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चारधाम यात्रा 2024 में 10 वर्ष से अधिक पुरानी बसों पर प्रतिबंध, अब नहीं लागू होगा 177 व्हीलबेस का नियम, जानिए क्या किए गए प्रावधान

 

चार धाम यात्रा में दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सरकार ने 10 वर्ष से अधिक पुरानी बसों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा चार धाम यात्रा में संचालित होने वाली बसों पर 177 व्हीलबेस का नियम भी लागू नहीं होगा।

सरकार ने डेढ़ माह पूर्व ही पर्वतीय मार्गों पर अधिकतम 166 व्हीलबेस को बढ़ाकर 177 कर दिया था। इसके बाद पर्वतीय मार्गों पर बड़ी बसों के संचालन को ग्रीन सिगनल मिल गया था, जिसका स्थानीय व चार धाम यात्रा के परिवहन कारोबारी विरोध कर रहे थे।

परिवहन विभाग ने कारोबारियों की मांग के अनुसार चार धाम यात्रा में केवल 166 व्हीलबेस की बसों के संचालन की ही अनुमति दी है। निर्धारित व्हीलबेस से 60 प्रतिशत रियर ओवरहैंग यानी बस का पिछला हिस्सा 60 प्रतिशत अधिक होने पर भी उसका संचालन किया जा सकेगा।

पर्वतीय मार्गों की दशा सुधरने और चौड़ीकरण के बाद गत 14 मार्च को राज्य परिवहन प्राधिकरण ने पर्वतीय मार्गों पर बसों का व्हीलबेस बढ़ाने की मंजूरी दे दी थी। इस आदेश के क्रम में पर्वतीय मार्गों पर बस का रियर ओवरहैंग व्हीलबेस के 50 प्रतिशत तक होने की छूट दी गई थी।

चार धाम यात्रा के संयुक्त रोटेशन व परिवहन कारोबारी इसका विरोध कर रहे थे। उनका आरोप था कि सरकार ने यह कदम दूसरे राज्यों की बसों को लाभ पहुंचाने के लिए किया है। गुरुवार को यात्रा के नोडल अधिकारी/आरटीओ सुनील शर्मा ने 177 व्हीलबेस की बस व 10 वर्ष से अधिक पुरानी बसों के चार धाम यात्रा में संचालन पर रोक लगाने के आदेश कर दिए।

यह भी आदेश है कि चार धाम यात्रा में जो बसें बाहर से मंगाई जाएंगी, उन्हें न्यूनतम तीन ट्रिप अवश्य दिए जाएंगे। यात्रा में आवश्यकता पड़ने पर हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मुरादाबाद, बिजनौर, बरेली से भी बसें मंगाई जाएंगी। संबंधित क्षेत्र से सटे उत्तराखंड के एआरटीओ को बसों की अग्रिम सूची उपलब्ध कराने को कहा है।

यह होता है व्हीलबेस

किसी का बस का व्हीलबेस उसके दोनों टायर (अगले-पिछले) के मध्य की दूरी होती है। यानी अगर किसी बस के दोनों टायरों के सेंटर प्वाइंट (एक्सल) की दूरी 15 फीट है तो यही बस का व्हीलबेस होगा।

इसी क्रम में फ्रंट ओवरहैंग अगले टायर के एक्सल से आगे निकले हुए बस की बाडी के हिस्से को कहते हैं, जबकि रियर ओवरहैंग पिछले टायर के एक्सल से पीछे की तरफ निकले हुए हिस्से को कहते हैं।

शर्मनाक: पत्नी चली गई मायके तो नाबालिग बेटी का बलात्कार करने लगा शख्स, पुलिस के सामने बयां किया दर्द, हुआ गिरफ्तार

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां के खकनार थाना क्षेत्र में एक पिता पर अपनी ही बेटी के साथ कई दिनों से निरंतर बलात्कार करने का आरोप है। पिता के गंदे काम से तंग आकर नाबालिग ने अपने पड़ोस में रहने वाली एक महिला से उसके साथ हुई बर्बरता के बारे में बताया। महिला से बताने के पश्चात् यह मामला थाने तक पहुंचा। पुलिस ने शिकायत प्राप्त होने के बाद आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, अपने पिता के इस गंदे काम से तंग आकर पीड़ित बेटी ने पड़ोस में रहने वाली दादी को अपने साथ हो रही बर्बरता के बारे में बताया। पड़ोस में रहने वाली महिला ने गांव के उप-सरपंच एवं पीड़ित बच्ची के नाना को घटना के बारे में जानकारी दी। तत्पश्चात, पीड़िता ने खकनार थाने पहुंचकर मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अपराधी पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही उसे गिरफ्तार भी कर लिया है। एसडीओपी निर्भय सिंह ने बृहस्पतिवार दोपहर घटना स्थल का निरीक्षण किया।

पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में पीड़िता ने कहा, "मेरे पिता ने होली के दिन मेरी मां के साथ मारपीट की थी, तब मेरी मां घर से चली गई। मेरी मां के घर से जाने के दो दिन बाद से मेरे पिता रात के वक़्त मेरे साथ गलत काम करते हैं। 24 अप्रैल को रात 8 बजे मेरे दोनों भाई बाहर सो रहे थे तथा मैं और मेरे पिता घर के अंदर सो रहे थे। तभी मेरे पिता ने फिर गलत काम किया।" 

लड़की ने पिता पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि मेरे पिता के रोज गलत काम करने से मैं परेशान हो गई। तब पड़ोस में रहने वाली दादी के घर गई तथा उन्हें सारी बात बताई। दादी ने गांव के उप सरपंच एवं मेरे नाना को इस बारे में बताया। उनके साथ मैं शिकायत करने पहुंची। इस मामले की जानकारी देते हुए खकनार थाना प्रभारी विनय आर्य ने बताया कि रेप एवं पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में बुधवार की रात में ही FIR दर्ज कर ली गई थी। अपराधी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। मामले की तहकीकात की जा रही है।

दिग्विजय सिंह के बेटे ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बताया 'बाहरी' प्रत्याशी', बोले- 'उनसे फोन पर बात करना असंभव'

गुना लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार यादवेन्द्र सिंह यादव के लिए प्रचार में जुटे दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बाहरी उम्मीदवार बता दिया है। कांग्रेस MLA ने लोगों से कहा- उस व्यक्ति को उम्मीदवार चुनें जो सरलता से उपलब्ध हो सके। कांग्रेस उम्मीदवार राव यादवेंद्र सिंह के समर्थन में राघौगढ़ MLA जयवर्द्धन सिंह ने गुना शहर के विभिन्न वार्डों में जनसम्पर्क किया। जनसंपर्क के चलते जयवर्द्धन ने लोगों से कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे हाईप्रोफाइल एवं बाहरी नेता की बजाए स्थानीय जनप्रतिनिधि राव यादवेंद्र को अपना समर्थन दें, जिससे चुनाव सरलता से लोग अपने सांसद से मिल सकें तथा उनकी समस्या का समाधान हो सके। 

राव यादवेंद्र सिंह के समर्थन में कांग्रेस नेता जयवर्द्धन सिंह ने शहर में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने 'लाड़ली बहना योजना' के सामने 'नारी सम्मान योजना' का जिक्र करते हुए महिलाओं को बताया कि देश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो प्रत्येक गरीब महिला को सालाना 1 लाख रुपए तक दिए जाएंगे। जयवर्द्धन सिंह ने बताया, 5 वर्ष पहले गुना की जनता संदेश दे चुकी है कि उन्हें बाहरी उम्मीदवार नहीं चाहिए, इसीलिए उन्होंने केपी यादव को चुना था। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने इस बार उन 18 लाख मतदाताओं में से ही उम्मीदवार दिया है, जो इस लोकसभा क्षेत्र की सूची में सम्मिलित है। 

राघौगढ़ MLA ने लोगों को स्थानीय जनप्रतिनिधि चुनने के फायदे बताते हुए समझाया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली रहते हैं। कभी-कभी ग्वालियर आते हैं। माह में एक बार गुना भी आ जाते हैं। किन्तु उनसे सीधे फोन पर बात करना संभव नहीं है। जबकि यादवेंद्र जमीन से जुड़े नेता हैं, उनसे कभी सम्पर्क किया जा सकता है। यादवेन्द्र सहज रूप से उपलब्ध होंगे। जयवर्धन ने बीजेपी द्वारा दिए जा रहे डबल इंजन के जुमले की तुलना में बमौरी MLA एवं उनकी जोड़ी को डबल इंजन बताया। जबकि यादवेंद्र को जिताने पर ट्रिपल इंजन तैयार होने की बात कही। 

 

कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह ने बयान देते हुए कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात् से निरंतर एक ही परिवार को सांसद के रूप में चुनने के बाद भी क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा है। अधिकतर युवा बेरोजगार हैं, रोजगार के तलाश में अन्य प्रदेशों का रुख करते हैं। इसी प्रकार बिजली बिल कमर तोड़ रहे हैं, यदि कोई गरीब बिल जमा नहीं कर पा रहा है तो उसके खिलाफ निरंतर मुकदमा दर्ज किए जा रहे हैं। यादवेंद्र ने दावा किया कि क्षेत्र ने उन्हें चुना तो लोगों के जीवन में परिवर्तन आएगा तथा ऐसे मुद्दों पर पहले काम किया जाएगा, जो रोजमर्रा की गतिविधियों पर प्रभाव डालते हैं।

लोकसभा 2024 चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग आज: 1 बजे तक 39.13% वोटर्स ने दिया अपना फैसला

भारत आम चुनाव 2024 लाइव: 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू और कश्मीर) के 88 निर्वाचन क्षेत्रों में 2024 के सात-चरण के दूसरे चरण के लिए मतदान शुक्रवार सुबह 7 बजे शुरू हुआ। इस चरण में मैदान में कुछ हाई-प्रोफाइल नामों में कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी और शशि थरूर शामिल हैं, जो क्रमशः केरल के वायनाड और तिरुवनंतपुरम को बरकरार रखना चाहते हैं; दक्षिणी राज्य की सभी 20 सीटों पर आज मतदान हो रहा है।

बीजेपी की ओर से हेमा मालिनी को उत्तर प्रदेश के मथुरा से हैट्रिक की उम्मीद होगी l कुल मिलाकर, इन 88 निर्वाचन क्षेत्रों से 1202 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 158.8 मिलियन (15.88 करोड़) लोग शामिल हैं, जिनमें 32.8 मिलियन (3.28 करोड़) युवा मतदाता और 3.4 मिलियन (34 लाख) पहली बार मतदान करने वाले मतदाता शामिल हैं।

इस चरण में जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान हो रहा है वे हैं: केरल (20/20), कर्नाटक (14/28), राजस्थान (13/25), उत्तर प्रदेश (8/80), महाराष्ट्र (8/ 48), मध्य प्रदेश (6/29), असम (5/14), बिहार (5/40), छत्तीसगढ़ (3/11), पश्चिम बंगाल (3/42), मणिपुर (1/2), त्रिपुरा (1 /2), और जम्मू (1/5)।

पहले चरण में, जिसके लिए मतदान पिछले शुक्रवार को आयोजित किया गया था, 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 102 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ।

चरण 1: 19 अप्रैल

चरण 2: 26 अप्रैल

चरण 3: 7 मई

चरण 4: 13 मई

चरण 5: 20 मई

चरण 6: 25 मई

चरण 7: 1 जून

मतगणना (सभी 543 सीटों के लिए): 4 जून

EVM पर सवाल उठाने वालों को बड़ा झटका, VVPAT से मिलान वाली याचिका खारिज

#supreme_court_rejects_petitions_seeking_verification_of_evm_votes_with_vvpat

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईवीएम (इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के वोटों की वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिकाओं का निस्‍तारण करते हुए शुक्रवार को अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत की दो जजों की पीठ ने इससे जुड़ी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए प्रत्‍याशियों के खर्च पर वोटों का वेरिफिकेशन कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने साथ ही कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ पाए जाने की स्थिति में प्रत्‍याशियों का पैसा लौटाना होगा।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की दो जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया। कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग भी खारिज कर दी। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवार चाहे तो चुनाव परिणाम घोषित होने के सात दिन के भीतर रिजल्ट की दोबारा जांच की मांग कर सकता है। ऐसी स्थिति में माइक्रो कंटोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियर के द्वारा की जाएगी।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि किसी सिस्टम पर आंख मूंदकर संदेह करना सही नहीं है। इसलिए हमारे अनुसार सार्थक आलोचना की आवश्यकता है, चाहे वह न्यायपालिका हो, विधायिका हो। लोकतंत्र का अर्थ सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास बनाए रखना है। विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वीवीपैट की गिनती में मशीन की मदद लेने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया है।

कोर्ट ने कहा कि अगर कोई प्रत्याशी वेरिफिकेशन की मांग करता है तो उस स्थिति में इसका खर्चा उसी से वसूला जाए। लेकिन, यदि ईवीएम में कोई छेड़छाड़ पाया जाता है तो संबंधित प्रत्‍याशी का पैसा वापस होना चाहिए। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि Symbol Loading Unit की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे सील कर दिया जाए। SLU को वोटिंग के बाद 45 दिन तक सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया गया है।

अदालत ने ये भी निर्देश दिया कि निर्वाचन सीट पर चुनाव के बाद पांच प्रतिशत ईवीएम मशीनों, जिनमें ईवीएम के साथ कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वीवीपैट भी शामिल हो, उनके इस्तेमाल हुए मेमोरी सेमीकंट्रोलर्स, ईवीएम बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर्स द्वारा चेक किए जाएं। दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों की लिखित मांग पर जांच हो सकती है। चुनाव नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर यह मांग की जा सकती है। जांच की मांग करने वाले उम्मीदवार को ही इसकी लागत वहन करनी होगी और अगर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप सही साबित हुआ तो चुनाव आयोग को उम्मीदवार को लागत के पैसे लौटाने होंगे। 

इससे पहले हुई सुनवाई में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे। इसमें यह प्रश्न भी शामिल था कि क्या ईवीएम में लगे 'माइक्रोकंट्रोलर' को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। पीठ ने कहा था कि उसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है क्योंकि आयोग की तरफ से ईवीएम के बारे में 'बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों' (FAQ) पर दिए गए उत्तरों को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है। पीठ ने कहा था कि हम अपने निष्कर्षों में तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं होना चाहते, बल्कि पूरी तरह सुनिश्चित होना चाहते हैं।

मोदी की गारंटी' के ट्रेलर के बाद कैसी होगी पूरी पिक्चर?
#trailer_of_modi_ki_guarantee_now_the_whole_picture आज लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग हो रही है। इस चुनाव में बीजेपी ने 400 पार सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। बीजेपी जीत के लिए जमकर चुनाव प्रचार कर रही है। बीजेपी के नेता अपने चुनाव प्रचार के दौरान 'मोदी की गारंटी' के बारे में देश की जनता को बता रहे हैं। पीएम मोदी लगातार चुनावी मंचों से कह रहे कि पिछले 10 साल में जो काम हुए वह तो केवल ट्रेलर है, पूरी फिल्म तो अभी बाकी है। ऐसे में लोगों के मन में सावल उठ रहे हैं कि अगर पिछले 10 सालों में हुआ काम बीजेपी सरकार का ट्रेलर है, तो पूरी पिक्चर कैसी होगी। ऐसे में बीजेपी ने अपने 2024 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में जो वादा किया है, उसे मोदी सरकार के अगले 5 साल का पिक्चर माना जा रहा है। बीजेपी के घोषणा पत्र में अब लोगों से वादा किया गया है कि अगर मोदी सरकार को जनता तीसरे कार्यकाल के लिए चुनती है तो आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के देश के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही सभी पात्र ट्रांसजेंडर को भी आयुष्मान भारत के अंतर्गत कवर मिलेगा। *मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का जिक्र* मोदी सरकार के दौरान 500 साल के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम लौटे, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन पूरी दुनिया ने इसे सेलिब्रेट किया। मोदी सरकार में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया गया और आतंकी हमले के खिलाफ 2016 और 2019 में देश की सीमा से बाहर जाकर भारतीय सेना के जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे वीरता पूर्ण कारनामे किए। भाजपा दावा करती रही है कि पीएम मोदी की सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का यह नतीजा रहा है। *मेट्रो नेटवर्क का विस्तार और ज्यादा तेज करने का वादा* मोदी सरकार की तरफ से देशभर में कोविड के काल से ही 80 करोड़ भारतीयों को पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अनाज दिया जा रहा है। साल 2020 से ही सरकार ने सबके लिए अन्न की सोच के साथ इसे शुरू किया था। वहीं, घोषणा पत्र में भाजपा का वादा है कि गरीब की थाली में अनाज हो इसके लिए अगले 5 साल तक पीएम गरीब कल्याण योजना का और विस्तार किया जाएगा। मोदी सरकार के 10 सालों में देश के 20 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी और इसका विस्तार किया गया। सरकार की योजना है कि मेट्रो नेटवर्क का विस्तार और ज्यादा तेजी से किया जाएगा। भारत को 2030 तक ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का वादा मोदी सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल में 15 एम्स की स्थापना की और अब इसके और विस्तार के साथ इसके मजबूत ढांचे की रूपरेखा आगे के लिए तैयार की गई है। पिछले 10 सालों में भारत मोबाइल के उत्पादन में दुनिया के दूसरे नंबर के देश में शुमार हो गया है। अब भाजपा के घोषणापत्र में वादा किया गया है कि भारत को 2030 तक ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का लक्ष्य है। भारत को विश्व के न्यूट्री हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य देश भर में मोटे अनाज को लेकर एक तरह की क्रांति का संचार मोदी सरकार में किया गया और 2023 में भारत ने इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिल्लेट्स समारोह का प्रतिनिधित्व किया। अब सरकार का अगले पांच साल में भारत को विश्व के न्यूट्री हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य है। मोदी सरकार ने नवंबर के महीने को जनजातीय गर्व दिवस के रूप में घोषित किया। वहीं, 2025 को जनजातीय गर्व वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की गई है। जब भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती मनाई जाएगी। देशभर में पिछले 10 सालों में 31,000 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि अगले पांच साल में हर वर्ष 5,000 किमी प्रति वर्ष के हिसाब से रेलवे ट्र्रैक बिछाए जाएंगे।
क्या EVM के वोट और VVPAT पर्चियों का होगा मिलान? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज*
#supreme_court_order_on_evm_and_vvpat_slip_matching_case इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा।लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्‍या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। बता दें कि कई संगठनों ने याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की है। इस मामले में 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है। इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई और चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टता दिए जाने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए। बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता। अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती।
क्या EVM के वोट और VVPAT पर्चियों का होगा मिलान? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

#supreme_court_order_on_evm_and_vvpat_slip_matching_case

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा।लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्‍या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। बता दें कि कई संगठनों ने याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की है। इस मामले में 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है। इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई और चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टता दिए जाने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए।

बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता। अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती।

लोकसभा चुनाव 2024: राहुल गांधी से हेमा मालिनी तक, दूसरे चरण में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर*
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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज मतदान हो रहा है। इस चरण में केरल में 20, कर्नाटक में 14, राजस्थान में 13, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में आठ-आठ, मध्य प्रदेश में छह, असम और बिहार में पांच-पांच, बंगाल और छत्तीसगढ़ में तीन-तीन और मणिपुर, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीटों पर मतदान हो रहा है। इसके साथ ही 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर चुनाव लड़ रहे कुल 1202 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। दूसरे चरण में तमाम दलों को ऐसे कई दिग्गज मैदान में हैं जिन पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। इनमें कांग्रेस के राहुल गांधी, शशि थरूर, बीजेपी से हेमा मालिनी और अरुण गोविल तथा सीपीआई की एनी राजा शामिल हैं। बात करते हैं उन दिग्गजों की जिनकी साख दांव पर लगी है।इसमें सबसे चर्चित सीट वायनाड है। यहां से कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा छह केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और कई पूर्व मंत्रियों के भाग्य का फैसला भी इस चरण में होने वाला है। *राहुल गांधी:* पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। राहुल 2019 में यहां से जीते थे। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के के. सुरेंद्रन और भाकपा की एनी राजा से है। *राजीव चंद्रशेखर बनाम शशि थरूर:* केरल की तिरुवनंतपुरम सीट पर सियासी लड़ाई भी दिलचस्प है। कांग्रेस ने यहां से एक बार फिर से शशि थरूर को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा ने यहां से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है। राजीव चंद्रशेखर राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और अब लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य की सत्ता पर काबिज वाम दलों की ओर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पन्नियन रवींद्रन तिरुवनंतपुरम सीट पर उम्मीदवार हैं। 2019 में यहां कांग्रेस से शशि थरूर को जीत मिली थी। *हेमा मालिनी:* उत्तर प्रदेश की चर्चित सीटों में शुमार मथुरा से फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी तीसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव में उतरी हैं। उनके सामने इस बार कांग्रेस से मुकेश धनगर और बसपा से सुरेश सिंह की दावेदारी है। हालांकि, पहले चर्चा थी कि हेमा मालिनी के सामने कांग्रेस बॉक्सर विजेंदर सिंह को उतारेगी लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में मथुरा लोकसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर हेमा मालिनी को जीत मिली थी। *अरुण गोविल:* उत्तर प्रदेश के मेरठ से अभिनेता अरुण गोविल किस्मत आजमा रहे हैं। गोविल वही अभिनेता हैं जिन्होंने 80 के दशक में दूरदर्शन पर आए रामायण धारावाहिक में भगवान राम की भूमिका निभाई थी। इस चुनाव में अरुण गोविल भगवान राम की तस्वीरों के साथ चुनाव प्रचार करते दिखे। उनके प्रचार अभियान में रामायण में मां सीता बनीं दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी भी जुड़े। इस चुनाव में अरुण गोविल के सामने सपा से सुनीता वर्मा और बसपा से देवव्रत त्यागी मैदान में हैं। *दानिश अली:* उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट भी इस बार चर्चा में है। पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा से चुनाव जीतने वाले दानिश अली इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। अमरोहा सांसद दानिश अली हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। इससे पहले बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते दानिश को पार्टी से निकाल दिया था। इस चुनाव में दानिश का सामना भाजपा के कंवर सिंह तंवर और बसपा के मुजाहिद हुसैन से है। *केसी वेणुगोपाल:* कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की दावेदारी ने केरल की अलप्पुझा सीट को चर्चित बना दिया है। एआईसीसी महासचिव (संगठन) और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अलप्पुझा राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट है जो 2019 में वाम दलों के पास थी। 2019 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने राज्य की 20 में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में वेणुगोपाल के सामने माकपा से एएम आरिफ और भाजपा से शोभा सुरेंद्रन हैं। 2019 में अलप्पुझा सीट पर माकपा के एएम आरिफ को सफलता मिली थी। उस चुनाव में 80.35% मतदान दर्ज किया गया था। *पप्पू यादव:* बिहार में इस बार पूर्णिया सीट की खूब चर्चा है। पूर्णिया से पूर्व सांसद पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है, जिससे इस सीट का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन महागठबंधन में बात नहीं बनी। इसी प्रयास में कुछ दिन पहले पूर्व सांसद ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का कांग्रेस में विलय भी किया था। राजद ने यहां बीमा भारती को टिकट देकर पप्पू यादव के प्रयासों पर विराम लगा दिया। अंततः पप्पू यादव निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए हैं। चुनाव में पप्पू यादव का मुकाबला जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा और राजद की बीमा भारती से है। मौजूदा सांसद संतोष कुमार एनडीए के प्रत्याशी के तौर पर जदयू से चुनाव लड़ रहे हैं। *ओम बिड़ला:* लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की उम्मीदवारी से राजस्थान की कोटा सीट भी चर्चित सीटों में शुमार है। यहां से बिड़ला एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। 2024 के चुनाव में ओम बिड़ला का सामना कांग्रेस के प्रह्लाद गुंजल से है। 2019 में कोटा से बिड़ला को जीत मिली थी। उस चुनाव में कोटा सीट पर 70.22% मतदान हुआ था। *भूपेश बघेल:* छत्तसीगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दूसरे चरण में मैदान में हैं। बघेल राजनांदगांव सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। वर्तमान में वह पाटन से कांग्रेस के विधायक हैं। 2019 में राजनांदगांव से भाजपा के संतोष पांडे जीते थे। इस बार भी पांडे भाजपा उम्मीदवार हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव सीट पर 76.20% मतदान हुआ था। *कैलाश चौधरी:* राजस्थान की बाड़मेर सीट भी लगातार सुर्खियां बटोर रही है। मोदी सरकार के एक और मंत्री कैलाश चौधरी एक बार फिर बाड़मेर सीट से चुनाव मैदान में हैं। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी 2019 में यहां से जीते थे। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मेदराम बेनीवाल और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शियो विधानसभा सीट से विधायक रविन्द्र सिंह भाटी से है। 2019 में बाड़मेर सीट पर 73.30% मतदान हुआ था। 2019 में बाड़मेर सीट पर कैलाश चौधरी ने पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को हराया था।
लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण का मतदान आज, 13 राज्यों की 88 सीटों पर वोटिंग*
#lok_sabha_chunav_phase_2_voting दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक महोत्सव की शुरुआत 19 अप्रैल को हो गई थी। आज इस महोत्सव का दूसरा चरण है। दूसरे चरण में 13 राज्यों के मतदाता 88 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। दूसरे चरण में 1202 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें 1098 पुरूष एवं 102 महिलाएं हैं। सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान होगा। हालांकि, चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि मतदान बंद होने का समय संसदीय क्षेत्र के अनुसार अलग हो सकता है। बिहार में बांका, मधेपुरा, खगड़िया और मुंगेर निर्वाचन क्षेत्रों के कई मतदान केंद्रों पर गर्मी को देखते हुए मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान का समय बदल दिया गया है। *इन सीटों पर होगा मतदान* दूसरे चरण में केरल की सभी 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश में 8-8, एमपी में 6, असम-बिहार में 5-5, छत्तीसगढ़ व बंगाल में 3-3 व मणिपुर, त्रिपुरा व जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीटों पर वोट डाले जाएंगे। राज्य सीटें उम्मीदवार असम 5 61 बिहार 5 50 छत्तीसगढ़ 3 41 जम्मू कश्मीर 1 22 कर्नाटक 14 247 केरल 20 194 मध्य प्रदेश 6 80 महाराष्ट्र 8 204 मणिपुर 1 4 राजस्थान 13 152 त्रिपुरा 1 9 उत्तर प्रदेश 8 91 पश्चिम बंगाल 3 47 *सुरक्षा के लिए खास उपाय* चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण और सुचारू मतदान के लिए कई निर्णायक कदम उठाए हैं। मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित करने के लिए मतदान केंद्रों पर पर्याप्त रूप से केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। सभी मतदान केंद्रों पर माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती के साथ-साथ 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी। 251 पर्यवेक्षक मतदान से कुछ दिन पूर्व अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। वे अत्यधिक सतर्कता बरतने के लिए आयोग की आंख और कान के रूप में कार्य करते हैं। इसके अलाव कुछ राज्यों में विशेष पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। *पहले चरण में 65.5 प्रतिशत हुआ मतदान* इससे पहले पिछले शुक्रवार यानी 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान में कुल 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीट पर लगभग 65.5 प्रतिशत मतदान हुआ। पहले चरण में तमिलनाडु (39), उत्तराखंड (पांच), अरुणाचल प्रदेश (दो), मेघालय (दो), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (एक), मिजोरम (एक), नगालैंड (एक), पुडुचेरी (एक), सिक्किम (एक) और लक्षद्वीप (एक) में चुनाव संपन्न हो चुका है।