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प्रियंका तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुंच जाएगी', जयराम रमेश बोले- शतरंज की कुछ चालें बाकी हैं..., जानें इन बातों का मतलब

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लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की ओर से रायबरेली से राहुल गांधी चुनावी मैदान में नजर आएंगे। राहुल गांधी ने आज रायबरेली से अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। इसके साथ ही प्रियंका गांधी वाड्रा के भी चुनावी मैदान में उतरने की अफवाहों पर भी विराम लग गया। दरअसल, पहले चर्चा थी कि अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं।हालांकि, पार्टी ने अचानक रणनीति बदली और दोनों सीटों पर नए चेहरे उतारने का फैसला लिया। कांग्रेस ने ये रणनीति हार के डर से नहीं, बल्कि काफी सोच विचार कर बनाई है। कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश की प्रतिक्रिया से ये बात साफ जाहिर हो रही है।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय हैं। लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और सोच समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार विमर्श करके बड़ी रणनीति के तहत लिया है। इस निर्णय से BJP, उनके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गये हैं। बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो परंपरागत सीट की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें?

अपने पोस्ट में जयराम ने आगे लिखा, “रायबरेली सिर्फ़ सोनिया जी की नहीं, ख़ुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है। यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है। रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तरप्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गये, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये? एक बात और साफ़ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है। कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी है। कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थी कि आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का? लीजिए, आ गया! कांग्रेस का एक आम कार्यकर्ता अमेठी में BJP का भ्रम और दंभ दोनों तोड़ेगा।“

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में कहा, “प्रियंका जी धुआँधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं। इसीलिए यह ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ़ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए। प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुँच जायेंगी। आज स्मृति ईरानी की सिर्फ़ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं। अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई। अब बजाय व्यर्थ की बयानबाज़ी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और IIIT हैं – उसपर जवाब देना होगा। शतरंज की कुछ चालें बाक़ी हैं, थोड़ा इंतज़ार कीजिए।”

2019 के लोकसभा चुनावों के पहले तक उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थीं। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनावों में रायबरेली ही एक ऐसी सीट थी, जिसे कांग्रेस ने यूपी में जीता था। बीजेपी की आंधी में भी रायबरेली का गढ़ सुरक्षित रहा था, ऐसे में कांग्रेस को लग रहा होगा कि इस बार भी राहुल की उम्मीदवारी से उन्हें फायदा हो सकता है। कांग्रेस को उम्मीद है कि गांधी परिवार के नाम पर, और वह भी राहुल गांधी के नाम पर, रायबरेली की जनता जरूर अपना समर्थन देगी।वहीं, राहुल अगर केरल के वायनाड और रायबरेली दोनों से जीते जाते हैं, तो जो सीट वो छोड़ेंगे वहां से प्रियंका गांधी उपचुनाव लड़ सकती हैं।

सिद्धारमैया के मंत्री ने भगवान श्री कृष्ण से की प्रज्वल रेवन्ना की तुलना, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा

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कर्नाटक में इस समय सियासी बवाल मचा हुआ है।जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण का आरोप लगा है। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौरा जारी है। इस बीच कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के एक मंत्री ने एच डी देवगौड़ा के पोते आरोपी प्रज्वल की तुलना भगवान कृष्ण से करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। कर्नाटक के आबकारी मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से कर दी। उन्होंने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना भगवान कृष्ण से आगे निकलना चाहते थे। 

एक वायरल वीडियो मं सिद्धारमैया सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री रामप्पा तिम्मापुर रेवन्ना के बारे में कहते हैं ‘जैसा कि एमबी पाटिल ने कहा, यह पेनड्राइव मुद्दा है। देश में इससे बुरा कुछ भी नहीं हुआ है। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है। भगवान कृष्ण भक्ति के साथ कई महिलाओं के साथ रहते थे। मुझे लगता है कि वह उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं।’ यह टिप्पणी मंत्री रामप्पा में विजयपुरा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया। उनका पूरा भाषण कन्नड़ में है।

बीजेपी ने की इस्तीफे की मांग

रामप्पा थिम्मापुर द्वारा प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्री कृष्ण से करने की बात ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेसी मंत्री के इस बयान के बाद कर्नाटक में बवाल मच गया है। इस वीडियो के वायरल होते ही बीजेपी आक्रामक हो गई और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मंत्री से माफी मांगने को कहा है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सीटी रवि ने कहा, कर्नाटक सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता ने भगवान कृष्ण का अपमान किया है। उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे।

रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रिकॉर्ड करने का आरोप

बता दें कि जेडी (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें अपने फोन पर रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया गया है। 28 अप्रैल को एक 47 वर्षीय महिला ने सांसद, जो पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते भी हैं, के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उन पर उसे और उसकी बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया। कुछ ही देर बाद और भी महिलाएं शिकायत लेकर सामने आईं। प्रज्वल को 30 अप्रैल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रेवन्ना पर यौन कृत्य करते समय 70 से अधिक महिलाओं की लगभग 3,000 वीडियो क्लिप फिल्माने का आरोप है।

सिसोदिया की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट का ईडी-सीबीआई को नोटिस, 8 मई को अगली सुनवाई*
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दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक, सिसोदिया हफ्ते में एक दिन अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं. इस दौरान वो कस्टडी में ही रहेंगे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई से जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होगी। दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सिसोदिया की ईडी और सीबीआई दोनों ही मामलों में जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट में सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। बता दें कि दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दूसरी बार सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, इसी मामले के फैसले को लेकर मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानकारी दे दें कि मनीष सिसोदिया ने एक अर्जी दायर कर मांग की थी कि उनकी जमानत याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान, ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत मिली थी। इस मामले पर ईडी की ओर से कहा गया कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रहता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। मनीष सिसोदिया की ओर से वकील ने पहले हाईकोर्ट में कहा कि सिसोदिया को निचली अदालत ने अपनी बीमार पत्नी से मुलाक़ात के लिए हफ्ते में एक दिन की कस्टडी परोल दी थी लेकिन सिसोदिया की ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद वो पत्नी से नहीं मिल पा रहे है। जब तक उनकी ज़मानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है, तब तक उन्हें एक दिन की कस्टडी परोल जारी रहने की इजाज़त होनी चाहिए। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ में बंद सिसोदिया ने कुछ दिन पहले जेल से चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने ये उम्मीद जताई दी थी कि वो जल्द जेल से बाहर आएंगे। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था। अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। अंग्रेजों ने गांधी-मंडेला को भी जेल में डाला। अंग्रेज शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ।
सिसोदिया की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट का ईडी-सीबीआई को नोटिस, 8 मई को अगली सुनवाई

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दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक, सिसोदिया हफ्ते में एक दिन अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं. इस दौरान वो कस्टडी में ही रहेंगे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई से जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होगी।

दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सिसोदिया की ईडी और सीबीआई दोनों ही मामलों में जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट में सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। बता दें कि दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दूसरी बार सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, इसी मामले के फैसले को लेकर मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

जानकारी दे दें कि मनीष सिसोदिया ने एक अर्जी दायर कर मांग की थी कि उनकी जमानत याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान, ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत मिली थी। इस मामले पर ईडी की ओर से कहा गया कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रहता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है।

मनीष सिसोदिया की ओर से वकील ने पहले हाईकोर्ट में कहा कि सिसोदिया को निचली अदालत ने अपनी बीमार पत्नी से मुलाक़ात के लिए हफ्ते में एक दिन की कस्टडी परोल दी थी लेकिन सिसोदिया की ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद वो पत्नी से नहीं मिल पा रहे है। जब तक उनकी ज़मानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है, तब तक उन्हें एक दिन की कस्टडी परोल जारी रहने की इजाज़त होनी चाहिए।

बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ में बंद सिसोदिया ने कुछ दिन पहले जेल से चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने ये उम्मीद जताई दी थी कि वो जल्द जेल से बाहर आएंगे। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था। अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। अंग्रेजों ने गांधी-मंडेला को भी जेल में डाला। अंग्रेज शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ।

क्या कांग्रेस ने स्वीकार ली अपनी हार? राहुल गांधी ने अमेठी से क्यों नहीं लड़ा चुनाव, स्मृति ईरान ने कह दी बड़ी बात

कांग्रेस ने लंबी चर्चा के बाद अपनी पारंपरिक अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट को लेकर पत्ते खोल दिए हैं. कांग्रेस ने अमेठी से किशोरी लाल शर्मा और रायबरेली से राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं, राहुल गांधी के अमेठी से न लड़ने पर बीजेपी ने पूरी कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा शुरू कर दिया है. अब अमेठी से सांसद और बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने गांधी पर परिवार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि अमेठी से गांधी परिवार का न लड़ना, संकेत है कि चुनाव से पहले बिना वोट पड़े ही कांग्रेस पार्टी ने अमेठी में अपनी हार मान ली है.

दरअसल, कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह लिस्ट जारी कर अमेठी और रायबरेली से अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया था. कांग्रेस ने राहुल गांधी को रायबरेली से अपना प्रत्याशी घोषित किया तो अमेठी के केएल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है. राहुल गांधी अब तक अमेठी से चुनाव लड़ते थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उनकी सीट बदल दी है. इसी को लेकर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल को शिकस्त देने वाली स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार पर हमला बोला है.

स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार पर तंज कसते हुए कहा, मेहमानों का स्वागत है. हम मेहमानों के स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे. अमेठी से गांधी परिवार का न लड़ना, संकेत है कि चुनाव से पहले बिना वोट पड़े ही कांग्रेस पार्टी ने अपनी हार मान ली है. यहां जीत की कोई भी गुंजाइश होती तो वह (राहुल) यहां (अमेठी) से अपने प्रॉक्सी को न लड़ाते.

उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए यह भी कहा कि 2019 में अमेठी की जनता ने गांधी परिवार को राजनीतिक रणभूमि में त्यागा था. आज गांधी परिवार का अमेठी लोकसभा क्षेत्र से न लड़ने इस बात का संकेत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश में जो विकास हुआ है. उस विकास के जरिए अमेठी की जनता ये पूछ रही है, अगर 5 साल के अंदर बीजेपी के सांसद द्वारा अभूतपूर्व विकास अमेठी में संभव हुआ तो 50 साल से विशेष कर 15 साल से लापता रहने के बाद इतनी पीढ़ियों की हानि गांधी परिवार ने अमेठी लोकसभा क्षेत्र में क्यों की.

स्मृति ईरानी से पहले बीजेपी के कई नेताओं ने भी राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने पर गांधी परिवार पर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ समय पहले राहुल गांधी कहते थे 'डरो मत, डरो मत', अब अमेठी से वायनाड और वायनाड से लेकर रायबरेली तक, हार के प्रति उनका डर उन्हें हर जगह ले जा रहा है. रॉबर्ट वाड्रा भी टिकट मांगते थे, कांग्रेस की मांग प्रियंका गांधी के लिए भी थी लेकिन उनकी लिस्ट में कहीं भी बहन का नाम नहीं आया है.ये अपने आप में दिखाता है कि कुछ ना कुछ कांग्रेस पार्टी में चल रहा है और यह बात देश के सामने खुलकर आ गई है.

अचानक शेयर बाजार में आया भूचाल, एक ही झटके में स्‍वाहा हो गए निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये

 शुरुआती कारोबार में शानदार तेजी के बाद शेयर बाजार (Stock Market U-Turn) ने अचानक यू-टर्न ले लिया है. सेंसेक्‍स (Sensex) आज अपने हाई लेवल से 2 फीसदी या 1434 अंक लुढ़कर कारोबार कर रहा है. वहीं Nifty ने आज अपना ऑल टाइम हाई लेवल 22,794 टच किया था, जहां से यह करीब 1.60 फीसदी या 400 अंक नीचे कारोबार कर रहा है. 

दोपहर 1 बजे निफ्टी 250 अंक लुढ़ककर 22,400 पर कारोबार कर रहा था, ज‍बकि सेंसेक्‍स 916 अंक गिरकर 73,695 पर कारोबार कर रहा है. वहीं बैंक निफ्टी 475 अंक से ज्‍यादा टूटकर 48,765 लेवल पर कारोबार कर रहा था. बीएसई के टॉप 30 में से 25 शेयरों में तगड़ी गिरावट आई है. बजाज फाइनेंस के स्‍टॉक में 2 फीसदी की तेजी आई है. वहीं सबसे ज्‍यादा गिरावट भारती एयरटेल में 2.42 फीसदी की आई है. 

NSE पर 2,553 शेयरों में से 763 स्‍टॉक में तेजी जारी है, जबकि 1,689 स्‍टॉक में बड़ी गिरावट देखी जा रही है और 101 स्‍टॉक अनचेंज हैं. 133 शेयरों ने 52 वीक का सबसे उच्‍चा स्‍तर टच किया है और 7 ने निचला स्‍तर छुआ है. 87 स्‍टॉक में अपर सर्किट लगा है और 37 में लोअर सर्किट है. गौरतलब है कि आज सेंसेक्‍स 460 अंक चढ़कर 75,095.18 के स्‍तर पर पहुंच गया था, जबकि निफ्टी करीब 150 अंक चढ़कर अपने ऑल टाइम हाई लेवल 22,794 पर पहुंच गया था. शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण CEAT टायर स्‍टॉक में 4.2 फीसदी, ज्‍योति लैब्‍स में 3.6 फीसदी, ब्‍लू स्‍टार के शेयर में 3 फीसदी, MRF के शेयर में 3 प्रतिशत, टाटा का ट्रेंट शेयर में 3 प्रतिशत और आईसीआईसीआई लॉम्‍बोर्ड के स्‍टॉक में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. 

शुक्रवार को तेजी के बाद हैवीवेट शेयरों में मुनाफावसूली हावी हुई, जिससे शेयर बाजार नीचे की ओर भागने लगा. रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और आईटी स्‍टॉक्‍स में आज मुनाफावसूली देखी गई है. दूसरा कारण, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 964 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. तीसरा बड़ा कारण, सेंसेक्‍स की आज एक्‍सपाइरी भी है. बीएसई पर सभी लिस्‍टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 3 लाख करोड़ रुपये घटकर 405.83 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसका मतलब है कि बीएसई शेयरों में निवेश करने वालों की वेल्‍थ में आज 2.67 लाख करोड़ की कमी आई है.

राहुल ने चुनी पुश्तैनी सीट : फिरोज गांधी से शुरू हुआ सफर , इंदिरा यहीं से बनीं पीएम , सोनिया 20 साल रहीं सांसद, जानिए, इस हाई प्रोफाइल सीट की

कांग्रेस की पैतृक लोकसभा सीट पर शुक्रवार को नया इतिहास बन रहा है। राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन कर दिया। इसके साथ ही गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी का रायबरेली से राजनीतिक सफर शुरू होगा। कांग्रेस के युवराज मां सोनिया गांधी की रायबरेली में राजनीतिक विरासत को संभालेंगे। 

रायबरेली लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो सबसे पहले 1952 में फिरोज गांधी ने चुनाव लड़ा और जीते। उसके बाद 1958 में भी उन्होंने चुनाव जीता। उनके निधन के बाद1967 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने इस सीट से पर्चा भरकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की। ऐसे में यह सीट गांधी परिवार की विरासत बन गई। 2004 में इंदिरा गांधी की बहू सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा और पांच बार सांसद चुनी गईं। अब सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी लोकसभा सीट से उतर कर गांधी परिवार की विरासत को संभालने जा रहे हैं।

सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा में जाने से पहले रायबरेली वासियों के नाम मार्मिक पत्र लिखा था जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इसी के बाद से कयास लगाए जाते रहे थे कि गांधी परिवार से कोई न कोई चुनाव रायबरेली से जरूर लड़ेगा। यहां से प्रियंका गांधी का नाम चल रहा था लेकिन ऐन मौके पर उनके भाई राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का एलान कर दिया गया।

मां के बाद अब बेटे राहुल के सामने होंगे भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप

हाई प्रोफाइल रायबरेली संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह लगातार दूसरी बार गांधी परिवार के सामने होंगे। 2019 में दिनेश प्रताप सिंह सोनिया गांधी के सामने चुनाव लड़े थे। उन्होंने कांग्रेस को टक्कर दी थी लेकिन चुनाव हार गए थे। 2018 में दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सोनिया गांधी को 531918 मत मिले थे। भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 367740 मत मिले थे। दिनेश प्रताप 164178 मतों से हार गए थे लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी के जीत के अंतर को कम कर दिया था।

रायबरेली से अब तक हुए सांसद

1952- फिरोज गांधी (कांग्रेस)

1958- फिरोज गांधी (कांग्रेस)

1962- ब्रजलाल (कांग्रेस)

1967- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1971- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1977- राजनारायण (बीकेडी)

1980- इंदिरा गांधी (कांग्रेस)

1981-अरुण नेहरू( कांग्रेस)

 उपचुनाव 

1984- अरूण नेहरू (कांग्रेस)

1989- शीला कौल (कांग्रेस)

1991- शीला कौल (कांग्रेस)

1996- अशोक सिंह (भाजपा)

1998- अशोक सिंह (भाजपा)

1999- कैप्टन सतीश शर्मा(कांग्रेस)

2004- सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2006-सोनिया गांधी (कांग्रेस) उपचुनाव

2009- सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2014-सोनिया गांधी (कांग्रेस)

2019-सोनिया गांधी (कांग्रेस)

कैंसर से जूझ रहे 70 वर्षीय सीपीआई नेता अतुल कुमार अनजान ने अस्पताल में ली अंतिम सांस, देश में शोक की लहर

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( सीपीआई) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का आज निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। श्री अंजान पिछले एक महीने से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। भारतीय वामपंथी राजनीति में उनका नाम काफ़ी चर्चित था। वह सामाजिक कार्याें में भी काफी सक्रिय रहे। किसानों और मजदूराें के लिये उनके द्वारा किये गये कार्यों की वजह से राजनेताओं के बीच उनकी अलग पहचान रही है। अतुल कुमार अंजान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1977 में की जब वे लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। वे सबसे मुखर और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे। उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।

सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव श्री अंजान उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पुलिस-पीएसी विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वे अपने राजनीतिक सफर के दौरान चार साल नौ महीने जेल में भी बिताए। उनके पिता डॉ. ए.पी. सिंह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की गतिविधियों में भाग लिया था। इसके लिए उन्होंने ब्रिटिश जेल में लंबी सजा काटी थी। किसानों और श्रमिकों के हितों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता ने लोगों से व्यापक प्रशंसा और सम्मान जीता। वे प्रभावशाली भाषण देने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया था। उनके निधन से दल के साथ देश मर्माहत है।

चेन्नई में पाकिस्तानी लड़की को हिन्दू व्यक्ति का दिल लगाने पर पाकिस्तान के इमाम ने कहा, यह काफिर का दिल, बुत के सामने झुकता था

चेन्नई के एक अस्पताल में पाकिस्तानी लड़की आयशा राशान को हिन्दू व्यक्ति का दिल लगाए जाने पर पाकिस्तान के एक इमाम ने कहा है कि यह काफिर का दिल है। इमाम ने कहा कि यह दिल पहले बुतों (मूर्तियों) के सामने झुकता था और अब अल्लाह के सामने झुकेगा। इमाम ने कहा कि गैर मुस्लिम (काफिर) आदमी ने भले ही पाकिस्तानी लड़की को अपना दिल दिया हो, मगर उसका यह काम पुण्य नहीं है, क्योंकि वह मुस्लिम नहीं है। अब इस पाकिस्तानी इमाम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।  

वीडियो में एक यूट्यूबर ने इस संबंध में इमाम से सवाल किया था। जिस पर इमाम ने कहा कि पाकिस्तानी लड़की को दिल देने वाला व्यक्ति हिन्दू होकर मरा, इसलिए उसका कोई भी पुण्य नहीं गिना जाएगा। पुण्य पाने के लिए इंसान का मुसलमान हो कर मरना जरुरी है। इमाम ने आगे कहा कि मुस्लिम बच्ची की हिम्मत ये है कि उसने बुतों के सामने झुकने वाले इंसान का दिल अल्लाह के आगे झुका दिया। इमाम ने एक कहानी सुना कर बताया कि पुण्य पाने के लिए मुस्लिम होकर मरना आवश्यक है।

इमाम ने कहा कि काफिरों (गैर मुस्लिमों) का कोई भी काम आखिरत (दुनिया के अंत) के वक़्त गिना नहीं जाएगा। इमाम ने मुसलमानों के अंगदान को भी हराम करार दिया। इमाम ने कहा कि जरूरी न हो, तो मुसलमान के लिए रक्तदान भी सही नहीं है। इमाम ने कहा कि जब मरीज की जान पर बन आए, तभी मुसलमान को रक्तदान करना चाहिए, ऐसे नहीं। इमाम ने इस बात पर गुस्सा जाहिर किया कि पाकिस्तान पूरी तरीके से इस्लामी देश नहीं है। उसने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ नाम के लिए ही इस्लामी मुल्क रह गया है।

बता दें कि पाकिस्तानी के कराची की निवासी एक 19 वर्षीय मुस्लिम लड़की आयशा की जान बचाने के लिए उसे चेन्नई में जनवरी, 2024 में एक 68 वर्षीय हिन्दू आदमी का दिल लगाया गया था। हिन्दू शख्स को अपस्ताल ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था, जिसके बाद उसके परिजनों ने उनका अंगदान कर दिया था। इस ऑपरेशन के लिए लगे 35 लाख रुपए भी भारतीयों ने इकठ्ठा करके दिए थे, क्योंकि उनके पास ऑपरेशन के पैसे नहीं थे। आयशा को अब अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आयशा का इलाज चेन्नई के अपस्ताल से 2019 से ही चल रहा था।

सियाचिन के करीब “नापाक” हरकत कर रहा चीन, भारत ने दिखाई सख्ती

#shaksgam_valley_is_part_of_india_says_mea_over_china_activities

चीन की नजर अपने पड़ोसी देशों की जमीन पर लगी रही है।ड्रैगन इन जमीनों को अवैध रूप से कब्जाने के लिए टेढ़ी-मेढ़ी चालें टलता रहता है। अब चीन सियाचिन ग्लेशियर के करीब अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के शक्सगाम घाटी में एक सड़क का निर्माण कर रहा है। हाल में सैटेलाइट इमेज में इसका खुलासा हुआ है। शक्सगाम घाटी में चीन द्वारा सड़क निर्माण किए जाने पर भारत सरकार ने सख्ती दिखाई है।

भारत ने सियाचिन के पास चीन की हरकतों को लेकर गुरुवार को दो टूक जवाब दिया।सियाचिन के पास चीनी गतिविधियों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, 'हम लोग शक्सगाम घाटी को अपना क्षेत्र मानते हैं. हमने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया है, जिसके जरिए पाकिस्तान ने अवैध रूप से इस क्षेत्र को चीन को सौंपने की कोशिश की थी। हमने लगातार अपना विरोध जताया है।

जयसवाल ने आगे कहा, 'हमने जमीनी स्तर पर फैक्ट्स को बदलने की अवैध कोशिशों के खिलाफ चीनी पक्ष के साथ अपना विरोध दर्ज कराया है। हम अपने हितों की रक्षा के लिए जरूरी उपाय करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।

बता दें कि शक्सगाम घाटी को पाकिस्तान ने 1963 में चीन को सौंप दिया था। यह पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर का हिस्सा है। यह चीन के झिंजियांग में राजमार्ग G219 के विस्तार से निकलती है और एक स्थान पर पहाड़ों में गायब हो जाती है।बीते दिनों कुछ सैटेलाइट इमेज सामने आई थीं, इसमें पता चला था कि चीन पीओके में सियाचीन ग्लेशियर के पास एक सड़क का निर्माण कर रहा है।यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है सड़क का मूल मार्ग का निर्माण पिछले साल जून और अगस्त के बीच किया गया था।चीनी सड़क अघिल दर्रे से होकर गुजरती है, जो 1947 से पहले तिब्बत के साथ भारत की सीमा के रूप में कार्य करती थी।

बता दें कि यह सड़क ट्रांस-काराकोरम ट्रैक्ट में स्थित है और यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कश्मीर का हिस्सा है। भारत इस पर लगातार दावा करता रहा है। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त कर दिया है। उसके बाद केंद्र सरकार आधिकारिक मानचित्र जारी किया गया था। उसमें इस क्षेत्र को भारतीय क्षेत्र के रूप में दिखाया गया है।