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पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की रहस्यमय मौत, धोखाधड़ी और विद्रोह के आरोपों में काट रहे थे साल की सजा

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जेल में बंद रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत हो गई है। एलेक्सी नवलनी की जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है। वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कट्टर आलोचक थे। पुतिन के सबसे प्रमुख और कट्टर आलोचकों में से एक 47 वर्षीय नवलनी को आर्कटिक सर्कल के उत्तर में लगभग 40 मील दूर एक जेल में रखा गया था। उनकी मौत राजनीतिक हत्या के रूप में देखा जा रहा है।

यमालो-नेनेट्स इलाके की जेल सेवा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। इस जेल में एलेक्सी नवलनी अपनी सजा काट रहे थे। अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में यमालो-नेनेट्स स्वायत्त जिले की संघीय प्रायद्वीपीय सेवा ने कहा कि नवलनी ने शुक्रवार को टहलने के बाद “अस्वस्थ महसूस किया” और “लगभग तुरंत होश खो बैठे।” रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कहते हुए कि मेडिकल स्टाफ को बुलाया गया था, लेकिन वे नवलनी को होश में नहीं ला पा रहे हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा कि एलेक्सी नवलनी की मौत के कारण का अभी पता लगाया जा रहा है।

इस बीच, क्रेमलिन ने दावा किया है कि उसे नवलनी की मौत के कारण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। रूस की सरकार ने कहा कि जेल सेवा उसकी मौत के संबंध में सभी जांच कर रही थी. रूस की जांच समिति ने मौत की प्रक्रियात्मक जांच शुरू कर दी है।

रूस के सबसे प्रमुख विपक्षी नेता और पुतिन के मुखर आलोचक एलेक्सी नवलनी को चरमपंथ के आरोप में पिछले साल अगस्त में एक रूसी अदालत ने 19 साल और जेल की सजा सुनाई थी। पिछले साल नवलनी की सजा को 19 साल तक बढ़ा दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, मैं नहीं आप डरे हुए हैं और विरोध करने की इच्छाशक्ति खो रहे हैं। विरोध करने की इच्छाशक्ति मत खोइए। एक विशेष शासन कॉलोनी में 19 साल। इस आंकड़े का कोई मतलब नहीं है। मैं पूरी तरह से समझता हूं कि कई राजनीतिक कैदियों की तरह मेरी सजा आजीवन है। नवलनी को पैरोल उल्लंघन, धोखाधड़ी और अदालत की अवमानना से संबंधित कई मामलों में आरोपी पाया गया था।

आरबीआई ने पेटीएम को दी बड़ी राहत, डिपॉजिट, क्रेडिट ट्रांजैक्‍शन की डेडलाइन 15 मार्च तक बढ़ाई

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पेटीएम पेमेंट बैंक से जुड़े ग्राहकों के लिए बड़ी खबर है।पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लिए राहत भरी खबर आई है। आरबीआई ने डिपॉजिट और क्रेडिट लेनदेन के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक की समयसीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी है।पहले आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी के बाद नए डिपॉजिट्स लेने और क्रेडिट ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने का आदेश दिया था। अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च, 2024 तक का समय दिया गया है।

आरबीआई की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 15 मार्च, 2024 (29 फरवरी, 2024 की पूर्व निर्धारित समयसीमा से विस्तारित) के बाद किसी भी कस्टमर अकाउंट्स, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, वॉलेट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में कोई और डिपॉजिट या क्रेडिट ट्रांजैक्शन या टॉप अप की अनुमति नहीं दी जाएगी। केंद्रीय बैंक के मुताबिक, पेटीएम के ग्राहक सेविंग्स बैंक अकाउंट्स, करंट अकाउंट्स, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि सहित अपने अकाउंट्स से शेष राशि की निकासी या उपयोग बिना किसी रेस्ट्रिक्शन के कर सकेंगे।

आरबीआई ने यह फैसला बैंक के ग्राहकों के हित में लिया गया है। केंद्रीय बैंक को लगता है कि उन्‍हें वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अधिक समय की जरूरत पड़ सकती है। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक ग्राहकों को चीजें स्पष्ट करने के लिए एफएक्‍यू (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) भी जारी किया है। आरबीआई के इस फैसले का मतलब यह है क‍ि ग्राहकों के पास अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक का व‍िकल्‍प तलाशने के ल‍िए थोड़ा और समय होगा।

केंद्रीय बैंक ने 31 जनवरी को निर्देश दिया था कि वह 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उपकरणों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद कर दे। आरबीआई ने कहा था कि एक व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की सत्यापन रिपोर्ट में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड की ओर से दिशा-निर्देशों को नहीं मानने के संकेत मिले हैं। उसके बाद केंद्रीय बैंक की ओर से मामले की जांच की जा रही है।

रविचंद्रन अश्विन ने रचा इतिहास, पूरे किए 500 विकेट, बने इस मुकाम तक पहुंचने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज

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अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेटों का मकाम हासिल कर लिया है। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में ये कमाल करने से चूकने वाले अश्विन ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में ये उपलब्धि हासिल करते हुए इतिहास रच दिया। अश्विन ने इंग्लैंड के ओपनर जैक क्रॉली को अपने करियर का 500वां शिकार बनाया और इस तरह यहां तक पहुंचने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए।

भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला दिग्गज स्पिनर आर अश्विन के लिए यादगार बन गया। इस मुकाबले में वह एक बड़ा कीर्तिमान बनाने से महज एक विकेट की दूरी पर खड़े थे। इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में ओपनर जैक क्राउले का विकेट लेने के साथ ही उन्होंने एक ऐसा रिकॉर्ड बना डाला जो सपने जैसा लगता है। टेस्ट क्रिकेट में इस गेंदबाज ने भारत की तरफ से सबसे तेज 500 टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया।

पूरी दुनिया में सिर्फ दूसरे ऐसे गेंदबाज

अश्विन से पहले आठ गेंदबाज टेस्ट में 500 विकेट का आंकड़ा पार कर चुके हैं। इसके साथ ही दिग्गज स्पिनर ने कुछ खास रिकॉर्ड अपने नाम भी कर लिए। अश्विन सबसे तेजी से 500 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज हैं। वहीं पूरी दुनिया में सिर्फ दूसरे ऐसे गेंदबाज हैं। इस मामले में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन शीर्ष पर हैं। उन्होंने 133 टेस्ट मैचों में 800 विकेट लिए हैं। भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज कुंबले हैं। उनके नाम 132 टेस्ट में 619 विकेट हैं।

कुंबले से इस मामले में आगे निकले अश्विन

अश्विन सबसे कम टेस्ट मैचों में 500 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए। इस मामले में उन्होंने अनिल कुंबले, ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न और ग्लेन मैक्ग्रा को पीछे छोड़ दिया। अश्विन ने 98वें टेस्ट में 500वां विकेट लिया। कुंबले ने 105, वॉर्न ने 108 और मैक्ग्रा ने 110 टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की थी। इस मामले में शीर्ष पर मुरलीधरन हैं। उन्होंने 87 टेस्ट मैचों में ही 500 विकेट ले लिए थे।

संदेशखाली को लेकर बंगाल में बवाल, जहां महिलाएं लगा रहीं यौन सोषण का आरोप, जानें क्या है पूरा मामला?

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पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इलाका इस समय जल रहा है। इसकी वजह है महिलाओं का आंदोलन। महिलाओं के विरोध ने बंगाल सरकार की नींद उड़ा दी है। आरोप एक टीएमसी नेता पर लगा है, महिलाओं के यौन उत्पीड़न से उसका कनेक्शन है।दरअसल, टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उसके समर्थकों पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं।बीते दिनों महिलाओं ने टीएमसी नेता के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था और इसके बाद सड़क से विधानसभा तक संदेशखाली का मामला गूंजा। भारतीय जनता पार्टी भी ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर है। बीजेपी ने भी मुद्दे को भुनाते हुए जांच के लिए अपने स्तर पर कमेटी बना दी है। वहीं अब मामला कोलकाता हाईकोर्ट पहुंच गया है।अब सवाल ये उठता है कि ये सारा विवाद है क्या, आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतनी सारी महिलाएं सड़क पर उतर आईं? 

कहां से शुरू हुआ मामला?

दरअसल, 5 जनवरी 2024 को ED की टीम कथित राशन घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के घर पर रेड करने के लिए संदेशखाली पहुंची थी। इस दौरान ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ जवानों पर भीड़ ने हमला कर दिया। इसमें तीन अधिकारी घायल हुए थे। इसके बाद से ही शाहजहां फरार चल रहा है और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ है। इसके बाद टीएमसी नेता के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर होने लगे। लोगों ने खुलकर शाहजहां का विरोध और उसकी गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी। इस विरोध में महिलाएं भी शामिल हुईं। इस घटना के एक महीने बाद 9 फरवरी को संदेशखाली में आक्रोशित ग्रामीणों ने टीएमसी नेता शिवप्रसाद हाजरा के पोल्ट्री फार्म में आग लगा दी।

कथित भूमि राशन आवंटन घोटाले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग करते हुए स्थानीय लोगों, विशेष रूप से महिलाओं ने हाथों में चप्पलें लेकर संदेशखाली के विभिन्न हिस्सों में मार्च किया।संदेशखाली में शुरू हुए बवाल ने धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाएं लाठी-डंडों और बांस के साथ सड़कों पर उतर आईं। महिलाओं की मांग थी कि तृणमूल के स्थानीय नेता शेख शाहजहां, ब्लॉक अध्यक्ष शिवप्रसाद हाजरा और उनके साथी उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जाए।हालाँकि पुलिस का कहना है कि उसे ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। हालाँकि महिलाओं ने मीडिया के सामने इन नेताओं पर ये आरोप लगाए

समाचार एजेंसी एएनआई की 14 फरवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, "वो रात के 12 बजे हम दोनों पुरुषों और महिलाओं से जबरदस्ती काम कराते थे। वो हमें हमारे घरों से उठा लेते थे और हमसे जबरदस्ती काम कराते थे, भले ही किसी की तबीयत ही क्यों न खराब हो।आरोप है कि शाहजहां ने पार्टी के नाम पर गांव वालों पर लम्बे समय तक जो अत्याचार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि शाहजहां शेख और उनके लोग महिलाओं को इस हद तक शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उन्होंने कहा, वे महिलाओं को भी मारते थे। वो उनके हाथ-पैर तोड़ देते थे। कई लोगों को 3-4 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है

इंडियन एक्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य महिला ने कहा, "वे हमें मीटिंग के लिए बुलाते थे - कभी स्वयं सहायता समूह की और कभी पार्टी की। हमारे पतियों को नहीं बुलाया जाता था। जब हम वहां गए, तो एक त्वरित 'पार्टी मीटिंग' हुई जिसमें कहा गया कि हमें पार्टी की जीत के लिए काम करना होगा. इनमें से कुछ ने खाना बनाती थीं और मेरे समेत कुछ महिलाओं को वहीं रुकने के लिए कहा गया। वे मेरी साड़ी खींचते थे और मुझे गलत तरीके से छूते थे। मैं चुप रही क्योंकि मुझे पता था कि अगर मैं विरोध करती तो क्या होता।

घटना के दो दिन बाद 9 फरवरी की रात से संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई। इसके बाद से कई दिनों तक संदेशखाली ब्लॉक-2 के 8 ग्राम पंचायत इलाकों में दुकान-बाजार बंद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी ठप कर दी गई। संदेशखाली थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। इलाकों में पुलिस लगातार गश्ती लगा रही है। संदेशखाली जाने वाले सभी मार्गों (जल व सड़क) पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। हालांकि हाईकोर्ट ने संदेशखाली में धारा 144 को खारिज करने का आदेश दिया है। स्थिति अब भी तनावपूर्ण है।

बैंक खाते सीज होने पर भड़के राहुल गांधी ने कहा-तानाशाही के आगे न झुके हैं, न झुकेंगे, खड़गे बोले- देश में बहु-दलीय व्यवस्था खतरे में

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कांग्रेस ने केंद्रीय जांच एजेंसी पर बड़ा आरोप लगाते हुए दावा किया कि आयकर विभाग ने 'मामूली आधार' पर पार्टी के 4 मुख्य बैंक खाते फ्रीज कर दिए, जिससे सबसे पुरानी पार्टी के पास बिल या वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। हालांकि, पार्टी ने इस कदम को तुरंत चुनौती दी, और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने अगले सप्ताह अंतिम सुनवाई तक खातों को डी-फ्रीज कर दिया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आईटी ट्रिब्यूनल से राहत मिलने के बाद मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए कहा, "डरो मत नरेन्द्र मोदी जी, कांग्रेस धन की ताकत का नहीं, जन की ताकत का नाम है। तानाशाही के आगे न झुके हैं और न झुकेंगे। भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर कांग्रेस कार्यकर्ता जी जान से लड़ेगा।

देश में बहु-दलीय व्यवस्था खतरे में-खड़गे

कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते सीज होने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि देश में बहु-दलीय व्यवस्था खतरे में है और देश में बहु-दलीय व्यवस्था को बचाने के लिए न्यायपालिका को दखल देना चाहिए। खरगे ने बैंक खाते सीज होने के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने का भी एलान किया।मल्लिकार्जन खरगे ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'सत्ता के नशे में चूर मोदी सरकार ने देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल कांग्रेस, के खातों को लोकसभा चुनाव से तुरंत पहले सीज कर दिया है।' खरगे ने लिखा कि 'ये लोकतंत्र पर बड़ा हमला है। भाजपा ने असंवैधानिक पैसा इकट्ठा किया है और भाजपा चुनाव में उसका इस्तेमाल करेगी, लेकिन जो पैसा हमने लोगों से चंदा लेकर इकट्ठा किया, उसे सीज कर दिया गया है!'

खरगे ने कहा कि 'कांग्रेस सरकार के इस अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा यही वजह है कि मैंने कहा है कि देश में भविष्य में कोई चुनाव नहीं होंगे। हम न्यायपालिका से अपील करते हैं कि देश में बहु-दलीय व्यवस्था और लोकतंत्र को बचाया जाए।'

बीजेपी के खिलाफ यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन

वहीं, पूरे मामले को लेकर भारतीय युवा कांग्रेस ने दिल्ली में आईवाईसी कार्यालय के बाहर कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज करने और चुनावी बांड को लेकर बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी और अन्य नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।

*कांग्रेस को इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल से मिली राहत, पार्टी के बैंक अकाउंट हुए अनफ्रीज*

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लोकसभा चुनाव से पहले फंसी कांग्रेस को राहत मिल गई है। कांग्रेस पार्टी के बैंक अकाउंट अब अनफ्रीज हो गए हैं। कांग्रेस को आयकर विभाग की तरफ से खातों पर लगाए प्रतिबंधों के मामले में ट्रिब्यूनल की तरफ से बड़ी राहत मिली है। पार्टी के नेता विवेक तन्खा ने बताया है कि इनकम टैक्स अपालेट ट्रिब्यूनल ने कांग्रेस को अंतरिम राहत देते हुए उसे खातों को चलाने की छूट दी है।इससे पहेल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। अजय माकन ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं।

कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन के आरोपों के कुछ देर बाद उनकी ही पार्टी के सांसद विवेक तन्खा ने एक्स पर पोस्ट कर बताया, कांग्रेस अपने खातों को संचालित कर सकती है !! आईटीएटी दिल्ली द्वारा निर्देश, अगली सुनवाई बुधवार को। विवेक तन्खा से पहले माकन ने अपने आरोपों में कहा था किकल शाम यूथ कांग्रेस के 4 अकाउंट्स भी फ्रीज किए गए। उन्होंने इसे लोकतंत्र की तालाबंदी बताया है। अजय माकन ने साथ ही यह भी कह कि हमारा पैसा क्राउड फंडिंग का है, यूथ कांग्रेस का पैसा मेम्बरशिप का पैसा है। केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या इस देश मे एक पार्टी सिस्टम रहेगा।

इससे पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिनों पहले साल 2018-19 के आयकर रिटर्न को आधार बनाकर उसके कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया और उससे 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग की गई है। पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने यह भी कहा कि पार्टी की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस के खातों पर भी रोक लगाई गई है। कांग्रेस का कहना था कि अब तक कुल 9 खाते फ्रीज किए गए हैं. माकन ने पत्रकारों से कहा, यह जानकर आप लोगों को आश्चर्य और दुख होगा कि भारत में लोकतंत्र पर पूरी तरह से तालाबंदी कर दी गई है। हम लोगों को परसों (14 फरवरी) यह जानकारी मिली कि हम जो चेक जारी कर रहे हैं, बैंक उन्हें स्वीकार नहीं कर रहे हैं. जब हम लोगों ने आगे छानबीन की तब पता चला कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।

'इमरान और उसके साथियों ने मुझे बड़ी हानि पहुंचाने की कोशिश की', सांसद साध्वी प्रज्ञा ने सिंधिया से की एक्शन की मांग

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भारतीय जनता पार्टी सांसद साध्वी प्रज्ञा को आकासा एयर (Akasa Air) की फ्लाइट में हानि पहुंचाने का प्रयास किया गया है। साध्वी प्रज्ञा ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर साध्वी प्रज्ञा ने पोस्ट कर कहा, 'उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियाजी मुंबई से दिल्ली के लिए उड़ने वाली आकासा एयर की फ्लाइट संख्या QP1120 से दिल्ली आने पर ड्यूटी मैनेजर इमरान और उसके साथियों ने षड्यंत्र कर मुझे बड़ी हानि पहुंचाने की कोशिश की। अपेक्षा करती हूं आप कार्रवाई अवश्य करेंगे।' 

हालांकि, साध्वी प्रज्ञा ने अपने पोस्ट में यह नहीं बताया है कि फ्लाइट में किस प्रकार उनके साथ कैसा बर्ताव किया गया। उनकी पोस्ट पर कई लोग पूरी घटना शेयर करने की मांग भी कर रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2019 में भी सांसद साध्वी प्रज्ञा का फ्लाइट की यात्रा के चलते एक विवाद सामने आ चुका है। दरअसल, तब दिल्ली से भोपाल की एक फ्लाइट में सवार प्रज्ञा ठाकुर को सीट के चक्कर में यात्रियों के गुस्से का सामना करना पड़ा, सोशल मीडिया पर जिसका वीडियो वायरल हुआ था। 

वीडियो में एक यात्री ने साध्वी प्रज्ञा से कहा था कि आपको शर्म नहीं है कि आप इस प्रकार का बर्ताव कर रही हैं। दरअसल, 23 दिसंबर 2019 को साध्वी प्रज्ञा दिल्ली से भोपाल जाने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट में सवार हुई थीं। इस के चलते सीट को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की क्रू मेंबर से विवाद हो गया था, सीट की मांग को लेकर वह विमान में ही धरने पर बैठ गईं थीं। इस बीच यात्रियों ने विमान में साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था तथा उनके बर्ताव की निंदा की थी।

'राम मंदिर से पीएम मोदी का ग्राफ बढ़ा, उसे गिराना है..', आंदोलन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का आया बयान

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। किसान आंदोलन की एक टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे कहा था कि अगर पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे चला जाए तो सरकार कुछ भी मान लेगी। दल्लेवाल ने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प का हवाला दिया और दावा किया कि यह पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकाल के पतन का संकेत है।

दल्लेवाल ने आगे कहा कि देश में कोई लोकतंत्र नहीं है, क्योंकि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की ओर मार्च करने से रोका गया। उन्होंने हरियाणा में पुलिस और प्रशासन द्वारा उठाए गए बैरिकेड्स का हवाला देते हुए दावा किया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया और कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए, लेकिन किसी ने पुलिस पर पथराव नहीं किया। हालाँकि, प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के वीडियो सामने आए हैं, जिसमें पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दल्लेवाल ने दावा किया कि भाजपा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया था। 

उन्होंने दावा किया कि घोषणा पत्र में वादा करने के बावजूद भाजपा इसे लागू करने से पीछे हट गयी। वास्तव में, 2014 के भाजपा के घोषणापत्र में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट या सिफारिशों का कोई विशेष उल्लेख नहीं था। घोषणापत्र के "कृषि - उत्पादकता, वैज्ञानिक और पुरस्कृत" खंड में उल्लेख किया गया है कि पार्टी "उत्पादन लागत, सस्ते कृषि इनपुट और ऋण पर न्यूनतम 50% लाभ सुनिश्चित करके कृषि में लाभप्रदता बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी।" 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकसभा चुनाव 2014 से पहले अपने राजनीतिक भाषणों के दौरान MSP की गणना के लिए स्वामीनाथन आयोग द्वारा दिए गए एक समान फॉर्मूले का सुझाव दिया था। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से यह उल्लेख नहीं किया कि उनकी पार्टी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करेगी। बता दें कि, जब से पीएम मोदी सत्ता में आए हैं, केंद्र सरकार ने लगातार MSP में वार्षिक वृद्धि की है। इसके अलावा, प्रासंगिक आंकड़ों से पता चलता है कि स्वामीनाथन फार्मूले द्वारा MSP और सरकार द्वारा इस्तेमाल किए गए फार्मूले के बीच का अंतर समय के साथ कम हो रहा है। उदाहरण के लिए, गेहूं के लिए मौजूदा MSP 2,275 रुपये प्रति क्विंटल है, और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के साथ, यह 2,478 रुपये होगा। हालाँकि, कुछ मामलों में, अंतर बहुत अधिक है। उदाहरण के लिए, सैफ्लावर के मामले में, अंतर लगभग 2,321 रुपये है। जहां सरकार इस अंतर को भरने और किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को तत्काल लागू करना चाहते हैं, जिसके गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे। डेटा से पता चलता है कि यह सरकार की व्यय संरचना को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा और सरकार को बुनियादी ढांचे और रक्षा सहित परियोजनाओं के वित्त पोषण में कटौती करने के लिए प्रेरित करेगा।

इसके अलावा, यह सीखना भी जरूरी है कि MSP की गणना कैसे की जाती है। केंद्र सरकार एक फॉर्मूले का उपयोग करके न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करती है जो उत्पादन लागत पर विचार करती है और इन खर्चों का डेढ़ गुना मूल्य निर्धारित करती है। यह दृष्टिकोण स्पष्ट लागत (ए 2) पाता है, जिसमें बीज, उर्वरक, कीटनाशक, ईंधन, सिंचाई, किराए पर श्रम और पट्टे पर दी गई भूमि जैसे सामानों के लिए भुगतान और परिवार के सदस्यों (एफएल) द्वारा किए गए अवैतनिक श्रम का अनुमानित मूल्य शामिल है। विशेष रूप से, सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के साथ-साथ राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के विचारों के आधार पर 22 अनिवार्य फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित करती है।

दल्लेवाल ने क्या कहा ?

दल्लेवाल ने बताया कि यदि चुनाव के बाद शासन बदलता है, तो प्रदर्शनकारियों को वर्तमान सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा; वे कह सकते हैं कि उन्होंने प्रतिबद्धताएं नहीं निभाईं और किसानों को प्रयास फिर से शुरू करने होंगे। ऐसा करने का तरीका देश में पीएम मोदी की लोकप्रियता पर प्रहार करना था। उन्होंने कहा, “मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ मंदिर (अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र करते हुए) के कारण बढ़ा है। मैं हर किसी से कहता रहता हूं कि हमें उसके ग्राफ को कम करने का एक तरीका खोजना चाहिए। जब तक उनका ग्राफ कम नहीं होगा, तब तक वह कुछ नहीं करेंगे। हालाँकि, अगर सरकार को लगता है कि उनका ग्राफ गिर रहा है तो वह किसी भी बात पर सहमत होंगे।''

हालाँकि, कुछ आलोचकों का ये भी कहना है कि, पीएम मोदी की लोकप्रियता के ग्राफ के बारे में बयान से संकेत मिलता है कि किसान विरोध के पीछे राजनीतिक प्रतिशोध है। इसे आगामी चुनावों के लिए विपक्षी दलों को राजनीतिक फायदा पहुंचाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है। पिछली बार भी किसान आंदोलन के बाद यूपी में चुनाव हुए थे, जिसमे विपक्ष की करारी हार हुई थी। इस पर किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा था कि, हमने तो पिच तैयार करके दी थी, उन्हें (विपक्ष को) खेलना ही नहीं आया। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि, मौजूदा आंदोलन भी केवल इस लोकसभा चुनाव के लिए है।

दिल्ली में आगलगी की बड़ी घटना, पेंट फैक्ट्री में आग लगने से 11 लोगों की मौत, चार झुलसे, 22 दमकल ने किसी तरह पाया काबू


 दिल्ली में एक बार फिर आग लगने की घटना सामने आई है। दिल्ली में अलीपुर की पेंट फैक्ट्री में आग लग गई थी। प्राप्त खबर के अनुसार, यहां 11 लोगों की झुलसने से मौत हो गई तथा 4 लोग चोटिल हो गए। दमकल के 22 वाहनों ने आग पर नियंत्रण पाया है। अधिकतर मृतक लोगों को पहचान पाना मुश्किल है। उनके शरीर पूरी तरह जल चुके हैं। मृतक फैक्ट्री के ही लेबर बताए जा रहे हैं। जिस समय आग लगी उस वक़्त वे आग को बुझाने में लगे थे। 

इसी के चलते पेंट बनाने वाले केमिकल का ड्रम विस्फोट कर गया। फैक्ट्री में लगी भीषण आग की घटना में बताया जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। फैक्ट्री के अंदर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। बता दें कि दिल्ली का अलीपुर घनी आबादी वाला क्षेत्र है। इसी भीड़ भरे क्षेत्र में पेंट फैक्ट्री चल रही थी। बृहस्पतिवार शाम यहां आग भड़क गई और केमिकल की वजह से आग बढ़ती और फैलती चली गई। इसकी वजह से फैक्ट्री में उपस्थित लोग जल गए।

वही पहले तीन लोगों की मौत की खबर आई थी, मगर देर रात सामने आए अपडेट में पता चला कि 11 लोगों की झुलसने मौत हुई है। आग लगने की वजह से क्षेत्र में हाहाकार की स्थिति बन गई। खबर प्राप्त होने पर दमकल के 22 वाहन मौके पर पहुंचे तथा आग पर काबू पाया। देर रात तक झुलसे हुए लोगों की पहचान नहीं हो सकी थी। आग में जले कुछ लोगों को हॉस्पिटल ले जाया गया। कुछ की मौके पर ही मौत हो गई। आग कैसे लगी, अभी इस बारे में कोई खबर सामने नहीं आई है।

MP में लुटेरी लड़कियों के गैंग ने मचाया उत्पात, सरेआम युवक के गले से खींचकर ले गई सोने की चेन

 मध्य प्रदेश के गुना में लुटेरी लड़कियों का गिरोह सामने आया है। आरोप है कि युवतियों के इस गिरोह ने एक युवक को निशाना बनाते हुए डेढ़ तोले की सोने की चेन लूट ली तथा फरार हो गईं। जिस स्थान पर लूटपाट की इस घटना को अंजाम दिया गया, वहां लगे CCTV में ये घटना कैद हो गई है। वहीं जो CCTV फुटेज सामने आए हैं, उनमें युवतियां युवक से विवाद करती दिखाई दे रही हैं। फिलहाल पुलिस आरोपियों की जाँच में जुटी है।

आरोप है कि जिस समय युवतियां उत्तम यादव नाम के युवक के साथ घटना को अंजाम दे रहीं थीं, उस वक़्त आसपास खड़े लोग तमाशबीन बने हुए थे। युवतियों ने उत्तम के साथ मारपीट करते हुए उसके हाथ और पीठ में काट लिया। पीड़ित ने एक युवती का हाथ पकड़ा तो उसने हाथ में दांतों से काट लिया तथा भाग गईं। पीड़ित शख्स ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की। घटना की खबर प्राप्त होने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची तथा जायजा लिया। सिटी कोतवाली पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे CCTV फुटेज चेक किए, इसी के साथ युवक उत्तम यादव के बयान दर्ज किए गए हैं।

पीड़ित शख्स ने पुलिस को बताया कि उस पर अचानक हमला किया गया। दो युवतियों के साथ एक लड़का भी मौजूद था। युवतियों ने मारपीट की एवं दांतों से काट लिया तथा डेढ़ तोले की सोने की चेन भी लूट ली। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में तहकीकात आरम्भ कर दी है। वह मौजूद लोगों का कहना है कि जिस प्रकार युवतियों की गिरोह ने घटना को अंजाम दिया, वो बेहद हैरान कर देने वाला है।