जिला कारागार, मुजफ्फरनगर में "सर्वधर्म सद्भावना कार्यक्रम का आयोजन किया गया
मुजफ्फरनगर। जिला कारागार, मुजफ्फरनगर में "सर्वधर्म सद्भावना कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत नशे व बुराईयों के विरुद्ध धर्मगुरूओं ने बंदियों से आह्वान करते हुये उन्हें शपथ दिलायी कि वे भविष्य में नशा नहीं करेगें तथा किसी भी अपराध से नाता नहीं रखेगें तथा मुख्य धारा समाज में अपना विशेष योगदान देगें जेल में सभी धर्मों के प्रमुख धर्मगुरूओं की बातों को बंदियों ने बहुत ध्यान से सुना और यकीन दिलाया कि वे अब नशे एवं अन्य अपराधों से सदैव दूरी बनाकर रखेगें।
शुक्रताल से आये प्रमुख भागवत कथावाचक आर्चाय अजय कृष्ण महाराज ने कारागार पुस्कालय के लिए 51 पुस्तकें भेट करते हुए कहा कि नशा एक भयंकर सामाजिक बुराई है. जो हमे रिश्तों से दूर करती है तथा अपराध की ओर अग्रसर करती है। इसलिए हमे परिवार एवं समाजहित में इससे सदैव दूर रहना चाहिये। नशा परिवार को तो बर्बाद करता ही है, साथ ही आने वाली पीढियों के लिये भी एक खतरा होता है, जो सभ्य राष्ट्र के लिये किसी भी प्रकार से हितकारी नहीं है।
धर्मगुरू ज्ञानी हरजीत सिंह ने कहा कि कोई भी जन्मजात अपराधी नहीं होता. हालात और परिस्थितियां अकसर अपराध की दहलीज पर लाकर खड़ा कर देती है। इससे उमरना और निकलना हमारे ही ऊपर निर्भर करता है जहाँ तक नशे का सवाल है तो हमे इससे हर हाल में तोबा करनी चाहिये। नशे से सब कुछ तबाह हो जाता है। मुफ्ती मौ० यामीन (शेखउल हदीस, जलालाबाद) ने कहा कि कोई भी मजहब यह नहीं कहता कि हमे आपस में लडना चाहिये या नफरत को फैलाना चाहिये हम सब एक है और एक ईश्वर-रब-वाहेगुरू फादर की सन्तान है।
लिहाजा हमे आपसी सद्भावना दिखाते हुये मिलजुल कर रहना चाहिये। फादर मनोज कुमार मसीह ने कहा कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है और हमें अपने जीवन में इंसानियत को तवज्जो देते हुए मानवीय मूल्यों की सदैव कद्र करनी चाहिए। मैडम शैरन मसीह ने भी अपनी रचना पढकर मानवता पर जोर दिया। इस अवसर पर मौलाना मौ० इलियास कैराना, मौलाना मौ० आलिम, मौलाना जाहिद बरला आदि ने भी अपने विचार प्रकट करते हुये नशे से दूर रहते हुये तथा अपराध से तोबा करने का सभी बंदियों से आह्वान किया।
नशे के विरुद्ध किये गये आज के इस कार्यक्रम में बंदी मौलाना मौ० हासिम, बंदी मौलाना मुब्बसिर आदि ने भरपूर सहयोग प्रदान किया।
कारागार प्रशासन द्वारा आयोजित उक्त कार्यक्रम में अमूल्य योगदान देने के लिए सभी धर्मगुरुओं का अभिवादन तथा आभार व्यक्त करते हुए जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बंदियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि "खुद सुधरों तथा दूसरों को भी सुधारों" नशे में नशा नहीं होता बल्कि कल्पनाओं में होता है। इसलिये नशे से सदैव दूर रहे और सही मार्ग पर चलने का संकल्प लें। साथ ही बताया कि बुराई का मार्ग कुछ क्षणों के लिए भले ही सुहावना लगे परन्तु उसपे चलने का परिणाम अंततः बुरा ही होता है।
ऋषि वाल्मिकी तथा महात्मा बुद्ध आदि के उदाहरणों के माध्यम से समझाते हुए बताया कि यदि अंतरात्मा बदल जाये तो शरीर का कोई महत्व शेष नहीं रहता। इसी प्रकार कारागार में आकर जो व्यक्ति अपने विचारों में सुधार ले आये, वह सही मायनों में अनुभवी व ज्ञानी कहलाता है। वर्तमान परिदृश्य में भारत की ऐतिहासिक धार्मिक विरासत तथा सौहाद को संजोते हुए सभी आपसी भाईचारे से समाज व राष्ट्र के उत्थान की दिशा में कार्य करें। भारत के सभी धर्म व जातियाँ एक माला के विभिन्न मोतियों की भांति है, जो कि साथ में विश्व का आभूषण है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पं रामकुमार शर्मा, कवि डा० संजू शर्मा, प्रकाशवीर प्रधान, मौलाना हाशिम, चंदसीना, सरदार सुंदर सिंह, मौलाना अब्दुल्ला, कारी अल्ताफ, श्रवण कुमार, विकास शर्मा, जितेन्द्र शर्मा, बबलू शर्मा, मौलाना मुस्तकीम, कारी अलाउद्दीन, कारी अब्दुल वाजिद आदि उपस्थित रहे। जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने सभी धर्मगुरूओं का जिला कारागार मुजफ्फरनगर में आकर अपना अमूल्य योगदान देने पर शॉल ओढाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से जेलर राजेश कुमार सिंह, उप जेलर हेमराज, मेघा राजपूत, यशकेन्द्र यादव सहित समाजसेवी नादिर राणा आदि मौजूद रहे।
Nov 20 2023, 11:39