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हार्डकोर नक्सलियों के चार सहयोगी गिरफ्तार, माओवादियों का ट्रैक्टर चलाते थे किराए पर

मोहला-मानपुर-  नक्सलियों का सहयोग करने वाले 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें एक ग्राम पंचायत सचिव भी शामिल है, जो नक्सलियों की मदद करता था। मोहला पहुंचे राजनांदगांव रेंज के आईजी दीपक झा ने बताया कि जिला पुलिस व आईटीबीपी ने मानपुर ब्लॉक के मदनवाडा क्षेत्र में संयुक्त रूप से कार्रवाई की और नक्सलियों के 4 सहयोगियों को पकड़ा और एक ट्रैक्टर जब्त किया। नक्सलियों का यह ट्रैक्टर सहयोगी किराए से चलाते थे। किराए की आय से नक्सली अपनी दैनिक जरूरतों की पूरा करते थे।

यह ट्रैक्टर हार्डकोर नक्सली बलदेव ऊर्फ अशोक रेड्डी, विजय रेड्डी ऊर्फ शंकर, लोकेश सलामे उर्फ हरसिंग के इशारे पर चलता था। नक्सलियों ने ट्रैक्टर लेवी के पैसे से खरीदा था। सुरक्षाबलों ने सहयोगियों के पास कैश, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव, बैंक पास बुक समेत अन्य सामान जब्त किए। आईजी झा ने बताया कि नक्सल सहयोगी अरविंद तुलावी, रामकिशन यादव, सुशील साहू व ग्राम पंचायत सचिव महेश मेश्राम है, जो राजनांदगांव और कारेकट्टा गांव के निवासी है। इन चारों पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई।

इमरजेंसी पर सियासत: पूर्व सीएम बघेल के बयान पर मंत्री कश्यप का पलटवार, कहा- कांग्रेस ने संविधान के साथ किया खिलवाड़


रायपुर- काला दिवस को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बयान दिया. पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि आज आपातकाल से बदतर स्थिति है. मुख्यमंत्रियों का जेल भेजा जा रहा है. इस पर मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जिन्होंने संविधान के साथ खिलवाड़ किया, जिन्होंने संविधान खत्म करने की साजिश रची, वह आज संविधान का किताब लेकर घूम रहे हैं. कांग्रेस को यह शोभा नहीं देता.

मंत्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में संविधान की किताब को लेकर प्रचार किया. संविधान बनाने में कितना समय लगा शायद कांग्रेस को पता नहीं है. कांग्रेस ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को प्रताड़ित किया था. बॉम्बे में चुनाव में बाबा साहेब आंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उनके खिलाफ प्रचार भी किया था.

वहीं विधानसभा सत्र के सवाल पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है. सरकार पूरी तरह से तैयार है. सरकार का दायित्व जनहित में काम करना है. कांग्रेस पार्टी के पास मुद्दा नहीं है. मंत्रिमंडल विस्तार पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है.

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बिलासपुर जिले के कोनी आईटीआई का किया निरीक्षण


रायपुर-  उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज बिलासपुर जिले के कोनी स्थित आदर्श आईटीआई का निरीक्षण किया। वर्तमान में लगभग 1200 विद्यार्थी इसमें विभिन्न प्रकार के 33 ट्रेडों में पढ़ाई कर रहे हैं। श्री शर्मा ने विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण कर पढ़ाई कर रहे बच्चों से बातचीत की। उन्होंने इस संस्थान के विकास को लेकर अधिकारियों की बैठक भी ली। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से सलाह लेकर इस प्राचीन संस्थान की गरिमा को पुनःस्थापित करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर विधायक सुशांत शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान एवं कलेक्टर अवनीश शरण सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

निरीक्षण के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बच्चों की सुविधा के लिए एक और हॉस्टल बनाये जाने की जरूरत है। फिलहाल केवल सवा सौ छात्र-छात्राओं के लिए दो हॉस्टल सुविधा है, जो कि अपर्याप्त है। उन्होंने संचालित इन दोनों छात्रावासों में मेस सुविधा भी शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने समय की मांग के अनुरूप नये ट्रेड्स खोलने की जरूरत भी बताई। जिन ट्रेडों में रोजगार एवं नौकरी की संभावनाएं बंद हो गई हैं, उन्हें बंद करने का प्रस्ताव भी संचालनालय भेजने को कहा। आईटीआई वर्तमान में 60 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। इसके सामने के कुछ हिस्से को व्यावसायिक उद्देश्य के लिए परिवर्तित कर संस्थान की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। श्री शर्मा ने कहा कि चूंकि यह एशिया की सबसे पहली आईटीआई के रूप में पहचान रखती है। इसलिए इसे हैरिटैज बिल्डिंग के रूप में संरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने संस्थान के परिसर की साफ-सफाई करने के निर्देश भी दिए।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाक़ात

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी।

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन ‘विजन डॉक्यूमेंट’ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसका निर्माण राज्य नीति आयोग द्वारा किया जा रहा है जिसे एक नवंबर को राज्य की जनता को समर्पित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने विगत छह माह में माओवादी विरोधी अभियानों में की गयी कार्रवाई की जानकारी भी प्रधानमंत्री को दी। नियद नेल्लानार योजना (आपका आदर्श गाँव) के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत नक्सलियों के आधार को कमजोर करने व शासन-प्रशासन व ग्रामीणों के बीच परस्पर विश्वास बहाली का कार्य किया जा रहा है। इस योजना के तहत वर्तमान में 23 कैंप खोले गए हैं, जिनमें 90 ग्राम शामिल हैं तथा भविष्य में 29 कैंपों को प्रारंभ करने की योजना है।

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयुक्त के तौर पर अजय सिंह ने संभाला कार्यभार

रायपुर-  छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के पाँचवे निर्वाचन आयुक्त के तौर पर आज अजय सिंह ने कार्यभार संभाल लिया है। 1983 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी अजय सिंह फरवरी 2020 में शासकीय सेवा से निवृत्त हुए हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्ति से पहले वे उपाध्यक्ष, राज्य योजना आयोग के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। वहाँ से पदमुक्त होकर उन्होंने आज राज्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार ग्रहण किया है।

स्वागत के इस मौके पर सचिव, डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से आयुक्त श्री सिंह का संक्षिप्त परिचय कराते हुए इन अधिकारियों को सौंपे गये दायित्वों की भी जानकारी दी। आयुक्त श्री सिंह ने इसके बाद आयोग के सभी कक्षों का मुआयना किया और आने वाले समय में होने वाले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के लिए तैयारियां करने पर जोर दिया है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सिंह के पदभार ग्रहण करने पर आयोग की ओर से उनका आत्मीय स्वागत किया गया। इस मौके पर सचिव डॉ. भुरे, उप सचिव डॉ. नेहा कपूर, अवर सचिव डॉ. अनुप्रिया मिश्रा तथा अपर सचिव प्रणय कुमार वर्मा सहित आयोग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

अनुकंपा नियुक्ति मिलते ही मां को भूला बेटा, हाईकोर्ट ने कहा- अब वेतन से कटकर मां के खाते में ट्रांसफर होंगे पैसे

बिलासपुर-  एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि पिता की मौत के बाद मां की देखभाल बेटे का नैतिक और कानूनी दायित्व है. एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति पाने के कुछ दिन बाद बेटे ने मां की देखभाल और खर्च देना बंद कर दिया था. मामले में पुत्र की अपील खारिज कर कोर्ट ने फटकार लगाई, और दस हजार रुपये प्रति माह देने का आदेश दिया है. भुगतान न करने पर एसईसीएल प्रबंधन को पुत्र के वेतन से कटौती कर सीधे मृतक के आश्रित के खाते में जमा कराने का निर्देश दिया है.

दरअसल, कोरबा क्षेत्र में रहने वाली महिला का पति एसईसीएल दीपका में कर्मचारी था. सेवाकाल के दौरान पति की मौत होने पर उसने अपने बड़े पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति देने सहमति दी। एसईसीएल के नियमों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति पाने वाला मृतक के आश्रितों की देखभाल करेगा, यदि वह अपने नैतिक व कानूनी दायित्व का उल्लंघन करता है, तो उसके वेतन से 50 प्रतिशत राशि काट कर आश्रितों के खाते में जमा की जाएगी. अनुकंपा नियुक्ति पाने के बाद कुछ दिनों तक वह अपनी माँ और भाई का देखभाल करता रहा। 2022 से उसने मां और भाई को छोड़ दिया।

जिस पर मां ने हाईकोर्ट में एसईसीएल की नीति के अनुसार बेटे के वेतन से कटौती कर 20 हजार रुपए प्रति माह दिलाये जाने याचिका दायर की. मामले में एसईसीएल ने जवाब में कहा कि नीति के अनुसार सहमति का उल्लंघन करने पर 50 प्रतिशत राशि काट कर मृतक के आश्रितों के खाते में जमा की जा सकती है. एसईसीएल के जवाब पर पुत्र ने कहा की याचिकाकर्ता को 5500 रुपये पेंशन मिल रही है. इसके अलावा मृतक के सेवानिवृत्त देयक की राशि भी उन्हें मिली है. इससे वह अपनी देखभाल कर सकती है, पुत्र ने 10 हजार रुपए प्रतिमाह देने कोर्ट में सहमति दी. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मां के पक्ष में फैसला दिया. हाईकोर्ट की एकल पीठ के निर्णय के खिलाफ बेटे ने डीबी में अपील की.

उसने अपील में कहा कि उसे 79 हजार नहीं बल्कि 47 हजार रुपये वेतन मिलता है, इसमें भी ईएमआई कट रही है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डीबी ने कहा, मां की सहमति से नियुक्ति मिली है, 10 हजार रुपए देने की पुत्र ने सहमति भी दी है. इसलिए खर्च के लिए राशि देना होगा, कोर्ट ने फटकार लगाते हुए पुत्र की अपील को खारिज कर दिया.

छत्तीसगढ़: महिला सशक्तिकरण के लिए ग्राम पंचायतों में बनाए जाएंगे ‘महतारी सदन’

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए महतारी सदन का निर्माण किया जाएगा. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य महिलाओं के लिए सामूहिक कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ाना और महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमता को देश के विकास से जोड़ रहा है. ग्राम पंचायतों में महतारी सदन का निर्माण इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

ग्राम भ्रमण के दौरान महिलाओं ने बैठने के स्थान की कमी की शिकायत की थी. इसके समाधान के लिए प्रदेश सरकार गांवों में महतारी सदन बना रही है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने इस परियोजना के लिए बजट में व्यवस्था भी कर दी है.

5 वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाने की योजना

प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाए जाएंगे. इस परियोजना के पहले चरण में हर विकासखंड में महतारी सदन का निर्माण प्रारंभ होगा और अगले 5 वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों में यह सुविधा उपलब्ध होगी.

महतारी सदन का निर्माण लगभग 2500 वर्गफुट में किया जाएगा. इसमें कमरा, शौचालय, बरामदा, हाल, किचन और स्टोररूम जैसी सुविधाएं होंगी. पानी के लिए ट्यूबवेल और वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी की जाएगी. महिलाओं की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल का निर्माण भी होगा. साथ ही, सामुदायिक शौचालय भी बनाए जाएंगे.

इस परियोजना से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी. यह कदम महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.

1 करोड़ की ठगी के आरोप में सनशाईन केटरर्स की डायरेक्टर सुनीता अग्रवाल पर हुई 420 की FIR, रेलवे में है पूरा साम्रज्य

रायपुर/राजनांदगांव-  रायपुर रेलवे स्टेशन में दशकों से टी-स्टॉल, फूड और फ्रूट ट्रॉली का संचालन करने वाली कंपनी सनशाईन केटरर्स की डायरेक्टर सुनीता अग्रवाल के खिलाफ राजनांदगांव कोतवाली पुलिस ने करीब 1 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर की है. पुलिस के मुताबिक आरोपी को जल्द गिरफ्तार किए जाने की तैयारी है.

राजनांदगांव कोतवाली पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने हर माह 3 लाख का मुनाफा देने का झांसा देकर राजनांदगांव के एक कारोबारी से 1 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राजनांदगांव के सनसिटी कॉलोनी निवासी विकास बोहरा पिता जेठमल ने शिकायत दर्ज कराई है कि मुंबई की मेसर्स सनशाईन केटरर्स प्राईवेट लिमिटेड के संयुक्त डायरेक्टर अरूण अग्रवाल एवं उसकी पत्नी सुनीता अग्रवाल ने यह कहकर एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता मांगी थी कि अपने व्यवसाय में होने वाले प्राफिट से 3 लाख रुपए मंथली इनकम उसे देंगे.

लेकिन कोई भी राशि नहीं दिया. इस दौरान प्रार्थी विकास बोहरा ने एक करोड़ राशि वापस करने की मांग की. इस बीच कोविड काल में उक्त कंपनी के डायरेक्टर अरुण अग्रवाल की मृत्यु हो गई. इसके बाद उनकी पत्नी सुनीता अग्रवाल, जो पूर्व से संयुक्त रूप से डायरेक्टर थी, वह कंपनी की अकेली डायरेक्टर हो गई.

सुनीता से रकम वापस मंगने पर 1 मार्च 2021 को दो गवाहों धानेश्वर सिंह व नैतिक पटेल के समक्ष राजनांदगांव में नोटरी में उपस्थित होकर सेटलमेंट एग्रीमेंट निष्पादित किया गया. इसमें 5 लाख रुपए प्रतिमाह की किस्तों में कुल 20 माह में एक करोड़ रुपए वापस करने का इकरार किया और पोस्ट डेटेड 20 चेक केनरा बैंक का दिया गया. लेकिन चेक लगाने के बाद पता चला कि चेक बंद खाते का दिया गया है.

बता दें कि ये वही कंपनी है जिनके यहां रायपुर में जीएसटी ने पिछले दिनों छापामारा था और लाखों रूपए की टेक्स चोरी उजागर की थी.

मुख्यमंत्री से सतनामी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार हर समाज में शांति एवं सद्भावना बनाये रखने के साथ विकास के लिए कृत-संकल्पित है। सरकार के इस कार्य को अंजाम देने में शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले सतनामी समाज का भी पूर्ण सहयोग है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज शाम यहां राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में राजागुरु धर्मगुरु गुरुबालदास साहेब के नेतृत्व में आये सतनामी समाज के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान यह बात कही। इस अवसर पर आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब सहित प्रदेश भर से आये सतनामी समाज के राजमहन्त भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि हाल ही में बलौदाबाजार जिले की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सतनामी समाज इस घटना को लेकर बहुत दुखी है। इसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होगी। उन्होंने इस दौरान समाज के लोगों को आश्वस्त किया कि निर्दोष लोगों को किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा, लेकिन जो दोषी पाए जाएंगे उन्हें किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने समाज के लोगों को भरोसा दिलाया कि शासन- प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पूर्णतः न्यायसंगत होगी। 

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान कहा कि इस घटना में कोई निर्दोष ना फंसे इसके लिए भी शासन-प्रशासन पूरी तरह से सजग है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सरकार की ओर से राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की अध्यक्षता में समिति गठित है। इस समिति के समक्ष निर्दोष लोगों के बारे में समाज द्वारा जानकारी दी जा सकती है ताकि ऐसे व्यक्ति जो घटना में संलिप्त नहीं हैं, उनपर कोई कार्यवाही ना हो।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एक स्वर से कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शांति एवं सद्भावना बनाये रखने के लिए किए जा रहे कार्यों में समाज की पूर्णतः सहभागिता है और आगे भी रहेगी। उनके द्वारा बताया गया कि सतनामी समाज बाबा गुरु घासीदास का अनुयायी है और यह सदैव से एक शांतिप्रिय समाज रहा है। सतनामी समाज इस घटना की कड़ी निंदा करता है । घटना को असमाजिक तत्वों द्वारा अंजाम दिया गया है इसमें समाज की कोई संलिप्तता नहीं है। समाज मे इस घटना को लेकर गहरा दुख है। हम चाहते हैं कि जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो। ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना होने पाए। 

इस अवसर पर सतनामी समाज से राजमाता गुरुमाता प्रवीण माताजी, गुरु सोमेश बाबा, गुरु सौरभ साहेब सहित राजमहन्त जैत कुमार सतनामी, राजमहन्त अनूप सतनामी, राजमहन्त कामता प्रसाद, राजमहन्त कुंजन सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

सितंबर से रायपुर में चलेंगी ई-सिटी बसें

रायपुर- रायपुर में सितंबर से ई-सिटी बस चलने लगेंगी। सोमवार को MIC की बैठक में महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि, हमें 100 ई- बसें मिल रही हैं। यह नया रायपुर में नहीं चलनी चाहिए, सभी बसें रायपुर शहर के लिए मिल रही है वह शहर में ही चलनी चाहिए।

इसके अलावा बैठक में वार्डों के परिसीमन पर डेढ़ घंटे तक चर्चा की गई। मेयर ने कहा कि, चर्चा के बाद निष्कर्ष निकला है कि परिसीमन पर एक मीटिंग होगी जिसमें पक्ष के 7 लोग और विपक्ष के 7 पार्षद को सारा विवरण समझाया जाएगा। इसके बाद परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होगी। मुझे लगता है कल या परसों ही इसकी एक बैठक होगी।

जल भराव पर भी हुई चर्चा

मेयर इन काउंसिल की बैठक में शहर में जल भराव की समस्या को लेकर भी चर्चा की गई। महापौर ने कहा कि हम जल्द ही रायपुर के प्रभारी मंत्री केंदार कश्यप से मिलकर आपदा प्रबंधन लिए रायपुर नगर निगम के लिए राशि मांगेंगे। वहीं मेयर ने सिटी बस को लेकर कहा कि, यह इलेक्ट्रिक बस केंद्र सरकार की योजना के तहत मिल रही है और इसका टेंडर भी केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा है।

इसके अलावा परिसीमन पर कहा कि, राज्य सरकार के 2011 जनगणना को आधार बनाते हुए परिसीमन किया जा रहा है। 2019 में भी परिसीमन का वही आधार था। अब यह पता चल रहा है कि 70 वार्डों में लगभग 14000 प्रत्येक वार्ड में एक वार्ड में मतदाता रहेंगे।

मेयर इन काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि, रायपुर नगर निगम में वार्डों की संख्या बढ़ी है ना ही रायपुर नगर निगम महानगर पालिका किया जा रहा है। अगर वार्डों की संख्या बढ़ती या रायपुर नगर निगम को महानगर पालिका घोषित किया जाता तो परिसीमन जायज होता, लेकिन ऐसा नही हो रहा है।

वार्ड की चारों दिशा से सीमाएं जांची जाएगी। वार्ड की जनसंख्या देखी जाएगी। उनमें मकान-दुकान की स्थिति। वहां रहने वाले लोगों की जाति अनुसूचित जाति-जनजाति के आंकड़ों को विभाग को भेजा जाएगा। जरूरत पड़ने पर वार्ड के मोहल्लों को आस-पास के छोटे वार्ड में जोड़कर उनका वार्ड नंबर बदला जा सकता है।