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सर्दी ऋतु में पपीते की फसल का प्रबंधन

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के उद्यान वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पपीते की फसल का प्रबंधन नितांत आवश्यक है।उन्होंने बताया कि पपीते के पौधों की रोपाई जुलाई-अगस्त के महीने में संपन्न हो जाती है।

किसान भाइयों को ऐसी फसल की समसामयिक देखभाल करना आवश्यक है। यदि पौधों पर मिट्टी न चढ़ाई गई हो तो तत्काल शेष पोषक तत्व नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश, सूचम पोषक तत्व 40 :50: 50 :10 ग्राम प्रति पौधा गुड़ाई करके दे दें।

उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर सिंह ने बताया कि आने वाले सर्दियों के मौसम में पपीते के खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखें क्योंकि पौधों की बड़वार काफी होती है साथ ही पौधों पर लगे हुए फलों की तेजी से वृद्धि भी होती है। उन्होंने बताया कि सर्दियों के मौसम में वैसे तो बीमारियां पौध गलन कम प्रभाव होता है किंतु आवश्यकता से अधिक पानी लग जाने से पपीते के पौधों की जड़ों पर गलने की बीमारी का प्रकोप तेजी से होता है।यदि रोकथाम न की जाए तो यह बीमारी सिंचाई के पानी के साथ और ज्यादा विकराल रूप धारण कर लेती है।

इस गलन की बीमारी से बचाव हेतु कॉपर ऑक्सिक्लोराइड दवा 25 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में घोलकर तने के आसपास अच्छी तरीके से तर कर देना चाहिए। यदि बीमारी दोबारा आए तो इसी दवा को फिर से प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि पपीते की खेती में ड्रिप सिंचाई पद्धति का प्रयोग करने से पानी की काफी बचत होती है।

साथ ही फलों का विकास भी अच्छी तरह से होता है उन्होंने यह भी बताया कि पपीते की फसल को ठंडक से बचाव हेतु उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बाड़ लगाने का कार्य पूर्ण कर लेना चाहिए जिससे पौधों पर विपरीत मौसम का प्रभाव न पड़े।

उन्होंने ने कहा कि फलों की पूर्ण विकास के लगभग 50 से 60 दिनों बाद इनके पकने की प्रक्रिया प्रारंभ होने लगती है दूर के बाजार में फसल बेचने के लिए फलों की रंग की अवस्था पर ही तोड़ लेना चाहिए तथा अच्छी तरह से अखबार या पुआल से लपेट कर भेजना चाहिए।

डॉक्टर सिंह ने बताया कि पपीते के फलों को हानिकारक रसायनों से पकाने की प्रथा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने किसान भाइयों को यह भी सलाह दी कि पपीते के फलों को आधुनिक तकनीक से बनाए गए रैपनिंग चेंबर का प्रयोग करने से फलों की गुणवत्ता अच्छी रहती है।तथा बाजार में मूल्य भी अच्छा मिलता है।

डी जी कॉलेज में लगाया गया मतदाता कार्ड नामांकन हेतु कैंप

कानपुर। डी जी कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी तथा मतदाता लिटरेसी क्लब की प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में एक कैंप का आयोजन श्रीमती मीरा त्रिवेदी, नजर अध्यक्ष भाजपा के सहयोग से किया गया।

जिसमे 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाली छात्राओं का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने के लिए फॉर्म भरवाए गए। कुल 135 लोगो का नामांकन इस कैंप में किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, NSS स्वयंसेवकों के साथ- साथ भारी संख्या में अन्य छात्राओं ने भी उत्साह के साथ हिस्सा लिया।

गेम के आयोजन में महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा, सेल्फ फाइनेंस डायरेक्टर प्रो वंदना निगम, ई.एल.सी. क्लब की नोडल प्रभारी डॉ मनीष पांडे तथा डॉ अंजना श्रीवास्तव का विशेष सहयोग रहा।

राष्ट्रीय सेवा योजना, कानपुर नगर के स्वयंसेवक ले रहे हैं पुलिसिंग का प्रशिक्षण

कानपुर।छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविधालय, कानपुर एवं अर्मापुर पीजी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजन के स्वयंसेवकों के दल ने छात्र पुलिस अनुभवात्मक अधिगम कार्यक्रम के अंतर्गत कल्याणपुर थाने में थाना प्रभारी धनंजय कुमार पांडे जी की अध्यक्षता में तथा पीएन कॉलेज के स्वयंसेवकों ने रेल बाजार थाने में आगंतुक पटल एवं महिला पटल विषय से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया।

आगंतुक पटल (Visiter Counter) जहां पर शिकायतकर्ता अपनी व्यक्तिगत जानकारी एवं समस्या रजिस्टर पर लिखता है। सब इंस्पेक्टर श्रीमती किरण जी ने महिला पटल के बारे में एवं हेड कांस्टेबल श्रीमती विजयलक्ष्मी चौहान ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना उत्तर प्रदेश, ग्रामीण आजीविका मिशन, बैंकिंग कॉरस्पॉडिंग सखी, मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय पोषण, मिशन शक्ति, महिला हेल्प डेस्क,महिला साइबर सेल, महिला पुलिस व महिला बीट मिशन शक्ति कक्ष के बारे में बताया।

इसके पश्चात सभी स्वयंसेवक के द्वारा पूछे गए प्रश्न जैसे घरेलू हिंसा केस, भीड़ प्रबंधन, सेल्फ डिफेंस आदि के जवाब प्रभारी श्री धनंजय कुमार पांडे जी ने बड़ी विनम्रता दिये। उन्होंने स्वयंसेवकों को जीवन व्यापन, आत्मरक्षा, मौलिक अधिकार, शिक्षा का अधिकार आदि विषयों पर भी विस्तार पूर्वक जानकारियां प्रदान की। समस्त थाना स्टाफ का सहयोग सराहनीय रहा। इस अवसर पर स्वयंसेवक रवि शंकर शर्मा, आदित्य कुमार श्रीवास्तव, रिया शर्मा, शौर्य मिश्रा,सृष्टि अग्रहरि, कनिष्क तिवारी, तान्या, रिचा, मानस शुक्ला, सुष्मिता भारती, प्रिया गौतम, स्नेहा शुक्ला, अपूर्वा यादव आदि उपस्थित रहे l

केंद्रीय मैदानी भाग में आलू की फसल में पिछेती झुलसा रोग से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के सब्जी अनुभाग के अध्यक्ष डॉक्टर राम बटुक सिंह ने बताया कि

इस समय मौसम मे अनुकूलता के आधार पर आलू की फसल में पिछेती झुलसा भविष्य में आने की संभावना है आलू विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार यादव ने बताया कि जिन किसान भाइयों ने आलू के फसल में अभी तक फफूंद नाशक दवा का छिड़काव नहीं किया गया है ।

या जिनकी आलू की फसल में अभी पिछेती झुलसा ( लेट ब्लाइट ) बीमारी प्रकट नहीं हुई है उन सभी किसान भाइयों हेतु यह सुझाव है कि वे मेंकोजेब या प्रोपिनेब फफूंद नाशक दवा का 2.5 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी की दर से अर्थात 2.5 किलोग्राम दवा 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव तुरंत करें।

साथ ही साथ जिन आलू के खेतों में बीमारी प्रकट हो चुकी है उन में किसी भी फफूंद नाशक जैसे खाईमोक्सेनिल + मेंकोजेब 3 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (1000 लीटर पानी में) की दर से अथवा फेमनिडों +मेंकोजेब 3.0 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (1000 लीटर पानी में ) की दर से अथवा 1.0 किलोग्राम प्लस मेकैनिज्म 2.0 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर 1000 लीटर पानी के दर से छिड़काव करें 10 दिन के अंतर अंतराल पर दोहराये लेकिन बीमारी की तीव्रता के आधार पर अवधि अंतराल को कम या अधिक किया जा सकता है।

किसान भाइयों को इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि एक ही फफूंद नाशक का बार-बार प्रयोग न करें।

समाजवादी ग्रामीण ने मनाया लोकबंधु राज नारायण की जयंती

          

कानपुर।समाजवादी पार्टी कानपुर ग्रामीण के तत्वावधान में पार्टी कार्यालय नवीन मार्केट परेड पर जिलाध्यक्ष श्री मुनीन्द्र शुक्ला के निर्देश पर लोकबन्धु राजनारायण की जयन्ती में उनके चित्र पर माल्यर्पण कर मनाई गई।

 उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय सचिव इम्तियाज रसूल कुरैशी एवं मजदूर सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने कहा राजनारायण का जन्म 23 नवम्बर को वाराणसी जिले मोती कोट गंगापुर नामक गांव के एक धनी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी।

 बाल सुलभ संवाद करने के लिए चर्चित राजनारायण गलती पर किसी की भी मिटटी पलीद करने से पीछे नहीं हटते थे, इसी स्वभाव के कारण उन्हें मोरारजी देसाई सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वह इस कदर समर्पित थे कि वह वर्षो अपने घर पर नही जाते थे।

 1977 के चुनाव में इंदिरा गांधी को हराने के बाद पूरे देश में उनका कद बहुत ऊंचा हो गया। एक बार मिलने पहुँची अपनी पत्नी को ही पहचान नही पाये थे। उनसे ही पूंछ बैठे आप कौन हैं ? वह अपने बेटी की शादी तक में शामिल नही हुये थे।

 उन्होंने जीवन भर गरीबों के लिए संघर्ष किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुरेश गुप्ता, इम्तियाज रसूल कुरैशी, नरेन्द्र सिंह,शरद यादव,मुर्तजा हुसैन,चन्दी पासी,रविशंकर गुप्ता, सन्दीप शुक्ला, ज्ञानेन्द्र सिंह,राजाराम साहू, नितिन गुप्ता,मो असलम,कर्मवीर यादव एवं राजीव अवस्थी आदि लोग मौजूद रहे।

कृषि विश्वविद्यालय में हुआ चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी कानपुर के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह के निर्देश के क्रम में 25वें दीक्षांत समारोह के पूर्व छात्र छात्राओं हेतु सफल चित्रकला का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता छात्र छात्रों के मध्य विभिन्न विषयों पर चित्रकला के विभिन्न विषयों पर आयोजित की गई।

प्रतियोगिता में छात्राओं ने विभिन्न विषयों जैसे पशुओं के प्रति अत्याचार, पर्यावरण प्रदूषण, धूम्रपान निषेध, प्रकृति संरक्षण आज विषयों पर छात्राओं में चित्रकला बनाई। चित्रकला प्रतियोगिता में अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर सी एल मौर्या एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर पी के उपाध्याय ने चित्रकारी देखकर प्रतियोगी छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।

चित्रकला का सफल आयोजन डॉ अनिल कुमार सचान,डॉ राम जी गुप्ता, डॉक्टर रश्मि सिंह, डॉक्टर अर्चना सिंह एवं डॉ राजीव द्वारा सफल संचालन कराया गया।

राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक सीखेंगे पुलिसिंग के गुर

कानपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कुल 50 स्वयंसेवकों का "छात्र पुलिस अनुभवात्मक अधिगम कार्यक्रम" के अंतर्गत प्रशिक्षण आज से पुलिस उपायुक्त, पूर्वी जोन, कमिश्नरेट कानपुर नगर में आरंभ हुआ। जिसमें एडिशनल डीसीपी श्री लखन सिंह यादव ने स्वयंसेवकों को उनके इस कार्यक्रम के दौरान सिखाए जाने वाले कोर्स के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए पुलिस की कार्यशैली तथा जनता व पुलिस के बीच के संबंधों के बारे में बेहद रोचक व सरल ढंग से जानकारियां दी। यह प्रशिक्षण कुल 120 घंटे का होगा। जो कानपुर नगर के विभिन्न थानों पर चलाया जाएगा।

इस प्रशिक्षण के दौरान स्वयंसेवकों को आगंतुके पटल, महिला पटल, एफ आई आर लिखना, घटनास्थल का निरीक्षण करना, भीड़ प्रबंधन, बीट पेट्रोलिंग, महिला एवं बच्चों से संबंधित विशेष अपराध, यातायात नियंत्रण, पुलिस कर्मियों के जीवन तथा परेड, वृद्धाश्रम, किशोर आश्रम, महिला आश्रम, अनाथ आश्रम के साथ-साथ, नारकोटिक सेल, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, साइबर सेल, महिला पुलिस स्टेशन, पीआरबी, पुलिस नियंत्रण कक्ष आदि से संबंधित कौशल, तकनीक तथा पुलिस-पब्लिक के मध्य अविश्वास का कारण तथा ठीक करने के उपाय आदि के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कानपुर नगर के कुल 11 इकाइयों, मुख्य रूप से डी ए वी कॉलेज, डी जी कॉलेज, बी एन डी कॉलेज, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, पीपीएन कॉलेज,अरमापुर पीजी कॉलेज, महिला महाविद्यालय, जुहारी देवी कॉलेज तथा छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की तीन इकाइयां के छात्र युवाओं में पुलिस के प्रति संवेदनशीलता लाने तथा उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने हेतु यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा बनाया गया है। कानपुर नगर की राष्ट्रीय सेवा योजना की नोडल अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। युवाओं में पुलिस के प्रति संवेदनशीलता लाने तथा उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने हेतु यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा बनाया गया है।

श्रीमद् भागवत कथा सुन मंत्र-मुग्ध हुए लोग

कानपुर- श्रीमद् भागवत कथा में पंडित योगेश अवस्थी योगीराज महराज जी ने अपने श्री मुख से भजनों एवं प्रवचनों से वहां पर उपस्थित सभी भक्तों को मंत्र मुग्ध कर दिया। पंडित जी ने भगवान की लीला का सजीव चित्रण किया एवं भगवान के द्वारा किया दिव्य कर्म से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि भगवान का अर्थ है भ=भूम ,ग=गगन, व=वायू, अग्नि, न=नीर, जिससे भगवान की उत्पत्ति हुई है। और यह संकल्प बना भूमि, गगन,वायू, अग्नि, एवं नीर से जुड़े मानव जीवन बनाया गया। जैसे आप की सोच और कर्म होगा वैसा ही फल मिलता है।

भगवान की भक्ति में आप रेडियो नहीं टेलीविजन बने ।जिस तरह रेडियो सिर्फ आवाज करता है टेलीविजन सिर्फ आवाज ही नहीं साक्षात दर्शन कराता है।आप की आंख कान सहित सभी अंगों को भगवान के भजन कीर्तन एवं भक्ति में लीन कर झूमे तो सचमुच भगवान के दर्शन होते हैं।

कथा के अंत में आरती के दरमियान भक्ति झूम कर नाचे इस अवसर पर यजमान रमेश चंद्र जौहरी कुमकुम जौहरी प्रशांत गुप्ता प्रकाश अग्निहोत्री पप्पू बाजपेई एवं सैकड़ो की तादाद में भक्त मौजूद रहे।

दक्षिण एशिया बिरादरी की 33वीं कान्फ्रेंस

कानपुर- हरिहर नाथ शास्त्री भवन, खलासी लाइन में दक्षिण एशिया बिरादरी नई दिल्ली की 33वी कांफ्रेंस (Unity in Diversity) आयोजित हुई। कांफ्रेंस का उदघाटन दक्षिण एशिया बिरादरी के चेयरमैन सत्यपाल ने दीप जलाकर किया। अपने स्वागत भाषण में बोलते हुए उन्होंने कहा की भारत विविधता में एकता का श्रेष्ठतम उद्धरण है। यह जन्मस्थली हैं हिंदूइस्म, बुद्धिज्म, जैनिज़्म, सिखिस्स व क्रिश्चियनिटी की। सभी धर्मों को न केवल भारत के लोगों में अपितु भारत की सरकारों ने भी मान्यता दी है व विभिन्न धर्मो के प्रमुख त्योहारों पर राजकीय छुट्टियां भी घोषित की जाती हैं। विविधता में एकता का बेहतर उदाहरण देखना हो तो हमारे देश में विभिन्न धर्मो, जातियों, भाषाओं व खान पान की संस्कृतियों का संगम देखें। यह संगम कानपुर के इस सभागार में हुआ है। हमारे देश में २२ मान्यताप्राप्त भाषाओं को भारतीय संविधान में स्थान दिया गया है, अगर हम इस विविधतापूर्ण देश को विश्व के सभी देशों के Roll Model बनाएं तो हम "वसुधैव कुटुम्बकम" के सपने को साकार कर सकते हैं। 

केरल से आईं चित्रा सुकुमारन ने कहा कि हमें सहिष्णुता से परिपूर्ण नागरिक तैयार करने होंगे और साथ ही किसी एक भाषा पर अपनी पकड़ भी बनानी होगी। अपनी मातृभाषा के साथ डा० चितरंजन साहनी (उड़ीसा) ने कहा की हम रंगकर्मी हैं हम अपनी कला के जरिये विविधता में एकता मजबूत करेंगे। नेपाल के साथी दशरथ महंत ने कहा कि भारत व नेपाल सदियों से धार्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत से जुड़े हैं। 

सायंकाल दक्षिण एशिया कांफ्रेस के प्रतिनिधियों ने अपने अपने राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। इसके पूर्व डा० एस, एन. सुब्बाराव स्मृति सम्मान गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से सत्यपाल जी को प्रदान किया गया व संस्था के उपाध्यक्ष दीपक मालवीय जी को जगदम्बा भाई दवारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम में 10 राज्यों के 60 प्रतिनिधि शामिल हुए। इन सभी का उद्देश्य दक्षिण एशिया के देशों के बीच मानव व मानव के मध्य सम्पर्क स्थापित करना व उसे मजबूत करना था। कार्यक्रम को प्रमुख रूप से श्री सत्यपाल जी, श्री दीपक मालवीय, श्री नौशाद आलम मंसूरी, श्री रामकिशोर बाजपेई, डा० वी० एन० सिंह, श्री शिव कुमार दीक्षित आदि ने संबोधित किया !

अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत कृषकों को वितरित किए गए गेहूं की बिभिन्न किस्में

कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा आज अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत कृषको को गेहूं की विभिन्न प्रजातियां वितरित की गई। इस अवसर पर गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि गेहूं को प्रोटीन, खनिज, बी-समूह के विटामिन और आहार फाइबर का एक उत्तम स्रोत माना जाता है,जो एक उत्कृष्ट स्वास्थ्य-निर्माण का कारक है। इसका उपयोग, अन्य अनाजों की तुलना में, रोटी बनाने के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। इसके साथ-साथ गेहूँ में कई औषधीय गुण होते हैं ।

भारत में धान के बाद गेहुँ सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है जिसका देश के खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 35 प्रतिशत का योगदान है। गेहूँ के दाने में 12 प्रतिशत नमी, 12 प्रतिशत प्रोटीन, 2.7 प्रतिशत रेशा, 1.7 प्रतिशत वसा, 2.7 प्रतिशत खनिज पदार्थ व 70 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। शोधों द्वारा सिद्ध हो चुका है लो, बीज पुराना प्रयोग करने से उत्पादन प्रभावित होता है।

जिससे कृषको की आय पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी समस्या के निदान हेतु कृषि विज्ञान केंद्र, दलीप नगर, कानपुर देहात द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत आज ग्राम रुदापुर, सहतावन पुरवा व औरंगाबाद इत्यादि के 100 कृषकों/ कृषक महिलाओं को चंद्र शेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत प्रजातियाँ k-1006 जो कि लौह व जिंक से भरपूर है व जिसकी उत्पादकता 55-60 कुंतल/ हेक्टेयर है, का आधारीय बीज का वितरण किया गया । k-1006 प्रजाति सिंचित दशा की समय से बोने वाली प्रजाति है, जो 120-125 दिन में परिपक्वता को पा लेती है, और इसका दाना सफेद व बोल्ड होता है ।

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ शशिकांत, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ राजेश राय, डॉ निमिषा अवस्थी के साथ चंद्रकांति, उषा, छोटेलाल, पवन, कोमल इत्यादि कृषक मौजूद रहे ।