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अब संसद में सेंगोल पर छिड़ी बहस, सपा सांसद ने उठाई ये मांग, जानें अखिलेश की प्रतिक्रिया*
#sp_mp_wants_constitution_to_replace_sengol_in_lok_sabha
उत्तर प्रदेश स्थित मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने एक नई बहस की शुरूआत कर दी है। 18 वीं लोकसभा सत्र की शुरुआत से ही संसद के अंदर हंगामा हो रहा है और अब लोकसभा में अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में स्थापित किया गया ‘सेंगोल‘ को लेकर विवाद शुरू हो गया है।आज गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए संसद पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत सेंगोल से किया गया। अब संसद में विपक्षी सांसदों के बीच यह सेंगोल भी एक मुद्दा बन गया है। दरअसल, समाजवादी पार्टी ने संसद भवन से सेंगोल को हटाए जाने की मांग रख दी है। सांसद आरके चौधरी ने एक चिट्ठी लिख कर मांग की है कि संसद में लगे सेंगोल को हटाया जाए। उन्होंने मांग की है कि उसके स्थान पर संविधान की प्रति स्थापित की जाए। उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने मांग की कि ‘सेंगोल’ को संविधान की प्रति से बदला जाना चाहिए। संसद से सेंगोल को हटाने की मांग करते हुए कहा कि सेंगोल के स्थान पर संविधान की प्रति स्थापित करनी चाहिए क्योंकि, संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सेंगोल का अर्थ है राजदंड यानी राजा का डंडा। आरके चौधरी ने कहा कि देश संविधान से चलता है राजा के डंडे से नहीं। उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए वे सेंगोल को हटाने की मांग करते हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के सेंगोल को लेकर की गई मांग के बाद से संसद में हड़कंप मच गया है, इसके साथ ही उनकी की जा रही इस मांग को लेकर अन्य लोग भी उन्हें समर्थन देते नजर आ रहे हैं।सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी चौधरी का समर्थन करते नजर आ रहे हैं।अखिलेश यादव ने कहा कि चौधरी ने से मांग इसलिए की होगी क्योंकि जब पहली बार सेंगोल की स्थापना की गई थी तो उस वक्त प्रधानमंत्री ने उसको बकायदा प्रणाम किया था, लेकिन इस बार शपथ लेते समय वह इस बात को भूल गए हैं जिसे याद दिलाने के लिए उन्होंने ऐसी मांग की होगी। उधर, आरके चौधरी की टिप्पणी की भाजपा ने कड़ी आलोचना की है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि समाजवादी पार्टी भारतीय और तमिल संस्कृति के अभिन्न अंग का अपमान करने पर तुली हुई है। उन्होंने सवाल किया कि अगर सेंगोल राजशाही का प्रतीक था, तो पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे क्यों स्वीकार किया? क्या वह उस प्रतीक और राजशाही को स्वीकार कर रहे थे। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान ने भी पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने हमेशा ऐतिहासिक प्रतीकों को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ये लोग सकारात्मक राजनीति नहीं कर सकते… ये लोग केवल विभाजन की राजनीति करते हैं।
अंतरिक्ष की दुनिया में भारत रचेगा एक और बड़ा इतिहास, ISRO पहली बार करेगा ऐसा कारनामा, दुनियाभर की निगाहें भारत पर टिकी!

अंतरिक्ष की दुनिया में भारत एक और इतिहास रचने को तैयार है। इस बार इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में वह काम करेगा, जो आज तक किसी ने नहीं किया। जी हां, चंद्रयान-4 को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है। इसकी लॉन्चिंग के लिए इसरो तैयार है, लेकिन इस बार लॉन्चिंग अलग तरीके से होगी। प्लान तैयार है और साल 2026 तक चंद्रयान-4 को लॉन्च कर दिया जाएगा। इसरो चीफ सोमनाथ ने खुद इसके बारे में जानकारी दी और बताया कि चंद्रयान-4 के लेकर इसरो ने क्या प्लान बनाया है? 

इसरो चीफ ने बताया कि चंद्रयान-4 को 2 हिस्सों में लॉन्च किया जाएगा। दोनों हिस्सों को लॉन्च करने के बाद उन्हें अंतरिक्ष में ही जोड़ा जाएगा। अगर इसरो अपने इस प्रयोग में सफल हुआ तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा। चंद्रयान-4 का लैंडर इसरो बना रहा है और इसका रोवर जापान में बन रहा है। चंद्रयान-4 चंद्रमा के शिव शक्ति पॉइंट पर लैंड होगा। चंद्रयान-3 भी इस जगह लैंड हुआ था। यही मिशन चांद की मिट्टी का सैंपल लेकर लौटेगा।

इसरो चीफ ने बताया कि भारत ने स्पेस में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और कई स्पेस मिशन अंतरिक्ष में ही अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर बनाए गए थे, लेकिन किसी अंतरिक्ष यान को पहली बार स्पेस में ही जोड़कर तैयार किया जाएगा। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान इसरो चीफ सोमनाथ ने इस प्लानिंग के बारे में बताया और कहा कि अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यान बनाकर भारत चंद्रमा पर लैंडिंग से पहले ही इतिहास रच लेगा।

इसरो चीफ ने बताया कि इस बार चंद्रयान-4 के फॉर्मेशन पर खास काम किया है। मकसद सिर्फ एक है कि चंद्रमा से नमूने पृथ्वी पर कैसे लाए जाएं? इसी कोशिश के तहत इसरो ने अंतरिक्ष में ही डॉकिंग (अंतरिक्ष यान के विभिन्न भागों को जोड़ना) करने का फैसला लिया है। इस बार डॉकिंग कुछ इस तरह होगी कि अंतरिक्ष यान को पहले तैयार किया जाएगा।

फिर परिक्रमा करते हुए एक हिस्सा मुख्य अंतरिक्ष यान से अलग होकर लैंडिंग करेगा, जबकि दूसरा हिस्सा चंद्रमा की कक्षा में रहेगा। जब लैंडिंग वाला हिस्सा चंद्रमा के सैंपल लेकर बाहर निकलेगा तो वह डॉक करेगा और परिक्रमा करने वाले हिस्से से जुड़ जाएगा। इसरो को आज तक अंतरिक्ष में डॉकिंग ऑपरेशन करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी है, लेकिन स्पैडेक्स (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) इसरो की क्षमताओं को पहली बार परखा जाएगा।

इसरो चीफ ने बताया कि चंद्रयान-4 मिशन के प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। यह इसरो के विजन-2047 में शामिल 4 प्रोजेक्टों में से एक है। इन प्रोजेक्टों में 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर मनुष्यों को भेजना भी शामिल है।

देशभर में 1 जुलाई से लागू होंगे नए आपराधिक कानून, 30 जून की रात 12 बजते ही बदल जाएंगे ये कानून, एमपी भी हुई तैयारी

देश भर में 1 जुलाई से नए आपराधिक कानून लागू होने वाले हैं. तीन नए प्रावधानों को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस ने भी तैयारी कर ली है. नए प्रावधान भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में सभी विवेचना अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया. DGP सुधीर सक्सेना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए MP पुलिस की तैयारियों की समीक्षा भी की. 30 जून की रात 12 बजे के बाद से देश भर में नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे. इनमें 3 नए प्रावधान भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BSA) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BNSS) लागू हो जाएंगे. 

DGP सुधीर सक्सेना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तैयारियों की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और SDOP शामिल हुए. मीटिंग में DGP ने कहा कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों में कार्यक्रम आयोजित कर नए कानूनों का क्रियान्वयन किया जाए. इसके अलावा उन्होंने सभी ADG/IG, रेंज DIG और पुलिस अधीक्षकों से नए कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारियों की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए. बता दें कि सीसीटीएनएस में तीनों कानून अपलोड किए जा चुके हैं.लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम से इस प्रशिक्षण को कॉन्टेबल स्तर तक पहुंचाया गया है. FSL के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों का प्रशिक्षण हो चुका है.

नए आपराधिक कानून कई पुराने नियमों को बदलकर नए नियम लाए जा रहे हैं. जैसे कि अब किसी भी थाने में आप जीरो FIR दर्ज कराई जा सकेगी. पीड़ितों को प्राथमिकी की एक फ्री प्रति दी जाएगी, जिससे कानूनी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित होगी. अब गंभीर मामलों में क्राइम सीन की वीडियोग्राफी अनिवार्य रहेगी, जिससे सबूतों में किसी प्रकार की कोई छेड़खानी न हो. वहीं, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में दो महीने में जांच पूरी करनी होगी. इन सब के अलावा कई नियमों में बदलाव होने वाला है.

हमास से युद्ध के दौरान भारत ने हथियारों से की इजरायल की मदद, पूर्व राजदूत डैनियल कार्मन का बयान

#indiamayhelpisraelwith_weapons

भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मन ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है।उन्होंने दावा किया है कि हमास से युद्ध के दौरान भारत ने हथियारों से इजरायल की मदद की है। उन्होंने ये भी कहा है कि भारत शायद इसलिए हथियारों की सप्लाई कर रहा है क्योंकि करगिल युद्ध के समय इजरायल ने भारत की सहायता की थी। इजराइल के पूर्व राजदूत डैनियल कार्मन के बयान के बाद ये सावल उठ रहे हैं कि क्या भारत इजराइल का एहसान चुका रहा है।हालांकि, अभी तक भारत की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया कि वो इजराइल को कोई भी हथियार दे रहा है।

डैनियल कार्मन 2014 से लेकर 2018 तक भारत में इजराइल के राजदूत थे। इजरायली मीडिया के साथ एक इंटरव्यू में डैनियल कार्मन ने कहा, इजराइल उन कुछ देशों में से एक था जिसने पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारत को हथियार उपलब्ध कराए थे। भारतीय हमेशा हमें याद दिलाते हैं कि कारगिल युद्ध के दौरान इजराइल उनके साथ था। भारतीय इसे नहीं भूलते हैं और अब शायद वे इस एहसान चुका रहे हैं।

डैनियल की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब लगातार ऐसी खबरें आई हैं कि भारत ने इजरायल को ड्रोन और तोपखाने के गोलों की आपूर्ति की है क्योंकि हमास के खिलाफ आठ महीने से अधिक समय से जारी युद्ध के चलते इजरायल के पास हथियारों की कमी हो गई है।

कारगिल युद्ध में इजरायल ने की थी मदद

बता दें कि 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इजराइल ने युद्ध सामग्री और ड्रोन सहित सैन्य आपूर्ति और उपकरण भारत को दिए थे। कारगिल वार के दौरान इजराइल ने भारत को मोर्टार समेत कई कई चीजें भेजी थी। ये ऐसा समय था जब बहुत कम देश भारत की मदद करने को तैयार थे, क्योंकि तब अमेरिका ने इजराइल और यूरोपीय देशों को कहा था कि आपको भारत को हथियार नहीं भेजने हैं और अगर भेजने भी हैं तो देरी से भेजो ताकि तब तक जंग खत्म हो जाए।लेकिन इजराइल ने अमेरिका के आदेश को मानने से इंकार कर दिया था। जो हथियार इजराइल को कुछ हफ्तों में भेजना था वो उसने कुछ ही दिन में भेज दिए।

इजराइली हथियारों की खरीद में टॉप पर भारत

भारत और इजराइल के बीच काफी पुराने रक्षा संबंध रहे हैं। मोदी सरकार बनने के बाद से इजराइल और भारत के रक्षा संबंधों काफी मजबूत हुए। मीडिया हाउस हारेट्ज की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली हथियारों को खरीदने वाले देशों में भारत टॉप पर है। 2019-2023 के बीच इजराइल के कुल डिफेंस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 37% थी। जंग के दौरान भारत ने भी हथियार मुहैया कराने में इजराइल की मदद की है। ‘द वायर’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और इजराइल के एल्बिट सिस्टम्स के बीच एक डील हुई है। इसके तहत 20 से अधिक हर्मीस 900 यूएवी/ड्रोन को भारत में तैयार कर इजराइल भेजा गया है। इसके अलावा जंगी विमानों के कई पुर्जे भी इजराइल को दिए गए हैं। सरकार के स्वामित्व वाली म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड ने जनवरी 2024 में इजराइल को जंगी सामान निर्यात किया है।

Global Peace Ambassador Gurudev Sri Sri Ravi Shankar was received by Iceland’s PM Bjarni Benediktsson in Reykjavík
. A bilateral meeting took place on 24 June 2024 in Reykjavík where both discussed the importance of mental health as the basi
संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण, नॉर्थ-ईस्ट से लेकर पेपर लीक तक का जिक्र

#presidentdroupadimurmu_address

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रखा। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में नॉर्थ ईस्ट से लेकर पेपर लीक का तक का जिक्र किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा को संबोधित किया। इसके पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सदन में राष्ट्रगान के बाद अभिभाषण की शुरुआत हुई। उन्होंने सबसे पहले दूसरी मर्तबा लोकसभा का स्पीकर बनने पर ओम बिरला को बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार है। मुर्मू ने कहा कि देशवासियों की ओर से ईसी का आभार। उन्होंने कहा कि हमें विकसित भारत के संकल्प पर भरोसा है। मेरी जीते हुए सांसदों को बधाई।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि मैं 18वीं लोक सभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। आप सभी यहां देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं। देशसेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपना दायित्व निभाएंगे। 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेंगे।उन्होंने कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है। इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है। इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है। कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं।

मेरी सरकार देश को तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने में जुटी है-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। आज भारत अकेले ही दुनिया की अर्थव्यवस्था में 15 फीसदी का योगदान कर रही है। आज मेरी सरकार भारत को दुनिया को तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने में जुटी है। 10 साल में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर पांचवें नंबर पर पहुंचा है। साल 2021 से लेकर साल 2024 के बीच भारत ने औसतन 8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास किया है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है। पीएलआई योजना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ सनराइज सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है।

किसानों के हित में काम कर रही सरकार- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3.20 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत के बाद से, किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक हस्तांतरित किए गए हैं। सरकार ने खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। आजकल भारत अपनी मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि प्रणाली में बदलाव कर रहा है दुनिया में तेजी से भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है, इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और संबंधित उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत कर रही है...भारत की पहल पर, पूरी दुनिया ने वर्ष 2023 में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा दिवस मनाया है। आपने देखा कि हाल ही में पूरी दुनिया ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया है।

नॉर्थ-ईस्ट में सरकार के प्रयास की राष्ट्रपति ने की तारीफ

मेरी सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट में आवंटन में 10 गुना की वृद्धि की गई है। उत्तर-पूर्व में हर क्षेत्र में विकास कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। असम में 27 हजार करोड़ रुपये की लागत से सेमी कंडक्टर प्लांट बनाया जा रहा है। मेरी सरकार नॉर्थ-ईस्ट में स्थायी शांति के लिए निरंतर काम कर रही है। पिछले 10 साल में अनेक पुराने विवादों को हल किया गया है। नॉर्थ ईस्ट में अशांत क्षेत्र में तेज विकास करके चरणबद्ध तरीके से अफ्सा हटाने का काम भी जारी है। देश के हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम बन रहे हैं।

भारत में बिछ रहा नेशनल हाइवे का जाल- राष्ट्रपति

भारत का पब्लिक ट्रांसपोर्ट दुनिया में बेहतरीन हो इस मानदंड पर भारत काम कर रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास इस दिशा में बदलते भारत की योजना को दिखा रही है। गांव में 3 लाख 80 हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़क बनाई है। आज भारत में नेशनल हाइवे का जाल बिछ रहा है। नेशनल हाइवे बनाने की गति में दोगुना वृद्धि हुई है। मेरी सरकार ने बुलेट ट्रेन के लिए पूर्वी, उत्तर भारत में फिजिबलिटी स्टडी शुरू कर चुकी है।

किसानों को सम्मान निधि देने पर थपथपाई सरकार की पीठ

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार के शुरुआत के दिन से ही किसानों को 20 हजार करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जा चुकी है। आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है। हम किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नीतियां बना रहे हैं। जैसे भारत दलहन और तिहलन में दूसरे देशों की निर्भरता खत्म करने के लिए बड़ी कोशिश कर रही है।

महिलाओं के लिए किए गए काम गिनाएं

उन्होंने कहा कि महिला नीत विकास के लिए समर्पित मेरी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरूआत की है। देश की नारीशक्ति लंबे समय तक लोकसभा और विधानसभा में अधिक भागीदारी की मांग कर रही थी। आज उनके पास नारी शक्ति वंदन अधिनियम की ताकत है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का एक व्यापक अभियान चलाया है। इसके लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को आर्थिक मदद भी बढ़ाई जा रही है। सरकार का प्रयास है कि महिलाओं का कौशल बढ़े, कमाई के साधन बढ़े और उनका सम्मान बढ़े। उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना इस लक्ष्य की पूर्ति में सहायक बन रही है। इस योजना के तहत हजारों सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं को ड्रोन दिए जा रहे हैं, ड्रोन पायलट बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मेरी सरकार ने हाल में ही कृषि सखी कार्यक्रम भी शुरू किया है। इसके तहत अभी तक सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की 30 हजार महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं।

राष्ट्रपति ने भाषण में पेपर लीक का जिक्र किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण के दौरान पेपर लीक का जिक्र किया। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। पिछली सरकारों में भी पेपर लीक की घटनाएं होती रही। पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए विस्तृत योजना बनाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पेपर लीक के खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं।

इटली में भारतीय मजदूर की मौत पर एक्शन में मोदी सरकार, दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की मांग, जानें पीएम मेलोनी ने क्या कहा

#indiademandsactionfromitalyonthedeathofalabourer 

इटली में मालिक की निर्दयता की वजह से एक भारतीय मजदूर की जान चली गई। भारत ने बुधवार को इटली से उस भारतीय श्रमिक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि भारी कृषि मशीनरी से पंजाब के बठिंडा जिले के रहने वाले मजदूर का हाथ कट जाने के बाद उसके नियोक्ता ने उसे बिना चिकित्सकीय सहायता के सड़क पर फेंक दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।

भारत ने की तुरंत कार्रवाई की मांग

इटली में भारतीय दूतावास ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा कि विदेश मंत्रालय में कांसुलर, पासपोर्ट, वीजा और प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव मुक्तेश परदेशी ने विदेश में इतालवी नागरिक और प्रवासन नीतियां के महानिदेशक लुइगी मारिया विग्नाली को सतनाम सिंह की मौत पर भारत की गहरी चिंता से अवगत कराया है।दूतावास ने कहा, "जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। दूतावास ने कहा कि दूतावास मदद और शव को लाने के लिए सतनाम सिंह के परिवार के संपर्क में है।" 

पीएम मेलोनी ने मौत को बताया अमानवीय

वहीं, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने सतनाम सिंह की मौत को अमानवीय बताया है। एएनएसए समाचार एजेंसी के अनुसार यूरोपीय परिषद की बैठक से पहले चैंबर में बातचीत के दौरान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बुधवार को सतनाम सिंह की भयावह और अमानवीय मौत को याद किया। जॉर्जिया मेलोनी ने सतनाम सिंह का नाम लेते हुए इसे 'अमानवीय मौत' करार दिया है और मामले पर गहरी चिंता जताई। जब मेलोनी ने भारतीय मजदूर सतनाम सिंह की मौत को याद किया तो चैंबर में मौजूद सभी प्रतिनिधि खड़े हो गए और तालियां बजाने लगे। मेलोनी ने कहा कि मामले में जरूर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि सतनाम सिंह दो साल पहले काम के सिलसिले में इटली गए थे। दो साल तक सब कुछ ठीकठाक चला, लेकिन 17 जून को स्ट्रॉबेरी की पैकिंग करने के दौरान उनके साथ हादसा हो गया। घटना में सतनाम सिंह का हाथ कट गया और पैरों में भी चोट पहुंची। उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए था। लेकिन फार्म के मालिक सतनाम सिंह को अपने फार्म से दूर ले गया और सड़क पर फेंक दिया। सड़क पर फेंके जाने के बाद सतनाम कई घंटों तक जिंदा रहे। उनकी पत्नी ने आसपास के लोगों से मदद की गुहार लगाई। एक शख्स ने उनकी मदद की और एंबुलेंस को कॉल किया। सतनाम सिंह को हॉस्पिटल भेज गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सतनाम सिंह को अगर हादसे के तुरंत बाद ही अस्पताल भेजा जाता तो शायद वह बच जाते। आरोपी का नाम एंटोनेलो लोवेतो है। कहा जाता है कि ये पूरे इटली में बदनाम है।

मालदीव का बदला सुर, मुइज्जू के मंत्री ने चीन में किया भारत का गुणगान*
#maldives_minister_mohamed_saeed_praises_close_ties_with_india *

मालदीव को चीन का समर्थक माना जाता है। मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव की सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते की गर्माहट कम हुई है। चीन समर्थक मुइज्जू 'भारत को बाहर करो' के नारे के साथ सत्ता में आए थे। सत्ता की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने भारत के विरोध में खूब पंख फड़फड़ाए। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद मालदीव का सुर बदलने लगा है। इसी क्रम में मुइज्जू सरकार के मंत्री मोहम्मद सईद ने चीन के सामने भारत की जमकर तारीफ की है। उन्होंने मालदीव और भारत के रिश्तों को सराहा है और कहा कि मालदीव का सबसे अहम पड़ोसी भारत है। चीन के पहले दौरे पर पहुंचे मालदीव के सीनियर मंत्री मोहम्मद सईद ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हाल की नई दिल्ली यात्रा और अपने देश की पर्यटन-निर्भर अर्थव्यवस्था के लिए भारत के साथ संबंधों के महत्व पर बात की। आर्थिक विकास और व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब राष्ट्रपति मुइज्जू के भारत दौरे के बाद माले ने नई दिल्ली के साथ संबंधों को नए सिरे से स्थापित किया है। *मुइज्जू के मंत्री ने भारत के लिए क्या कहा?* चीन के डालियान में 15वें विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में भाग ले रहे मोहम्मद सईद ने सीएनबीसी इंटरनेशनल टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘राष्ट्रपति मुइज्जू ने यह बात दोहराई है कि भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी बना हुआ है.’ भारत और मालदीव के रिश्तों में ‘तनाव’ को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सईद ने कहा, ‘भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से बेहतर संबंध हैं। भारत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्यों में से एक है, खासकर भारत से आने वाले पर्यटकों के मामले में। मालदीव में भारत का बहुत निवेश है, विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र में। *मुइज्जू ने भारत यात्रा को बताया था महत्वपूर्ण सफलता* इससे पहले राष्ट्रपति मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा को मालदीव के लिए महत्वपूर्ण सफलता बताया था। मोहम्मद मुइज्जू ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध मालदीव और मालदीव के नागरिकों के लिए समृद्धि लाएंगे और उन्होंने भविष्य में सफल द्विपक्षीय संबंधों के लिए आशा व्यक्त की।
मालदीव का बदला सुर, मुइज्जू के मंत्री ने चीन में किया भारत का गुणगान*
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मालदीव को चीन का समर्थक माना जाता है। मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव की सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते की गर्माहट कम हुई है। चीन समर्थक मुइज्जू 'भारत को बाहर करो' के नारे के साथ सत्ता में आए थे। सत्ता की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने भारत के विरोध में खूब पंख फड़फड़ाए। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद मालदीव का सुर बदलने लगा है। इसी क्रम में मुइज्जू सरकार के मंत्री मोहम्मद सईद ने चीन के सामने भारत की जमकर तारीफ की है। उन्होंने मालदीव और भारत के रिश्तों को सराहा है और कहा कि मालदीव का सबसे अहम पड़ोसी भारत है। चीन के पहले दौरे पर पहुंचे मालदीव के सीनियर मंत्री मोहम्मद सईद ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हाल की नई दिल्ली यात्रा और अपने देश की पर्यटन-निर्भर अर्थव्यवस्था के लिए भारत के साथ संबंधों के महत्व पर बात की। आर्थिक विकास और व्यापार मंत्री मोहम्मद सईद की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब राष्ट्रपति मुइज्जू के भारत दौरे के बाद माले ने नई दिल्ली के साथ संबंधों को नए सिरे से स्थापित किया है। *मुइज्जू के मंत्री ने भारत के लिए क्या कहा?* चीन के डालियान में 15वें विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) में भाग ले रहे मोहम्मद सईद ने सीएनबीसी इंटरनेशनल टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘राष्ट्रपति मुइज्जू ने यह बात दोहराई है कि भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी बना हुआ है.’ भारत और मालदीव के रिश्तों में ‘तनाव’ को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सईद ने कहा, ‘भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से बेहतर संबंध हैं। भारत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्यों में से एक है, खासकर भारत से आने वाले पर्यटकों के मामले में। मालदीव में भारत का बहुत निवेश है, विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र में। *मुइज्जू ने भारत यात्रा को बताया था महत्वपूर्ण सफलता* इससे पहले राष्ट्रपति मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा को मालदीव के लिए महत्वपूर्ण सफलता बताया था। मोहम्मद मुइज्जू ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध मालदीव और मालदीव के नागरिकों के लिए समृद्धि लाएंगे और उन्होंने भविष्य में सफल द्विपक्षीय संबंधों के लिए आशा व्यक्त की।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी AIIMS में भर्ती, जानें कैसा है हाल*
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*भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को बुधवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के मुताबिक, आडवाणी को ओल्ड एज रिलेटेड प्रॉब्लम की वजह से एम्स में भर्ती कराया गया है।96 साल के आडवाणी को बुधवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद एम्स के यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया।उन्हें एम्स के जिरियाट्रिक डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है। जानकारी के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री को उम्र संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं।उन्हें यूरिन में भी दिक्कत बताई जा रही है। यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर की देखरेख में उनकी जांच हो रही है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और उन्हें अभी ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में जन्मे आडवाणी को भारत सरकार ने इसी साल देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा है। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जरिए अपने राजनीतिक करियर का आगाज किया था. वो उन नेताओं में शामिल रहे हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।राम मंदिर आंदोलन के अगुवा नेताओं में शुमार किए जाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर लाने में अथक प्रयास किया था। 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है।