गगनयान मिशन: मिलें भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों से
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भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो 2025 में लॉन्च होने वाले गगनयान मिशन के लॉन्च के साथ अपने अंतरिक्ष प्रयासों में एक और मील का पत्थर हासिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मिशन के प्रारंभिक अध्ययन के साथ, भारत के पहले मानव मिशन की तैयारी वर्षों से चल रही है। आज इस मिशन का एक अहम दिन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की, जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन-‘गगनयान’ के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। इससे पहले उन्होंने गगनयान मिशन की प्रगति की समीक्षा की और नामित अंतरिक्ष यात्रियों से मिलकर शुभकामनाएं दीं।
अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। प्रधानमंत्री मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचे, जहां उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया और भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन गगनयान की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान इसरो प्रमुख एस सोमनाथ, केरल के सीएम पी विजयन और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा, 'मुझे खुशी है कि आज मुझे इन अंतरिक्ष यात्रियों से मिलने और उन्हें देश के सामने पेश करने का मौका मिला। मैं पूरे देश की तरफ से उन्हें बधाई देना चाहता हूं...आप आज के भारत का गौरव हैं।'
कई चरणों के सिलेक्शन के बाद इन चार लोगों के नामए तय
अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए कई लोगों ने अप्लाई किया था। जिसमें 12 लोगों ने सितंबर 2019 में पहले लेवल को पार कर लिया था। इंडियन एयर फोर्स के अंदर आने वाले एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान में इन सभी का चयन हुआ। कई चरणों के सिलेक्शन के बाद इन चार लोगों के नाम इसरो और आईएएम ने तय किए गए। जिन्हें 2020 की शुरुआत में ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा गया था। कोरोना महामारी की वजह से इन चारों को ट्रेनिंग लेने में देरी हुई।
चारों पायलटों ने रूस में ली ट्रेनिंग
चारों पायलटों ने कोविड महामारी के दौरान रूस के ज्वयोज्दनी गोरोडोक शहर में अपनी एक साल की ट्रेनिंग कोर्स को पूरा किया। अब इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) की एक यूनिट में उन्हें गगनयान मिशन के बारे में डिटेल से बताया जा रहा है। इन सभी को बेंगलुरू में एस्ट्रोनोट ट्रेनिंग फैसिलिटी में भी ट्रेनिंग दी गई है। मंगलवार को ये सभी लोग इसरो की वीएसएससी फैसिलिटी में मौजूद रहेंगे, जहां इनके नाम का आधिकारीक ऐलान होगा।
गगनयान मिशन क्या है?
गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन को अगले साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य है, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन का उद्देश्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है। गगनयान मिशन सफल होता है, तो भारत उन देशों की एक खास सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है। वर्तमान में ऐसा मुकाम हासिल करने वाले देश केवल अमेरिका, रूस और चीन ही हैं।
Feb 27 2024, 15:01