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वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी लगाएंगे जीत की हैट्रिक?

#varanasi_lok_sabha_election_2024_mp_pm_modi_bjp_candidate

भगवान शिव की नगरी का बढ़ा सियासी आकर्षण

तीसरी बार चुनावी मैदान में पीएम मोदी

जीत की हैट्रिक लगाने को पूरी तरह तैयार

लगातार दो बार रहे जनता की पहली पसंद

रिकार्ड 64 प्रतिशत मतदाताओं का मिला आशीर्वाद

शिव की नगरी, संस्‍कृति एवं धर्म का केंद्र और अब चुनावी मौसम में सबसे हॉट सीट। जी हैं ये वाराणसी ही है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मोदी इस सीट से 2014 में सांसद और देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद वह 2019 में भी यहां से मैदान में उतरे और दोबारा सांसद बने। एक बार फ‍िर पीएम मोदी इसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यानी पीएम मोदी यहां से जीत की हैट्रिक की तैयारी में हैं।

वाराणसी सीट पर कब कौन चुना गया सांसद

साल                   सांसद               पार्टी 

1952                 रघुनाथ सिंह            कांग्रेस 

1957                 रघुनाथ सिंह            कांग्रेस 

1962                रघुनाथ सिंह             कांग्रेस 

1967                सत्य नारायण सिंह         सीपीआई 

1971                राजाराम शास्त्री           कांग्रेस 

1977                चंद्रशेखर          भारतीय राष्ट्रीय लोकदल

1980            कमलापति त्रिपाठी          कांग्रेस 

1984             श्यामलाल यादव             कांग्रेस 

1989            अनिल कुमार शास्त्री         जनता दल

1991            श्रीशचंद्र दीक्षित             भाजपा 

1996          शंकर प्रसाद जायसवाल           भाजपा 

1998          शंकर प्रसाद जायसवाल             भाजपा 

1999          शंकर प्रसाद जायसवाल               भाजपा 

2004           राजेश कुमार मिश्रा              कांग्रेस 

2009            मुरली मनोहर जोशी             भाजपा 

2014            नरेंद्र मोदी                     भाजपा 

2019            नरेंद्र मोदी                      भाजपा 

वाराणसी कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। इस सीट पर अभी तक सात बार कांग्रेस जीत चुकी है तो वहीं भाजपा ने भी सात बार जीत दर्ज की है। एक-एक बार जनता दल और सीपीआई भी यह सीट जीत चुकी है। हालांकि, 17 लोकसभा चुनाव में कभी भी सपा और बसपा को जीत हासिल नहीं हुई। 

पहले लोकसभा चुनाव 1952 में कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानी रघुनाथ सिंह को मैदान में उतारा था। जमींदार परिवार के रघुनाथ सिंह जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे और वह 1952, 1957 व 1962 में लगातार सांसद बने। श्रीराम मंदिर आंदोलन के बाद 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से पूर्व पुलिस अधिकारी और श्रीराम जन्मभूमि कारसेवा में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले श्रीशचंद दीक्षित को मैदान में उतारा। श्रीशचंद ने सीट जीतकर भाजपा की झोली में डाल दी। इसके बाद भाजपा ने 1996 में यहां से शंकर प्रसाद जायसवाल को मैदान में उतारा। उन्होंने पार्टी को निराश नहीं करते हुए 1996, 1998 और 1999 में वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व किया।

भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री प्रत्याशी और वाराणसी संसदीय सीट का उम्मीदवार घोषित किया। प्रधानमंत्री को हराने के लिए देशभर से राजनेता, सामाजिक संगठनों आदि के लोग मैदान में उतरे। प्रमुख नाम सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का था। मोदी ने 5 लाख 81 हजार 082 मत प्राप्त कर भाजपा विरोधी मतों का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण कर लड़ने वाले केजरीवाल को 3 लाख 78 हजार 784 मतों से हराया। चुनाव मैदान में उतरे 42 में 40 लोगों की जमानत जब्त हो गई। 

प्रधानमंत्री रहते दोबारा 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी बने। इस बार मोदी ने 6 लाख 74 हजार 664 मत प्राप्त कर सपा की शालिनी यादव को 4लाख 79 हजार 505 मतों से हराया। काशी में रिकार्ड 63.74 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट मोदी को दिया। इसके बाद तो मोदी की बाबा विश्वनाथ की नगरी से ऐसी लगन लगी कि वह अब काशी नहीं हमारी काशी बोलते हैं। मार्च के शुरूआत तक वे 44 बार काशी की यात्रा कर चुके है। मोदी के लगातार काशी से जुड़ाव को देखते हुए भाजपा ने उनको तीसरी बार मौका दिया है और पीएम मोदी का तीसरी बार यहां से सांसद और पीएम बनना तय माना जा रहा है। 

प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। तभी तो पार्टी की ओर प्रत्याशी बनाए जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं तीसरी बार काशी के अपने बहनों और भाइयों की सेवा के लिए तत्पर हूं। 

दरअसल, पीएम मोदी साल 2014 में सत्ता विरोधी लहर के सहारे सत्ता में आए थे। वहीं 2019 की जीत में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा का भाव उनके पक्ष में गया और उन्हें जीत मिली। इस बार अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर में बने माहौल के बाद पीएम मोदी और बीजेपी की वापसी तय मानी जा रही है।

कंगना पर अभद्र पोस्ट कर फंसीं सुप्रिया श्रीनेत, महिला आयोग ने चुनाव आयोग से की कार्रवाई की मांग

#kangana_ranaut_comment_ncw_demands_action_from_ec_against_supriya_shrinet 

कांग्रेस नेता और राष्ट्रीप प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का मंडी से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत पर एक पोस्ट करना भारी पड़ गया है। विवाद बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर बीजेपी इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रामक हो गई है वहीं अब राष्ट्रीय महिला आयोग भी हरकत में आ गया है। आयोग का कहना है कि आयोग चुनाव आयोग से अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं पूरे मामले में कंगना रनौत ने सुप्रिया श्रीनेत को जवाब दे दिया है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा उम्मीदवार एवं अभिनेत्री कंगना रनौत पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और एचएस अहीर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। श्रीनेत के इंस्टाग्राम अकाउंट से रनौत के बारे में कथित आपत्तिजनक पोस्ट किया गया, जिसे बाद में हटा दिया गया। किसान कांग्रेस के प्रदेश संयुक्त समन्वयक अहीर ने भी रनौत के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी।

बता दें कि भाजपा ने बीते रविवार को लोकसभा चुनाव के अपने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी की थी। इसमें भाजपा ने घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से लोकसभा चुनाव के लिए कंगना रनौत को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके नाम का एलान होने के बाद कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट से कंगना रनौत को लेकर अभद्र पोस्ट किया गया।

श्रीनेत के इस पोस्ट के बाद बवाल मच गया। बीजेपी ने इसके जमकर विरोध किया है। बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि यह घिनौनापन से भी आगे है। कंगना रनौत पर श्रीनेत के इस तरह के कमेंट्स बेहद शर्मनाक है। उन्होंने सवाल करते हुए लिखा, क्या इस मामले पर प्रियंका गांधी कुछ बोलेंगी या क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सुप्रिया श्रीनेत को हटाएंगे। हाथरस वाली लॉबी अब कहां है।

वहीं, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर बग्गा ने कहा कि कांग्रेस का महिला विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ है। राहुल गांधी की करीबी सुप्रिया ने कांग्रेस का नेहरूवादी चेहरा दिखाया है।

सुप्रिया श्रीनेत ने दी सफाई

श्रीनेत के इंस्टाग्राम अकाउंट से रनौत के बारे में कथित आपत्तिजनक पोस्ट की गई थी, जिसे बाद में हटा दिया गया। श्रीनेत ने दावा किया है कि यह पोस्ट उन्होंने खुद नहीं किया। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा था, 'जो लोग मेरे बेहद करीब रहे हैं या मेरे साथ काम किया है, उन्हें पता है कि मैं किसी भी महिला के लिए ऐसा विवादित बयान नहीं दे सकती हूं। मुझे अभी पता चला कि सोशल मीडिया पोस्ट पर मेरे नाम के कई पैरोडी अकाउंट चल रहे हैं, जिनका दुरुपयोग फर्जी पोस्ट करने के लिए किया जा रहा है। नाम से एक अकाउंट चलाया जा रहा है, जहां से कुछ अराजक तत्वों ने इस घृणित कृत्य को अंजाम दिया। हालांकि मैंने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखा दी है।'

कंगना रनौत ने दिया जवाब

इधर कंगना ने सुप्रिया श्रीनेत को करारा जवाब दिया है। कंगना ने श्रीनेत की पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए एक्स पर लिखा था, 'प्रिय सुप्रिया जी, मैंने एक कलाकार के रूप में अपने करियर के पिछले 20 वर्षों में हर तरह की महिल किरदार निभाए हैं। क्वीन में एक भोली-भाली लड़की से लेकर धाकड़ में जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी में राक्षस तक। रज्जो में एक प्रॉस्टिट्यूट से लेकर थलाइवी में एक क्रांतिकारी नेत्री तक। हमें अपनी बेटियों को पूर्वाग्रहों के बंधनों से मुक्त करना चाहिए। हमें उनके शरीर के अंगों के बारे में जिज्ञासा रखने से ऊपर उठना चाहिए। साथ ही, हमें यौनकर्मियों के चुनौतीपूर्ण जीवन या परिस्थितियों को लेकर इस प्रकार के अपशब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। हर महिला अपनी गरिमा की हकदार होती है...।"

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत का सोशल मीडिया अकाउंट हैक, कंगना को लेकर की पोस्ट के बाद बवाल

डेस्क: कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गए हैं। सुप्रिया के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट हैक होने की खबर है। दरअसल, सुप्रिया श्रीनेत के इंस्टाग्राम अकाउंट से बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल के मंडी से बीजेपी की कैंडिडेट कंगना रनौत को लेकर आपत्तिजनक तस्वीर और अभद्र टिप्पणी की गई थी। इस फोटो के पोस्ट होने के बाद बवाल मच गया और बीजेपी आक्रामक हो गई। बवाल बढ़ा तो कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सफाई दी कि उनके सोशल मीडिया (फेसबुक और इंस्टाग्राम) हैक हुए हैं। वह एक महिला के खिलाफ इस तरह की पोस्ट कभी नहीं कर सकतीं।

कंगना की तस्वीर पर सुप्रिया श्रीनेत की सफाई

कंगना की इस तस्वीर को लेकर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, "मेरे मेटा अकाउंट (एफबी और इंस्टा) तक पहुंच रखने वाले किसी व्यक्ति ने एक बिल्कुल घृणित और आपत्तिजनक पोस्ट किया, जिसे हटा दिया गया है। जो कोई भी मुझे जानता है वह जानता होगा कि मैं एक महिला के लिए ऐसा कभी नहीं कहूंगी। हालांकि मुझे अभी पता चला कि एक पैरोडी अकाउंट मेरे नाम का दुरुपयोग करके ट्विटर पर चलाया जा रहा है, जिससे पूरी शरारत शुरू हुई और इसकी रिपोर्ट की जा रही है।

कंगना रनौत ने दिया करारा जवाब

वहीं सुप्रिया श्रीनेत के अकाउंट से पोस्ट हुई इस तस्वीर पर बीजेपी अटैकिंग मोड में आ गई है। इसके बाद अभिनेत्री और बीजेपी नेता कंगना रनौत ने भी इस पर करारा हमला किया है। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार कंगना रनौत ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, "प्रिय सुप्रिया जी, एक कलाकार के रूप में अपने करियर के पिछले 20 सालों में मैंने हर तरह की महिलाओं की भूमिका निभाई है। 

क्वीन में एक भोली लड़की से लेकर धाकड़ में एक आकर्षक जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी में एक राक्षसी तक, रज्जो में एक वेश्या से लेकर थलाइवी में एक क्रांतिकारी नेता तक। हमें अपनी बेटियों को पूर्वाग्रहों के बंधनों से मुक्त करना चाहिए, हमें उनके शरीर के अंगों के बारे में जिज्ञासा से ऊपर उठना चाहिए और सबसे बढ़कर हमें जीवन या परिस्थितियों को चुनौती देने वाली यौनकर्मियों को किसी प्रकार के दुर्व्यवहार या अपमान के रूप में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए... हर महिला अपनी गरिमा की हकदार है..."

इतना ही नहीं इसको लेकर बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सुप्रिया श्रीनेत के खिलाफ एक्शन की मांग की है। पूनावाला ने कहा कि मांडी से लोकसभा टिकट पाने वाली कंगना रनौत पर सुप्रिया श्रीनेत ने घिनौना कमेंट और पोस्टर लगाया है।

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने मुइज्जू को दी नसीहत, कहा- अड़ियल रुख छोड़ भारत के साथ दूर करें मतभेद

डेस्क: मलदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने देश के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को नसीहत दी है कि वो अपनी जिद छोड़कर आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए पड़ोसी देश भारत से बातचीत करें। सोलिह का ये बयान ऐसे समय आया है जब मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को दुनियाभर में चीन समर्थक नेता के तौर पर देखा जा रहा है। सोलिह ने अपने मुइज्जू को ‘अड़ियल’ रवैया छोड़ने और वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए पड़ोसियों के साथ बातचीत करने की सलाह दी है। सोलिह ने यह टिप्पणी तब सामने आई है जब कुछ दिन पहले चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने भारत से द्वीपीय देश को ऋण राहत देने का आग्रह किया था। मुइज्जू (45)ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में सोलिह (62) को हराया था। 

'भारत के कारण नहीं हैं चुनौतियां'

माफन्नू के चार संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते माले में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोलिह ने कहा कि उन्होंने मीडिया में छपी खबरें देखी हैं जो बताती हैं कि मुइज्जू ऋण पुनर्गठन के लिए भारत से बात करना चाहते हैं। अधाधु डॉट कॉम नाम की समाचार वेबसाइट के मुताबिक सोलिह ने कहा, ‘‘लेकिन वित्तीय चुनौतियां भारत के ऋण के कारण नहीं हैं।’’

मालदीव पर है चीन का कर्ज

सोलिह ने कहा कि मालदीव पर चीन का 18 अरब मालदीवियन रूफिया (एमवीआर) का कर्ज है, जबकि भारत का आठ अरब एमवीआर का कर्ज है और उसकी भुगतान अवधि भी 25 साल है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मुझे विश्वास है कि हमारे पड़ोसी मदद करेंगे। हमें अड़ियल रुख अपनाना बंद करना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए। ऐसे कई पक्षकार हैं जो हमारी मदद कर सकते हैं। लेकिन वह (मुइज्जू) समझौता नहीं करना चाहते। मुझे लगता है कि वे (सरकार) अब स्थिति को समझने लगे हैं।’’ पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार जनता को धोखा दे रही है और एमडीपी सरकार की तरफ से शुरू की गई परियोजनाओं को दोबारा शुरू कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री अब उस झूठ को छुपाने के लिए झूठ बोल रहे हैं।

मुइज्जू ने की थी भारत की आलोचना 

मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान और उसके बाद भारत की आलोचना की थी और नवंबर में उनके पदभार संभालने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं। उन्होंने मालदीव में मानवीय और चिकित्सा निकासी के लिए उपयोग किए जाने वाले तीन विमानन ठिकानों पर तैनात 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तक पूरी तरह से वापस बुलाने की मांग की है। 26 भारतीय सैन्य कर्मियों की पहली टीम पहले ही मालदीव छोड़ चुकी है और उनकी जगह गैर सैन्यकर्मियों ने ली है। 

बदल रहे मुइज्जू के सुर 

मुइज्जू ने अपने पहले मीडिया साक्षात्कार में दावा किया कि उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है या ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आए। मालदीव समाचार पोर्टल एडिशन डॉट एमवी ने बृहस्पतिवार को एक खबर के मुताबिक मुइज्जू ने कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी बना रहेगा और इस बात पर जोर दिया कि इसके बारे में कोई सवाल ही नहीं है। मालदीव में 21 अप्रैल को होने वाले संसदीय चुनाव से पहले मुइज्जू की भारत के प्रति सुलह समझौते वाली टिप्पणी आई है।

क्या लालू की राह पकड़ेंगे केजरीवाल, पत्नी की देंगे अपनी सीएम की कुर्सी?

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस वक्त ईडी की हिरासत में हैं। उन्‍हें 6 दिन यानी 28 मार्च तक के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है। 28 मार्च के बाद केजरीवाल का क्या होगा? जिस तरह से ईडी ने कोर्ट के सामने अपनी दलील पेश की उसके बाद संभवतः केजरीवा को अभी बेल ना मिले और उन्हें लंबे समय के लिए जेल जाना हो। वहीं, दूसरी तरफ केजरीवाल पर इस्तीफे का भी दबाव बन रहा है। ऐसे में दिल्ली के सियासी गलियारों में यह अटकलें जोरों पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री का पद संभाल सकती हैं।

दरअसल सुनीता केजरीवाल ने शनिवार को जेल में बंद अपने पति का संदेश पढ़कर सुनाया, जो आप कार्यकर्ताओं और दिल्लीवासियों को संबोधित था। इस वीडियो संदेश में सुनीता केजरीवाल को उसी सेटिंग में बैठे देखा जा सकता है, जिनका इस्तेमाल सीएम केजरीवाल अपने संदेश देने के लिए करते थे। इस वीडियो के बैकग्राउंड में तिरंगे के साथ एक तरफ डॉ. भीमराव अंबेडकर और दूसरी तरफ भगत सिंह की तस्वीरें हैं। इस वीडियो को देखने और सीएम केजरीवाल का संदेश सुनने के बाद कई लोग कयास लगा रहे हैं कि आप प्रमुख सीएम की कुर्सी अपनी पत्नी को ही सौंप सकते हैं।

दरअसल, संविधान विशेषज्ञों की मानें तो राज्य के मुख्यमंत्री के स्वत: इस्तीफे को अनिवार्य करने वाला कोई विशिष्ट कानूनी प्रावधान मौजूद नहीं है।पर भविष्य में व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए ही बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव हों या अभी हाल ही में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेने को रिजाइन करना पड़ा था। केजरीवाल यह अच्छी तरह समझते हैं कि वह अगर सीएम बने रहने पर अड़े रहे तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं। क्योंकि प्रशासनिक गतिरोध पैदा होने पर उपराज्यपाल केंद्र को दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा भेज सकते हैं। इसलिये संभावना यही है कि अरविंद केजरीवाद बहुत जल्दी इस्तीफा देकर अपने किसी विश्‍वस्‍त व्‍यक्ति को गद्दी सौंप दें। 

अब सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के रस्ते पर चलेंगे? क्या जेल पहुंचे चुके केजरीवाल भी अपनी पत्नी को दिल्ली की कमान सौंप देंगे।

दरअसल, साल 1996 में बिहार के सीएम लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले का आरोप लगा। सीबीआई ने लालू पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। जल्द ही राजनीतिक हालात कुछ ऐसे बने कि लालू को सरकार चलाना मुश्किल हो गया। लालू पर किसी भी वक्त गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। इस बीच, 25 जुलाई 1997 को लालू यादव ने सभी को चौंकाते हुए पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का नया मुख्यमंत्री बना दिया। सिर्फ पांचवीं कक्षा तक पढ़ी राबड़ी देवी ने तब तक कोई चुनाव भी नहीं लड़ा था। इसके बावजूद वह देश के सबसे अहम राजनीतिक प्रदेश बिहार की मुख्यमंत्री बना दी गईं। 

यह संविधान के अनुच्छेद 164 से मुमकिन हो पाया। अनुच्छेद 164 में राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति से संबंधित नियम दर्ज है। इस अनुच्छेद को हम विस्तार से समझते हैं। अनुच्छेद 164 (1) के मुताबिक मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा। इसके अलावा बाकी मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर करेगा। अनुच्छेद (2) राज्य मंत्रिपरिषद राज्य की विधानसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगा। अनुच्छेद (3) किसी मंत्री द्वारा अपना पद ग्रहण करने से पहले, राज्यपाल उसको पद की और गोपनीयता की शपथ दिलाएगा। अनुच्छेद (4) कोई मंत्री अगर निरन्तर छह महीने की अवधि तक राज्य के विधान मण्डल का सदस्य नहीं है तो उस अवधि की समाप्ति पर उसके मंत्री का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। अनुच्छेद 164 (4) के मुताबिक मंत्री बनने के लिए जरूरी नहीं कि वो शख्स राज्य के विधानमंडल का सदस्य हो। लेकिन एक बार इस तरीके से किसी शख्स को मंत्री बनाए जाने के बाद, उस शख्स को 6 महीने की भीतर चुनाव जीतकर राज्य के विधानमंडल का सदस्य बनना पड़ता है।

बशीरहाट सीट के लिए बीजेपी का मास्टरस्ट्रोर, संदेशखाली आंदोलन का चेहरा रेखा पात्रा को दिया टिकट

#rekhapatraselectedbasirhatbjpcandidateforloksabha_election

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने उम्मीदवारों की पाँचवीं लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में बीजेपी ने बशीरघाट लोकसभा सीट से रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाया है। बशीरघाट में ही वो संदेशखाली इलाका में है, जो टीएमसी के गुंडों की वजह से चर्चा में रहा है। बशीरहाट लोकसभा सीट पर रेखा पात्रा टीएमसी के हाजी नूरुल इस्लाम की चुनौती का सामना करेंगी। इस सीट पर साल 2019 में टीएमसी की ओर से अभिनेत्री नुसरत जहाँ ने जीत हासिल की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने चुनाव न लड़ने के ऐलान किया था और सांसदी से भी इस्तीफा दे दिया था।

कौन हैं रेखा पात्रा?

बंगाल के बशीरहाट से बीजेपी ने रेखा पात्रा को टिकट दिया है। वह संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं में एक हैं। संदेशखाली की प्रदर्शनकारियों में रेखा पात्रा सबसे मुखर रही हैं। वो शेख शाहजहां और उनके गुर्गों की बर्बरता को झेलने वाली पीड़िताओं की आवाज बुलंद करने वाली जुझारू महिला हैं। उन्होंने ही सबसे पहले संदेशखाली की महिलाओं की आवाज को बुलंद की और लोगों के मन में इंसाफ की आस जगी। आज तीनों आरोपी शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार सलाखों के पीछे हैं।

किसी राजनीतिक चेहरे पर दांव नहीं लगाना बड़ा मास्टरस्ट्रोक

संदेशखाली इलाका बशीरहाट लोकसभा सीट के अंदर ही आता है, जहाँ हिंसा और उत्पीड़न की सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया गया। ऐसे में बीजेपी ने किसी राजनीतिक चेहरे के बजाय संदेशखाली विरोध प्रदर्शन में शामिल महिला को नामांकित करने का फैसला किया। जो बीजेपी के लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है।

बता दें कि छह मार्च को बारासात में पीएम नरेंद्र मोदी ने संदेशखाली की 5 महिलाओं से मुलाकात की थी। उन्हीं महिलाओं में एक रेखा पात्रा थीं। सुनने में आया है कि बीजेपी उस समय ही बशीरहाट से रेखा पात्रा को उम्मीदवार मानने लगी थी। बीजेपी ने किसी राजनीतिक चेहरे के बजाय संदेशखाली विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं को नामांकित करने का फैसला किया।

जेल से सरकार चला रहे केजरीवाल, तिहाड़ से जारी किया पहला ऑर्डर, जानें क्या कहता है कानून

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आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा है। केजरीवाल पर हुई कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार पर सेंट्रल एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लग रहा है। यह कोई नई बात नहीं है। विपक्ष को सत्ता पक्ष के हर काम खोट तो नजर आती ही है। हालांकि, गिरफ्तारी के बावजूद सीएम बने रहने की केजरीवाल की जिद समझ से परे हैं। जी हां, केजरीवाल जेल से ही सरकार चला रहे हैं।

सीएम केजरीवाल ने ईडी की कस्‍टडी से अपना पहला आदेश जारी किया है। अरविंद केजरीवाल ने ईडी की हिरासत में रहते हुए अपना पहला आदेश जारी किया है, जो जल मंत्रालय से जुड़ा हुआ है।आप नेता आतिशी ने बताया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पानी की कमी का सामना कर रहे इलाकों में पानी के पर्याप्त टैंकर मुहैया कराने का निर्देश दिया। साथ ही सीवर की समस्याओं का समाधान करने का भी निर्देश दिया है। मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्‍ली को अपना परिवार मानते हैं।

बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च की रात ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की रिमांड में भेज दिया है। अब अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा और जिसके बाद उनकी आगे की रिमांड पर फैसला होगा। ऐसे में अगर 28 मार्च को भी कोर्ट सीएम केजरीवाल की रिमांड को बढ़ा देता है तो आम आदमी पार्टी क्या करेगी ? हालांकि सीएम केजरीवाल के गिरफ्तारी के बाद से ही आप के कई नेता कह चुके हैं कि सीएम जेल से सरकार चलाएंगे। 

केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने की बात कही जा रहा है, ऐसे में सवाल है कि कानून इस मामले में क्या कहता है। इस मामले में कानून विशेषज्ञों ने बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप के पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत है जो उनके सीएम के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत बनाता है लेकिन जब वो जेल में बंद होंगे तो उन्हें जेल के नियमों का पालन करना होगा। कानून के जानकारों का मानना है कि गिरफ्तारी होने को दोष सिद्धि नहीं माना जा सकता है। इस स्थिति में किसी भी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी होने से तुरंत उनका पद नहीं जा सकता है। दूसरी ओर, एक्सपर्ट यह भी कह रहे हैं कि यह देखना होगा कि जेल से सरकार चलाना कितना प्रैक्टिकल होगा। साथ ही लोकतंत्र की परंपराओं के कितना अनुरूप होगा। इसके लिए जेल के नियमों से लेकर तमाम तरह के पहलुओं पर काफी कुछ डिपेंड करेगा। अगर मुख्यमंत्री जेल से सरकार चलाना चाहेंगे और जेल अथॉरिटी इसके लिए इजाजत देगी तो ऐसा संभव हो सकता है। इसके साथ ही करप्शन केस में गिरफ्तारी के बाद मुकदमा चलाने के लिए गवर्नर की मंजूरी लेनी होती है। ऐसे में जेल से सरकार चलाने प्रैक्टिकली कितना संभव होगा इसको लेकर दुविधा बरकरार है। ऐसे में काफी कुछ कोर्ट पर निर्भर करेगा।

उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान हादसा, मुख्य पुजारी समेत 13 झुलसे, बाल-बाल बचे सीएम के बेटे

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मध्य प्रदेश के महाकाल मंदिर में सोमवार की सुबह हो रही भस्म आरती के दौरान बड़ा हादसा हो गया। आरती के दौरान बड़ी संख्या में मंदिर में भक्त मौजूद थे। इसी समय गुलाल उड़ाते ही आग लग गई। इस आग में मुख्य पुजारी समेत 13 लोग झुलस गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।घायलों में मंदिर के पुजारी भी शामिल हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, भस्म आरती के दौरान जब मंदिर परिसर में रंग और गुलाल उड़ाया जा रहा था उसी दौरान आग भड़क गई। हादसे के दौरान मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे।

मंदिर में उस समय हजारों श्रद्धालु मौजूद थे। सभी महाकाल के साथ होली मना रहे थे। घायल सेवक ने बताया कि आरती कर रहे पुजारी संजीव पर पीछे से किसी ने गुलाल डाल दिया। गुलाल दीपक पर गिरा। संभवतः गुलाल में केमिकल होने की वजह से आग भड़क गई। रंग-गुलाल से गर्भगृह की चांदी की दीवार को बचाने के लिए वहां फ्लैक्स लगाए गए थे। इनमें भी आग फैल गई। कुछ लोगों ने अग्निशामकों की मदद से आग पर काबू पाया। लेकिन, तब तक गर्भगृह में मौजूद आरती कर रहे संजीव पुजारी, विकास, मनोज, सेवाधारी आनंद कमल जोशी समेत 13 लोग झुलस गए।

इस घटना के दौरान सीएम मोहन यादव के बेटे और बेटी भी मंदिर में मौजूद थे। दोनों भस्मारती दर्शन करने गए थे। दोनों सुरक्षित हैं। घायलों में 9 की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें इलाज के लिए इंदौर रेफर कर दिया गया है। वहीं, बाकी घायलों को उज्जैन जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। हादसे के थोड़ी देर बाद ही आग पर काबू पा लिया गया।

उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। कोई भी गंभीर नहीं है। सभी स्टेबल हैं। मामले की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। कमेटी तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट दी सौंपेगी।

लोकसभा चुनाव 2024: जारी हो गई भाजपा की पांचवीं सूची, कंगना रनौत को मंडी से दिया टिकट, देखें लिस्ट

डेस्क: लोकसभा चुनाव के लिए आज भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि अभिनेत्री कंगना रनौत को भी बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से टिकट दिया है। चंद्रपुर से बीजेपी उम्मीदवार सुधीर मुनगुंटीवार के सामने कांग्रेस ने पूर्व सांसद सुरेश धानोरकर की पत्नी प्रतिभा धानोरकर को अपना उम्मीदवार बनाया है। 

पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कटा यहां से जितिन प्रसाद को टिकट दिया गया है। बक्सर से अश्विनी चौबे का टिकट कटा, पश्चिम चंपारण से संजय जायसवाल को टिकट दिया गया है। पुरी से संबित पात्रा को टिकट मिला है। वायनाड से राहुल गांधी से मुकाबला करने के लिए सुरेंद्रन को टिकट दिया गया है।

 पूर्वी चंपारण से राधा मोहन सिंह को टिकट दिया गया है तो वहीं बेगूसराय से गिरिराज सिंह को टिकट दिया गया है। उजियारपुर से नित्यानंद को टिकट दिया गया है। रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरूण गोविल को मेरठ-हापड़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।

बड़ी खबर: शराब घोटाले के समय का केजरीवाल का फोन गायब, पूछताछ में बोले CM-पता नहीं कहां है?

डेस्क: शराब घोटाला मामले में ईडी लगातार दिल्ली के सीएम अरविद केजरीवाल से पूछताछ कर रही है। ईडी ने जब केजरीवाल से पूछा कि शराब घोटाले के समय जो मोबाइल फोन आप यूज करते थे वो कहां है तो इस सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि पता नहीं वो फोन कहां है, वो कहां गायब हो गया मुझे पता नहीं है। बता दें कि सीएम केजरीवाल का वही फोन गायब है जिस फोन से वह साउथ ग्रुप को कॉल किया करते थे। 

ईडी सूत्रों के मुताबिक जिस समय शराब नीति बन रही थी उस समय जो फोन अरविंद केजरीवाल इस्तेमाल कर रहे थे, वो केजरीवाल से मांगा गया,तो केजरीवाल ने वो फोन नहीं होने की बात ED अधिकारियो से कही।केजरीवाल ने ED से कहा- पता नहीं कहां गया फोन। आज भी करीब 4 घंटे तक ईडी का केजरीवाल से हुआ सवाल जवाब।

इससे पहले शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया और के कविता ने भी ईडी को यही बताया था कि आबकारी नीति बनने के समय इस्तेमाल किया गया फोन उनके पास नही है। ईडी का दावा था कि इ लोगों ने सबूत मिटाने के लिए मोबाइल फोन नष्ट किए हैं। वहीं आज ED ने जेल में समीर महेंद्रू का बयान भी दर्ज किया है। अब आने वाले मंगलवार को मनीष सिसोदिया के सचिव रहे सी अरविंद के सामने बैठाकर इन लोगों की हो सकती है पूछताछ।