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हज यात्रियों पर आसमान से बरस रही आग, अब तक 550 की गई जान, इनमें सबसे ज्यादा मिश्र के 323 यात्री

सऊदी अरब के मक्का मदीना में हज यात्रा के लिए लाखों हज यात्री एकत्रित हुए हैं। इस बीच यात्रियों को भीषण गर्मी का भी सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हो गए है कि मक्का में गर्मी से कुल 550 हज यात्रियों की मौत हो गई है। इसमें सबसे अधिक 323 तो मिस्र के हैं जबकि अन्य अलग-अलग देशों के हैं। इन सभी यात्रियों की मौत के लिए भीषण गर्मी तथा बढ़ते तापमान को जिम्मेदार बताया गया है। एक राजनयिक ने इन सभी की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि मिस्र के 323 हज यात्रियों में सिवाय एक को छोड़कर सभी की मौत गर्मी के कारण हुई है। वहीं एक हज यात्री भीड़ के चलते चोटिल हो गया। यह आंकड़ा मक्का के पास अल-मुआइसम में चिकित्सालय के मुर्दाघर से आया है। राजनयिकों के अनुसार, कम से कम 60 जॉर्डन के लोगों की भी मौत हुई है, जबकि मंगलवार को अम्मान द्वारा आधिकारिक तौर पर 41 व्यक्तियों की मौत की खबर दी गई थी। प्राप्त एक रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा आंकड़ों के साथ ही कई देशों द्वारा अब तक बताई गई कुल मौतों का आंकड़ा 577 हो गया है। राजनयिकों ने बताया कि मक्का के सबसे बड़े मुर्दाघरों में से एक अल-मुआइसम में कुल 550 शव थे। मंगलवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा कि काहिरा हज के चलते लापता हुए मिस्र के लोगों की तलाश के लिए सऊदी अफसरों के साथ मिलकर काम कर रहा है। जबकि मंत्रालय के बयान में बताया गया कि कुछ निश्चित संख्या में मौतें हुई हैं, मगर यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उनमें मिस्र के लोग भी सम्मिलित हैं या नहीं। सऊदी अफसरों ने गर्मी से पीड़ित 2,000 से ज्यादा तीर्थयात्रियों का इलाज करने की खबर दी है, मगर रविवार से उस आंकड़े को अपडेट नहीं किया है तथा मौतों के बारे में जानकारी नहीं दी है।
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद MP कांग्रेस में होंगे बड़े बदलाव, 70 प्रतिशत युवाओं को मिलेगा मौका, महिलाओं की भी बढ़ेगी भागीदारी

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी संगठन में बदलाव का काम तेजी से चल रहा है। कांग्रेस के प्रदेश का अध्यक्ष जीतू पटवारी इसको लेकर प्रदेश भर के नेताओं और संगठन पदाधिकारी की अलग-अलग बैठकर कर चुके हैं। नेताओं और पदाधिकारी के काम करने की शैली पर भी निगरानी की जा रही है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो जीतू पटवारी की टीम में करीब 70 प्रतिशत युवाओं को मौका मिल सकता है। जबकि 30 प्रतिशत बुजुर्ग नेताओं को टीम में शामिल किया जा सकता है। खास बात यह है कि जीतू पटवारी इस बार महिलाओं को खास तवज्जो देने की तैयारी में हैं। टीम में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मध्यप्रदेश में लगातार मिल रही हार की समीक्षा जीतू पटवारी की टीम कर रही है। साथ ही 10 साल का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश भर में निष्क्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से जिम्मेदारी देने और उन्हें कांग्रेस पार्टी में काम करने के लिए उत्साहित किया जाएगा। नई टीम में उपाध्यक्ष, महामंत्री और सचिवों की संख्या 70 से अधिक नहीं होगी। इस बार छोटी और मजबूत टीम बनाई जाएगी। कांग्रेस के अंदर खाने से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस ने अपनी नई टीम का लगभग विस्तार कर लिया है। बस आलाकमान की मुहर लगना बाकी है। मुहर लगने के बाद नई टीम का एलान किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद MP कांग्रेस में होंगे बड़े बदलाव, 70 प्रतिशत युवाओं को मिलेगा मौका, महिलाओं की भी बढ़ेगी भागीदारी

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी संगठन में बदलाव का काम तेजी से चल रहा है। कांग्रेस के प्रदेश का अध्यक्ष जीतू पटवारी इसको लेकर प्रदेश भर के नेताओं और संगठन पदाधिकारी की अलग-अलग बैठकर कर चुके हैं। नेताओं और पदाधिकारी के काम करने की शैली पर भी निगरानी की जा रही है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो जीतू पटवारी की टीम में करीब 70 प्रतिशत युवाओं को मौका मिल सकता है। जबकि 30 प्रतिशत बुजुर्ग नेताओं को टीम में शामिल किया जा सकता है। खास बात यह है कि जीतू पटवारी इस बार महिलाओं को खास तवज्जो देने की तैयारी में हैं। टीम में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मध्यप्रदेश में लगातार मिल रही हार की समीक्षा जीतू पटवारी की टीम कर रही है। साथ ही 10 साल का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश भर में निष्क्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से जिम्मेदारी देने और उन्हें कांग्रेस पार्टी में काम करने के लिए उत्साहित किया जाएगा। नई टीम में उपाध्यक्ष, महामंत्री और सचिवों की संख्या 70 से अधिक नहीं होगी। इस बार छोटी और मजबूत टीम बनाई जाएगी। कांग्रेस के अंदर खाने से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस ने अपनी नई टीम का लगभग विस्तार कर लिया है। बस आलाकमान की मुहर लगना बाकी है। मुहर लगने के बाद नई टीम का एलान किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद MP कांग्रेस में होंगे बड़े बदलाव, 70 प्रतिशत युवाओं को मिलेगा मौका, महिलाओं की भी बढ़ेगी भागीदारी

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी संगठन में बदलाव का काम तेजी से चल रहा है। कांग्रेस के प्रदेश का अध्यक्ष जीतू पटवारी इसको लेकर प्रदेश भर के नेताओं और संगठन पदाधिकारी की अलग-अलग बैठकर कर चुके हैं। नेताओं और पदाधिकारी के काम करने की शैली पर भी निगरानी की जा रही है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो जीतू पटवारी की टीम में करीब 70 प्रतिशत युवाओं को मौका मिल सकता है। जबकि 30 प्रतिशत बुजुर्ग नेताओं को टीम में शामिल किया जा सकता है। खास बात यह है कि जीतू पटवारी इस बार महिलाओं को खास तवज्जो देने की तैयारी में हैं। टीम में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मध्यप्रदेश में लगातार मिल रही हार की समीक्षा जीतू पटवारी की टीम कर रही है। साथ ही 10 साल का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश भर में निष्क्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से जिम्मेदारी देने और उन्हें कांग्रेस पार्टी में काम करने के लिए उत्साहित किया जाएगा। नई टीम में उपाध्यक्ष, महामंत्री और सचिवों की संख्या 70 से अधिक नहीं होगी। इस बार छोटी और मजबूत टीम बनाई जाएगी। कांग्रेस के अंदर खाने से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस ने अपनी नई टीम का लगभग विस्तार कर लिया है। बस आलाकमान की मुहर लगना बाकी है। मुहर लगने के बाद नई टीम का एलान किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद MP कांग्रेस में होंगे बड़े बदलाव, 70 प्रतिशत युवाओं को मिलेगा मौका, महिलाओं की भी बढ़ेगी भागीदारी

विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी संगठन में बदलाव का काम तेजी से चल रहा है। कांग्रेस के प्रदेश का अध्यक्ष जीतू पटवारी इसको लेकर प्रदेश भर के नेताओं और संगठन पदाधिकारी की अलग-अलग बैठकर कर चुके हैं। नेताओं और पदाधिकारी के काम करने की शैली पर भी निगरानी की जा रही है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो जीतू पटवारी की टीम में करीब 70 प्रतिशत युवाओं को मौका मिल सकता है। जबकि 30 प्रतिशत बुजुर्ग नेताओं को टीम में शामिल किया जा सकता है। खास बात यह है कि जीतू पटवारी इस बार महिलाओं को खास तवज्जो देने की तैयारी में हैं। टीम में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मध्यप्रदेश में लगातार मिल रही हार की समीक्षा जीतू पटवारी की टीम कर रही है। साथ ही 10 साल का रोड मैप तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश भर में निष्क्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से जिम्मेदारी देने और उन्हें कांग्रेस पार्टी में काम करने के लिए उत्साहित किया जाएगा। नई टीम में उपाध्यक्ष, महामंत्री और सचिवों की संख्या 70 से अधिक नहीं होगी। इस बार छोटी और मजबूत टीम बनाई जाएगी। कांग्रेस के अंदर खाने से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस ने अपनी नई टीम का लगभग विस्तार कर लिया है। बस आलाकमान की मुहर लगना बाकी है। मुहर लगने के बाद नई टीम का एलान किया जाएगा।
क्या अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल और दलाई लामा की हिमाचल में मुलाकात, तिब्बत के लिए लाएगा अच्छा संदेश ?


पूर्व अमेरिकी सदन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी, सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य तिब्बती आध्यात्मिक नेता से मिलने के लिए बुधवार को दलाई लामा के आवास पर पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में दलाई लामा के आवास का दौरा किया।

प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख माइकल मैककॉल ने कहा कि राष्ट्रपति  बिडेन जल्द ही एक विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे जिसका उद्देश्य चीन पर तिब्बत विवाद को सुलझाने के लिए दबाव डालना है।


रिज़ोल्व तिब्बत एक्ट में बीजिंग से तिब्बती नेताओं के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का आह्वान किया गया है, जो 2010 से रुकी हुई है, ताकि चीन के साथ उनके शासन संबंधी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके। इस विधेयक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच तिब्बत के संबंध में बातचीत के ज़रिए समाधान निकालना है। इसमें चीन से तिब्बती लोगों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई पहचान से जुड़ी इच्छाओं को संबोधित करने का भी आग्रह किया गया है।

दलाई लामा के साथ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की बैठक से पहले निर्वासित तिब्बती संसद की उपसभापति डोलमा त्सेरिंग तेखांग ने कहा कि अमेरिकी सांसदों की यात्रा से पता चलता है कि "तिब्बत अकेला नहीं है।" मंगलवार को, नैन्सी पेलोसी सहित अमेरिकी प्रतिनिधियों का एक समूह धर्मशाला के कांगड़ा हवाई अड्डे पर पहुंचा। इसमें प्रतिनिधि मैरिएनेट मिलर-मीक्स, स्पीकर एमेरिटा, प्रतिनिधि ग्रेगरी मीक्स, प्रतिनिधि निकोल मैलियोटाकिस, प्रतिनिधि जिम मैकगवर्न और प्रतिनिधि अमी बेरा भी शामिल थे ।

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अधिकारियों ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का उनके आगमन पर स्वागत किया। मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए मैककॉल ने कहा, "हम कल परम पावन से कई चीजों पर बात करने के लिए बहुत उत्साहित हैं, जिसमें कांग्रेस से पारित विधेयक भी शामिल है, जो मूल रूप से कहता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका तिब्बत के लोगों के साथ खड़ा है।" यह पूछे जाने पर कि क्या बिडेन विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे, उन्होंने कहा, "हां, वह करेंगे।"

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने रिज़ॉल्व तिब्बत अधिनियम पारित किया, जो अब कानून बनने के लिए बिडेन के हस्ताक्षर की प्रतीक्षा कर रहा है। यह विधेयक बीजिंग के इस दावे को चुनौती देता है कि तिब्बत हमेशा से चीन का हिस्सा रहा है और चीन से तिब्बत के इतिहास, लोगों और संस्थाओं, जिसमें दलाई लामा भी शामिल हैं, के बारे में गलत जानकारी फैलाना बंद करने का आह्वान करता है। इसके अतिरिक्त, यह चीन से तिब्बत के शासन के बारे में दलाई लामा और अन्य तिब्बती नेताओं के साथ चर्चा शुरू करने का आग्रह करता है।

अमेरिकी राजनेता तिब्बत की भाषा और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के दलाई लामा के प्रयासों का समर्थन करने के लिए अक्सर धर्मशाला का दौरा करते रहे हैं, जो पहाड़ों में बसा उनका गृहनगर है। तिब्बत में चीनी नियंत्रण के खिलाफ़ एक असफल विद्रोह के बाद दलाई लामा 1959 में भारत भाग गए।

*चीन की प्रतिक्रिया*

बीजिंग, जो नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा को एक खतरनाक "विभाजनकारी" या अलगाववादी मानता है, ने मंगलवार को इस यात्रा और बिडेन द्वारा हस्ताक्षरित होने वाले विधेयक के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, "हम ... अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह दलाई गुट की चीन विरोधी और अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह पहचाने, तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करे, उसके साथ किसी भी तरह के संपर्क से दूर रहे और गलत संदेश भेजना बंद करे। हम अमेरिकी पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह तिब्बत को चीन का हिस्सा मानने और तिब्बती स्वतंत्रता का समर्थन न करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करे और उपर्युक्त विधेयक पर हस्ताक्षर न करे।" बीजिंग ने कहा कि वह अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा।
जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री का पदभार संभाला, कई नेताओं ने दी बधाई
डेस्क: जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री का पदभार संभाला। कई जनसेना नेताओं और अन्य लोगों ने कल्याण को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी।



अभिनेता-राजनेता को पंचायत राज और ग्रामीण विकास, पर्यावरण, वन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग सौंपे गए हैं। ग्रामीण जलापूर्ति भी कल्याण के अधीन है। वहीं, समीक्षा बैठकों के लिए उपमुख्यमंत्री का वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की उम्मीद है।


आंध्र प्रदेश में जनसेना, टीडीपी और भाजपा का गठबंधन

बता दें कि कल्याण दक्षिणी राज्य में पीथापुरम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और पहली बार मंत्री बने हैं। आपको मालूम हो कि आंध्र प्रदेश में, जनसेना, टीडीपी और भाजपा के गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की।
क्या अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल और दलाई लामा की हिमाचल में मुलाकात, तिब्बत के लिए लाएगा अच्छा संदेश ?

पूर्व अमेरिकी सदन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी, सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य तिब्बती आध्यात्मिक नेता से मिलने के लिए बुधवार को दलाई लामा के आवास पर पहुंचे। प्रतिनिधिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में दलाई लामा के आवास का दौरा किया, प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख माइकल मैककॉल ने कहा कि राष्ट्रपति बिडेन जल्द ही एक विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे जिसका उद्देश्य चीन पर तिब्बत विवाद को सुलझाने के लिए दबाव डालना है। रिज़ोल्व तिब्बत एक्ट में बीजिंग से तिब्बती नेताओं के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का आह्वान किया गया है, जो 2010 से रुकी हुई है, ताकि चीन के साथ उनके शासन संबंधी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके। इस विधेयक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच तिब्बत के संबंध में बातचीत के ज़रिए समाधान निकालना है। इसमें चीन से तिब्बती लोगों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई पहचान से जुड़ी इच्छाओं को संबोधित करने का भी आग्रह किया गया है। दलाई लामा के साथ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की बैठक से पहले निर्वासित तिब्बती संसद की उपसभापति डोलमा त्सेरिंग तेखांग ने कहा कि अमेरिकी सांसदों की यात्रा से पता चलता है कि "तिब्बत अकेला नहीं है।" मंगलवार को, नैन्सी पेलोसी सहित अमेरिकी प्रतिनिधियों का एक समूह धर्मशाला के कांगड़ा हवाई अड्डे पर पहुंचा। इसमें प्रतिनिधि मैरिएनेट मिलर-मीक्स, स्पीकर एमेरिटा, प्रतिनिधि ग्रेगरी मीक्स, प्रतिनिधि निकोल मैलियोटाकिस, प्रतिनिधि जिम मैकगवर्न और प्रतिनिधि अमी बेरा भी शामिल थे । केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अधिकारियों ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का उनके आगमन पर स्वागत किया। मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए मैककॉल ने कहा, "हम कल परम पावन से कई चीजों पर बात करने के लिए बहुत उत्साहित हैं, जिसमें कांग्रेस से पारित विधेयक भी शामिल है, जो मूल रूप से कहता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका तिब्बत के लोगों के साथ खड़ा है।" यह पूछे जाने पर कि क्या बिडेन विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे, उन्होंने कहा, "हां, वह करेंगे।" अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने रिज़ॉल्व तिब्बत अधिनियम पारित किया, जो अब कानून बनने के लिए बिडेन के हस्ताक्षर की प्रतीक्षा कर रहा है। यह विधेयक बीजिंग के इस दावे को चुनौती देता है कि तिब्बत हमेशा से चीन का हिस्सा रहा है और चीन से तिब्बत के इतिहास, लोगों और संस्थाओं, जिसमें दलाई लामा भी शामिल हैं, के बारे में गलत जानकारी फैलाना बंद करने का आह्वान करता है। इसके अतिरिक्त, यह चीन से तिब्बत के शासन के बारे में दलाई लामा और अन्य तिब्बती नेताओं के साथ चर्चा शुरू करने का आग्रह करता है। अमेरिकी राजनेता तिब्बत की भाषा और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के दलाई लामा के प्रयासों का समर्थन करने के लिए अक्सर धर्मशाला का दौरा करते रहे हैं, जो पहाड़ों में बसा उनका गृहनगर है। तिब्बत में चीनी नियंत्रण के खिलाफ़ एक असफल विद्रोह के बाद दलाई लामा 1959 में भारत भाग गए। *चीन की प्रतिक्रिया* बीजिंग, जो नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा को एक खतरनाक "विभाजनकारी" या अलगाववादी मानता है, ने मंगलवार को इस यात्रा और बिडेन द्वारा हस्ताक्षरित होने वाले विधेयक के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, "हम ... अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह दलाई गुट की चीन विरोधी और अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह पहचाने, तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करे, उसके साथ किसी भी तरह के संपर्क से दूर रहे और गलत संदेश भेजना बंद करे। हम अमेरिकी पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह तिब्बत को चीन का हिस्सा मानने और तिब्बती स्वतंत्रता का समर्थन न करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करे और उपर्युक्त विधेयक पर हस्ताक्षर न करे।" बीजिंग ने कहा कि वह अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा।

प्रधानमंत्री ने राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन किया, सीएम नीतीश कुमार, विदेश मंत्री जयशंकर मौजूद रहे।*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। नया परिसर नालंदा विश्वविद्यालय के प्राचीन खंडहरों के पास है, जिसे नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के माध्यम से स्थापित किया गया था। यह अधिनियम 2007 में फिलीपींस में दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय के बाद आया था। प्रधानमंत्री ने उद्धघाटन के बाद वृक्ष रोपण भी किया। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजगीर, बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन पर टिप्पणी की। "यह खुशी की बात है कि आज नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जा रहा है। यहां उनकी उपस्थिति इस बात को रेखांकित करती है कि वे नालंदा की शैक्षिक और सांस्कृतिक विरासत को कितना महत्व देते हैं। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम बिहार में हो रहा है।" *नालंदा विश्वविद्यालय का प्राचीन इतिहास* नालंदा विश्वविद्यालय, मूल रूप से पाँचवीं शताब्दी में स्थापित, दुनिया भर के छात्रों को आकर्षित करने वाला एक प्रसिद्ध संस्थान था। यह 800 वर्षों तक फलता-फूलता रहा, जब तक कि 12वीं शताब्दी में इसे नष्ट नहीं कर दिया गया। आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय में कौन से कार्यक्रम पेश किए जाते हैं? आधुनिक विश्वविद्यालय ने 2014 में 14 छात्रों के साथ एक अस्थायी स्थान से संचालन शुरू किया। नए परिसर का निर्माण 2017 में शुरू हुआ। विश्वविद्यालय अब छह स्कूलों की मेजबानी करता है: बौद्ध अध्ययन, दर्शन और तुलनात्मक धर्म स्कूल; ऐतिहासिक अध्ययन स्कूल; पारिस्थितिकी और पर्यावरण अध्ययन स्कूल; और सतत विकास और प्रबंधन स्कूल। नालंदा विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों का केंद्र है। नालंदा विश्वविद्यालय को ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, चीन, इंडोनेशिया और थाईलैंड सहित 17 अन्य देशों से समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों को 137 छात्रवृत्तियाँ प्रदान करता है। 2022-24 और 2023-25 के लिए स्नातकोत्तर कार्यक्रमों और 2023-27 के लिए पीएचडी कार्यक्रम में नामांकित अंतरराष्ट्रीय छात्रों में अर्जेंटीना, बांग्लादेश, कंबोडिया, घाना, केन्या, नेपाल, नाइजीरिया, श्रीलंका, यूएसए और जिम्बाब्वे के छात्र शामिल हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने से पहले उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, "आज बिहार और पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। सौभाग्य से हम लोगों को यह अवसर मिला है। नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। यह वह धरती है जिसने पूरे देश को ज्ञान का प्रसार किया... यह उद्घाटन बिहार को गौरवान्वित कर रहा है। पूरा देश गौरवान्वित है..." इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने काशी में संध्या गंगा आरती कर काशी की जनता को धन्यवाद दिया।
उबल रहे देश के अधिकांश राज्य, तापमान 44-47 डिग्री सेल्सियस के बीच बरकरार*
#delhi_up_bihar_heat_wave
देश के ज्यादातर राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। दिल्ली-एनसीआर में प्रचंड गर्मी को लेकर रेड अलर्ट जारी है। लू के थपेड़ों से अभी दिन तो दिन रात को भी राहत नहीं मिल रही है। बीते 15-20 दिनों से उत्तर प्रदेश, पंजाब व हरियाणा समेत ज्यादातर राज्यों में दिन का तापमान 44-47 डिग्री सेल्सियस के बीच बरकरार है। दिल्ली में हालत यह है कि मंगलवार सुबह 8:30 बजे ही पारा 34.8 डिग्री पहुंच गया। यहां अधिकतम तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि यूपी व हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में भीषण लू की स्थिति बनी रहेगी। राजस्थान, एमपी, बिहार, झारखंड, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, विदर्भ व बंगाल के कुछ हिस्सों में भी ऐसे ही हालात रहेंगे। पंजाब, हरियाणा, बिहार व झारखंड में गर्मी का रेड अलर्ट जारी है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में कम से कम 10 जगहों पर मंगलवार को तापमान 45 डिग्री या उससे अधिक दर्ज किया गया। देशभर में उत्तर प्रदेश के उरई में सबसे अधिक 46.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। आईएमडी की वैज्ञानिक सोमा सेन ने बताया कि उत्तर भारत में भीषण गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, 19 से 21 जून के दौरान पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर पश्चिमी यूपी में मौसम थोड़ा करवट लेगा। मौसम विभाग ने 10 राज्यों में अगले दो से तीन दिन में मानसून दस्तक दे सकता है। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 2-3 दिनों के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार और झारखंड में दक्षिण-पश्चिम मानसून दस्तक दे सकता है। अभी बिहार और झारखंड भीषण गर्मी की चपेट में हैं। बिहार की राजधानी पटना का अधिकतम तापमान आज 42 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है। अगले 3 दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में गरज के साथ बारिश की संभावना है। इस दौरान सतह पर 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग के मुताबिक, 19 जून को सिक्किम में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। 19 से 20 जून के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गरज के साथ बारिश की संभावना है। इस दौरान 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।