पीएम मोदी ने किया वाराणसी के स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन, जानें क्या है यहां की खास बात
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बनाए गए स्वर्वेद महामंदिर का सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। मंदिर का निर्माण जीआरसी तकनीक द्वारा किया गया है। 35 करोड़ की लागत से करीब 20 साल से बन रहा यह 7 मंजिला मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी माना जा रहा है।इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां एक साथ 20 हजार लोग योग और ध्यान कर सकते हैं।
20 हजार लोग एक साथ कर सकते हैं योग और ध्यान
काशी में बने दुनिया के सबसे बड़े स्वर्वेद मंदिर की खासियत जानकर आप भी आकर्षित हो उठेंगे।इस मंदिर को खासियत जानकर आप अपने कदम रोक ही नहीं पाएंगे, क्योंकि इस मंदिर भव्यता लोगों को बहुत आकर्षित करती है। स्वर्वेद मंदिर अपनी खास भव्यता को लेकर काफी चर्चा में है, क्योंकि इस मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है। स्वर्वेद महामंदिर की विशालता को इसी से समझा जा सकता है कि एक वक्त में 20 हजार लोग एक साथ योग और ध्यान लगा सकते हैं। यह मंदिर 3 लाख वर्गफीट में फैला है।
350 से ज्यादा शिल्पियों ने दिखाई कलाकारी
महामंदिर परिसर में 100 फीट ऊंची सद् गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर से जुड़े संतों ने बताया कि तीन लाख वर्ग फीट में गुलाबी पत्थरों की नक्काशी के लिए 350 से ज्यादा शिल्पियों ने अपनी कलाकारी दिखाई। प्राचीन स्थापत्य कला के समन्वय से बने इस दिव्य आध्यात्मिक केंद्र की एक झलक पाने के लिए दुनिया के अनुयायी उत्सुक हैं।
125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद
मंदिर में 125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद। सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के जीवन पर यांत्रिकी प्रस्तुति बनाई गई है, जिसमें सामाजिक कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन शामिल है। भारतीय विरासत की झलक दर्शाती जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर की संरचनाएं और मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट की गई है।
दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार दोहे लिखे हैं
यह मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर है। स्वर्वेद महामंदिर की संगमरमरी दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार दोहे लिखे हैं।मंदिर के सभी तलों पर अंदर की दीवार पर लगभग चार हजार स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं। बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं, ताकि लोग उससे प्रेरणा लें सकें।
किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन होता है
स्वर्वेद मंदिर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है स्व: और वेद. स्व: का एक अर्थ है आत्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान. स्व: का दूसरा अर्थ है परमात्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान। जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके द्वारा स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं। इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन किया जाता है और यह एक मेडिटेशन स्थल है।
Dec 18 2023, 14:09