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यूपी ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत

लखनऊ । योगी मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 के भाग-छः में ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र के निर्गम की प्रक्रिया सम्बन्धी प्राविधान हैं। इन प्राविधानों में ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र हेतु सामान्य जन द्वारा धनराशि की अदायगी, ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र के निर्गम की रीति एवं ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र के आकार एवं मुद्रण सम्बन्धी प्राविधान हैं। इनमें ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र की सामान्य जन द्वारा सेल्फ प्रिन्टिंग किए जाने सम्बन्धी कोई प्राविधान नहीं हैं।

जन सामान्य को छोटे मूल्य के ई-स्टाम्प पत्रों की उपलब्धता के दृष्टिगत ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र की सामान्य जन द्वारा सेल्फ प्रिन्टिंग किए जाने सम्बन्धी प्राविधान समाहित करने हेतु उत्तर प्रदेश ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव है। इस व्यवस्था के लागू होने से उत्तर प्रदेश में जन सामान्य को छोटे मूल्य के ई-स्टाम्प प्रमाण पत्रों की सेल्फ प्रिन्टिंग किए जाने की सुविधा प्राप्त होगी।

ज्ञातव्य है कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 10, 74 एवं 75 की प्रदत्त शक्तियों के अधीन उत्तर प्रदेश ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 प्रख्यापित की गयी थी। इस नियमावली के प्राविधानों के अन्तर्गत प्रदेश में विविध प्रकार के लेख पत्रों पर नियमानुसार देय स्टाम्प शुल्क की अदायगी के लिए भौतिक स्टाम्प पत्रों के विकल्प के रूप में ई-स्टाम्पिंग प्रणाली स्थापित की गयी है। इस प्रणाली में ई-स्टाम्प प्रमाण पत्रों का निर्गमन भारत सरकार के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया लि0 द्वारा केन्द्रीय अभिलेख अनुरक्षण अभिकरण के रूप में किया जा रहा है।
यूपी में 35 करोड़ पौधारोपण के लिए प्रस्ताव स्वीकृत
योगी मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के पर्यावरणीय लाभ एवं कृषकों की आय में सतत् वृद्धि के दृष्टिगत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ पौधारोपण के लिए प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों, न्यायालय परिसरों,औद्योगिक इकाइयों,सहकारी समितियों,कृषकों,संस्थाओं,व्यक्तियों,निजी एवं शासकीय शिक्षण संस्थाओं,स्थानीय निकायों यथा-ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम, प्राधिकरण आदि,भारत सरकार के विभागों एवं उपक्रमों,रेलवे,रक्षा एवं अन्य को सम्बन्धित शासकीय विभागों,संस्थाओं के माध्यम से वन विभाग की पौधशालाओं से निःशुल्क पौध (यूकेलिप्टस एवं पॉपलर को छोड़कर) उपलब्ध कराए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।


*पौधशालाओं में 48.52 करोड़ पौध उपलब्ध*

मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय भी लिया गया कि निःशुल्क पौध उपलब्धता के सम्बन्ध में यदि अन्य किसी संशोधन/परिवर्धन (वित्तीय उपाशय को छोड़कर) की आवश्यकता भविष्य में होती है तो उक्त संशोधन/परिवर्धन मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन से किया जा सकेगा।वृक्षारोपण जन आन्दोलन वर्ष 2024-25 का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कृषकों की आय में वृद्धि करना है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से 12.60 करोड़ पौधों का रोपण वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा तथा 22.4 करोड़ पौधों का रोपण राजकीय विभागों द्वारा जनसहभागिता से किया जाएगा। वृक्षारोपण 2024-25 के लिए वन एवं वन्य जीव विभाग की पौधशालाओं में 48.52 करोड़ पौध उपलब्ध हैं।

*नन्द बाबा दुग्ध मिशन सोसाइटी के रूल्स एवं बायलॉज अनुमोदित*

मंत्रिपरिषद ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन सोसाइटी के रूल्स एवं बायलॉज को अनुमोदित कर दिया है।ज्ञातव्य है कि लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 के आलोक में अगले पांच वर्षों में 1,000 करोड़ रुपये की लागत द्वारा प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाये रखने एवं गाँवों में दुग्ध सहकारी समितियाँ गठित कर दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दुग्ध की उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत ’नन्द बाबा दुग्ध मिशन’ का क्रियान्वयन किया जा रहा है। मिशन के अन्तर्गत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना, नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, प्रारम्भिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के गठन की योजना, पशु स्वास्थ्य एवं दुग्ध गुणवत्ता परीक्षण किट आदि योजनाएं प्रारम्भ की गयी हैं।

*जीएस विश्वविद्यालय, हापुड़ की स्थापना के सम्बन्ध में*

मंत्रिपरिषद ने निजी क्षेत्र के अन्तर्गत जीएस विश्वविद्यालय, हापुड़, उत्तर प्रदेश की स्थापना किए जाने के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन किए जाने हेतु उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (पांचवां संशोधन) अध्यादेश-2024 को प्रख्यापित कराए जाने एवं तत्पश्चात संचालन प्राधिकार पत्र निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
पेपर लीक किया तो होगी उम्रकैद, एक करोड़ रुपये लगेगा जुर्माना

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने परीक्षाओं को पारदर्शी और शुचितापूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए मंगलवार को उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश-2024 को मंजूरी प्रदान की। इस अध्यादेश में पेपर लीक के दोषियों के खिलाफ दो साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने के प्रावधान किए गए हैं। पेपर लीक अथवा अन्य कारणों से परीक्षा प्रभावित होने पर खर्च की भरपाई साल्वर गैंग से की जाएगी। परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी प्रावधान किया गया है।


*यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश को योगी कैबिनेट की मंजूरी*


वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक के फैसलों की जानकारी दी। खन्ना ने बताया कि कैबिनेट के समक्ष कुल 44 प्रस्ताव रखे गए थे, जिसमें 43 को मंजूरी प्रदान की है। अनुमोदित प्रस्तावों में सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों और पेपर लीक रोकथाम अध्यादेश 2024 भी शामिल रहा। वित्त मंत्री ने बताया कि पेपर लीक के संबंध में मंत्रिपरिषद के द्वारा अध्यादेश के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है।


*यह कानून सभी तरह की परीक्षाओं पर होगा लागू*


इसके तहत यदि कोई संस्था या उससे जुड़े लोग पकड़े जाएंगे तो उन्हें 2 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अध्यादेश के तहत लोकसेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उत्तर प्रदेश बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित संस्था भी इसमें सम्मिलित हैं। यह अध्यादेश किसी प्रकार की भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नति करने वाली परीक्षाएं, डिग्री-डिप्लोमा, प्रमाण पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं पर भी लागू होगा। इसके अंतर्गत फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना इत्यादि दंडनीय अपराध बनाए गए हैं।


*इसमें एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान*


अधिनियम के प्राविधानों के उल्लंघन पर अध्यादेश के अंतर्गत दोषियों को 2 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा, जबकि एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।मंत्री खन्ना ने बताया कि यदि परीक्षा प्रभावित होती है तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली संस्था तथा सेवा प्रदाताओं को सदैव के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी प्राविधान किया गया है। अधिनियम में अपराध की दशा में संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान किया गया है।


*अब इस अध्यादेश को किया जाएगा लागू*


इसके तहत समस्त अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय एवं अशमनीय बनाए गए हैं। जमानत के संबंध में भी कठोर प्राविधान किए गए हैं। वर्तमान में विधानसभा का सत्र न होने के कारण बिल के स्थान पर अध्यादेश का प्रस्ताव किया गया है। मंत्रिपरिषद के द्वारा प्रस्ताव के अनुमोदन के बाद अध्यादेश की प्रक्रिया को पूरी की जाएगा और इसके बाद इसे लागू किया जाएगा।
यूपी में 12 जिलों के डीएम समेत आठ आईपीएस का तबादला, जानिये कौन कहा का बना डीएम व कप्तान

लखनऊ। चुनाव खत्म होने के बाद से अब यूपी में आईएएस व आईपीएस के तबादले का दौर शुरू हो गया है। जिस जिले में कानून व्यवस्था लचर व विकास कार्य में लापरवाही मिल रही है वहां के डीएम व एसपी को बदल दिया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार की देर शाम यूपी में 12 जिलों के जिलाधिकारी और आठ आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है।


*इन जिलों में बदल दिये गए जिलाधिकारी*


तबादले के क्रम में सीतापुर के जिलाधिकारी अनुज सिंह को मुरादाबाद का डीएम बनाया गया है। इसी तरह चित्रकूट के जिलाधिकारी अभिषेक आंनद को सीतापुर भेजा गया है। बांदा की जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को लखीमपुर खीरी का डीएम बनाया गया है। आयुष विभाग में विशेष सचिव नागेंद्र प्रताप को बांदा का डीएम बनाया गया है।कानपुर के नगर आयुक्त शिवशरणप्पा को चित्रकूट का जिलाधिकारी बनाया गया है। स्टांप विभाग के विशेष सचिव रवीश गुप्ता को बस्ती का जिलाधिकारी बनाया गया है।


*राजेंद्र पेन्सिया को संभल का जिलाधिकारी बनाया गया*


सर्वशिक्षा अभियान के निदेशक मधुसूदन हुल्गी को कौशांबी का जिलाधिकारी बनाया गया है। संभल जिले के डीएम मनीष बंसल सहारनपुर के जिलाधिकारी बनाए गए हैं।  
नगर विकास विभाग के विशेष सचिव राजेंद्र पेन्सिया को संभल का जिलाधिकारी बनाया गया है। सहारनपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आशीष कुमार को हाथरस का जिलाधिकारी बनाया गया है। ग्रेटर नोएडा की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मेघा रूपम को कासगंज का जिलाधिकारी बनाया गया है।


*इन जिलों के बदले गए कप्तान, मेरठ के एसएसपी टाडा बने*


इसी तरह आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं। इनमें सतपाल को मुरादाबाद का एसएसपी, अनुराग आर्या को बरेली का एसएसपी, विपिन टाडा को मेरठ का एसएसपी, रोहित सिंह साजवान को सहारनपुर का नया एसएसपी बनाया गया है। वही, आदित्य लाँगेह को चंदौली, हेमराज मीना को आज़मगढ़ और अनिल कुमार को प्रतापगढ़ का नया पुलिस कप्तान बनाया है।बरेली में प्लॉट पर कब्जे को लेकर खुलेआम फायरिंग की घटना के बाद एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान को हटा दिया गया है। उन्हें एसटीएफ का एसएसपी बनाया गया है।

यूपी में 14 लाख 21 हजार ट्यूबवेल धारक किसानों को दी जाती है फ्री बिजली
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में अन्नदाता है। इसलिए यूपी में सरकार की तरफ से कृषि कार्यों के लिए 2735 फीडर से 10 घंटे निःशुल्क बिजली दी जा रही है। जल्द ही कृषि फीडरों की संख्या पांच हजार से पार पहुंच जाएगी। 14.21 लाख ट्यूबवेल धारक किसानों को फ्री बिजली दी जाती है। इसके साथ ही योगी सरकार का किसानों से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन व उन्हें लागू करने पर उनका विशेष जोर रहता है।

*5433 से अधिक फीडरों को कृषि कार्यों को उपयोग में लाया जाएगा*

मार्च में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुई कैबिनेट मीटिंग में ट्यूबवेल से सिंचाई व कृषि कार्यों के लिए मुफ्त बिजली के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। वहीं बजट में भी योगी सरकार की ओर से मुफ्त सिंचाई के लिए 1100 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की गई थी। इसे देखते हुए अप्रैल से किसानों को मुफ्त सिंचाई की सुविधा मिलने लगी है।प्रदेश में कुल 23226 विद्युत फीडर हैं। इसमें से 5433 से अधिक फीडर को कृषि कार्यों के लिए पृथक किया जाना प्रस्वावित है। इसमें से 2735 फीडर ऐसे हैं, जिन्हें कृषि कार्यों के लिए अलग किया जा चुका है और इनके माध्यम से सिंचाई व अन्य कृषि कार्यों के लिए किसानों को 10 घंटे निशुल्क विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। शेष 20491 फीडरों को बिना अलग किए फीडरों से 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है।


*24 घंटे यूपी के ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में दी जा रही बिजली*

भीषण गर्मी में भी यूपी में 24 घंटे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई। सभी 75 जनपदों में समान रूप से बिजली देकर नागरिकों को सुविधाओं से पूर्ण रखा गया। आमजन को बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित करने के अतिरिक्त कृषि कार्यों के लिए किसानों को भी योगी सरकार की तरफ से 10 घंटे बिजली दी जा रही है।उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष आशीष कुमार गोयल ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप भीषण गर्मी के बावजूद पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

*10 घंटे निःशुल्क विद्युत आपूर्ति प्रदान की जा रही*

इसी क्रम में अन्नदाता किसानों की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई इस योजना को भी प्राथमिकता के आधार पर संचालित किया जा रहा है। अनवरत मॉनीटरिंग के माध्यम से किसानों को सिंचाई समेत अन्य कृषि कार्यों के लिए 10 घंटे निःशुल्क विद्युत आपूर्ति प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार की तरफ से कृषि फीडरों के लिए तय लक्ष्य को निर्धारित समय में पूर्ण कर लिया जाएगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस करेगी योगी सरकार

लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार एक्सप्रेसवेज को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की प्रक्रिया पर काम कर रही है। एक्सप्रेस-वे को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने से एक ओर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा हो रहा है, वहीं प्रदेश में लॉजिस्टिक्स संबंधी मूवमेंट को भी सुरक्षित निगरानी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में सुधार हुआ है। इसी क्रम में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी और इसे क्रियान्वित करते हुए अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इस प्रक्रिया को क्रियान्वित करते हुए रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (आरएफक्यू) व रिक्वेस्ट फॉर प्रजोजल (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे हैं।


*कई एडवांस्ड फीचर्स से लैस होगा ट्रैफिक मैनेजमेंट कमांड सेंटर*


बुंदलखंड एक्सप्रेस-वे को आईटीएमएस इनेबल्ड बनाने के लिए जो कार्ययोजना तैयार की गई है, उसके अनुसार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक मैनेजमेंट कमांड सेंटर की स्थापना होगी। इसके जरिए ट्रैफिक मॉनिटरिंग व मैनेजमेंट प्रक्रिया को बल मिलेगा। ट्रैफिक मैनेजमेंट कंट्रोल (टीएमसी) यूनिट को 360 टेराबाइट रिकॉर्डिंग सर्वर स्टोरेज से युक्त किया जाएगा। बैकअप रिकॉर्डिंग्स के लिए भी 240 टेराबाइट की रिकॉर्डिंग स्टोरेज सर्वर युक्त होगा।

*एडवांस्ड ड्राइवर एडवायजरी सिस्टम से लैस किया जाएगा टीएमसी*


टीएमसी यूनिट को फैसिलिटी मॉनिटरिंग सिस्टम कंट्रोलर, ग्राफिक डिस्प्ले, इंटरनेट व एसएमएस सर्वर, फाइबर चैनल होस्ट व यूएसबी जॉयस्टिक कंट्रोल्ड पीटीजेड कैमरों से युक्त किया जाएगा। इमर्जेंसी टेलिफोन हेल्पलाइन कंसोल, स्टाफ के लिए आधार इनेबल्ड बायोमीट्रिक फिंगरप्रिंट स्कैनर मशीन, सर्ज प्रोटेक्शन डिवाइस, लाइटनिंग प्रोटेक्शन यूनिट, एडवांस्ड ड्राइवर एडवायजरी सिस्टम, जीपीएस ट्रैकर समेत 890 कैमरों के संचालन के लिए वीएएमस लाइसेंस से युक्त किया जाएगा।

*50 अलग-अलग लोकेशंस पर 150 वीआईडीएस युक्त सोलर पावर्ड कैमरे होंगे इंस्टॉल*


राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मौजूदा प्रक्रिया में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को एटीएमएस इनेबल्ड बनाने के लिए अलग-अलग 50 लोकेशंस पर 150 वीआईडीएस इनेबल्ड कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे। यह कैमरे विशिष्ट होंगे और सोलर एनर्जी पावर्ड होने के साथ ही सिंगल चार्ज में 96 घंटे तक की ऑपरेशनल टाइमिंग होगी। योजना के अंतर्गत सीसीटीवी कंट्रोलर युक्त पीटीजेड कैमरों को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर इंस्टॉल किया जाएगा।


*व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम करेगा ओवरस्पीडिंग गाड़ियों को मॉनिटर*

मोशन डिटेक्शन सर्विलांस कैमेरा व व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ इंस्टॉल किया जाएगा। इससे, ओवरस्पीडिंग करने वाली गाड़ियों के विषय में अलर्ट जारी हो सकेगा और कंट्रोल रूम द्वारा इसे तुरंत ट्रैक किया जा सकेगा। इस क्रम में, 90 मीटर रेंज के स्पीड डिटेक्शन रडार भी प्रभावी सिद्ध होंगे जिनकी इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया भी साथ ही में पूर्ण की जाएगी तथा डिजिटल ट्रांसमिशन सिस्टम को भी क्रियान्वित किया जाएगा।

*पांच वर्ष की अवधि के लिए आवंटित होगा कार्य*

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को एटीएमएस युक्त बनाने के लिए यूपीडा ने रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (आरएफक्यू) व रिक्वेस्ट फॉर प्रजोजल (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे हैं। इस प्रक्रिया के जरिए नियुक्त होने वाली एजेंसी द्वारा ही इन सभी कार्यों को यूपीडा के अधिकारियों की देखरेख में पूरा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यूपीडा द्वारा 5 वर्षों की कार्यावधि के लिए कार्य आवंटित होगा और चयनित एजेंसी को इन सभी इक्विप्मेंट्स की प्रोक्योरमेंट, इस्टॉलेशन, ऑपरेशन व मेंटिनेंस से संबंधित कार्यों को पूर्ण करना होगा। इसके अतिरिक्त यूपीडा स्टाफ को इसके संचालन के लिए ट्रेनिंग भी उपलब्ध करायी जाएगी। इस क्रम में, टेक्निकल स्टाफ व कंट्रोल रूम ऑपरेशन स्टाफ की नियुक्ति का कार्य भी एजेंसी द्वारा पूर्ण किया जाएगा।
योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला: अयोध्या में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय

लखनऊ । लोकसभा चुनाव में अयोध्या से भले ही भाजपा को हार का सामना करना पड़ा लेकिन वहां के विकास की गति पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। इसलिए मंगलवार को योगी कैबिनेट ने अयोध्या स्थित तहसील सदर के ग्राम मांझा जमथरा की नजूल भूमि गाटा-57 मि. जुमला में टाटा ग्रुप के सहयोग (सीएसआर फण्ड) द्वारा विश्वस्तरीय मन्दिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन के लिए भूमि के उपयोग का 90 वर्ष का लाइसेंस एक रुपये प्रतिवर्ष की टोकन दर पर दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। विश्वस्तरीय मन्दिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन के लिए संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार एवं टाटा संस प्रा.लि. के मध्य त्रिपक्षीय एमओयू को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हस्ताक्षरित किए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति दे दी है।

*विदेशी पर्यटकों के आगमन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य*

मंगलवार को योगी मंत्रिपरिषद द्वारा उक्त एमओयू को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हस्ताक्षरित करने हेतु अधिकारी नामित करने के लिए प्रमुख सचिव पर्यटन, उ.प्र. शासन को अधिकृत किया गया है। प्रकरण में आवश्यकतानुसार अग्रेतर निर्णय लिए जाने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री  को अधिकृत किया गया है।विविध पर्यटन आकर्षणों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। भारत में घरेलू पर्यटकों एवं विदेशी पर्यटकों के आगमन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है। अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों तथा समृद्ध प्राकृतिक वन सम्पदा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं विद्यमान हैं।

*22 जनवरी से प्रतिदिन  2 से 4 लाख पर्यटक अयोध्याधाम आ रहे*

भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या एक विश्वस्तरीय धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन गन्तव्य के रूप में विकसित हो रहा है। अयोध्या में वर्ष 2021 में लगभग 1.58 करोड़ पर्यटक आये थे। वर्ष 2022 में लगभग 2.40 करोड़ तथा वर्ष 2023 में लगभग 5.75 करोड़ पर्यटक आये थे। 22 जनवरी, 2024 को श्री राम जन्मभूमि प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरान्त अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व गुणात्मक वृद्धि हुई है। 22 जनवरी, 2024 से प्रतिदिन लगभग 2 से 4 लाख पर्यटक अयोध्याधाम आ रहे हैं।

*करीब 750 करोड़ की लागत से बनेगा मंदिर संग्रहालय*

वर्तमान में अयोध्या आने वाले पर्यटकों का मुख्य आकर्षण केन्द्र श्रीराम जन्मभूमि परिसर एवं समीपवर्ती स्थित कनक भवन, हनुमान गढ़ी एवं अन्य धार्मिक स्थल हैं। यह पर्यटक धार्मिक पूजा-अर्चना हेतु श्रद्धाभाव से अयोध्या आते हैं। नई पीढ़ी के युवाओं, विदेशी पर्यटकों, भारतीय सभ्यता और संस्कृति में रूचि रखने वाले अन्य पर्यटकों को अयोध्या के प्रति आकर्षित करने हेतु आवश्यक पर्यटक गन्तव्य का वर्तमान में अयोध्या में एक प्रकार का अभाव है।टाटा संस द्वारा अयोध्या में भारतीय मन्दिर संग्रहालय के निर्माण के लिए सीएसआर फण्ड से लगभग 650 करोड़ रुपये का व्यय तथा प्रश्नगत भूमि में आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं एवं साइट के विकास के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये का व्यय किया जाना सम्भावित है। इस प्रकार टाटा संस द्वारा कुल लगभग 750 करोड़ रुपये का सम्भावित व्यय अपने सीएसआर फण्ड से भारतीय मन्दिर संग्रहालय के विकास के लिए किया जायेगा।

*25 एकड़ जमीन टाटा को दी जाएगी,संग्रहालय बनने से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा*

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मंदिर संग्रहालय में भारतीय संस्कृति के उद्गम से लेकर आधुनिक संस्कृति तक के बारे में एक जगह पर जानकारी होगी। इसमें वेद, रामायण, मंदिर-पूजा पद्धति से जुड़ी प्रामाणिक चीजें, उनके उद्भव, संस्कृति, इसके लाभ आदि के बारे में विस्तृत तरीके से जानकारी उपलब्ध होगी। इसमें जहां पौराणिक जानकारी होगी, वहीं उनका आधुनिक वर्जन भी होगा। उन्होंने बताया कि राम की पैड़ी से गुप्तार घाट के पास इसके लिए 25 एकड़ जमीन टाटा को दी जाएगी।अयोध्या में एक विश्वस्तरीय मन्दिर संग्रहालय के निर्माण से अयोध्या सहित प्रदेश के अन्य स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। टाटा संस की प्रतिष्ठा, प्रवीणता एवं सीएसआर फण्ड द्वारा मन्दिर संग्रहालय की स्थापना एवं संचालन किये जाने की प्रदर्शित इच्छा से प्रदेश सरकार के बजट में होने वाली बचत तथा प्रदेश में राजस्व एवं रोजगार के नये अवसरों के सृजन के दृष्टिगत उक्त प्रस्ताव जनहित में ग्राह्य किया जाना उपयुक्त है।
कुलपति के ताबड़तोड़ औचक निरीक्षण से नकलचियों में खलबली, केन्द्रों को चेताया

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के सत्रीय परीक्षाओं में कुलपति के परीक्षा केन्द्रों के औचक निरीक्षण से नकलचियों में खलबली मच गई है। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने मंगलवार को प्रयागराज के यमुनापार में चार परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्र अध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त सभी सुविधाएं परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों को दी जाएं। कुलपति ने चेतावनी दी कि जो मानक पूरे नहीं करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उधर कुलपति के औचक निरीक्षण से परीक्षा केंद्र परिवर्तन की सुविधा का लाभ उठाकर नकल के भरोसे परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थियों की दाल नहीं गल पा रही है। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने आज नंदकिशोर सिंह पीजी कॉलेज, नैनी, एस एन सेवा संस्थान गर्ल्स डिग्री कॉलेज, नैनी, गांधी शांति निकेतन डिग्री कॉलेज, गौहनिया तथा मोतीलाल नेहरू डिग्री कॉलेज, कौंधियारा स्थित परीक्षा केन्द्रों का दोनों पालियों में औचक निरीक्षण किया। कुलपति के परीक्षा केन्द्र पर पहुंचते ही खलबली मच गई।

कुलपति अपने स्टाफ को छोड़कर अकेले ही परीक्षा कक्ष में पहुंच गए। कई केंद्रों में भीषण गर्मी में भी पंखा न चलने पर उन्होंने कड़ा रूख प्रदर्शित किया। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र को हर तरह की सुविधा प्रदान कर रहा है। ऐसी स्थिति में छात्रों को अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध न किए जाने पर रोष व्यक्त किया। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम इसके पूर्व बीबीएस डिग्री कॉलेज बरना, प्रतापगढ़, डिग्री कॉलेज, उपरदहा,बरौत तथा दयाशंकर महिला महाविद्यालय, फूलपुर का औचक निरीक्षण कर चुके हैं।

कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए उड़ाका दल और प्रेक्षकों की टीम के अतिरिक्त विश्वविद्यालय के सभी क्षेत्रीय केन्द्रों के प्रभारी एवं समन्वयकों को ?स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने क्षेत्र के परीक्षा केन्द्रों की प्रतिदिन की रिपोर्ट मुख्यालय को प्रेषित करेंगे। इसी क्रम में बुधवार 26 जून को प्रात: 11:00 बजे सभी क्षेत्रीय केन्द्रों के प्रभारियों की बैठक कुलपति ने बुलाई है।

योगी कैबिनेट में 44 प्रस्ताव हुए पास, तीन बड़े शहरों के सीमा विस्तार को मंजूरी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 44 प्रस्ताव पास हुए। बैठक में तीन बड़े शहरों- वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज के सीमा विस्तार पर कैबिनेट की मुहर लगी है।साथ ही यूपी में सिपाही भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा में हुए पेपर लीक को देखते हुए योगी सरकार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लेकर आएगी। इसके तहत पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास तक और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

कैबिनेट बैठक में पर्यटन विभाग के सात प्रस्ताव पास हुए

वाराणसी विकास प्राधिकरण में कई गांव शामिल होंगे। इसी प्रकार गोरखपुर विकास प्राधिकरण में कई गांव शामिल होंगे। इसके अलावा प्रयागराज विकास प्राधिकरण में भी कई गांव जुड़ेंगे। इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में पर्यटन विभाग के सात प्रस्ताव पास हुए। शाकुंभरी देवी मंदिर के पास निःशुल्क भूमि पर्यटन विभाग को आवंटित किए जाने का प्रस्ताव पास हुआ। अमेठी, बुलंदशहर, बाराबंकी, सीतापुर में राही पर्यटन गृह लीज पर दिए जाने का प्रस्ताव पास हुआ है।बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबीरानी मौर्य, नगर विकास मंत्री एके शर्मा और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल समेत सभी कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे।

इन प्रस्तावों को बैठक में मिली मंजूरी

प्रदेश में एक निश्चित धनराशि के ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र की सेल्फ प्रिटिंग संबंधी प्रावधान समाहित करने के लिए उत्तर प्रदेश ई-स्टाम्पिंग नियमावली, 2013 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है।बरेली विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 35 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित किए जाने की मंजूरी दी गई है।वाराणसी विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 215 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित किए जाने के संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

प्राचीन धरोहर भवनों को हेरिटेज पर्यटन के रुप में किया जाएगा विकसित

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 71 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित करने पर सहमति दी गई है।यूपी में फार्मास्यूटिकल रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन संस्था प्रोमोट फार्मा प्रारम्भ किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।लखनऊ, प्रयागराज और कपिलवस्तु में पर्यटन विकास के दृष्टिगत हेलीकॉप्टर सेवा संचालन के लिए हेलीपैड को पीपीपी मोड पर निजी निवेशकों के माध्यम से विकसित एवं संचालित किए जाने पर मंजूरी दे दी गई। प्राचीन धरोहर भवनों को एडॉप्टिव रि-यूज के अंतर्गत सार्वजनिक निजी सहभागिता मॉडल पर हेरिटेज पर्यटन इकाईयों के रूप में विकसित किए जाने पर मंजूरी दी गई।
कांग्रेस के चेहरे तो बदले लेकिन चरित्र 1975 वाला ही है : सीएम योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपातकाल की को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का के चेहरे भले बदल गए हों लेकिन उसका मूल चरित्र 1975 वाला ही है। वह आज भी भारत के संविधान को, भारतीय लोकतंत्र को कोशते हैं और उन्हें देश से और देश की जनता से कोई सरोकार नहीं है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आज से ठीक 50 वर्ष पूर्व, आज ही के दिन देर रात में एक काला अध्याय लिखा गया था, जब कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने भारत के संविधान का गला घोटते हुए लोकतंत्र को पूरी तरह समाप्त करने की साजिश रची थी।

25 जून 1975 को रात के अंधेरे में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने कैसे भारत के लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया था, उस समय के सभी विपक्षी दलों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। उसमें अटल बिहारी वाजपेई, मोरारजी देसाई, जयप्रकाश नारायण, लालकृष्ण आडवाणी समेत विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में डालकर लोकतंत्र का गला घुटने का प्रयास किया था।


आज जब 50 वर्ष के उपरांत हम आपातकाल को याद करते हैं तो स्वाभाविक रूप से कांग्रेस में चेहरे बदले होंगे लेकिन उसका चरित्र वही है। 1975 में कांग्रेस का जो बर्बर चेहरा देखने को मिला था वह आज भी है। संविधान की आत्मा को नष्ट करने का काम किया था। देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया था। न्यायालय के अधिकारों को बंधक बनाकर रखा था। आज भी कांग्रेस पार्टी में भले ही नेतृत्व बदला हो लेकिन उसका चरित्र वही है। यह (कांग्रेस) लोकतंत्र की दुहाई देते हैं लेकिन भारत के बाहर जाकर भारत के लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा करते हैं। भारत के चुनाव प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं। देश से बाहर जाकर भारत को और उसके लोकतंत्र को कोसते हैं। भारत के अंदर हर चुनाव की प्रक्रिया में बाधा पैदा करके एवं पर अपने अकर्मण्यता का दोष थोपने का प्रयास करते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संविधान अंगीकार करने के 2 वर्ष बाद ही कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 लागू करके देश की अखंडता को चुनौती देने का प्रयास किया था। यही नहीं उन्होंने कभी मीडिया पर प्रतिबंध लगाए तो कभी नेताओं पर व अन्य तरीके से लोकतंत्र के सभी स्तंभों को कमजोर करने का प्रयास किया था। आज वह लोकतंत्र की दुहाई देते हैं। जिन लोगों ने कांग्रेस के उसे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, जेल गए और तमाम यातनाएं झेली, आज उन्हीं के लोग कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं। कांग्रेस आज भी उसी प्रकार से कार्य कर रही है।

जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार चल रही है या फिर उनके सहयोगी बंगाल में टीएमसी की सरकार हो, केरल और तमिलनाडु में सहयोगी दलों की सरकारें चल रही हैं, उनकी कार्यपद्धति को देखकर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस का अब भी वही बर्बर चेहरा सामने है। आज भी यह लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं। संविधान के नाम पर संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं। वे लोग कभी अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि क्या वे सही मायने में संविधान का पालन किए थे। देश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।