_locked_office

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के कामकाज पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एनटीए की ओर से कराई गईं तमाम परीक्षाओं में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। जिसके विरोध में देशभर में जमकर प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने गुरुवार को नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली स्थित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के दफ्तर पर धावा बोल दिया। बताया गया है कि संगठन के कई सदस्य बिल्डिंग के अंदर घुस गए और यहां कई दरवाजे अंदर से ही बंद कर लिए। 

कार्यकर्ताओं ने भवन के मुख्य गेट पर अंदर से ताला लगा लिया और नारेबाजी की। इस दौरान दफ्तर में मौजूद पुलिस उनको रोक नहीं पाई।कार्यकर्ताओं से पुलिस की झड़प भी हुई।

बता दें कि पेपर लीक मामले को लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। बुधवार को जेएनयू छात्र संघ ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की थी। बता दें कि जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों को हिरासत में भी लिया गया था।

स्पीकर के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी इमरजेंसी का जिक्र, क्या है मोदी सरकार की स्ट्रेटजी?

#president_draupadi_murmu_mentioned_1975_emergency_her_speech 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त् सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन में मोदी सरकार के 10 साल की उपलब्धियां थीं, साथ पेपर लीक की घटनाओं और ईवीएम पर सवाल उठाने को लेकर विपक्ष के लिए नसीहत। इतना ही नहीं अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इमरजेंसी को संविधान पर सबसे बड़ा हमला बताया।राष्ट्रपति के इतना बोलते ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल ने इसका विरोध किया। कांग्रेस ने कहा कि देश में पिछले 10 साल से बीजेपी का शासन है। इन 10 सालों में बीजेपी ने अघोषित रूप से आपातकाल लगा रखा है।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आपातकाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। भारतीय संविधान ने बीते दशकों में हर चुनौती और कसौटी पर खरा उतरा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है। 

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में आगे कहा कि मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया है, जहां अनुच्छेद 370 के कारण स्थिति अलग थी।

इससे पहले बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी संसद सत्र की शुरुआत करने से पहले आपातकाल पर चर्चा की थी और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय बताया था। ओम बिरला ने कहा था कि भारत के इतिहास में 25 जून 1975 के उस दिन को हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। इसी दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई और बाबा साहब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर प्रचंड प्रहार किया था। भारत की पहचान पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के तौर पर है। भारत में हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-संवाद का संवर्धन हुआ, हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा की गई, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया। ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोप दी गई, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए, नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई। ये वो दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। तब की तानाशाही सरकार ने मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगा दी थीं और न्यायपालिका की स्वायत्तता पर भी अंकुश लगा दिया था। इमरजेंसी का वो समय हमारे देश के इतिहास में एक अन्याय काल था, एक काला कालखंड था। आपातकाल लगाने के बाद उस समय की कांग्रेस सरकार ने कई ऐसे निर्णय किए, जिन्होंने हमारे संविधान की भावना को कुचलने का काम किया।

चुनावी नतीजों ने बताया- भारत हिंदू राष्ट्र नहीं” लोकसभा चुनाव परिणाम पर अमर्त्य सेन का बीजेपी पर हमला

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नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जाने-मानें लेखक अमर्त्य सेन लोकसभी चुनाव नतीजों के लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आम चुनाव के नतीजे यह दिखाते हैं कि भारत ‘हिंदू राष्ट्र' नहीं है।इस दौरान उन्होंने नई व्यवस्था के तहत लोगों को बिना मुकदमे सलाखों के पीछे डालने की जारी परंपरा पर भी नाराजगी व्यक्त की।अमेरिका से कोलकाता पहुंचे अमर्त्य सेन ने ये बयान दिया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बांग्ला समाचार चैनल से सेन ने कहा, 'भारत एक हिंदू राष्ट्र नहीं है, चुनाव परिणामों में यह जाहिर होता है।' उन्होंने कहा कि हम हमेशा हर चुनाव के बाद बदलाव देखने की उम्मीद करते हैं। पहले (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान) जो कुछ हुआ, जैसे लोगों को बिना मुकदमे के सलाखों के पीछे डालना और अमीर-गरीब के बीच की खाई को बढ़ाना, वे अब भी जारी हैं। अमर्त्य सेन ने कहा, जब मैं छोटा था, मेरे कई चाचाओं और चचेरे भाइयों को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाल दिया गया था। हमें उम्मीद थी कि भारत इससे मुक्त हो जाएगा, लेकिन यह नहीं रुका। इसके लिए कांग्रेस भी दोषी है। उन्होंने कहा कि यह बंद होना चाहिए। खासकर तब जब भारत एक धर्मनिरपेक्ष संविधान वाला एक धर्मनिरपेक्ष देश है।

यही नहीं, सेन ने नए केन्द्रीय मंत्रिमंडल पर भी टिप्पणी की। उनका मानना है कि नया केंद्रीय मंत्रिमंडल ‘‘पहले की ही नकल है। मंत्रियों के पास पहले वाले ही विभाग हैं। सेन ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बावजूद फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश की असली पहचान को खत्म करने की कोशिश की गई। इस दौरान सेन ने यह भी कहा कि भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है। प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों की उपेक्षा की जा रही है।