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अगले 3 साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन जाएगा भारत, नजरअंदाज नहीं कर सकेगी दुनिया, विश्व स्तरीय रेटिंग एजेंसी जेफरीज का अनुमान

विश्व स्तरीय रेटिंग एजेंसी जेफरीज ने कहा कि भारत की GDP अगले चार वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है और 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। एक नोट में, निवेश बैंकिंग कंपनी ने कहा कि भारत 2030 तक लगभग 10 ट्रिलियन डॉलर का बाजार बन जाएगा और बड़े वैश्विक निवेशकों के लिए देश को नजरअंदाज करना "असंभव" होगा।

जेफ़रीज़ ने कहा कि, "एक दशक पहले नौवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से, भारत अब 3.4 ट्रिलियन डॉलर की नॉमिनल GDP के साथ 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। PPP के आधार पर, जीडीपी पहले से ही 13.2 ट्रिलियन डॉलर से कहीं अधिक है, जिससे यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसमें कहा गया है कि दिवालियापन कानून, GST कार्यान्वयन, रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम (RERA) और विमुद्रीकरण जैसे कई प्रमुख सुधारों के प्रभाव के बावजूद भी भारत की GDP बढ़ी है।

इसमें कहा गया है कि ये सुधार दीर्घावधि के लिए "अच्छे" थे लेकिन निकट अवधि में विकास पर "प्रतिकूल प्रभाव" पड़ा। जेफ़रीज़ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, "अगले पांच वर्षों में भारत की न केवल 6% की दर से वृद्धि होने का अनुमान है, बल्कि देश उस दुनिया में भी अग्रणी होगा जहां अधिकांश बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर में गिरावट देखने की उम्मीद है।''

जेफ़रीज़ ने कहा कि, "हमारा मानना है कि विशेष रूप से विकसित दुनिया के मुकाबले विकास दर में बढ़ोतरी से भारत को इस दशक के समाप्त होने से पहले दुनिया की जीडीपी रैंकिंग में तेजी से तीसरे स्थान पर पहुंचने में मदद मिलेगी।"

2030 तक भारत का मार्केट कैप 10 ट्रिलियन डॉलर 

जेफ़रीज़ ने कहा कि उसका मानना है कि भारतीय इक्विटी बाज़ार अगले पांच से सात वर्षों में 8% -10% डॉलर रिटर्न देना जारी रखेंगे। कंपनी ने कहा कि, "बचत को इक्विटी में स्थानांतरित करने और भारत में बड़े यूनिकॉर्न की संभावित लिस्टिंग से उत्पन्न होने वाला संरचनात्मक घरेलू प्रवाह 2030 तक मार्केट कैप को 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सकता है। कंपनी ने कहा कि, भारत अपने कुल बाजार मूल्य के मामले में पांचवां सबसे बड़ा देश है, लेकिन ब्लूमबर्ग वर्ल्ड इंडेक्स में, जो देशों को उनके आर्थिक प्रदर्शन के आधार पर रैंक करता है, भारत वर्तमान में आठवें स्थान पर है। इसका मतलब यह है कि सूचकांक का केवल 2% हिस्सा भारतीय निवेश से बना है। सरल शब्दों में, इससे पता चलता है कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत में अधिक पैसा लगाने की बहुत गुंजाइश है, खासकर यह देखते हुए कि यह विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जेफरीज ने कहा कि वैश्विक फंड में देश के वजन में बढ़ोतरी से भारतीय शेयरों को इक्विटी निवेशकों के अधिक विविध समूह के लिए जरूरी बनाया जा सकता है।

भारत की बढ़ेगी रक्षा ताकत, इंडियन नेवी के लिए बनाई जाएंगी 200 ब्रह्मोस मिसाइल ! 20 हज़ार करोड़ की डील को मिली मंजूरी

 सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने भारतीय नौसेना के लिए 200 ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बड़े सौदे को मंजूरी दे दी है। शीर्ष रक्षा सूत्रों ने एक भारतीय मीडिया एजेंसी को बताया कि 21 फरवरी, 2024 को एक बैठक में सौदे को मंजूरी दे दी गई। ब्रह्मोस एयरोस्पेस और रक्षा मंत्रालय (MOD) के बीच मार्च के पहले सप्ताह में अनुबंध पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।

इस सौदे से भारतीय नौसेना की मारक क्षमता बढ़ेगी और अन्य क्षमताएं बढ़ेंगी। ब्रह्मोस मिसाइल का उपयोग जहाज-रोधी और हमले के अभियानों के लिए किया जाता है और यह युद्धपोतों का मुख्य हथियार रहा है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस का एक संयुक्त उद्यम है, जिसे 1998 में DRDO और मशीनोस्ट्रोयेनिया एजेंसियों द्वारा बनाया गया था, और यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों और भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है।

प्रारंभ में, स्वामित्व दोनों देशों के बीच समान रूप से विभाजित किया गया था, लेकिन भारत ने धीरे-धीरे नई दिल्ली मुख्यालय वाली कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। वैश्विक स्तर पर सबसे अग्रणी और सबसे तेज़ सटीक निर्देशित हथियार के रूप में मान्यता प्राप्त, ब्रह्मोस ने भारत की निवारक क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय सेना ने भी 2007 से अपने शस्त्रागार में कई ब्रह्मोस सिस्टम को एकीकृत किया है। कहा जाता है कि हथियार प्लेटफॉर्म को फिलीपींस में निर्यात किया जाएगा जो इसका पहला वैश्विक ग्राहक होगा।

एक प्रमुख भारतीय मीडिया एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में, डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम का पहला सेट मार्च 2024 के अंत तक फिलीपींस पहुंचने की उम्मीद है। 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का यह डीआरडीओ का किसी विदेशी राष्ट्र के साथ अब तक का सबसे बड़ा रक्षा अनुबंध होगा। रक्षा मंत्रालय द्वारा भारतीय नौसेना के लिए नौ समुद्री निगरानी विमान और भारतीय तट रक्षक (ICG) के लिए छह समुद्री गश्ती विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद ब्रह्मोस मिसाइल अधिग्रहण के लिए कैबिनेट समिति की मंजूरी मिली है। प्रस्तावित अधिग्रहण में पंद्रह समुद्री गश्ती विमानों का निर्माण शामिल है जो सी-295 परिवहन विमान पर आधारित होंगे जिनका निर्माण भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और एयरबस के संयुक्त उद्यम में किया जा रहा है।

इन परियोजनाओं का अनुमानित मूल्य 29,000 करोड़ रुपये है। एक भारतीय मीडिया एजेंसी ने बताया कि परिवहन विमान आवश्यक रडार और सेंसर से लैस होगा और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन सेंटर ऑफ एयरबोर्न सिस्टम्स (CABS) द्वारा एक समुद्री गश्ती विमान में बदल दिया जाएगा।

'मैं आतंकवादी हूं…', अचानक बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर चिल्लाने लगा लड़का, मची अफरातफरी, पढ़िए, पूरी नाटकीय घटनाक्रम

बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक अनोखी घटना घटी है। यहां से लखनऊ की फ्लाईट में बैठे एक शख्स ने अचानक से यह बोलकर दहशत फैला दिया कि वह आतंकवादी है। आनन फानन में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई। युवक को गिरफ्तार किया गया। गहन पूछताछ में पता चला कि वह शख्स कोई आतंकवादी नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग का छात्र है तथा फ्लाईट से उतरने के लिए नाटक किया था। आगे की पूछताछ में और भी चौंकाने वाले खुलासे हुए।

उन्होंने कहा कि वह पढ़ाई में कमजोर था तथा उसे डर था कि घर जाने पर उसके पापा डांटेंगे। एयरपोर्ट पुलिस के अनुसार, अपराधी शख्स की पहचान आदर्श कुमार सिंह निवासी लखनऊ के तौर पर हुई है। वह यहां एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक फर्स्ट ईयर का छात्र है। अपने पिता के आदेश पर वह बेंगुलुरू से घर जाने के लिए उसने एयर एशिया की फ्लाईट से लखनऊ के लिए टिकट बुक किया था। नियत वक़्त पर वह हवाईअड्डे भी पहुंचा, मगर टेक-ऑफ से कुछ मिनट पहले उसने चिल्लाकर बोला कि वह आतंकवादी है तथा यह फ्लाईट अभी उड़ान नहीं भरेगी।

वही यह सुनते ही क्रू मेंबर के होश फाख्ता हो गए। आनन फानन में सुरक्षा एजेंसियों को सूचित किया गया। सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल प्लेन को घेर लिया तथा अपराधी शख्स को गिरफ्त में लिया गया। तत्पश्चात, जब अपराधी युवक से पूछताछ हुई तो उसने कहा कि वह फ्लाईट से उतरना चाहता था। इसके लिए कोई रास्ता ना देखकर उसने स्वयं आतंकवादी होने की बात बोल दी। घटना 17 फरवरी की रात की है, उस वक़्त पुलिस ने अपराधी को संबंधित धाराओं में गिरफ्तार कर लिया तथा तहकीकात पूरी होने के बाद मंगलवार को उसे जमानत पर रिहा भी कर दिया गया।

उसने पुलिस की पूछताछ में बताया कि पढ़ाई में वह कमजोर है। उसकी इच्छा नहीं होने के बाद भी उसके पिता ने यहां इंजीनियरिंग कॉलेज में उसका दाखिला करा दिया। अब पहले वर्ष का परिणाम खराब आया तो उसके पिता ने घर बुलाया है। उसने टिकट बुककर प्लेन में बैठ भी गया, मगर उसे लगा कि घर पहुंचने पर पिता की डांट खानी होगी। इसलिए उसने फ्लाईट से उतरने का निर्णय लिया। पुलिस ने अपराधी शख्स की काउंसलिंग कराने के साथ उसके घरवालों को भी सूचित किया है।

एलन मस्क का दावा- भारत सरकार ने कई अकाउंट-पोस्ट हटाने के दिए आदेश, एक्स ने कहा- यह अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ

#elon_musks_x_claims_centre_orders_to_withhold_accounts_and_says_we_disagree

केंद्र सरकार ने एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स से कुछ अकाउंट और पोस्ट को हटाने के लिए कहा है। एक्स ने यह दावा अपने ग्लोबल गवर्नेंस अफेयर्स अकाउंट के जरिए किया है। एक्स ने सरकार के इस आदेश को स्वीकार कर लिया है, लेकिन साथ में असहमति भी प्रकट की है।प्लेटफार्म ने कहा कि हम इससे सहमत नहीं हैं। यह अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है। ये पोस्ट और अकाउंट सिर्फ भारत में नहीं दिखेंगे।

एक्स के ग्लोबल गवर्नेंस अफेयर्स ने पोस्ट में कहा गया है कि “भारत सरकार ने कार्यकारी आदेश जारी किए हैं, जिसमें कुछ एक्स अकाउंट खातों और पोस्टों पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। इन अकाउंट पर जुर्माना और जेल की सजा भी जैसी कार्रवाई करने की बात कही गई है। आदेशों के अनुपालन में, हम इन खातों और पोस्टों को केवल भारत में ही रोक देंगे।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता यानी फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का हवाला देते हुए एलन मस्क की कंपनी ने लिखा है कि हम इन कार्रवाइयों से असहमत हैं और मानते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इन पदों तक विस्तारित होनी चाहिए। हमने अपनी नीतियों के अनुसार प्रभावित उपयोगकर्ताओं को इन कार्रवाइयों की सूचना भी प्रदान की है। कानूनी प्रतिबंधों के कारण, हम कार्यकारी आदेशों को प्रकाशित करने में असमर्थ हैं, लेकिन हमारा मानना है कि पारदर्शिता के लिए उन्हें सार्वजनिक करना आवश्यक है।

बता दें कि भारत सरकार विवादित अकाउंट या फिर जिन सोशल मीडिया अकाउंट से सामाजिक सौहार्द के बिगड़ने का डर होता है, उन्हें ब्लॉक करने के आदेश देती है। 2021 में इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जिसे तब ट्विटर कहा जाता था) ने केंद्र के दिशानिर्देशों पर आपत्ति जताई थी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे पर चिंता व्यक्त की थी। तब भारत सरकार ने इस सोशल मीडिया मंच से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए शर्तें तय करने के बजाय देश के कानूनों का पालन करने के लिए कहा था। दरअसल, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में भारत सरकार की ओर से उस समय भी ट्विटर को आदेश दिए गए थे।

'गरीबों और किसानों के साथ अन्याय हो रहा है, इसीलिए राहुल गांधी...', कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बोला भाजपा पर हमला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' मार्च में मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी। इस बीच पार्टी हाईकमान ने न्याय यात्रा की जिम्मेदारी राज्य के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को सौंप दी है। ऐसे में तैयारियों का निरीक्षण करने मुरैना पहुंचे दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला है। राहुल गांधी की न्याय यात्रा राजस्थान के धौलपुर से 2 मार्च को मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी।

दरअसल, कमलनाथ के समर्थकों की बेरुखी का प्रभाव न्याय यात्रा पर न पड़े, इसके लिए दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है। इस बीच मुरैना में दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि 'गरीबों एवं किसानों के साथ अन्याय हो रहा है, इसीलिए राहुल गांधी महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के खिलाफ 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का नेतृत्व कर रहे हैं। हम मुद्दों पर राजनीति करते हैं। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं, इसलिए कांग्रेस लोगों को धर्म के आधार पर बांटती नहीं है।'

बता दें न्याय यात्रा को कामयाब बनाने के लिए दिग्विजय सिंह निरंतर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के अध्यक्ष बनने के पश्चात् पार्टी संगठन का यह पहला बड़ा समारोह होने जा रहा है। इसलिए उनकी भी सक्रियता अधिक देखी जा रही है। जीतू पटवारी यात्रा मार्ग में आने वाले जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर रहे हैं। यात्रा दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाले एवं गृह क्षेत्र राघौगढ़ से गुजरेगी। राघौगढ़ से दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह MLA हैं।

केंद्र सरकार पूरे देश के किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध..', गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने पर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार (22 फ़रवरी) को कहा कि वह केंद्र द्वारा गन्ना उत्पादकों को मिलों द्वारा भुगतान की जाने वाली न्यूनतम कीमत में बढ़ोतरी के फैसले के बाद किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि, "हमारी सरकार देशभर के किसान भाइयों-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में गन्ना खरीद मूल्य में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को फायदा होगा।" 

बता दें कि बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने चीनी सीजन 2024-25 के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) को 10.25% की चीनी रिकवरी दर पर 340/क्विंटल पर मंजूरी दे दी। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, "इस मंजूरी के साथ, चीनी मिलें 10.25% की रिकवरी पर गन्ने का FRP 340 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान करेंगी। वसूली में प्रत्येक 0.1% की वृद्धि के साथ, किसानों को 3.32 रुपये की अतिरिक्त कीमत मिलेगी, जबकि वसूली में 0.1% की कमी पर समान राशि की कटौती की जाएगी। हालांकि, 315.10 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का न्यूनतम मूल्य है, जो 9.5% की रिकवरी पर है। भले ही चीनी रिकवरी कम हो, किसानों को 315.10 रुपये प्रति क्विंटल पर एफआरपी का आश्वासन दिया जाता है।"

सरकारी बयान में आगे कहा गया है कि, "पिछले 10 वर्षों में, मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को सही समय पर उनकी फसल का सही मूल्य मिले। पिछले चीनी सीज़न 2022-23 का 99.5% गन्ना बकाया और अन्य सभी चीनी सीज़न का 99.9% बकाया पहले ही किसानों को भुगतान कर दिया गया है, जिससे यह सबसे कम है। चीनी क्षेत्र के इतिहास में गन्ना बकाया लंबित है। सरकार द्वारा समय पर नीतिगत हस्तक्षेप के साथ, चीनी मिलें आत्मनिर्भर हो गई हैं और एसएस 2021-22 के बाद से सरकार द्वारा उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जा रही है। फिर भी, केंद्र सरकार ने किसानों को गन्ने की 'सुनिश्चित एफआरपी और सुनिश्चित खरीद' सुनिश्चित की है।'

140 डिग्री तक मुड़ी हुई थी शख्स की रीढ़ की हड्डी, हाथ पैरों ने बंद कर दिया काम करना और...पढ़िए, मेडिकल साइंस की यह हैरान करने वाली घटना

 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उपचार के लिए पहुंची 22 वर्षीय महिला की रीढ़ की हड्डी अंग्रेजी के अक्षर 'C' की भांति मुड़ी हुई थी। इसके चलते महिला के हाथ पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। किन्तु एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सूझबूझ से जांचों के बाद मरीज का सफल ऑपरेशन किया गया तथा अब उसे डिस्चार्ज करने की तैयारी है।  

राजगढ़ जिले की रहने वाली 22 वर्षीय महिला की सबसे लंबे इंट्रामेडुलरी स्पाइनल ट्यूमर की सर्जरी एम्स भोपाल के न्यूरोसर्जरी विभाग में की गई। महिला अपने चारों अंगों में कमजोरी के साथ न्यूरोसर्जरी ओपीडी में आई थी तथा उसे पूरी जांच के लिए एडमिट कर लिया गया। रेडियोलॉजी विभाग में पूरी रीढ़ की हड्डी का एम.आर.आई किया गया। टेस्ट में एक इंट्रामेडुलरी ट्यूमर दिखा जो सर्विकोमेडुलरी जंक्शन से डी11 वर्टिब्रा तक फैला हुआ था। यह ज्यादा चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मरीज को स्कोलियोसिस था। 

प्रोफेसर अमित अग्रवाल एवं विभाग के सभी एक्सपर्ट्स के साथ एक आयोजित की गई तथा यह फैसला लिया गया कि इसे जल्द से जल्द संचालित किया जाए क्योंकि देरी करने पर मरीज की जिंदगी को खतरा हो सकता है। मरीज की सर्वाइकल से डी12 वर्टिब्रा तक लैमिनोटॉमी की गई। ट्यूमर को पूर्ण रूप से काट दिया गया तथा 15 घंटे तक चले ऑपरेशन में मामला समाप्त हो गया। यह ट्यूमर लगभग 40 सेंटीमीटर तक लंबा था। ट्यूमर हटाने के पश्चात् स्पाइन लैमिनोटॉमी को मिनी प्लेट एवं स्क्रू से ठीक किया गया। इस प्रक्रिया को अंजाम देने में एनेस्थीसिया टीम ने अहम भूमिका निभाई। ऑपरेशन के पश्चात् मरीज का प्रबंधन डॉ। सौरभ सहगल के नेतृत्व में क्रिटिकल केयर यूनिट द्वारा किया गया। मरीज को अब डिस्चार्ज करने की योजना है। ऐसे मामले सिर्फ एम्स भोपाल जैसे खास केंद्रों में ही किए जाते हैं। चूंकि मरीज आयुष्मान की लाभार्थी थी, इसलिए उसे ऑपरेशन के लिए भुगतान नहीं करना पड़ा।

सपा के बाद कांग्रेस की ‘आप’ से भी डील लगभग डन, 4-3 के फॉर्मूले पर बनी बात!

#aapcongressagreetocontestelectionstogether 

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन के बाद अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी गठबंधन होता दिख रहा है।सूत्रों के मुताबिक, दोनों पार्टियों में गठबंधन पर बातचीत अंतिम दौरे में है। आप-कांग्रेस में सीटों सहमति बन गई है। केजरीवाल की पार्टी 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। खास बात ये है कि ये गठबंधन सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं होगा, बल्कि अन्य राज्यों में भी दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक सीट देने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा पूर्वी दिल्ली और नॉर्थ ईस्ट सीट कांग्रेस को देने का प्रस्ताव भी दिया है। आप की तीन सीटों की पेशकश पर दोनों दल सहमत हो गए हैं। ऐसे में कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली सीट से चुनाव लड़ सकती है। इसका औपचारिक एलान होना बाकी है। जो आज हो सकता है।

इन राज्यों में बन सकती है बात

दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच सीटों पर सहमति बन गई है, उधर गुजरात में भी दोनों के बीच गठबंधन हो सकता है। कांग्रेस ने गुजरात में भरूच समेत 2 से 3 तीन सीटें आप को देने का मन बनाया है। वहीं, हरियाणा और असम में कांग्रेस का आप को एक सीट देने का प्रस्ताव है। गोवा में आप साउथ गोवा सीट चाहती है, लेकिन वहां से कांग्रेस का सीटिंग एमपी है। ऐसे में उसने ये सीट देने से मना कर दिया है।

यूपी में सपा-कांग्रेस में बनी बात

बता दें कि एक दिन पहले ही यूपी में इंडिया गठबंधन के घटक दल सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन तय हो गया। कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। बताया जा रहा है कि गठबंधन में अहम भूमिका प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव की रही। दोनों नेताओं के बीच फोन पर विस्तार से चर्चा हुई जिसके बाद गठबंधन को अंतिम रूप देने पर फैसला हुआ। कांग्रेस रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया सीटों से चुनाव लड़ेगी।

दिल्ली के सीएम केजरीवाल को ईडी का सातवां समन, शराब घोटाले में पूछताछ के लिए “बुलावा”

#ed_issue_seventh_summons_to_aap_cm_arvind_kejriwal 

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमं6 अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर “बुलावा” भेजा है। ईडी ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सातवां समन भेजा है।जांच एजेंसी ने केजरीवाल को सोमवार यानी 26 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले 19 फरवरी को ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन वह पेश नहीं हुए। आम आदमी पार्टी और केजरीवाल लगातार ईडी के समन की अनदेखी कर रहे हैं और उनसे गैर कानूनी बता रहे हैं।

छह समन के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं केजरीवाल

दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं और इसी मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। इससे पहले बीती 14 फरवरी को भी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन केजरीवाल छठे समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इससे पहले बीती साल 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल 3 जनवरी, 18 जनवरी और 2 फरवरी को भी ईडी केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी कर चुकी थी।

बार-बार समन की कर रहे अनदेखी

दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बार-बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला रही है, लेकिन वह पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश नहीं हो रहे हैं। छठवें समन पर भी सीएम अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। सीएम केजरीवाल ने कहा था कि ईडी के समन ग़ैरक़ानूनी है और ईडी के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट में है। केजरीवाल ने कहा कि ईडी इसे लेकर ख़ुद कोर्ट गई है और अब उन्हें बार बार समन भेजने की बजाय कोर्ट के फ़ैसले का इंतज़ार करना चाहिए।

क्या है पूरा मामले?

आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।सीबीआई के बाद ईडी ने 22 अगस्त, 2022 को आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर जांच शुरू की।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर सीबीआई की रेड, जानें क्या है मामला?

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दिल्ली में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पर सीबीआई ने रेड की है। दिल्ली में 30 जगह पर छापेमारी की जा रही है। सीबीआई ने हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट मामले में दबिश दी है। इससे पहले बीमा घोटाले में सीबीआई की मलिक के खिलाफ़ कार्रवाई हो चुकी है। इससे पहले भी सीबीआई जम्मू-कश्मीर में सत्यपाल मलिक और उनके करीबियों के ठिकानों पर रेड कर चुकी है।

मलिक और उनके करीबियों के यहां रेड

सीबीआई की ये ताबड़तोड़ रेड जम्मू-कश्मीर के कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर हुए करप्शन के संबंध में हुई है। 2019 में किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार का ये मामला है। सीबीआई पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस भ्रष्टाचार में कौन-कौन शामिल है। सीबीआई की टीम इसी मामले को लेकर सत्यपाल मलिक और उनके करीबियों के यहां रेड डाल रही है।सीबीआई की टीम ने हाइड्रो पावर के अधिकारियों के यहां भी छापेमारी की है. यूपी, बिहार, राजस्थान, मुंबई, हरियाणा में भी सीबीआई की रेड चल रही है।बताया जा रहा है कि मलिक के दिल्ली के सोमविहार वाले फ्लैट से लेकर उनके गांव तक में छापे पड़ रहे हैं। 

मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं-मलिक

सत्यपाल मलिक के यहां ये छापे तब पड़ रहे हैं जब वे अस्पताल में भर्ती हैं।इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, पिछले 3-4 दिनों से मैं बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं। जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहे हैं। मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है। मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं।मैं किसानों के साथ हूं।

कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट का क्या है मामला?

बता दें कि सत्यपाल मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के गवर्नर रहे थे। इसी कार्यकाल के दौरान कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर उनके ऊपर आरोप लगे थे। कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट में धांधली का आरोप है।इस मामले में सीबीआई ने 29 जनवरी को भी दिल्ली और जम्मू कश्मीर में आठ ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 21 लाख रुपये कैश और डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त किए गए थे।

मलिक ने किया था सनसनीखेज दावा

बता दें कि जिस मामले में मलिक के यहां सीबीआई छापेमारी कर रही है, उस मामले को मलिक ने खुद उजागर किया था। मलिक ने दावा किया था कि 2018-19 में जब वो जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, इस दौरान उनसे दो फाइल को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। इन दो फाइलों में एक फाइल अंबानी की थी और दूसरी फाइल आएसएस से जुड़े एक शख्स की थी। ये शख्स महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पूर्व पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री थे। उस मंत्री ने पीएम के करीबी होने का दावा किया था।