रॉबर्ट वाड्रा के अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छी पर स्मृति ईरानी का राहुल गांधी पर तंज, बोलीं- '.....साले साहब क्या करेंगे'
लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान शुरू भी चुका है। अब 26 अप्रैल को दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। हालांकि कांग्रेस ने सबसे अहम सीटों अमेठी और रायबरेली से अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। हालांकि अभी हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा अमेठी से टुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। अब इस पर भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा पर कटाक्ष किया है। ईरानी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा है कि “जीजाजी की नज़र हैं, साले साहब क्या करेंगे। साथ ही स्मृति ईरानी ने दावा किया की उन्होंने पांच साल में अमेठी निर्वाचन क्षेत्र में गांधी की तुलना में 15 साल से अधिक काम सुनिश्चित किया।
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केंद्रीय मंत्री ने अमेठी में एक सार्वजनिक सभा में आगे कहा, "राहुल गांधी भी अपनी सीट पर रूमाल रखकर आएंगे क्योंकि उनके जीजा की नजर इस सीट पर है।" स्मृति ईरानी ने अमेठी में कहा, ''क्या ऐसा कभी हुआ है? चुनाव में महज 27 दिन बचे हैं, लेकिन कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इतना अहंकार !जो मैं पांच साल में किया है , राहुल गांधी 15 साल में नहीं कर सके।'' राहुल गांधी लगातार तीन बार अमेठी से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे। उनसे पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके माता-पिता सोनिया गांधी और राजीव गांधी और चाचा संजय गांधी ने किया था।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी सीट से चुनाव लड़ा था। जबकि अमेठी 15 साल तक कांग्रेस का गढ़ रहा था, ईरानी ने इस सीट से राहुल गांधी को हराया था।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही केरल की वायनाड सीट से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस चुनाव में अमेठी सीट से चुनाव लड़ेंगे, राहुल गांधी ने पहले कहा था कि वह पार्टी के आदेशों का पालन करेंगे। इस बीच, प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी सीट से उम्मीदवार होने के कई संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि वह उनका प्रतिनिधित्व करें और अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो वे भारी अंतर से उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे।लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को अमेठी में मतदान होगा।






एलोपैथी दवाओं के खिलाफ विज्ञापन और पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अपनी दवाओं के लिए ‘भ्रामक दावों’ पर अदालत की अवमानना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने जब इस मामले की सुनवाई की।कोर्ट रूम में योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण मौजूद थे। आज की सुनवाई में भी बाबा रामदेव को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उन्हें 30 अप्रैल को फिर मौजूद रहने को कहा है। *कोर्ट ने माफी के आकार पर उठाए सवाल* योगगुरु रामदेव की मौजूदगी में पतंजलि की ओर से पेश हुए वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पतंजलि ने 67 अखबारों में माफीनामा दिया है।अखबार में सोमवार को माफीनामा का विज्ञापन दिया गया था। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपने किस साइज में विज्ञापन दिया है। जस्टिस कोहली ने कहा कि आपने कुछ नहीं किया। जस्टिस कोहली ने कहा कि एक सप्ताह बाद कल क्यों किया गया। क्या माफी का आकार आपके सभी विज्ञापनों में समान है। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इसकी कीमत दस लाख है। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि अखबार में छपी आपकी माफी अयोग्य है। कोर्ट ने अतिरिक्त विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया। * ‘माफीनामा वाले एड को रिकॉर्ड पर लाइए’* सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि पतंजलि की तरफ से बताया कि उनकी तरफ से माफीनामा प्रकाशित किया गया है। हालांकि ये बात रिकॉर्ड पर नहीं है। इसके बाद मुकुल रोहतगी ने कहा कि आज ही वो इसे रिकॉर्ड पर डालेंगे। इस पर बेंच ने कहा कि मामला केवल पतंजलि तक ही नहीं है, बल्कि दूसरे कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर भी चिंता है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को साफ तौर पर कहा कि माफीनामे का नया विज्ञापन भी पतंजलि को प्रकाशित करना होगा और उसे भी रिकॉर्ड पर लाना होगा। इससे पहले 19 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। तब अदालत ने योग गुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। सुनवाई के दौरान रामदेव और बालकृष्ण दोनों मौजूद थे और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी थी।न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने उनकी माफी का संज्ञान लिया, लेकिन यह स्पष्ट किया था कि इस स्तर पर रियायत देने का फैसला नहीं किया है।


बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके परिजनों ने कई गंभीर आरोप लगाए थे। भाई अफजाल अंसारी का आरोप था कि मुख्तार की मौत जहर दिए जाने से हुई। इन आरोपों के बीच अब इस मामले में जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। मुख्तार के निधन के बाद विसरा जांच रिपोर्ट में जहर नहीं दिए जाने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार हार्ट अटैक की वजह से अंसारी की मौत हुई।बता दें कि 28 मार्च की देर रात जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में विसरा जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। विसरा जांच रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। इस रिपोर्ट को न्यायिक जांच टीम को सौंपा गया है।भाई सांसद अफजाल अंसारी ने मुख्तार को जहर देकर मारने का आरोप लगाया था। मुख्तार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जहर से मौत की बात नहीं कही गई थी। आरोपों को देखते हुए मुख्तार की मौत की प्रशासिनक और न्यायिक जांच शुरू की थी, जिसके बाद विसरा को जांच के लिए लखनऊ के फॉरेंसिक लैब भेजा था। इससे पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुख्तार अंसारी की मौत की पुष्टि हार्ट अटैक से हुई थी।हालांकि, उन्हें खाने में धीमा जहर दिए जाने का आरोप लगाए गए थे।आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मुख्तार के विसरा को जांच के लिए लखनऊ फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। विसरा जांच रिपोर्ट में भी जहर न होने की पुष्टि हुई है। इस मामले में अभी कोई भी अधिकारी का कोई बयान सामने नहीं आया है।

Apr 23 2024, 15:14
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