नवनिर्मित पुलिया निर्माण कार्य में ठेकेदार की घोर लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे राहगीर
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज । बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग 35 पर स्थित शिवराजपुर से प्रतापपुर मार्ग पर हो रहे दर्जनों से अधिक पुलियों के निर्माण में ठेकेदार व जेई की मिली भगत से घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।
जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुलियों का निर्माण करोड़ों की लागत से कराया जा रहा है। इन पुलियों के निर्माण से पहले ही सवाल खड़े हो रहे हैं क्षेत्रीय लोगों ने इस पुलियों के निर्माण को लेकर खासी नाराजगी जाहिर की है। क्षेत्रीय जनों का कहना है कि निर्माण की गुणवत्ता तथा मानकों के मुताबिक कार्य नहीं हो रहा है जिसके चलते ठेकेदार और विभाग की मिली भगत साफ तौर पर झलक रही है।
निर्माण के लिए दी गई राशि का बंदर बांट भी हो रहा है साथ ही आसपास के मजदूरों से काम नहीं लिया जा रहा है जो कि श्रम कानून का खुला उल्लंघन भी है। विभाग ने पुलियों की गहराई, ढलाई और मोटाई को लेकर जो मानक तय किए हैं हकीकत में उस आधार पर नहीं बनाया जा रहा है। मामले को लेकर क्षेत्रीय जनों ने विभागीय आला अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करवाते हुए जांच की मांग की है।
बताते चलें कि पुरजोर कोशिशों और मांगों के बाद रोड पुल और पुलियों की स्वीकृति होती है इसके बाद निर्माण को लेकर करोड़ों रुपयों की मंजूरी दी जाती है। लेकिन इस तरह के मामलों के सामने आने पर जहां विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से आसपास के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं तो वही निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा होना लाजमी है।
लोगों का कहना है कि किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया जाएगा विभाग से शिकायत करना हम लोगों के अधिकार क्षेत्र में है। आगे लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि धीमी गति से काम चलने के कारण रोड में उड़ रहे धूल से ग्रामीण एवं राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वन विभाग का जंगल होने से रात्रि के वक्त सफर करना लोहे का चना चबाना है। ऐसे में दुर्घटनाओं के साथ चोर उचक्को का भी भय बना हुआ रहता है। मगर आलम यह है कि ठेकेदार और जेई भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रहे हैं।
पुलिया के निर्माण को लेकर जो साइडर से आवागमन के लिए रास्ता बनाया गया है वह पूरी तरह समतल ना होने के कारण उस रास्ते से लोड गाड़ियों को चढ़ाने एवं उतारने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।यह तस्वीरें साफ तौर पर बयां कर रही हैं कि सवारी से भरा टेंपो चालकों द्वारा सावधानी बरतने पर भी स्टेरिंग इधर-उधर बहक जाती है जिससे सवारियां चोटिल हो जाती हैं। हाल ही में ईंट से लदा ट्रैक्टर चढ़ाई ना चढ़ पाने के कारण पेड़ से जा टकराया गनीमत यह रही की बड़ा हादसा होने से टला।
मंगलवार को भी बड़ा हादसा होते-होते टला जब ट्रक और कार रास्ता शिकस्त होने के कारण वाहन आपस में भिड़ गए कड़कड़ाती धूप में जाम के झाम से लोग जुझते रहे। अचानक कार के बंद हो जाने के कारण मौजूद राहगीरों ने ठेल कर कार को ऊपर रोड तक पहुंचाया तब जाकर आवागमन आरंभ हो सका ।
Apr 25 2024, 10:43