जिला कारागार के 35 कैदियों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
फर्रूखाबाद । जिला कारागार में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के तत्वधान में जेल में निरुद्ध सभी बंदियों की एचआईवी, टीबी , सिफलिस एवम हेपेटाइटिस की विशेष जांच के लिए बंदियों को प्रोत्साहित कर जांच करवाने विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसका शुभारंभ डा.अवनींद्र कुमार सीएमओ और सतीश चंद्र सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा सयुक्त रूप से फीता काट कर एवम दीप प्रज्वलन करके किया गया । गोष्ठी का संचालन डा आरसी माथुर डिप्टी सीएमओ एवम दीप्ति शुक्ला द्वारा किया गया । गोष्ठी को संबोधित करते हुए सीएमओ , सिटी मजिस्ट्रेट, डिप्टी सीएमओ , जेल अधीक्षक द्वारा एचआईवी , टीबी, सिफ्लिस एवम हेपेटाइटिस इत्यादि बीमारियों के लक्षणों, बीमारी के फैलने के कारणों एवम बीमारी बचाव के उपायों को विस्तार से बंदियों को बताया गया ।
जेल अधीक्षक भीमसैन मुकुंद द्वारा बंदियों द्वारा दैनिक दिनचर्या में बरती जाने वाली व्यवहारिक गलतियों की ओर बंदियों को आगाह किया जैसे एक ही ब्लैड के टुकड़े से अनेकों बंदियों द्वारा अपने नाखून काटना , चोरी छुपे एक ही ब्लैड का इस्तेमाल कर बाल बनाना । जेल अधीक्षक ने ऐसी गलतियां ना करने के लिए बंदियों को सचेत किया । जेल में बंदियों की उक्त बीमारी संबंधित काउंसलिंग में सहयोग प्रदान करते हुए सही सही जानकारी देने के लिए बंदियों को प्रत्साहित किया गया । सीएमओ द्वारा विशेष कर बताया गया की गांव देहात में नाक और कर्ण छेदन की प्रक्रिया इस्तेमाल होने वाली सुई से एचआईवी जैसा भयंकर रोग फैलाने की बात बताई । इस और महिला बंदियों द्वारा विशेष ध्यान देने की अवश्यकता बताई गई क्योंकि शत प्रतिशत महिलाएं नाक व कर्ण छेदन करवाती है ।
सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा युवा बंदियों को संयम पूर्ण जीवन जीने की सलाह दी गई तथा अपने जीवन साथी के साथ ईमानदारी के साथ जीवन जीने की बात बताई । जांच अभियान के प्रथम दिन 34 बंदियों की जांच करवाई गई है जिनकी जांच रिपोर्ट प्रतीक्षित है । जांच दल में नीतू वर्मा, वंदना सिंह, अभिषिका,अमित कुमार, विजय कुमार और विजेंद्र सिंह सम्मलित रहे । गोष्ठी के अंत में जेल अधीक्षक द्वारा जेल चिकित्सक विजय अनुरागी, फार्मेसिस्ट यादवेंद्र मोहन, फार्मेसिस्ट अमित वर्मा द्वारा जेल बंदियों को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के लिए उनकी प्रशंसा की गई । जेल चिकित्सक द्वारा बताया गया की जेल में पहले 250–300 बंदी ओपीडी के माध्यम से दवा लेते थे वर्तमान में मात्र लगभग 90–95 बंदी ही ओपीडी में दवा लेते है । ये जेल की सफाई व्यवस्था, स्वच्छ पोष्टिक भोजन , श्रीअन्न मिश्रित अनाज , हरी सब्जियों के निरंतर प्रयोग से संभव हो सका है । गोष्ठी में सुरक्षा की सभी जिम्मेदारियों का सफलता पूर्वक निर्वहन जेलर अखिलेश कुमार , डिप्टी जेलर अवनीश सिंह, मुकेश गौड़ द्वारा किया गया । महिला बंदियों को डिप्टी जेलर कृष्णा कुमारी, सरोज देवी और महिला जेल बार्डर प्रियंका शुक्ला द्वारा प्रोत्साहित किया गया ।
Dec 05 2023, 15:48