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चुनावी नतीजों से पहले INDIA गठबंधन ने बुलाई बैठक, 1 जून को दिल्ली में जुट रहे विपक्षी नेता

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लोकसभा चुनाव के सातवें चरण और अंतिम चरण के लिए कल यानी 1 जून को वोट डाले जाने हैं। इसी दिन विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की दिल्ली में एक अहम बैठक हो रही है। इस बैठक में इंडिया गठबंधन से जुड़े सभी दलों के दिग्गज शामिल हो रहे हैं। विपक्षी गठबंधन से अलग होकर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने वाली टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस बैठक का हिस्सा नहीं होंगी लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के किसी प्रतिनिधि को भेजने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के नेता चुनाव के नतीजों को लेकर समीक्षा करेंगे। साथ ही साथ आपस मे एकजुटता बनाए रखने की कोशिश पर जोर देंगे।

कल्पना सोरेन भी होंगी बैठक का हिस्सा

दिल्ली में एक जून को इंडिया गठबंधन की होने वाली बैठक में सभी सहयोगियों को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस की मेजबानी में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में शरद पवार से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉफ्रेंस से फारुख अब्दुल्ला, डीएमके से तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, जेएमएम से सीएम चंपई सोरेन, कल्पना सोरेन और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल शामिल होंगे। शिवेसना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे देश से बाहर हैं, जिसके चलते उनकी जगह पर पार्टी का प्रतिनिधि शिरकत करेगा। इसके अलावा इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दूसरे नेता भी हिस्सा लेंगे। कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल सहित पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे।

नतीजों से पहले ये बैठक क्यों है अहम?

2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के पक्ष में कई लहर नहीं देखी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं कि अलग-अलग राज्य में अलग तरह की राजनीतिक लहर देखने को मिल रही है। 2014 और 2019 की तरह बीजेपी के पक्ष में इस बार लहर नहीं है। ऐसे में बीजेपी के लिए अपने पुराने नतीजे को दोहराना आसान नहीं है। एनडीए गठबंधन अगर बहुमत से दूर रहता है तो फिर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की भूमिका अहम हो जाएगी। ऐसे में इंडिया गठबंधन नतीजे के बाद की स्थिति को लेकर विचार-विमर्श और भविष्य की रणनीति पर अभी से ही मंथन करने में जुट गया है।

क्या इंडिया गठबंधन को मिल रहा स्पष्ट बहुमत

वहीं, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल भी ये दावा कर रहे हैं कि इस बार इंडिया गठबंधन सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि इस लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन स्पष्ट व निर्णायक जनादेश हासिल करेगा और नतीजों के 48 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री का चयन कर लिया जाएगा। लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के मतदान से पहले प्रचार के आखिरी दिन इंटरव्यू में जयराम रमेश ने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन में जिस पार्टी को सबसे अधिक सीट मिलेंगी, वही पार्टी अगली सरकार के नेतृत्व के लिए स्वाभाविक दावेदार होगी। उनका यह भी कहना था कि बहुमत मिलने के बाद एनडीए के भी कुछ साथी शामिल हो सकते हैं। हालांकि कांग्रेस आलाकमान को यह तय करना होगा कि उन्हें गठबंधन में शामिल किया जाए या नहीं।

उत्तराखंड सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अब इस तारीख तक लगाई चारधाम यात्रा में VIP दर्शन पर रोक

चारधाम यात्रा में उमड़ रही भक्तों की भीड़ के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने बृहस्पतिवार को मंदिरों में VIP दर्शन पर प्रतिबंध 10 जून तक के लिए बढ़ा दिया. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस सिलसिले में एक चिट्ठी लिखकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को सूचित कर दिया है.

वही अपनी चिट्ठी में रतूड़ी ने अपने समकक्षों को जनता को अनिवार्य पंजीकरण के बारे में जागरूक करने के लिए आभार जताते हुए कहा कि उनके सहयोग की वजह से प्रदेश सरकार को चारधाम यात्रा के प्रभावी प्रबंधन में सहायता प्राप्त हुई है. मुख्य सचिव ने अनुरोध किया कि मंदिरों में भक्तों की भारी संख्या के मद्देनजर सुविधा की दृष्टि से 10 जून तक गणमान्य व्यक्ति तथा अन्य VIP धामों के दर्शन के लिए न आएं.

वही इससे पहले, प्रदेश सरकार ने 25 मई तक VIP दर्शन पर पाबंदी लगायी थी, जिसे बाद में 31 मई तक बढ़ा दिया गया. 10 मई को चारधाम यात्रा आरम्भ होने के पश्चात् से अब तक 13.84 लाख भक्त भगवान के दर्शन कर चुके हैं. अब तक केदारनाथ में 5 लाख 70 हजार 465, बदरीनाथ में 3 लाख 20 हजार 773, यमुनोत्री में 2 लाख 50 हजार 826 और गंगोत्री में 2 लाख 42 हजार 624 भक्त पहुंच चुके हैं.

प्राइवेट पार्ट में छिपाकर लाई 1 किलो सोना, ऐसे पकड़ी गई एयर हॉस्टेस सुरभि खातून

#air_hostess_gold_smuggling

केरल के कन्नूर एयरपोर्ट पर एअर इंडिया एक्सप्रेस की एक एयर होस्टेस के पास से लगभग एक किलो सोना बरामद किया गया है। इसके बाद उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया।एयर होस्टेस की पहचान सुरभि खातून के रूप में हुई है, जिसे अपने मलाशय में लगभग 960 ग्राम सोना छुपा रखा था।वह एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान के लिए काम करती है और 28 मई को मस्कट से कन्नूर में उतरने वाले विमान की केबिन क्रू सदस्य थी। 

एक विशेष सूचना पर, डीआरआई अधिकारियों ने कोलकाता की मूल निवासी सुरभि खातून को उस समय रोका, जब वह मंगलवार को मस्कट से उड़ान से आई थी। उसकी जांच की गई तो मलाशय में छुपाए गए 960 ग्राम सोना बरामद हुआ। खातून को बाद में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

डीआरआई ने बताया कि साथियों की पहचान करने और ऑपरेशन से जुड़े सोने की तस्करी के नेटवर्क का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। सूत्र के अनुसार, सुरभि ने कुछ लोगों के नामों का खुलासा किया है जिन्होंने उसे तस्करी गतिविधियों के लिए काम पर रखा था। डीआरआई इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या केबिन क्रू के और सदस्य तस्करी की गतिविधियों में शामिल थे। पता चला है कि पूछताछ में कथित तौर पर तस्करी में चालक दल के और सदस्यों की संलिप्तता के बारे में विवरण का खुलासा हुआ है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों की संभावना है।

*प्राइवेट पार्ट में छिपाकर लाई 1 किलो सोना, ऐसे पकड़ी गई एयर हॉस्टेस सुरभि खातून*
#air_hostess_gold_smuggling
केरल के कन्नूर एयरपोर्ट पर एअर इंडिया एक्सप्रेस की एक एयर होस्टेस के पास से लगभग एक किलो सोना बरामद किया गया है। इसके बाद उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया।एयर होस्टेस की पहचान सुरभि खातून के रूप में हुई है, जिसे अपने मलाशय में लगभग 960 ग्राम सोना छुपा रखा था।वह एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान के लिए काम करती है और 28 मई को मस्कट से कन्नूर में उतरने वाले विमान की केबिन क्रू सदस्य थी। एक विशेष सूचना पर, डीआरआई अधिकारियों ने कोलकाता की मूल निवासी सुरभि खातून को उस समय रोका, जब वह मंगलवार को मस्कट से उड़ान से आई थी। उसकी जांच की गई तो मलाशय में छुपाए गए 960 ग्राम सोना बरामद हुआ। खातून को बाद में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। डीआरआई ने बताया कि साथियों की पहचान करने और ऑपरेशन से जुड़े सोने की तस्करी के नेटवर्क का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। सूत्र के अनुसार, सुरभि ने कुछ लोगों के नामों का खुलासा किया है जिन्होंने उसे तस्करी गतिविधियों के लिए काम पर रखा था। डीआरआई इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या केबिन क्रू के और सदस्य तस्करी की गतिविधियों में शामिल थे। पता चला है कि पूछताछ में कथित तौर पर तस्करी में चालक दल के और सदस्यों की संलिप्तता के बारे में विवरण का खुलासा हुआ है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों की संभावना है।
दिल्ली में जल संकट पर सियासत, बीजेपी नेता बांसुरी स्वराज का “आप” सरकार पर गंभीर आरोप
#delhi_water_crisis
प्रचंड गर्मी से देशभर के लोग बेहाल हैं। इस भीषण गर्मी में अगर कुछ राहत दे रही है, तो वो है ठंडी हवा और ठंडा पानी। हालांकि, बदन को झुलसा देने वाली गर्मी में देश की राजधानी दिल्ली में लोग बूंद-बूंद पानी के ले तरस रहे हैं।भीषण गर्मी के बीच दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट गहरा गया है। जिसके बाद दिल्ली में लोगों को टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। देश की राजधानी में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। हालांकि टैंकर से लोगों को पानी मुहैय्या कराया जा रहा है। लेकिन, वो लोगों के लिए नाकाफी है। पानी को लेकर लोग इतने परेशान हैं कि सुबह ही लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है। एक बाल्टी पानी के लिए सुबह से कई घंटों तक लाइन में लगने के बाद जैसे ही दोपहर के 1 बजते हैं और टैंकर दिखाई देता है, लोग तुरंत दौड़ पड़ते हैं। हालत तो इतनी खराब है कि लोग टैंकर के ऊपर चढ़ जाते हैं और एक दूसरे को धक्का देने लगते हैं।ऐसी हालत में कोई गंभीर रूप से घायल भी हो सकता है। दिल्ली में जारी जल संकट को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि पानी के टैंकर देखते ही लोग टैंकर के पीछे पाइप और बाल्टी लेकर दौड़ लगा रहे हैं। पानी लेने के लिए लोग लंबी-लंबी कतार में खड़े हुए हैं। जल संकट इतना गहरा गया है कि दिल्ली सरकार को इमरजेंसी बैठक बुलानी पड़ी। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने पानी बर्बाद करने वाले पर जुर्माना लगाने का ऐलान किया है। बढ़ते जलसंकट के बीच दिल्ली सरकार ने आज यानी 31 मई को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केजरीवाल सरकार ने कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि जल संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश, हरियाणा औ हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी दिया जाए। वहीं, दिल्ली में पानी की कमी को लेकर बीजेपी नेता बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है। बांसुरी स्वराज ने कहा कि ये बहुत ही दुर्भागपूर्ण है कि दिल्ली के कई इलाके पानी की गंभीर किल्लत से जूझ रहे हैं। लोगों को टैंकर के पीछे पाइप और बाल्टी लेकर दौड़ते देखा जा रहा है।महिलाओं को एक बाल्टी पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। बीजेपी प्रत्याशी बांसुरी स्वराज ने कहा कि आप सरकार की पानी माफियाओं से मिलीभगत के कारण दिल्ली वासी पानी के त्राहीमाम कर रहे हैं।
भाजपा को मिलेगी मात्र 230 सीट..', केजरीवाल के पूर्व साथी की भविष्यवाणी से गदगद हुए शशि थरूर, बताया दिलचस्प समय

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वह चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव के इस "संशोधित" अनुमान से "आश्चर्यचकित" हैं कि भाजपा लोकसभा चुनाव में 272 के बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएगी। थरूर की यह प्रतिक्रिया यादव द्वारा हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार के बाद आई है, जिसमें उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि भाजपा 250 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी और यदि सत्ता विरोधी लहर को ध्यान में रखा जाए तो यह 230 तक गिर सकती है। यादव के अनुसार, भाजपा के सहयोगी दल 35 से 40 सीटें जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा 230 सीटें ही जीत पाती है, तो वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर भी 272 का बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी। जवाब में थरूर ने इसे "आने वाला दिलचस्प समय" बताया।

थरूर ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि, "आश्चर्यजनक: योगेंद्र यादव ने अपने पहले के अनुमानों को संशोधित किया है और अब कहते हैं कि भाजपा निश्चित रूप से 272 सीटों से पीछे रह जाएगी। उन्होंने करण थापर से कहा कि भाजपा 250 सीटों तक नीचे जा सकती है, लेकिन यदि सत्ता विरोधी लहर मजबूत रही तो यह 230 तक भी गिर सकती है। योगेंद्र यादव का कहना है कि उनका अनुमान है कि एनडीए के बाकी दल 35 से 40 सीटें जीतेंगे।" उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह है कि यदि भाजपा 230 सीटों तक भी गिर गई तो वह शेष NDA के समर्थन के साथ भी 272 के बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएगी। आगे दिलचस्प समय आने वाला है!"

साक्षात्कार के दौरान यादव ने भविष्यवाणी की कि कांग्रेस 2019 में अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकती है और यह तिगुनी संख्या तक पहुंच सकती है। यादव ने साक्षात्कार में कहा, "कांग्रेस के पिछले बार से बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है। उनकी सीटें 52 थीं। मुझे लगता है कि कांग्रेस को कम से कम 90 से 100 सीटें मिलेंगी। भाजपा के खिलाफ मजबूत लहर की स्थिति में कांग्रेस को 120 सीटें मिल सकती हैं।"इससे पहले, यादव ने एक अन्य साक्षात्कार में भविष्यवाणी की थी कि अकेले भाजपा 260 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी और 300 का आंकड़ा पार करना "असंभव" होगा। उनके सर्वेक्षण पूर्वानुमान ने यह भी संकेत दिया कि भगवा पक्ष 275 या 250 सीटों के आंकड़े से भी नीचे गिर सकता है। 

यादव ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस 85 से 100 सीटें जीतेगी, तथा इसके इंडिया ब्लॉक सदस्यों को 120 से 135 सीटें मिलेंगी, जिससे विपक्षी नेतृत्व वाले गठबंधन को 205 से 235 सीटें मिलेंगी। बता दें कि, योगेंद्र यादव चुनावी विश्लेषक बनने से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के संस्थापक सदस्य थे, वे केजरीवाल के करीबी माने जाते थे। फिर वे किसान आंदोलन में भी देखे गए और अभी चुनावी अनुमान बता रहे हैं। इससे पहले, राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की थी कि भाजपा 2019 के लोकसभा के प्रदर्शन को दोहराएगी, लेकिन 370 सीटों से अधिक नहीं जीत पाएगी। उन्होंने अपने पिछले पूर्वानुमान के समर्थन में यादव का हवाला दिया था। हाल ही में एक इंटरव्यू में किशोर की एक पत्रकार के साथ तीखी नोकझोंक का वीडियो वायरल हुआ था। राजनीतिक रणनीतिकार को अतीत में की गई उनकी दो चुनावी भविष्यवाणियों की याद दिलाई गई जो गलत साबित हुईं, जिनमें 2022 में हिमाचल प्रदेश में "कांग्रेस की आसन्न चुनावी पराजय" भी शामिल है। 

हालांकि, किशोर अपने इस पूर्वानुमान पर अड़े रहे कि भाजपा 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराएगी और लोकसभा चुनावों में करीब 300 सीटें जीतेगी। उन्होंने "घबराए हुए" आलोचकों पर कटाक्ष करते हुए उन्हें सलाह दी कि वे "पानी पीते रहें" और "4 जून को मतगणना के दिन खूब सारा पानी अपने पास रखें।"

48 घंटों में फैसला ले लेंगे..', जयराम रमेश ने बताया- किस तरह चुना जाएगा INDIA गठबंधन का PM ?

 कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि INDIA गठबंधन को लोकसभा चुनाव में 'निर्णायक जनादेश' मिलेगा और प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार पर 48 घंटे से भी कम समय में फैसला कर देंगे। कहा कि यह बात सही है कि गठबंधन में जिस पार्टी को अधिकतम सीटें मिलेंगी, वह नेतृत्व के लिए 'स्वाभाविक दावेदार' होगी।

सात चरणों वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन एक इंटरव्यू में कांग्रेस महासचिव ने विश्वास जताया कि भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) को निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 272 के आंकड़े से "काफी अधिक" सीटें मिलेंगी। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि जब INDIA गठबंधन के घटक दलों को जनता का जनादेश मिल जाएगा, तब NDA के कुछ दल गठबंधन में शामिल हो सकते हैं और कांग्रेस आलाकमान को यह निर्णय लेना होगा कि उन्हें गठबंधन में शामिल किया जाए या नहीं।

यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के बाद JDU प्रमुख नीतीश कुमार और TDP अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू जैसे NDA सहयोगियों के लिए दरवाजे खुले रहेंगे, इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, "नीतीश कुमार पलटी मारने में माहिर हैं।" उन्होंने कहा, "नायडू 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन में थे। मैं कहूंगा कि जब INDIA जनबंधन दलों को लोगों का जनादेश मिलेगा, तो कुछ NDA पार्टियां भी गठबंधन में शामिल हो सकती हैं।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस आलाकमान, खड़गे जी, राहुल जी, सोनिया जी को यह निर्णय लेना होगा कि उन्हें INDIA ब्लॉक में शामिल किया जाए या नहीं।"

जयराम रमेश ने आगे कहा कि INDIA और NDA के बीच अंतर दो 'आई' का है - 'आई' का मतलब ' इंसानियत ' और 'आई' का मतलब ' ईमानदारी ' है। उन्होंने कहा कि जो पार्टियां ' ईमानदारी ' और ' इंसानियत ' रखती हैं, लेकिन NDA में हैं, वे 'INDIA पार्टियों' में शामिल होंगी। रमेश ने कहा कि जनता से जनादेश मिलने के बाद गठित INDIA ब्लॉक सरकार "अधिकारपूर्ण" होगी, लेकिन "अधिनायकवादी" नहीं होगी।उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि हम जीत में बड़े दिल वाले होंगे - कोई प्रतिशोध की राजनीति नहीं, कोई बदले की राजनीति नहीं।

रमेश ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा रहे हैं और दो दिनों तक ध्यान करेंगे। वही विवेकानंद स्मारक जहां से श्री राहुल गांधी ने 7 सितंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी... मुझे यकीन है कि वह (मोदी) इस बात पर ध्यान लगा रहे होंगे कि सेवानिवृत्ति के बाद जीवन कैसा होने वाला है। छह चरणों के मतदान के बाद जमीनी राजनीतिक स्थिति के बारे में उनके आकलन के बारे में पूछे जाने पर जयराम रमेश ने कहा कि, "मैं संख्या में नहीं जाना चाहता लेकिन मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि हमें (INDIA ब्लॉक को) स्पष्ट और निर्णायक बहुमत मिलेगा। 273 स्पष्ट बहुमत है लेकिन यह निर्णायक नहीं है। जब मैं स्पष्ट और निर्णायक कहता हूं तो मेरा मतलब 272 से कहीं अधिक सीटों से है।" उन्होंने दावा किया कि 2004 के नतीजे, जब भाजपा के 'इंडिया शाइनिंग' अभियान के बावजूद कांग्रेस ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए चुनाव जीता था, 2024 में भी खुद को दोहराएंगे।

2019 में चुनाव हार गए थे सिंधिया, क्या इस बार खोई प्रतिष्ठा हासिल कर सकेंगे महाराज? भाजपा-कांग्रेस में सीधा मुकाबला

मध्यप्रदेश के गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को 2019 में मिली हार के दाग को मिटाने की चुनौती है। उनके सामने कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े सिंधिया को भाजपा के केपी यादव ने हराया था। 

इस बार भाजपा ने यादव के स्थान पर सिंधिया को मौका दिया है, जो 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे और इस समय मध्य प्रदेश से राज्यसभा में सांसद हैं। बसपा ने धनीराम चौधरी को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश जरूर की है लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस में ही है। कुल 15 उम्मीदवार यहां से भाग्य आजमा रहे हैं। 

गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट सिंधिया राजपरिवार के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी रही है। इस सीट के अंतर्गत अशोकनगर जिले के साथ ही शिवपुरी और गुना के कुछ हिस्से आते हैं। आठ विधानसभा सीटों में से छह पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है। तीसरे चरण में सात मई को यहां वोटिंग हुई थी। इस बार यहां 72.43 प्रतिशत वोटिंग हुई है। 2019 की बात करें तो इस सीट पर 70.32 प्रतिशत और 2014 में 60.77 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। पिछले चुनावों के मुकाबले बम्पर वोटिंग को सिंधिया के पक्ष में माना जा रहा है लेकिन नतीजा तो चार जून को ही सामने आएगा।  

गुना-शिवपुरी सीट को सिंधिया राजघराने की परंपरागत सीट मानी जाती रही है। 1957 में सिंधिया परिवार ने पहली बार इस सीट पर चुनाव जीता था। 2002 से 2019 तक ज्योतिरादित्य यहां से चुनाव जीते। हालांकि, 2019 में उन्हें किसी समय करीबी रहे केपी यादव के हाथों पराजय मिली। कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह को टिकट दिया है, जो अशोक नगर से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं। राव यादवेंद्र सिंह के पिता देशराज सिंह भाजपा विधायक रहे हैं। यादवेंद्र को छोड़कर उनके परिवार के ज्यादातर लोग भाजपा में लौट चुके हैं।

RBI को मिली बड़ी कामयाबी, ब्रिटेन से वापस भारत लाया गया 100 टन सोना, 1991 में रखा था गिरवी

भारत द्वारा खरीदा गया सोना अब बैंक ऑफ इंग्‍लैंड की तिजोरियों में नहीं रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्रिटेन से 100 टन से ज्‍यादा सोना देश में वापस मंगाया है और इसे अपने भंडार में ट्रांसफर किया है। यह सोना 1991 के बाद से सबसे ज्यादा है, जब इतने बड़े पैमाने पर सोने का भंडार वापस लाया गया है। 

बता दें कि साल 1991 में भारत को देश में विदेशी मुद्रा सकंट के कारण इस सोने को गिरवी रखना पड़ा था, इस दौरान देश की बहुत आलोचना हुई थी। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले महीने में फिर से इतनी ही मात्रा में येलो मेटल को देश में लाया जा सकता है। साल 1991 में गिरवी रखे इस सोने को पहली बार आरबीआई के स्‍टॉक में शामिल किया गया है। 

पिछले साल की तुलना में RBI के सोने के भंडार में 27.5 टन बढ़ा है। अब यह सोना RBI के पास रखा है। रिजर्व बैंक के पास फिलहाल 822 टन सोना है। इसमें से 100.3 टन सोना भारत में रखा है, जबकि 413.8 टन अभी विदेशों में रखा हुआ है। दुनियाभर के बैंकों के लिए ब्रिटेन का बैंक ऑफ इंग्लैंड में पारंपरिक रूप से भंडारगृह का काम करता है। दुनियाभर के बैंक लंदन में अपना सोना रखते हैं। 

रिजर्व बैंक ने बीते कुछ सालों में विदेशों में सोने के बढ़ते भारतीय स्टॉक के चलते इसे अपने देश वापस लाने का निर्णय लिया है। RBI के आधे से अधिक गोल्‍ड भंडार विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित रूप से रखे गए हैं। इसका लगभग एक तिहाई हिस्सा घरेलू स्तर पर रखा गया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने लॉजिस्टिक कारणों के साथ-साथ भंडारण की विविधता को देखते हुए ब्रिटेन से सोना वापस भारत लाया है। 

इंग्‍लैंड से एक हजार क्विंटल सोना लाना आसान काम नहीं था। इसके लिए कई सारी औपचारिकताएं तो पूरा करनी ही पड़ी, साथ ही इसे सुरक्षित भारत लाने को कड़े सुरक्षा इंतजाम भी करने पड़े। RBI के लिए ब्रिटेन केन्द्रीय बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड आजादी के बाद से ही भंडारगृह रहा है। आजादी से पहले भी अंग्रेज यही सोने का स्टॉक करके रखते थे। 100 टन सोने को भारत लाने के लिए महीनों की प्लानिंग की गई और फिर पूरे प्लान को एग्जीक्यूट किया गया।

हिन्दू लड़की-मुस्लिम लड़के की शादी जायज या नहीं ? MP हाई कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, पढ़िए पूरी खबर

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की के बीच विवाह मुस्लिम कानून के मुताबिक, वैध विवाह नहीं है। अदालत ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत अंतर-धार्मिक विवाह के लिए पुलिस सुरक्षा की माँग को भी ठुकरा दिया। 

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर मुख्य बेंच में न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने ये फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने अपने आदेश में कहा कि मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की के बीच विवाह को मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अनियमित (या फासिद) शादी माना जाएगा, भले ही उन्होंने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की हो। उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि, “मुस्लिम कानून के मुताबिक, किसी मुस्लिम लड़के का किसी ऐसी लड़की से शादी वैध विवाह नहीं है, जो मूर्तिपूजक या अग्निपूजक हो। भले ही विवाह स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत पंजीकृत हो, मगर इस्लाम में वो विवाह जायज नहीं माना जाएगा, इसे अनियमित (फासीद) विवाह ही माना जाएगा।” बता दें कि, मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार, निकाह तभी जायज माना जाता है, जब दोनों मुसलमान हों, किसी गैर-मुस्लिम लड़की, या लड़के से शादी करने को इस्लाम में मान्यता नहीं है। इसके लिए उस गैर-मुस्लिम शख्स को पहले इस्लाम कबूल करना होता है, उसके बाद ही उसकी शादी को मान्यता मिलती है। वहीं, इस्लाम में शादी को अन्य धर्मों की तरह जन्म-जन्म का साथ, या पवित्र बंधन नहीं बल्कि एक कॉन्ट्रैक्ट माना जाता है। 

रिपोर्ट के अनुसार, जबलपुर उच्च न्यायालय ने एक हिंदू महिला और मुस्लिम पुरुष द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें हिंदू महिला और मुस्लिम पुरुष ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करने की इच्छा जाहिर की थी। उनके वकील ने अदालत को बताया कि वो दोनों अपना-अपना ही धर्म का पालन करेंगे, वे एक-दूसरे के धर्म नहीं अपनाना चाहते। शादी के बाद भी हिंदू महिला हिंदू धर्म को मानेगी और मुस्लिम पुरुष अपने इस्लाम के मुताबिक चलेगा। ऐसे में इस जोड़े को पुलिस सुरक्षा मिलनी चाहिए, ताकि वो स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह का पंजीकरण करा सकें।

वकील ने अदालत में ये भी कहा कि दो धर्मों के लोग पर्सनल लॉ के तहत शादी नहीं कर सकतें, लेकिन स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत ये जायज होगा। इस पर अदालत ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट को धार्मिक कृयाकलापों के तहत चुनौती तो नहीं दी जा सकती, मगर मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत ऐसी शादी को मान्यता नहीं मिलेगी। ऐसे में ये शादी एक अनियमित (फसीद) शादी होगी। हाई कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले (मोहम्मद सलीम और अन्य बनाम शम्सुद्दीन) का जिक्र किया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि, “जो शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत मान्य नहीं, वो स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत भी मान्य नहीं हो सकती। स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा-4 के हिसाब से शादी तभी हो सकती है, जब दोनों में से कोई एक, दूसरे का धर्म स्वीकार कर ले।” हाई कोर्ट ने इस याचिका को ठुकरा दिया और कहा कि वो बगैर विवाह के साथ नहीं रहना (लिव-इन-रिलेशनशिप में) चाहते और न ही हिंदू लड़की इस्लाम अपना रही। उच्च न्यायालय में हिंदू महिला के परिजनों ने इस शादी का विरोध करते हुए कहा था कि यदि ये विवाह हुआ, तो समाज में उनका बहिष्कार कर दिया जाएगा। साथ ही परिवार ने कहा कि लड़की घर से जाते वक़्त आभूषण भी साथ लेकर गई थी।