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बिहार लघु उद्यमी योजना का सीएम नीतीश कुमार ने किया शुभारंभ, पोर्टल का भी किया लोकार्पण

डेस्क : आज 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार लघु उद्यमी योजना का शुभारंभ किया तथा बिहार लघु उद्यमी योजना के पोर्टल का भी लोकार्पण किया। वहीं उन्होंने बिहार लघु उद्यमी योजना पर आधारित एक पुस्तिका का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने जाति आधारित गणना करवाई ताकि जाति के साथ-साथ हर किसी की आर्थिक स्थिति का भी पता चल सके। सर्वेक्षण के दौरान पता चला कि 94 लाख से अधिक गरीब परिवार हैं जिनको आर्थिक मदद की जरूरत है। हमलोग ऐसे सभी परिवार के लाभुकों को 2-2 लाख रुपया सहायता राशि देंगे ताकि। वे लघु उद्यमी योजना के अंतर्गत अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। इसकी ट्रेनिंग भी अलग से दी जाएगी। आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को स्व-रोजगार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु 'बिहार लघु उद्यमी योजना' लागू की गयी है। योजना के अन्तर्गत राज्य के आर्थिक रूप से गरीब सभी परिवारों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी इस कार्यक्रम से जुड़े हुये हैं मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस योजना के अलावे अगर कोई अपना रोजगार करना चाहता है तो उनकी भी पूरी मदद करें। हम आपलोगों से अनुरोध करेंगे कि हर जाति, धर्म के लोगों के बीच इस योजना को प्रचारित-प्रसारित करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें। इस योजना के क्रियान्वयन में जितना पैसा लगेगा सरकार खर्च करेगी। हमलोग अगले 5 वर्ष के लिये पहला टर्म शुरू कर रहे हैं। इस योजना के बेहतर ढंग से कार्यान्वयन के लिये आपलोग ठीक से कार्य करें। हम यही चाहते हैं कि सभी को मदद मिल जाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

गौरतलब है कि बिहार लघु उद्यमी योजना की शुरुआत 'हर घर उद्यमी, हर घर रोजगार, ऊँची उड़ान के लिए बिहार है तैयार' थीम के साथ की गई है। आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने एवं राज्य में बेरोजगारी दर में कमी लाये जाने के उद्देश्य से बिहार लघु उद्यमी योजना लागू की गयी है। जाति आधारित गणना के दौरान 94 लाख से अधिक गरीब परिवार पाये गये। बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत ऐसे गरीब परिवार में लाभुक को 2-2 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

आज इस योजना के लिए आवेदन के पोर्टल का लोकार्पण किया गया है। इसके लिये 61 परियोजनाओं को चिह्नित किया गया है जिसमें छोटे-छोटे उद्यम को शामिल किया गया है। यह पोर्टल आवेदकों के लिए खोल दिया गया है। 20 फरवरी तक इस योजना के लिये आवदेन किये जायेंगे।

आवेदक की उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक की परिवारिक आय प्रतिमाह 6000 रूपये से कम होनी चाहिए। बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत लाभुकों को तीन किस्तों में राशि दी जायेगी। प्रथम किस्त में परियोजना लागत की 25 प्रतिशत, द्वितीय किस्त में परियोजना लागत की 50 प्रतिशत एवं तृतीय किस्त में परियोजना लागत की 25 प्रतिशत राशि लाभुकों को दी जायेगी। योजना के कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु राज्य अनुश्रवण समिति के गठन का प्रावधान है जबकि जिला स्तर पर योजना के अनुश्रवण हेतु जिला अनुश्रवण समिति का गठन किया जायेगा।

बड़ी खबर : बहुमत साबित करने से पहले दिल्ली जाएंगे सीएम नीतीश कुमार, पीएम मोदी समेत बीजेपी के इन नेताओं से करेंगे मुलाकात

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। 12 फरवरी को विधानसभा में नई एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले सीएम नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर जा रहे है। जहां वे पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश कुमार 7 फरवरी को दो दिन के लिए दिल्ली दौरे पर जाएंगे। जहां वह नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे।

मंत्रिमंडल के विस्तार और फ्लोर टेस्ट के पहले सीएम और पीएम की यह मुलाकात अहम बताई जा रही है।

गौरतलब है कि इसके पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पीएम मोदी सहित बीजेपी के आलाकमानों से मुलाकात की है। वहीं अब सीएम नीतीश दो दिनों के लिए दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं।

पेपर लीक करने पर होगी 10 साल की जेल और लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना, मोदी सरकार ला रही सख्त कानून

#paper_leak_bill_introduced_in_lok_sabha_10_years_jail_and_fine_of_rs_1_crore 

केंद्र सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए एक बेहद सख्त कानून ले कर आई है। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 लोकसभा में आज पेश कर दिया गया। इस बिल का मकसद परीक्षाओं में पेपर लीक को रोकना है। पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रवाधान किया गया है। वहीं दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह विधेयक संसद में पेश किया। इसमें पेपर लीक के मामलों में कम से कम तीन से पांच साल की सजा का प्रस्ताव है। बिल का उद्देश्य यूपीएससी,एसएससी, रेलवे, नीट, जेईई और सीयूईटी सहित तमाम परीक्षाओं में चीटिंग को रोकना है। इन परीक्षाओं में लाखों की संख्या में युवा भाग लेते हैं।

इस प्रस्तावित कानून के अनुसार, सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में अनुचित साधनों से संबंधित सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे। अगर ये विधेयक पारित हो जाता है, तो परीक्षाओं के दौरान गड़बड़ी में शामिल व्यक्तियों को कम से कम तीन साल की कैद की सजा हो सकती है, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, परीक्षा के लिए सेवा प्रदाता पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और परीक्षा की आनुपातिक लागत कंपनी से ही वसूली जाएगी। सेवा प्रदाता को 10 साल की जेल और चार साल की अवधि के लिए परीक्षा आयोजित करने का कोई भी अनुबंध लेने से भी प्रतिबंधित किया जाएगा।

इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।

बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में आए दिन पेपर लीक और नकल की घटनाएं होती रहती हैं। कई राज्यों में इसके खिलाफ कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। कई राज्यों में पेपर लीक की वजह से परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी और दोबारा एग्जाम कराने पड़े।वहीं दोबारा से परीक्षा कराने पर राज्य सरकार का पैसा खर्च होता है और कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही सरकार और स्थानीय प्रशासन को छात्रों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देंगे पीएम मोदी, बीजेपी ने पार्टी सांसदों के लिए जारी किया व्हिप

#pm_narendra_modi_reply_on_motion_of_thanks_in_lok_sabha_today

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देने वाले हैं। बजट सत्र के पहले दिन 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में अपने सभी सांसदों को मौजूदा बजट सत्र के चौथे दिन निचले सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन-लाइन व्हिप जारी किया है।

सदन में आज होने वाले कार्यों की लिस्ट के मुताबिक, लोकसभा सांसद रवनीत सिंह और रामशिरोमणि वर्मा 14 दिसंबर, 2023 को सदन की बैठकों से सदस्यों की गैरमौजूदगी पर समिति की बारहवीं बैठक का विवरण सदन के पटल पर रखेंगे। लोकसभा सांसद पीपी चौधरी और एनके प्रेमचंद्रन 'क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला' विषय पर विदेश मामलों की समिति (सत्रहवीं लोकसभा) की 28वीं रिपोर्ट पेश करेंगे।

बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय से जुड़े 'प्रशिक्षण महानिदेशालय के कामकाज' पर श्रम, कपड़ा और कौशल विकास पर स्थायी समिति की 49वीं रिपोर्ट में शामिल सिफारिशों के लागू होने की स्थिति के बारे में एक बयान देंगे।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण (हिंदी और अंग्रेजी वर्जन) प्रस्तुत करेंगी।

केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 में संशोधन के लिए जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) संशोधन विधेयक, 2024 विधेयक आज राज्यसभा में पेश करेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी सत्र के इस साल अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है, जो 10 दिनों की अवधि में आठ बैठकों में चलेगा और 9 फरवरी को समाप्त हो सकता है।

संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने लगभग 74 मिनट के संबोधन में सरकार के विजन और देश में बीते 10 साल की अवधि में हुए कामकाज का विस्तार से जिक्र किया।

एनआईटी पटना में बढ़ेगी एक हजार और सीटें, कैंपस में बनाया जाएगा इंक्यूबेशन सेंटर : मुख्यमंत्री

डेस्क : एनआईटी पटना में एक हजार सीटें और बढ़ेंगी। साथ ही राज्य सरकार की तरफ से एनआईटी पटना कैंपस में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा। एक सप्ताह में इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया जाएगा। अगले साल तक यह सेंटर पूरा बन जाना चाहिए। उक्त एलान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते रविवार को एनआईटी परिसर में बीसीई-एनआईटी के पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम जब इस कॉलेज में पढ़ते थे, तो इसकी क्षमता पांच सौ थी, जो अब बढ़कर पांच हजार हो गई है। बिहटा में इसका दूसरा कैंपस 125 एकड़ में बन रहा है। इसके बन जाने के बाद क्षमता को छह हजार करा दें। इतनी बड़ी संख्या में देश में कहीं और नामांकन नहीं होता है।

इस मौके पर उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार की तरफ से एनआईटी पटना कैंपस में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा। एक सप्ताह में इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया जाएगा। अगले साल तक यह सेंटर पूरा बन जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एनआईटी का कैंपस बिहटा में बन रहा है, पर पटना में स्थापित ही एनआईटी-1 कहलाएगा और यह सबदिन बना रहेगा। बिहटा में बन रहा भवन एनआईटी पटना का दूसरा हिस्सा होगा।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इस संस्थान से पासआउट हुए 51 साल हो गये। इस समारोह में हर साल हम आते हैं। इसमें पुराने सहपाठियों से मिलने का मौका मिलता है। पुराने साथियों से मिलकर काफी खुशी होती है। पटना साइंस कॉलेज में पढ़ने के बाद मैंने इसमें नामांकन लिया था। उस समय यहां 500 विद्यार्थी पढ़ते थे। छात्र यूनियन के चुनाव में मेरे कहने पर 500 में 450 समर्थन में वोट करते थे। उस बात को हम कभी भूल नहीं सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी की सरकार में मैं मंत्री था, तब देश में 14 जगहों पर एनआईटी बन रहा था। हमने आग्रह किया कि बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग देश का छठा कॉलेज है, जिसे एनआईटी का दर्जा मिलना चाहिए। उसी समय वर्ष 2004 में इस कॉलेज को एनआईटी का दर्जा मिला। इसका विस्तार करने के लिए बिहटा में 125 एकड़ जमीन दी गई है, जहां कैंपस बनकर तैयार हो गया है। यहां भी छह हजार छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग पढ़ते थे तो लड़कियां इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं पढ़ती थीं। हमने राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिग कॉलेज की स्थापना करायी और उसमें लड़कियों के लिए 35 प्रतिशत सीटें आरक्षित की।

जनता की भावना के अनुकूल पार्टी ने लिया निर्णय, बिहार को बचाना हमारी प्राथमिकता थी : विजय कुमार सिन्हा

डेस्क : बिहार में एनडीए की सरकार बन गई है। वहीं मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों के विभागों के बंटवाड़े के साथ अब कामकाज भी शुरु हो गया है। जिसके बाद अब बीजेपी कोटे से बिहार के डिप्टी सीएम बने विजय कुमार सिन्हा ने जदयू के साथ जाकर सरकार बनाने को लेकर बड़ी बात कही है। 

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि जनता की भावना के अनुकूल हमलोगों ने निर्णय लिया है। बिहार को बचाना हमारी प्राथमिकता थी। ऐसे में अपनी भावनाओं का महत्व कम हो जाता है, जनता की भावना का महत्व ज्यादा हो जाता है। 

दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राजद पर भी जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी बनने चले थे, पर वो असफल रहे। लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे परिवार ने सत्ता का दुरुपयोग किया। 

उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया एनडीए सरकार में शुरू हुई थी। जातिगत गणना में सदन के अंदर एनडीए ने निर्णय लिया था। जनता सब देख रही है। राजद के लोग जितनी उपलब्धि गिना रहे हैं, वो सभी निर्णय एनडीए सरकार में हुए थे। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने जनादेश एनडीए को दिया था। उन्होंने कहा कि राजद ने बिहार को बदनाम और भयभीत किया। नौजवानों को पलायन के लिए विवश किया। वो लोग तिकड़म करके सरकार में आये थे। भाजपा ने जनादेश का सम्मान किया है।

बताते चले कि पिछली बार एनडीए से अलग होकर जब नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाया था। उसके बाद से बीजेपी द्वारा लगातार यह बात की गई थी कि अब नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के सारे दरवाजे बंद हो चुके है। किसी भी कीमत पर अब बीजेपी उनके साथ गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन बीते जनवरी माह के अंतिम सप्ताह मे अचानक बिहार की राजनीति में बड़ा उलट-फेर हुआ। जदयू और बीजेपी के बीच चल रही 17 माह की तल्खी और बयानबी के बीचे अचानक विराम लगते हुए दोनों साथ आकर बिहार में सरकार बना लिया।

कम नहीं हो रही अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, सुबह-सुबह आवास पर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम, जानें क्या है मामला

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दिल्ली शराब घोटाला केस में बार-बार ईडी की नोटिस की अनदेखी करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच शनिवार की सुबह दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची है। क्राइम ब्रांच की टीम केजरीवाल को नोटिस देने पहुंची है। केजरीवाल ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। बीजेपी ने इस आरोप के खिलाफ शिकायत की थी। शुक्रवार देर शाम को भी एक नोटिस लेकर क्राइम ब्रांच की टीम सीएम के आवास पर पहुंची थी, लेकिन नोटिस किसी के द्वारा रिसिव नहीं करने की वजह से पुलिस रात में वहां से लौट आई थी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सीएम का दफ्तर नोटिस लेने के लिए तैयार हो गया है। जबकि क्राइम ब्रांच की टीम का कहना है कि सीएमओ रिसिविंग देने को तैयार नहीं हैं।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को 30 जनवरी को भाजपा नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और आतिशी के विधायकों के खरीद-फरोख्त के प्रयासों वाले दावों के खिलाफ शिकायत दी थी। यह शिकायत 6 पेज की थी। इस शिकायत के बाद ही गुरुवार की रात को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को जांच के लिए बोला गया था। इसके बाद लीगल फॉर्मेलिटी यानी कानूनी औपचारिकता पूरी होने के बाद शुक्रवार की शाम को एसीपी के नेतृव में दिल्ली पुलिस की एक टीम इंक्वॉयरी का नोटिस लेकर अरविंद केजरीवाल के घर गई थी।

दरअसल, 27 जनवरी को केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने उनके विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है और साथ ही पार्टी का टिकट देने का भी लालच दिया है। केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, पिछले दिनों इन्होंने हमारे दिल्ली के सात एमएलए को संपर्क कर कहा है -कुछ दिन बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेंगे। उसके बाद एमएलए को तोड़ेंगे। 21 एमएलए से बात हो गई है औरों से भी बात कर रहे हैं। उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गिरा देंगे। आप भी आ जाओ। 25 करोड़ रुपये देंगे और बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़वा देंगे। उनका दावा था कि उन्होंने 21 एमएलए से संपर्क किया है लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक उन्होंने अभी तक सात एमएलए को ही संपर्क किया है और सबने मना कर दिया।

यूसीसी के लिए बनाई गई समिति ने धामी सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशें, जानें 800 पन्ने वाले ड्राफ्ट में क्या-क्या?

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। अब कल यानी शनिवार को कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू हो रहा है। ऐसे में सत्र की शुरुआत के अगले ही दिन धामी सरकार इतिहास रच सकती है। विधानसभा से अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके साथ ही यूसीसी को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।

वहीं ड्राफ्ट मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘लम्बे समय से हम सभी को प्रतीक्षा थी हमको आज ड्राफ्ट मिल गया है। चुनाव से पहले उत्तराखण्ड की देव तुल्य जनता को वादा था। अब इस ड्राफ्ट की परिक्षण कर के इसे विधेयक में लाकर आगे बढ़ाएंगे।हम इस मसौदे का परीक्षण करेंगे और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे राज्य विधानसभा के दौरान रखेंगे। इस पर आगे चर्चा की जाएगी। 

विधानसभा चुनाव 2022 के बाद सीएम धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। मुख्यमंत्री धामी ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। अब समिति ने करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद तैयार हुआ ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंपा।

यूसीसी के ड्राफ्ट में ये हैं प्रावधान

-तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।

-तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा।

-पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं।

-गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार।गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।

-संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा।

-अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

-सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी।

-शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा. ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।

-लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा।

-उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक।

-नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।

-एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा।

पेटीएम पर आरबीआई का “डंडा” आम लोगों पर क्या होगा असर?

#howpaytmbanrbiorderaffectusers 

क्या आप भी जेब में पर्स लेकर घूमने के बजाय डीजिटल पेमेंट करने में ज्यादा सुविधा महसूस करते हैं। दरअससर आज हमारे देश में हर दूसरा शख्स ऐसी ही सोच रखता है। डिजिटल मोड के इस दौरा मे एक नाम तेजी से उभरा Paytm, जिसने भारतीय लोगों को डिजिटल लेनदेन का चस्का लगाया। डिजिटल पेमेंट सर्विस की दुनिया की बेताज बादशाह कही जाने वाली कंपनी पेटीएम पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कई तरह के बैन लगा दिए हैं।

आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) को तुरंत नए ग्राहकों को नहीं जोड़ने का निर्देश हाल ही में दिया था। इतना ही नहीं, आरबीआई सर्कुलर के अनुसार, 29 फरवरी, 2024 के बाद पेटीम पेमेंट्स बैंक से किसी भी ग्राहक के खाते, प्रीपेड कार्ड, वॉलेट, फास्टैग, एनसीएमसी कार्ड आदि में जमा, लेनदेन, टॉप-अप या निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर होगा असर

आरबीआई के आदेश का असर बड़े तबके पर पड़ सकता है क्योंकि पेटीएम के पास डिजिटल पेमेंट बाज़ार का 16-17 फ़ीसदी हिस्सा है और जानकारों के मुताबिक करोड़ों लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।ऐसे में बड़ा सवाल है कि आम लोगों पर इसका क्या असर होगा।कंपनी का दावा है कि उसके पास 300 मिलियन यानी 30 करोड़ से अधिक वॉलेट यूजर्स हैं। वहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 30 मिलियन यानी 3 करोड़ ग्राहकों ने बैंक खाता खोल रखा है। इसका आसान मतलब यह होता है कि इसका सीधा असर 30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर पड़ने वाला है।

पेटीएम बैंक क्या है

आरबीआई के फ़ैसले का क्या असर होगा ये समझने के लिए पहले ये जानना ज़रूरी है कि पेटीएम बैंक है क्या और ये आम बैंक से कैसे अलग है। पेटीएम पेमेंट बैंक में केवल पैसे जमा किए जा सकते हैं, उनके पास कर्ज़ देने का अधिकार नहीं है। ये डेबिट कार्ड तो जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए किसी लेंडर रेगुलेटर के साथ डील करनी पड़ेगी। यानी ये एक ऐसा बैंक अकाउंट है जिसमें पैसे रखे जा सकते हैं, आम तौर पर मर्चेंट्स को जो भुगतान मिलता है वो उनके पेटीएम पेमेंट अकाउंट में जाता है और फिर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर होते हैं। इसके बदले में पेटीएम अपने ग्राहकों को क्रेडिट प्वाइंट देता है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी का नाम है वन97 कंम्यूनिकेशंस और इसी कंपनी के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई लाइसेंस है जिसे साल 2017 में पेटीएम पेमेंट बैंक शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

पेटीएम वॉलेट और यूपीआई इस्तेमाल करने वाले का क्या होगा?

29 फरवरी तक पेटीएम की सभी सर्विस सामान्य रूप से ही काम करेंगी। इसके बाद पेटीएम वॉलेट और यूपीआई सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए कुछ बदलाव होंगे। सबसे अहम ये कि अगर आपके वॉलेट में पहले से पैसे हैं तो आप उसे दूसरी जगह ट्रांसफ़र कर सकते हैं लेकिन वॉलेट में कोई भी राशि डिपॉज़िट नहीं की जा सकती। हालांकि, अगर आपने पेटीएम अकाउंट को किसी थर्ड पार्टी बैंक से जोड़ रखा है तो आपका पेटीएम काम करता रहेगा और यूपीआई पेमेंट का भी इस्तेमाल करते रहेंगे। थर्ड पार्टी या एक्सटर्नल बैंक का मतलब है कि आप पेटीएम पर अगर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफ़सी बैंक या पंजाब नेशनल बैंक सहित किसी भी मान्यता प्राप्त बैंक के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए कुछ भी नहीं बदलने वाला है। लेकिन अगर आप पेटीएम बैंक से लिंक वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। 29 फ़रवरी के बाद से ना तो बैंक अकाउंट में और ना तो वॉलेट में कोई क्रेटिड लिया जा सकेगा।

दुकानदार पेटीएम के जरिए पेमेंट रिसीवकर सकेंगे?

जो दुकानदार अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में पैसा रिसीव करते हैं, वे पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि उनके अकाउंट्स में क्रेडिट की अनुमति नहीं है, लेकिन कई व्यापारियों या कंपनियों के पास दूसरी कंपनियों के क्यूआर स्टिकर्स हैं जिनके जरिए वे डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार कर सकते हैं।

केन्द्रीय बजट को बीजेपी ने बताया लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी, विपक्ष ने बताया आम लोगों के साथ छलावा

डेस्क : बीते गुरुवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश की। इधर इस बजट को एनडीए जहां लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे आमलोगों के साथ छलावा करार दिया है। 

बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को गरीबों, महिलाओं और बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया। इससे केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में बिहार को इस वर्ष 1 लाख 2737 करोड़ की जगह 1 लाख 11 हजार करोड़, यानी 8500 करोड़ अधिक मिलेंगे। अगले वर्ष यह राशि 1.22 लाख करोड़ होगी। 50 साल के लिए राज्यों को 1 लाख 30 हजार करोड़ का व्याज-मुक्त ऋण देने की घोषणा भी बड़ी पहल है।

केंद्रीय बजट में राज्यों के लिए अलग-अलग घोषणाएं नहीं होती, फिर भी वर्ष 2024-2025 के अंतरिम बजट से बिहार को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तीन करोड़ किया गया है।

वही दूसरी ओर कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि जब सत्ताधारी वर्ग में विजन के ऊपर कुर्सी की चिन्ता हावी हो जाती है तो इस तरह का बजट देखने को मिलता है। हमेशा के मुताबिक इस बजट में गरीब, बेरोजगार नौजवान और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी हाथ नहीं लगा। चुनिंदा अमीरों को रेवड़ियां बांटने का प्रयास है। गरीबों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।