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पंजाब पुलिस को मिली बड़ी सफलता, आतंकी मॉड्यूल का किया भंडाफोड़, बब्बर खालसा के 4 सदस्य गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने एसएस नगर में एक आतंकवादी मॉड्यूल को ध्वस्त कर और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) संगठन से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार करके एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. इस समूह को कथित तौर पर पंजाब में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने का काम सौंपा गया था और यह ड्रोन का उपयोग करके पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी में शामिल था।

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने इस घटनाक्रम को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बीकेआई मॉड्यूल को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हरविंदर रिंदा द्वारा समर्थित किया गया था, जिसे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से सैन्य सहायता प्राप्त हुई थी। ऑपरेशन के दौरान, कानून प्रवर्तन ने छह पिस्तौल और 275 जिंदा कारतूस बरामद किए।

पंजाब पुलिस ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई), जिसे बब्बर खालसा के नाम से भी जाना जाता है, एक खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठन है जो एक अलग सिख राज्य की वकालत करता है। हिंसा और आतंकवाद के इतिहास के कारण इसे भारतीय और ब्रिटिश दोनों सरकारों द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है। संगठन ने पंजाब में अशांति और आतंक को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर 1980 के दशक के दौरान।

हालाँकि, 1990 के दशक में, बीकेआई से जुड़े कई व्यक्तियों को कानून प्रवर्तन के साथ मुठभेड़ों में हटा दिया गया, जिससे समूह के प्रभाव में गिरावट आई। बब्बर खालसा इंटरनेशनल को कनाडा, जर्मनी, भारत और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है। 1990 के दशक में खालिस्तान आंदोलन और अन्य आतंकवादी संगठनों की घुसपैठ के सरकारी प्रयासों ने बब्बर खालसा को काफी कमजोर कर दिया। इसके अतिरिक्त, सुखदेव सिंह बब्बर (9 अगस्त 1992) और तलविंदर सिंह परमार (15 अक्टूबर 1992) जैसी प्रमुख हस्तियों की मृत्यु ने संगठन के पतन में और योगदान दिया।

यह ऑपरेशन इस प्रतिबंधित आतंकवादी समूह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पंजाब पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

केरल के एर्नाकुलम में कन्वेंशन सेंटर में बम धमाकों के बाद यूपी में हाई अलर्ट, इजरायल फिलिस्तीन से जुड़े मामलों पर नजर रखने के निर्देश

केरल के एर्नाकुलम में कन्वेंशन सेंटर में बम धमाकों के बाद यूपी में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। यूपी एटीएस और समस्त जिलों की पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के साथ संदिग्धों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, इस्राइल-फलस्तीन से जुड़े हर विरोध प्रदर्शन पर पैनी नजर रखने को कहा गया है।

स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि इस्राइल-हमास युद्ध के दृष्टिगत पहले भी अलर्ट किया गया था। केरल की हालिया घटना के बारे में जानकारी जुटाई जाए रही है। एहतियात के तौर पर इस्राइल और फलस्तीन के समर्थन को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। इनमें मौजूद लोगों के साथ-साथ वर्चुअली जुड़ने वालों की भी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। यूपी पुलिस केरल पुलिस और अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संपर्क में है। प्रदेश में केरल के कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े लोगों को चिह्नित किया जा रहा है।

बता दें कि प्रदेश में पीएफआई, सीएफआई, वहदत ए इस्लामी आदि संगठनों से जुड़े तमाम संदिग्ध लोग जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। हाल ही में एनआईए ने लखनऊ, भदोही, संतकबीरनगर, बलिया समेत सात जिलों में इन संगठनों से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापे मारे थे। इस बारे में यूपी एटीएस से भी गोपनीय सूचनाएं साझा की गई हैं।

बदरीनाथ-केदारनाथ दर्शन के लिए परिवार के साथ पहुंचे थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे, मंदिर में की पूजा-अर्चना

भारत के थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे सपरिवार भगवान बदरीविशाल और बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे। उनके साथ सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी दर्शन को पहुंचे। थलसेना अध्यक्ष ने यात्रियों के बीच ही दर्शन किए। इस दौरान यात्रियों को दर्शन करने से नहीं रोका गया।

थल सेनाध्यक्ष रविवार प्रात: साढ़े आठ बजे प्रात: भगवान केदारनाथ के दर्शन को पहुंचे। जहां बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह और कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने उनकी अगवानी की। दर्शन पूजा-अर्चना के बाद पूर्वाह्न साढ़े दस बजे थल सेना प्रमुख केदारनाथ से बदरीनाथ धाम पहुंचे।

परिवार के साथ उन्होंने यहां बदरीनाथ मंदिर में दर्शन और विशेष पूजा की। इसके पश्चात थल सेना प्रमुख बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी से मिले। उन्होंने भगवान बदरीविशाल का प्रसाद गृहण किया। इससे पहले बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने उनका स्वागत किया।

जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति पर सीएम धामी ने पीएम मोदी का जताया आभार, राज्यांश पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में होगा करार

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने 1730.20 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इनमें 90 प्रतिशत केंद्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश होगा।

इस राज्यांश को उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश मिल कर वहन करेंगे। इस संबंध में जल्द ही उत्तर प्रदेश से करार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले सरकार का लक्ष्य अभी तक मिले निवेश प्रस्तावों में से राज्य के हित वाले अधिक से अधिक प्रस्तावों को धरातल पर उतारना है।

सिंचाई और पेयजल समस्या का होगा समाधान

शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना के निर्माण से हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई की समस्या का समाधान होगा, साथ ही विद्युत उत्पादन भी होगा। कहा कि नैनीताल में काठगोदाम से 10 किमी अपस्ट्रीम में गौला नदी पर 150.60 मीटर ऊंचा यह बांध बनाया जाएगा। इससे 1.50 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र की सिंचाई को पानी मिलेगा। साथ ही 42 एमसीएम पेयजल की उपलब्धता के साथ ही 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन भी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 1975 से शुरू इस परियोजना का निर्माण वित्त पोषण के कारण नहीं हो पा रहा था। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए राज्यांश के 10 प्रतिशत में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पांच-पांच प्रतिशत वहन करेंगे। परियोजना से प्रभावित 351 हेक्टेयर वनभूमि, सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने के लिए केंद्र ने अनुमति प्रदान कर दी है।

परियोजना के प्रभावित 1300 से अधिक परिवारों का विस्थापन पराग फार्म में करने का प्रस्ताव कैबिनेट पारित कर चुकी है। इस भूमि को सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया गतिमान है।

उन्होंने कहा कि लखवाड़ परियोजना से भी उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व हरियाणा को पानी का लाभ मिलेगा। इसके लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्री मंजूरी दे चुके हैं। यह बांध यमुना नदी पर लोहारी गांव के पास बनाया जा रहा है। इसमें संग्रहित होने वाले जल का बंटवारा यमुना के तट वाले छह राज्यों के बीच वर्ष 1994 में किए गए समझौते के अनुरूप होगा। इस परियोजना से मिलने वाली बिजली का हक केवल उत्तराखंड का होगा। उन्होंने कहा कि निवेशक सम्मेलन के लिए अभी तक देश व विदेश में हुए रोड शो में 65 हजार करोड़ से अधिक के करार किया जा चुके हैं।

केरल में दो दिन पहले हमास के लीडर का संबोधन और आज ब्लास्ट, एक की मौत और कई घायल

डेस्क: केरल के कोच्चि के एक कन्वेंशन सेंटर में जोरदार धमाका हुआ है। इस धमाके में अभी एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। पुलिस के मुतबिक इस धमाके में अब तक एक शख्स की मौत 25 लोग घायल हुए हैं। इसके साथ ही 5 घायलों की हालात गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, इस कन्वेंशन सेंटर में चर्च का एक कार्यक्रम चल रहा था। चश्मदीदों के अनुसार, यहां एक से ज्यादा धमाकों की आवाज सुनाई दी। धमाकों के कारण की अभी जानकारी नहीं है, हालांकि पुलिस जांच में जुट गई है।  

ब्लास्ट सुबह 9 बजे हुआ 

पुलिस ने घटना स्थल की चारों तरफ से घेराबंदी कर दी है और मामले की तफ्तीश में जुट गई है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त ये धमाका हुआ समय कन्वेंशन सेंटर में 2 हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे। पुलिस के अनुसार, यह धमाका सुबह 9 बजे के आसपास हुआ था। वहीं अब इस हादसे के बाद घटनास्थल पर NIA की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है। इसके साथ ही केरल पुलिस की ATS टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है।

अमित शाह ने की सीएम विजयन से बात 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की और कन्वेंशन सेंटर में बम विस्फोट के बाद राज्य की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने एनआईए और एनएसजी को भी मौके पर पहुंचकर घटना की जांच करने का निर्देश दिया है। वहीं इस ब्लास्ट के बाद सीएम विजयन दिल्ली से कोच्चि के लिए रवाना हो रहे हैं।

शनिवार को यहां इजरायल के समर्थन में पास हुआ था प्रस्ताव 

हादसे के बाद मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। इसके साथ ही कन्वेंशन सेंटर के जिस हिस्से में बम धमाका हुआ है, उसे बंद कर दिया है और पूरे सेंटर को खाली करा लिया गया है। बताया जा रहा है कि इस सेंटर में पिछले तीन दिनों से कार्यक्रम चल रहा था और आज इसका अंतिम दिन था। बता दें कि यहां ईसाइयों से प्रथक समूह यहोवा समुदाय का ये प्रेयर कन्वेंशन हो रहा था। यहोवा समुदाय के लोग ईसाई भी नहीं हैं और यहूदी भी नहीं हैं लेकिन यहूदी परम्परा का पालन करने वाले लोग हैं। यहां तीन दिन की बैठक में कल इजराइल और यहूदियों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बाद ब्लास्ट होना बड़े सवाल खड़े कर रहा है।

गिरफ्तार होते ही तबियत बिगड़ी ! कोर्ट में बेहोश हुए ममता के मंत्री ज्योतिप्रिय, राशन घोटाले में ED ने किया है अरेस्ट

 बंगाल के कथित करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी है। दरअसल, केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी के बाद मलिक को यहां की एक अदालत ने 10 दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया था। मंत्री यहां कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेहोश हो गए थे, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए शहर के एक अस्पताल ले जाया गया था। बता दें कि, ये अक्सर देखा जाता है कि, जब भी कोई नेता भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होते हैं, तो वे ख़राब तबियत का बहाना बनाकर कानून से छूट का लाभ या जमानत लेने की कोशिश करते हैं। 

अस्पताल में मलिक की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करने वाली टीम में शामिल एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मीडिया को बताया है कि, "मंत्री को रात में अच्छी नींद आई। उन्होंने बेचैनी की कोई शिकायत नहीं की।" अस्पताल ने शुक्रवार रात एक बुलेटिन में कहा, "मलिक को हाइपरग्लाइकेमिया, गुर्दे की हानि, डिसइलेक्ट्रोलाइटिमिया और टी2डीएम की पृष्ठभूमि के साथ प्री-सिंकोप और उच्च रक्तचाप के प्रारंभिक निदान के साथ भर्ती कराया गया है।" डॉक्टरों ने कहा कि मलिक का सीटी स्कैन, एमआरआई और रक्त परीक्षण किया गया। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, कलकत्ता तनुमोय करमाकर ने शुक्रवार को मंत्री की हिरासत के लिए ED की याचिका मंजूर कर ली और उन्हें 5 नवंबर तक 10 दिनों के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।

ED ने कहा कि उसे कथित राशन घोटाले के संबंध में पूछताछ करने के लिए मलिक को हिरासत में लेने की जरूरत है, उन्होंने दावा किया कि उन्हें बकीबुर रहमान नामक व्यक्ति के साथ उसके संबंध मिले हैं, जिसे इस मामले में लगभग एक पखवाड़े पहले गिरफ्तार किया गया था। चूंकि मंत्री अदालत कक्ष में बीमार पड़ गए, इसलिए अदालत ने उनकी पसंद के निजी अस्पताल में उनके इलाज की अनुमति दी, जिसके बाद आवश्यकता पड़ने पर उन्हें शहर के कमांड अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता था। ED ने पहले मंत्री के विश्वासपात्र माने जाने वाले बकीबुर को गिरफ्तार किया था, जिसकी रिमांड इस सप्ताह खत्म हो रही है।

गाजा में शांति के लिए भारत ने नहीं किया वोट तो भड़कीं प्रियंका, आखिर इंसानियत कब जागेगी?

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गाजा में युद्धविराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र में हुई वोटिंग से भारत ने परहेज किया।भारत की अनुपस्थित पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने नाराजगी जताई है।यूएन में भारत के रुख पर प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि वह हैरान हैं। भारत ने गाजा में सीजफायर लागू करने पर हुई वोटिंग से परहेज किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी, और इन सिद्धांतों का समर्थन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने किया था जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।

गांधी ने कहा कि गाजा में सात हजार लोगों की हत्या के बाद भी हिंसा का दौर थमा नहीं है। इन मरने वालों में से तीन हजार मासूम बच्चे थे। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में कोई ऐसा अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं, जिसे कुचला न गया हो। कोई ऐसी मर्यादा नहीं, जिसे तार-तार न किया गया हो। कोई ऐसा कायदा नहीं, जिसकी धज्जियां न उड़ी हों। आगे कहा कि लोगों की सामूहिक चेतना आखिर और कितनी जानें जाने के बाद जागेगी या ऐसी कोई चेतना अब बची ही नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि जब मानवता के हर कानून को ध्वस्त कर दिया गया है, तो ऐसे समय में अपना रुख तय नहीं करना और चुपचाप देखते रहना गलत है। 

प्रियंका ने महात्मा गांधी के उस कथन का भी उल्लेख किया कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है। उन्होंने कहा, मैं हैरान और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में संघर्ष-विराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा। हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी। इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं, जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं। वे भारत के उस नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कदमों का मार्गदर्शन किया है।

बता दें कि इजराइल हमास युद्ध के बीच गाजा में मानवीय आधार पर संघर्षविराम के लिए जॉर्डन की तरफ से पेश प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हो गया है। यूएनजीए ने प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया है। प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट पड़े थे, जबकि विरोध में 14 वोट पड़े। वहीं 45 देशों ने मतदान से खुद को अलग रखा था। प्रस्ताव में इजराइल और हमास के बीच मानवीय आधार पर तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया गया है। साथ ही यह बिना किसी रुकावट के गाजा तक मानवीय सहायता पहुंचाने का आह्वान करता है, जिसमें पानी, बिजली और वस्तुओं के वितरण को फिर से शुरू करना शामिल है।

जापान ने बना ली बिजली से चलने वाली दुनिया की पहली गन मशीन, इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक रेलगन की टेस्टिंग सफल

दुनिया के ज्यादातर देश अब रक्षा के क्षेत्र में खुद को मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं। जापान भी इसी राह पर चल पड़ा है। अब इजराइल और हमास की जंग के बीच जापान ने बिजली से चलने वाली गन मशीन बनाने की घोषणा की है। जापानी नौसेना ने डिफेंस एजेंसी ALTA के साथ मिलकर इसकी टेस्टिंग की है जो सफल रही है। एजेंसी ने दावा किया है कि देश में पहली बार इस रेलगन की टेस्टिंग की गई है। समुद्री जहाज से होने वाली इस टेस्टिंग का वीडियो ALTA ने ट्विटर पर पोस्ट किया है। जापान का मानना है कि इसे जमीन और समुद्र दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

 इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेलगन एक एडवांस्ड हथियार है जो जापान की नेवी को पावरफुल बनाएगा। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेलगन में कई खूबियां हैं। यह रेलगन एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियार है। जिस गति से किसी ध्वनि की आवाज हमारे कानों तक पहुंचती है उससे भी 07 गुना तेज स्पीड से यह काम करती है। खास बात है यह गन टार्गेट को तबाह करने के लिए बिजली का इस्तेमाल करती है। यूरोटाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जापान के इस 16 एमएम वाली रेलगन के प्रोजेक्ट की शुरुआत 1990 में यहां की एजेंसी ग्राउंड सिस्टम्स रिसर्च सेंटर ने की थी। 2016 में इस एजेंसी ने इसका एक प्रोटोटाइप तैयार किया। 2018 में पहली बार वीडियो फुटेज के जरिए यह पुष्टि हुई कि जापान रेलगन को बनाने की तैयारी कर रहा है। ALTA ने इसके प्रमाण भी दिए। रेलगन प्रोजेक्ट की शुरुआत में जिस तरह का हथियार बनाने की योजना बनाई गई थी नया हथियार उससे कहीं ज्यादा एडवांस्ड है। डिफेंस एजेंसी ALTA के मुताबिक यह 2230m/s की स्पीड से टार्गेट पर हमला करती है। हालांकि इसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक रेलगन कितनी रफ्तार के साथ अपने टार्गेट को ध्वस्त करेगी। इसे तय किया जा सकेगा। रिपोर्ट के मुताबिक ALTA प्लान कर रहा है कि इन रेलगन को खास तरह के ट्रक में लगाया जाएगा। दिखने में ठीक वैसे ही लगेगा जैसा हायपर सोनिक मिसाइलों को तैयार किया जाता है। दिलचस्प बात है कि रेलगन के इस प्रोजेक्ट को जापान की सरकार ने 2020 में खारिज कर दिया था। जापान के मिसाइल डिफेंस सिस्टम को ध्यान में रखते हुए वापस इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया। अब जापान लम्बी रेंज वाली मिसाइलों पर काम करने की तैयारी करने के बारे में सोच रहा है। हालांकि अमेरिका अब तक रेलगन नहीं बना पाया है। लेकिन जापान ने ऐसा करके चीन और नॉर्थ कोरिया जैसे दुश्मन देशों की नींद जरूर उड़ा दी है।

वोटरों को खरीदने की कोशिश ! आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राजस्थान में पकड़ी गई 200 करोड़ की चुनावी रेवड़ियां


9 अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से राजस्थान पुलिस ने नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और आभूषण सहित 200 करोड़ रुपये की चुनावी "मुफ्त वस्तुएं" जब्त की हैं। 12 अधिकारियों की एक टीम का नेतृत्व करते हुए, पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने राज्य भर में कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक 'स्टॉर्म क्लब' का गठन किया है कि 25 नवंबर के चुनाव प्रचार के दौरान मतदाता अवैध रूप से उम्मीदवारों से प्रभावित न हों।

2004 बैच के IPS अधिकारी विकास कुमार ने कहा है कि, "अब तक, हमने 214 करोड़ रुपये की वसूली की है, जिसमें 25 करोड़ रुपये नकद, 20 करोड़ रुपये की शराब और 20 करोड़ रुपये के आभूषण और सोना शामिल हैं।" अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए 60 करोड़ रुपये की दवाएं, पेट्रोल, डीजल और अवैध रूप से संग्रहीत उर्वरक भी जिलों में जब्त किए गए। उन्होंने 'स्टॉर्म क्लब' के वॉर रूम में काम करने वाले अधिकारियों को श्रेय दिया, जो सुपरविजन, ट्रैकिंग, ऑपरेशन, रिकॉर्डकीपिंग, मॉनिटरिंग, कंट्रोल एंड कमांड, लाइजन और यूनिफाइड बेस का संक्षिप्त रूप है।

उन्होंने कहा, "यह पूरा काम ऑपरेशन मोनाको (कोडेड ऑपरेशन के साथ संवर्धित नाकों की निगरानी) के तहत किया जा रहा है। पूरे राज्य में अद्वितीय कोड और निगरानी के साथ 650 चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं और वॉर रूम में लगातार निगरानी की जा रही है।" अधिकारी, जिन्हें राजस्थान में अंडरवर्ल्ड गतिविधियों की जांच के दौरान जम्मू-कश्मीर में फर्जी हथियार लाइसेंसिंग घोटाले का खुलासा करने का श्रेय दिया जाता है, ने कहा कि 9 अक्टूबर से निगरानी के दौरान अवैध हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए थे।

विकास कुमार, जो वर्तमान में व्यय निगरानी के लिए चुनाव आयोग में राजस्थान पुलिस के नोडल अधिकारी हैं, ने कहा कि विभाग ने जब्ती के लिए अधिकारियों या नाका पार्टी को पुरस्कृत करने के लिए कुछ योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा, ''हमने जब्ती के लिए कई मामले दर्ज किए हैं क्योंकि ये सभी राज्य में चुनाव प्रचार के लिए थे।'' बता दें कि, राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा। पिछले चुनाव के दौरान "मुफ्त" की जब्ती 65 करोड़ रुपये की थी।

PM मोदी ने रोजगार मेले में 51 हजार युवाओं को सौंपें नियुक्ति पत्र, कहा, अब सरकार केवल घोषणा नहीं करती, पूरा करती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रोजगार मेले के तहत 51 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रोजगार मेले को संबोधित करते हुए कहा कि अब सरकार केवल घोषणा ही नहीं करती काम भी करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में काफी तेजी से देश आगे बढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि रोजगार मेला की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर में हुई थी और अब तक लाखों युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है। आज 50,000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। दिवाली में अभी वक्त है, लेकिन 50,000 नियुक्ति पत्र पाने वालों के परिवारों के लिए यह मौका दिवाली से कम नहीं है।

पीएम द्वारा युवाओं को सौंपे गए नियुक्ति पत्र विभिन्न विभागों से हैं। देश भर से चुने गए ये कर्मचारी गृह मंत्रालय, राजस्व विभाग, रेल मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, डाक विभाग, स्कूल शिक्षा, साक्षरता विभाग और मंत्रालय सहित सरकार के विभिन्न विभागों में शामिल होंगे।