एक साल में कुत्तों ने 37 हजार लोगों को काटकर किया जख्मी
नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। जिले की सड़कों पर आवारा घूम रहे कुत्ते खूंखार होते जा रहे हैं। साल दर साल कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में कुत्ते छोटे बच्चों के साथ युवाओं को निशाना बना रहे हैं। साल 2023 में करीब 37 हजार लोगों को कुत्तों ने निशाना बनाया।
गौर करे कि जिला अस्पताल और एमबीएस भदोही में कुत्तों के काटने की घटना सबसे अधिक पहुंची। साल 2022 में जहां 34 हजार लोगों को कुत्तों ने निशाना बनाया था। वहीं 2023 में यह आंकड़ा करीब तीन हजार बढ़कर 37 हजार पहुंच गया। ग्रामीण इलाकों में घर के बाहर खेल रहे बच्चे कुत्ते का आसानी से शिकार बन जा रहे हैं। बीते साल जून माह में भदोही क्षेत्र के एक गांव में आठ वर्षीय बच्चे को कुत्ते ने बुरी तरह नोंच लिया था। जिसके कारण उसे 32 टांके लगाने पड़े। इसी तरह छह महीना पहले दुर्गागंज क्षेत्र में पांच साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया।
जिससे उसके चेहरे पर सात टांके लगाए गए। देखा जाए तो बच्चों के इस तरह के करीब दर्जन भर मामले सामने आए हैं। दूसरी तरफ 16 से 30 साल के बीच लोग सबसे अधिक कुत्तों का निशाना बन रहे हैं। बीते एक साल में करीब 22 हजार के आसपास युवाओं को कुत्तों ने निशाना बनाया है।पशु चिकित्साधिकारी ज्ञानपुर डॉ. विनोद यादव ने बताया कि इस समय बेतहाशा गर्मी बढ़ी है। आम लोगों के साथ-साथ पशुओं के व्यवहार पर भी इसका असर देखा जा रहा है। गर्मी के बेहाल पशु लोगों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में अक्सर घर के बाहर खेलते हैं और कई बार अकेले ही होते हैं। ऐसे में कुत्ते उन्हे आसानी से निशाना बना लेते हैं। बताया कि कुत्ता काटने के बाद तत्काल एंटी रैबिज इंजेक्शन लगवाएं। इसके पांच डोज लगाए जाते हैं।सीएमओ डॉ. एसके चक ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर रेबीज इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। फिलहाल जिले में एक हजार बॉयल एंटी रैबिज इंजेक्शन हैं। कुत्ता काटने के हर व्यक्ति को इंजेक्शन लगाया जाता है। केंद्रों पर स्टॉक रहते ही इंजेक्शन की डिमांड कर दी जाती है।
Apr 26 2024, 18:49