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मुख्य न्यायाधीश द्वारा लंबित न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा

रायपुर-   मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के निर्देशानुसार रिट, क्रिमिनल अपील, क्रिमिनल रिवीजन, अवमानना प्रकरणों एवं अन्य प्रकरणों में औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (Infructuous Cases) का चिन्हांकन कर सूचीबद्ध करने का कार्य किया जा रहा है। प्रकरणों का भौतिक सत्यापन जिला न्यायालय बिलासपुर, रायपुर एवं दुर्ग में, पदस्थ, 40 न्यायिक अधिकारियों एवं उच्च न्यायालय स्थापना में पदस्थ लगभग 36 अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। उक्त कार्य के 21 वें दिन आज गुरूवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपरोक्त कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इसके दौरान मुख्य न्यायाधीश द्वारा उच्च न्यायालय में चल रहें उच्च न्यायालय के भवन के आधारभूत संरचना के नवीनीकरण के कार्य प्रगति की समीक्षा की गई।

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में 13 मई से 07 जून 2024 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश है, इस दौरान मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (Infructuous Cases) का भौतिक सत्यापन, निराकृत प्रकरणों का डिजीटल माध्यम अर्थात् स्केंनिग उपरान्त भौतिक सत्यापन, एवं उच्च न्यायालय के भवन के आधारभूत संरचना के नवीनीकरण के कार्यों को किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि माननीय उच्चतम् न्यायालय के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों (Infructuous Cases) को चिन्हांकित करने की प्रणाली विकसित किया गया है ताकि ऐसे उपरोक्त चिन्हांकित लंबित प्रकरणों को सुनवाई पश्चात् निराकृत किया जा सके।

जग्गी हत्याकांड; दोषी अभय गोयल ने किया सरेंडर : अब तक 16 दोषी कर चुके हैं आत्मसमर्पण

रायपुर-   NCP नेता राम अवतार जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल ने गुरुवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। अब तक इस मामले में 16 दोषी कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं। इससे पहले, 15 अप्रैल को शूटर चिमन सिंह और विनोद राठौर ने कोर्ट में सरेंडर किया था।

उसके बाद याह्या ढेबर, आरसी त्रिवेदी, तत्कालीन थाना प्रभारी वीके पांडे, CSP कोतवाली अमरीक सिंह गिल और सूर्यकांत तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था।

फिरोज सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत

जग्गी हत्याकांड केस में दोषी फिरोज सिद्दीकी ने सुप्रीम कोर्ट में बेल के लिए आवेदन किया था। 8 मई को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फिरोज को राहत दी थी। सिद्दीकी अभी जमानत पर बाहर है।

21 साल पहले गोली मारकर की गई थी हत्या

4 जून 2003 को एनसीपी नेता रामावतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे। जिनमें से बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सजा मिली थी। हालांकि बाद में अमित जोगी बरी हो गए थे। रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने अमित जोगी को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। जिस पर अमित के पक्ष में स्टे है।

ये हैं दोषी

जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृत) विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर दोषी है।

उधारी के 200 रूपए नहीं मिलने पर कर दी युवक की हत्या

रायपुर-   छत्तीसगढ़ की राजधानी में सिर्फ 200 रूपए के लिए आरोपी ने एक युवक की हत्या कर दी। हत्यारें ने लकड़ी के पटिया से तब तक के मारा जब तक की उसकी जान न निकल गई। पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना टिकरापारा थाना क्षेत्र के संजय नगर की है। आरोपी का नाम तुषार साहू है।

दरअसल, 2 जून को भजन लाल यादव 37 वर्ष निवासी संजय नगर केसरी किराना स्टोर के पास खडा था। उसी दौरान उसी मोहल्ले का निवासी आरोपी तुषार साहू आया और उधारी की रकम दो सौ रुपये मांगने लगा। नही देने पर आरोपी आक्रोशित हो गया और हाथ-मुक्का व लकडी के पटिया से ताबड़तोड़ वार कर दिया। घटना के बाद मृतक को उपचार के लिए परिजन मेकाहारा अस्पताल लेकर गये, जहां से उसे डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रिफर किया गया। डॉक्टरों ने उपचार के दौरान युवक के मौत की पुष्टि की। थाना गोलबाजार द्वारा शून्य में मर्ग कायम कर केस डायरी थाना टिकरापारा को सौंपा गया।

एसएसपी संतोष सिंह ने हत्या की वारदात को गंभीरता से लिया और आरोपी को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। पुलिस टीम द्वारा प्रकरण को गंभीता से लेते हुए तत्काल घटना स्थल पहुंचकर लोगो से पूछताछ कर जानकारी जुटाई गई। पुलिस ने 6 जून को आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी तुषार साहू पिता यशवंत साहू उम्र 24 वर्ष से पूछताछ कराने पर हत्यारे ने हत्या कि बात कबूल की। आरोपी के खिलाफ आगे कि कार्रवाई की जा रही है।

कार्रवाई में निरीक्षक दुर्गेश रावटे थाना प्रभारी टिकरापारा, उप निरीक्षक पवन पटवा, प्रधान आरक्षक प्रदीप कुर्रे, महेश नेताम, आरक्षक सुनील पाठक, अश्वन साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

नीलेश क्षीरसागर बने कांकेर के नए कलेक्टर, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

रायपुर- आचार संहिता खत्म होते ही IAS के तबादले शुरू हो गए हैं। नीलेश क्षीरसागर को कांकेर का नया कलेक्टर बनाया गया है।

रायपुर में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने की SSP संतोष सिंह से यातायात पुलिस की शिकायत

रायपुर-   राजधानी रायपुर में ऑटो और ई रिक्शा चालकों की मनमानी की शिकायतें लगातार यातायात विभाग और जिला प्रशासन को मिल रही थी. जिसके बाद दोनों विभागों ने मिलकर ऑटो और ई-रिक्शा चालकों पर चालान की प्रक्रिया शुरू की अब इस चालान कार्रवाई को लेकर ऑटो और ई-रिक्शा चालक में आक्रोश है.

आचार संहिता लगने के बाद से बिना परमिट वाले और संख्या से अधिक सवारी बैठाकर ऑटो रिक्शा संचालित करने वाले चालकों पर यातायात विभाग द्वारा चालानी कार्रवाई लगातार जारी थी, हालांकि ऑटो और ई रिक्शा चालकों का कहना है की चालानी कार्रवाई की धमकी देकर यातायात पुलिस उनसे अवैध वसूली करते थे. जिससे सभी ऑटो और ई रिक्शा संचालक काफी परेशान है. इन्हीं शिकायतों को लेकर ई-रिक्शा चालक आज रायपुर एसएसपी संतोष सिंह को ज्ञापन सौंपने कलेक्ट्रेट स्थित एसपी ऑफिस पहुंचे और सभी मुद्दों से अवगत कराते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा.

ऑटो चालकों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा ऑटो और ई-रिक्शा चालकों पर परमिट शर्तों को लेकर 5000 या उससे अधिक जुर्माने की कार्रवाई की जा रही थी. चालकों को भारी भरकम चालान का डर दिखाकर अवैध वसूली भी करना प्रारंभ कर दिया गया था. विगत 6 महीने के दौरान चुनाव के चलते कई वाहन चालकों का कागजात नहीं बन पाया. 15 जून को स्कूल भी खुल रहे हैं. अपने बच्चों के लिए किताब और फीस जोड़कर बच्चों के एडमिशन दिलाने में सभी लगे हुए है. ऐसे में गरीब तबके के वाहन चालकों का कहना है उन पर भारी जुर्माना होने से सभी गंभीर संकट में फंस रहे हैं.

ज्ञापन सौंपने पर इन सब बातों को लेकर एसपी ने 2 महीने के अंदर कागजात बनाने का समय दिया है. और इस बात का आश्वासन दिया कि इस दौरान कोई भी कार्यवाई नहीं की जाएगी.

हसदेव अरण्य में रोक के बावजूद हो रही जंगल की कटाई, नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र…

रायपुर-  विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को पत्र लिख कर हसदेव अरण्य कोल फील्ड के सभी कोल ब्लॉक से उत्खनन एवं वृक्षों के विरोहन की गतिविधियों को रोक लगाने एवं कूट रचित उत्तरदायित्व व्यक्तियों के खिलाफ अपराध पंजीबद करने के निर्देश देने आग्रह किया है.

डॉ. चरणदास महंत ने पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने परसा कोल ब्लॉक में उत्खनन के लिए आवश्यक अनुमतियां हासिल करने के लिए फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव पास करने की ग्रामीणों के आरोपों की जांच की हैं. इस जांच में आयोग ने ग्राम सभा की फर्जी कार्यवाही के आरोपों को प्राथमिक रूप से सही पाते हुए परसा कोल ब्लॉक में खनन के लिए कोई भी अग्रिम कार्यवाही न करते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश 30 मई 2024 को किया है. आदेश की प्रति संलग्न है.ग्राम सभाओं की बैठकों में प्रस्ताव प्रस्तुत किए बिना तथा प्रस्ताव पारित हुए बिना ही कूट रचना करके कार्यवाही विवरणों में प्रस्ताव पारित होने का उल्लेख करना गंभीर आपराधिक मामला है, जिसे षड़यंत्रपूर्वक अंजाम दिया गया है. इस कूट रचित कार्यवाही विवरण के कारण ही 02.02.2022 के भारत सरकार की ओर से कोल ब्लॉक आवंटन रकबा 1136 हेक्टेयर (ग्राम परसा तथा केते) के लिए अनुमतियां दी गई. 23.10.2021 को अनसूईया उईके, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन राज्यपाल की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र प्रेषित करते हुए ग्राम सभाओं की कूट रचित कार्यवाहियों की जांच करने, प्रतिवेदन प्रस्तुत करने और जांच होने तक परसा कोल ब्लॉक में उत्खनन संबंधी कार्यवाहियों को रोक देने के लिए निर्देशित किया गया था, पत्र की प्रतिलिपि संलग्न है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में 26 जुलाई 2022 को सर्वसम्मति से यह अशासकीय संकल्प स्वीकृत किया गया था कि, इस सदन का मत है कि हसदेव क्षेत्र में आवंटित सभी कोल ब्लॉक रद्द किए जाएं. सम्पूर्ण हसदेव अरण्य कोल फील्ड (जिसमें परसा कोल ब्लॉक शामिल है) पर संविधान की पांचवीं अनुसूची प्रभावी है और इसलिए इस क्षेत्र में पंचायत अनुबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 (PESA) लागू है. इस अधिनियम की धारा 4 के खंड (ड.) के अनुसार यह आवश्यक है कि क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम सभा के द्वारा सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं का अनुमोदन किया जाए. परंतु परसा कोल ब्लॉक के मामले में इसका पालन नहीं किया गया है. इसके अलावा भूमि का अर्जन करने तथा परियोजना से प्रभावित व्यक्तियों को फिर से बसाने या उनको पुनर्वासित करने के संबंध में भी धारा 4 के खंड (झ) का पालन नहीं किया गया है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली तथा उच्चतम न्यायालय के आदेशों के पालन में कार्यवाहियां करते हुए राज्य सरकार की ओर से हसदेव अरण्य कोल फील्ड की Biodiversity Assessment Study, Indian Council of Forestry Research and Education (ICFRE) Dehradun तथा Wild Life Institute of India से करवाई गई. इसका प्रतिवेदन राज्य सरकार को 2022 में प्राप्त हो चुका है, परंतु इस प्रतिवेदन की अनुशंसाओं की भी घोर उपेक्षा की जाकर राज्य के द्वारा कोयला उत्खनन की गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ विधान सभा सामान्य निर्वाचन, 2023 की मतगणना का परिणाम आने के पश्चात् और नई सरकार का गठन होने के पहले ही दिनांक 11.12.2023 को हसदेव अरण्य के उपरोक्त कोल फील्ड में 91.130 हेक्टेयर वन क्षेत्र में 15307 नग वृक्षों के विदोहन की अनुमति अधिकारियों के द्वारा अनाधिकृत रूप से जारी कर दी गई, जो अवैधानिक है.

उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि, राज्य सरकार न तो संविधान का सम्मान कर रही है, न विधानसभा के संकल्प का सम्मान कर रही है, न अनुसूचित जनजातियों के हितों के प्रति गंभीर है, न ”PESA “ के प्रावधानों का पालन कर रही है, और न वन क्षेत्रों के बायोडायवर्सिटी की चिंता है. राज्य सरकार का एक मात्र लक्ष्य है किसी भी दशा में कोयला का उत्खनन होने देना, जिससे किसी बाहरी कंपनी विशेष को अत्यधिक लाभार्जन होगा. प्रभावित हजारों वनवासियों के द्वारा लम्बी अवधि से कोयला उत्खनन के विरूद्ध आंदोलन किया जा रहा है. हसदेव अरण्य कोल फील्ड के अतिरिक्त ऐसे अनेक कोल ब्लॉक प्रदेश में हैं, जिनका आवंटन किया जा सकता है. अतः राज्य को और वनवासियों को अपूरणीय क्षति पहुंचाकर उसी क्षेत्र से कोयला उत्खनन किया जाना कतई आवश्यक नहीं है, अतएव ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो चुकी हैं कि राज्य के राज्यपाल महोदय इसमें तत्काल हस्तक्षेप करें और उनको प्रदत्त विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए हसदेव अरण्य क्षेत्र में स्थित विषयांकित कोल ब्लॉक तथा अन्य सभी कोल ब्लॉक से कोयला उत्खनन एवं वृक्षों के विदोहन की गतिविधियों पर रोक लगाएं और ग्राम सभाओं की कूटरचित कार्यवाहियों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने निर्देशित करें.

छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार करने सुशासन पर गठित वर्किंग ग्रुप की बैठक, जनकल्याणकारी कार्यों में सुशासन लाने पर हुआ विचार-विमर्श

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट 2047 को लेकर राज्य नीति आयोग में बैठकों और विचार-विमर्श का सिलसिला लगातार जारी है। नवा रायपुर स्थित आयोग के कार्यालय में सुशासन और पारदर्शिता को लेकर हुई बैठक में सुशासन पर गठित वर्किंग समूह के सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सुशासन पर गठित वर्किंग समूह की इस पहली बैठक में रोजगार, जनभागीदारी, पारदर्शिता और टेक्नालॉजी को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। इस बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेन्द्र तिवारी तथा मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत मौजूद थे।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने राज्य नीति आयोग द्वारा अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने हेतु गठित कार्य समूहों से शीघ्र जरूरी जानकारी समय सीमा में प्रस्तुत करने कहा। सुशासन और अभिशरण विभाग के सचिव और मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर विकसित छत्तीसगढ़ और सुशासन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने देश के जाने-माने विशेषज्ञों के साथ बौद्धिक विचार-विमर्श किया। आईआईएम रायपुर में हुए इस बौद्धिक विचार-विमर्श में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद के सदस्यों और विशेषज्ञों ने अपने विचारों को साझा किया। इस चर्चा में गुड गवर्नेंस की महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। नीति आयोग में आयोजित बैठक में सुशासन के लिए निर्धारित प्रमुख लक्ष्यों, प्रमुख चुनौतियों तथा विभागीय विजन संबंधी प्रस्तुतिकरण दिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेन्द्र तिवारी ने भी विजन डाक्यूमेंट के संबंध में सुशासन के लिए महत्वपूर्ण तथ्य रखे। विधि विभाग के सचिव रजनीश श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के संबंध में सुशासन के लिए काननू व्यवस्था, विधि-विधायी संबंधी महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने विभागीय गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। योजना एवं आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग के सचिव अंकित आनंद ने भी छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट के लिए विभाग के महत्वपूर्ण बिन्दुओं को प्रस्तुत किया। इसी तरह से नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारियों ने विजन डाक्यूमेंट के संबंध में विभागीय जानकारी प्रस्तुत की।

वर्किंग ग्रुप की बैठक में नीति आयोग के सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, विधि विधायी कार्य विभाग, चिप्स के अधिकारी, राज्य नीति आयोग के सलाहकार संस्थाओं के प्रतिनिधि सहित नीति आयोग के अन्य सदस्य मौजूद रहे। बैठक में जिलों के कलेक्टर और एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से शामिल हुए। सदस्यों के बीच सुशासन के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चा हुई।

केंद्रीय कैबिनेट में छत्तीसगढ़ के सांसद को मिलेगी जगह? सवाल पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिया बड़ा बयान

रायपुर- सीएम विष्णु देव साय आज रात दो दिन के दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं। दोपहर ठाकरे परिसर में पत्रकारों से चर्चा में मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना पर कहा कि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। उन्होंने तीसरी बार शपथ लेने के लिए मोदी को शुभकामनाएं दी।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कांग्रेस के बड़े-बड़े सूरमा को चूरमा बना दिया - सीएम साय लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बड़े-बड़े सूरमा को हमारे प्रत्याशियों ने चूरमा बना दिया। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को पटखनी देकर और चार-चार पूर्व मंत्रियों को हराकर हमारे प्रत्याशी आए हैं। मैं सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ। चुनाव में जनता के आशीर्वाद से मिली ऐतिहासिक जीत के बाद जिम्मेदारी और बढ़ गई है। जिस पर हम सबको खरा उतरना है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उक्त बातें कही और छत्तीसगढ़ के सभी नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों को जीत की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली और केंद्र में भी एनडीए गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर छत्तीसगढ़ की जनता की मुहर है। इस ऐतिहासिक परिणाम के लिए प्रदेश की जनता को धन्यवाद, बधाई एवं शुभकामनाएं।

साय ने भाजपा कार्यकर्ताओं को जीत की बधाई देते हुए कहा कि तपती गर्मी में पार्टी के कार्यकर्ता, संगठन के पदाधिकारी, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक एवं सदस्यों के कठिन परिश्रम की बदौलत हमें ऐतिहासिक परिणाम प्राप्त हुए हैं। इसके लिए सभी को बहुत-बहुत बधाई एवं धन्यवाद देता हूँ। पड़ोसी राज्य झारखंड और ओडिशा की जीत का श्रेय राज्य के मंत्रियों, भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को देते हुए उन्होंने कहा कि सबके अथक मेहनत से हमनें दोनों राज्यों में भाजपा का परचम लहराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने 54 सीटों के साथ 46 प्रतिशत वोट प्राप्त किये थे और अब लोकसभा चुनाव में 6 प्रतिशत वोटों की वृद्धि हुई है, जिससे कि 68 विधानसभा सीटों में हमें जीत प्राप्त हुई है। इस पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार है और अब लोकसभा में जनता ने प्रचंड जीत दिलाकर बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। पड़ोसी राज्य ओडिशा और झारखंड में भाजपा की जीत पर उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में आयोजित जनसभा के दौरान मुझे मंच में आधे से ज्यादा हमारे छत्तीसगढ़ के नेताओं की मौजूदगी नजर आती थी। सबके प्रयासों से दोनों राज्यों में भाजपा इस मुकाम पर पहुंची है।

विष्णु देव साय ने कहा कि ओडिशा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के साथ हमारी सरकार बन रही है। राज्य में लोकसभा और विधानसभा के ऐतिहासिक जनादेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर मुहर लगायी है। वहां 25 साल सत्ता में रहे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को दोनों सीट में हराने में भारतीय जनता पार्टी कामयाब हुई है। जहाँ-जहाँ हमारे छत्तीसगढ़ के नेता, मंत्री, कार्यकर्ता प्रचार के लिए गए थे वहां-वहां भारतीय जनता पार्टी को अच्छी सफलता मिली है।

प्रबंधन समिति की बैठक में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, चुनाव प्रबंधन समिति के के संयोजक शिवरतन शर्मा, सह संयोजक भूपेंद्र सव्वनी,सरला कोसरिया वरिष्ठ नेता प्रेम प्रकाश पाण्डेय सहित विधायक गण, नव निर्वाचित सांसद गण उपस्थित रहे।

वट सावित्री पर्व पर रायपुर मुख्यमंत्री निवास में सुहागन महिलाओं ने की वटवृक्ष की पूजा-अर्चना

रायपुर- आज वट सावित्री व्रत के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय की अगुवाई में दर्जन भर महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर सुहागन महिलाओं ने बरगद के पेड़ की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करते हुए वटवृक्ष की परिक्रमा की और अपने-अपने पति की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की। पूजा के दौरान महिलाओं ने सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनी।

पूजा-अर्चना के बाद कौशल्या साय ने सभी सुहागन महिलाओं को अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह पर्व पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम, स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म की महिलाओं का, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह प्रकृति पूजा का भी पर्व है। इस पर्व में हम सब पेड़ों की पूजा, मिट्टी की पूजा भी करते हैं। इस व्रत को सुहागन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए करती हैं। इस अवसर पर मैं देश और प्रदेश की सभी सुहागन महिलाओं को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूँ। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कहा कि हम सबको मिलकर पेड़ों के संरक्षण की दिशा में काम करना है।

छत्तीसगढ़ सस्टनेबिलिटी एंड रिजनरेटिव डेव्हलपमेंट के मामले में बनेगा अग्रणी राज्य

रायपुर-   सस्टनेबिलिटी एंड रिजनरेटिव डेव्हलपमेंट के मामले में छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने आज राज्य नीति आयोग में गहन विचार-विमर्श किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ के विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार करने के लिए वर्किंग ग्रुप के सदस्यों ने अपने विचार रखे। नया रायपुर स्थित राज्य नीति आयोग में हुई इस बैठक में सदस्यों ने इस विषय पर के लघु, मध्यम एवं दीर्घकालिक लक्ष्यों पर सुझाव दिए।

गौरतलब है कि विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का उत्तरदायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है। सितंबर 2024 तक विजन डॉक्यूमेंट का अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अपेक्षा की गई है इसके लिए अलग-अलग विषयों पर आठ वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं। बैठक में राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव एवं सदस्य के. सुब्रमण्यम, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ धीरेंद्र तिवारी ने विभागों द्वारा बनाए गए लघु ,मध्यम एवं दीर्घकालिक विजन एवं रणनीतियों पर सुझाव दिए।

वर्किंग ग्रुप के सदस्यों ने जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीले टिकाऊ सोसाइटी, विभिन्न सूचकांकों, एसडीजी सूचकांक, ऊर्जा और जलवायु सूचकांक, कार्बन फुटप्रिंट, कृषि, वानिकी, राज्य में स्थापित उद्योगों, भूमि, वायु, जल, अपशिष्ट और ऊर्जा पर प्रभाव का आंकलन, प्रौद्योगिकी संचालित अनुसंधान एवं विकास, सरकारी वित्त पोषण और निजी पूंजी निवेश, जागरूकता और संवेदनशीलता, पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना, सामाजिक समानता को बढ़ावा देना, लोक कल्याण में वृद्धि सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।

सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव और सदस्य के. सुब्रमण्यम ने कहा कि हमेंअब सतत विकास के साथ साथ पुर्नयोजित विकास पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि दिनों दिन वन कम होते जा रहे हैैं, जिसके कारण वनोपज का उत्पादन कम होते जा रहा है, जो चिंता का विषय है, वन महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो विशेष ध्यान देने का विषय है। वनों के संरक्षण के लिए हमें स्पष्ट रोड मैप बनाने की जरूरत है। नदियों के आसपास लगातार माइनिंग हो रहा है जो चिंता का विषय है। हमें ग्रास लैंड को बचाना होगा इससे इकोसिस्टम बेहतर होगा और जैव विविधता संरक्षित होगी। हमें नवीकरण ऊर्जा पर ध्यान देना होगा। बैठक में वेस्ट मैनेजमेंट, लैंड फील साइट, रीसाइक्लिंग, सामाजिक भागीदारी, सिवरेज डिस्पोजमेंट विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में सुशासन अभिसरण विभाग योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, खनिज संसाधन विभाग, ऊर्जा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आवास एवं पर्यावरण विभाग वन संरक्षक भू प्रबंधन, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ नवीकरण ऊर्जा विकास एजेंसी, आयुक्त मनरेगा, संचालक पंचायत, छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ, कृषि किसान कल्याण एवं जैविक प्रौद्योगिकी विभाग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी इनक्यूबेशन सेंटर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, संचालक नगर एवं ग्राम निवेश के अधिकारियों ने अपने विभाग के लक्ष्य, चुनौतियां एवं सामर्थ्य का प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में कलेक्टर जिला कबीरधाम, कलेक्टर जिला सूरजपुर वर्चुअली शामिल हुए।