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*निराशा जनक है केंद्रीय बजटः अनिल दुबे*

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इस बजट में किसानों, मध्यम वर्ग, गरीबों तथा मजदूरों के लिए कुछ नहीं है।

सिर्फ जुमले ही है इस बजट से आम जनमानस को मात्र निराशा ही हाथ लगी है। अगर इस बजट में किसी को कुछ मिला है तो वह देश के उद्योगपतियों के हित में हैं और गरीबों, मध्यवर्गीय तथा किसानों के लिए बिल्कुल शून्य है।

केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये दुबे ने कहा कि अंतरिम बजट के बहाने मोदी सरकार ने देश की जनता को चुनावी लॉलीपॉप थमाया है इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी की ज्वलंत समस्याओं से निपटने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है और न ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की गयी है और न ही विदेशी कर्ज को कम करने का कोई उपाय है।

उन्होंने कहा कि 2024 में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तब इण्डिया गठबंधन की सरकार किसानों, मजदूरों और नौजवानों तथा महिलाओं के हित में बजट लायेगी।

*समृद्धि को समर्पित है केन्द्रीय बजटः कृषि मंत्री*

लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केन्द्रीय अंतरिम बजट 2024-25 को सर्वसमावेशी तथा सर्वस्पर्शी बताते हुए प्रदेश के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री तथा वित्तमंत्री भारत सरकार का आभार व्यक्त किया।

शाही ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत किया गया अंतरिम बजट 2024-25 किसानों, महिलाओं, गरीबों तथा युवाओं को सभी क्षेत्रों में अनेक अवसर प्रदान करने वाला है। इससे भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि बजट में देशभर में बुनियादी ढ़ॉचे को मजबूत करने वाली योजनाओं, कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने वाले कदमों के साथ-साथ सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशद योजना है। इसका सकारात्मक प्रभाव अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सकेगा।

कृषि मंत्री ने प्रदेश के किसानों की ओर से सर्वस्पर्शी बजट के लिए प्रधानमंत्री तथा वित्तमंत्री को उप्र के किसानों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।

*लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय एएमसी सेंटर और कॉलेज की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं*

लखनऊ। लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, ने 01 फरवरी 2024 को कमांडेंट आर्मी मेडिकल कोर सेंटर एवं कॉलेज, ऑफिसर-इन-चार्ज एएमसी रिकॉर्ड्स तथा कर्नल कमांडेंट एएमसी की पदभार संभाली। लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय 74 साल पहले स्थपित किए गए एएमसी सेंटर और कॉलेज की कमान संभालने वाली पहली महिला जनरल ऑफिसर हैं।

वर्तमान नियुक्ति से पहले, लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय महानिदेशक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस), नई दिल्ली के कार्यालय में अपर डीजीएएफएमएस (एचआर) थीं।भारत सरकार द्वारा प्रतिपादित 'नारी शक्ति' का भारतीय सेना द्वारा अक्षरश: पालन किया गया है, जो शेष राष्ट्र के अनुसरण के लिए एक मार्ग तैयार करने में अनुकरणीय है, और लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय अपनी व्यावसायिकता और समर्पण के साथ भारत की सेवा के लिए इस मार्ग का नेतृत्व कर रही हैं।

सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी), पुणे की पूर्व छात्रा रही लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय को 30 दिसंबर 1986 को आर्मी मेडिकल कोर (एएमसी) में कमीशन किया गया था। उन्होंने क्रमशः एएफएमसी पुणे से 1994 में एमडी (पैथोलॉजी) और 1997 में डीएनबी (पैथोलॉजी) किया था। जनरल ऑफिसर ने 2000-2002 तक एम्स, नई दिल्ली में ऑन्कोपैथोलॉजी में 2 साल की फेलोशिप और यूके के फैमर कील यूनिवर्सिटी से वर्ष 2020-22 में हेल्थ प्रोफेशनल एजुकेशन में डिप्लोमा भी किया।

अपनी 37 वर्षों की सेवा के दौरान, लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय ने विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशासनिक और स्टाफ नियुक्तियों पर काम किया है, जैसे - बेस अस्पताल, दिल्ली कैंट में लैब मेडिसिन विभाग के एचओडी और प्रोफेसर, एएफएमसी में पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर, आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) नई दिल्ली में लैब मेडिसिन विभाग के एचओडी और प्रोफेसर। उन्होंने सेना अस्पताल (आर एंड आर) नई दिल्ली में सलाहकार (पैथोलॉजी), उत्तरी कमान के कमान अस्पताल में डिप्टी कमांडेंट और वरिष्ठ कार्यकारी चिकित्सा अधिकारी (एसईएमओ) और महानिदेशक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस), नई दिल्ली के कार्यालय में अपर डीजीएएफएमएस (एचआर) जैसी कई स्टाफ नियुक्तियों पर भी काम किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल कविता सहाय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित 100 से अधिक शोध पत्रों की लेखिका रही हैं।उनकी उत्कृष्ट और मेधावी सेवा, निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति मेहनती गुणों और विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्टता के साथ प्रदर्शन करने की क्षमता के लिए, उन्हें 26 जनवरी 2024 को 'नारी शक्ति' वर्ष के रूप में मनाए जाने पर 2024 में ‘सेना मेडल’ से सम्मानित किया गया । भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में उन्हें ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ से अलंकृत किया गया । वर्ष 2008 और 2012 में उन्हें ‘सीओएएस प्रशस्ति’ से भी सम्मानित किया जा चुका है । जनरल ऑफिसर का विवाह मेजर जनरल राजेश सहाय, एवीएसएम, एसएम (सेवानिवृत्त) से हुआ है।

*अंतर्राज्यीय स्तर पर वाहन चोरी कर उन्हें विभिन्न प्रदेशों में बेचने वाले गिरोह का सरगना एवं मुम्बई से वांछित अभियुक्त चंद बाबू गिरफ्तार*

लखनऊ। एसटीएफ यूपी को महाराष्ट्र पुलिस की क्राइम ब्रान्च के साथ संयुक्त अभियान में थाना तलोज जनपद नवी मुम्बई महाराष्ट्र में वांछित अंतर्राज्यीय स्तर पर वाहन चोरी कर विभिन्न प्रदेशों में बेचने वाले गिरोह के सरगना चांद बाबू को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त पूरे जमाल भिलाई कला मोहनगंज जिला अमेठी का रहने वाला है।

गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया की उसका चार पहिया वाहन चोरी करने का एक गिरोह है, जो मुम्बई के विभिन्न इलाकों से चार पहिया वाहन चोरी करके उसका कलर बदलवाकर एवं फर्जी कागजात तैयार कराकर अलग-अलग प्रदेशों में बेचता है। इसके पूर्व भी वाहन चोरी की घटना में मुम्बई से जेल जा चुका है। गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ अम्बोली महाराष्ट्र, डीसीबी सीआईडी मुम्बई में आधा दर्जन मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तार अभियुक्त को उ.नि. प्रताप देसाई, क्राइम ब्रांच मुम्बई के टीम को विधिक कार्रवाई के उपरान्त सुपुर्द किया गया, अग्रिम कार्रवाई मुम्बई पुलिस द्वारा की जाएगी।

एसटीएफ को काफी दिनों से इसकी तलाश थी। बुधवार को एटीएफ की टीम रायबरेली में मौजूद थी। इस दौरान ज्ञात हुआ कि अंतर्राज्यीय स्तर पर वाहन चोरी करने वाले गिरोह का सरगना चांद बाबू जनपद रायबरेली के थाना क्षेत्र कोतवाली में मौजूद है, इस सूचना पर विश्वास करते हुए एसटीएफ टीम द्वारा क्राईम ब्रान्च नवी मुंबई की टीम को साथ लेकर मुखबिर की निशानदेही पर चांद बाबू उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया गया।

*स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने गृहण किया कार्यवाहक डीजीपी का चार्ज*

लखनऊ । 1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार को योगी सरकार ने एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। योगी सरकार के सबसे भरोसेमंद और तीन सौ एनकाउंटर करने वाले प्रशांत कुमार को नये कार्यवाहक डीजीपी को जिम्मा सौंपा गया है। अब वह बुधवार को दोपहर बाद विजय कुमार की जगह डीजीपी का चार्ज ग्रहण कर लिया । चूंकि 31 जनवरी को डीजीपी विजय कुमार का कार्यकाल समाप्त हो गया। अभी प्रशांत कुमार स्पेशल डीजी के पद पर तैनात हैं। प्रशांत कुमार का कार्यकाल मई 2025 तक है। इस प्रकार से प्रशांत कुमार 16 महीने यूपी पुलिस में मुखिया का जिम्मा संभालेंगे। अभी तक तीन कार्यवाहक जो डीजीपी बनाये बनाएं थे उनमें प्रशांत कुमार का कार्यकाल सबसे लंबा है।पिछले तीन बार की तरह इस बार भी यूपी को स्थाई डीजीपी नहीं मिल सका।

जानकारी के लिए बता दें कि मूल रूप से बिहार के सीवान निवासी प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा अफसरों में शामिल माना जाता है। एडीजी जोन मेरठ रहने के दौरान उन्होंने कई अपराधियों का एनकाउंटर किया था, जिसके बाद उनको एडीजी कानून-व्यवस्था बनाया गया था। तत्पश्चात उन्होंने प्रदेश के 66 माफियाओं की सूची तैयार कर कानून का शिकंजा कसना शुरू कर दिया। उनके नेतृत्व में एसटीएफ और जिलों की पुलिस ने एनकाउंटर करने का सिलसिला जारी रखा।

डीजीपी की रेस में इन अधिकारियों को प्रशांत कुमार ने पीछे छोड़ा

डीजीपी की रेस में पहले स्थान पर मुकुल गोयल दूसरे स्थान पर आनंद कुमार रहे। इसके बाद शफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पीवी रामाशास्त्री, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्या, सत्य नारायन साबत, अविनाश चंद्रा, संजय एम. तरडे, एमके बशाल, तनूजा श्रीवास्तव, सुभाष चंद्रा सीनियरिटी के क्रम में रहे।इन अफसरों को पीछे छोड़ते हुए प्रशांत कुमार डीजीपी पर पर काबिज होने पर में सफल रहे । इसके पीछे माना जा रहा है कि उनके मेहनत, ईमानदारी और योगी सरकार से बेहतर तालमेल माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रशांत कुमार को चार बार राष्ट्रपति का वीरता पदक मिल चुका है। उन्होंने एमएससी, एमफिल और एमबीए की शिक्षा ग्रहण की है। उनकी पत्नी डिंपल वर्मा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में रेरा में सदस्य है

*ज्ञानवापी के तहखाने में हिन्दुओं को पूजा करने का मिला अधिकार, कोर्ट ने सुनाया फैसला*

लखनऊ । ज्ञानवापी केस में एक बड़ा फैसला आया है। जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे लेकिन यह सच है । फैसला हिंदू पक्ष में सुनाया गया है। फैसले के मुताबिक, ज्ञानवापी तहखाने में हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिला गया है। 31 साल से यानी 1993 से तहखाने में पूजा पाठ बंद था। कोर्ट ने कहा कि सात दिन के अंदर व्यास परिवार पूजा पाठ शुरू कर सकता है। डीएम के निर्देश पर पुजारी की नियुक्ति की जाएगी।

ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा किए संबंधी आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली गई थी। अदालत ने इस प्रकरण में बुधवार को अपना आदेश सुनाया। तहखाने में पूजा करने की अनुमति मिल गई है। वादी के अधिवक्ताओं के मुताबिक व्यासजी के तहखाने को डीएम की सुपुर्दगी में दिया गया है।

अधिवक्ताओं के अनुरोध पर कोर्ट ने नंदी के सामने की बैरिकेडिंग को खोलने की अनुमति दी है। ऐसे में अब तहखाने में 1993 के पहले के जैसे पूजा के लिए अदालत के आदेश से आने- जाने दिया जाएगा।

मंगलवार को कोर्ट में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से अधिवक्ता मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने कहा था कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। वहां पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम से बाधित है। तहखाना वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। लिहाजा, वहां पूजा-पाठ कि अनुमति न दी जाए।

*यूपी को चौथी बार मिला कार्यवाहक डीजीपी, आईपीएस प्रशांत कुमार को मिली जिम्मेदारी*

लखनऊ । यूपी में लगातार चौथी बार फिर कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति की गई है। इस बार कार्यवाहक डीजीपी आईपीएस प्रशांत कुमार को बनाया गया है,जो कि वर्तमान में स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था के पद पर कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री के करीबी और लगातार यूपी में बेहतर कानून व्यवस्था बनाये रखने के कारण प्रशांत कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। चूंकि 31 जनवरी को डीजीपी विजय कुमार का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

डीजीपी पद के लिए आईपीएस प्रशांत कुमार के अलावा, डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा भी दावेदार थे लेकिन आगामी लोक सभा चुनाव और बेहतर काम को देखते हुए आईपीएस प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि 2017 से सीएम योगी आदित्यनाथ के संपर्क में आए प्रशांत कुमार एडीजी जॉन मेरठ रहते हुए एनकाउंटर और बदमाशों पर कार्रवाई को लेकर चर्चा में आए थे।

*उप्र सरकार के ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक परियोजना शामिल*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के होने जा रहे ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में स्वास्थ्य सेक्टर में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक परियोजना को शामिल किया गया है। इस पूरी परियोजना के माध्यम राज्य में दस हजार से अधिक का निवेश होगा और 19 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध होगा।

इस परियोजना को लेकर स्वास्थ्य सचिव रंजन कुमार ने प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा भी जा चुकी है। .प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक का कार्य 18 जनपदों में प्रगति के साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार है।

जिसकी बागडोर ओब्डू ग्रुप को सौंप गई है। कंपनी के सीईओ संजय कुमार के नेतृत्व वाले ग्रुप में एक कंपनी ओब्डू डिजिटल हेल्थ केयर प्रिवेट लिमिटेट है.जो सरकारी नीति का अनुपालन करते हुये डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक को धरातल पर उतरने का कार्य कर रही है जिस की रिपोर्ट समय समय पर सरकार के आला पदाधकारियों भी ले रहे है। दरअसल डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक टेलीमेडिशन सिद्धांत पर कार्य करने वाला भारत का पहला प्रोजेक्ट है जो गांव और सुदूर क्षेत्र में मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए टेलीमेडिशन के साथ-साथ एक स्वास्थ्य से संबंधित कर्मचारी की उपस्थिति में ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए धरातल पर उतरा है। नई पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए उच्च तकनीक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन ) जैसी तकनीकी का उपयोग ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना तथा आयोग डॉक्टर की लापरवाही से इलाज के दौरान होने वाली मृत्यु दर को काम करना डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक का उद्देश्य है। बता दें पिछले कुछ वर्षों में टेलीमेडिसिन के द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में दी गई सेवाएँ दूरसंचार प्रौद्योगिकी के अपेक्षाकृत नए उपयोग के रूप में दिखाई देती हैं, सच्चाई यह है कि टेलीमेडिसिन विगत 30 वर्षों से किसी न किसी रूप में उपयोग में है। नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने टेलीमेडिसिन के शुरुआती विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टेलीमेडिसिन में नासा के प्रयास 1960 के दशक की शुरुआत में प्रारंभ हुए जब मानव ने अंतरिक्ष में उड़ान भरना शुरू किया।

मिशन के दौरान फिजियोलॉजिकल पैरामीटर को अंतरिक्ष यान से प्रेषित किया गया था। कंपनी के सीईओ संजय कुमार ने परियोजना की विशेषताओं को लेकर बताया है कि प्रदेश सरकार के समझौता ज्ञापन के तहत कंपनी प्रथम चरण में 350 करोड़ का निवेश करने के लिए एमओयू किया था। जिसकी धरातल पर मांग और सफलता को देखते हुये निवेश की राशि को बढाकर 3,350 करोड़ कर दिया गया है। तथा पूरी परियोजना के माध्यम से प्रदेश में 10,000 करोड़ से अधिक का निवेश होगा। वहीं रोजगार की दृष्टि से यह परियोजना प्रदेश के युवा युवतियों के लिए 1,90,000 नौकरियां तथा बतौर प्रतिनिधि रोजगार प्रदान करेगी।

प्रदेश सरकार की इस पहल ने ग्रामीण छेत्र में प्रतिनिधि जागरूकता कार्यक्रम के लिए एनजीओ को भी सेवा तथा रोजगार करने का मौका दिया है इस परियोजना में 18 एनजीओ अभी कार्यरत है जिनमें मुख्य रूप से इस प्रोजेक्ट पर ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक के प्रतिनिधि जागरूकता कार्यक्रम पर कार्य कर रहे हैं। जिसे डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक प्रोजेक्ट की टीम द्वारा पुरस्कृत किया जा सकता है। राज्य सरकार की इस पहल से गैर सरकारी संगठनों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम के लिए सेवा और रोजगार उपलब्ध कराने का अवसर मिला है।

फिलहाल ये एनजीओ अखिल भारतीय महिला एवं बाल कल्याण समिति, मुमकिन फाउंडेशन, शुभकामना सामाजिक सेवा संस्थान, जेस फाउंडेशन, कृषक महिला गृह शिल्प केन्द्र, कर्तव्य शिला महिला एवं बाल विकास संस्थान, श्री नागेश्वर जनकल्याण समिति सक्रियता के साथ काम कर रहे है। यह एनजीओ मुख्य रूप से इस प्रोजेक्ट पर ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक के प्रतिनिधि जागरूकता कार्यक्रम पर कार्य कर रहे हैं। जिसे डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक प्रोजेक्ट की टीम द्वारा पुरस्कृत किया जा सकता है।

*उप्र में कैरावैन टूरिज्म की शुरूआत पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर की*

लखनऊ। विदेशो में कैरवॉन पर्यटन की लोकप्रियता को देखते हुए उप्र में इसकी शुरूआत का निर्णय लिया गया है। कैरवॉन पर्यटन पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा की अनुभूति कराने के साथ ही घर जैसा वातावरण प्राप्त होगा, इससे उप्र में कैरवॉन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार निजी टूर आपरेटर को प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए आज उप्र पर्यटन विकास निगम की ओर से पहली बार मोटो होम टूर आपरेटर के सहयोग से कैरावैन टूरिज्म की शुरूआत प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन भवन से हरी झंडी दिखाकर की।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि कैरवॉ टूरिज्म परिवार उन्मुख पर्यटन को बढ़ावा देगी। जहॉ पर ठहरने आदि की पर्याप्त व्यवस्थायें नहीं होगी, वहॉ इसे आसानी से उपयोग में लाया जा सकेगा। कैरवॉ टूरिज्म प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहल है। इसे लोकप्रिय बनाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि उप्र में पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसको देखते हुए पर्यटन के क्षेत्र में नये-नये प्रयोग किये जा रहे हैं।

जयवीर सिंह ने कहा कि वर्तमान में ईको, वन्य जीव, तीर्थ पर्यटन इत्यादि की मांग निरंतर बढ़ रही हैं। ऐसे परिदृश्य में कैरवां टूरिज्म प्रभावी रूप से बढ़ती हुई मांग को पूर्ण कर सकेगा। कैरवां टूरिज्म युवाओं, परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों सहित एक विस्तृत श्रंखला को आकर्षित करेगा।

उन्होंने कहा कि काशी, मथुरा, प्रयागराज के बाद अब अयोध्या वैश्विक पर्यटन के रूप में उभरेगा। इससे अयोध्या सहित आसपास के जनपदों की अर्थव्यवस्था में व्यापक परिवर्तन आयेगा। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह में ही लगभग 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किये हैं।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश जितना सुंदर है उतना ही अनोखा और आकर्षक भी है। मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के अथक प्रयासों से प्रदेश में पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ा। देशी-विदेशी सभी सैलानी यहां पर्यटन की ओर उन्मुख हुए हैं। प्रदेश में सांस्कृतिक पर्यटन, रोमांच और खेलकूद पर्यटन, सम्मेलन पर्यटन, जल पर्यटन, वन्य प्राणी पर्यटन, धर्म पर्यटन आदि निरंतर विकसित होते जा रहे हैं।

पर्यटन जहां एक ओर सामाजिक और आर्थिक लाभ का स्रोत है और राष्ट्रीय एकता और अंतरराष्ट्रीय मेल मिलाप को बढ़ावा देता है। वहीं दूसरी ओर इससे संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अनेक मौके उपलब्ध कराता है।

कैरवान वैन में छह से आठ पर्यटकों की बैठने-सोने की व्यवस्था है।

इसके अलावा एक ड्राइवर और एक अटेंडेंट रहेंगे। बस में किचन और शौचालय भी है। एक दिन का किराया 50 हजार रुपये है, लेकिन आफर के तहत इस समय 35 हजार रुपये में बुकिंग हो रही है। इसके अलावा ईंधन, जीएसटी और टोल टैक्स अलग से देना होगा। 35 हजार रुपये की बुकिंग में 350 से 400 किलोमीटर तक भ्रमण करने की सुविधा रहेगी। यदि इससे ज्यादा दूरी होगी तो 150 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया होगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा धर्मार्थ कार्य मुकेश मेश्राम ने बताया कि कैरवान वैन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा। इसकी सफलता को देखते हुए इसके विस्तार पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि उप्र में संसाधन एवं क्षमता है। इसका अधिकतम दोहन करते हुए पर्यटन सेक्टर को लोकप्रिय बनाते हुए निवेश, रोजगार तथा राजस्व अर्जन का एक सुनिश्चित जरिया बनाया जायेगा। इस मौके पर पर्यटन विकास निगम के निदेशक एके पाण्डेय एवं मोटो होम टूर ऑपरेटर के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

*यूपी में बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर*

लखनऊ । लोकसभ चुनाव से पहले यूपी में बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। अंकिता शर्मा को अपर पुलिस उपयुक्त पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी भेजा गया, संतोष कुमार मीणा अपर पुलिस आयुक्त कानपुर बनाए गए, अभिजीत कुमार अपर पुलिस उपायुक्त प्रयागराज बनाए गए, श्रुति श्रीवास्तव अपर पुलिस उपायुक्त वाराणसी बनाई गई, पुनीत द्विवेदी अपर पुलिस अधीक्षक राज्यपाल उत्तर प्रदेश बनाई गए, शिव सिंह अपर पुलिस आयुक्त कानपुर बनाई गई, नीतू अपर पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी बनाई गई।

आकाश पटेल अपर पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी, आनंद प्रकाश तिवारी पुलिस महानिरीक्षक भवन एवं कल्याण पुलिस मुख्यालय बनाए गए, धर्मेंद्र सिंह पुलिस महानिरीक्षक आरटीसी चुनार मिजार्पुर बनाए गए, एल आर कुमार पुलिस महानिरीक्षक कानून एवं व्यवस्था लखनऊ बनाए गए, अब्दुल हमीद पुलिस महानिरीक्षक एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनाए गए, संजीव गुप्ता अपर पुलिस महानिदेशक सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन बनाए गए, रमित शर्मा पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज बनाए गए, आकाश कुलहरी पुलिस महानिरीक्षक संयुक्त पुलिस आयुक्त लखनऊ बनाए गए। सलभ माथुर पुलिस महानिरीक्षक अलीगढ़ परिक्षेत्र बनाए गए, रोहन पीकंय पुलिस उपमहानिरीक्षक तकनीकी सेवाएं बनाये गए, संजय सिंह पुलिस उपमहानिरीक्षक पीटीसी गोरखपुर बनाए गए, वैभव कृष्ण पुलिस उपमहानिरीक्षक वीआईपी सुरक्षा लखनऊ, प्रभाकर चौधरी पुलिस उपमहानिरीक्षक स्थापना मुख्यालय लखनऊ, संजीव त्यागी पुलिस उपमहानिरीक्षक सूचना मुख्यालय लखनऊ, पूनम पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी सेक्टर आगरा बनाई गई।

सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज पुलिस उपमहानिरीक्षक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नत बोर्ड, राठौर किरीट कुमार हरि भाई पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी लखनऊ,शैलेश कुमार यादव पुलिस उपमहानिरीक्षक पीटीसी सीतापुर,सफीक अहमद पुलिस उपमहानिरीक्षक ईओडब्ल्यू लखनऊ, राधेश्याम पुलिस उपमहानिरीक्षक लॉजिस्टिक्स लखनऊ,सुरेश्वर पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी मुख्यालय लखनऊ, रामजी सिंह यादव पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रशिक्षण मुख्यालय लखनऊ, रामकिशन पुलिस उपमहानिरीक्षक सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ, राजकमल यादव पुलिस उपमहानिरीक्षक पीटीसी सीतापुर, राकेश पुष्कर पुलिस उपमहानिरीक्षक रेलवे लखनऊ, मनोज कुमार सोनकर उपमहानिरीक्षक ३२ लखनऊ, कुलदीप नारायण पुलिस उपमहानिरीक्षक एसटीएफ मेरठ, किरण यादव पुलिस उपमहानिरीक्षक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन लखनऊ, रशीद खान पुलिस उपमहानिरीक्षक यूपी 112, अशोक कुमार चतुर्थ पुलिस उपमहानिरीक्षक सीबीसीआईडी लखनऊ।

प्रदीप गुप्ता पुलिस उपमहानिरीक्षक दूरसंचार लखनऊ, अखिलेश कुमार निगम पुलिस उपमहानिरीक्षक सीबीसीआईडी लखनऊ, कुंतल किशोर पुलिस उपमहानिरीक्षक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं लखनऊ, मनीराम सिंह पुलिस उपमहानिरीक्षक मानवाधिकार लखनऊ, राजीव नारायण मिश्र पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी कानपुर नगर, सुशील कुमार सिंह पुलिस उपमहानिरीक्षक यातायात मुख्यालय लखनऊ, हरिश्चंद्र अपर पुलिस आयुक्त कानपुर नगर, राहुल राज पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी मेरठ, प्रमोद कुमार तिवारी पुलिस उपमहा निरीक्षक प्रशिक्षण मुख्यालय लखनऊ, कल्पना सक्सेना अपर पुलिस आयुक्त पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद, अतुल शर्मा सेना नायक 35 वाहिनी पीएसी लखनऊ, आशीष श्रीवास्तव पुलिस उपायुक्त कानपुर नगर, गौरव बांसवाल पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण एवं सुरक्षा लखनऊ, पूजा यादव सेना नायक 24 वाहिनी पीएसी मुरादाबाद, अमित कुमार प्रथम पुलिस अधीक्षक ं३२ लखनऊ, रईस अख्तर पुलिस अधीक्षक तकनीकी सेवाएं लखनऊ, रवीना त्यागी पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ, विक्रांत वीर सेनानायक 32 सी वाहिनी पीएसी लखनऊ, प्रमोद कुमार पुलिस उपायुक्त वाराणसी, एसएम कासिम पुलिस अधीक्षक मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, हृदेश कुमार पुलिस उपायुक्त वाराणसी, आनंद कुमार सेना नायक 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर।

श्रवण कुमार सिंह पुलिस उपायुक्त कानपुर नगर, शिवाजी पुलिस उपायुक्त कमिश्नर रेट लखनऊ, प्रबल प्रताप सिंह पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नर रेट लखनऊ,शैलेंद्र कुमार राय पुलिस अधीक्षक कानून एवं व्यवस्था लखनऊ, डी प्रदीप कुमार सैन नायक 38वीं वाहिनी पीएसी, डॉ दुर्गेश कुमार सैन नायक 11वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर, प्रदीप कुमार सेनानायक पीएसी सोनभद्र, राजधारी चौरसिया पुलिस अधीक्षक प्रशासन मुख्यालय लखनऊ, बबीता साहू सेनानायक 27वी वाहिनी पीएसी सीतापुर, कमला प्रसाद यादव पुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय लखनऊ, रमेश प्रसाद गुप्ता पुलिस अधीक्षक लॉजिस्टिक उत्तर प्रदेश लखनऊ, रामसेवक गौतम पुलिस उपायुक्त कानपुर नगर, सुरेंद्रनाथ तिवारी पुलिस अधीक्षक स्थापना मुख्यालय लखनऊ, मोहम्मद तारीख पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार मुख्यालय महानिदेशक लखनऊ, पंकज कुमार पांडे सी नायक 34 सी वाहिनी पीएसी वाराणसी, अजीत कुमार सिंह सी नायक 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी, अजीत कुमार सिंह सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी, सुशील कुमार शुक्ला सेनानायक 20वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़, दयाराम सेनानायक दूसरी वाहिनी पीएसी सीतापुर, सवार्नंद यादव सी नायक 12वीं वाहिनी पीएसी फतेहपुर, कमलेश दीक्षित सेना नायक 37वीं वाहिनी पीएसी कानपुर, अरुण कुमार श्रीवास्तव सेनानायक 10वीं वाहिनी पीएसी बाराबंकी, कमलेश दीक्षित सी नायक 37वीं वाहिनी पीएसी कानपुर, सलमान ताज पाटील पुलिस उपायुक्त कमिश्नर रेट लखनऊ, विद्यासागर मिश्रा पुलिस उपायुक्त कमिश्नर रेट लखनऊ, तेज स्वरूप पुलिस उपायुक्त कमिश्नर रेट लखनऊ, डॉ महेंद्र पाल सिंह पुलिस उपायुक्त कमिश्नर रेट लखनऊ, श्याम नारायण सिंह पुलिस उपायुक्त कमिश्नर रेट वाराणसी बनाये गए।