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May 28 2024, 10:04

दिल्ली से वाराणसी जा रहे इंडिगो विमान में बम की खबर मची अफरा-तफरी, खिड़की से कूदकर भागे यात्री

#a_bomb_threat_was_reported_on_an_indigo_flight_from_delhi_to_varanasi

दिल्ली से वाराणसी जा रही इंडिगो की फ्लाइट में मंगलवार को बम की धमकी के बाद हड़कंप मच गया। इंडिगो की फ्लाइट आज यानी मंगलवार सुबह दिल्ली से बनारस के लिए उड़ान भरने वाली थी, तभी विमान में बम होने की खबर मिली। बम की सूचना के बाद यात्रियों में हड़कंप मच गया।जिसके बाद आनन-फानन में यात्रियों को फ्लाइट से नीचे उतारा गया। कुछ तो खिड़की से कूदकर बाहर आने लगे। विमान को जांच के लिए एक आइसोलेशन बे में ले जाया गया है।

दिल्ली अग्निशमन सेवा के अनुसार, आज सुबह पांच बजकर 35 बजे दिल्ली से वाराणसी जा रही फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली थी। क्यूआरटी मौके पर पहुंची है। सभी यात्रियों को आपातकालीन द्वार से बाहर निकाला गया।सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली से वाराणसी जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6ई2211 के शौचालय में एक टिशू पेपर मिला, जिस पर बम लिखा हुआ था, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने जांच की, लेकिन यह अफवाह निकली।

बता दें कि पिछले 14 दिनों में दूसरा ऐसा मामला है। कुछ दिनों पहले ही दिल्‍ली से वडोदरा को जाने वाली फ्लाइट को रोक दिया गया था। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर एअर इंडिया की फ्लाइट के शौचालय में एक टिशू पेपर पर बम लिखा हुआ मिला था। जिसके बाद हडकंप मच गया था। उस समय भी चालक दल के एक सदस्य ने विमान के शौचालय में एक टिशू पेपर देखा जिस पर "बम" शब्द लिखा था।

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May 27 2024, 20:08

अभी नहीं मिलने वाली है गर्मी से राहत, अगले 4 दिन आग बरसाएंगे सूर्य देव, मौसम विभाग ने किया अलर्ट

#weather_update

देश के कई राज्य इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं।दिल्ली में उत्तर पश्चिमी राज्यों में गर्मी का कहर लगातार 11वें दिन भी जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में पारा 48 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा राजस्थान और हरियाणा के ज्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान 45-46 डिग्री के आस-पास बना हुआ है। ऐसे में मौसम विभाग ने बुधवार तक लू को लेकर 'रेड अलर्ट' जारी किया है।हालांकि मौसम विभाग ने इस बीच एक खुशखबरी दी है कि तीन दिन बाद दिल्ली में हीटवेव से राहत मिल सकती है।

देश के कई हिस्सों में इस समय भीषण गर्मी का प्रकोप दिख रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने जो अपडेट दिया है, उसके मुताबिक अभी राहत का सार नहीं है। विभाग की ओर से बताया गया है कि एक जून से गर्मी कम होने के आसार हैं। उत्तर भारत के कई राज्यों में गर्मी का असर कम होगा, जिससे लोगों को राहत मिलेगी। मौसम विभाग ने फिलहाल तीन दिन के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। बताया जा रहा है कि इसके बाद बारिश की संभावना है। जिससे तापमान में गिरावट आएगी। विभाग ने चक्रवात को लेकर भी पूर्वोत्तर राज्यों में अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग के चीफ मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि पूरे उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के क्षेत्रों में तीन दिन बाद हीट वेव से राहत मिल सकती है। वहीं जून के महीने में अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य या उससे ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है। जून के महीने में भी उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों और मध्य क्षेत्र के राज्यों में भीषण गर्मी होने की संभावना है। इसका मतलब है कि राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र में जून के महीने में ज्यादातर दिनों तक गर्मी पड़ने की संभावना है।

गर्मी के कारण फिलहाल देश के 37 शहरों में तापमान 45 डिग्री से पार हो चुका है। गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भीषण गर्मी को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। राजस्थान में कई लोगों की मौत गर्मी से होने की आशंका है। गर्मी के साथ ही लोगों को बिजली कटों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के कारण महाराष्ट्र के अकोला में सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने 31 मई तक यहां धारा 144 लागू कर दी है। भारत के अधिकांश राज्य इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं. देश के लगभग 37 शहरों में अधिकतम कई राज्यों में हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए हैं।

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May 27 2024, 19:29

यौन शोषण के आरोप में घिरे प्रज्वल रेवन्ना ने जारी किया वीडियो, बताया कब होंगे एसआईटी के सामने पेश

#accused_in_sex_scandal_prajwal_released_a_video

कर्नाटक के हासन से जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना कई महिलाओं के साथ यौन शोषण के आरोपों में घिरे हैं। इस मामले में काफी समय से फरार प्रज्वल रेवन्ना ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया है। प्रज्वल रेवन्ना ने कहा है कि वह 31 मई को विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश होंगे और कथित अश्लील वीडियो मामले से जुड़ी जांच में सहयोग करेंगे। हासन से जेडीएस सांसद अपने घर में काम करने वाली एक महिला द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद से फरार हैं। 

अब रेवन्ना ने अपने ऊपर लगे आरोपों को 'झूठा' बताया। उन्होंने अपने वीडियो में यह भी दावा किया कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची गई क्योंकि वह राजनीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे थे।रेवन्ना ने कहा कि मैंने अब तक इसलिए जवाब नहीं दिया क्योंकि मैं डिप्रेस था। मैंने सबसे खुद को अलग कर लिया था। मेरे ख़िलाफ़ महिला यौन उत्पीड़न के आरोप राजनीतिक साजिश की वजह से लगाए गए हैं।

जेडीएस सांसद ने अपने वीडियो में परिवार, पार्टी समर्थकों और राज्य के लोगों से माफी भी मांगी है। रेवन्ना ने कहा है, मैं अपने माता-पिता, अपने दादा, कुमारस्वामी और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं। मैंने यह नहीं बताया कि मैं कहां हूं। जब (अप्रैल) 26 तारीख को चुनाव हुए, तो मुझ पर कोई मामला नहीं था और तब कोई एसआईटी नहीं बनी थी, मेरी विदेश यात्रा पूर्व नियोजित थी, इसलिए मुझे समाचारों के माध्यम से इसके बारे में पता चला, फिर मेरे एक्स अकाउंट के माध्यम से मुझे एसआईटी का नोटिस भी दिया गया।

उन्होंने आगे कहा कि जब राहुल गांधी सहित कांग्रेस नेताओं ने खुले मंचों पर इस मुद्दे पर चर्चा शुरू की और विपक्ष पर साजिश रचने का आरोप लगाया तो वह अवसाद में चले गए और खुद को अलग कर लिया। आगे रेवन्ना ने कहा है कि 31 तारीख शुक्रवार को सुबह 10 बजे मैं एसआईटी के सामने पेश होऊंगा और जांच से जुड़ी सारी जानकारी दूंगा। मैं एसआईटी जांच में सहयोग करूंगा। मुझे न्यायपालिका पर बहुत भरोसा है, मैं भगवान और न्यायपालिका में विश्वास करता हूं।

प्रज्वल का यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और उनके दादा की गुरुवार 23 मई को दी चेतावनी के 3 दिन बाद आया। पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक बयान साझा किया जिसमें रेवन्ना को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि वे भारत लौट आएं और जांच का सामना करें। उन्होंने यह दावा भी किया कि इस मामले की जांच में उनके और उनके परिवार की तरफ से कोई दखलंदाजी नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि दोषी पाए जाने पर उनके पोते को बख्शा नहीं जाना चाहिए और कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

प्रज्वल रेवन्ना पर उनके घर में काम करने वाली महिला ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। 26 अप्रैल को बेंगलुरु में पब्लिक प्लेसेस में कई पेन ड्राइव मिलीं। दावा किया गया कि पेन ड्राइव में 3 हजार से 5 हजार वीडियो हैं, जिनमें प्रज्वल को कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते देखा गया। महिलाओं के चेहरे भी ब्लर नहीं किए गए। मामला बढ़ने पर राज्य सरकार ने एसआईटी बनाई। प्रज्वल के खिलाफ रेप, छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने के आरोपों समेत तीन एफआईआर दर्ज की गईं। एसआईटी ने जांच में खुलासा किया कि प्रज्वल ने 50 से ज्यादा महिलाओं का सेक्शुअल हैरेसमेंट किया था। इनमें 22 साल से 61 साल तक की महिलाएं हैं। 50 में से करीब 12 महिलाओं से जबर्दस्ती संबंध बनाए गए, यानी उनका रेप हुआ। बाकी महिलाओं को अलग-अलग तरह का लालच देकर सेक्शुअल फेवर लिया।

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May 27 2024, 18:37

दक्षिण कोरिया, चीन और जापान पांच साल बाद आए एक मंच पर, अमेरिका की बढ़ सकती है चिंता

#china_japan_and_south_korea_summit

चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के टॉप लीडर एक मंच पर दिखाई दिए।चार साल बाद चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के नेता एक साथ एक आज मंच पर आए।चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं ने व्यापार और सुरक्षा मुद्दों पर बढ़ते टकराव के बीच अपने संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत 2019 के बाद से अपना पहला औपचारिक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन शुरू किया। इसी क्रम में चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की आज राजधानी सिओल में मुलाकात हुई।

यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब बीजिंग अमेरिकी चिप निर्यात नियमों को कड़ा करने के खिलाफ़ आवाज़ उठा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के चलते चीन के चिपमेकिंग उद्योग को बाधित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। बैठक में वैश्विक संकट के बीच व्यापार और सुरक्षा के मद्देनजर संबंध सुधारने पर जोर दिया गया।मीडिया रपटों के मुताबिक कुल 6 क्षेत्रों में आम सहमति बनाने की कोशिश हुई है. अर्थव्यवस्था-व्यापार, विज्ञान और तकनीक, लोगों के बीच संवाद और स्वास्थ्य से लेकर इन देशों में बूढ़ी हो रही बड़ी आबादी पर तीनों देशों में बैठक हुई है।

चीन-जापान-दक्षिण कोरिया के बीच संबंध तल्ख रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ बरसों में एक के बाद एक कई मुलाकात और बातचीत कर रिश्तों में जमी इस बर्फ को पिघलाने की कोशिश की गई है। इस संबंध में तीनों देश 16 दौर की बातचीत कर चुके हैं। लेकिन कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक तनाव के कारण यह बैठक लगभग पांच साल तक रुकी रही। तब से, टोक्यो और सियोल ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार किया है और अमेरिका के करीब आए हैं, जिससे चीन चिंतित है।

इस दौरान जापान और दक्षिण कोरिया का अमेरिका से सहयोग बढ़ा है। इधर, चीन से अमेरिका की बढ़ती तल्खी के बीच इन दोनों देशों का चीन के साथ बैठना अमेरिका की चिंता बढ़ा सकता है। खासकर तब जब ताइवान के अस्तित्त्व के सवाल पर बीजिंग और वाशिंगटन में ठनी हुई है।

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May 27 2024, 17:25

फिल्म इंडस्ट्री में पसरा मातम, हॉलीवुड के मशहूर एक्टर की गोली मारकर हत्या, सिनेमा जगत में शोक की लहर


हॉलीवुड के मशहूर एक्टर जॉनी वेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। जॉनी वेक्टर को जनरल हॉस्पिटल में ब्रैंडो कॉर्बिन की भूमिका के लिए जाना जाता है। रिपोर्ट्स की मानें तो जानकारी है कि शनिवार की सुबह लॉस एंजिल्स में जॉनी की दुखद गोली मारकर हत्या कर दी गई। टीएमजेड के अनुसार, इस घटना के लिए वेक्टर की मां और पुलिस का हवाला दिया गया था।

 जानकारी की मानें तो मशहूर अभिनेता जॉनी वेक्टर की कथित तौर पर चोरी के प्रयास में हत्या कर दी गई। जॉनी के मर्डर पर उनकी मां का बयान भी सामने आया है। एक्टर की मां स्कारलेट ने टीएमजेड से बात करते हुए कि शनिवार की सुबह 3 बजे जॉनी पर कुछ चोरों हमला किया। उन्होंने चोरी का प्रयास करते हुए हमला किया और इस हाथा-पाई में जॉनी की गोली मारकर हत्या कर दी। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि जॉनी ट्रैक्टर अपनी गाड़ी से जा रहे थे और अचानक तीन चोर जॉनी ट्रैक्टर की गाड़ी से कैटेलिटिक कनवर्टर को चुराने की कोशिश करने लगे। एक्टर ने जैसे ही उन्हें रोकने का प्रयास किया और इस दौरान ये हादसा हो गया।

मां का कहना है कि जॉनी ने चोरों को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने भागने की कोशिश कीऔर उस दौरान ही चोरों ने एक्टर को गोली मार दी। इतना ही नहीं बल्कि एक्टर की मां ने दावा किया कि एक्टर चोरों से लड़ने की कोशिश करते रहे और इस हाथापाई में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद जॉनी को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने जॉनी को मृत घोषित कर दिया। एक्टर के निधन से फैंस को भी झटका लगा है और सभी दुखी हैं।

ना सिर्फ जॉनी की फैमिली बल्कि इंडस्ट्री को भी उनके जाने से बड़ा नुकसान हुआ है। हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है और सोशल मीडिया पर जॉनी की ही चर्चा हो रही है। बता दें कि घटना को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार हो गए। इस मामले में पुलिस ने अभी तक किसी को भी अरेस्ट नहीं किया है। जॉनी की उम्र अभी 37 साल ही थी और उनके अलावा उनके दो छोटे भाई-बहन और हैं।

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May 27 2024, 16:21

चारधाम यात्रा 2024: लौटे यात्रियों में 60 प्रतिशत बीमार, यात्रा पर जा रहे हैं तो गर्म कपड़े जरूर लेकर जाएं

 तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित चार धामों में पल-पल बदलते तापमान में खुद को ढालना चुनौती से कम नहीं है। मौसम के अनुकूल यात्रियों को खुद को ठंड से बचाना जरूरी है।

तीर्थयात्री अपने साथ पर्याप्त गर्म कपड़े लेकर चलें। ऐसा इसलिए क्योंकि मैदान की अपेक्षा पहाड़ों में तापमान काफी कम है। स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि चारधाम से लौटकर आ रहे तीर्थयात्रियों की तबीयत बिगड़ रही है।

बीमार होने के ज्यादातर मामलों में ठंड लगना सामने आया है। 60 प्रतिशत यात्रियों में खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण मिले हैं। माना जा रहा है कि मैदानी राज्यों के तीर्थ यात्री ठंड में खुद को ढाल नहीं पा रहे हैं। ऐसे में थोड़े से प्रयास से यात्रा को आरामदायक बना सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग भी यात्रियों से ठंड से बचने के लिए सजगता बरतने की अपील कर रहा है।

1296 यात्री सर्दी से ग्रस्त मिले

ऋषिकेश स्थित ट्रांजिट कैंप में चारधाम की यात्रा करके लौटे यात्रियों में से करीब 2150 यात्रियों ने चिकित्सा जांच कराई है, जिनमें 1296 यात्री सर्दी से ग्रस्त पाए गए हैं। चिकित्सा केंद्र प्रभारी विजय गौड ने बताया कि इन यात्रियों को दवाइयां दी जा रही हैं। कई यात्रियों को एक-दो दिन आराम करने के बाद लौटने की सलाह दी गई है।

विजय गौड ने कहा कि ज्यादातर यात्री राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, कर्नाटक से हैं। ये लोग चारधाम यात्रा के तापमान में खुद ढाल नहीं पाते। इसका दूसरा कारण यह भी है कि ये यात्री चारधाम में ठंड की स्थिति को गंभीरता से नहीं लेते हैं। ठंड से बचाव के उपयुक्त साधन लेकर भी नहीं चलते। इस कारण अचानक बर्फीले तापमान के बीच रहकर यात्रियों को ठंड लग जाती है।

ठंड से बचने के लिए ये सजगता जरूरी 

रेन कोट जरूर अपने साथ रखें

जरूरी दवाइयां साथ ले जाएं

कोई भी शारीरिक समस्या होने पर नजदीकी ट्रांजिट कैंप में जांच अवश्य कराएं

यात्रा मार्ग पर तकलीफ होने पर नाक से लंबी सांस लें और मुंह से सांस बाहर छोड़ें

दो धामों की यात्रा साथ करने के बजाए, एक दिन में एक धाम में जाएं

नियमित रूप से व्यायाम अवश्य करते रहें, ताकि शरीर को गर्म किया जा सके

ऐसे हो रही यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच

प्रशासन की ओर से हर चार किलोमीटर की दूरी पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी ) स्थापित किए गए हैं, जहां यात्रियों की स्वास्थ्य जांच करने, दवा देने और अल्पकालीन आराम जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।

गढ़वाल में स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था हंस फाउंडेशन ने 70 स्वास्थ्य कैंप स्थापित किए हैं। ब्लॉक, जिला अस्पताल में विशेष प्रबंध किए गए हैं।

ऋषिकेश और हरिद्वार में ट्रांजिट कैंप में यात्रियों की यात्रा में जाने व वापस आने पर जांच और उपचार हो रहा है।

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May 27 2024, 16:19

गुजरात हाई कोर्ट ने गेमिंग जोन हादसे के लिए राजकोट नगर निकाय को फटकार लगाई, कहा-क्या आप चार साल से सो रहे थे

#did_you_fall_asleep_gujarat_high_court_slams_rajkot_mc_states_govt

राजकोट अग्निकांड मामलें में गुजरात हाइकोर्ट ने सरकार और स्थानीय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है।स्पेशल जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की पीठ राजकोट गेमिंग जोन में लगी आग मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।रविवार को इस मामले को हाइकोर्ट ने खुद ही संज्ञान में लिय़ा था और राज्य सरकार तथा सभी नगर निगमों को तलब किया था। बता दें कि शनिवार (25 मई) को टीआरपी गेम ज़ोन की दो मंजिला इमारत में आग लगने से नौ बच्चों सहित 27 लोगों की जान चली गई। 

राजकोट गेम जोन हादसे को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को खूब फटकार लगाई है। गुजरात उच्च न्यायालय ने राजकोट नगर निकाय को उन दो गेमिंग जोनों पर ध्यान न देने के लिए फटकार लगाई, जो आवश्यक परमिट के बिना शहर में दो साल से अधिक समय से चल रहे थे। कोर्ट ने कहा पता चला है कि टीआरपी गेम जोन के मालिक ने यह पूरा रैंप लकड़ी से बना रखा था। इसके अलावा वहां एंट्री-एग्जिट का एक ही गेट था और उन्होंने प्रशासन से एनओसी भी नहीं ली थी। इस गड़बड़ियों की तरफ इशारा करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में फटकार लगाई।

हाईकोर्ट ने पाया कि राजकोट का गेमिंग जोन अनधिकृत जमीन पर बना हुआ था और फायर सेफ्टी को लेकर चार साल से मामला चल ही रहा था। कोर्ट ने इस पर कहा, अब हमें स्थानीय व्यवस्था और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है, आप अंधे हो गए थे। इतने साल से यह सब चल रहा था तो क्या अधिकारी सो गए थे।

दरअसल, अदालत ने एक दिन पहले अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगमों के वकीलों को निर्देश दिया था कि वे सोमवार को उसके सामने पेश हों और बताएं कि किन कानून के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों को उनके अधिकार क्षेत्र में स्थापित किया गया है या जारी रखा गया है। राजकोट नगर निकाय ने सोमवार को अदालत में बताया कि दो गेमिंग जोन 24 महीने से अधिक समय से अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र सहित आवश्यक मंजूरी के बिना काम कर रहे हैं। गेमिंग जोन के लिए हमारी मंजूरी नहीं ली गई थी। इस पर अदालत गुस्से में आ गई और कहा कि वह अब राज्य सरकार पर भरोसा नहीं कर सकती।

शनिवार को टीआरपी गेम ज़ोन की दो मंजिला इमारत में आग लगने से नौ बच्चों सहित 27 लोगों की जान चली गई। रिपोर्टों के अनुसार, गर्मी की छुट्टियों और सप्ताहांत की भीड़ के कारण इमारत में 300 से अधिक लोगों की भीड़ थी, जिनमें से कई बच्चे थे। इस बीच, गुजरात सरकार ने राजकोट गेम जोन में लगी आग में लापरवाही के लिए सोमवार को दो पुलिस निरीक्षकों और नागरिक कर्मचारियों सहित सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया। एएनआई के अनुसार, जिन लोगों को निलंबित किया गया है उनमें राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के नगर नियोजन विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एचआर सुमा, सड़क और भवन विभाग के सहायक अभियंता, आरएमसी पारसभाई एम कोठिया, राजकोट नगर निगम के अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के स्टेशन अधिकारी, रोहित विगोरा और पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं।

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May 27 2024, 15:13

जान के खतरे के बावजूद कई गुना वेतन के लिए इस्राएल जा रहे भारतीय, जानिए, किस राज्य के श्रमिक हैं सबसे ज्यादा

इस्राएल-हमास युद्ध के बीच भारत से लोग नौकरी करने के लिए इस्राएल जाने से नहीं हिचक रहे हैं.फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के साथ चल रहे युद्ध के कारण श्रमिकों की कमी को पूरा करने के लिए तेलंगाना से कई श्रमिक इस्राएल जा रहे हैं. इससे पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मजदूरों ने भी वहां जाने में दिलचस्पी दिखाई थी. हमास के साथ संघर्ष के कारण इस्राएल में श्रमिकों की कमी हो गई है और वह भारत से मजदूरों को ले जाकर वहां अपनी कमी को पूरा करने की कोशिशों में जुटा है. इस साल देश में इस तरह का तीसरा अभियान चलाया गया. अच्छा वेतन इस्राएल जाने के लिए अहम कारण माना जा रहा है. इस्राएल जा रहे भारतीय हैदराबाद के करीब 2,209 निर्माण मजदूरों ने चार दिन चले भर्ती अभियान के लिए पंजीकरण कराया था. इन मजदूरों से कुछ टेस्ट लिए गए और 905 लोगों को इस्राएल की विदेशी श्रम शक्ति में शामिल करने के लिए चुना गया.

भर्ती अभियान राज्य सरकार द्वारा संचालित किया गया था और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इंटरनेशनल (एनएसडीसीआई) द्वारा सहायता प्रदान की गई थी. भारत और इस्राएल के बीच श्रमिकों को वहां भेजने के लिए एक समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत इस साल देश में आयोजित यह तीसरा भर्ती अभियान था. समझौते के मुताबिक इस्राएल भारत से मजदूरों को चुनेगा और उनके कौशल की जांच के बाद उन्हें वहां नौकरी की पेशकश करेगा. एनएसडीसीआई के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से कहा, "इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी इसी तरह के भर्ती अभियान आयोजित किए गए थे. उन दोनों अभियानों में नौ हजार से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था" कठोर चयन प्रक्रिया के बाद उत्तर प्रदेश से 5,087 और हरियाणा से 530 उम्मीदवारों को नौकरी के लिए चुना गया था. एनएसडीसीआई के अधिकारी के मुताबिक इस तरह के भर्ती अभियान महाराष्ट्र, बिहार और राजस्थान में भी आयोजित होने की उम्मीद है. भारत से अधिक वेतन तेलंगाना में भर्ती किए गए मजदूर बढ़ई, सिरेमिक टाइलिंग, पलस्तर और लोहे को मोड़ने का काम करते हैं.

युद्धग्रस्त क्षेत्र में जाने वाले भारतीयों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण इस्राएल के निर्माण उद्योग द्वारा दिया जाने वाला उच्च वेतन है. भर्ती टीम के मुताबिक प्रत्येक मजदूर 1.2 लाख से लेकर 1.38 लाख रुपये प्रति माह पाएगा, जो भारत में ऐसे कुशल श्रमिकों के लिए बाजार दरों से कई गुना अधिक है. इस्राएल अपनी घरेलू निर्माण जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी श्रमिकों की तलाश में है. इस साल की शुरुआत तक लगभग 80,000 फिलिस्तीनी इस्राएल के निर्माण उद्योग में काम कर रहे थे. हालांकि, जैसे ही जनवरी में अरब देशों के साथ तनाव शुरू हुआ, इस्राएल ने फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट रद्द कर दिए. ट्रेड यूनियन को है आपत्ति इससे पहले भारत में कई ट्रेड यूनियनों ने श्रमिकों को इस्राएल भेजे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी और प्रधानमंत्री मोदी की सरकार से इस्राएल के साथ इस समझौते को खत्म करने की अपील की थी.

श्रमिक संगठनों का कहना है कि मजदूरों को संघर्ष क्षेत्र में भेजना जानबूझकर उनकी जान जोखिम में डालने जैसा है. लेकिन उस समय भारत सरकार ने कहा था कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत भारत के श्रमिकों के साथ बेहतर व्यवहार किया जाएगा, उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी और उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का अनुमान है कि 2022 में देश में 29 प्रतिशत यूनिवर्सिटी ग्रैजुएट बेरोजगार थे. यह दर उन लोगों की तुलना में लगभग नौ गुना अधिक है जिनके पास कोई डिप्लोमा नहीं है और आमतौर पर कम वेतन वाली नौकरियों या कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करते हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत की 1.4 अरब आबादी में से आधे से अधिक लोग 30 वर्ष से कम उम्र के हैं।

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May 27 2024, 15:11

पुणे पोर्श कांड में बड़ा एक्शन, फॉरेंसिक विभाग के HoD समेत दो डॉक्टर हुए गिरफ्तार, नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल गायब करने का लगा आरोप

पुणे पोर्श कांड में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने अब इस मामले में फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट के HOD समेत 2 चिकित्सकों को गिरफ्तार कर लिया है. इन पर नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल गायब करने का आरोप है. ऐसा करने से ही उसके सैंपल में शराब की पुष्टि नहीं हुई थी. बता दें कि नाबालिग को सबसे पहले प्रातः 11 बजे मेडिकल टेस्ट के लिए ससून अस्पताल ले जाया गया था. 

वही इस के चलते उसके ब्लड सैंपल को ऐसे व्यक्ति के ब्लड सैंपल से बदल दिया गया था, जिसने शराब का सेवन नहीं किया हुआ था. पहले ब्लड सैंपल लेने के पश्चात् जांच रिपोर्ट में शराब की पुष्टि नहीं हुई थी. इससे संदेह पैदा हो गया था. फिर दोबारा ब्लड रिपोर्ट आने पर शराब की पुष्टि हुई थी. इससे पता चला था कि 19 मई को सरकारी चिकित्सालय के चिकित्सकों ने नाबालिग को बचाने के लिए ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ की थी.

हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर क्षेत्र में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से मोटरसाइकिल सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई. इस घटना के 14 घंटे पश्चात् आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. अदालत ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने एवं सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था. हालांकि, पुलिस तहकीकात में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था. नाबालिग इस वक़्त सुधार गृह में है.

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May 27 2024, 15:09

रूस ने अमेरिकी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश पारित, बाइडेन सरकार के बैन से हुए नुकसान की होगी भरपाई

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रूस में अमेरिकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 23 मई को एक आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत रूस के अंदर संयुक्त राज्य अमेरिका, उसके नागरिकों और कंपनियों की संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दी गई। रूस इन जब्त संपत्तियों से मास्को के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों से प्रभावित लोगों को मुआवजा देगा। बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने 300 अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य की रूसी संपत्तियों को फ्रिज कर दिया है। 

पुतिन ने जिस आदेश पर साइन किए हैं, उसमें कहा गया है कि एक रूसी संस्था रूसी अदालत से यह निर्धारित करने के लिए कह सकती है कि अमेरिका में उसकी संपत्ति गलत तरीके से जब्त की गई है और मुआवजे की मांग कर सकती है। आदेश में रियल एस्टेट, चल संपत्ति जैसी संपत्तियों को शामिल किया गया है। रूसी सरकार का एक विशेष आयोग उन अमेरिकी संपत्तियों की पहचान करेगा, जिसे भरपाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह इस बात को निर्धारित करे कि किस तरह रूसी धारक अमेरिका में रोकी गई संपत्तियों के मुआवजे के तौर पर रूस में स्थित अमेरिकी संपत्ति को जब्त करने की मांग कर सकते हैं। इसके बाद अदालत अमेरिकी संपत्ति को मुआवजे के रूप में ट्रांसफर करने का आदेश देगी।

रूसी सरकार को सितंबर के अंत तक अमेरिकी संपत्ति जब्ती की अनुमति देने के लिए जरूरी कानूनी बदलाव करने का निर्देश दिया गया है। इस कार्रवाई के जवाब में रूस ने कई विदेशी निवेशकों की संपत्तियों को विशेष खातों में ट्रांसफर कर दिया। इन संपत्तियों को क्रेमलिन की मंजूरी के बिना रूस से बाहर नहीं भेजा सकता है। आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह इस बात को निर्धारित करे कि रूसी धारक किस प्रकार अमेरिका में रोकी गई संपत्तियों के मुआवजे के रूप में अमेरिकी संपत्ति को जब्त करने की मांग कर सकते हैं।

रूस-यूक्रेन जंग के बाद से अमेरिका और पश्चिमी देशों मे रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। इनसे रूस को काफी नुकसान हुआ है। इसी नुकसान की भरपाई के लिए अमेरिकी संपत्तियों को जब्त करने की इजाजत दी गई है। यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका और पश्चिमी देशों ने 24 लाख करोड़ (300 अरब डॉलर) से ज्यादा मूल्य की रूसी संपत्तियों को जब्त किया है। वहीं, अमेरिकी संसद ने पिछले महीने एक बिल पास किया था, जिसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन को यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका में मौजूद रूसी संपत्तियों के इस्तेमाल का अधिकार दिया गया था। 

24 फरवरी 2022 को शुरू हई रूस-यूक्रेन जंग को 2 साल से ज्यादा समय बीत चुका है। गए थे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए उस पर हमला किया था। पुतिन ने उस समय इसे मिलिट्री ऑपरेशन बताया था। इस हमले में अब तक 40 लाख से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों को देश छोड़ना पड़ा है। ये लोग अब अन्य देशों में रिफ्यूजी की तरह रह रहे हैं। 65 लाख से ज्यादा यूक्रेनी देश में ही बेघर हो गए हैं। यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है। इस बीच अमेरिका ने रूस की 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए था। इधर, रूस ने भी यूरोपियन यूनियन (EU) की कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे।