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एमपी में रेप के आरोप में धरा गए डिप्टी कलेक्टर, पुलिस ने किया गिरफ्तार, महिला ने लगाया डराने-धमकाने का आरोप, भेजे गए जेल

एमपी के उज्जैन में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर डॉ. अभय सिंह खराडी को बड़वानी पुलिस ने महिला कर्मचारी से रेप के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी डिप्टी कलेक्टर को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है. बड़वानी की महिला थाना प्रभारी अलका मेनिया ने बताया कि उज्जैन में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर अभय सिंह खराडी के खिलाफ एक महिला कर्मचारी ने रेप की शिकायत दर्ज करवाई थी. इस शिकायत की जांच के बाद डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ रेप सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया.

आरोपी डिप्टी कलेक्टर पूर्व में बड़वानी में पदस्थ थे, जब उन पर महिला को डरा धमकाकर उसके साथ रेप का आरोप लगा. जब मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आरोपी डिप्टी कलेक्टर को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई. पुलिस टीम ने उज्जैन, इंदौर, धार सहित कई स्थानों पर छापेमारी करते हुए भोपाल से डिप्टी कलेक्टर अभय सिंह खराडी को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश किया गया. बड़वानी के जिला न्यायालय ने डिप्टी कलेक्टर को जेल भेज दिया है. 

आरोप है कि डिप्टी कलेक्टर ने पुलिस से बचने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन साइबर सेल की मदद से आखिरकार बड़वानी पुलिस ने भोपाल से उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मामला संगीन होने की वजह से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया है. बताया जाता है कि डिप्टी कलेक्टर ने पुलिस से बचने के लिए मोबाइल भी बंद कर दिया था. हालांकि मोबाइल की आखिरी लोकेशन भोपाल की मिली थी. इसी सुराग के आधार पर पुलिस ने छापामारी की और डिप्टी कलेक्टर को गिरफ्तार कर लिया.

उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि यदि कोई सरकारी अधिकारी 48 घंटे तक पुलिस हिरासत या जेल में रहता है तो नियम अनुसार उनकी जानकारी वरिष्ठ प्रशासनिक कार्यालय भोपाल को भेजी जाती है. इसके बाद वहां से निर्देश जारी होते हैं. अक्सर यह देखने में आया कि ऐसे मामलों में अधिकारियों के निलंबन के आदेश भी भोपाल से आते हैं.

राजस्थान के दौसा जिले में गर्भवती से बलात्कार के बाद हत्या मामले में भड़के ग्रामीणों ने आरोपियों और उनके रिश्तेदारों के घर में लगाई आग

राजस्थान के दौसा जिले का नांदरी गांव गुरुवार की रात उपद्रवियों के हवाले रहा। यहां एक गर्भवती महिला के साथ बलात्कार और हत्या के मामले से ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीणों ने आरोपी और उसके रिश्तेदारों के घरों में आग लगा दी। मौके पर पहुंची पुलिस की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। ग्रामीणों के इस हिंसक हमले में तीन लोग घायल हो गए।

तीनों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। रेप और हत्या के आरोपी और उसके रिश्तेदारों के घर जलाएराजस्थान के दौसा के नांदरी गांव में यह उपद्रव एक गर्भवती महिला के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या के बाद हुआ है। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोपी और उसके रिश्तेदारों के घर जला दिए और तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं, किसी ने आरोपी के परिवार के सदस्यों को भी जिंदा जलाने की कोशिश की। उपद्रव की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों पर भी भीड़ ने हमला करने से गुरेज नहीं किया। पुलिस पर पथराव, तीन लोग घायलपुलिस पर पथराव किया गया और उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। घटना के दौरान तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को दौसा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि तीनों व्यक्ति गंभीर रूप से जल गए हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों के घरों में आग लगाने से पहले गांव वालों ने गुरुवार रात 10 बजे बैठक की थी। 

बैठक के दौरान आग लगाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद छह घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और आग लगा दी गई। तनाव के कारण, स्थान पुलिस और प्रशासन के आला अफसर पूरी रात गांव में ही डटे रहे। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। 28 अप्रैल को गर्भवती महिला से रेप और हत्याबता दें कि 28 अप्रैल को गांव का ही जगराम नामक युवक काम के बहाने गर्भवती महिला को अपने साथ खेत पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जगराम ने महिला का यौन शोषण करने के बाद उसकी हत्या कर दी। जब महिला घर वापस नहीं आई तो उसके परिवार के सदस्यों ने उसकी तलाश शुरू की और उन्हें पहाड़ के पास क्षत-विक्षत अवस्था में उसका शव मिला। 

गांव वालों का गुस्सा बरकरार, उपद्रव के हालातमृतका के पति ने जगराम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में भी पता चला कि जगराम ने ही महिला के साथ दुष्कर्म कर हत्या की है। 1 मई को जगराम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जगराम की गिरफ्तारी के बाद भी गांव वालों का गुस्सा बरकरार रहा और उन्होंने आरोपी के रिश्तेदारों के घरों में आग लगा दी।

कांग्रेस को सूरत-इंदौर के बाद अब पुरी में झटका, प्रत्‍याशी का चुनाव लड़ने से इंकार, पढ़िए संबित पात्रा की राह कैसे हुई आसान

 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए लगातार अशुभ समाचार आ रहा है। सूरत और इंदौर के बाद अब ओडिशा के पुरी लोकसभा सीट से घोषित पार्टी उम्‍मीदवार सुचारिता मोहंती ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। उन्होंने अपना टिकट पार्टी को लौटा दिया है। लोकसभ चुनाव के लिए अभी तक दो ही चरणों का मतदान हुआ है लेकिन विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को लगातार झटका लग रहा है। सूरत और इंदौर के बाद अब ओडिशा की हॉट सीट मानी जा रही पुरी से भी कांग्रेस के उम्‍मीदवार ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस ने पुरी लोकसभा सीट से सुचारिता मोहंती को टिकट दिया था। उन्होंने टिकट लौटाते हुए अपनी उम्‍मीदवारी वापस ले ली है। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। उल्लेखनीय है कि इस सीट से भाजपा के दिग्‍गज नेता संबित पात्रा अपना भाग्‍य आजमा रहे हैं। सुचारिता द्वारा नाम वापस लेने से संबित पात्रा की राह आसान हो सकती है।

 

कांग्रेस द्वारा घोषित प्रत्याशी सुचारिता ने पैसों की कमी का हवाला देते हुए ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से मतदान से पहले ही मैदान छोड़ दिया है। उन्‍होंने कांग्रेस को टिकट लौटा दिया है। इससे पहले गुजरात की सूरत और मध्‍य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्‍याशी ने अपना नाम वापस लेते हुए चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था सूरत में तो भाजपा प्रत्‍याशी को विजयी भी घोष‍ित कर दिया गया। 

 सुचारिता मोहंती ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को इस संबंध में चिट्ठी लिखकर अपने फैसले से अवगत करा दिया है। लोकसभा चुनाव की उम्‍मीदवारी का टिकट लौटाते हुए पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को लिखी चिट्ठी में कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उन्हें पार्टी की तरफ से मिलने वाली राशि नहीं दी गई है। पैसे न मिलने की वजह से वह चुनाव प्रचार नहीं कर पा रही हैं। पुरी लोकसभा सीट पर 25 मई को मतदान होना है। उससे पहले ही कांग्रेस को यह झटका लगा है।

ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट को हॉट सीट माना जा रहा है। यहां से भाजपा के चर्चित नेता संबित पात्रा चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस प्रत्‍याशी सुचारिता मोहंती द्वारा चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद पात्रा की राह आसान हो सकती है। इससे पहले सूरत और इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार ऐन वक्‍त पर अपना नाम वापस ले चुके हैं। सूरत में तो भाजपा प्रत्‍याशी को विजयी भी घोषित किया जा चुका है।

राहुल की चिट्ठी के बाद एक्शन में कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार, प्रज्वल रेवन्ना केस की जांच में तेजी लाने का निर्देश

 कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रज्वन रेवन्ना केस को लेकर कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार को पत्र लिखा. राहुल की चिट्ठी के बाद कर्नाटक सरकार एक्शन में आ गई और सीएम सिद्धारमैया ने एसआईटी अधिकारियों के साथ बैठक की. सीएम ने अधिकारियों को जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया. बैठक के बाद सीएम सिद्धारमैया ने ट्वीट किया और लिखा, प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े हालिया मामले ने देश को परेशान कर दिया है. पीड़ितों को न्याय दिलाना हमारी कानूनी प्रणाली में विश्वास बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने राहुल गांधी के पत्र का भी जिक्र किया गया था.

जांच के लिए प्रज्वल रेवन्ना के आवास पहुंची एसआईटी की टीम

‘अश्लील’ वीडियो मामले में एसआईटी अधिकारी जद (एस) नेता एचडी रेवन्ना और प्रज्वल रेवन्ना के होलेनरसीपुरा स्थित आवास पर पहुंचे. एचडी रेवन्ना के खिलाफ शुक्रवार को मैसूर में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर जनता दल सेक्युलर (जद-एस) के नेता प्रज्वल रेवन्ना के उत्पीड़न का शिकार हुईं पीड़िताओं को हरसंभव मदद देने को कहा है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने सिद्धरमैया को लिखे पत्र में कर्नाटक से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कृत्यों की निंदा की और उनके ऊपर गृह मंत्री अमित शाह का हाथ होने का आरोप लगाया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय महिलाओं के मामले में पीएम ने हमेशा चुप्पी साधी : राहुल गांधी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने अभी तक ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं देखा, जिसने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों पर लगातार चुप्पी साधे रखी हो. गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, मैं आपसे (सिद्धरमैया) अनुरोध करता हूं कि कृपया पीड़िताओं को हरसंभव सहायता प्रदान करें. उन्होंने कहा, वे हमारी करुणा और एकजुटता की पात्र हैं क्योंकि वे न्याय के लिए अपनी लड़ाई लड़ रही हैं. यह सुनिश्चित करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है कि इन जघन्य अपराधों के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को सजा दी जाए.

राहुल गांधी ने रेवन्ना को सख्त सजा दिए जाने की मांग की

राहुल गांधी ने अश्लील वीडियो मामले को भयावह यौन हिंसा करार दिया और आरोप लगाया कि प्रज्वल रेवन्ना ने बीते कई वर्षों में सैकड़ों महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया और उनका वीडियो बनाया. गांधी ने कहा, उनमें से कई महिलाएं, जो उसे भाई और बेटे के रूप में देखती थीं, उनके साथ भी हिंसक तरीके से क्रूरता की गई और उनकी गरिमा को ठेस पहुं‍चाई गई. हमारी माताओं और बहनों से दुष्कर्म के लिए सबसे सख्त सजा दिए जाने की आवश्यकता है.

क्या है मामला

दरअसल जेडीएस नेता और सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर उनके आवास पर काम करने वाली एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिसके बाद यह मामला सामने आया. कथित रूप से रेवन्ना ने सैकड़ों महिलाओं का यौन शोषण किया है. रेवन्ना के कई वीडियो हाल के दिनों में सोशल मीडिया में वायरल हुए थे. मामला सामने आने के बाद जेडीएस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है. मालूम हो प्रज्वल रेवन्ना देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते हैं और हासन से सांसद हैं. मौजूदा चुनाव में भी रेवन्ना एनडीए के उम्मीदवार हैं, हासन में 26 अप्रैल को चुनाव संपन्न हो चुका है.

प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को बताया शहंशाह जैसा जीवन बिताने वाला बताया, कहा- ‘शहजादे’ ने की 4000 किमी पैदल यात्रा

 कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने प्रियंका गुजरात के बनासकांठा में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. प्रियंका गांधी ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी को शहजादा कहने के लिए पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वो खुद शहंशाह जैसा जीवन जीते हैं. प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वो खुद शहंशाह के जैसा जीवन जीते हैं.

गुजरात के बनासकांठा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि वे मेरे भाई को शहजादा कहते हैं. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि कैसे यह शहजादा आपकी समस्याओं को सुनने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4000 किमी पैदल चला है. प्रियंका गांधी ने कहा कि दूसरी तरफ आपके शहंशाह नरेंद्र मोदी हैं, जो एक महल में रहते हैं. क्या आपने उन्हें टेलीविजन पर देखा है? उनके चेहरे पर धूल का एक भी कण दिखाई नहीं देता. वह आपकी समस्याओं को कैसे समझ सकते हैं.

सत्ता से घिरे हुए हैं पीएम मोदी

बनासकांठा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी शहंशाह वाला जीवन जीते हैं. वो सत्ता से घिरे हुए हैं. पार्टी के नेता उनसे डरते हैं. उन्हें कोई कुछ नहीं कहता है. प्रियंका ने कहा कि उनके खिलाफ उठने वाली आवाज को दबा दिया जाता है. प्रियंका गांधी ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आपने पीएम मोदी को किसी किसान से मिलते देखा है. किसानों के आंदोलन को दौरान कई किसानों की जान गई, लेकिन क्या किसी किसान से मिलने पीएम मोदी गये.

महलों में रहते हैं ‘शहंशाह’ पीएम मोदी- प्रियंका मोदी

प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वो राहुल गांधी को शहजादा कहते हैं लेकिन क्या आपने पीएम मोदी को देखा है. वो महलों में रहते हैं. उनके कपड़ों में कभी धूल देखी है. उनके बाल कभी बिखरे दिखे हैं. वो कितने किसान, गरीब और आम लोगों से मिले हैं. वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी है जो 4000 किलोमीटर पैदल चलकर किसानों से, मजदूरों से, आम लोगों से मिले हैं. उनका सुख-दुख जाना है.

अरविंद केजरीवाल केस में सुप्रीम कोर्ट में अभ‍िषेक मनु सिंघवी ने कहा क‍ि ईडी का 12 जनवरी का जवाब देखिए, इसमें कहा गया है कि..डिटेल में पढ़ें पूरी

 सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान वर‍िष्‍ठ वकील अभ‍िषेक मनु सिंघवी ने दलील दी क‍ि मैंने सभी 9 समन का जवाब दिया था। मैंने हमेशा पूछा क‍ि मेरी भूमिका क्या है, गवाह की है या आरोपी? केजरीवाल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया क‍ि मेरी गिरफ्तारी तक मेरी भूमिका तय नहीं थी।

 स‍िंघवी ने कहा क‍ि मनीष स‍िसोद‍िया के खिलाफ जो सबूत थे वहीं ईडी ने मेरे खिलाफ भी दिखाए हैं। सिंघवी ने कहा क‍ि मुझे जिन सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है वह सभी 2023 के अंत के हैं। हर सामग्री जुलाई 2023 की ही हैं। मनीष सिसोदिया के मामले में भी यही सबूत इस्तेमाल किए गए थे ज‍िसमें मनी ट्रेल चार्ट भी वही था।

सिंघवी ने कहा क‍ि ईडी का 12 जनवरी का जवाब देखिए। इसमें कहा गया है कि अगर किसी को समन किया गया है तो ये मतलब नहीं है कि वो आरोपी है। जब तक की सभी सबूत एकत्र कर आरोप ना मिले। 16 मार्च को आखि‍री समन आया, जिसमें 21 मार्च को आने को कहा गया था। यानी 16 मार्च तक मैं आरोपी नहीं था तो अचानक उसके बाद क्या हो गया?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा क‍ि जब तक आप गिरफ्तार ना हो, तब तक आरोपी नहीं है। सिंघवी ने कहा क‍ि मैंने उन्हें लिखित में पूछा कि क्या मैं आरोपी हूं। 16 मार्च तक नहीं था। फिर 21 मार्च को गिरफ़्तारी का क्या कारण आ गया? सुप्रीम कोर्ट ने कहा क‍ि क्या इस मामले में आम आदमी पार्टी को पार्टी या उनके खिलाफ कोई करवाई हुई है क्या? सिंघवी ने जवाब द‍िया नहीं। कोर्ट ने कहा क‍ि वह (ED) जो कह रहे हैं, वह यह है कि भविष्य में आप को आरोपी बनाया जाएगा।

 

केजरीवाल के वकील ने कहा क‍ि लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्‍होंने कहा क‍ि किसी कंपनी का नाम मात्र बताने से प्रबंध निदेशक की गिरफ्तारी नहीं हो सकती। यह मेरा मानना है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा क‍ि कोई भी व्यक्ति जो कंपनी का प्रभारी है। यदि कंपनी द्वारा कोई अपराध किया जाता है तो आप कंपनी के साथ-साथ उत्तरदायी होंगे। जस्टिस खन्ना – कोई भी व्यक्ति कंपनी का समग्र प्रभारी है तो आप कंपनी के प्रति परोक्ष रूप से उत्तरदायी हैं। फिर आपको यह दिखाना होगा कि यह आपकी जानकारी के बिना किया गया था।

अमेरिका के भारत को 'जेनोफोबिक' कहने पर जयशंकर की दो टूक, जानें क्या दिया जवाब

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने भारत और जापान को ‘ज़ेनोफ़ोबिक’ देश कहा था।केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बयान को खारिज कर दिया है।जयशंकर ने बताया कि भारत विभिन्न समाज के लोगों का स्वागत करता है। यह देश मेहमाननवाजी के लिए जाना जाता है।

शुक्रवार को इकोनॉमिक टाइम्स के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, “सबसे पहली तो हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है। भारत हमेशा से एक अनोखा देश रहा है, असलियत में मैं कहूंगा कि दुनिया के इतिहास में यह एक ऐसा समाज रहा है जो बहुत खुला है। तरह-तरह के समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं।जयशंकर ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) इसका उदाहरण है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किया गया नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) यह दर्शाता है कि भारत हर समाज के लोगों का स्वागत करता है। 

बाइडन के जेनोफोबिक वाले बयान पर व्हाइट हाउस ने प्रतिक्रिया दी थी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने बताया कि राष्ट्रपति बाइडन इस बारे में टिप्पणी कर रहे थे कि आप्रवासियों का देश में होना कितना जरूरी है और यह हमारे देश को कैसे मजबूत बनाते हैं। वह इस बारे में इसलिए बात कर रहे थे क्योंकि यह हमारे सहयोगियों के साथ हमारे संबंधों से जुड़ा है। हमारे निश्चित तौर पर जापान और भारत के साथ मजबूत संबंध हैं। राष्ट्रपति ने बीते तीन वर्षों में इन देशों के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करने पर फोकस किया है।

एस जयशंकर ने कहा कि 'हमें उन लोगों के स्वागत के लिए तैयार रहना चाहिए, जिन्हें आने की ज़रूरत है और जिनका हक बनता है। उन्होंने सीएए का विरोध करने वालों पर नाराज़गी ज़ाहिर की और कहा कि ऐसे लोग हैं जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि सीएए के होने से दस लाख मुसलमान भारत में अपनी नागरिकता खो देंगे। एस जयशंकर ने कहा कि इन दावों के बावजूद किसी की भारत में नागरिकता नहीं गई है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया का एक हिस्सा ग्लोबल नैरेटिव को अपने हिसाब से चलाना चाहता है और इसी क्रम में वह भारत को निशाना बनाता है।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की तुलना रूस और चीन जैसे देशों के साथ करते हुए उसे एक ‘ज़ेनोफ़ोबिक’ देश बताया था। बुधवार शाम को एक फंड जुटाने वाले कार्यक्रम में एशियाई-अमेरिकी लोगों से बात करते हुए बाइडन ने कहा था, हम आप्रवासियों का स्वागत करते हैं. सोचिए कि क्यों चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह फँसा हुआ है? जापान को परेशानी क्यों हो रही है? रूस को क्यों परेशानी हो रही है? भारत को क्यों परेशानी हो रही है? क्योंकि वे ज़ेनोफ़ोबिक हैं. वे आप्रवासी नहीं चाहते हैं। जेनोफ़ोबिक यानी ऐसे देश, जो आप्रवासियों को अपने देश में कतई नहीं चाहते या उनसे डर का माहौल पैदा किया जाता है।

एल्विश यादव को लेकर आई बड़ी खबर, इस केस में बुरे फंसे एल्विश, ED ने दर्ज किया मुकदमा

 यूट्यूबर एल्विश यादव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. कोबरा कांड केस के बाद अब मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका नाम सामने आया है. ईडी का लखनऊ जोनल ऑफिस जल्द ही एल्विश से पूछताछ की तैयारी कर रहा है. 2 नवंबर को नोएडा में दर्ज मामले को आधार बनाते हुए मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है. यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कोबरा कांड केस के बाद वो एक बार फिर हेडलाइंस में हैं. ईडी ने मनी लांड्रिंग केस में यूट्यूबर के खिलाफ मुकादमा दर्ज किया है. ईडी उनके पास मौजूद महंगी कारों के काफिले के बारे में जांच कर सकती है. 

17 मार्च को यूट्यूबर को नोएडा पुलिस ने कोबरा कांड मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया. फिलहाल वो जमानत पर बाहर हैं. लेकिन अब ईडी उन पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गई है. वहीं यूट्यूबर की ओर से मामले में अब तक कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है. जेल से बाहर आने के बाद एल्विश ने खुद बेकसूर बताया. यूट्यूबर का कहना है कि उनकी सक्सेस कुछ लोगों को रास नहीं आ रही है. इसलिये उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है.  

8 नवंबर को नोएडा पुलिस ने रेव पार्टी में सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में FIR दर्ज की थी. इस केस में यूट्यूबर एल्विश यादव भी आरोपी हैं. पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ शामिल हैं. पुलिस को राहुल नाम के पास 20ml जहर मिला था.एल्विश ने सफाई में क्या कहा था?

मामला सामने आने के बाद एल्विश ने अपनी सफाई देते हुए इंस्टा पर वीडियो पोस्ट किया था. उन्होंने कहा था- मैं सुबह उठा. मैंने मीडिया में न्यूज देखी कि एल्विश यादव नशीले पदार्थ के बिजनेस में शामिल हैं. वो अरेस्ट हो गए हैं. मैं बता दूं कि मेरे खिलाफ जितने भी चीजें चल रही हैं. वो फेक हैं और मेरा इसमें कोई लेना देना नहीं है.

नया खुलासा, सांसद ने बंदूक की नोक पर महिला से किया दुष्‍कर्म, रेप का बनाया वीडियो, वायरल होते ही मचा हड़कंप


कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना का सेक्स स्कैंडल काफी वायरल हो रहा है। प्रज्वल देश से फरार हैं लेकिन उनके काले चिट्ठे एक-एक करके सामने आ रहे हैं। इसी बीच एक 44 साल की महिला ने प्रज्वल की पोल खोल दी है। पंचायत की सदस्य इस महिला ने प्रज्वल पर बड़ा आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि प्रज्वल ने बंदूक दिखाकर जबरन दुष्कर्म किया और पति को जान से मारने की धमकी दी। हालांकि प्रज्वल यहीं नहीं रुके।

महिला ने क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) में 1 मई को शिकायत दर्ज की है, जिसमें प्रज्वल पर IPC की धारा 376 के तहत बलात्कार का आरोप लगा है। पंचायत की सदस्य महिला राजनेता का कहना है कि 2021 कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स को हॉस्टल में सीट की आवश्यकता थी। इसी सिलसिले में महिला कर्नाटक के हासन में मौजूद प्रज्वल के आवास पर उनसे मिलने पहुंची थी। ग्राउंड फ्लोर पर कई लोगों की भीड़ मौजूद थी। लिहाजा स्टाफ ने महिला से फर्स्ट फ्लोर पर जाने को कहा।

पीड़ित महिला के अनुसार, प्रज्वल उसे बेडरूम में ले गए और दरवाजा बंद कर लिया। महिला के मना करने पर प्रज्वल ने कहा कि तुम्हारे पति की वजह से मेरी मां को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला। अपने पति से कहो कम बोला करे। प्रज्वल ने महिला को धमकी देते हुए कहा कि अगर तुम्हे और तुम्हारे पति को राजनीति में टिके रहना है तो मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाओ।

महिला के मना करने पर प्रज्वल ने बंदूक दिखाते हुए कहा कि तुम्हे और तुम्हारे पति को जान से मार दूंगा। ऐसे में प्रज्वल ने जबरदस्ती महिला का रेप किया और उसका वीडियो बना लिया। प्रज्वल ने महिला से कहा कि अगर उसने कहीं मुंह खोला तो वो वीडियो लीक कर देंगे। यही नहीं महिला के अनुसार प्रज्वल अक्सर वीडियो लीक करने की धमकी देकर महिला को बुलाते थे और उसका बलात्कार करते थे। प्रज्वल ने कई बार महिला के साथ दुष्कर्म करते हुए वीडियो बनाया था।

बता दें कि 24 अप्रैल को प्रज्वल रेवन्ना के सेक्स स्कैंडल का पर्दाफाश हुआ था। इसी बीच प्रज्वल जर्मनी चले गए। वहीं 26 अप्रैल को प्रज्वल की संसदी सीट हासन में मतदान हुए। ऐसे में प्रज्वल रेवन्ना का सेक्स स्कैंडल सत्ता के गलियारों में भी तूल पकड़ने लगा। तभी JDS ने प्रज्वल को पार्टी से निकाल दिया।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के खिलाफ थाने पहुंची महिला, लगाया छेड़खानी का आरोप

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चुनावी माहौल में देश में आरोप-प्रत्यारोपों की बौछार हो रही है। अभी कर्नाटक के हासन से जीडी(एस) सांसद और एनडीए प्रत्याशी प्रजव्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल पर विवाद कम नहीं हुआ है कि इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के खिलाफ एक महिला ने छेड़खानी का आरोप लगाया है। गुरुवार रात एक महिला हेयर स्ट्रीट पुलिस थाने पहुंची और आरोप लगाया कि उसके साथ छेड़छाड़ हुई है। जानकारी के मुताबिक महिला राजभवन में अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम करती है। हालांकि पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है लेकिन शिकायत की कॉपी लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुरुवार दोपहर को राजभवन में शांति कक्ष से जुड़ी एक अस्थायी कर्मचारी होने का दावा करने वाली एक महिला गवर्नर हाउस के अंदर स्थित पुलिस चौकी के प्रभारी के पास पहुंची और आनंद बोस पर उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। अधिकारी ने तुरंत स्थानीय हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, जिसके अंतर्गत राजभवन आता है, जिसके बाद पुलिस गवर्नर हाउस पहुंची।बाद में महिला को राजभवन से हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उसने राज्यपाल पर स्थायी नौकरी दिलाने के बहाने 'छेड़छाड़' करने का आरोप लगाते हुए एक लिखित शिकायत दर्ज कराई।महिला का आरोप है कि राज्यपाल ने उन्हें बायोडाटा के साथ राजभवन स्थित अपने चेंबर में आने को कहा था, जहां उनके साथ छेड़खानी की गई।

आरोपों की जांच के लिए टीम का गठन

कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इंदिरा मुखर्जी ने कहा, 'राज्यपाल के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। इस मामले में एक जांच टीम का गठन किया गया है। हम अगले कुछ दिनों में कुछ संभावित गवाहों से बात करेंगे। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के लिए अनुरोध किया गया है।'

संदेशखालि पर बात करने से पहले भाजपा को इस पर जवाब देना चाहिए-ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने शुक्रवार को राजभवन में महिला कर्मी से कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने को लेकर राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस को आड़े हाथों लिया। पूर्वी बर्धवान जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि राजभवन में महिला के साथ छेड़छाड़ की खबर सुन उनका दिल रो रहा है। उन्होंने इसे शर्मनाक करार दिया। कल, महिला की व्यथा सुन मेरा दिल से पड़ा। मैंने उसके आरोप का वीडियो देखा। संदेशखालि पर बात करने से पहले भाजपा को यह जवाब देना चाहिए कि राज्यपाल ने राजभवन में काम करने वाली महिला के साथ ऐसा क्यों किया।" ममता ने आश्चर्य जताया कि "कल रात राजभवन में आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मुद्दे पर एक शब्द भी क्यों नहीं बोला।" उन्होंने कहा, "महिला रोती हुई बाहर आई और कहा कि वह अब राजभवन में काम करने को लेकर बहुत ही भयभीत है। 

कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा लगाए गए आरोपों का स्वागत- राज्यपाल

हालांकि, राज्यपाल बोस ने आरोपों का खंडन किया है। राजभवन ने शुक्रवार को राज्यपाल का एक रिकॉर्ड बयान जारी किया था। इसमें तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राज्यपाल ने कहा था, 'कोई भी टीएमसी के भ्रष्टाचार और हिंसा पर लगाम लगाने के मेरे प्रयासों को रोक नहीं सकता है। मेरे प्रयास दृढ़ हैं। बयान में उन्होंने आगे कहा कि मैं कुछ राजनीतिक ताकतों द्वारा लगाए गए आरोपों का स्वागत करता हूं। मैं जानता हूं कि अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई मुझे इन बेतुके आरोपों से नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे एक दिन 1943 की बंगाल फेमिन के साथ-साथ 1946 में कलकत्ता में हुई हत्याओं के लिए भी दोषी ठहराया जाएगा।'