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आज प्रभु श्री राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने पर उनको जेल भेजता, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के बयान पर हिंदू समाज में आक्रोश

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि यदि आज प्रभु श्री राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा-302 के तहत जेल भेजता। उन्होंने कृष्ण को भी जेल भेजने की बात कही। इस अमयार्दित टिप्पणी करने के आरोप में विहिप ने कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। रविवार को मुकदमा दर्ज करने के बाद कर्नलगंज पुलिस ने जांच शुरू कर दी। आईटी एक्ट के मामले में पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेगी।

विहिप के जिला संयोजक शुभम ने इविवि के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए व 295ए और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत कर्नलगंज थाने में रविवार शाम एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर के मुताबिक, डॉ. विक्रम कुमार ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) एकाउंट पर देवी देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। डॉ. विक्रम ने देवता को जेल भेजने की बात लिखी है।

आरोप है कि इस टिप्पणी से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। समाज में रोष बढ़ रहा है। शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनके एक्स पर लिखे मैसेज का स्क्रीन शॉट भी पुलिस को सौंपा गया है। इस दौरान विहिप से जुड़े अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने तत्काल आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है।

कुलपति एवं विजिटर नॉमिनी को लिखा पत्र

इविवि के छात्र नेता हरिओम त्रिपाठी ने असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ कार्रवाई के लिए कुलपति संगीता श्रीवास्तव तथा विजिटर नामिनी डॉ. दीपाली पंत जोशी को पत्र लिखा है। कहा कि कार्यपरिषद की बैठक में शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इनके आचरण से परिसर में तनाव है।

असिस्टेंट प्रोफेसर इलाहाबाद विश्वविद्यालय डॉ. विक्रम ने बताया कि मैंने बच्चों में विज्ञान की तार्किकता बढ़ाने के लिए यह बात कही। इससे यदि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचा हो तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।

टी. राजा का निलंबन वापस लेकर बीजेपी ने दिया विधानसभा का टिकट, जानें बीजेपी के इस फैसले के पीछे की वजह

#bjpdecisionontrajasinghticket 

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने बड़ा फैसला लिया है।बीजेपी विधायक टी राजा सिंह का निलंबन पार्टी ने रद्द कर दिया है और उन्हें तेलंगाना चुनाव के लिए गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र से ही उम्मीदवार बनाया है।तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। 119 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 52 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट में टी राजा सिंह का नाम भी है। 

खास बात यह है कि टिकट जारी करने के कुछ घंटों पहले ही बीजेपी ने टी राजा सिंह का निलंबन वापस लिया था। उन्हें एक बार फिर से बीजेपी ने हैदराबाद की गोशमहल सीट से प्रत्याशी बनाया है।टी. राजा सिंह को टिकट मिलना हर किसी को हैरान इसलिए कर रहा है क्योंकि लिस्ट जारी होने से कुछ घंटे पहले ही उनका पार्टी से निलंबन वापस लिया गया था। निलंबन के बाद भी टी. राजा सिंह को टिकट मिलने के पीछे कई फैक्टर हैं, लेकिन इनमें से कुछ अहम है।

टी राजा को टिकट देने की क्या है वजह?

राजा सिंह तेलंगाना में बीजेपी के इकलौते विधायक हैं। वह उस हैदराबाद से आते हैं जहां ओवैसी का दबदबा है। ऐसे में पार्टी उन्हें बैठाकर अपना नुकसान नहीं कराना चाहती। राजा सिंह की छवि हिंदू नेता की है। वह लगातार अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। पार्टी में एक धड़ा उनके समर्थन में रहता है। निलंबन के बाद भी राजा सिंह ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा नहीं छोड़ी। निलंबन के दौरान उन्होंने बीआरएस में जाने और चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इस वजह से भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन 2018 चुनाव में पार्टी के 5 विधायकों में से सिर्फ टी राजा ही जीत बरकरार रखने में कामयाब हुए थे, जबकि किशन रेड्डी जैसे दिग्गज नेता को भी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में पार्टी कम से कम इस सीट को गंवाना नहीं चाहती होगी।

पार्टी ने दिखाया था बाहर का रास्ता

बता दें कि टी. राजा सिंह ने अगस्त 2022 में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली कुछ टिप्पणियां की थीं। टी राजा सिंह ने कथित तौर पर हैदराबाद में स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के शो के जवाब में एक वीडियो जारी करते हुए पैगंबर पर टिप्पणी कर दी थी। विधायक को मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणियां करने के आरोप में पिछले साल अगस्त में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्हें 25 अगस्त को जेल भेज दिया गया था। तेलंगाना हाई कोर्ट ने पुलिस आयुक्त के आदेश को रद्द करने और उन्हें जमानत देने के बाद राजा सिंह को 9 नवंबर को जेल से रिहा कर दिया गया। हालांकि, अदालत ने उन्हें ऐसा कोई भाषण या टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया जिससे समुदायों के बीच नफरत पैदा हो।

चंद्रबाबू नायडू ने जेल से पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखी चिट्ठी, बोले-मैं जेल में नहीं हूं… लोगों के दिलों में हूं

#tdp_chief_chandrababu_naidu_write_letter_to_party_workers 

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और इस वक्त विपक्ष में बैठी तेलुगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू राजमुंदरी जेल में बंद हैं। नायडू पिछले एक महीने से अधिक समय से ज्यादा समय से कौशल विकास घोटाले में जेल में हैं। नायडू ने जेल से पार्टी कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में चंद्रबाबू नायडू ने अपनी प्रतिबद्धताएं दोहराईं और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी का घोषणा पत्र दशहरा पर ही जारी किया जाएगा, जैसा कि उन्होंने वादा किया था।

नायडू ने अपने पत्र में लिखा है, मैं जेल में नहीं हूं… लोगों के दिलों में हूं। कोई भी मुझे एक पल के लिए भी तेलुगु लोगों से दूर नहीं रख सकता। चंद्रबाबू ने कहा कि जिन मूल्यों और विश्वसनीयता की वह 45 साल से रक्षा कर रहे हैं, उन्हें मिटाया नहीं जा सकता… भले ही देर हो जाए, न्याय की जीत होगी…’। उन्होंने लिखा कि वह जल्द ही सामने आएंगे। यह चिट्ठी मिलनी के दौरान नायडू ने अपने परिवार वालों को दी है। अब यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘वे हार के डर से मुझे जेल की दीवारों में बंद करके लोगों से दूर रखना चाहते हैं’। हो सकता है कि मैं अभी लोगों के बीच न रहूं। मैं विकास के रूप में सर्वत्र प्रकट होता हूं। जब भी कल्याण का नाम सुना जाता है तो मेरा नाम लिया जाता है। वे मुझे लोगों से दूर नहीं रख सकते, एक दिन के लिए भी नहीं, एक पल के लिए भी नहीं। मैं जेल में नहीं हूं, मैं लोगों के दिलों में हूं’। नारा चंद्रबाबू ने पत्र में लोगों के साथ अपने संबंध के बारे में बताया। उन्होंने मुलाक़ात के हिस्से के रूप में उनसे मिलने आए परिवार के सदस्यों को तेलुगु लोगों के नाम लिखा एक पत्र सौंपा।

पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखी चिट्ठी में नायडू ने लिखा कि उनकी गैरमौजूदगी में उनकी पत्नी नारा भुवनेश्वरी पार्टी का नेतृत्व करेंगी और निजम गेलावाली अभियान के तहत लोगों से मिलेंगी। नायडू के बेटे नारा लोकेश ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए वाईएसआरसीपी चीफ और राज्य के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की आलोचना की। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आंध्र प्रदेश पुलिस पूर्व सीएम को तब तक फाइबर नेट मामले में गिरफ्तार ना करे, जब तक वह कौशल विकास घोटाले के मामले में अपना फैसला ना सुना दें।

तमिलनाडु में बीजेपी को बड़ा झटका, एक्ट्रेस गौतमी ने इसलिए छोड़ा दामन, वरिष्ठ नेताओं पर जमकर साधा निशाना

#actress_gautami_tadimalla_resigns_from_bjp_in_tamil_nadu 

तमिल एक्ट्रेस गौतमी तडिमल्ला बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। 25 साल तक पार्टी में रहने के बाद अभिनेत्री और भाजपा नेता गौतमी तडिमल्ला ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने एक पत्र जारी कर भाजपा के नेताओं पर जमकर निशाना साधा।

गौतमी ने 'एक्स' पर अपनी हालत बताते हुए कहा कि वह पिछले 25 सालों से भाजपा की सदस्य थीं और उन्होंने ईमानदारी से काम किया है। उन्होंने लिखा, ‘बहुत भारी मन के साथ मैंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। मैं राष्ट्र निर्माण में अपने प्रयासों में योगदान देने के लिए 25 साल पहले पार्टी में शामिल हुई थी। यहां तक कि मैंने अपने जीवन में जितनी भी चुनौतियों का सामना किया है, मैंने उस प्रतिबद्धता का सम्मान किया है। फिर भी आज मैं अपने जीवन में एक ऐसे मोड़ पर आकर खड़ी हूं, जहां केवल मुझे पार्टी और नेताओं से कोई समर्थन नहीं मिल रहा, बल्कि यह भी मेरी जानकारी में आया है कि उनमें से कई लोग सक्रिय रूप से उस व्यक्ति की मदद कर रहे हैं, जिसने मुझे धोखा दिया है।

अभिनेत्री गौतमी तडिमल्ला ने यह दावा करते हुए भाजपा का दामन छोड़ दिया है कि पार्टी के सीनियर मेंबर एक ऐसे शख्स की मदद कर रहे हैं जिसने उनकी संपत्ति हड़प ली है। गौतमी ने दावा किया कि सी अलगप्पन नाम के एक शख्स ने 20 साल पहले उनसे दोस्ती की थी, जिसे उन्होंने अपनी संपत्तियों के प्रबंधन का काम सौंपा था। 

तडमिल्ला ने कहा, अलगप्पन ने मेरी असुरक्षा और अलगाव को देखते हुए लगभग 20 साल पहले मुझसे संपर्क किया था, क्योंकि मैं न केवल एक अनाथ थी जिसने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया था, बल्कि एक नवजात शिशु की मां भी थी। उसने एक देखभाल करने वाले बुजुर्ग व्यक्ति की आड़ में खुद को और अपने परिवार को मेरे जीवन में शामिल कर लिया। लगभग 20 साल पहले इसी स्थिति में मैंने उसे अपनी कई जमीनों की बिक्री और दस्तावेज सौंपे थे और अभी हाल ही में मुझे पता चला कि उसने मेरे साथ धोखाधड़ी की है। यह सब करते हुए वह मुझे और मेरी बेटी को अपने परिवार के हिस्से के रूप में शामिल करने का नाटक कर रहा था।

सितंबर में गौतमी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि वेलाचेरी में रहने वाले उनके परिचित सी. अलगप्पन और उनकी पत्नी नाचल ने 25 करोड़ रुपये और प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल किया। गौतमी ने बताया कि तमिलनाडु में 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने उन्हें राजापलायम सीट का ऑफर दिया। उन्होंने बताया कि पार्टी की तरफ से इस बात का आश्वासन भी दिया गया कि सीट उनको दी जाएगी। हालांकि, आखिरी पलों में सीट नहीं दी गई। तमिल एक्ट्रेस ने कहा कि इन सब घटनाओं के बाद भी वह पार्टी की वफादार बनी रहीं। लेकिन जब उन्हें पार्टी की ओर समर्थन नहीं मिला, तो वह टूट गईं।

भारत में एक और चक्रवाती तूफान की आहट, अरब सागर में उठ रहा भीषण बवंडर

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समंदर में एक और बवंडर उठ रहा है। भारत में इसके खतरे की आहट सुनाई देने लगी है।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है और कहा है कि चक्रवात 'तेज' रविवार को अत्यधिक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है और अब अरब सागर से उठा यह तूफान वर्तमान में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसके कल यानी 24 अक्टूबर को यमन में अल ग़ैदा और ओमान में सलालाह के बीच यमन-ओमान तट को पार करने की उम्मीद है।

मौसम विभाग के मुताबिक ओडिशा के पारादीप से करीब 610 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित है। जो अगले 12 घंटे में उत्तर-पश्चिम की तरफ और फिर अगले तीन दिनों में बांग्लादेश-पश्चिम बंगाल तटों की तरफ बढ़ेगा।विभाग के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने जानकारी देते हुए बताया कि चक्रवाती तूफान बनने की संभावना है, हालांकि ये कमजोर रहेगा और इससे कोई नुकसान नहीं होगा। तूफान का थोड़ा बहुत असर ओडिशा पर पड़ेगा, जिससे वहां हल्की बारिश होगी। मौसम विभाग हालात पर नजर बनाए हुए है।

आईएमडी ने कहा कि चक्रवाती तूफान के 24 अक्टूबर को यमन-ओमान तटों को पार करने की भविष्यवाणी की गई है, जो 115-125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान होगा। मौसम एजेंसी ने कहा कि चक्रवात के 25 अक्टूबर की सुबह यमन में अल ग़ैदा और ओमान में सलालाह के बीच यमन-ओमान तट को पार करने की संभावना है। आईएमडी ने यह भी कहा कि पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव सोमवार सुबह तक और अधिक तीव्र होकर गहरे दबाव में बदल सकता है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस साल अरब सागर में यह दूसरा चक्रवाती तूफान होगा। हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए अपनाए गए फॉर्मूले के अनुसार इसे ‘तेज’ कहा जाएगा।

सियाचिन में पहला अग्निवीर शहीद, ड्यूटी के दौरान गंवाई जान, परिवार को मिलेगी परिवार को एक करोड़ रुपये से ज्यादा की सहायता राशि

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देश की रक्षा के लिए तैनात एक अग्निवीर ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर में तैनात अग्निवीर (ऑपरेटर) गावटे अक्षय लक्ष्मण शहीद हो गए हैं। अक्षय पहले अग्निवीर हैं, जो ऑपरेशन में दौरान शहीद हुए हैं।सेना के लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ने यह जानकारी दी। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और बल के सभी रैंकों ने महाराष्ट्र के अग्निवीर गवते अक्षय लक्ष्मण के शहीद होने पर शोक व्यक्त किया।

बता दें कि वो भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स का हिस्सा थे। ट्विटर पर फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स द्वारा शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी गई है। शहीद जवान की तस्वीर को शेयर करते हुए फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने लिखा, बर्फ में खामोश हैं, जब बिगुल बजेगा तो वे उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के सभी रैंक के अधिकारी अग्निवीर (ऑपरेटर) गावते अक्षय लक्ष्मण के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं। साथ ही उनके शोक संतिप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई वाला वॉर इलाका है। सियाचिन भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पास है। यह ग्लेशियर भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है।शहीद जवान के पार्थिव शरीर को रविवार (22 अक्टूबर) को उनके घर भेजा जाएगा। 

शहीद जवान के परिजनों को 48 लाख रुपये गैर-अंशदायी बीमा, 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, सेवा निधि में अग्निवीर द्वारा दिए गए 30 फीसदी योगदान, उसमें सरकार का भी बराबर योगदान और पूरी राशि पर ब्याज दिया जाएगा। साथ ही परिजनों को मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल के लिए भी वेतन मिलेगा। यह राशि 13 लाख से अधिक होगी। वहीं सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से शहीद जवान के परिजनों को 8 लाख रुपये का योगदान दिया जाएगा।

यूपी में सपा नेता आजम खान को सता रहा एनकाउंटर का डर, बड़े बेटे अदीब से जेल में मुलाकात के दौरान भावुक होकर जताया अंदेशा

उत्तरप्रदेश में दो जन्‍म प्रमाण पत्र मामले में सात-सात साल की सजा पाए समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता आजम खान और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्‍दुल्‍ला आजम की जेल शिफ्ट की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक आजम को रामपुर से सीतापुर जेल और अब्‍दुल्‍ला आजम को हरदोई जेल भेजा जा रहा है। सुबह पांच बजे उन्‍हें रामपुर जेल से निकाला गया। इस दौरान आजम खान ने अपनी हत्‍या की आशंका जताई। उन्‍होंने कहा कि हमारी हत्‍या भी कराई जा सकती है। कुछ भी हो सकता है। 

बता दें कि इस मामले में आजम खान की पत्‍नी तंजीन फाति‍मा को भी सात साल की सजा सुनाई गई है। वह रामपुर जेल में ही रहेंगी। दो जन्‍म प्रमाण पत्र मामले में कोर्ट ने 18 अक्‍टूबर को आजम खान, उनकी पत्‍नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्‍दुल्‍ला आजम को सात-सात साल की कैद और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद तीनों को रामपुर जेल भेज दिया गया था। वहां रहने के दौरान उनकी कोरोना जांच कराई गई थी।

कल आजम खान के बड़े बेटे अदीब ने जेल में तीनों से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान आजम खान भावुक हो गए थे। बताया जा रहा है कि शनिवार देर रात पुलिस प्रशासन को सपा नेता मोहम्मद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को बाहर भेजने का आदेश मिल गया। इसके बाद रविवार सुबह सपा नेता मोहम्मद आजम खां को हरदोई और अब्दुल्ला आजम को सीतापुर जेल भेजा गया है।रविवार की सुबह पांच बजे के करीब आजम खान को जब जेल से निकाला गया तो उन्‍होंने कहा, 'हमारा एनकाउंटर भी कराया जा सकता है।'

अदीब ने की तीनों से मुलाकात, खाने का सामान भी दिया

शनिवार दोपहर को रामपुर जेल पहुंचे आजम खान के बड़े बेटे अदीब ने पिता, भाई और मां से भी मुलाकात की। जेल में अदीब अपने साथ खाने का सामान और कपड़े भी लेकर पहुंचे थे। उन्होंने तीनों को खाने का सामान भी दिया और करीब आधे घंटे से अधिक की मुलाकात के बाद वापस चले गए।

मध्यप्रदेश में भाजपा की पांचवीं सूची जारी करने के साथ चुनावी विश्लेषक हैरान, उम्र और परिवार को लेकर पार्टी के नियम टूटते दिखे, पढ़िए, पूरी खबर

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी की। इस लिस्ट में भगवा दल ने 92 कैंडिडेट को चुनावी समर में उतारा। सूबे के कुल 230 सीटों में से भाजपा ने पांच लिस्ट जारी कर अब तक 228 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। लेकिन भाजपा की पांचवीं लिस्ट देखकर राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों को खासा हैरानी हुई। दरअसल, भाजपा ने उम्र और परिवार को लेकर एक नियम बनाया था। ये नियम बाकी के चार सूचियों में देखने को मिले भी लेकिन पांचवीं लिस्ट चौंकाने वाली निकली।

नियमों को लेकर लचीला रुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता परिवारवाद के खिलाफ खुलकर हमलावर रहे हैं। वहीं भगवा दल बुजुर्ग नेताओं की जगह नए चेहरों को राजनीति में लाने के लिए भी जानी जाती है। पूर्व में उम्र का हवाला देकर भाजपा ने कई दिग्गजों को चुनाव का टिकट नहीं दिया था। लेकिन एमपी में पार्टी ने इन दोनों नियमों को लेकर लचीलापन रुख अपनाया है। चुनावी समर में पुराने खिलाड़ियों के साथ-साथ एक परिवार के दो लोगों को भी टिकट दिया गया है।

कई पुराने खिलाड़ी मैदान में

भाजपा ने पांचवीं लिस्ट में दमोह विधानसभा सीट से जयंत मलैया को मैदान में उतारा है। मलैया इस सीट से छह बार विधायक रहे हैं। साल 2018 के चुनाव में उनकी हार हुई थी। उनकी उम्र 76 साल है।

साल 2018 के चुनाव में भाजपा ने माया सिंह का टिकट काट दिया था। लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें ग्वालियर पूर्व सीट से टिकट दिया है। माया सिंह की उम्र 74 साल है।

भाजपा ने 73 साल के सीतासरन शर्मा को होशंगाबाद सीट से टिकट दिया है। इसके अलावा 80 साल के नागेंद्र सिंह को भी इस बार टिकट दिया गया है। नागेंद्र सिंह साल 2018 के चुनाव में हार गए थे।

एक घर से दो को टिकट

अब तक जारी चार लिस्ट में किसी भी नेता के बच्चों को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक लेटर भी लिखा था। आकाश ने नड्डा से टिकट दिए जाने पर विचार नहीं करने का अनुरोध किया था। पार्टी ने आकाश का टिकट काट दिया। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पार्टी 'बल्ला कांड' से नाराज थी। लेकिन पांचवीं सूची में भाजपा ने गौरी शंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन को टिकट दिया है। इसके अलावा भगवा दल ने मंत्री विजय शाह के भाई संजय शाह को भी टिकट दिया है।

सियासी मायने 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 17 नवंबर को होने जा रहे एमपी विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच फाइट टफ है। साल 2018 के चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को जीत नहीं मिली। ऐसे में पार्टी मध्य प्रदेश में सरकार रिपीट करने का प्लान बना रही है। बता दें कि इस साल के अंत तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। इन राज्यों के चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल भी कहा जा रहा है। ऐसे में भाजपा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।

राजस्थान विधानसभा महासमर, कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की जारी, यहां पढ़िए, किसे मिला मौका, कौन हुआ रेस से बाहर

 राजस्थान में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। दूसरी सूची में 43 कैंडिडेट को चुनावी समर में उतारा गया है। शनिवार को कांग्रेस ने पहली लिस्ट जारी की थी। पहली सूची में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत 33 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया था। कांग्रेस ने रविवार को दूसरी लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कई दिग्गजों के नाम का ऐलान किया गया है। प्रताप सिंह खाचरियावास, परसादी लाल मीणा, शकुंतला रावत समेत 43 लोगों के नाम का ऐलान किया गया है।

रविवार को दूसरी सूची शेयर करते हुए कांग्रेस ने 'एक्स' पर लिखा, 'राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव, 2023 के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची।

यूपी के बांदा में चिता पर लिटाते ही कांपने लगे होठ, कफन समेत उठाकर अस्पताल ले भागे सवजन, डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद हुआ अंतिम संस्कार

उत्तरप्रदेश के बांदा जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजन शव को दाह संस्कार के लिए ले गए। शव को चिता पर रख दिया गया था। अंतिम संस्कार से पहले यहां कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखकर घर वाले भी हैरान रह गए। इसके बाद कफन समेत शरीर को लेकर परिवार वाले अस्पताल भागे। पूरी घटना शंभूनगर क्षेत्र की है। यहां के रहने वाले 75 वर्षीय वृन्दावन पाल रिटायर्ड शिक्षक थे। कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। प्लेटलेट्स कम होने पर खिन्नीनाका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

शुक्रवार शाम हालत और बिगड़ी तो घरवाले जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने देखते ही घोषित कर दिया। शनिवार दोपहर परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मुक्तीधाम ले गए। बेटे सुधीर के मुताबिक, पिता का शरीर चिता में लिटाते ही होंठ हिले। जिंदा होने की आस में चिता से कफन के साथ शरीर उठाकर अस्पताल लाए। कफन में लिपटा बुजुर्ग का शरीर देख लोग सहम गए। घरवालों ने बुजुर्ग के जिंदा होने की बात कहते हुए डॉक्टरों से उन्हें देखने की मिन्नत की। डॉक्टर विनीत सचान ने नब्ज टटोलकर देखी और मृत घोषित किया। इसके बाद फिर शव को लेकर मुक्तिधाम पहुंचे और फिर उनका अंतिम संस्कार किया।

मरने के बाद क्यों हिलने लगते हैं शव?

चिता पर लिटाते ही शव हिलने की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं। अपर चिकित्सा अधीक्षक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, किसी भी व्यक्ति की मौत होने पर शरीर का तापमान धीरे-धीरे घटता है। इस कारण मांसपेशियां हलचल करती रहती हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। परिवार वाले शव में हलचल देखकर उसे जिंदा समझ लेते हैं और अस्पताल लेकर दौड़ पड़ते हैं।