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हमास ने इजरायल पर क्यों किया हमला? बाइडेन ने बताई वजह, भारत से जोड़ा कनेक्‍शन

#biden_says_india_middle_east_europe_corridor_could_reasons_hamas_attack

इजराइल और हमास के बीच जोरदार जंग जारी है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार फिर हमास पर हमला बोला है।ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बाइडेन ने दो टूक कहा है कि आतंकी संगठन हमास कायर है और फिलिस्तीनी नागरिकों के पीछे छिपा हुआ है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस जंग को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे को लेकर हाल ही में जी-20 सम्मेलन के दौरान हुआ एलान भी हमास की तरफ से इजराइल पर अचानक किए गए हमले का एक कारण हो सकता है।

बाइडन ने ऑस्‍ट्रेलियाई पीएम के साथ एक संवाददाता सम्‍मेलन में कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि हमास ने जिन वजहों से इजरायल पर हमला किया, उनमें एक यह भी है कि हम इजरायल का क्षेत्रीय देशों के साथ एकीकरण बढ़ा रहे थे। हालांकि मेरे पास इसका सबूत नहीं है। लेकिन मेरी अंतरात्मा मुझसे यही कहती है कि इजरायल के लिए क्षेत्रीय एकीकरण की दिशा में काम की वजह से हमास ने यह हमला किया।

बाइडेन ने चीन को लेकर कहा कि हम बेल्ट एंड रोड पहल पर प्रतिस्पर्धा करने जा रहे हैं और हम इसे एक अलग तरीके से कर रहे हैं। चीन की बेल्ट एंड रोड पहल कर्ज में डूब गई है और अधिकांश देशों के लिए एक फंदा बन गई है, जिन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए हैं।’ उन्होंने कहा कि वे जी-7 के भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं ताकि उन देशों के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा सके। बाइडन ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'उदाहरण के तौर पर जी-20 में हम रियाद से पश्चिम एशिया, सऊदी अरब, इस्राइल, यूनान होते हुए रेल मार्ग नहीं बल्कि भूमध्यसागर से यूरोप तक पाइपलाइन बनाने के प्रस्ताव पर काम करने में सफल रहे।’

वहीं, इजराइल का पक्ष लेते हुए बाइडेन ने कहा कि उनके पास अपने लोगों के नरसंहार का जवाब देने का अधिकार और जिम्मेदारी है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इजराइल के पास इन आतंकवादियों के खिलाफ अपनी रक्षा करने के लिए आवश्यक सब कुछ हो।

बता दें कि बीते सात अक्तूबर को ही हमास के आतंकियों ने अचानक इजराइल पर हमला बोला था और 1400 से ज्यादा लोगों को मार दिया था। इतना ही नहीं हमास ने कई लोगों को बंधक भी बना लिया। हमास के इस हमले के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर हमले किए हैं और इनमें अब तक 6500 से ज्यादा की मौत हो चुकी है।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी का बड़ा एक्शन, कांग्रेस अध्यक्ष के घर रेड, सीएम गहलोत के बेटे को भी समन जारी

#rajasthanedinactionoverpaperleak_scandal

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी के निशाने पर कोई और नहीं बल्कि राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत हैं। राजस्थान में हुए पेपर लीक मामले में ईडी ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर छापेमारी की है।वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को समन भेजा है। ईडी ने पूछताछ के लिए एफईएमए के तहत वैभव गहलोत को कल का समन दिया है।

प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार सुबह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के ठिकानों पर छापे मारे हैं। पेपर लीक प्ररकण में ईडी की टीम ने डोटासरा के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर दबिश दी। एक टीम उनके निजी आवास सीकर भी पहुंची।हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ले चुके निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुडला पर भी ईडी का एक्शन हुआ है। हुडला को कांग्रेस ने महुआ से अपना प्रत्याशी बनाया है। डोटासरा के सीकर और जयपुर आवास पर छापे मारे हैं। ईडी ने कुल 12 स्थानों पर कार्रवाई की है। जयपुर में तीन और सीकर में दो ठिकाने शामिल हैं।

पिछले महीने भी ईडी ने की थी छापेमारी

पिछले महीने भी ईडी ने पेपर लीक प्रकरण में कलाम कोचिंग सेंटर के संचालकों के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी को पेपर लीक प्रकरण से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं। डोटासरा का बेटा कलाम कोचिंग सेंटर के संचालक मंडल में हैं। इस वजह से डोटासरा के घर पर यह कार्रवाई हुई है। कलाम कोचिंग का नाम विधानसभा में भी उठ चुका है। एक साथ कई सिलेक्शऩ आरएएस भर्ती परीक्षा में देने के कारण यह कोचिंग चर्चा में रही है। इस कार्रवाई के बाद कुछ गिरफ्तारियां भी हो सकती है।

सीएम गहलोत ने बोला हमला

इधर, ईडी के एक्शन के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एजेंसी की इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, दिनांक 25 अक्टूबर राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉन्च। वहीं दिनांक 26/10/23 राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के यहां ईडी की रेड। मेरे बेटे वैभव गहलोत को ईडी में हाज़िर होने का समन। अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ईडी की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके।

गाजा पट्टी पर अभी जमीनी हमला नहीं करेगा इजराइल, जानें इसके पीछे की वजह

#israel_agrees_to_delay_invasion_of_gaza 

इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है।इस बीच इजराइल ने गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है। इजरायल की सेना ने एक दिन पहले घोषणा की थी कि वह गाजा में जमीनी हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है।हालांकि, अमेरिका के कहने पर इजरायल ने अभी गाजा में जमीनी सैन्य अभियान शुरू ना करने का फैसला लिया है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि इजराइल फिलहाल गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है। इजरायल ने आक्रमण रोकने पर सहमति जताई है, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए क्षेत्र में मिसाइल रक्षा प्रणाली शुरू कर सके। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा, अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायल को तब तक रुकने के लिए मना लिया है जब तक कि इस सप्ताह के अंत में इस क्षेत्र में अमेरिकी वायु-रक्षा प्रणालियां स्थापित नहीं हो जाती।

अमेरिका का मानना है कि हमास के कब्जे वाली गाजा पट्टी पर आक्रमण शुरू होने के बाद उनकी सेना को आतंकवादी संगठन निशाना बना सकते हैं। ऐसे में बिना वायु-रक्षा प्रणाली की तैनाती के वह क्षेत्र में जमीनी जंग नहीं चाहता है। इसके अलावा अमेरिका हमास से बंधकों को छुड़ाने के लिए भी एक और कोशिश करना चाहता है। अमेरिका को डर है कि जमीनी हमले के बाद बंधकों को हमास से छुड़ाना मुश्किल हो सकता है। साथ ही उसे जमीनी हमले के बाद युद्ध के पूरे क्षेत्र में फैलने का भी डर है। ऐसे में फिलहाल अमेरिका कुछ समय चाहता है।

इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जिस तरह 7 अक्टूबर को हमास ने कायराना हमला किया था उसके बाद इजराइल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और गाजा में जमीनी आक्रमण करने की तैयारियां की जा रही हैं। नेतन्याहू ने कहा कि ‘हमास के सभी सदस्यों की मौत करीब है। उन्होंने बुधवार शाम को राष्ट्र को दिए संबोधन में कहा कि युद्ध के दो मुख्य लक्ष्य हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट कर उसका खात्मा करना और हमारे बंधकों को घर वापस लाने के लिए हरसंभव कदम उठाना है।

इजराइल ने सात अक्टूबर को हमास के बर्बर हमले के बाद से गाजा में जमीनी अभियान के लिए 4 लाख सैनिकों को तैनात करने की योजना बनाई है। नेतन्याहू ने हमास की तुलना इस्लामिक स्टेट से करते हुए कहा, ‘जब हम लड़ाई जारी रहने के बीच गाजा में जाएंगे तो हम हत्यारों, अत्याचारों के दोषियों से पूरी कीमत वसूल करेंगे।’ उन्होंने गाजा के नागरिकों से दक्षिणी गाजा में जाने की अपील दोहराई।

गाजा पट्टी पर अभी जमीनी हमला नहीं करेगा इजराइल, जानें इसके पीछे की वजह

#israel_agrees_to_delay_invasion_of_gaza 

इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है।इस बीच इजराइल ने गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है। इजरायल की सेना ने एक दिन पहले घोषणा की थी कि वह गाजा में जमीनी हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है।हालांकि, अमेरिका के कहने पर इजरायल ने अभी गाजा में जमीनी सैन्य अभियान शुरू ना करने का फैसला लिया है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि इजराइल फिलहाल गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है। इजरायल ने आक्रमण रोकने पर सहमति जताई है, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए क्षेत्र में मिसाइल रक्षा प्रणाली शुरू कर सके। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा, अमेरिकी अधिकारियों ने इजरायल को तब तक रुकने के लिए मना लिया है जब तक कि इस सप्ताह के अंत में इस क्षेत्र में अमेरिकी वायु-रक्षा प्रणालियां स्थापित नहीं हो जाती।

अमेरिका का मानना है कि हमास के कब्जे वाली गाजा पट्टी पर आक्रमण शुरू होने के बाद उनकी सेना को आतंकवादी संगठन निशाना बना सकते हैं। ऐसे में बिना वायु-रक्षा प्रणाली की तैनाती के वह क्षेत्र में जमीनी जंग नहीं चाहता है। इसके अलावा अमेरिका हमास से बंधकों को छुड़ाने के लिए भी एक और कोशिश करना चाहता है। अमेरिका को डर है कि जमीनी हमले के बाद बंधकों को हमास से छुड़ाना मुश्किल हो सकता है। साथ ही उसे जमीनी हमले के बाद युद्ध के पूरे क्षेत्र में फैलने का भी डर है। ऐसे में फिलहाल अमेरिका कुछ समय चाहता है।

इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जिस तरह 7 अक्टूबर को हमास ने कायराना हमला किया था उसके बाद इजराइल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और गाजा में जमीनी आक्रमण करने की तैयारियां की जा रही हैं। नेतन्याहू ने कहा कि ‘हमास के सभी सदस्यों की मौत करीब है। उन्होंने बुधवार शाम को राष्ट्र को दिए संबोधन में कहा कि युद्ध के दो मुख्य लक्ष्य हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को नष्ट कर उसका खात्मा करना और हमारे बंधकों को घर वापस लाने के लिए हरसंभव कदम उठाना है।

इजराइल ने सात अक्टूबर को हमास के बर्बर हमले के बाद से गाजा में जमीनी अभियान के लिए 4 लाख सैनिकों को तैनात करने की योजना बनाई है। नेतन्याहू ने हमास की तुलना इस्लामिक स्टेट से करते हुए कहा, ‘जब हम लड़ाई जारी रहने के बीच गाजा में जाएंगे तो हम हत्यारों, अत्याचारों के दोषियों से पूरी कीमत वसूल करेंगे।’ उन्होंने गाजा के नागरिकों से दक्षिणी गाजा में जाने की अपील दोहराई।

अंधाधुंध फायरिंग से फिर दहला अमेरिका, लेविस्टन शहर में भीषण गोलीबारी में 22 की मौत, 50 से ज्यादा घायल

#us_shooting_so_many_killed

अमेरिका बुधवार को एक बार फिर एक बाद एक हुई गोलीबारी की घटना से दहल गया।इस घटना ने अब तक 22 लोगों की जान ले ली है। जबकि 50-60 लोग घायल हैं।आरोपी की पहचान 40 साल के रोबर्ट कार्ड के रूप में हुई है। कार्ड एक प्रशिक्षित फायरआर्म्स प्रशिक्षक है।वो अमेरिकी आर्मी रिजर्व का सदस्य है।घटना के बाद संदिग्ध हमलावर फरार है, जिसकी तलाश जारी है। 

एंड्रोस्कोगिन काउंटी शेरिफ कार्यालय ने फेसबुक पर एक पोस्ट में बताया है कि कहा एक संदिग्ध अभी भी फरार है। शेरिफ ऑफिस ने कहा, हम जांच करते समय सभी बिजनेस को बंद करने या बंद करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।शेरिफ ऑफिस ने पहचान के लिए संदिग्ध की तस्वीरें जारी की है। एंड्रोस्कोगिन काउंटी शेरिफ के कार्यालय से जो दो तस्वीरें शेयर किया गया है, उसमें संदिग्ध रायफल के साथ फायरिंग की स्थिति में था। काउंटी शेरिफ ने संदिग्ध की पहचान के लिए स्थानीय लोगों से मदद मांगी है। 

मेन राज्य पुलिस लेविस्टन में स्कीमेंजीज बार एंड ग्रिल रेस्तरां और स्पेयरटाइम रिक्रिएशन में सामूहिक गोलीबारी की घटना के संबंध में व्यक्ति रॉबर्ट कार्ड का पता लगाने का प्रयास कर रही है। लेविस्टन पुलिस ने कहा कि वे दो सक्रिय शूटरों के जगहों पर छानबीन कर कर रहे हैं। यूएस अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन को इस घटना के बारे में जानकारी दी गई है। 

पिछले साल मई 2022 के बाद से यह अबतक का सबसे घातक सामूहिक गोलीबारी है। पिछले साल मई में टेक्सास के एक स्कूल में गोलीबारी के दौरान 19 बच्चों के साथ दो शिक्षकों की मौत हो गई थी।

हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करे भारत, इजरायल की मोदी सरकार से बड़ी अपील

#indiadeclarehamasasterroristorganizationisraelambassadornaorgilosaid

इस्राइल और हमास के बीच बीते दो सप्ताह से ज्यादा समय से युद्ध जारी है।हमास-इजरायल जंग ने दुनियाभर के देशों के दो खेमे में बांट दिया है।अमेरिका और ब्रिटेन जहां इजरायल का खुले तौर पर समर्थन कर रहे हैं। वहीं ईरान औऱ तुर्की हमास के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं।तुर्की ने तो यहां तक कह दिया कि हमास आतंकी संगठन नहीं, बल्कि एक मुक्ति समूह है।इस बीच, इस्राइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भारत सरकार से बड़ी अपील की है।भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि भारत के लिए समय आ गया है कि वह अन्य कई देशों की तरह हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करे। इजरायली राजदूत ने पत्रकारों से बातचीत में हमास के खिलाफ आतकंवाद-रोधी अभियानों में इजरायल का समर्थन करने के लिए भारत के प्रति आभार भी प्रकट किया।

इस्राइल के राजदूत नाओर गिलोन ने बुधवार को कहा कि भारत हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित करे, जैसा कि कई अन्य देशों ने किया है। गिलोन ने कहा कि सात अक्तूबर को क्रूर हमले के बाद इस्राइल ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए संबंधित भारतीय अधिकारियों से अवगत करा दिया है। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि इस मामले को पहले भी उठाया गया था। 

पीएम मोदी की तारीफ

गिलोन ने कहा, हमारे लिए महत्वपूर्ण देश हमारे साथ हैं। ये दुनिया के लोकतंत्र हैं। ऐसा कहने के बाद...मुझे लगता है कि भारत द्वारा हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित करने का समय आ गया है।इजरायली राजदूत ने कहा कि अमेरिका, कनाडा सहित कई देश और यूरोपीय संघ पहले ही हमास को आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। गिलोन ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उन शुरुआती वैश्विक नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने आतंकवादी हमले की निंदा की। भारत दुनिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण नैतिक पहचान वाला देश है और हमारे लिए महत्वपूर्ण देश हमारे साथ हैं।

यही सही समय है

उन्होंने आगे कहा, भारत के लिए यही समय है कि वह हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करे। गिलोन ने कहा, इजरायल के लिए यह पश्चिम एशिया में अस्तित्व बचाने का युद्ध है।उन्होंने दोहराया कि इजरायल हमास को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। गिलोन का मानना है कि इस संघर्ष का इजरायल की आर्थिक संभावनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

हमास को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध

बता दें कि सात अक्टूबर को गाजा से हमास के चरमपंथियों ने इजराइल के खिलाफ जबरदस्त और विभिन्न मोर्चों से हमला कर दिया था, जिसके बाद से संघर्ष जारी है. इजराइल ने भी बदला लेने के इरादे से गाजा पर भीषण जवाबी हमला किया है। गिलोन ने कहा कि इजराइल के लिए यह पश्चिम एशिया में अस्तित्व बचाने का युद्ध है। उन्होंने कहा कि इजराइल हमास को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को, पीएम मोदी होंगे शामिल

#ram_temple_pran_ptarishtha_will_be_on_january_22

अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। राम लला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी शामिल होंगे। बुधवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों चंपत राय, नृपेन्द्र मिश्रा और दो अन्य लोगों ने पीएम मोदी से पुन: मुलाकात कर आग्रह किया कि आप प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हों। ट्रस्ट के सदस्यों के आग्रह पर पीएम ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया और कार्यक्रम में आने की हामी भर दी।

बता दें कि 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम का आयोजन दिन में साढ़े 12 बजे करीब आयोजित किया जाएगा। इसको लेकर अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। वहीं पीएम मोदी कहा कि आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे। उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है। जय सियाराम।

बता दें कि एक दिन पहले ही दशहरा के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेनेद्र मोदी ने कहा था कि सदियों का इंतजार खत्म हो रहा है।दिल्ली के द्वारका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयादशमी के मौके पर कहा था कि आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्यतम मंदिर बनता देख पा रहे हैं। अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजा हर स्वर, पूरे विश्व को हर्षित करने वाला होगा। राम मंदिर में भगवान राम के विराजने को बस कुछ महीने बचे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के फैसले में अयोध्या में विवादित जगह पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 40 दिनों की सुनवाई के बाद यह फैसला दिया था। पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद वो ऐतिहासिक दिन भी आ गया है जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है।

दशहरा पर रवि तेजा की फिल्म ‘टाइगर नागेश्वर राव’ ने मचा दिया गदर, 5वें दिन कर डाला ताबड़तोड़ कलेक्शन

 साउथ सिनेमा के पॉपुलर कलाकारों में रवि तेजा का नाम शामिल है। रवि की फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है, जिसके चलते फैंस उनकी फिल्मों को लेकर काफी एक्साइटेड नजर आते हैं।

रवि तेजा (रवि तेजा) की पहली पैन फिल्म ‘टाइगर नागेश्वर राव’ दर्शकों को काफी पसंद आ रही है, जिसमें एक्टर्स की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शित हो रही है। 

जानिए, 5वें दिन यानी दशहरा के मौके पर ‘टाइगर नागेश्वर राव’ की रिलीज कितनी तय की गई है।

दशहरा पर ‘टाइगर नागेश्वर राव’ ने मचाई धूम

बीते शुक्रवार को ‘टाइगर नागेश्वर राव’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई। इस दौरान बॉक्स ऑफिस पर रवि तेजा की इस फिल्म को बॉलीवुड मूवीज ‘गणपत और यारियां 2’ की चुनौती मिली। लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर ‘टाइगर नागेश्वर राव’ ने इन हिंदी फिल्मों को धूल चटाते हुए तबाही मचा दी है।

 ‘टाइगर नागेश्वर राव’ के रिलीज के 5वें दिन के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की तरफ तो सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक दशहरा के मौके पर रवि तेजा की इस मूवी ने 5.35 करोड़ की बंपर कमाई है।

सोमवार की तुलना में मंगलवार को ‘टाइगर नागेश्वर राव’ के कारोबार में काफी बढोत्तरी देखने को मिली है। साफतौर पर कहा जाए तो रवि तेजा की ‘टाइगर नागेश्वर राव’ ने दशहरा के अवसर का पूरा फायदा उठाकर शानदार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कर डाला है।

अब तक ‘टाइगर नागेश्वर राव’ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

 दिन  कलेक्शन

 पहला दिन   6.55 करोड़

 दूसरा दिन   4.13 करोड़

 तीसरा दिन   4.6 करोड़

 चौथा दिन   4.6 करोड़

 पांचवा दिन   5.35 करोड़

   

  कुल   24.69 करोड़

‘टाइगर नागेश्वर राव’ को मिला ऑडियंस का प्यार

जिस तरह से ‘टाइगर नागेश्वर राव’ के सुपरस्टार और बॉक्स ऑफिस पर अपनी मजबूत पकड़ बनी हुई है। ये सासा ने कहा है कि रवि तेजा की फिल्म को दर्शकों की ओर से जांच रिस्पॉन्स मिला हुआ है।

यही कारण है जो ‘टाइगर नागेश्वर राव’ ने कामयाबी की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। अब देखना ये दिलचस्प रहेगा की आने वाले दिनों में ये फिल्म कितनी और कमाई करती है।

लोगों से वोट देने की अपील करते दिखेंगे राजकुमार राव, चुनाव आयोग ने दी बड़ी जिम्मेदारी

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लोगों को वोट के लिए जागरूक करने के लिए बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।राजकुमार राव को इलेक्शन कमीशन ने नेशनल आइकन नियुक्त किया है। ये फैसला भारत निर्वाचन आयोग ने 5 राज्यों में होने वाले चुनाव से ठीक पहले लिया है।आयोग गुरुवार यानी 26 अक्टूबर) को राजकुमार राव को आइकन नियुक्त करेगा। बता दें कि नेशनल आइकन वोटिंग को लेकर लोगों को जागरूक करते हैं।

अभिनेता राजकुमार राव वैसे तो कई फिल्मों में काम कर चुके हैं और उनकी कई फिल्में हिट हुई हैं, लेकिन 'न्यूटन' एक ऐसी फिल्म है जिसने उन्हें अलग पहचान दिलाई। 2017 में आई इस फिल्म के लिए राजकुमार राव को बेस्ट एक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था। इस फिल्म में राजकुमार राव नूतन कुमार नाम के एक सरकारी क्लर्क की भूमिका में नजर आए थे। नूतन कुमार ऐसा क्लर्क था जो निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध था। चुनाव आयोग एक्टर के इसी किरदार को भुनाने के लिए एक्टर के कंधों पर इतनी जिम्मेदारी डाली है। 

इससे पहले सचिन तेंदुलकर को मिली थी ये जिम्मेदारी

इससे पहले चुनाव आयोग ने इसी साल अगस्त में पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को अपना नेशनल आइकन बनाया था। दरअसल, अगले साल भारत में लोकसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान में भागीदार बनाना चाहता है। उसका फोकस सबसे ज्यादा युवाओं पर है, इसलिए उसने पहले सचिन और फिर राजकुमार राव जैसी हस्तियों के इसके लिए चुना है।

क्या करता है नेशनल आइकन?

बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से जिसे भी नेशनल आइकन बनाया जाता है उस सेलिब्रिटी के साथ एक ज्ञापन साइन किया जाता है। ये 3 साल के लिए होता है। इसमें सेलिब्रिटी को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य तरीकों से मतदान के लिए लोगों को जागरूक करना होता है।

किताबों में इंडिया की जगह होगा भारत के प्रस्ताव पर सियासत शुरू, जानें विपक्ष की प्रतिक्रिया

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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) अपने पुस्तकों के अगले सेट में इंडिया के बजाय ‘भारत’ मुद्रित करेगा। पैनल के इस प्रस्ताव को इसके सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है। एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया का नाम बदलकर भारत करने की मीडिया रिपोर्ट पर एनसीईआरटी का कहना है कि इस पर कुछ भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। वहीं, इस फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।

सरकार के साथ कुछ गलत हुआ- शिवकुमार

इस मामले में विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। अब कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हम रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस और इंडियन फॉरेन सर्विसेज क्यों कह रहे हैं? हमारे पासपोर्ट में रिपब्लिक ऑफ इंडिया है... मुझे लगता है कि इस सरकार के साथ कुछ गलत हुआ है वे भारतीयों के दिमाग को भ्रमित क्यों कर रहे हैं? उन्होंने जो भी रुख अपनाया है वह पूरी तरह से जनविरोधी है, इंडिया विरोधी, भारत विरोधी है। मैं आपको बता रहा हूं कि उन्हें (एनसीईआरटी) एनडीए सरकार द्वारा मजबूर किया गया है। ये बिल्कुल गलत है। आप इंडिया का इतिहास नहीं बदल सकते। कर्नाटक में जो पहले था वही जारी रहेगा।

इंडिया गठबंधन से डरे हैं पीएम- प्रियंका कक्कड़

एनसीईआरटी की इस सिफारिश पर आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, यह दर्शाता है कि पीएम मोदी को इंडिया गठबंधन से कितना डर है। नाम बदलने के बजाय बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने मोदी सरकार पर लगाए आरोप

वहीं, डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन का कहना है, "सरकार केवल इसलिए नाम बदल रही है क्योंकि विपक्षी गठबंधन ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखा था। यह भारत भी नहीं है। मोदी सरकार के दिमाग में घटिया और अतार्किक बातें हैं।यह डर के कारण है। एनसीईआरटी संविधान में संशोधन किए बिना ऐसा कैसे कर सकता है? 

बता दें कि एनसीईआरटी समिति ने सर्वसम्मति से सभी कक्षाओं के सिलेबस के लिए INDIA की जगह भारत नाम इस्तेमाल करने की सिफारिश की। एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूल के किताबों को संशोधित कर रहा है। एनसीईआरटी ने हाल ही में इसके लिए 19 सदस्यीय नेशनल सिलेबस एंड टीचिंग लर्निंग मटेरियल कमेटी (NSTC) का गठन किया था। समिति के प्रपोजल को यदि स्वीकार किया जाता है तो एनसीईआरटी की किताबों में इंडिया की जगह भारत प्रिंट होगा। हालांकि एनसीईआरटी के अधिकारियों का कहना है कि पैनल की सिफारिशों पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।