शपथ ग्रहण के दौरान 'जय फिलिस्तीन' बोलने पर ओवैसी के खिलाफ शिकायत, राष्ट्रपति से उठी संसद सदस्यता खत्म करने की मांग
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संसद में 18वीं लोकसभा के सत्र के दूसरे दिन नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम चल रहा था। इसी बीच तेलंगाना के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने फिलिस्तीन का जयकार किया। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख ओवैसी ने बिसमिल्लाह के साथ उर्दू भाषा में शपथ ली। अपनी शपथ का समापन उन्होंने ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन’ शब्दों के साथ किया।जिसके बाद विवाद शुरू हो गया है।अब उनके खिलाफ राष्ट्रपति से शिकायत की गई है।
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सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने ट्वीट कर कहा, ‘हरि शंकर जैन ने भारत के राष्ट्रपति के सामने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत शिकायत दायर की है, जिसमें उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। वकील विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार रात बताया कि एआईएमआईएम सांसद ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई गई है। इसमें मांग की गई है कि ओवैसी को संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जाए।
वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ के दौरान की गई नारेबाजी को लेकर अपना पक्ष भी रखा। संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि उन्होंने सदन के भीतर ‘जय फिलिस्तीन’ कहा है। उन्होंने आगे कहा कि अन्य सदस्यों ने भी अलग-अलग बातें कही हैं। मैंने कहा जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फलस्तीन। यह किस तरह से गलत हो सकता है। मुझे संविधान के प्रावधान बताएं? दूसरों की बातों को भी सुना जाना चाहिए।







लोकसभा स्पीकर के पद को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई, जिसके कारण चुनाव कराने की नौबत आई है। आज 18वीं लोकसभा के स्पीकर के लिए चुनाव होने हैं।लोकसभा में स्पीकर चुनने के लिए सुबह 11 बजे वोटिंग होगी। सत्ता पक्ष यानी एनडीए की ओर से ओम बिरला और कांग्रेस की ओर से के सुरेश के बीच मुकाबला है।48 साल में पहली बार ऐसा होगा, जब आम सहमति नहीं बन पाने की वजह से स्पीकर के लिए चुनाव कराया जाएगा। ऐसे में सबकी नजर संख्या बल पर होगी। भाजपा-कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। एक-दूसरे के खेमे में सेंध लगाने की कोशिश भी हो सकती है। भाजपा के सामने जहां हर हाल में जीत के इतर राजग में एकजुटता बनाए रखने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस के सामने इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों को एकसूत्र में बांधे रखने की। दोनों ही खेमे एकदूसरे के गठजोड़ में सेंध लगाने की कोशिश में भी जुट गए हैं। विपक्ष के पास पर्याप्त नंबर नहीं हैं, फिर भी कांग्रेस की अगुवाई में इंडिया अलायंस ताल ठोंक रहा है। गठबंधन के पास 236 सांसद हैं। इसके अलावा निर्दलीय समेत अन्य 13 सांसद हैं। अगर ये 13 सांसद इंडिया गठबंधन को वोट देते हैं, तब भी संख्या 249 रह जाएगी, लेकिन स्पीकर पद का चुनाव जीतने के लिए इंडिया गठबंधन को 271 वोटों की जरूरत होगी। उसके पास 22 सांसद कम हैं पहले कहा जा रहा था कि शायद तृणमूल कांग्रेस स्पीकर के चुनाव में इंडिया अलायंस का साथ नहीं देगी, लेकिन रात में हुई बैठक में उनके नेता नजर आए। उधर, भाजपा के नेतृत्व में एनडीए के दल भी एकजुट नजर आ रहे हैं। संख्या बल की दृष्टि से भाजपा की अगुवाई वाले राजग को आरामदायक बहुमत हासिल है। एनडीए के पक्ष में 293 सांसद हैं जो जीत के लिए जरूरी संख्या से 21 ज्यादा हैं। आंकड़ों को देखें तो लोकसभा में अभी 240 अकेले बीजेपी के पास हैं। जबकि टीडीपी के 16 और जेडीयू के 12 सांसदों समेत 53 सांसदों का उन्हें समर्थन है। उधर, आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने भी एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे एनडीए के पास आंकड़ा बढ़कर 293 हो गया है। बीजेपी के नेताओं ने कुछ और दलों और निर्दलीय सांसदों से भी बात की है। सूत्रों के मुताबिक, आकाली दल, नगीने से सांसद चंद्रशेखर, शिलांग से सांसद डॉ रिक्की एंड्रयू भी NDA उम्मीदवार के समर्थन में वोट कर सकते हैं। भाजपा की चुनौती यह है कि मतदान के दौरान राजग में यह एकजुटता बनी रहे। एक भी दल का राजग उम्मीदवार से किनारा करना, गठबंधन में फूट पड़ने का संदेश देगा। यही वजह है कि स्पीकर चुनाव के पहले एनडीए फ्लोर मैनेजमेंट करने में लगी हुई है। आज एनडीए के नेता ब्रेकफास्ट पर बैठकें करेंगे। महाराष्ट्र के सभी सांसद महाराष्ट्र सदन में, तो यूपी के सांसद पंकज चौधरी के घर नाश्ते पर मिलेंगे। सर्बानंद सोनोवाल के घर पर असम समेत सभी पूर्वोत्तर सांसद और आंध्र प्रदेश के सांसद 50 अशोक रोड नाश्ते पर मिलेंगे। कर्नाटक के सांसद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के घर नाश्ते पर मिलेंगे।




शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत पर लगी रोक को बरकरार रखा है। हाई कोर्ट का फैसला आने तक दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में ही रहेंगे।
Jun 26 2024, 12:34
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