/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1531934074724902.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1531934074724902.png StreetBuzz विचारों व‌ अद्वितीय नेतृत्व से देश के युवाओं को होना चाहिए प्रेरित : अभाविप ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित कर किये याद Gaya City News
विचारों व‌ अद्वितीय नेतृत्व से देश के युवाओं को होना चाहिए प्रेरित : अभाविप ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित कर किये याद

गया। गया शहर के गया कॉलेज गया के परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गया महानगर के कार्यकर्ताओं के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

इस मौके पर जिला संयोजक राजीव रंजन कुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश की आजादी में नेताजी का बहुत ही खास रोल रहा था। उन्होंने अपने विचारों व‌ अद्वितीय नेतृत्व से देश के युवाओं को बहुत ज्यादा प्रेरित किया। उन्होंने सर्वोच्च पराक्रम दिखाया और भारत को स्वतंत्र कराने में अग्रणी भी रहे जो राष्ट्र हेतु उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता था। उनका पुरा जीवन साहस से भरा रहा वो हम सभी के सदैव प्रेरणास्रोत और पूजनीय है। आज उनके जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मना रहे हैं।

महानगर मंत्री विनायक कुमार ने कहा कि हम आज उन्हें याद कर रहे हैं जो भारत के स्वतंत्रता के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिए और भारत के बाहर जाकर भी राष्ट्रीय ताकत को बढ़ा कर भारत को स्वतंत्रता दिलाया। उन जैसे विभूति पर गर्व है।वही गया कॉलेज अध्यक्ष हर्ष राज ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से गया कॉलेज गया के प्राचार्य सतीश चन्द्र सिंह, महानगर उपाध्यक्ष प्रियंका रॉय, पंकज मेहता, विभाग संगठन मंत्री पशुपतिनाथ उपमन्यु, प्रदेश सहमंत्री सुरज सिंह, विभाग संयोजक प्रवीण कुमार, जिला संयोजक राजीव रंजन कुमार, मैक्स अवस्थी, महानगर मंत्री विनायक कुमार, गया कॉलेज अध्यक्ष हर्ष सिंह, आरभ सिंह, रितिक रोशन, साक्षी गिरी, प्रगति मिश्रा, तमन्ना मिश्रा, रोहम राज, रौशन कुमार, आर्यन, अंकित सागर आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

मध निषेध और पुलिस अवर निरीक्षक की 15 परीक्षा केंद्रों पर 28 जनवरी को होगी परीक्षा : डीएम की अध्यक्षता में की गई बैठक, जानिए पूरी जानकारी

गया। जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभा कक्ष में बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग बिहार पटना द्वारा आयोजित अवर निरीक्षक मद्द निषेध एवं पुलिस अवर निरीक्षक, निगरानी के पद पर नियुक्ति हेतु 28 जनवरी को गया जिले के 15 परीक्षा केंद्रों पर एक पाली में परीक्षा आयोजित है।

परीक्षा सुबह 11:00 से 1:00 बजे अपराह्न तक संपन्न होगा। परीक्षा की अवधि 2 घंटे है। सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर की व्यवस्था रहेगी। सभी परीक्षार्थियों को सुबह 9:30 से एंट्री प्रारंभ कर दी जाएगी एवं 10:30 बजे तक एंट्री दी जाएगी, 10:30 के बाद किसी भी परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में एंट्री की अनुमति नहीं होगी। ज़िले में परीक्षा केंद्र यथा गया कॉलेज, अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज, टी मॉडल इंटर स्कूल, प्लस टू हाई स्कूल रसलपुर, जगजीवन कॉलेज मानपुर, हरिदास सेमिनरी, गौरी कन्या हाई स्कूल भूसंडा, महावीर इंटर कॉलेज सवाजपुरी रोड, प्लस टू काश्मी हाई स्कूल, प्लस टू हाई स्कूल अमवा बोधगया, प्रोजेक्ट कन्या हाई स्कूल पछहती बोधगया, राम रुचि बालिका उच्च विद्यालय नई गोदाम, प्लस टू हाई स्कूल चंडौती, अनुग्रह कन्या उच्च विद्यालय स्टेशन रोड, प्लस टू गया हाई स्कूल न्यू करीमगंज शामिल है।

जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी परीक्षार्थियों को बिना फोटो पहचान पत्र के किसी भी परिस्थिति में परीक्षा केंद्र प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षार्थियों का परीक्षा हॉल में मोबाइल फोन इत्यादि के साथ प्रवेश निषेध रहेगा। उन्होंने सभी पदाधिकारी एवं केंद्र अधीक्षक को सख्त निर्देश दिया कि किसी भी हाल में कोई भी पदाधिकारी या कर्मी या परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट नहीं रखेंगे। सभी परीक्षा केंद्रों पर वीडियोग्राफी की व्यवस्था रखी गई है। परीक्षा के पूरी प्रक्रिया का लगातार वीडियोग्राफी कराई जाएगी। परीक्षा प्रारंभ होने के निर्धारित समय से 30 मिनट पूर्व तक ही परीक्षार्थियों को परीक्षा हॉल में प्रवेश की अनुमति रहेगी। परीक्षा को कदाचार मुक्त संचालन, शांति एवं विधि व्यवस्था का संधारण रखने के उद्देश्य से 32 स्टैटिक दंडाधिकारी को लगाया गया है।

इसके अलावा 15 महिला दंडाधिकारी को सभी परीक्षा केंद्रों पर लगाया गया है। साथ ही 9 जोनल दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। 05 उड़नदस्ता दल बनाया गया है। उक्त परीक्षा के अवसर पर समाहरणालय परिसर में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसके प्रभार में परियोजना प्रबंधक महिला हेल्पलाइन श्रीमती आरती कुमारी रहेगी। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष संख्या 0631 2222634 है। अनुमंडल पदाधिकारी सदर को निर्देश दिया गया है की परीक्षा केंद्रों के आसपास 200 मीटर की दूरी तक धारा 144 अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू रखेंगे। जिलाधिकारी में सभी पदाधिकारी को निर्देश दिया कि निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी परीक्षा केदो पर क्वेश्चन पेपर पहुंच जाए, इसे सुनिश्चित करेंगे। सभी पदाधिकारी परीक्षार्थियों का फ्रीस्किंग एवं निगरानी में कोई कोताही नहीं बरतेंगे। प्रवेश द्वार पर लाउडस्पीकर के माध्यम से लगातार विभिन्न जानकारियां परीक्षार्थियों को देते रहेंगे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

गया के मृणाल रंजन जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी के पद पर चयनित


गया : शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में पहचान बनाने वाले युवा गायक मृणाल रंजन का बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी के पद पर चयनित होना गया जिले की उपलब्धियों में से एक है।

मृणाल रंजन एस. एम. कॉलेज, बोधगया के संस्कृत प्राध्यापक मनोज कुमार मिश्र 'पद्मनाभ' के सुपुत्र हैं।

श्री पद्मनाभ के अनुसार, मृणाल रंजन इस पद के लिए चयनित 37 उम्मीदवारों में से छठे स्थान पर हैं तथा वे बीएचयू वाराणसी में संगीत विभाग में शोधप्रज्ञ हैं।

उन्होंने मणिपाल विश्वविद्यालय से सूचना एवं प्रसारण में स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत पुणे (महाराष्ट्र) से एम. म्यूज. किया तथा नेट की परीक्षा भी पास की। वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शोधरत भी हैं।

जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी पद पर मृणाल रंजन के चयन पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामसिंहासन सिंह, गौतम बुद्ध महिला कॉलेज की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, समाजसेवी बृजनंदन पाठक व अरुणोदय मिश्र, डॉ नंदन कुमार सिन्हा, प्यारचन्द कुमार मोहन, दिनेश कुमार, मुकेश कुमार सिन्हा, प्रवाल रंजन, पंकज मिश्र सहित अनेक गणमान्य कवि, लेखक तथा शिक्षाविदों ने श्री पद्मनाभ को बधाई तथा शुभकामनाएं दी हैं।

रिपोर्ट: मनीष कुमार

पटना में आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोहक में शामिल होने के लिए युवा जदयू गया के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्यकर्ता हुए रवाना


गया : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर जदयू पार्टी के द्वारा पटना में आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया है ।

जयंती समारोह में शामिल होने के लिए गया युवा जदयू जिला अध्यक्ष कुमार गौरव उर्फ गौरव सिन्हा के नेतृत्व में अपने सुरक्षित वाहनों द्वारा सैकड़ो कार्यकर्ता पटना के लिए रवाना हुए।

इस मौके पर युवा जदयू जिला अध्यक्ष कुमार गौरव उर्फ गौरव सिन्हा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वाहन पर पटना के कर्पूरी सभागार में जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया है। जिसमें युवा जदयू के कार्यकर्ता उत्साह के साथ शामिल होने के लिए पटना जा रहे हैं।

वहीं उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है इसलिए युवा जदयू गया के कार्यकर्ता उत्साहित हैं और अपने आप को गर्वान्वित महसूस कर रहे हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं। क्योंकि उनके आवाहन पर ही जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह का आयोजन जदयू पार्टी की ओर से की गई है।

इस मौके पर युवा जदयू के जिला प्रवक्ता दिनेश कुमार यादव, युवा जदयू जिला प्रभारी शिवा पांडे ,महासचिव आशीष पटेल, युवा जिला महासचिव यशवंत कुमार, टंकुपा प्रखंड अध्यक्ष अनूप कुमार ,बाराचट्टी प्रखंड अध्यक्ष अभिषेक कुमार, जिला सचिव मुन्ना ठाकुर, एस यादव,चंदन सिन्हा के अलावे सैकड़ो कार्यकर्ता पटना के लिए रवाना हुए।

गया से मनीष कुमार

गणतंत्र दिवस की तैयारी को लेकर बैठक प्रखंड प्रमुख लड्डन खान की अध्यक्षता में हुई बैठक

गया : जिले के आमस में गणतंत्र दिवस समारोह धूमधाम और पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आमस प्रखंड स्थित पंचायत समिति सभागार में मंगलवार को प्रखंड प्रमुख लड्डन खान की अध्यक्षता में एक बैठक हुई।

बैठक में गत वर्ष की समय सारिणी का अवलोकन किया गया और गत वर्ष की भांति इस बार के समय सारिणी में पांच मिनट बठाते हुए सभी सरकारी संस्थानों एवं कार्यालय में झंडातोलन किए जाने को लेकर समय सारिणी निर्धारित की गई।

बीडीओ ड्रॉ अवतुल्य कुमार आर्य ने बताया कि पूरे प्रखंड में धूम धाम से गणतंत्र दिवस मनाने का निर्णय लिया गया एवं सरकारी एवं गैरसरकारी सस्थानों में झंडातोलन का समय निर्धारित किया गया।

इस मौके पर पीओ विजय कुमार सिन्हा, शिक्षा पदाधिकारी अरविंद सिंह, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ महेश कुमार, व्यापार मंडल अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह, बीपीआरओ सूर्यकुमार भगत, सीओ मृत्युंजय कुमार सिंह, मुखिया जानकी चौहान,महेंद्र पासवान, मनोज यादव सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थें।

रिपोर्ट: धनंजय कुमार।

मिलने आये व्यवसायियों के प्रतिनिधिमंडल से बोलें सीएम नीतीश कुमार, बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए लक्ष्य के साथ करें काम

डेस्क : बीते सोमवार को व्यवसायियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यवसायियों से कहा है कि वे सभी बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लक्ष्य के साथ काम करें। 

इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अपनी आस्था व्यक्त की और व्यवसायी समाज के उत्थान और सम्मान के लिए उनके की ओर से किए गए कार्यों के लिए उनके प्रति आभार जताया। 

जदयू व्यावसायिक एवं उद्योग प्रकोष्ठ के संयोजक ललन कुमार सर्राफ के नेतृत्व में वैश्य समाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित लोगों का प्रतिनिधिमंडल सीएम से एक अणे मार्ग स्थित उनके कार्यालय में मिला। ये सभी उन एक हजार लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने जदयू व्यावसायिक एवं उद्योग प्रकोष्ठ की ओर से 20 एवं 21 जनवरी को जदयू मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी की सदस्यता ली थी। 

मुख्यमंत्री से मिलने वालों में कंचन गुप्ता, यूपी गुप्ता, सुरेश साहू, संतोष गुप्ता, मृदुला कुमारी, राजन गुप्ता, विनोद गुप्ता, भीमसेन प्रसाद गुप्ता, विनोद साह, शंभू कुमार, रंजीत कुमार गुप्ता, अरुण साह, नवीन उर्फ नगीना चैरसिया, नीरज चैरसिया, सुनील कुमार सिन्हा, एनपी प्रियदर्शी, अभिनंदन कुमार एवं सिद्धार्थ कुमार चैरसिया शामिल हैं।

*ठंड में स्कूलों को बंद रखने को लेकर शिक्षा विभाग और पटना डीएम मे ठनी, जिलाधिकारी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को लिखा कड़ा पत्र

डेस्क : इस कड़ाके की ठंड में स्कूलों को खोलने के शिक्षा विभाग के आदेश को लेकर शिक्षा विभाग और पटना जिलाधिकारी के बीच ठन गई। पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह स्कूलों को बंद रखने पर अड़ गए हैं। डीएम 23 जनवरी तक आठवीं कक्षा के स्कूलों को बंद रखने के अपने आदेश पर कायम हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक को उन्होंने इस संबंध में कड़ा पत्र लिखा है।

डीएम ने अपने पत्र में कहा है कि कड़ाके की ठंड के मद्देनजर आठवीं तक स्कूल बंद किए गए हैं। स्कूल बंद करने से पहले शिक्षा विभाग की अनुमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे जवाबी पत्र में जिलाधिकारी ने कहा है कि पटना जिले में शीतदिवस की स्थिति और कम तापमान के हालात बने हुए हैं। इसके मद्देनजर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिले में आठवीं तक के सभी निजी और सरकारी स्कूलों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र और कोचिंग संस्थान को भी बंद किया गया है। धारा 144 के तहत ऐसे मामले में जिलाधिकारी के पास कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त आधार हैं। इस आदेश की अवहेलना या उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 में दंडात्मक कार्रवाई करने का भी प्रावधान है।

गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सोमवार को ही पटना डीईओ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने पटना के सभी स्कूलों को खुला रखने का निर्देश दिया। कहा कि पटना डीएम ने स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद करने का आदेश जारी किया है। जबकि,अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 20 जनवरी को पत्र जारी कर कहा था कि किसी भी स्कूल को बंद करने के पूर्व विभागीय अनुमति जरूरी है। पटना जिलाधिकारी के स्कूलों को बंद रखने के निर्णय पर नाराजगी जताते हुए विभाग ने इसके विपरीत आदेश जारी किया है।

अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए लगा भक्तों रेला, बढ़ती भीड़ के बीच फिलहाल रोकी गई एंट्री, मुख्य पुजारी ने किया भक्तों से धैर्य रखने का अनुरोध

#ram_mandir_ayodhya_devotees_flood 

अयोध्या में राम मंदिर बन चुका है और इसके गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है।अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद से भक्त अपने आप को दर्शन करने से रोक नहीं पा रहे हैं। हालत ऐसी है कि हजारों की संख्या में भक्त राम मंदिर के मुख्य द्वार पर इतवने कड़ाके की ठंड में भी सुबह 3 बजे से ही डेरा जमाने पहुंच चुके हैं। भक्त प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह पूजा करने और श्री राम लला के दर्शन करने के लिए सुबह बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं।सुबह 7 बजे शुरू हुए दर्शनों के बाद भीड़ इतनी बढ़ गई कि वह उसे मैनेज कर पाने में दिक्‍कत आ रही थी, नतीजतन पैरा मिलिट्री फोर्स को भी यहां व्‍यवस्‍था में लगाया गया है। करीब पौने नौ बजे मंदिर महतें प्रवेश बंद कर दिया गया, लेकिन बाहर निकलने का रास्‍ता खोला रखा गया। बैरिकेटिंग लगाकर रास्ते को बंद किया गया है। सिर्फ बाहर जाने दिया जा रहा है। फिलहाल अंदर जाने का रास्ता बंद है।

रामलला के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी है। इसको देखते हुए मंदिर में एंट्री को रोक दिया गया है। एडीजी जोन पीयूष मोडिया भारी भीड़ को देखते हुए सड़कों पर उतरे। हाइवे पर वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। एडीजी जोन ने भक्तों से अनुरोध किया है कि भारी भीड़ को लेकर शांति बनाए रखेंगे। रामलला के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करें। अयोध्या में नो एंट्री पर रोक लगाई गई है। हाइवे पर बैरिकेडिंग कराया गया है। पुलिस बल को सुरक्षा में लगा दिया गया है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्त बड़ी संख्या में अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंच गए हैं। रात 10 बजे मंदिर का पट बंद होने के बाद भी लोगों की भीड़ मंदिर परिसर से हटने का नाम नहीं ले रही थी। सुबह 3 बजे से ही लोग दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भक्तों से धैर्य रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि अभी अयोध्या में जिस प्रकार की भीड़ है, उसमें एक दिन में सभी भक्तों को रामलला का दर्शन कराना संभव नहीं हो पाएगा।

एलन मस्क ने की संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्‍थायी सदस्‍यता की वकालत, बोले-ताकतवर देश नहीं चाहते पावर छोड़ना

#elon_musk_supported_india_permanent_membership_in_unsc 

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की कवायद में काफी समय से जुटा है। कई वैश्विक नेता भी भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने के पक्ष में हैं। इसी बीच दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने भी भारत की वकालत की है। टेस्‍ला और स्‍पेसएक्‍स कंपनी के मालिक मस्‍क ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और उसे संयुक्‍त राष्‍ट्र में स्‍थायी सदस्‍यता न देना हास्‍यास्‍पद है। 

अफ्रीका को संयुक्‍त राष्‍ट्र की स्‍थायी सदस्‍यता देने की मांग को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस के एक ट्वीट के जवाब में पूछे गए एक सवाल के जवाब में एलन मस्‍क ने यह बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि हमें संयुक्‍त राष्‍ट्र के निकायों में समीक्षा की जरूरत है। इतना ही नहीं, उन्होंने स्थायी सदस्यों को भी फटकार लगाई।

टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है। समस्या यह है कि जिनके पास अधिक शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते। धरती पर सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट न मिलना बेतुका है। मेरे विचार में अफ्रीका को सामूहिक रूप से एक स्थायी सीट भी मिलनी चाहिए।

एलन मस्क का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष भारत आए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस अभी पांच दिवसीय यात्रा पर भारत में हैं और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए कदम उठाने को लेकर इस दौरान उन पर दबाव बनाएगा।

हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता को लेकर बड़ा बयान दिया था। जयशंकर ने कहा था, 'दुनिया कोई भी चीज आसानी से नहीं देती है, कभी कभी लेना भी पड़ता है।'

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेषःआज भी बरकरार है नेताजी की मौत का रहस्य, क्या गुमनामी बाबा ही थे नेताजी?

#subhashchandrabosebirthanniversary 

क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा एक ही शख्स थे? क्या नेताजी ने ही गुमनामी बाबा बनकर अपनी ज़िंदगी के आखिरी वक्त फैजाबाद में गुमनाम ज़िंदगी के तौर पर गुज़ारी थी? ऐसे कई सवाल है जिनपर अभी भी पर्दा पड़ा है, जिनके जवाब आज दशकों बाद भी तलाशे जा रहे हैं।नेताजी की मौत का रहस्य अब भी बरकरार है।

नेताजी को लेकर दावे

क्या नेताजी की मौत 1945 में प्लेन क्रैश में ही हुई थी? इसको लेकर देश विदेश में लगातार खोज चल रही है। कई लोगों का मानना था कि नेताजी जी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई। नेताजी गुमनामी बाबा के नाम से यूपी में 1985 तक रह रहे थे। नेताजी पर रिसर्च करने वाले बड़े-बड़े विद्वानों का मानना है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे।

ना तो मृत्यु का प्रमाण, ना ही कोई तस्वीर

दरअसल गुमनामी बाबा की मौत से पहले उनकी ज़िंदगी एक तरह से गुमनाम सी ही थी। गुमनामी बाबा बेहद रहस्यमयी तरीके से रहा करते थे।आम लोग उनका चेहरा तक नहीं देख पाते थे। थोड़े-थोड़े वक्त पर किराए का घर बदलते रहते थे।यहां तक कि उनके निजी सेवक भी हर कुछ महीने में बदल जाते थे। यहां तक तो तब भी ठीक था,लेकिन शक और सवाल उठने लगे गुमनामी बाबा की मौत के दो दिन बाद।

गुमनामी बाबा आखिरकार 1983 में फैजाबाद में राम भवन के एक आउट-हाउस में बस गए, जहां कथित तौर पर 16 सितंबर, 1985 को उनका निधन हो गया और 18 सितंबर को दो दिन बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।अजीब बात है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वास्तव में उनका निधन हुआ है। शव यात्रा के दौरान कोई मृत्यु प्रमाण पत्र, शव की तस्वीर या उपस्थित लोगों की कोई तस्वीर नहीं है। कोई श्मशान प्रमाण पत्र भी नहीं है।वास्तव में, गुमनामी बाबा के निधन के बारे में लोगों को पता नहीं था, उनके निधन के 42 दिन बाद लोगों को ये पता चला। उनका जीवन और मृत्यु, दोनों रहस्य में डूबा रहा पर कोई नहीं जानता कि क्यों।

विष्णु सहाय आयोग गुमनामी बाब की पहचान नहीं कर सकी

गुमनामी बाबा के विश्वासियों ने 2010 में अदालत का रुख किया था और उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को गुमनामी बाबा की पहचान स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुमनामी बाबा की जांच रिपोर्ट के लिए जस्टिस विष्णु सहाय आयोग का गठन 2016 में किया। तीन साल बाद जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट यूपी विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गुमनामी बाबा’ नेताजी के अनुयायी थे, लेकिन नेताजी नहीं थे। इस रिपोर्ट को यूपी सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए लिखा है, 'आयोग द्वारा गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की पहचान नहीं की जा सकी। गुमनामी बाबा के बारे में आयोग ने कुछ अनुमान लगाए हैं। जैसे गुमनामी बाबा बंगाली थे, गुमनामी बाबा बंगाली, अंग्रेजी और हिंदी भाषा के जानकार थे। गुमनामी बाबा के राम भवन से बंगाली, अंग्रेजी और हिन्दी में अनेक विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। गुमनामी बाबा के स्वर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के स्वर जैसा प्राधिकार का भाव था। गुमनामी बाबा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अनुयायी थे। 

गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बात फैली

कहते हैं जब गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बातें फैलने लगीं तो नेताजी की भतीजी ललिता बोस कोलकाता से फैजाबाद आईं। फरवरी 1986 में, नेताजी की भतीजी ललिता बोस गुमनामी बाबा के कमरे में मिली वस्तुओं की पहचान करने के लिए फैजाबाद आई। पहली नजर में, वह अभिभूत हो गईं और यहां तक कि उन्होंने नेताजी के परिवार की कुछ वस्तुओं की पहचान की।

जो सामान गुमनामी बाबा के पास से मिला था।उसमें कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी के जन्मोत्सव की तस्वीरें थी।लीला रॉय की मौत पर हुई शोक सभाओं की तस्वीरें थी। नेताजी की तरह के दर्जनों गोल चश्मे थे। 555 सिगरेट और विदेशी शराब थी। सुभाष चंद्र बोस के माता-पिता और परिवार की निजी तस्वीरें भी थी। एक रोलेक्स की जेब घड़ी थी और आज़ाद हिंद फ़ौज की एक यूनिफॉर्म थी।सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच के लिए बने शाहनवाज़ और खोसला आयोग की रिपोर्टें,सैकड़ों टेलीग्राम और पत्र आदि जिन्हें भगवनजी के नाम पर संबोधित किया गया था।

मुखर्जी आयोग भी रहा नाकाम

यही नहीं हाथ से बने हुए उस जगह के नक़्शे भी बरामद हुए थे, जहां नेताजी का विमान क्रैश हुआ था। गुमनामी बाबा की मौत के बाद सामान के साथ कुछ ऐसी बातें भी बाहर आईं जिनको लेकर लोगों को यकीन सा होने लगा था कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे। इसके बाद गुमनामी बाबा के ही नेताजी होने की जांच के लिए कई जगह प्रदर्शन हुए।इस मामले की जांच के लिए मुखर्जी आयोग का गठन किया गया। हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे।