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राहुल गांधी के DNA की जांच हो, मुझे शक है..', INDIA गठबंधन के नेता ने कर दी ये मांग तो मचा बवाल, CM ने भी किया समर्थन

केरल के CPIM विधायक पी वी अनवर ने मंगलवार (23 अप्रैल) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के DNA की जांच की मांग करके विवाद खड़ा कर दिया। इस जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए व्यवसायी से विधायक बने अनवर ने कहा कि राहुल चौथे दर्जे के नागरिक बन गए हैं, जो गांधी उपनाम से बुलाए जाने के लायक नहीं हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ राहुल की हालिया टिप्पणी से नाराज अनवर ने एडाथनट्टुकरा में LDF स्थानीय समिति द्वारा आयोजित एक बैठक में कहा ''क्या नेहरू परिवार से आने वाला कोई व्यक्ति ऐसे बयान कैसे दे सकता है। मुझे शक है, मेरी राय है कि राहुल गांधी के DNA की जांच की जानी चाहिए। इसमें कोई विवाद नहीं है।" अनवर ने ये भी कहा कि, राहुल को अपने नाम में गांधी नहीं जोड़ना चाहिए। उल्लेखनीय है कि, राहुल ने राज्य में अपने हालिया चुनाव अभियानों के दौरान यह कहा था कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा पूछताछ और गिरफ्तारी से छूट क्यों दी गई, जबकि उनके खिलाफ कई आरोप सामने आए थे। वामपंथी नेताओं ने विजयन के खिलाफ दिए गए बयानों के लिए राहुल गांधी की कड़ी आलोचना की है और कहा कि उन्हें विजयन के बजाय मोदी और आरएसएस की आलोचना करनी चाहिए। राहुल के खिलाफ अनवर की आपत्तिजनक टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया मांगने पर सीएम विजयन ने मंगलवार को LDF विधायक की मांग को सही ठहराया और कहा कि राहुल गांधी कोई आलोचना से परे व्यक्ति नहीं हैं। विजयन ने कन्नूर में संवाददाताओं से कहा, "राहुल गांधी ने जो कहा है उसका जवाब उन्हें मिलेगा। वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो आलोचना से परे खड़े हों।" राहुल गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने कहा कि पार्टी ने अनवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में आयोग के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए, केरल कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष एमएम हसन ने पुलिस से राहुल गांधी और नेहरू परिवार का अपमान करने के लिए विधायक के खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सीएम ही थे जो राहुल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए अनवर का इस्तेमाल कर रहे थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कांग्रेस सचिव केसी वेणुगोपाल भी गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ सामने आए और आरोप लगाया कि सीपीआई (एम) ने नेहरू परिवार को अपमानित करने के लिए नीलांबुर विधायक को "उद्धरण" दिया था। बता दें कि CPM और कांग्रेस, दोनों ही INDIA गठबंधन के सदस्य हैं, लेकिन केरल में दोनों अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
महाराष्ट्र के यवतमाल में भाषण देते वक्त अचानक मंच पर बेहोश होकर गिरे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, इलाज जारी

महाराष्ट्र के यवतमाल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भाषण देते समय मंच पर अचानक गिर पड़े. मंच पर मौजूद लोग तत्काल उन्हें उठाकर इलाज के लिए ले गए. गडकरी यवतमाल के पुसद में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे हुए थे. वह मंच पर बोल ही रहे थे कि अचानक वह बेसुध होकर गिर पड़े जिसके बाद उनके आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला और तत्काल इलाज के लिए ले गए.

लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में जिन पांच सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें नागपुर की सीट भी शामिल है. यहां बीजेपी के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के विकास ठाकरे से है.

सैम पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी का तंज, बोले-कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी

#pmmodiattackscongresssampitrodainheritancetaxremark

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान पर बुधवार को पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी। कांग्रेस का पंजा वो भी आपसे लूट लेगा। कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के सरगुजा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला।

बता दें कि सैम पित्रोदा ने अमेरिकी सिस्टम को समझाते हुए कहा कि अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।

पीएम मोदी मोदी छत्तीसगढ़ के सरगुजा में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान को लेकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने सम्पत्ति के दोबारा बँटवारे और मरने के बाद सम्पत्ति जब्त करने जैसे मुद्दों लेकर कांग्रेस को घेरा। पीएम मोदी ने लोगों को चेताया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो जीवन भर की कमाई छीन लेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लूट जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी चलती हैष

कांग्रेस के खतरनाक इरादे खुलकर सामने आ रहे हैं-पीएम मोदी

सैम पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस पार्टी के खतरनाक इरादे एक के बाद एक खुलकर सामने आ रहे हैं। पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा-'शाही परिवार के शहजादे के सलाहकार ने कुछ समय पहले कहा था कि मिडिल क्लास पर और ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए। अब ये लोग इससे भी एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। अब कांग्रेस का कहना है कि वो विरासत टैक्स लगाएगी, माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी। जब तक आप जीवित रहेंगे, तब तक कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी और जब जीवित नहीं रहेंगे, तब आप पर विरासत टैक्स का बोझ लाद देगी। पूरी कांग्रेस पार्टी को अपनी पैतृक संपत्ति मानकर जिन लोगों ने अपने बच्चों को दे दी, अब वो नहीं चाहते कि भारतीय अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दें।

आंध्र प्रदेश में सभी मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे पर भी बोला हमला

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो मुस्लिम लीग की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण के समय यह तय हुआ था कि आरक्षण धर्म के नाम पर नहीं होगा लेकिन वोटबैंक के कारण कांग्रेस ने इन महापुरुषों की बात नहीं मानी। कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में मुस्लिमों को आरक्षण देने की बात कही। रैली में पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि 2009 और 2014 के मेनिफेस्टो में भी कांग्रेस ने यह वादा किया था। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम समुदाय की सभी जातियों को ओबीसी में डाल दिया और सामाजिक न्याय की हत्या की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान बदल कर एससी/एसटी और ओबीसी आरक्षण छीनकर अपने वोट बैंक को देना चाहती हीं।

सुप्रिया श्रीनेत के नक्सलियों को शहीद पर भी बोला हमला

पीएम मोदी ने कहा, “भारत विरोधी इंडी गठबंधन की कमजोर सरकार चाहते हैं जिसमें भ्रष्टाचार होता रहे और सब एक दूसरे से लड़ते रहें। कांग्रेस के शासन में नक्सल और आतंकवाद फैला। कांग्रेस का कुशासन और लापरवाही देश की बर्बादी का कारण है।” उन्होंने कॉन्ग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के नक्सलियों को शहीद बताने को लेकर भी हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, “इसी कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता आतंकवादियों के मारे जाने पर आंसू बहाती हैं। इस कारण कांग्रेस देश का भरोसा खो चुकी है।”

राहुल गांधी करेंगे देश का एक्स-रे, जाति जनगणना को बताया अपने जीवन का मिशन

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जाति जनगणना को अपना "जीवन मिशन" बताया और कहा कि सत्ता में आने पर उनकी पार्टी यह पहला कार्य करेगी। उन्होंने धन पुनर्वितरण विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी पलटवार करते हुए कहा कि वे कांग्रेस के "क्रांतिकारी" घोषणापत्र को पढ़ने के बाद "घबराहट की स्थिति" में हैं और इस बात पर जोर दिया कि पार्टी का लक्ष्य 90 प्रतिशत लोगों को राहत देना है। भाजपा द्वारा 22-25 बड़े व्यवसायियों को ऋण माफी के रूप में प्रदान किए गए ₹16 लाख करोड़ के एक हिस्से को पुनः प्राप्त करके जनता तक उसे पहुँच्या जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी में 'सामाजिक न्याय सम्मेलन' में बोलते हुए, गांधी ने कहा, "जाति जनगणना राजनीति नहीं है मेरे लिए, यह मेरे जीवन का मिशन है। दुनिया की कोई ताकत जातीय जनगणना को नहीं रोक सकती। जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो जनगणना पहला काम होगा जिसे हम हाथ में लेंगे। यह मेरी गारंटी है।'' ''संपत्ति पुनर्वितरण'' विवाद पर वायनाड सांसद ने कहा, ''मैंने अभी तक यह नहीं कहा है कि हम कार्रवाई करेंगे... मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि आइए जानें कि कितना अन्याय हुआ है।''

मंगलवार को राजस्थान के टोंक में लोकसभा चुनाव प्रचार रैली में बोलते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कांग्रेस के पास लोगों से संपत्ति छीनने और इसे अपने खास लोगों को बांटने की चाल है। मैंने इस वोट बैंक की राजनीति, इस तुष्टिकरण की राजनीति को उजागर किया और इससे कांग्रेस और उसके पारिस्थितिक तंत्र में मंदी आ गई। वे अब मुझे गाली दे रहे हैं।”

राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना सिर्फ एक जाति सर्वेक्षण नहीं है बल्कि इसमें "आर्थिक" और "संस्थागत" घटक भी होंगे जो "खुलासा" करेंगे कि किन समुदायों को फायदा हो रहा है और सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए क्या किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा दलितों और आदिवासियों के इतिहास को “मिटा” रही है और उन्हें इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। गांधी ने कहा कि उन्हें जाति में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन "न्याय" में उनकी दिलचस्पी है और उन्होंने मोदी से उनकी ओबीसी स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी पिछले दस वर्षों से कह रहे हैं कि वह ओबीसी हैं, लेकिन जब मैंने जाति जनगणना के बारे में बात की, मोदी ने कहा कि कोई जाति नहीं होती, जब कोई जाति नहीं होती तो आप ओबीसी कैसे? मोदी ने कहा कि भारत में सिर्फ दो जातियां हैं, गरीब और अमीर...तो गरीब और अमीर की लिस्ट निकालो। गरीब लोगों की सूची में ओबीसी और दलित, आदिवासी तो मिल जाएंगे लेकिन अमीरों की सूची में वे नहीं मिलेंगे।'

राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह पर बोलते हुए, गांधी ने कहा, “राम मंदिर और संसद भवन उद्घाटन में एक भी दलित, आदिवासी नहीं देखा गया, 90% आबादी इस बात को समझती है।” उन्होंने 22 जनवरी को आयोजित राम मंदिर समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने पर भी भाजपा पर कटाक्ष किया। 

उन्होंने आगे कहा कि मीडिया ने उन्हें "गैर-गंभीर" राजनेता के रूप में चित्रित किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनरेगा, भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ लड़ाई, 'नियमगिरि' और 'भट्टा पारसौल' को गैर-गंभीर मुद्दों के रूप में दिखाया गया, लेकिन अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, विराट कोहली को मीडिया द्वारा "गंभीर मुद्दे" के रूप में दिखाया गया है।

“मैंने हितधारकों की जांच की...कोई भी ओबीसी, दलित, आदिवासी नहीं है जो बड़ा एंकर हो...इसलिए लाउडस्पीकर आपके पास नहीं है। मीडिया में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। मीडिया में किसका पैसा जाता है? सरकारें पैसा देती हैं। जीएसटी में किसका पैसा आता है? यह 90 प्रतिशत लोगों का पैसा है। जब तक हम सुप्रीम कोर्ट पहुंचते हैं, सब ख़त्म हो चुका होता है। 25 अरबपतियों को ₹16 लाख करोड़ दिए गए...किसानों के कर्ज का पैसा माफ कर दो, उससे 25 गुना ज्यादा पैसा मोदी ने 25 लोगों को दे दिया। मीडिया, निजी अस्पताल, बड़ी कंपनियाँ, न्यायपालिका- 90 प्रतिशत में से कोई नहीं है।''

जाति जनगणना को “राष्ट्रीय एक्स-रे” कहते हुए गांधी ने कहा, “एक देशभक्त क्या चाहता है? एक देशभक्त देश में न्याय चाहता है। एक देशभक्त चाहता है कि भारत आगे बढ़े और महाशक्ति बने। इसलिए, अगर आपको महाशक्ति बनना है और चीन से आगे बढ़ना है तो 90 फीसदी आबादी की ताकत का इस्तेमाल करना होगा। जो लोग खुद को 'देशभक्त' कहते हैं वे एक्स-रे से डरते हैं।

दूसरे चरण के चुनाव 26 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे जिसमे कर्नाटक , केरल और अन्य राज्यों में 80 सीटों के लिए वोट होंगे। राहुल गाँधी का संसद छेत्र वायनाड है वही प्रधानमंत्री वाराणसी से चुनावी मैदान में उतरेंगे। हालांकि राहुल गाँधी के पूर्व संसद छेत्र अमेठी से अभी तक पार्टी ने कोई नाम पक्का नई किया है। उम्मीद है की राहुल गाँधी के जीजा , प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रोबर्ट वाड्रा अमेठी से दावेदारी कर सकते हैं।

कर्नाटक में सभी मुसलमान ओबीसी लिस्ट में शामिल, पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

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हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी एससी, एसटी और ओबीसी समाज का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को देना चाहती है। कर्नाटक के आँकड़े पीएम मोदी के इन आरोपों की तस्दीक करते हैं। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले की जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने प्रेस रिलीज जारी करके दी।राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस पर अपत्ति भी जताई है। 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जानकारी दी कि कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मुस्लिम समुदाय को आरक्षण मिल रहा है। आयोग ने ये भी जानकारी दी कि कर्नाटक के मुस्लिमों की सभी जातियों और समुदायों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले पर कर्नाटक सरकार द्वारा आयोग को कोई स्पष्टीकरण नहीं दी गई है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा कि हमने इस मामले पर कर्नाटक सरकार से पूछा था कि आखिर किस आधार पर यह कोटा दिया जा रहा है। इस मामले पर हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। हंसराज गंगाराम अहीर के ओर से जारी बयान में कहा गया, कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण हेतु कर्नाटक के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को ओबीसी की राज्य लिस्ट में शामिल किया गया है। बयान में आगे लिखा है,"कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग को लिखित रूप में बताया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति है और न धर्म है। कर्नाटक में मुस्लिम की आबादी 12.92 प्रतिशत है। राज्य में मुस्लिमों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है।"

कर्नाटक सरकार की नीती सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कर्नाटक की इस नीति को सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध बताया है। पिछले साल NCBC ने ग्राउंड पर जाकर आरक्षण की स्थति का पता लगाया था। आयोग का कहना है कि ऐसे में मुस्लिमों में जो जातियाँ शिक्षिक-सामाजिक रूप से पिछड़ी हैं उनकी भी हकमारी हो रही है। सभी मुस्लिमों को पिछड़े समाज में डालना इस समाज की विविधता और जटिलता को नज़रअंदाज़ करने के जैसा है। 

कर्नाटक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा

हंसराज अहीर ने कहा कर्नाटक में कैटेगरी 1बी और बी2 में कुल 34 मुस्लिम ओबीसी जातियां आती हैं, लेकिन आरक्षण जो दिया है वो समूचे मुस्लिम जातियों को दे दिया गया है। हमने पूछा कि 4 प्रतिशत की जगह 16 प्रतिशत आरक्षण कैसे दिया तो उनका गोलमोल जवाब आया है। हंसराज अहीर ने कहा कि हमने कर्नाटक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। हम कर्नाटक के चीफ सेक्रेटरी को तलब कर रहे हैं। हम किसी भी तरह मूल ओबीसी के हक को मरने नहीं देंगे। हमारे आयोग का यही काम है। जरूरत पड़ेगी तो हम कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण के कोटा से इनको हटाएंगे। हम राष्ट्रपति से भी शिकायत कर सकते हैं। बहुत सारे कानूनी उपाय हैं।

ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की शिकायत के बाद जांच

दरअसल, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की जानकारी मिली थी। उसके बाद आयोग ने पिछले 6 महीने में इसकी जांच शुरू की। आयोग ने अपने जांच के दरमियान सरकारी नौकरी, मेडिकल, इंजीनियरिंग एडमिशन और तमाम सरकारी पदों पर सीमा से अधिक मुस्लिम आरक्षण दिए जाने की बात सामने आई। गत वर्ष राज्य के सरकारी पीजी मेडिकल के 930 सीटों में दिए गए आरक्षण की जब जांच की तो उसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आए। आयोग ने पाया कि 930 में से 150 सीट मुस्लिम वर्ग को आरक्षित किया गया है जो करीब कुल सीट का 16 प्रतिशत है। खास बात ये है कि इनमें मुस्लिम वर्ग के उन जातियों को भी लाभ दिया गया है जो आरक्षण के दायरे में नहीं आते।

भाजपा के खिलाफ तैयार है थरूर, चौथी बार भी जीतने का विश्वाश

केरल के तिरुवनंतपुरम में शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान होना है। कांग्रेस नेता शशि थरूर को चौथी बार सीट बरकरार रखने की उम्मीद है। केरल में कभी भी लोकसभा सीट नहीं जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है। पन्नियन रवीन्द्रन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के उम्मीदवार हैं, जिनके बाद थरूर 2009 में (सांसद) बने।थरूर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपनी संभावनाओं, विरोधियों और चुनावी मुद्दों के बारे में बात की।थरूर ने कहा " कांग्रेस और सीपीआई (INDIA) लोकसभा चुनावो में सहयोगी हैं, लेकिन केरल में प्रतिद्वंद्वी गुटों का हिस्सा हैं। आपने कहा है कि इससे राज्य में भाजपा विरोधी वोट बंटते हैं। फिर आप अपनी संभावनाओं को कैसे देखते हैं? मेरे खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करना वामपंथियों ने हर बार किया है, और मैं इसके लिए उनकी आलोचना नहीं कर सकता, क्योंकि मैंने सबसे पहले यह सीट उनसे ली थी।

आगे भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा " मेरा कहना यह है कि अपना पूरा अभियान मुझ पर हमला करने के लिए समर्पित करना एक रणनीति है जो केवल भाजपा की मदद कर सकती है क्योंकि यह भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करती है। मेरी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से पिछले लगभग 50 दिनों के चुनाव प्रचार के दौरान मैं जहाँ भी गया, मैंने स्नेह, गर्मजोशी, हाथ हिलाना, मुस्कुराहट, के अलावा और कुछ नहीं देखा। मुझे पूरा विश्वास है कि जो विश्वास उन्होंने मुझ पर तीन बार जताया है, वह चौथी बार भी मुझ पर कायम रहेगा। 

निर्वाचन क्षेत्र में मुकाबले की प्रकृति पर थरूर बोले " मैंने हमेशा अपने विरोधियों और उनके ज़ोरदार अभियान चलाने की उनकी क्षमता का सम्मान किया है, चाहे वह सीपीआई उम्मीदवार हो या भाजपा उम्मीदवार, लेकिन मुझे एक बार फिर सफल होने की अपनी क्षमता पर भी पूरा भरोसा है। पेशेवर वर्ग के संदर्भ में, वे मेरे द्वारा उनके हितों की रक्षा के लिए किए गए कई प्रयासों से अवगत हैं - टेक्नोपार्क और हवाई अड्डे के तेजी से आधुनिकीकरण से लेकर एनएच-बाईपास के माध्यम से कनेक्टिविटी में आसानी तक। उनके सांसद के रूप में मेरी 15 वर्षों की सेवा के मजबूत और दृश्यमान ट्रैक रिकॉर्ड और राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों पर मेरे रुख के साथ, मेरे मतदाताओं को खोखली छाती पीटने से प्रभावित होने की संभावना नहीं है। "

 अपने कार्यकाल का हवाला देते हुए शशि थरूर बोले " जिन लोगों ने मुझे 15 वर्षों से कार्य करते हुए देखा है, उनके पास संसद में राष्ट्रीय मुद्दों पर मेरे द्वारा उठाए गए रुख के अलावा, निर्वाचन क्षेत्र के लिए मेरी सेवाओं की सराहना करने के कई कारण हैं।विश्व मंच पर. पिछले 15 वर्षों में निर्वाचन क्षेत्र के लिए मेरी उपलब्धियों के लिए, मैंने 68-पृष्ठ की एक रिपोर्ट (सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध) जारी की है, जो सभी के मूल्यांकन के लिए उन्हें पूर्ण विवरण में प्रस्तुत करती है।"

भाजपा पर मीडिया प्रतिबंधन का आरोप लगते हुए थरूर ने कहा की "हम उन कानूनों का पुनर्मूल्यांकन और पुन: अंशांकन करने की योजना बना रहे हैं जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर प्रभाव डाल रहे हैं, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संतुलित किया जा सके। स्पष्ट रूप से, कांग्रेस की मानसिकता पिछले अनुभवों को पहचानने और उनसे अनुकूलन करने और एक स्वतंत्र और निडर मीडिया को फलने-फूलने के लिए अधिक से अधिक स्थान प्रदान करने की है।"

केरल दूसरे चरण के चुनाव 26 अप्रैल को होने वाले हैं जिसके लिए पार्टियां चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

आईएमडी ने भीषण गर्मी को लेकर रेड अलर्ट जारी किया, इन राज्यों में बारिश से राहत मिलने की संभावना

मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले पांच दिनों तक पूर्वी और दक्षिण भारत में भीषण गर्मी का लंबा दौर जारी रहने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि भीषण गर्मी की स्थिति बनी रह सकती है। अगले पांच दिनों तक तटीय ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ आंतरिक कर्नाटक पर भी प्रभाव बना रहेगा। बिहार, झारखंड, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तटीय कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में इस अवधि के दौरान लू की स्थिति का भी अनुभव होने की संभावना है।

“अगले 5 दिनों के दौरान बिहार, झारखंड, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, रायलसीमा के अलग-अलग इलाकों में लू चलने की सम्भावना है ; 24-26 तारीख के दौरान तटीय कर्नाटक, 24 और 25 तारीख को तमिलनाडु; 25-28 के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश और 26-28 के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश; 27 और 28 अप्रैल को कोंकण, ”आईएमडी ने एक विज्ञप्ति में कहा।

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ने गंगीय पश्चिम बंगाल के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जो सभी लोगों में गर्मी से होने वाली बीमारियों और हीट स्ट्रोक की बहुत अधिक संभावना का संकेत देता है। आईएमडी ने विशेष रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी, अधिकारियों ने उचित निवारक उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया।

एजेंसी ने ओडिशा, बिहार, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है, जो लंबे समय तक धूप में रहने या कड़ी गतिविधियों में संलग्न रहने वाले व्यक्तियों में गर्मी की बीमारी के लक्षणों के बढ़ते जोखिम को उजागर करता है। शिशु और बुजुर्ग, विशेष रूप से अतिसंवेदनशील होते हैं, इसलिए एहतियाती कदम बढ़ाने की जरूरत है।

कुछ क्षेत्रों को राहत मिल सकती है क्योंकि 26 अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच उत्तर पश्चिम भारत में गरज और बिजली के साथ बारिश का ताजा दौर आने का अनुमान है। पूर्वोत्तर भारत में अलग-अलग स्थानों पर गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। आईएमडी के अनुसार, 24, 28 और 28 अप्रैल को पूर्वोत्तर असम पर एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण व्यापक रूप से हल्की से मध्यम वर्षा/बर्फबारी होने की उम्मीद है, साथ ही तूफान, बिजली और तेज हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटे) भी होंगी। अरुणाचल प्रदेश,असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 24 से 28 अप्रैल तक छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। अरुणाचल प्रदेश में विशिष्ट तिथियों पर भारी वर्षा की भविष्यवाणी की गई है।

जम्मू, उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती परिसंचरण और ईरान और आसपास के क्षेत्र पर कई मौसम प्रणालियाँ उत्तरी क्षेत्रों को प्रभावित करने के लिए तैयार हैं। जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में 24 से 28 अप्रैल तक गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश/बर्फबारी और बिजली गिरने की उम्मीद की जा सकती है।

मध्य महाराष्ट्र और तेलंगाना पर चक्रवाती परिसंचरण और तेलंगाना से दक्षिण तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा के विस्तार के साथ, इन क्षेत्रों के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम में उतार-चढ़ाव का अनुभव होने की संभावना है। 24 अप्रैल से 27 अप्रैल तक मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ, छत्तीसगढ़, दक्षिण मध्य प्रदेश और आंतरिक कर्नाटक में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं (30-50 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की बारिश की उम्मीद है।

कौन हैं कांग्रेस के सैम पित्रोदा, जिनके “विरासत टैक्स” वाले बयान पर मचा है बवाल

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा अपने बाबाक बयानों को लेकर जाने जाते हैं। पित्रोदा ने एक बार फिर से ऐसा बयान दिया है, जिसपर बहस छिड़ गई है। उन्होंने विरासत टैक्स को लेकर अमेरिकी कानून का जिक्र छेड़ कर भारत में नई बहस शुरू कर दी है। लोकसभा चुनावों की बीच उनके इस बयान से सियासी पारा और हाई हो गया है।

चुनावी माहौल में संपत्ति पर हक और बंटवारे को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच सैम पित्रोदा के ताजा बयान से सियासत और गरमा गई है। सैम पित्रोदा ने कहा है अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। मसलन अगर किसी ने 10 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है तो उसके 45 फीसदी हिस्से पर ही उसकी भावी पीढ़ी का अधिकार होगा जबकि 55 फीसदी हिस्सा सरकार के पास रहेगा। उन्होंने आगे कहा, हालांकि, भारत में आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। पित्रोदा ने कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा।

एक तरफ पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा हमलावर है। तो वहीं, कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे उनका निजी बयान बताया है। बता दें कि अपनी पार्टी को उलझन में डालने का सैम पित्रोदा का पुराना रिकॉर्ड है और अपने विवादित बयानों की वजह से वह हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। सैम पित्रोदा की पहचान सिर्फ इतनी नहीं है कि वो कांग्रेस के नेता है। उनकी शख्सियत एक राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार, सलाहकार, उद्योगपति और तकनीकी विशेषज्ञ की रही है। तकनीकी के क्षेत्र में उन्होंने कई आविष्कार किए हैं। उनकी प्रारंभिक पहचान बतौर आविष्कारक की रही है।  

भारत में सूचना क्रांति के अग्रदूत

पित्रोदा ने 1974 में उन्होंने वेस्कॉम स्विचिंग कंपनी में योगदान किया और फिर अगले ही साल 1975 में इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार करके अपनी क्षमता का परिचय दिया। अगले चार साल के भीतर उन्होंने 580 DSS स्विच बनाई और उसे 1978 में उसे लॉन्च कर दिया। इससे बाद सैम पित्रोदा ने बतौर इंजीनियर टेलीकम्यूनिकेशन के क्षेत्र में जितने भी आविष्कार किए उन सभी को पेटेंट कराना शुरू कर दिया। आज की तारीख में सैम पित्रोदा के नाम करीब 100 पेटेंट हैं। मोबाइल से आर्थिक लेन-देन की टेक्नोलॉजी का पेटेंट भी सैम पित्रोदा के पास ही है। सैम पित्रोदा को भारतीय सूचना क्रांति का अग्रदूत माना जाता है। 80 के दशक में भारत की दूरसंचार और प्रौद्योगिकी क्रांति की नींव रखने का श्रेय पित्रोदा को ही दिया जाता है। कांग्रेस सरकार के बुलावे पर साल 1984 में वो भारत वापस आए और दूरसंचार नीति को दिशा देने का काम किया।सैम पित्रोदा भारत के दूरसंचार आयोग के संस्थापक और पहले अध्यक्ष भी रहे हैं।

गुजराती परिवार से ताल्लुक रखते हैं पित्रोदा

सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। सैम पित्रोदा का जन्म 17 नवंबर 1942 को ओडिशा के टीटलागढ़ में हुआ था। सैम पित्रोदा मूलत: गुजराती परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार के बारे में कहा जाता है कि वो गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित रहा है. सैम पित्रोदा ने बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से भौतिकी शास्त्र में एमए किया था। सैम पित्रोदा सन् 1964 में ही अमेरिका चले गए थे। शिकागो में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की। दो साल पढ़ाई करने के बाद सन् 1966 में वो शिकागो में ही नौकरी करने लगे। हालांकि सैम पित्रोदा ने अमेरिका में स्थायी तौर पर रहना कुबूल नहीं किया। सैम पित्रोदा सन् 1981 में भारत लौट आए। उनका मिशन भारत में टेलीकम्यूनिकेशन सिस्टम को मॉडर्न बनाना और उसे आगे बढ़ाना था। उनकी मुलाकात तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से हुई। इंदिरा गांधी से विचार-विमर्श करने और सहमति मिलने के बाद सैम पित्रोदा सन् 1984 से स्थायी रूप से भारत रहने आ गए और दोबारा भारतीय नागरिकता हासिल कर ली। भारत में उन्होंने टेलीकॉम फील्ड में कई अनुसंधान और विकास कार्यों को बढ़ावा दिया।

राजीव गांधी के रह चुके हैं सलाहकार

राजीव गांधी की वजह से ही सैम पित्रोदा की राजनीति में एंट्री हुई थी। सैम पित्रोदा को राजीव गांधी का करीबी माना जाता है।पित्रोदा सन् 1987 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार बने और टेलीकम्यूनिकेशन, वाटर, लिट्रेसी, टीकाकरण, डेयरी और तिलहन के क्षेत्र में तकनीकी मिशन की शुरुआत की। सैम पित्रोदा ने राजीव गांधी के साथ करीब एक दशक तक काम किया।समय के साथ कांग्रेस पार्टी में उनका दबदबा बढ़ता गया और अब वो राहुल गांधी के भी करीबी माने जाते हैं। साल 2017 में राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सैम पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

मणिपुर: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण पहले हुए तीन विस्फोट

 मंगलवार से बुधवार की रात में मणिपुर के कांगपोकपी जिले में मध्यम तीव्रता के तीन विस्फोटों से एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया । यह विस्फोट इंफाल को नागालैंड के दीमापुर से जोड़ने वाले नैशनल हाईवे -2 पर सापरमीना के पास हुए। विस्फोट लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से दो दिन पहले हुआ। लगभग 1:15 बजे सपरमीना के पास , यह घटना कांगपोकपी जिले में हुई, जैसा कि एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया।

अधिकारी ने बताया कि अभी तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और जांच जारी है। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल के साथ-साथ आस-पास के इलाकों को भी सील कर दिया है और अतिरिक्त पुलों पर जांच चल रही है। इंडिया टुडे एनई ने कहा कि इलाके में भारी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।

19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान के दौरान, मणिपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आईं, क्योंकि उपद्रवियों ने राज्य के एक मतदान केंद्र पर गोलीबारी की, जिससे दहशत और अशांति फैल गई। ईवीएम को नष्ट कर दिया गया और कुछ हिस्सों में जबरदस्ती और डराने-धमकाने के आरोप लगाए गए। लोकसभा चुनाव के शुरुआती चरण के समापन के बाद, मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रामानंद नोंगमेइकापम ने घोषणा की कि 11 सीटों पर फिर से 22 अप्रैल को आंतरिक मणिपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान होगा । इन बूथों में खुरई विधानसभा क्षेत्र में मोइरंगकम्पु साजेब अपर प्राइमरी स्कूल और एस इबोबी प्राइमरी स्कूल (ईस्ट विंग), क्षेत्रीगाओ में चार, थोंगजू में एक, उरीपोक में तीन बूथ शामिल हैं। 

पूर्वी इंफाल में कुछ बदमाशों की गोली लगने से एक बुजुर्ग व्यक्ति भी घायल हो गया.

सोमवार शाम को, मणिपुर के इम्फाल पश्चिम जिले में, जो जातीय हिंसा से ग्रस्त है, दो परस्पर विरोधी समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्राम स्वयंसेवकों के बीच झड़पें हुईं। पुलिस के अनुसार, अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन दोनों पक्ष बंदूक की लड़ाई में अत्याधुनिक आग्नेयास्त्रों का उपयोग कर रहे हैं, पीटीआई ने बताया।

*विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की जमकर ली क्लास, बोले-उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी*
#foreign_minister_s_jashankar_slams_on_foreign_media देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। सात चरणों में होने वाले इस लोकसभा चुनाव पर देश के साथ ही दुनिया की भी नजरे हैं। भारत के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के साथ ही विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है। भारत के चुनावों को लेकर लगातार लेख सामने आ रहे हैं। वहीं, भारत में बीषण गर्मी के बीच हो रही चुनाव को लेकर भी विदेशी मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। विदेशी मीडिया का मानना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के चुनाव और पश्चिमी मीडिया को लेकर बेबाक टिप्पणी की है। जयशंकर मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पश्चिमी मीडिया से काफी बार हमारी लोकतंत्र की आलोचना करते हुए सुना है। यह ऐसा इसलिए नहीं है कि उनके पास जानकारी की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी भी हैं। *गर्मी में चुनाव कराने के सवाल पर करारा जवाब* पश्चिमी मीडिया के एक लेख में पूछा गया कि भारत में इतनी तेज गर्मी में चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'मैंने अब वह लेख पढ़ा और मैं कहना चाहता हूं कि सुनो, उस गर्मी में मेरा सबसे कम मतदान, सबसे अच्छे समय में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है।' उन्होंने आगे कहा कि ये ऐसे खेल हैं जो हमारे साथ खेले जा रहे हैं। *भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है-एस जयशंकर* विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत की घरेलू राजनीति अब वैश्विक हो रही है। विदेशी लोगों को लगता है कि हमसे परामर्श किए बिना ये कैसे तय होगा कि भारत में कौन शासन करेगा? जयशंकर ने कहा कि हमें इस प्रकार की आलोचनाओं और रिपोर्टों के खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है। क्योंकि ये लोग हर चीज पर सवाल उठाने वाले हैं। *अब मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे-एस जयशंकर* जयशंकर ने कहा कि ये लोग चुनाव आयोग, चुनाव प्रणाली, ईवीएम और यहां तक कि मौसम विभाग पर भी सवाल उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम उनकी पोल खोलें और ऐसा करने के लिए हमारे आत्मविश्वास की कमी नहीं है। जयशंकर ने आगे कहा कि पश्चिमी मीडिया को एक और शिकायत है कि भाजपा बहुत अनुचित है। इसके साथ उनके अनुसार हमारा यह सोचना भी गलत है कि भाजपा बहुत बड़ी जीत हासिल करने जा रही है।