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झुलस रहा आधा भारतःदिल्ली में टूटा 100 साल का रिकॉर्ड, 50 डिग्री के करीब पहुंचा पारा
#heat_wave_broke_100_years_record पूरा उत्तर भारत प्रचंड गर्मी से झुलस रहा है। पश्चिमी राजस्थान और दिल्ली में तो एक तरह से आसमान से आग बरस रही है। मंगलवार को चार दर्जन से अधिक स्थानों का अधिकतम तापमान 45 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया। राजस्थान के चूरू का तापमान सबसे ज्यादा 50.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच चुका है। दिल्ली भी पीछे नहीं रही। यहां भी मंगेशपुर एवं नरेला का अधिकतम तापमान 49.9 डिग्री पर पहुंच गया। भारतीय मौसम विभाग(IMD)का अनुमान है कि फिलहाल दिल्ली में तापमान और बढ़ेगा। ऐसे ही उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र में भी भीषण गर्मी जारी रहेगी। इसलिए अगली कुछ रातों में भी इस हालत से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। *दिल्ली में गर्मी ने अब तक के सभी रेकॉर्ड तोड़े* देश की राजधानी दिल्ली में गर्मी ने अब तक के सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मंगलवार को पहली बार राजधानी के तीन एरिया नजफगढ़, नरेला और मंगेशपुर में तापमान 50 डिग्री के करीब दर्ज किया गया। नरेला और मंगेशपुर में अधिकतम तापमान 49.9 डिग्री और नजफगढ़ में 49.8 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार अब तक राजधानी में इतना अधिक तापमान कभी दर्ज नहीं किया गया। इससे पहले 15 मई, 2022 को दिल्ली में कॉमनवेल्थ स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स का तापमान 49.2 डिग्री तक पहुंचा था। मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को गर्मी इससे भी अधिक रह सकती है। बुधवार के लिए गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया गया है। *गर्मी के साथ प्रदूषण ने भी बढ़ाई परेशानी* राजधानी में गर्मी के साथ अब प्रदूषण भी लोगों की परेशानियां बढ़ा रहा है। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन प्रदूषण का स्तर खराब रहा। आने वाले कई दिनों तक प्रदूषण ऐसे ही परेशान करेगा। इस बार मई में 17 दिन प्रदूषण खराब और एक दिन बेहद खराब स्तर पर रहा है। पिछले करीब पांच साल में मई में इतने खराब दिन नहीं रहे हैं। वहीं, दो साल बाद ऐसा हुआ है जब साल में अब तक लोगों को एक भी दिन संतोषजनक स्तर की हवा नहीं मिली है। यानी एक्यूआई 101 के नीचे नहीं रहा। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के एयर बुलेटिन के अनुसार दिल्ली का एक्यूआई मंगलवार को 244 रहा। वहीं, फरीदाबाद का एक्यूआई 288, गाजियाबाद का 222, ग्रेटर नोएडा का 315, गुरुग्राम का 159 और नोएडा का 265 रहा। वहीं, दिल्ली में शादीपुर का एक्यूआई 335, रोहिणी का 341, नरेला का 304, मुंडका का 312, आनंद विहार का 341 रहा।
अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अंतरिम जमानत बढ़ाने वाली याचिका खारिज*
#arvind_kejriwal_interim_bail_extension_plea_supreme_court_reject
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल के जमानत की अर्जी खारिज कर दी है। केजरीवाल ने 7 दिन अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए अर्जी दी थी। कोर्ट ने कहा कि उन्हें सरेंडर करना होगा।सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद साफ हो गया है कि केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना ही होगा। अरविंद केजरीवाल ने अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से केजरीवाल की अर्जी स्वीकार नहीं की गई है। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने यह कहते हुए आवेदन ठुकरा दिया कि सीएम को नियमत जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की छूट दी गई थी।ऐसे में केजरीवाल की अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से मंगलवार यह कहा गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के संबंध में कोई भी फैसला चीफ जस्टिस (सीजेआई) लेंगे क्योंकि मुख्य मामले पर फैसला पहले से सुरक्षित है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने का अनुरोध किया था। केजरीवाल ने 26 मई को दायर अपनी याचिका में कहा था कि वह जेल लौटने के लिए न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई तारीख 2 जून के बजाय 9 जून को आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। याचिका में कहा गया था कि उनका वजन 6 से 7 किलोग्राम कम हो गया है और उनका कीटोन स्तर बहुत अधिक है, जो गुर्दा (किडनी), हृदय की गंभीर बीमारी और यहां तक कि कैंसर का संभावित संकेतक है। याचिका में कहा गया कि मुख्यमंत्री को पैट-सीटी स्कैन सहित कुछ मेडिकल जांच कराने की जरूरत है। पैट-सीटी स्कैन यानी पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी-कंप्यूटेड टोमोग्राफी जांच के जरिए शरीर के अंगों एवं ऊतकों की विस्तृत तस्वीरें ली जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल को प्रचार करने के लिए एक जून तक यानी 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी, जिसके अनुसार उन्हें 2 जून को जेल लौटना है।
मणिशंकर अय्यर ने 1962 वाले बयान पर मांगी माफी, जानें कांग्रेस नेता के ऐसा करने के पीछे क्या हो सकती है मंशा
#congress_leader_mani_shankar_aiyar_apologizes कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा बोल दिया, जिस पर विवाद शुरू हो गया है।ताजा बयान में उन्होंने एक पुस्तक विमोचन के मौके पर 1962 में चीनी आक्रमण के लिए 'कथित' शब्द का इस्तेमाल किया था।उन्होंने कहा था अक्टूबर 1962 में चीन ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया। अय्यर के कथित शब्द को लेकर आलोचना हुई थी जिस पर कांग्रेस नेता ने माफी मांगी है।हालांकि, मामला तुल पकड़ते देख मणिशंकर अय्यर ने माफी भी मांग ली है। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मंगलवार को फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर एक किस्सा सुनाते हुए कहा था कि अक्टूबर 1962 में, चीनियों ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया। इसके बाद अय्यर ने एक बयान में कहा कि चीनी आक्रमण से पहले गलती से कथित शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मैं पूरी तरह से माफी मांगता हूं। मणिशंकर अय्यर के इस बयान पर बीजेपी ने जोरदार हमला बोला है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे लेकर कांग्रेस को भी खूब सुनाया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मणिशंकर अय्यर ने नेहरूज फर्स्ट रिक्रूट्स नाम के पुस्तक के विमोचन के दौरान एफसीसी में बोलते हुए 1962 में चीनी आक्रमण को ‘कथित’ बताया। यह ‘रिवीजनिज्म’ की एक बेशर्म कोशिश है।’ मालवीय ने आरोप लगाया, ‘नेहरू ने चीन के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पर भारत का दावा छोड़ दिया, राहुल गांधी ने एक गुप्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से पैसे लिए और चीनी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट छपवाई, उनके आधार पर, सोनिया गांधी की यूपीए ने चीनी सामानों के लिए भारतीय बाजार खोल दिया, जिससे MSMe को नुकसान पहुंचा और अब कांग्रेस नेता अय्यर चीनी आक्रमण पर लीपा-पोती करना चाहते हैं, जिसके बाद से चीन ने भारत के 38,000 वर्ग किलोमीटर इलाके पर अवैध कब्जा कर रखा है।’ मालवीय ने सवाल किया, ‘कांग्रेस का चीनियों से यह प्रेम’ क्या दिखाता है? कांग्रेस नेता अय्यर का विवादित बयानों से पुराना नाता रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है जब अय्यर ने अपने बयानों की वजह से पार्टी को मुश्किल में डाला हो। इससे पहले उन्होंने पीएम मोदी को लेकर भी टिप्पणी की थी। उस समय भी कांग्रेस पार्टी ने अय्यर के बयानों से खुद को अलग कर लिया था।इस महीने की शुरुआत में उनके एक साक्षात्कार का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह कह रहे थे कि पाकिस्तान एक सम्मानित राष्ट्र है और उसके पास परमाणु बम भी है इसलिए भारत को उसके साथ बातचीत करनी चाहिए। मौजूदा वक्त में लोकसभा चुनाव चल रहा है और आखिरी चरण के लिए वोटिंग अभी होनी बाकी है। ऐसे में पार्टी ने समय रहते ही अय्यर के बयान से खुद को किनारा कर लिया।
भारत के लोकसभा चुनाव में पाक क्यों ले रहा दिलचस्पी? जानें फिर फवाद चौधरी ने क्या कहा*
#former_pakistani_minister_chaudhary_fawad_hussain_reacted_on_pm_modi
भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव में पाकिस्तान खासी दिलचस्पी दिखा रहा है। देश में हो रहे चुनाव पर पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने एक बार फिर अपनी प्रतिक्रिया दी है।पाक नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने विपक्षी दलों को पाकिस्तान की समर्थन बताया था।फवाद चौधरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी और उनकी जो कट्टरपंथी सोच है, उसकी शिकस्त बहुत जरूरी है। इसके साथ ही फवाद चौधरी ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को लोकसभा चुनाव में जीत की शुभकामनाएं भी दे डाली। *चुनाव के बीच लगातार एक्टिव हैं फवाद* भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव के बीच पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी हुसैन लगातार भारतीय राजनेताओं को लेकर टिप्पणी करते रहे हैं।उन्होंने एक बार फिर लोकसभा चुनाव और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर बयान दिया है। राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल की तारीफ करने वाले फवाद चौधरी ने कहा है कि पाकिस्तान में हर व्यक्ति चाहता है की नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएं। *हमारा फर्ज है इस विचारधारा के लोगों को शिकस्त देना-फवाद* फवाद चौधरी ने कहा कि कश्मीर या हिंदुस्तान के बाकी मुसलमान हों, इस वक्त कट्टरपंथी विचारधारा का सामना कर रहे हैं।हिंदुस्तान और पाकिस्तान के ताल्लुकात तभी बेहतर हो सकते हैं, जब उग्रवाद कम होगा। पाकिस्तान में हिंदुस्तान को लेकर नफरत नहीं है। लेकिन, वहां पर आरएसएस और बीजेपी का अलायंस पाकिस्तान को लेकर नफरत पैदा कर रहा है, मुसलमानों को लेकर नफरत पैदा कर रहा है और हमारा यह फर्ज है कि इस विचारधारा के लोगों को शिकस्त दें। *राहुल-केजरीवाल-ममता को दी शुभकामनाएं* फवाद चौधरी ने आगे कहा कि मैं समझता हूं कि भारत के वोटर बेवकूफ नहीं हैं। उन्होंने कहा, इसमें इंडियन वोटर का फायदा है। पाकिस्तान से ताल्लुकात बेहतर हों और हिंदुस्तान एक प्रोग्रेसिव मुल्क के तौर पर आगे बढ़े, इसके लिए नरेंद्र मोदी और उनकी जो कट्टरपंथी सोच है, उसकी शिकस्त होना बहुत जरूरी है। जो भी उनको हराएगा चाहे वो राहुल हों, केजरीवाल हों या ममता बनर्जी हों, उसके साथ हमारी शुभकामनाएं हैं।
इन नियमों की नहीं की होती अनदेखी तो बच जाती 7 नवजातों की जान, स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया था अलर्ट

#fire_incident_at_new_born_baby_care_hospital_in_delhi 

दिल्ली के विवेक विहार में एक बेबी केयर सेंटर में आग लग गई। इस आग में 7 नवजात बच्चों की मौत से देश दहल गया है। दो मंजिला बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर न्यू बॉर्न बेबी केयर सेंटर था। इसमें कुल 12 बच्चे भर्ती थे। विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में 25 मई को हुई इस घटना ने एक बार फिर फायर सेफ्टी के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) और नेशनल बिल्डिंग कोड का पालन करने के महत्व को चर्चा में ला दिया है। इस हादसे के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया गया है। अगर अस्पताल की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अलर्ट को गंभीरता से लिया होता तो यह हादसा टल सकता था।

दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो महीने पहले ही देश के सभी राज्यों में अस्पतालों में आग के खतरे में बारे में आगाह किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य व एचओडी कमल किशोर ने 23 मार्च को एक संयुक्त पत्र के जरिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखकर कहा था कि बढ़ते तापमान के साथ अस्पतालों में आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है और आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत प्रभाव से सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में फायर सेफ्टी और हेल्थकेयर फैसिलिटी को लेकर दिशा- निर्देशों की पूरी लिस्ट भी जारी की थी। मंत्रालय ने इस पत्र के जरिए सभी राज्यों को आगाह करते हुए कहा था कि अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट से लेकर फायर एनओसी के अनुपालन की दिशा में कोई भी लापरवाही न बरती जाए।

इधर दिल्ली के विवेक विहार बेबी केयर अस्पताल अग्निकाण्ड सरकार हरकत में आई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थय विभाग के साथ बैठक की। उन्होंने सभी छोटे बड़े प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को 8 जून 2024 फायर ऑडिट कराने और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है। सरकार ने नर्सिंग होम और अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन फॉर्म में भी बदलाव के संकेत दिए हैं। वहीं, अस्पताल के मालिक डॉ नवीन किची को स्थानीय कोर्ट ने 30 मई तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है।

बारिश के कारण मिजोरम के आइजोल में ढह गई खदान, 12 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक, राहत बचाव कार्य जारी

देश के कई राज्यों में बारिश देखने को मिल रही है। इसी बीच मिजोरम की राजधानी आइजोल के बाहरी इलाके में भारी बारिश के कारण एक खदान ढह गई। इस हादसे में अबतक 12 लोगों की जान चली गई, जबकि दो लोगों को बचाया गया है। पुलिसकर्मी बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। भारी बारिश के कारण नदियों का स्तर भी बढ़ चुका है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को अपने घरों से निकलकर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है। राज्य की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने बैठक बुलाई। 

यह घटना सुबह के छह बजे आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच घटी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल शुक्ला ने कहा कि अबतक मलबे से दस शव को बाहर निकाला गया है, जबकि कई लोग अभी भी इसमें दबे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में सात स्थानीय, जबकि तीन दूसरे राज्य के थे। उन्होंने आगे कहा, "मलबे में अभी भी 10 से ज्यादा के फंसे होने की संभावना है।" भारी बारिश के कारण अलग-अलग इलाकों में भूस्खलन की घटना सामने आई है। हुनथर में राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर भूस्खलन के कारण आइजोल देश के बाकी हिस्सों से कट गया। बारिश के कारण मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

चक्रवात रेमल के प्रभाव से भारी बारिश के कारण राज्य के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि आइजोल के सेलम वेंग में भूस्खलन से एक इमारत ढह गई, इस हादसे में तीन लोग लापता हो गए। फिलहाल उनकी तलाश जारी है। भूस्खलन के कारण कई अंतर्राज्य राजमार्ग भी बाधित हो गए। मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने गृह मंत्री के. सपडंगा, मुख्य सचिव रेनू शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी के साथ एक बैठक की।

पुष्पा फिल्म के इस एक्टर को हुई गंभीर बीमारी, अभिनेता ने खुद किया ये बड़ा खुलासा

 ‘पुष्पा’ फेम एक्टर हाल ही में केरल के कोठामंगलम में एक इवेंट में हिस्सा लिया है. इस इवेंट में एक्टर फहद फासिल ने एक बड़ा खुलासा किया है. फहद फासिल ने बताया कि 41 साल की उम्र में पता चला है कि उन्हें ADHD (अटेंशन-डेफिसिट/हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) है. इसके साथ ही फहद फासिल ने डॉक्टर के साथ हुई अपनी बातचीत के बारे में भी खुलकर बात किया है.  

फहद ने अपने इस डिसॉर्डर के पता चलने के बाद डॉक्टर से पूछा था कि क्या ADHD का इलाज आसान है? उन्होंने कहा, ”मैंने पूछा कि क्या 41 साल की उम्र में इसका इलाज होने पर इसे ठीक किया जा सकता है. मुझे ADHD है.” इस पर डॉक्टर ने मुझसे कहा, ”अगर कम उम्र में इसका इलाज हो जाए तो इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है.

बता दें कि ADHD एक न्यूरोडेवलपमेंटल डिसॉर्डर है, जो मस्तिष्क की ध्यान, व्यवहार और आवेग (इमोशंस) कंट्रोल करने की ताकत को प्रभावित करता है. यह बच्चों में आम है, लेकिन यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है. बच्चों में यह होना आम बात है, लेकिन बड़ों में इसका होना खतरनाक साबित हो सकता है और एक्टर फहद फासिल इससे ग्रसित हैं.

बता दें कि हाल ही में डायरेक्टर जीतू माधवन की फिल्म ‘आवेशम’ में फहद फासिल दिखाई दिए थे. यह फिल्म 11 अप्रैल को सिनेमाघरों में आई थी, जिसनें ग्रॉस वर्ल्डवाइड 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की. हाल ही में फिल्म प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हुई, जिसे शानदार रिव्यू मिल रहे हैं. हाल ही में फहद फासिल अल्लू अर्जुन स्टारर ‘पुष्पा: द रूल’ में नजर आएंगे, जो 15 अगस्त को सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए तैयार है.

चुनाव प्रचार का शोर थमने के बाद कन्याकुमारी जाएंगे पीएम मोदी, जानें क्या है विशेष प्लान

#pm_narendra_modi_meditation_kanyakumari

2024 लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल दिन रात मेहनत कर रहे हैं। सभी पार्टियों के दिग्गजों ने पार्टी और अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। इन्हीं दिग्गजों में एक नाम प्रधानमंत्री मोदी का है। पीएम मोदी बीजेपी के स्टार प्रचारकों में से एक हैं। जो चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले से ही अल्ग-अलग राज्यों का दौरा कर रहे हैं। निःसंदेह ये काफी थका देने वाला है। ऐसे में चुनाव प्रचार का शोर थमते ही पीएम मोदी साधना में लीन होंगे। पीएम मोदी कन्याकुमारी में विवेकानंद मेमोरियल पर ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम से एक जून की शाम तक ध्यान करेंगे। प्रधानमंत्री ने 2019 के चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में इसी तरह का ध्यान लगाया था।

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के प्रचार अभियान के आखिरी दिन यानी 30 मई को प्रधानमंत्री की व्यस्त दिनचर्या है। इस दिन पीएम मोदी का पंजाब में जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है। इसके बाद वो तमिलनाडु के लिए रवाना हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र तमिलनाडु के कन्याकुमारी की आध्यात्मिक यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी यहां 1 जून तक ठहरेंगे।भाजपा नेताओं ने मंगलवार को बताया कि वह 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे।

पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी में स्थान चुनने का पीएम मोदी का फैसला देश के लिए विवेकानंद के दृष्टिकोण को साकार करने की उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है। देश में आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होना है। चुनाव के लिए प्रचार अभियान चुनाव से दो दिन पहले समाप्त हो जाता है। नतीजे चार जून को आएंगे। उन्होंने बताया कि जिस चट्टान पर प्रधानमंत्री ध्यान करेंगे, उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था और यह भिक्षु के जीवन में गौतम बुद्ध के लिए सारनाथ के समान ही महत्व रखता है। पूरे देश में घूमने के बाद विवेकानन्द यहीं पहुंचे थे और तीन दिनों तक ध्यान किया था। उन्होंने यहां विकसित भारत का सपना देखा था।

कन्याकुमारी वह स्थान है जहां स्वामी विवेकानन्द को भारत माता के दर्शन हुए थे। इस शिला का स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा। लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, यह चट्टान स्वामी विवेकानन्द के जीवन में भी वैसा ही स्थान रखती है। देश भर में घूमने के बाद वे यहीं पहुंचे और तपस्या करेंगे और विकसित भारत का सपना देखेंगे।उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इससे पहले 2019 के चुनाव के अंतिम चरण से पहले पीएम मोदी ने केदारनाथ और 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ का दौरा किया था।पीएम मोदी 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रचार खत्म होने के बाद केदरानाथ पहुंचे थे। तब पीएम मोदी ने वहां पर ध्यान किया था। उन्होंने तब केदारनाथ की रुद्र गुफा में ध्यान किया था।

राफा कैंप में इजराइली हमले की चौतरफा निंदा के बीच इजरायली पीएम का बयान, बताया 'दुखद दुर्घटना'

#israeli_pm_benjamin_netanyahu_big_statement

इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध से गाजा में तबाही मची हुई है। इजराइली सेना लगातार गाजा और राफा शहर के साथ ही अब शरणार्थी शिविरों को भी निशाना बना रही है। बीते रविवार को हमास ने तेल अवीव पर मिसाइलें दागीं वहीं जवाबी कार्रवाई में इजराइल ने भी हमला किया। इजराइली के लगातार हो रहे हमले से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। इन हमलों में तमाम बेगुनाह लोगों की जान जा रही है जिस पर दुनिया के कई देशों ने चिंता जाहिर की है।हमले के बाद हो रही अंतरराष्ट्रीय निंदा के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे 'दुखद दुर्घटना' बताया है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली संसद में बोलते हुए नेतन्याहू जोर देकर कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने संघर्ष में शामिल नहीं होने वालों को नुकसान न पहुंचाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया।नेतन्याहू ने कहा, 'राफा में हमने लगभग दस लाख गैर-लड़ाकू निवासियों को पहले ही निकाल लिया है और गैर-लड़ाकों को नुकसान न पहुंचाने के हमारे भरसक प्रयास के बावजूद, दुर्भाग्य से कुछ दुखद गलत हो गया।' हम घटना की जांच कर रहे हैं और निष्कर्ष पर पहुंचेंगे क्योंकि यह हमारी नीति है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इस्राइली सेना के राफा शहर में किए हमले की कड़ी निंदा की है। सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने लिखा 'मैं इस्राइल की कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें कई बेगुनाह आम नागरिक मारे गए, जो सिर्फ युद्ध के हालात में शरण लिए हुए थे। गाजा में अब कोई जगह सुरक्षित नहीं है और अब ये आतंक बंद होना चाहिए।'

हाल ही में इजराइल के राफा पर किए गए हमले में 45 लोगों की मौत हुई है और 200 अन्य घायल हुए हैं। हमास के तेल अवीव पर मिसाइल हमला करने के कुछ घंटों बाद इजरायल ने यह हमला किया था।

इंदिरा गांधी के निधन के बाद उनके कमरे से मिला था एक पर्चा, प्रियंका गांधी ने बताया उसमें क्या लिखा था

डेस्क: देश भर में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर लगातार चुनावी रैलियां हो रही हैं। सभी दल अपने-अपने चुनाव प्रचार में जुटे हैं। सात चरणों के तहत होने वाले चुनाव का अब आखिरी चरण बचा हुआ है। ऐसे में सभी दलों की निगाहें इस आखिरी चरण के चुनाव पर टिकी हुई हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता प्रिंयका गांधी हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचीं। यहां पर हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के गगरेट में उनकी चुनावी जनसभा थी। अपनी जनसभा के दौरान प्रियंका गांधी ने इंदिरा गांधी का जिक्र किया। इंदिरा गांधी के शासन काल का जिक्र करते हुए उन्होंने सरकार पर निशाना भी साधा।

प्रियंका गांधी ने किया पर्चे का जिक्र

इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि 'इंदिरा गांधी जी जब प्रधानमंत्री थीं तो अपने संसदीय क्षेत्र में गांव-गांव जाती थीं, पैदल जाती थीं, जनता की शिकायतें सुनती थीं। इंदिरा गांधी को डांट पड़ती थी, वो डांट सुनती भी थीं और कहती थीं कि अच्छा है। यहां की जनता जागरूक है और दिन-रात काम करती थीं।' प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि 'जब वो शहीद हुईं तो मेरे पिताजी को उनके कमरे में एक पर्चा मिला। उस पर लिखा था कि अगर मुझे कुछ हो जाए तो मेरे अंतिम संस्कार के बाद मेरी अस्थियों को आधा इलाहाबाद के संगम में और आधा हिमालय के पर्वतों पर डालना। क्योंकि मैं हिमालय की बर्फ में घुलना चाहती हूं।'

सरकार पर साधा निशाना

आगे सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि 'एक ये विचारधारा थी कि ये देश है मेरा, ये मेरे देश की धरती है, मुझे इस देश की धरती में घोल डालो और दूसरी वो विचारधारा है कि देश की जनता की सरकार है, देश की जनता एक सरकार को चुनती है और आप सौ-सौ करोड़ में विधायकों को खरीदकर जनता की चुनी हुई सरकार को गिराने में लगे हैं।'