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मोदी की गारंटी' के ट्रेलर के बाद कैसी होगी पूरी पिक्चर?
#trailer_of_modi_ki_guarantee_now_the_whole_picture आज लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग हो रही है। इस चुनाव में बीजेपी ने 400 पार सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। बीजेपी जीत के लिए जमकर चुनाव प्रचार कर रही है। बीजेपी के नेता अपने चुनाव प्रचार के दौरान 'मोदी की गारंटी' के बारे में देश की जनता को बता रहे हैं। पीएम मोदी लगातार चुनावी मंचों से कह रहे कि पिछले 10 साल में जो काम हुए वह तो केवल ट्रेलर है, पूरी फिल्म तो अभी बाकी है। ऐसे में लोगों के मन में सावल उठ रहे हैं कि अगर पिछले 10 सालों में हुआ काम बीजेपी सरकार का ट्रेलर है, तो पूरी पिक्चर कैसी होगी। ऐसे में बीजेपी ने अपने 2024 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में जो वादा किया है, उसे मोदी सरकार के अगले 5 साल का पिक्चर माना जा रहा है। बीजेपी के घोषणा पत्र में अब लोगों से वादा किया गया है कि अगर मोदी सरकार को जनता तीसरे कार्यकाल के लिए चुनती है तो आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के देश के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही सभी पात्र ट्रांसजेंडर को भी आयुष्मान भारत के अंतर्गत कवर मिलेगा। *मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का जिक्र* मोदी सरकार के दौरान 500 साल के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम लौटे, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन पूरी दुनिया ने इसे सेलिब्रेट किया। मोदी सरकार में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया गया और आतंकी हमले के खिलाफ 2016 और 2019 में देश की सीमा से बाहर जाकर भारतीय सेना के जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे वीरता पूर्ण कारनामे किए। भाजपा दावा करती रही है कि पीएम मोदी की सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का यह नतीजा रहा है। *मेट्रो नेटवर्क का विस्तार और ज्यादा तेज करने का वादा* मोदी सरकार की तरफ से देशभर में कोविड के काल से ही 80 करोड़ भारतीयों को पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत अनाज दिया जा रहा है। साल 2020 से ही सरकार ने सबके लिए अन्न की सोच के साथ इसे शुरू किया था। वहीं, घोषणा पत्र में भाजपा का वादा है कि गरीब की थाली में अनाज हो इसके लिए अगले 5 साल तक पीएम गरीब कल्याण योजना का और विस्तार किया जाएगा। मोदी सरकार के 10 सालों में देश के 20 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी और इसका विस्तार किया गया। सरकार की योजना है कि मेट्रो नेटवर्क का विस्तार और ज्यादा तेजी से किया जाएगा। भारत को 2030 तक ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का वादा मोदी सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल में 15 एम्स की स्थापना की और अब इसके और विस्तार के साथ इसके मजबूत ढांचे की रूपरेखा आगे के लिए तैयार की गई है। पिछले 10 सालों में भारत मोबाइल के उत्पादन में दुनिया के दूसरे नंबर के देश में शुमार हो गया है। अब भाजपा के घोषणापत्र में वादा किया गया है कि भारत को 2030 तक ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का लक्ष्य है। भारत को विश्व के न्यूट्री हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य देश भर में मोटे अनाज को लेकर एक तरह की क्रांति का संचार मोदी सरकार में किया गया और 2023 में भारत ने इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिल्लेट्स समारोह का प्रतिनिधित्व किया। अब सरकार का अगले पांच साल में भारत को विश्व के न्यूट्री हब के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य है। मोदी सरकार ने नवंबर के महीने को जनजातीय गर्व दिवस के रूप में घोषित किया। वहीं, 2025 को जनजातीय गर्व वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की गई है। जब भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती मनाई जाएगी। देशभर में पिछले 10 सालों में 31,000 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि अगले पांच साल में हर वर्ष 5,000 किमी प्रति वर्ष के हिसाब से रेलवे ट्र्रैक बिछाए जाएंगे।
क्या EVM के वोट और VVPAT पर्चियों का होगा मिलान? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज*
#supreme_court_order_on_evm_and_vvpat_slip_matching_case इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा।लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्‍या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। बता दें कि कई संगठनों ने याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की है। इस मामले में 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है। इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई और चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टता दिए जाने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए। बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता। अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती।
क्या EVM के वोट और VVPAT पर्चियों का होगा मिलान? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

#supreme_court_order_on_evm_and_vvpat_slip_matching_case

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा।लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग जारी है और इसी बीच आज ही सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले से यह तय कर देगा कि क्‍या चार जून को जब लोकसभा चुनाव की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के वोटों से वीवीपैट की पर्च‍ियों का म‍िलान होगा या नहीं। बता दें कि कई संगठनों ने याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की है। इस मामले में 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ आज यानी शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों का वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल है। इससे पहले अदालत ने बुधवार को ईवीएम के कामकाज से संबंधित कुछ तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को बुलाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई और चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टता दिए जाने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं अब ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए।

बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता। अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती।

लोकसभा चुनाव 2024: राहुल गांधी से हेमा मालिनी तक, दूसरे चरण में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर*
#lok_sabha_chunav_rahul_gandhi_to_hema_malini_top_candidates_in_phase_2_voting
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज मतदान हो रहा है। इस चरण में केरल में 20, कर्नाटक में 14, राजस्थान में 13, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में आठ-आठ, मध्य प्रदेश में छह, असम और बिहार में पांच-पांच, बंगाल और छत्तीसगढ़ में तीन-तीन और मणिपुर, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीटों पर मतदान हो रहा है। इसके साथ ही 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर चुनाव लड़ रहे कुल 1202 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। दूसरे चरण में तमाम दलों को ऐसे कई दिग्गज मैदान में हैं जिन पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। इनमें कांग्रेस के राहुल गांधी, शशि थरूर, बीजेपी से हेमा मालिनी और अरुण गोविल तथा सीपीआई की एनी राजा शामिल हैं। बात करते हैं उन दिग्गजों की जिनकी साख दांव पर लगी है।इसमें सबसे चर्चित सीट वायनाड है। यहां से कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा छह केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और कई पूर्व मंत्रियों के भाग्य का फैसला भी इस चरण में होने वाला है। *राहुल गांधी:* पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। राहुल 2019 में यहां से जीते थे। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के के. सुरेंद्रन और भाकपा की एनी राजा से है। *राजीव चंद्रशेखर बनाम शशि थरूर:* केरल की तिरुवनंतपुरम सीट पर सियासी लड़ाई भी दिलचस्प है। कांग्रेस ने यहां से एक बार फिर से शशि थरूर को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा ने यहां से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है। राजीव चंद्रशेखर राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और अब लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य की सत्ता पर काबिज वाम दलों की ओर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पन्नियन रवींद्रन तिरुवनंतपुरम सीट पर उम्मीदवार हैं। 2019 में यहां कांग्रेस से शशि थरूर को जीत मिली थी। *हेमा मालिनी:* उत्तर प्रदेश की चर्चित सीटों में शुमार मथुरा से फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी तीसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव में उतरी हैं। उनके सामने इस बार कांग्रेस से मुकेश धनगर और बसपा से सुरेश सिंह की दावेदारी है। हालांकि, पहले चर्चा थी कि हेमा मालिनी के सामने कांग्रेस बॉक्सर विजेंदर सिंह को उतारेगी लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में मथुरा लोकसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर हेमा मालिनी को जीत मिली थी। *अरुण गोविल:* उत्तर प्रदेश के मेरठ से अभिनेता अरुण गोविल किस्मत आजमा रहे हैं। गोविल वही अभिनेता हैं जिन्होंने 80 के दशक में दूरदर्शन पर आए रामायण धारावाहिक में भगवान राम की भूमिका निभाई थी। इस चुनाव में अरुण गोविल भगवान राम की तस्वीरों के साथ चुनाव प्रचार करते दिखे। उनके प्रचार अभियान में रामायण में मां सीता बनीं दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी भी जुड़े। इस चुनाव में अरुण गोविल के सामने सपा से सुनीता वर्मा और बसपा से देवव्रत त्यागी मैदान में हैं। *दानिश अली:* उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट भी इस बार चर्चा में है। पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा से चुनाव जीतने वाले दानिश अली इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। अमरोहा सांसद दानिश अली हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। इससे पहले बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते दानिश को पार्टी से निकाल दिया था। इस चुनाव में दानिश का सामना भाजपा के कंवर सिंह तंवर और बसपा के मुजाहिद हुसैन से है। *केसी वेणुगोपाल:* कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की दावेदारी ने केरल की अलप्पुझा सीट को चर्चित बना दिया है। एआईसीसी महासचिव (संगठन) और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अलप्पुझा राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट है जो 2019 में वाम दलों के पास थी। 2019 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने राज्य की 20 में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में वेणुगोपाल के सामने माकपा से एएम आरिफ और भाजपा से शोभा सुरेंद्रन हैं। 2019 में अलप्पुझा सीट पर माकपा के एएम आरिफ को सफलता मिली थी। उस चुनाव में 80.35% मतदान दर्ज किया गया था। *पप्पू यादव:* बिहार में इस बार पूर्णिया सीट की खूब चर्चा है। पूर्णिया से पूर्व सांसद पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है, जिससे इस सीट का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन महागठबंधन में बात नहीं बनी। इसी प्रयास में कुछ दिन पहले पूर्व सांसद ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का कांग्रेस में विलय भी किया था। राजद ने यहां बीमा भारती को टिकट देकर पप्पू यादव के प्रयासों पर विराम लगा दिया। अंततः पप्पू यादव निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए हैं। चुनाव में पप्पू यादव का मुकाबला जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा और राजद की बीमा भारती से है। मौजूदा सांसद संतोष कुमार एनडीए के प्रत्याशी के तौर पर जदयू से चुनाव लड़ रहे हैं। *ओम बिड़ला:* लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की उम्मीदवारी से राजस्थान की कोटा सीट भी चर्चित सीटों में शुमार है। यहां से बिड़ला एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। 2024 के चुनाव में ओम बिड़ला का सामना कांग्रेस के प्रह्लाद गुंजल से है। 2019 में कोटा से बिड़ला को जीत मिली थी। उस चुनाव में कोटा सीट पर 70.22% मतदान हुआ था। *भूपेश बघेल:* छत्तसीगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दूसरे चरण में मैदान में हैं। बघेल राजनांदगांव सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। वर्तमान में वह पाटन से कांग्रेस के विधायक हैं। 2019 में राजनांदगांव से भाजपा के संतोष पांडे जीते थे। इस बार भी पांडे भाजपा उम्मीदवार हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव सीट पर 76.20% मतदान हुआ था। *कैलाश चौधरी:* राजस्थान की बाड़मेर सीट भी लगातार सुर्खियां बटोर रही है। मोदी सरकार के एक और मंत्री कैलाश चौधरी एक बार फिर बाड़मेर सीट से चुनाव मैदान में हैं। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी 2019 में यहां से जीते थे। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मेदराम बेनीवाल और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शियो विधानसभा सीट से विधायक रविन्द्र सिंह भाटी से है। 2019 में बाड़मेर सीट पर 73.30% मतदान हुआ था। 2019 में बाड़मेर सीट पर कैलाश चौधरी ने पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को हराया था।
लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण का मतदान आज, 13 राज्यों की 88 सीटों पर वोटिंग*
#lok_sabha_chunav_phase_2_voting दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक महोत्सव की शुरुआत 19 अप्रैल को हो गई थी। आज इस महोत्सव का दूसरा चरण है। दूसरे चरण में 13 राज्यों के मतदाता 88 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। दूसरे चरण में 1202 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें 1098 पुरूष एवं 102 महिलाएं हैं। सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान होगा। हालांकि, चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि मतदान बंद होने का समय संसदीय क्षेत्र के अनुसार अलग हो सकता है। बिहार में बांका, मधेपुरा, खगड़िया और मुंगेर निर्वाचन क्षेत्रों के कई मतदान केंद्रों पर गर्मी को देखते हुए मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान का समय बदल दिया गया है। *इन सीटों पर होगा मतदान* दूसरे चरण में केरल की सभी 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश में 8-8, एमपी में 6, असम-बिहार में 5-5, छत्तीसगढ़ व बंगाल में 3-3 व मणिपुर, त्रिपुरा व जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीटों पर वोट डाले जाएंगे। राज्य सीटें उम्मीदवार असम 5 61 बिहार 5 50 छत्तीसगढ़ 3 41 जम्मू कश्मीर 1 22 कर्नाटक 14 247 केरल 20 194 मध्य प्रदेश 6 80 महाराष्ट्र 8 204 मणिपुर 1 4 राजस्थान 13 152 त्रिपुरा 1 9 उत्तर प्रदेश 8 91 पश्चिम बंगाल 3 47 *सुरक्षा के लिए खास उपाय* चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण और सुचारू मतदान के लिए कई निर्णायक कदम उठाए हैं। मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित करने के लिए मतदान केंद्रों पर पर्याप्त रूप से केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। सभी मतदान केंद्रों पर माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती के साथ-साथ 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी। 251 पर्यवेक्षक मतदान से कुछ दिन पूर्व अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। वे अत्यधिक सतर्कता बरतने के लिए आयोग की आंख और कान के रूप में कार्य करते हैं। इसके अलाव कुछ राज्यों में विशेष पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। *पहले चरण में 65.5 प्रतिशत हुआ मतदान* इससे पहले पिछले शुक्रवार यानी 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान में कुल 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीट पर लगभग 65.5 प्रतिशत मतदान हुआ। पहले चरण में तमिलनाडु (39), उत्तराखंड (पांच), अरुणाचल प्रदेश (दो), मेघालय (दो), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (एक), मिजोरम (एक), नगालैंड (एक), पुडुचेरी (एक), सिक्किम (एक) और लक्षद्वीप (एक) में चुनाव संपन्न हो चुका है।
राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर कसा तंज, बोले- डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी

#congress_and_sp_will_extinct_like_dinosaurs_said_rajnath_singh

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी और उसके नेता रैली पर रैली कर रहे हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी जनसभाएं कर रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री खीरी लोकसभा के प्रत्याशी अजय मिश्रा टेनी की नामांकन सभा में पहुंचकर रक्षा मंत्री ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस रैली नें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस और सपा चल रही है, वह जल्द ही राजनीति से डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनसभा में कहा कि वे दिन अब करीब हैं जब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अतीत की बात हो जाएंगी।उन्होंने दावा किया, कांग्रेस जिस तरह चल रही है, एक दिन वह डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी।

राजनाथ सिंह अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर प्रहार करते हुए बोले कि कांग्रेस की हुकूमत में आए दिन किसी न किसी राज्य में आतंकवादी घटनाएं होती रहती थीं। आज कोई बता दे, शायद ही कोई कश्मीर घटना हुई हो। देश पर कोई आतंकवादी हमला करेगा तो उसका खामियाजा बहुत बुरा भुगतना पड़ेगा। यह बात आप लोगों को समझ में आने लगी है।

राजनाथ सिंह ने बोले कि आपको याद होगा की पाकिस्तान से आकर मुंबई में आतंकवादी किस तरह की वारदात किए थे. हमारे आईपीएस अफसर समेत वहां पर कई जाने गई थीं. कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री से जब इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने बोला ये छोटी वारदातें होती रहती हैं. अब हमारी सरकार ने जिस शक्ति के साथ आतंकवाद का सफाया किया है उसकी सराहना सिर्फ भारत में नहीं पूरे विश्व में हो रही है

विरासत टैक्स को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस पर वार, बोले-राजीव गांधी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए खत्म किया कानून*
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लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने विरासत टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विरासत कर से जुड़े तथ्य आंखें खोलने वाले हैं। राजीव गांधी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए विरासत कानून को खत्म किया था, ताकि संपत्ति सरकार के पास ना जाए। *राजीव गांधी ने खत्म किया था विरासत कानून* विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘विरासत कर से जुड़े तथ्य आंखें खोलने वाले हैं… जब पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मृत्यु हुई, तो उनके बच्चों को उनकी संपत्ति मिलने वाली थी। पहले एक नियम था कि संपत्ति बच्चों को जाने से पहले उसका कुछ हिस्सा सरकार ले लेती थी। संपत्ति को बचाने के लिए ताकि वह सरकार के पास न जाए, तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने विरासत कानून को खत्म कर दिया। पीएम मोदी ने कहा, मैं आज देश के सामने पहली बार एक दिलचस्प तथ्य आपके सामने रखना चाहता हूँ। जब देश की एक प्रधानमंत्री बहन जी नहीं रही, तो उनकी जो मिल्कियत थी, उनकी जो प्रॉपर्टी थी, वो उनकी संतानों को मिलनी थी। लेकिन पहले ऐसा कानून था कि उनको मिलने से पहले एक हिस्सा सरकार ले लेती थी। ऐसा कानून कांग्रेस ने ही बनाया था। जब इंदिरा जी नहीं रही, तब उनके बेटे राजीव जी को प्रॉपर्टी मिलनी थी, उस प्रॉपर्टी को बचाने के लिए उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने, अपनी संपत्ति बचाने के लिए पहले जो इनहेरिटेंट कानून था, उसे समाप्त किया और अपने पैसे बचा लिए। खुद पर जब आई, तब कानून ही बदल दिया। और आज सत्ता पाने के बाद वही कानून कॉन्ग्रेस वाले वापस लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, बिना टैक्स के अपने परिवार के 4-4 पीढ़ियों की अकूत धन-दौलत हासिल करने के बाद आप जैसे सामान्य मानविकी की विरासत, आपकी मेहनत की कमाई, जो आपने अपने बच्चों के लिए बचत करके रखा है, उसकी आधी संपत्ति लूटना चाहते हैं। इसीलिए पूरा देश कह रहा है, कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के। *आपके और कांग्रेस की आपको लूटने की योजना के बीच मोदी दीवार बनकर खड़ा-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो विरासत कर के जरिए लोगों की उनके पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई आधी से ज्यादा संपत्ति छीन लेगी। उन्होंने कहा, कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि मैं कह रहा हूं कि इस पर पहला हक गरीबों का है। प्रधानमंत्री ने कहा, आपके और कांग्रेस की आपको लूटने की योजना के बीच मोदी दीवार बनकर खड़ा है। *कांग्रेस के शहजादे को मोदी का अपमान करने में मजा आता है-पीएम मोदी* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरैना में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, इन दिनों कांग्रेस के शहजादे, आज कल वो इतने चिंतित हैं कि आए दिन उनको मोदी का अपमान करने में मजा आता है। मोदी के लिए भला-बुरा कहने में उनको मजा आ रहा है और मैं देख रहा हूँ सोशल मीडिया में, टी.वी. में बहुत सारे लोग चिंता जताते हैं कि ये भाषा अच्छी नहीं है। ऐसी भाषा देश के प्रधानमंत्री के लिए बोलना ठीक नहीं है, कुछ लोग बहुत दुखी हो जाते हैं कि मोदी जी को ऐसा क्यों बोला? मेरी सबसे विनती है कि कृपा करके आप दुखी मत हों, आप गुस्सा मत कीजिए। आपको पता है कि ये नामदार हैं, हम तो कामदार हैं। और नामदार तो कामदार के साथ सदियों से ऐसे ही गाली-गलौज करते हुए आए हैं… मैं तो आपमें से आता हूँ, गरीबी से निकला हूँ, अगर 5-50 गालियाँ पड़ जाएँगी तो पड़ जाएँगी। आप गुस्सा मत कीजिए।
गठबंधन वाले कान खोलकर सुन लें जब तक मोदी जिंदा है...आगरा में गरजे पीएम*
#pm_narendra_modi_in_agra_rallay_today_attacks_congress लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आगरा में जनता को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में इंडिया गठबंधन पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस पर लोगों की संपत्ति की जांच के कथित प्लान का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन वाले कान खोलकर सुन लें कि जब तक मोदी जिंदा है, ऐसा कोई भी पाप करने से पहले आपको मोदी से निपटना पड़ेगा। हमारा संकल्प है, जो भ्रष्टाचारी हैं, उनकी जांच होगी, जिन्होंने गरीबों को लूटा है, वो लूट का पैसा गरीबों को वापस मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इंडी गठबंधन के उस आरोप का करारा जवाब दिया जिसमें संविधान खत्म करने का आरोप लगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान बनाने वाले बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा में कहा कि ‘कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जो आए दिन बाबा साहेब का अपमान करती है, संविधान का अपमान करती है और सामाजिक न्याय की तो धज्जियां उड़ा देती है। इसी कांग्रेस ने कभी कर्नाटक में, कभी आंध्र प्रदेश में, कभी अपने घोषणा पत्र में बार-बार धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत। पीएम ने आगे कहा कि अब कांग्रेस ने ठान लिया है कि वो धर्म के आधार पर रिजर्वेशन लाकर रहेगी। इसके लिए कांग्रेस ने तरीका निकाला है कि 27% का ओबीसी का जो कोटा है, उसमें से कुछ चोरी कर लिया जाए, छीन लिया जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया जाए। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस का इंडी गठबंधन घोर तुष्टीकरण में डूबा है। उन्होंने जो घोषणापत्र जारी किया है उसमें शत-प्रतिशत मुस्लीम लीग की छाप है। कांग्रेस का पूरा घोषणापत्र सिर्फ वोट बैंक को मजबूत करने के लिए समर्पित है। हमारा घोषणापत्र देश को मजबूत करने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, हमने देश में तुष्टीकरण की राजनीति देखी है, इस वजह से देश टुकड़ों में बंट गया है। इसने सच्चे और ईमानदार के हक को डूबोया है। इस वजह से मोदी तुष्टीकरण को समाप्त करने संतुष्टिकरण को ओर बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी तुष्टिकरण को समाप्त करके, संतुष्टिकरण की ओर आगे बढ़ रहा है। हमारा रास्ता तुष्टिकरण का नहीं, संतुष्टिकरण का है। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र भी उसी का महामार्ग है। हमारा सेक्युलरिज्म भी वही है कि जो भी योजना जिसके लिए बने, बिना धर्म, जाति, भेदभाव के उसका लाभ सबको मिलना चाहिए। सच्चा सामाजिक न्याय भी यही है जब आप बिना भेदभाव, बिना अपने-पराए, बिना रिश्वतखोरी सबका हक पूरा करें।
कांग्रेस इस सीट पर कांग्रेस का रहा है दबदबा, कंगना रनौत के आने से दिलचस्प हुआ मुकाबला, जानिए मंडी सीट का सियासी समीकरण*
#election_2024_mandi_lok_sabha_constituency_history *मंडी सीट पर ठाकुर-ब्राह्मण उम्मीदवारों का है दबदबा* *ज्यादातर बार राजपूत और ब्राह्मण सांसद ही चुने गए* *ठाकुर और ब्राह्मण जाति के उम्मीदवारों पर पर लगा दांव* *मंडी में राज परिवार और स्टारडम के बीच मुकाबला* हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट चर्चा में है। इस सीट से बीजेपी ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को मैदान में उतारा है। जिसने इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। फिल्म अभिनेत्री और फिल्मी क्वीन कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से पहली बार सियासत में कदम रखा है। उनके सामने हिमाचल प्रदेश के शाही परिवार से संबंध रखने वाले विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। दोनों प्रत्याशियों की वजह से मंडी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। हिमाचल की चार लोकसभा सीटों में से मंडी सीट पर हर किसी की नजर है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती है। इस लोकसभा सीट पर 1951 से अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं जिसमें से 11 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है जबकि 5 बार ये सीट बीजेपी के पास गई है। मंडी लोकसभा सीट हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में से एक है। 12 लाख मतदाताओं की आबादी वाले इस जिले में 17 विधानसभा क्षेत्र हैं। ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है, लेकिन 2014 और 2019 में मोदी लहर में ये सीट बीजेपी के पाले में गई थी। मंडी लोकसभा सीट में राजपूत वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। इस सीट पर राजपूत और ब्राह्मण नेताओं का दबदबा रहा है। पहले लोकसभा चुनाव में एससी उम्मीदवार के रूप में गोपी राम की जीत को छोड़ दें तो अब तक हर सांसद राजपूत या ब्राह्मण रहा है। कुछ मौके ऐसे भी आए जब दो राजपूत चेहरे आमने-सामने थे। 6 जिलों में फैले मंडी संसदीय क्षेत्र में अभी तक दोनों ही दलों ने ठाकुर और ब्राह्मण जाति के उम्मीदवारों पर ही दांव लगाया है। कंगना रनौत भी राजपूत बिरादरी से आती है। बीजेपी ने जातिय समिकरण को साधने के कंगना को मैदान में उतारा है। हालांकि, यहां पर अनुसूचित जाति के मतदाता काफी अधिक है। लेकिन उसके बावजूद भी कांग्रेस और भाजपा द्वारा मंडी संसदीय क्षेत्र से ब्राह्मण या ठाकुर जाति के लोगों को ही चुनावी मैदान में उतारा जाता है। मंडी संसदीय क्षेत्र में अगर कुल मतदाताओं की बात करें तो यहां पर 13 लाख 59 हजार मतदाता है। जिनमे 6 लाख 90 हजार पुरुष और 6 लाख 68 हजार महिलाएं शामिल हैं। जातीय समीकरण की अगर बात करे तो अनुसूचित जाति के यहां पर 29.85 प्रतिशत वोट है। जबकि ब्राह्मण वोट 21.4 प्रतिशत है। ठाकुर जाति के वोट यहां पर 33.6 फ़ीसदी है। मंडी जिले में 10 विधानसभा सीटें आती है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। मंडी की 10 में से 9 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था। प्रदेश की 68 सीटों में से सिर्फ 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 9 सीटें तो मंडी से जीती थी। ये भी एक वजह है कि बीजेपी के लिए सबसे सेफ लोकसभा सीट से कंगना रनौत टिकट दिया है। पार्टी को उम्मीद है कि इस सीट को बीजेपी आसानी से जीत जाएगी।
*पटना रेलवे स्टेशन के पास होटल में लगी आग,3 की मौत,15 घायल

राजधानी पटना में जंक्शन के ठीक सामने स्थित बहुमंजिले 'पाल' होटल में गुरुवार सुबह भीषण आग लग गई। सुबह करीब साढ़े 10 बजे आग की सूचना सामने आयी और लगभग आधे घंटे के अंदर पूरी बिल्डिंग आग और धुएं से भर गई। आग के फैलने के कारन बगल वाले होटल में आग और धुंए का सैलाब उठ गया। इससे सटे पटना किराना को भी आग की चपेट में आने की शंका जताई गयी।'फायर एक्सटीन्गुइशेर' का इंतजाम इस आग के सामने कमजोर साबित हो रहा है। बिल्डिंग के सामने स्थित पुल पर भी भीषण जाम लग गया है और स्टेशन रोड भी पूरी तरह जाम है। इधर, अगलगी के करीब डेढ घंटे एक शख्स की लाश बाहर निकाली गई। इसके आधे घंटे बाद दो युवतियों की लाशें बाहर निकाली गई। कुल तीन लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। वहीं चार लोगों बुरी तरह से झुलस गए हैं। इन्हें पीएमसीएच में भर्ती करवाया गया है। रसोई गैस से लगी आग स्थानीय लोगों का कहना है कि किचन में आग लगने के कारण ये हादसा हुआ और पूरी चार मंज़िला ईमारत इसकी चपेट में आ गयी । लोग ऊपर के फ्लोर पर नाश्ता कर रहे थे जिसके दौरे इस हादसे ने उसे दर्दनाक घटना में तब्दील कर दिया । घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के होटल और दुकानों के लोग बाहर निकलकर सड़क पर आ गए। फायर ब्रिगेड की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को बाहर निकालने में जुटी हुई है। अब तक 30-35 लोगों को होटल से बाहर निकाला जा चूका है। फायर ब्रिगेड की टीम की मानें तो अभी और भी लोग अंदर फेज हुए हैं जिन्हे बाहर निकला जाना है। आग इतनी प्रचंड है कि लोग अंदर जाने से कतरा रहे हैं। इधर, जिन लोगों को फायर ब्रिगेड की टीम ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला, उन्हें तुरंत अस्पताल भेजा जा रहा है। मौके पर छोटे बड़े अग्निशमन के लगभग दर्जन भर गाड़ियां मौजूद हैं। लगातार आग को बुझाने का काम किया जा रहा है। इधर, भीषण आग ने पाल होटल के पास के दो अन्य होटलों में भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया। हवा तेज होने के कारण पाल होटल के दाहिनी तरफ के दोनों होटल भी आग की जद में आ गए। अब तक करोड़ों रुपये के नुकसान की बात सामने आ रही है। कितने लोग घायल या अंदर फेज है इसकी कोई पुख्ता जानकारी है। मौके पर पुलिस भी करवाई में जुटी हुई है। अभीतक अनुमान ही लगाया जा रहा है की लोगों की मौत की संख्या और बढ़ भी सकती है।