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कांग्रेस ने क्यों शुरू की क्राउड फंडिंग? जानें सियासी मायने

#whycongressaskingdonationfor_country

कांग्रेस इस वक्त अपने सबसे मुश्किल राजनीतिक दौर से गुजर रही है। दो लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद पार्टी की प्रदेशों में भी हार हो रही है। हाल ही में हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों में पार्टी की बुरी हार हुई है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ से सत्ता से विदाई हुई है। इस बीच पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चंदा अभियान शुरू किया है। लगातार चुनावी हार और आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस क्राउड फंडिंग के कई मायने हैं।कांग्रेस के इस अभियान के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कांग्रेस को क्राउड़ फंडिंग की जरूरत क्यों पड़ गई? इस अभियान के जरिए पार्टी की रणनीति क्या है?

दरअसल, क्राउड़ फंडिंग के बहाने एक तीर से दो निशाने दरअसल इसके जरिए पार्टी एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है। पहला तो है पैसा, जो साफ साफ नजर आ रहा है लेकिन पार्टी के लिए सबसे अहम है दूसरा सबसे अहम मुद्दा और वो है जनता से जुड़ाव। दरअसल, कांग्रेस पार्टी का ये अभियान 18 दिसंबर से शुरू होकर 28 दिसंबर तक चलने वाला है। इसके जरिए पार्टी जनता से ऑनलाइन कनेक्ट करने की कोशिश करेगी लेकिन पार्टी का अभियान सिर्फ 10 दिन के बाद ही खत्म नहीं होगा। ऑनलाइन अभियान के बाद पार्टी जमीन पर उतरेगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अभियान मुख्य रूप से 28 दिसंबर, स्थापना दिवस तक ऑनलाइन रहेगा, जिसके बाद हम जमीनी अभियान शुरू करेंगे, जिसमें कार्यकर्ता घर-घर जाकर दान मागेंगे। हर बूथ में कम से कम दस घरों को टारगेट किया जाएगा और हर घर से कम से कम 138 रुपये का दान देना शामिल है।

चुनावी बॉन्ड में पिछड़ी कांग्रेस

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे अमीर पार्टी है, जबकि कांग्रेस उसके मुकाबले कहीं नहीं ठहरती। रिपोर्ट्स की मानें तो हालिया विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी को चुनावी बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा पैसा मिला। चुनाव आयोग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 (अप्रैल 2021-मार्च 2022) के दौरान बीजेपी की आय 1,917.12 करोड़ रुपये थी, यह अन्य सभी सात राष्ट्रीय दलों की तुलना में सबसे अधिक है। भाजपा के बाद अन्य अमीर पार्टियों में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस है। उसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है। इनमें से बीजेपी को 1033 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले, जबकि इसी अवधि (2021-22) के दौरान टीएमसी को 545.74 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 541.27 करोड़ रुपये मिले थे। ऐसे में कांग्रेस नए अभियान के जरिए पार्टी के लिए अधिक से अधिक फंड एकत्रित करना चाहती है।

जनता से जुड़ने की कोशिश

कांग्रेस का काउड फंडिंग के जरिए जनता से जुड़ना भी लक्ष्य है।वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पार्थ मुखोपाध्याय का कहना है कि चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस की पराजय हो रही है। हाल में विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में कांग्रेस की जिस तरह से पराजय हुई है। इससे कांग्रेस के कार्यकर्ता हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं में एक्टिव करने के लिए और कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए यह अभियान शुरू कर रही है। यह अभियान पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता को एक-दूसरे के करीब आने में मदद करेगा। 

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी कहा कि वे ऐसे सभी लोगों से डोनेशन की मांग रहे हैं, जो बेहतर भारत के लिए पार्टी के साथ हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान पार्टी के स्थापना दिवस 28 दिसंबर तक ऑनलाइन रहेगा। इसके बाद जमीनी अभियान शुरू किया जाएगा। इसके तहत पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और प्रत्येक बूथ में कम-से-कम 10 घरों से 138 रुपये का अंशदान सुनिश्चित करेंगे। पार्टी ने कहा कि डोनेशन देने वालों को एक सर्टिफिकेट मिलेगा। वह सर्टिफिकेट हमेशा के लिए उनके लिए एक तरीके से एक निशानी होगी।

कोरोना फिर बढ़ाएगा टेंशन! कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर डब्लूएचओ ने चेताया

#whoalertcountriesforrespiratorydiseasescovid19_subvariant

देश में ठंड ने रफ्तार पकड़ ली है। पहाड़ों में बर्फबारी शुरू हो गई है। वहीं मैदानी इलाकों में पारा तेजी से नीचे गिर रहा है। दिल्ली में तो इस सप्ताह न्यूनतम पारे के 6 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। इन सब के बीच कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। देश में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार प्रतिदिन 150 के ऊपर बने हुए है। कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच एक्सपर्ट ने चेताया है कि हर नई लहर दिसंबर के दौरान ही आती है, इसलिए लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। इधर सांस संबंधी बीमारियों के बढ़ने और कोरोना के नए सबवैरिएंट जेएन.1 को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ ) ने सदस्य देशों को आगाह किया है।

डब्लूएचओ ने चेताया

डब्लूएचओ ने कहा है कि वायरस अपना स्वरूप बदल रहे हैं। ऐसे में सभी सदस्य देश अपने यहां मजबूत सर्विलांस रखें ताकि बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके। डब्लूएचओ ने कोविड19 पर संगठन की टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस वीडियो में केरखोव ने सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की वजह बताई है और इन्हें रोकने के लिए क्या सावधानी रखने की जरूरत है, उसकी भी जानकारी दी है। 

मारिया वान केरखोव ने भी सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि सांस संबंधी बीमारियां दुनिया में लगातार बढ़ रही हैं। इनमें कोरोना वायरल, फ्लू, रिनो वायरस, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और अन्य बीमारियां शामिल हैं। सार्स कोव-2 लगातार अपने आप को बदल रहा है। कोरोना का सबवैरिएंट जेएन.1 भी फैल रहा है। केरखोव ने कहा कि सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की कई वजह है, इनमें एक मौजूदा छुट्टियों का सीजन भी है, जिसमें परिवार इकट्ठा होते हैं और बड़ी संख्या में लोग यात्राएं करते हैं। ऐसे में सरकारों को कड़ी निगरानी करने की जरूरत है।

केरल में पहला जेएन.1 मामला सामने आया

बता दें कि भारत में 8 दिसंबर को केरल के काराकुलम में पहला जेएन.1 मामला सामने आया। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 18 नवंबर को किए गए आरटी-पीसीआर परीक्षण में 79 वर्षीय महिला का सैंपल निगेटिव पाया गया था, जिसमें कहा गया था कि उसे हल्के लक्षण थे। वह इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से पीड़ित थे और कोविड-19 से उबर चुके थे। केरल में मामले की पहचान होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 दिसंबर को तैयारी के उपाय शुरू किए।

केरल में बना मुद्दा

इस बीच केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने राज्य सरकार पर कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन.1 के प्रसार को रोकने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। सतीशन ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा कि भले ही देश में कोविड के 89 फीसदी मामले इसी राज्य में हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे लेकर क्या कार्रवाई की है, उन्होंने इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में कोविड के 1,800 से अधिक मामलों में से 1,600 से अधिक मामले केरल में सामने आए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा, केरल में रविवार को चार लोगों की मौत हुई तथा 111 नए मामले सामने आए। उन्होंने कहा, इससे पहले कि लोग वायरस को लेकर भयभीत हों, सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा था कि राज्य में मिला कोविड-19 का नया उपस्वरूप जेएन.1 चिंता का कारण नहीं है।

देश के लिए दान दीजिए..' लोकसभा चुनाव के लिए जनता से चंदा मांग रही कांग्रेस, 138 रुपए के लिए घर-घर जाएंगे कार्यकर्ता !


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले धन जुटाने के लिए पार्टी के डोनेट फॉर देश अभियान को लॉन्च कर दिया है। इस अभियान के तहत देश पर सबसे लम्बे समय तक शासन करने वाली पार्टी जनता से दान मांग रही है, ताकि वो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला कर सके। इस अभियान को लॉन्च करते हुए खड़गे ने कहा कि, ''जब आप अमीर लोगों पर निर्भर होते हैं, तो आपको उनकी नीतियों का पालन करना होगा।''

उन्होंने कहा कि, 'यह पहली बार है कि कांग्रेस लोगों से देश के लिए दान मांग रही है। यदि आप केवल अमीर लोगों पर निर्भर होकर काम करते हैं, तो आपको उनकी नीतियों का पालन करना होगा। महात्मा गांधी ने भी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनता से दान लिया था।" कांग्रेस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि 'डोनेट फॉर देश' अभियान "हाशिए पर मौजूद समुदायों के अधिकारों की वकालत करने, असमानताओं को पाटने और समृद्ध लोगों का पक्ष लेने वाली सरकार के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष के रूप में खड़े होने" की प्रतिबद्धता है।

बता दें कि, कांग्रेस के 138 साल पूरे होने पर यह अभियान शुरू किया जा रहा है। कांग्रेस वेबसाइट पर भुगतान लिंक दानदाताओं को 138 रुपए या 1,380 रुपए या 13,800 रुपए का योगदान करने के लिए प्रेरित करता है। हालाँकि, दानकर्ता एक अलग राशि दान करना चुन सकता है। लॉन्च कार्यक्रम में शामिल हुए कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कल मीडिया को बताया कि क्राउडफंडिंग पहल महात्मा गांधी के ऐतिहासिक 'तिलक स्वराज फंड' से प्रेरित थी, जिसे 1920-21 में लॉन्च किया गया था।

सभी राज्य कांग्रेस प्रमुखों को अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया है। यह अभियान मुख्य रूप से 28 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस तक ऑनलाइन होगा, जिसके बाद कांग्रेस के स्वयंसेवक कम से कम 138 रुपए के योगदान के लिए घर-घर जाएंगे। कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में एक आउटरीच-कम-क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया था, लेकिन इसे ज्यादा गति नहीं मिली। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पार्टी नकदी की कमी से जूझ रही है और "अच्छी तरह से तेल से सजी भाजपा चुनाव मशीनरी" का मुकाबला करने के लिए संघर्ष कर रही है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा अधिकांश चुनावी बांड जुटा रही है, क्योंकि यह योजना सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में बनाई गई है।

कांग्रेस के अभियान पर क्या बोली भाजपा 

वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के क्राउडफंडिंग अभियान पर तंज कसते हुए कहा है कि जिन लोगों ने 60 वर्षों तक भारत को लूटा, वे अब धन की तलाश में हैं। अमित मालवीय ने एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि, कांग्रेस ने एक ऑनलाइन क्राउडफंडिंग अभियान की घोषणा की है। उनके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, यह सार्वजनिक धन को हड़पने और गांधी परिवार को समृद्ध करने के एक और प्रयास के अलावा कुछ नहीं होगा।

 

उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि, ''हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली और 2,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति की मालिक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन करते हुए दान के रूप में प्राप्त 90 करोड़ रुपये का 'उधार' दिया था। बाद में, कांग्रेस AJL से ऋण वसूलने में 'विफल' रही और इसे यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) को हस्तांतरित कर दिया, जो सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी वाली इकाई थी, वो भी मात्र 50 लाख में! बाद में कांग्रेस ने 90 करोड़ का कर्ज 89.5 करोड़ की छूट पर माफ कर दिया! फिर YIL आसानी से शेयरों के लिए AJL के साथ 90 करोड़ के ऋण के निपटान के लिए बातचीत करने के लिए सहमत हो जाता है, और कंपनी में 99% हिस्सेदारी रखता है, प्रभावी रूप से केवल 50 लाख के लिए 2,000 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर लेता है! इसी नेशनल हेराल्ड घोटाले में सोनिया और राहुल गांधी दोनों फिलहाल जमानत पर हैं।''

अमित मालवीय ने लिखा कि, ''इसलिए, इस क्राउडसोर्सिंग को महात्मा गांधी के ऐतिहासिक तिलक स्वराज फंड से प्रेरित होने की कांग्रेस की ऊंची बात से मूर्ख मत बनो। वे महात्मा और तिलक दोनों को कलंकित करेंगे। लोग अपनी मेहनत से कमाई गई सारी रकम दान कर देते हैं, अगर वे दान करते हैं तो वह गांधी परिवार को जाएगी, जो अच्छे जीवन का आनंद लेना जारी रखेंगे। इससे भी बुरी बात यह है कि यह कदम कुछ भी नहीं है, बल्कि गंदा पैसा मांगने का एक और जरिया बनकर रह जाएगा, जैसा कि कांग्रेस सांसद धीरज साहू को पकड़ा गया है।'' बता दें कि, कांग्रेस सांसद धीरज साहू के घर से 350 करोड़ से अधिक रुपए कैश बरामद हुए हैं, साथ ही कई किलो सोना भी मिला है। हैरानी की बात ये है कि, साहू के घर मिले करोड़ों रुपयों में एक भी 2000 का नोट नहीं है। माना जा रहा है कि, ये सारा पैसा साहू ने RBI द्वारा 2000 रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर करने के बाद जमा किया है, यानी केवल एक साल के अंदर इतना नकद सांसद के पास इकठ्ठा हो गया। लेकिन कैसे ? इसी की जांच करने में अब एजेंसियां लगी हुईं हैं।

वर्ष 2024 'फतह' की तैयारी में कांग्रेस ! खड़गे ने बुलाई CWC की बैठक, फिर यात्रा पर निकलेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए 21 दिसंबर को पार्टी की कार्य समिति की बैठक बुलाई है। उम्मीद है कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) हालिया चुनावी असफलताओं, संसद के उल्लंघन और अन्य प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगी। यह बैठक संसद के शीतकालीन सत्र के समापन से एक दिन पहले गुरुवार को होनी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सूत्र बताते हैं कि बैठक का प्राथमिक एजेंडा 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार करना होगा। महत्वपूर्ण चुनावों तक लगभग चार महीने शेष रहते हुए, कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य अपनी राजनीतिक स्थिति फिर से हासिल करना है। पांच राज्यों में हाल के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों सत्ता खो दी और मध्य प्रदेश में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पार्टी ने KCR की भारत राष्ट्र समिति (BRS) को हराकर तेलंगाना में सफलतापूर्वक सरकार बनाई। मिजोरम में भाजपा को दो सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली। इसके अतिरिक्त, 19 दिसंबर को I.N.D.I.A ब्लॉक की बैठक के दो दिन बाद होने वाली बैठक में सीट बंटवारे, अभियान रणनीतियों और 2024 के चुनावों से पहले राहुल गांधी के नेतृत्व में एक यात्रा की संभावना पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, जिसमें बेरोजगारी और मूल्य जैसे मुद्दों पर जोर दिया जाएगा। 

बैठक में राहुल गांधी की 2024 से पहले की चुनाव गतिविधियों के एक हिस्से के रूप में, इस बार पूर्व से पश्चिम मोड को अपनाते हुए, एक यात्रा की संभावना भी तलाशी जा सकती है। 3 और 4 दिसंबर को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद 19 दिसंबर को पहली बार I.N.D.I.A ब्लॉक के नेता मिलेंगे। बैठक में भविष्य के एजेंडे, आंतरिक असहमति और सीट बंटवारे के महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा होने की संभावना है। ब्लॉक के भीतर की पार्टियाँ एकता थीम "मैं नहीं, हम" के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रही हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए ''मैं नहीं, हम'' तैयार हैं।

उत्तराखंड के काशीपुर में चलती बाइक पर तेंदुए ने मारा झपट्टा, हेलमेट ने बचा ली जान, शोर मचाने पर भागा आदमखोर

उत्तराखंड के काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र में एक बाइक सवार युवक पर अचानक तेंदुए ने हमला कर दिया। गनीमत ये रही कि युवक ने हेलमेट लगाया था जिससे वह बाल-बाल बच गया।

ग्राम बाबरखेड़ा निवासी उदयवीर सिंह पुत्र हीरा सिंह रविवार सुबह करीब छह बजे अपने भाई रवि कुमार को काशीपुर रेलवे स्टेशन छोड़ कर घर लौट रहा था। इसी दौरान कुदैय्योवाला के पास अचानक तेंदुए ने उदयवीर सिंह पर हमला किया। गनीमत रही कि उसने हेलमेट पहना जो कि तेंदुए के हमले में टूट गया।

इसी समय वहां से गुजर रहे बाइक सवार एक व्यक्ति के शोर मचाने पर तेंदुआ भाग गया। इससे पहले 8 दिसंबर की रात करीब दस बजे इसी क्षेत्र में बाइक सवार हरियावाला निवासी शिक्षक नेता स्वतंत्र मिश्रा पर भी तेंदुए ने हमला किया था।

क्या लीक हो गई MP के मंत्रियों के नाम की सूची, जिनके नामों की हो रही है चर्चा, सोशल मीडिया पर सूची भी हो रही वायरल

 मध्य प्रदेश में सीएम पद की कमान डॉ. मोहन यादव ने संभाल ली है। जगदीश देवड़ा एवं राजेंद्र शुक्ला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। अब सभी को कैबिनेट विस्तार का बेसब्री से इंतजार है। कैबिनेट विस्तार से पहले कई प्रकार के अनुमान लगाए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो मध्य प्रदेश के नए कैबिनेट में जातिगत समीकरण का खास ध्यान रखा जाएगा। पार्टी की महिला विधायक भी कैबिनेट में सम्मिलित होंगी। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसमें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं सिंधिया समर्थकों को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। इसके अतिरिक्त शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट में सम्मिलित रहे कुछ विधायकों को भी दोबारा मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।

मंत्री पद को लेकर इन नामों की चर्चा

भूपेंद्र सिंह, एदलसिंह कंसाना, प्रद्युमनसिंह तोमर, उषा ठाकुर, रमेश मंदोला, गोविंदसिंह राजपूत, बिजेंद्र सिंह, प्रदीप लारिया, शैलेंद्र कुमार, आशीष शर्मा, हरिशंकर खटीक, दिव्यराज सिंह, जयसिंह मरावी, मीना सिंह, संजय पाठक, ओमप्रकाश धुर्वे, राव उदयप्रताप सिंह, हेमंत खंडेलवाल, हरिसिंह रघुवंशी, विष्णु खत्री, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, इंदरसिंह परमार, विजय शाह, अर्चना चिटनिस, बालकृष्ण पाटीदार, चिंतामण मालवीय,डॉ.राजेश सोनकर, निर्मला भूरिया आदि।

वही ये सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, मध्य प्रदेश तक इसकी पुष्टि नहीं करता है। संभावित मंत्रियों में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर-1 से विधायक कैलाश विजयवर्गीय का नाम सम्मिलित है। विजयवर्गीय पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा स्पीकर बनाया गया है।

पीएम मोदी ने किया वाराणसी के स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन, जानें क्या है यहां की खास बात

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बनाए गए स्वर्वेद महामंदिर का सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। मंदिर का निर्माण जीआरसी तकनीक द्वारा किया गया है। 35 करोड़ की लागत से करीब 20 साल से बन रहा यह 7 मंजिला मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी माना जा रहा है।इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां एक साथ 20 हजार लोग योग और ध्यान कर सकते हैं।

20 हजार लोग एक साथ कर सकते हैं योग और ध्‍यान

काशी में बने दुनिया के सबसे बड़े स्वर्वेद मंदिर की खासियत जानकर आप भी आकर्षित हो उठेंगे।इस मंदिर को खासियत जानकर आप अपने कदम रोक ही नहीं पाएंगे, क्योंकि इस मंदिर भव्यता लोगों को बहुत आकर्षित करती है। स्वर्वेद मंदिर अपनी खास भव्यता को लेकर काफी चर्चा में है, क्योंकि इस मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है। स्‍वर्वेद महामंदिर की विशालता को इसी से समझा जा सकता है कि एक वक्‍त में 20 हजार लोग एक साथ योग और ध्‍यान लगा सकते हैं। यह मंदिर 3 लाख वर्गफीट में फैला है।

350 से ज्यादा शिल्पियों ने दिखाई कलाकारी

महामंदिर परिसर में 100 फीट ऊंची सद् गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर से जुड़े संतों ने बताया कि तीन लाख वर्ग फीट में गुलाबी पत्थरों की नक्काशी के लिए 350 से ज्यादा शिल्पियों ने अपनी कलाकारी दिखाई। प्राचीन स्थापत्य कला के समन्वय से बने इस दिव्य आध्यात्मिक केंद्र की एक झलक पाने के लिए दुनिया के अनुयायी उत्सुक हैं।

125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद

मंदिर में 125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद। सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के जीवन पर यांत्रिकी प्रस्तुति बनाई गई है, जिसमें सामाजिक कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन शामिल है। भारतीय विरासत की झलक दर्शाती जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर की संरचनाएं और मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट की गई है।

दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार दोहे लिखे हैं

यह मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर है। स्वर्वेद महामंदिर की संगमरमरी दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार दोहे लिखे हैं।मंदिर के सभी तलों पर अंदर की दीवार पर लगभग चार हजार स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं। बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं, ताकि लोग उससे प्रेरणा लें सकें।

किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन होता है

स्वर्वेद मंदिर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है स्व: और वेद. स्व: का एक अर्थ है आत्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान. स्व: का दूसरा अर्थ है परमात्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान। जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं। इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन किया जाता है और यह एक मेडिटेशन स्थल है।

संसद की सुरक्षा में चूक मामले में जांच तेज, 50 टीमें, 6 राज्यों में कर रही जांच, हर आरोपी के लिए अलग टीम तैनात

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13 दिसंबर को संसद पर हुए हमले ती 22वीं बरसी थी। इसी दिन एक बार फिर देश के सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले संसद भवन में सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामना आया। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो युवक सदन में प्रवेश कर गए और दोनों शख्स दर्शक दीर्घा से कूद लगाई। इस मामले में चार दिन बाद दिल्ली पुलिस ने रविवार को जांच तेज करते हुए आरोपियों के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए और राजस्थान के नागौर से टूटे और जले हुए कुछ मोबाइल फोन के टुकड़े बरामद किये। 

संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में दिल्ली स्पेशल सेल की टीमें राजस्थान, हरियाणा, मैसूर, लखनऊ, बंगाल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जांच कर रही हैं। जांच के लिए 50 अलग टीमें बनाई गईं हैं जो डिजिटल और बैंक डिटेल्स और आरोपियों के बैकग्राउंड को खंगाल रही हैं। जांच में स्पेशल सेल अपने साथ आरोपियों को लेकर जा रही है। उन्हें उस राज्य के सेफ हाउस में रखकर जांच की जा रही है।

सदन में कूदने वाले आरोपी सागर शर्मा की जांच स्पेशल सेल साकेत, सदर्न रेंज की टीम कर रही है। सागर को कहां लेकर जाना है, उसकी पूरी इन्वेस्टिगेशन और रिकवरी सदर्न रेंज स्पेशल सेल के हवाले है। मास्टरमाइंड ललित झा को स्पेशल सेल, जनकपुरी साउथ वेस्टर्न रेंज की टीम को हैंडओवर किया गया है। इसी टीम ने आरोपियों के जले हुए मोबाइल फोन बरामद किए हैं। एक अन्य आरोपी मनोरंजन को एनडीआर, लोधी रोड स्थित स्पेशल सेल को हैंडओवर किया गया है। इसके अलावा नीलम की पूरी इन्वेस्टिगेशन न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, स्पेशल सेल के पास ही है, जिसे स्पेशल सेल का काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट भी कहा जाता है। ऐसे ही सभी आरोपियों को स्पेशल सेल की अलग-अलग यूनिट को इन्वेस्टिगेशन के लिए दिया गया है।

स्पेशल सेल के सूत्रों का कहना है कि अलग-अलग यूनिट जब इंडिविजुअल एक-एक आरोपी की जांच कर लेंगी तो उसके बाद इन्हें एनएफसी स्पेशल सेल की टीम को सौंप दिया जाएगा। फिर इन सबको एक साथ बैठाकर पूछताछ की जाएगी।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में कथित संलिप्तता के लिए अब तक छह लोगों-सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया है। आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने ‘केन’ से पीला धुआं उड़ाते हुए नारेबाजी की जिसके बाद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘केन’ से रंगीन धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए थे। गेट के बाहर मौजूद झा ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था। इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर अपने दोस्तों के साथ शेयर करने के बाद वह राजस्थान के नागौर चला गया. कुमावत और आरोपी कैलाश ने कथित तौर पर वहां उसके ठहरने की व्यवस्था की थी, ये दोनों चचेरे भाई हैं। बाद में झा और कुमावत ने दिल्ली आकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

दाऊद इब्राहिम कराची के अस्पताल में भर्ती, जहर दिए जाने का किया जा रहा दावा

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पाकिस्तान के कराची से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि कराची में एक अज्ञात शख्स ने दाउद को जहर दिया है। उसके बाद उसकी हालत खराब हो गई है और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। हालांकि दाऊद को जहर दिए जाने की खबरों की किसी रिपोर्ट में पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन दाऊद को जहर दिए जानें की खबरों के बीच पाकिस्तान में इंटरनेट डाउन हो गया है। गूगल, यूट्यूब ओपन नहीं हो रहा है।

दाऊद के कराची के अस्पताल में भर्ती किए जाने की भी किसी ने पुष्टि नहीं हो पाई है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि उसे अचानक अस्पताल में भर्ती कराने के पीछे का कारण जहर हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दाऊद को अज्ञात लोगों ने जहर दे दिया, जिससे उसकी तबीयत अचानक ही बिगड़ गई। हालांकि, उसे सामान्य रूप से बीमार होने की बात कह कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि इससे पहले भी दावा किया गया था कि दाऊद कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है. पिछले दिनों चर्चा थी कि गैंग्रीन के कारण कराची के एक अस्पताल में उसके पैर की दो उंगलियां काट दी गई थीं। हालांकि, इस बात की भी पुष्टि नहीं हो पाई थी

पाकिस्तान में इंटरनेट डाउन

पाकिस्तान में दाऊद को जहर देने की खबर के बाद देश में हलचल तेज हो गई है। पाकिस्तान में इंटरनेट सर्वर डाउन की खबर आ रही है। देश के कई बड़े शहर लाहौर, कराची, इस्लामाबाद में भी सर्वर डाउन है। इसके अलावा एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम भी नहीं चल रहा है। दावा किया जा रहा है कि रात 8 बजे के बाद से इंटरनेट की स्पीड धीमी कर दी गई है। दुनिया भर की इंटरनेट, साइबर सुरक्षा और डिजिटल गवर्नेंस पर नजर रखने वाली संस्था नेटब्लॉक ने पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफार्मस पर रोक लगाए जाने की पुष्टि की है।

मुंबई हमलों का मास्टरमांइड है दाऊद

बता दें कि मोस्ट वांटेड आतंकवादी और डी-कंपनी का प्रमुख दाऊद इब्राहिम भारत का भगोड़ा है। वह 1993 के मुंबई बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए। इसके बाद ही उसे भारत में मोस्ट वांटेड आतंकवादी घोषित किया गया था। तब से उसने पाकिस्तान में शरण ले रखी है। भारत ने कई बार इसके सबूत भी पेश किए हैं। हालांकि पाकिस्तान लगातार उसकी देश में मौजूदगी से इनकार करता रहा है।

बाइडेन की सुरक्षा में बड़ी चूक, अमेरिकी राष्ट्रपति के काफिले से अचानक टकराई कार

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की सुरक्षा में बड़ी चूक देखने को मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाउडेन के काफिले से एक तेज रफ्तार कार टकरा गई। हादसा रविवार को डेलावेयर के विलमिंगटन में हुआ। अचानक हुई इस घटना के बाद यूएस प्रेसिडेंट की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कार चालक को घेर लिया और उस पर बंदूकें तान दीं। कार की टक्कर तब हुई जब बाइडेन और प्रथम महिला जिल बिडेन एक कार्यक्रम से वापस लौट रहे थे। 

व्हाइट हाउस की अनुसार, बाइडेन रात 8:07 बजे विलमिंगटन में बाडेन-हैरिस 2024 मुख्यालय से निकले थे। वह अपने चुनाव कैंपेन टीम के साथ थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाइडेन द्वारा एक रिपोर्टर के सवाल का जवाब देने के कुछ ही समय बाद डेलावेयर लाइसेंस प्लेट वाली एक गाड़ी ने कैंपेन ऑफिस के प्रवेश द्वार के सामने काफिले की रक्षा कर रही एक एसयूवी को टक्कर मार दी।

घटना के वक्त एक बेज रंग की फोर्ड कार एक बंद चौराहे पर जाने की कोशिश की। हालांकि, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सीक्रेट सर्विस मैन ने कार को हथियारों के साथ घेर लिया और चालक को अपने हाथ ऊपर करने का निर्देश दिया। इस बीच बाइडेन को दूसरे वाहन में ले जाया गया, जहां उनकी पत्नी पहले से ही बैठी थीं।

इससे पहले सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आए राष्ट्रपति बाइडन की सुरक्षा में चूक देखने को मिली थी। दरअसल, बाइडन के काफिले में शामिल एक कार को दूसरे यात्री को पहुंचाते हुए देखा गया था। कार में होटल और प्रगति मैदान में प्रवेश करने के लिए पास लगे थे, जिसे देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने कार को रोका। पूछताछ के बाद पता चला कि कार को आईटीसी मौर्या होटल से प्रगति मैदान जाना था, लेकिन इससे पहले चालक गाड़ी एक अन्य यात्री को लेने के लिए इस्तेमाल करने लगा था। इस घटना के बाद एजेंसियों ने चालक को हिरासत में लिया था।